रनर्स नी या पैटेलोफेमोर पेन सिंड्रोम एक ऐसी समस्या है जो एथलीट्स के बीच बेहद आम है. यह समस्या उन लोगों को होती है जो बहुत ज्यादा दौड़ते या कूदते हैं. यह समस्या घुटनों के अत्यधिक इस्तेमाल या घुटने में चोट लगने के कारण होती है. जो लोग बहुत ज्यादा कसरत करते हैं, उनके घुटने की मांसपेशियां कमज़ोर होने लगती हैं जिसके कारण घुटनों में दर्द उठता है. हालांकि, ऐसा जरूरी नहीं कि ये समस्या केवल दौड़ने वालों को ही हो. जो भी व्यक्ति घुटनों का अत्यधिक इस्तेमाल करता है उसे यह समस्या हो सकती है.

क्या हैं कारण?

  • बहुत अधिक कसरत करना
  • अत्यधिक दौड़ना या कूदना
  • अत्यधिक स्क्वाट्स करना
  • घुटने में चोट लगना
  • जांघों की कमज़ोर मांसपेशियां
  • हड्डी सही जगह पर नहीं है

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क्या हैं लक्षण?

  • घुटने के आसपास दर्द
  • घुटनों में सूजन
  • घुटनों की घिसन
  • सीढ़ियां उतरते वक्त, ज्यादा देर बैठने और दौड़ने पर घुटने में गंभीर दर्द

रनर्स नी का इलाज

यदि आपको रनर्स नी की समस्या हो गई है तो आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योंकि कुछ अभ्यासों से न सिर्फ इस समस्या की रोकथाम की जा सकती है बल्कि इसका इलाज भी संभव है. हालांकि, इस समस्या के होने पर किसी अच्छे डॉक्टर या फिजियो थेरेपिस्ट से परामर्श लेना आवश्यक है. इसके निदान के लिए फिजिकल टेस्ट के साथ सीटी स्कैन या एमआरआई स्कैन किया जा सकता है. बीमारी की पहचान और उसका कारण जानने के बाद डॉक्टर आपको आराम, मेडिकेशन, फिजियोथेरेपी सेशन, पेन किलर दवाइयां या ब्रेस की सलाह दे सकता है. इसका इलाज समस्या की गंभीरता पर निर्भर करता है इसलिए दवाइयों (मेडकेशन) से कोई लाभ न मिलने पर सर्जरी की जरूरत भी पड़ सकती है.

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