एरोबिक व्यायाम करने से मेमोरी लॉस और सिजोफ्रेनिया जैसी बीमारियों के शिकार लोगों की याद्दाश्त में सुधार होती है. एक नए शोध में यह बात सामने आई है.

सिजोफ्रेनिया जैसी दीर्घकालिक मानसिक समस्या का आमतौर पर दवाइयों से इलाज किया जाता है. लेकिन इससे याद्दाश्त में बहुत ज्यादा सुधार नहीं होता. प्रमुख शोधार्थी ब्रिटेन के मैनचेस्टर विश्वविद्यालय के जोसेफ फिर्थ का कहना है, सिजोफ्रेनिया जैसी बीमारी में याद्दाश्त का कमजोर पड़ना इस बीमारी का एक पहलू है.

इसके कारण लोगों का निजी और सामाजिक जीवन काफी ज्यादा प्रभावित हो जाता है. इस शोध के निष्कर्षों से पता चलता है कि 12 हफ्तों तक एरोबिक व्यायाम करने से मरीज की याद्दाश्त काफी सुधरती है.

साथ ही वह एक समय में अधिक चीजों को भी याद कर पाता है. शोधकर्ताओं ने बताया कि इस शोध से यह भी पता चला कि जिन मरीजों ने ज्यादा से ज्यादा एरोबिक कसरत की थी, उनकी याद्दाश्त पर उतना ही अच्छा प्रभाव पड़ा.

फिर्थ आगे कहते हैं, इस शोध में सिजोफ्रेनिया के मरीजों के इलाज में शारीरिक व्यायाम के असर का बड़े पैमाने पर पहली बार सबूत मिला है. वे आगे कहते हैं, इस बीमारी की शुरुआत में ही अगर कसरत शुरू कर दी जाती है तो यह दीर्घकालिक रूप से याद्दाश्त खोने जैसे दुष्प्रभाव से बचा सकता है. साथ ही मरीज जल्दी स्वस्थ भी होता है. यह शोध हाल ही में सिजोफ्रेनिया बुलेटिन में प्रकाशित हुआ है.

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