आज कल कई घरों में देखा गया है कि नाश्‍ते के वक्‍त वह जूस के तौर पर बाजार वाला पैक्‍ड जूस ही पीना पसंद करते हैं. कभी-कभार मुंह का स्वाद बदलने के लिये इसे पीना कुछ बुरा नहीं है, लेकिन इन्हें प्राकृतिक फलों की जगह दे देना बिल्‍कुल भी सही नहीं है.

पैक्ड उत्पादों में 100 फीसदी फलों का जूस नहीं होता. इसके अलावा भी पैक्ड जूस में कई अन्य तरह की खूबियां या गुण गायब होते हैं. आइये और जानते हैं इनके बारे में.

नहीं होता फाइबर

पैक्ड जूस बनाते वक्त बहुत से फलों के जूस को उबाला जाता है, ताकि उनमें पाए जाने वाले बैक्टीरिया खत्म हो सके. इसी के साथ इसमें जरूरी विटामिन और प्राकृतिक तत्व भी खत्म हो जाते हैं. इन पैक्‍ड जूस में फाइबर या गूदा नहीं होता क्‍योंकि उसे निकाल दिया जाता है.

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मोटापा बढ़ता है

पैक्ड फ्रूट जूस में बहुत अधिक मात्रा में चीनी होती है जो कि इसे कैलोरी में ज्‍यादा बनाता है. ऐसे में वजन कम करने की सारी कोशिशें बेकार हो जाती हैं. विशेषज्ञ भी मानते हैं कि प्राकृतिक फल और सब्जियों की तुलना में पैक्ड जूस को लेने से ज्यादा वजन बढ़ता है.

आर्टिफीशियल कलर

प्राकृतिक फलों में आर्टिफीशियल रंग नहीं मिला होता लेकिन पैक्‍ट फ्रूट जूस में आर्टिफीशियल कलर का प्रयोग किया जाता है, जिससे वह देखने में फल के रंग के जूस का लगे. यह बाजारू रंग शरीर के लिये बहुत ज्‍यादा हानिकारक होते हैं क्‍योंकि जब आप इसका सेवन करेगे तो आपको अपनी जीभ पर रंग दिखेगा.

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