बीमारी कोई भी हो उससे डरना नहीं लड़ना चाहिए. कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसका नाम सुनते ही इंसान के जेहन में एक डर बैठ सा जाता है. लेकिन ऐसा नहीं है कि कैंसर का इलाज नहीं किया जा सकता है. अगर समय रहते इसका पता चल जाए और सही से इलाज कराया जाए तो इसपर काबू पाया जा सकता है. कैंसर कई प्रकार के होते हैं यहां आज हम आपको सर्वाइकल कैंसर के बारे में बताने जा रहे हैं.

गर्भाशय में कोशिकाओं की अनियमित वृद्धि सर्वाइकल कैंसर कही जाती है. यह महिलाओं को उनके प्रजनन काल के दौरान होता है. 30-34 साल की उम्र के बीच होने वाला यह कैंसर 55-65 साल की उम्र तक जाते-जाते अपने चरम पर पहुंच जाता है. आजकल महिलाओं में होने वाले विभिन्न प्रकार के कैंसर में गर्भाशय ग्रीवा या सर्वाइकल कैंसर के सबसे ज्यादा मामल सामने आते हैं. दुनिया भर में सर्वाइकल कैंसर के हर साल तकरीबन पांच लाख नए मामले सामने आते हैं और इस तरह से यह दुनिया का चौथा सबसे आम कैंसर है. सर्वाइकल कैंसर का समय रहते पता चल जाने पर पूरी तरह से इलाज किया जा सकता है.

एचपीवी संक्रमण की वजह से होने वाले सर्वाइकल कैंसर के यौन संबंधों के माध्यम से फैलने का भी खतरा होता है. इसके अलावा लंबे समय तक गर्भनिरोधक गोलियों के सेवन से की वजह से भी इसके होने की संभावना होती है. एक्टिव या फिर पैसिव स्मोकिंग की वजह से भी सर्वाइकल कैंसर होने का खतरा रहता है. सर्वाइकल कैंसर के लक्षणों को पहचान पाना बहुत मुश्किल है. एडवांस स्टेज में इसके लक्षण दिखाई देना शुरू होते हैं. ऐसे में कुछ ऐसे लक्षण हैं जिन्हें हर महिला को जानना जरूरी है.

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