"मैंने सोच लिया है कि अब मैं अपना यह टैक्सेशन वाला काम नहीं करूंगा ...इसमें बहुत ज्यादा माथा पच्ची है. अब मैं जल्दी ही बैंक्विट हॉल खोलने वाला हूं."

ये शब्द जैसे ही निलेश ने अपनी पत्नी मीना से कहे उसका माथा ठनका.  वो परेशान होकर सोचने लगी,"पता नहीं क्या होता जा रहा है निलेश को? किसी एक काम में मन ही नहीं लगता... कभी पाइप्स का काम करना है तो कभी ज्वेलरी का काम या फिर एक्सपोर्ट का काम. चार दिन एक काम का शौक चढ़ता है पांचवें दिन वो भी खत्म. लगता है मुझे किसी एक्सपर्ट से बात करनी पड़ेगी."

एक्सपर्ट से बात करने पर मीना को एक्सपर्ट ने जो बातें बतायीं  आप से भी साझा कर रही हूं.

जैसे बंदर एक शाख से दूसरी शाख पर कूदता रहता है, वैसे ही अगर आपका दिमाग भी एक काम से दूसरे काम पर शिफ्ट होता रहता है तो ये गंभीर बात है.

यह सारे लक्षण बताते हैं कि उनको मंकी माइंड की समस्या है. जब व्यक्ति किसी एक चीज पर फोकस नहीं कर पाता तो उसका कारण मानसिक रूप से अस्वस्थ होना है.

मनोरोग चिकित्सक स्वाति मित्तल, मैक्स हॉस्पिटल के मुताबिक, हर व्यक्ति का शारीरिक स्वास्थ्य के साथ ही मानसिक सेहत पर ध्यान देना भी जरूरी है. हालांकि आमतौर पर लोग इस गंभीर विषय पर गौर करना भूल जाते हैं और सालों तक उन्हें अपनी परेशानियों का आभास ही नहीं हो पाता है. दूसरी ओर दुनियाभर में इस विषय पर शोध और अध्ययन किए जा रहे हैं. यही कारण है कि पिछले कई सालों में मेंटल हेल्थ को लेकर कई विचारधाराएं और मत सामने आए हैं, इन्हीं में से एक है 'मंकी माइंड'.

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