भारत में प्रसूति और स्त्री रोग सोसायटी (FOGSI ) के फेडरेशन ने अपने दिशानिर्देश जारी किये है. जिसमे कहा गया है कि क्या गर्भवती और स्तनपान कराने वाली मां या महिला को अपने पीरियड्स के दौरान कोविड वैक्सीन लगवानी चाहिए? इस दिशानिर्देश के जारी होने से महिलाओं के दिमाग में वैक्सीन को लेकर तमाम मिथक बिल्कुल साफ़ हो गए हैं. भारत को तीसरे चरण के विशाल कोविड वैक्सीनेशन (18 साल से ज्यादा उम्र) के ठीक दो दिन पहले FOGSI  के विस्तृत विवरण में कोविड वैक्सीन से सही महत्वपूर्ण विवरणों और मातृत्व देखभाल में वैक्सीन की सुरक्षा के लिए विकास और प्रकार के बारे में बताया गया है. फेडरेशन का मानना है कि गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित होनी चाहिए लेकिन किसी भी महिला पर वैक्सीन लगवाने का दबाव नहीं डालना चाहिए. यह महिला की इच्छा पर निर्भर होना चाहिए.

गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएं

गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को वैक्सीनेशन कराने के वास्तविक लाभ इसके सैद्धांतिक और रिमोट रिस्क से बहुत ज्यादा हैं. स्तनपान कराने वाली महिलाओं को कोविड वैक्सीन के काबिल माना जाना चाहिए क्योंकि स्तनपान कराने वाली महिलाओ के नवजात शिशु पर वैक्सीन का कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता है. महिलाओं को अपना फैसला खुद लेने के लिए देखभाल करने वालों द्वारा सहयोग दिया जाना चाहिए. महिलाओं के बीच कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए. और जब भी वैक्सीन लगवाने का मौका आये तब उन्हें वैक्सीन लगवानी चाहिए. यह रिकमेंड किया जाता है कि प्रसूति और स्त्रीरोग विशेषज्ञ और महिलाओं के स्वास्थ्य देखभाल प्रदाताओं को गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं में कोविड वैक्सीन लगाने की अनुमति दी जानी चाहिए साथ ही अगर वैक्सीन लगाने के बाद कोई प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है तो इसके लिए तैयार रहना चाहिए.

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