टेस्टोस्टेरोन एक मेल हार्मोन होता है. टेस्टोस्टेरोन पुरुष यौन क्षमता को बढ़ाता है और इसका संबंध यौन क्रियाकलापों, रक्त संचरण और मांसपेशियों के परिणाम के साथ साथ एकाग्रता, मूड और स्मृति से भी होता है. जब कोई पुरुष चिड़चिड़ा या गुस्सैल हो जाता है तो लोग इसे उसके काम या आयु का प्रभाव मानते हैं, पर यह टेस्टोस्टेरोन की कमी से भी होता है.

क्यों होती है टेस्टोस्टेरोन की कमी

आर्थिक दबावों और बढ़ती महंगाई के अलावा सामाजिक समस्याओं के कारण पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन नामक हार्मोन के स्तर में गिरावट हो सकती है. डायबिटीज होने पर भी इस हार्मोन में कमी आती है, इसकी दवाएं अलग होती हैं. टेस्ट करके हार्मोन के कारणों का पता किया जाता है. इसके बाद इंजेक्शन, दवाएं या सर्जरी आदि से इलाज किया जाता है. अत्यधिक तनाव के कारण इस हार्मोन का स्तर गिरता है. कुछ आहार भी पुरूषों के शरीर में टेस्टोस्टेरोन के स्तर को कम करते हैं जैसे कि फास्ट फूड, तैलीय भोजन, शराब और प्रोसेस्ड फूड.

टेस्टोस्टेरोन की कमी के नुकसान

समान्य तौर पर उम्र बढ़ने के साथ टेस्टोस्टेरॉन के स्तर में गिरावट देखने को मिलती है. हालांकि अब 30 से ज्यादा उम्र के पुरुषों में भी टेस्टोस्टेरॉन के स्तर में गिरावट देखने को मिल रही है. प्रभावित व्यक्ति के अंदर उपस्थित टेस्टोस्टेरॉन का स्तर उसके सामाजिक व्यवहारों को प्रभावित करता है. यह लोगों की मानसिक शांति के साथ-साथ उनके यौन जीवन पर ही ग्रहण लगा रही है. इससे पुरुषों में यौन शक्ति पर बेहद प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. लंबे समय तक बना रहने वाला तनाव पुरुषों में उक्त हार्मोन के स्तर को कम सकता है. यह बहुत जरुरी है कि आप टेस्‍टोस्‍टेरोन के स्‍तर को हमेशा बनाए रखें, नहीं तो आगे चल कर आपको बहुत सारी परेशानियों को झेलना पड़ सकता है.

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