‘शार्क टैंक इंडिया' का दूसरा सीजन भी पहले सीजन की तरह बहुत प्रचलित हो रहा है. इस शो में नए उद्यमी यानी इंटरप्रेन्योर पार्टिसिपेट करते हैं और अपने बिजनेस आइडियाज को इस शो के जजेज के सामने बताते हैं ताकि वो उनके बिजनेस में निवेश करें. यह शो के जजेज न केवल सक्सेसफुल और अमीर हैं, बल्कि उनका जीवन अन्य लोगों को प्रेरित भी करता है. समय- समय पर शो में यह जजेज अपने निजी जीवन के बारे में बताते हैं. हाल ही में इसकी एक जज नमिता थापर ने अपनी  IVF जर्नी के बारे में बताया था. आईये जानें नमिता थापर की IVF जर्नी के बारे में और पाएं जानकारी IVF के बारे में.

नमिता थापर की IVF जर्नी

नमिता थापर एमक्योर फार्मा की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर हैं. ‘शार्क टैंक इंडिया' की जज अनुसार उनकी पहली प्रेग्नेंसी सामान्य थी. लेकिन, दूसरी प्रेग्नेंसी में उन्हें बहुत समस्या हुई क्योंकि वो कंसीव नहीं कर पा रही थी. वो इसके बाद दो बार IVF ट्रीटमेंट से गुजरी, जो दोनों बार फेल हो गया. उनके मुताबिक यह ट्रीटमेंट बहुत ही मुश्किल होता है, जिसमें महिला शारीरिक और मानसिक समस्याओं से गुजरती है. नमिता थापर का कहना था कि चार साल में दो अटेम्प्स के बाद उन्होंने इस ट्रीटमेंट को न लेने का निर्णय लिया. लेकिन, इसके कुछ समय बाद उन्होंने नेचुरली कंसीव किया. आज वो दो बच्चों की हैप्पी मदर है.

क्या है IVF और कैसे करता है यह काम?

IVF का फुल फॉर्म है इन विट्रो फर्टिलाइजेशन. यह प्रोसिजर्स की एक काम्प्लेक्स सीरीज है जिनका इस्तेमाल फर्टिलिटी में मदद करता है और यह जेनेटिक प्रॉब्लम्स को दूर करने में भी सहायक है. इस प्रोसीजर में पुरुषों के स्पर्म और महिलों के अंडाणुओं को आर्टिफिशियल तरीके से फर्टिलाइज किया जाता है. बाद में फीटस के विकसित होने पर इसे महिला के यूटरस में ट्रांसफर कर दिया जाता है. IVF की मदद से हेल्दी बेबी की मां बनना कई फैक्टर्स पर निर्भर करता है जैसे उम्र और इंफर्टिलिटी का कारण आदि. इसके साथ ही यह प्रोसीजर महंगा और इंवेसिव भी है. यही नहीं, इसमें बहुत अधिक समय भी लगता है.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...