पानीजीवन के लिए अमृत माना जाता है. बिना इस के हमारी पृथ्वी पर कोई भी चीज जीवित नहीं रह सकती. मानव शरीर में खून का70% भाग पानी से बना होता है. एक स्वस्थ जीवन के लिए हर दिन 8-10 गिलास पानी पीना जरूरी है. लेकिन क्या होगा जब यह पानी शुद्ध नहीं होगा?

पानी से होने वाली बीमारियों से हर साल लोगों की काफी संख्या में मौत हो रही है. इस में आंत तथा पेट में जलन सब से मुख्य कारण हैं. क्या आप को नहीं लगता कि इस समस्या से निपटने के लिए हमें पानी की शुद्धता की जांच करनी चाहिए?

क्यों जरूरी है जांच

आज कीटाणुनाशक दवाइयों के अंधाधुंध प्रयोग, तेजी से औद्योगिकीकरण, उत्पादक संयंत्र और मानव की गतिविधियों ने जीवन के लिए उपलब्ध सारे प्राकृतिक संसाधनों की गुणवत्ता को दूषित कर दिया है. चूंकि पानी एक विलायक द्रव है, इस में कोई भी चीज आसानी से घुल जाती है इसलिए यह बहुत तेजी से दूषित हो रहा है. पानी पीने के अलावा और कई घरेलू उपयोग के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है. नल व टंकी जहां से हमें पानी प्राप्त होता है वह क्लोरीनयुक्त होता है. ऐसा माना जाता है कि वह पानी स्वच्छ है लेकिन यह क्लोरीनयुक्त पानी जिन माध्यमों से हमारे पास पहुंचता है उस में कई अवयव मिल जाते हैं जिस की वजह से पानी शुद्ध नहीं रहता.

किसलिए करें जांच

पानी में प्रदूषण को5 प्रमुख समूहों में वर्गीकृत किया जाता है:

1. भौतिक और रासायनिक: पीएच लेवल, मैलापन, विभिन्न आयन जैसे क्लोराइड, नाइट्रेट, सल्फेट, फ्लोराइड, सल्फाइड, फिनोलिक, कंपाउड, ऐनीओनिक डिटर्जेंट इत्यादि.

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