दूध, दही आदि डेयरी प्रोडक्ट्स स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छे होते हैं. इस के बावजूद दुनिया में करोड़ों लोग ऐसे हैं जिन्हें दूध या अन्य डेयरी प्रोडक्ट सूट नहीं करते या कह सकते हैं उन्हें इन से ऐलर्जी होती है. मैडिकल भाषा में इसे लैक्टोज इनटौलरैंस कहते हैं. वे इन्हें पचा नहीं पाते हैं .

लैक्टोज क्या है:

दूध में शुगर होती है जिसे लैक्टोज कहते हैं. हालांकि लैक्टोज इनटौलरैंस कोई बीमारी नहीं है पर यह आप के लिए असहज हो सकती है. हमारे शरीर में एक ऐंजाइम ‘लैक्टेज’ होता है जो शरीर को शुगर एब्जार्ब करने में मदद करता है. यह एंजाइम छोटी आंत में होता है पर कुछ लोगों को यह नहीं होता है या बहुत कम होता है. जिन्हें लो लैक्टोज होता है वे डेयरी प्रोडक्ट्स नहीं पचा पाते हैं यहां तक कि दूध से बनी स्वादिष्ठ देशी मिठाइयां भी.

लो लैक्टोज से क्या होता है:

जिन्हें लैक्टोज ऐंजाइम की कमी है उन की छोटी आंत में दूध का शुगर, लैक्टोज, ब्रेक डाउन नहीं हो पाता है. यह नीचे कोलन में जा कर वहां बैक्टीरिया से मिलता है और फरमैंट करता है जिस के चलते गैस, डकार, दस्त और उलटियों की शिकायत होती है.

लैक्टोज इनटौलरैंस किसे हो सकता है:

इस में कोई अपवाद नहीं है, यह शिकायत दुनियाभर में करोड़ों लोगों को है खासकर व्यस्कों को. इस में कोई आश्चर्य नहीं है कि लगभग 40% लोगों में 2 से 5 साल के बाद लैक्टोज ऐंजाइम बनना बंद हो जाता है या बहुत कम हो जाता है.

यह आनुवंशिक भी हो सकता है या कुछ अन्य बीमारियों के चलते भी.

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