ए फौर ऐप्पल (सेब): सेब के बारे में कहा जाता है कि रोज 1 सेब का सेवन करने से डाक्टर दूर रहता है. सेब को काट और चबा कर खाने से मुंह में लार का बनना खूब होता है. यह अल्जाइमर रोग व कैंसर से बचाने के अलावा मधुमेह के जोखिम को घटाता है, कोलैस्ट्रौल को कम कर देता है और दस्त व कब्ज से छुटकारा दिलाता है.

बी फौर बीटरूट (चुकंदर): चुकंदर पोटैशियम, मैग्नीशियम, आयरन, विटामिन बी-6, ए, सी, नाइट्रेट आदि का अच्छा स्रोत है. यह हार्ट अटैक, हार्ट स्ट्रोक और रक्तचाप के जोखिम को कम करने में मदद करता है. यह एक अच्छा ऐंटीऔक्सीडैंट भी है, इसलिए कोलैस्ट्रौल व रक्त में उपस्थित शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है.

सी फौर कैरेट (गाजर): गाजर विटामिन ए का एक अच्छा स्रोत है. इस में त्वचा को खूबसूरत बनाने के साथसाथ कैंसर की रोकथाम जैसी खूबियां भी हैं. यह आंखों की रोशनी में सुधार लाने में भी सहायक है. गाजर में पाए जाने वाले ऐंटीऔक्सीडैंट्स सूर्य की किरणों से होने वाले नुकसान से त्वचा की रक्षा करते हैं. इस का उपयोग फेस मास्क के रूप में भी किया जाता है.

डी फौर डेट (खजूर): आयरन और फ्लोरीन से भरपूर खजूर विटामिनों और खनिजों का अच्छा स्रोत है. इसे नियमित रूप से खाने से कोलैस्ट्रौल लैवल कम करने के साथसाथ और कई स्वास्थ्य विकारों को दूर रखने में मदद मिलती है. खजूर में प्राकृतिक शर्करा खूब होती है, इसलिए यह आप को ऐनर्जी भी देता है. इस के अलावा इस में पोटैशियम ज्यादा मात्रा में पाया जाता है जबकि सोडियम कम मात्रा में. इन प्राकृतिक तत्त्वों से भरपूर खजूर एक स्वस्थ नर्वस सिस्टम को व्यवस्थित करने और पेट के कैंसर से बचाने में सहायता करता है.

ई फौर ऐगप्लांट (बैगन): बैगन में कुछ पोषक तत्त्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं, जो रक्तसंचार में सुधार करते हैं. मस्तिष्क को पोषण देते हैं. बैगन में कैलोरी बहुत कम मात्रा में होती है, इसलिए इस के सेवन से मोटापा बिलकुल नहीं बढ़ता. इस में भरपूर फाइबर होने की वजह से आप हमेशा अपना पेट भरा हुआ महसूस करते हैं. बैगन मधुमेह को नियंत्रित करने और हृदय की देखभाल में बहुत महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है.

एफ फौर फिग्स (अंजीर): अंजीर पोटैशियम का बहुत अच्छा स्रोत है. इस के सेवन से रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद मिलती है. अंजीर फाइबर वाले आहार का भी बहुत अच्छा स्रोत है, इसलिए वेट कंट्रोल पर सकारात्मक प्रभाव डालता है. अंजीर का हृदय पर बहुत ही अच्छा प्रभाव पड़ता है. यह त्वचा पर पड़ने वाले धब्बों से भी बचाता है.

 फौर गार्लिक (लहसुन): लहसुन भारतीय व्यंजनों में पाई जाने वाली एक आम चीज है. लेकिन भोजन को स्वाद प्रदान करने के अलावा लहसुन में अपार औषधीय गुण मौजूद होते हैं. चूंकि लहसुन में जीवाणुरोधी और विषाणुरोधी दोनों गुण मौजूद होते हैं, इसलिए इसे त्वचा संक्रमण के इलाज के लिए भी प्रयोग में लाया जाता है.

एच फौर हनी ड्यू मैलन (खरबूजा): खरबूजा विटामिन सी से भरपूर होता है, इसलिए त्वचा स्वस्थ बनाए रखने के लिए बहुत उपयोगी है. खरबूजा एक अच्छी खुराक की आपूर्ति भी करता है. यह पोटैशियम का अच्छा स्रोत है, इसलिए दिल की धड़कनों को नियंत्रित करने में भी मदद करता है.

आई फौर आइसबर्ग लैट्यूस (हिमशैल लैट्यूस): हिमशैल लैट्यूस में कैलोरी और वसा का प्रतिशत बहुत कम होता है. इस में उच्च मात्रा में प्रोटीन और पोषक तत्त्व पाए जाते हैं. इसलिए जब आप वजन कम करने का प्रयास करती हैं, तो उस के लिए यह काफी उपयोगी रहता है, यानी हिमशैल लैट्यूस की दैनिक खपत, वजन घटाने के उपचार के लिए काफी उपयोगी है.

जे फौर जैक फ्रूट (कटहल): कटहल के गूदे में फाइबर की बहुत मात्रा पाई जाती है. इस के अलावा कटहल में विटामिन, खजिन, इलैक्ट्रौलाइट्स, फाइटोन्यूट्रिऐंट्स, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, वसा, प्रोटीन और अन्य पोषक तत्त्वों की मात्रा खूब होती है. कटहल कैलोरी का स्रोत है, लेकिन इस में सैचुरेटेड फैट या कोलैस्ट्रौल नहीं होता. इस के ऐंटी औक्सीडैंट होने की वजह से यह कैंसर और अन्य कई रोगों से रक्षा में समृद्ध है. यह आंखों के लिए भी अच्छा है और मोतियाबिंद से बचाने में मदद करता है. यह पोटैशियम का अच्छा स्रोत है तथा हड्डियों और त्वचा के स्वास्थ्य में सुधार लाने में काफी मददगार है.

के फौर कीवी (कीवी): सभी प्रकार के कीवी फलों और सब्जियों का सेवन करना, हृदय रोग, मधुमेह, कैंसर और अन्य प्रकार की बीमारियों में कम जोखिम होने से जोड़ा गया है. कीवी के और भी कई स्वास्थ्य लाभ हैं जैसे खूबसूरत त्वचा, बेहतर नींद और दिल का स्वास्थ्य. यह कब्ज जैसी समस्याओं में भी मदद करता है.

एल फौर लैमन (नीबू): नीबू विटामिन ई का अच्छा स्रोत है, इसलिए इम्यून सिस्टम में सुधार करने में मदद करता है. यह न केवल भोजन का स्वाद बढ़ाने में मदद करता है, बल्कि त्वचा को स्वस्थ व चमकदार रखने में भी सहायक है.

एम फौर मैंगो (आम): आम विटामिन सी और बीटा कैरोटिन का बहुत अच्छा स्रोत है. इस में फाइबर भी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है. आम में मौजूद ऐंटीऔक्सीडैंट ल्यूकेमिया और प्रौस्टेट कैंसर से रक्षा करते हैं. आम ओपन पोर्स और मुंहासों को खत्म करने में भी मदद करता है. इस में मौजूद फाइबर पाचन में मदद करता है. हरा आम हृदयघात को रोकने के लिए अच्छा उपाय है. विटामिन सी और विटामिन ए से भरपूर होने के कारण इसे प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए भी बहुत अच्छा माना गया है.

एन फौर नट्स (नट्स): सभी नट्स विटामिन ई व पोटैशियम से भरपूर होते हैं. इन में खनिज, कैल्सियम, आयरन, मैग्नीशियम और जिंक जैसे पदार्थ भी खूब होते हैं. ये फोलेट, विटामिन और उच्च कैलोरी का भी अच्छा स्रोत होते हैं, इसलिए सभी नट्स स्वास्थ्य के लिए उपयोगी होते हैं.

ओ फौर औलिव (जैतून): जैतून ब्लड में कोलैस्ट्रौल की मात्रा को कम करने और ब्लडप्रैशर को नियंत्रित करने में लाभदायक है. यह फलों और सब्जियों के विकल्प के रूप में फाइबर और विटामिन ई का भी अच्छा स्रोत है. साथ ही यह एक ऐंटीऔक्सीडैंट के रूप में कोशिकाओं की रक्षा करने में भी मदद करता है.

पी फौर पैपर (कालीमिर्च): कालीमिर्च कैरोटिन और विटामिन सी का काफी अच्छा स्रोत है. इस में बायो फ्लेवोनौयड्स तत्त्व खूब होता है, जो कैंसर को रोकने में मदद करता है.

क्यू फौर क्वींस (श्रीफल या बेल): श्रीफल या बेल का गूदा व इस के छिलके में काफी अच्छी मात्रा में फाइबर पाया जाता है. यह एक कम कैलोरी वाला फल है. पके हुए बेल में विटामिन सी की अच्छीखासी मात्रा पाई जाती है.

आर फौर रैडिश (मूली): मूली में फाइटोकैमिकल्स और ऐंटीऔक्सीडैंट तत्त्व होते हैं. इस के अलावा, मूली में विटामिन सी भी पाया जाता है जोकि एक शक्तिशाली ऐंटीऔक्सीडैंट के रूप में कार्य करता है.

एस फौर स्ट्राबैरी (स्ट्राबैरी): स्ट्राबैरी विटामिन सी का एक बहुत अच्छा स्रोत है, इसलिए शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने में मदद करती है. यह आंखों की रोशनी को बढ़ाती है और कैंसर से लड़ने में भी मदद करती है. स्ट्राबैरी में मौजूद विटामिन सी की शक्ति बहुत ज्यादा है और यह कोलोजन के उत्पादन के लिए बेहद महत्त्वपूर्ण है, जो त्वचा की लोच में सुधार करने में मदद करता है. बढ़ती आयु के साथसाथ हम कोलोजन खोने लगते हैं, लेकिन अगर हम विटामिन सी में समृद्ध पदार्थ खाते हैं, तो उस का हमारी त्वचा पर अच्छा असर दिखता है. त्वचा पहले से ज्यादा स्वच्छ और स्वस्थ लगने लगती है.

टी फौर टोमैटो (टमाटर): टमाटर विटामिन ए, सी, के, फोलेट और पोटैशियम का अच्छा स्रोत है. टमाटर में सोडियम, संतृप्त वसा, कोलैस्ट्रौल और कैलोरी कम पाई जाती है.

यू फौर उगली (उगली): यह फल कई रोगों जैसे कैंसर, हार्ट अटैक, हाई ब्लडप्रैशर वगैरह के जोखिम को कम करने में मदद करता है और मांसपेशियों से संबंधित समस्याओं में भी काफी लाभदायक है. इस फल को त्वचा संबंधित रोगों में भी खाने के लिए कहा जाता है.

वी फौर विक्टोरिया प्लम (विक्टोरिया बेर): यह बेर विटामिन, खनिज और ऐंटीऔक्सीडैंट से भरा होता है. इस में भी काफी कम मात्रा में कैलोरी होती है और कोई संतृप्त वसा नहीं होती. विक्टोरिया बेर रेशे वाले आहार का एक समृद्ध स्रोत है. इसे प्रतिक्रियाशाली औक्सीजन प्रजातियों (आरओएस) के खिलाफ हमारे शरीर को संरक्षण प्रदान करने के लिए जाना जाता है.

डब्ल्यू फौर वाटरमैलन (तरबूज): तरबूज में पोटैशियम, ऐंटीऔक्सीडैंट, विटामिन बी, ए, बी-6, सी, कैल्सियम, थायमिन, सोडियम और फाइबर भरपूर मात्रा में होता है. तरबूज हमें हृदय रोग, कैंसर, पाचन विकार और बालों के झड़ने जैसी बीमारियों से बचाता है. यह नमी में प्रचुर और कैलोरी में बहुत कम होता है. रेशे से यह मालामाल होता है, इसलिए रक्त में मौजूद कोलैस्ट्रौल को नियंत्रण करने में मदद करता है.

वाई फौर यैम (रतालू या कचालू): कचालू या रतालू कंद सब्जियों में आता है. इस में कार्बोहाइड्रेट प्रचुर मात्रा में पाया जाता है. रतालू ऊर्जा का अच्छा स्रोत है, क्योंकि महज 100 ग्राम रतालू 118 कैलोरी प्रदान करता है. इस में मौजूद फाइबर कब्ज और कोलैस्ट्रौल के स्तर को कम करने में मदद करता है. इस के अलावा जटिल कार्बोहाइड्रेट का अच्छा स्रोत होने की वजह से यह ब्लड शुगर के स्तर में लगातार बढ़ोतरी को नियंत्रित करता है.

जैड फौर जुकीनी (तोरी): तोरी में पानी 94 प्रतिशत और कैलोरी बहुत कम मात्रा में होती है. इस में मौजूद फाइबर पाचन में मदद करता है, कब्ज को रोकता है और ब्लड शुगर को कम रखता है. तोरी कोलैस्ट्रौल के स्तर को कम करने में भी मदद करती है. इस में सूजन खत्म करने वाले गुण भी होते हैं, इसलिए यह अस्थमा, हड्डियों की बीमारियों और गठिया को नियंत्रित करने में मदद करती है.          

– आभा कश्यप मेड स्पा

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