हमें अपने मांबाप से 30,000 से अधिक जीन्स वंशानुगत मिलते हैं, जो इस बात का निर्धारण करते हैं कि हमारे बालों, आंखों या त्वचा का रंग, यहां तक कि हमारा कद और शरीर कैसा होगा. लेकिन अब वैज्ञानिकों और मैडिकल साइंस ने इस बात की खोज कर ली है कि बौडी स्ट्रक्चर सिर्फ मांबाप से मिले जीन्स पर ही आधारित नहीं होता. आप के भीतर एफटीओ यानी फैट जीन्स भी होते हैं जो आप के वजन बढ़ने का कारण बनते हैं. इसलिए अब अपने मोटापे के लिए अपने मांबाप को दोषी मानना छोड़ दें. वैज्ञानिकों का मानना है कि मात्र 5% लोग फैट जीन्स को मोटापे का कारक बता सकते हैं.

अगर आप अपनी लाइफस्टाइल को बदलने की कोशिश करें यानी स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं तो यदि आप के खानदान में लोग मोटापे से ग्रसित हैं, तो भी आप स्वस्थ, फिटफाट और स्लिमट्रिम रह सकते हैं. जरूरी है इच्छाशक्ति कोशिश से सभी कुछ संभव है. नियमित व्यायाम व सुबह उठ कर खाली पेट पानी पीने से मोटापा बढ़ाने वाले जीन्स से लड़ा जा सकता है. बहुत से वैज्ञानिक सर्वेक्षणों में पाया गया कि जो लोग नियमित जीवनशैली अपनाते हैं, कसरत करते हैं, जिम जाते हैं, उन में एफटीओ से लड़ने की अधिक क्षमता रहती है. लेकिन इस के लिए आप में विल पावर यानी इच्छाशक्ति होने के साथसाथ आप को अधिक देर तक कसरत करना जरूरी होता है.

मान लीजिए कि आप एक सामान्य व्यक्ति हैं और रोजाना 30 मिनट कसरत करते हैं, तो ऐसे में यदि आप का वजन अधिक है और आप को लगता है कि आप का मोटापा मांबाप की देन है, यह आप को विरासत में मिला है तो आप को 90 मिनट तक यानी 3 गुना अधिक समय तक कसरत करना होगा. ऐसा करने से आप फिट और स्लिमट्रिम रह सकते हैं. खानपान पर ध्यान दें यदि स्वस्थ रहना है और कसरत शुरू कर दी है तो खानपान पर भी ध्यान देना होगा. सब से पहले शुगर यानी चीनी को न कहना सीखें. इस का मतलब यह नहीं कि चाय फीकी पीनी है. उस के साथ में बरफी, पेस्ट्री वगैरह खाना छोड़ने से भी काफी हद तक शुगर से बचा जा सकता है.

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