लेखिका  -सोनिया राणा

जब से दुनियाभर में कोरोना ने दस्तक दी है तब से हाथों की साफसफाई पर लोगों ने ध्यान देना शुरू किया है. लेकिन बात सिर्फ कोविड-19 की नहीं है. हाथ धोने से ले कर घर में अकसर बड़े हमें समयसमय पर नसीहत देते और डांटते भी रहते हैं कि खाना खाने से पहले और बाद में, बाहर से घर में आने के बाद, बाहर से लाए किसी सामान को छूने के बाद और शौच जाने के बाद हाथों को अच्छी तरह साबुन लगा कर धोना चाहिए.

ऐसा इसलिए है कि जब भी हम खाना खाते हैं और उस के पहले हाथ नहीं धोते तो हाथों में लगे जर्म्स हमारे खाने के साथ हमारे शरीर में प्रवेश कर लेते हैं, जिस से हमें फूड पौइजनिंग समेत कई बीमारियों का सामना करना पड़  सकता है.

हो सकती हैं कई बीमारियां

हाथों की सफाई के मामले से अगर कोविड-19 जैसी महामारी को कुछ पल के लिए नजरअंदाज भी कर दें तो भी यह हमारे लिए खतरनाक साबित हो सकता है. हलके वायरल इन्फैक्शन से ले कर हैजा जैसी कई बीमारियां हैं, जो सिर्फ इस छोटी सी आदत को अपनी दिनचर्या में शुमार न करने से आप को अपनी गिरफ्त में ले सकती हैं जैसे डायरिया, गैस्ट्रोएंट्राइटिस, दस्त, हैजा, टायफाइड, हेपेटाइटिस ए और ई, पीलिया, एच1 एन1, सर्दीजुकाम.

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कैसे रखें हाथों की सफाई

यों तो हाथ धोने से संबंधित विज्ञापनों से बाजार भरा है, समाचारपत्रों या पत्रिकाओं के माध्यम से हों या फिर टैलीविजन में आने वाले विज्ञापनों के जरीए हमें हाथ अच्छे से कैसे धोने चाहिए इस के बारे में जानकारी दी जाती है. लेकिन पिछले 1 साल में न सिर्फ इन विज्ञापनों में बल्कि बाजार में उपलब्ध सैनिटाइजर और हैंड वाश की मात्रा में भी बढ़ोतरी हुई है.

ऐसे में जरूरी है कि हम सभी अगर घर पर हैं तो अपने हाथों की लगातार साबुन से सफाई करें और अगर घर से बाहर हैं तो भी अब यह जरूरी हो गया है कि आप सैनिटाइजर से अपने हाथों को कीटाणुओं से मुक्त करें. इस से न सिर्फ कोविड-19 महामारी से बचे रहेंगे, बल्कि अन्य रोगों से भी अपनी रक्षा कर पाएंगे. डब्ल्यूएचओ की गाइडलाइंस भी कहती हैं हमें अपने हाथों  को 20 सैकंड तक अच्छी तरह रगड़ कर  धोना चाहिए.

ग्लोबल हैंड वाशिंग डे

हाथ धोने से संबंधित जागरूकता फैलाने के लिए ग्लोबल हैंड वाशिंग डे मनाया जाता है. 2008 से यूएन ने इसे मनाना शुरू किया था  और जब यह पहली बार मानाया गया तो दुनियाभर में करीब 120 मिलियन बच्चों और बड़ों ने अपने हाथ धोए थे. उस के बाद इसे हर साल 15 अक्टूबर को मनाया जाता है. 2020 में ‘हैंड हाइजीन’ इस की थीम रखी गई थी.

एक छोटी सी आदत को वाशिंग डे के तौर पर मनाया जाना आप को अजीब जरूर लगा होगा. लेकिन हाथों की साफसफाई रखना आप की सेहत के लिए उतना ही जरूरी है जितना आप को व्यायाम और भोजन करना. ग्रामीण इलाकों में भी लोग हाथों के हाइजीन की इंपौर्टैंस को समझें, इसलिए डब्ल्यूएचओ ने इसे वाशिंग डे के तौर पर मनाने का संकल्प लिया.

हाथों की सेहत भी है जरूरी

कोविडकाल में हाथ धोना काफी अहम हो गया है. ऐसे में यह भी जरूरी है कि आप हाथों को धोने के साथसाथ उन की सेहत का भी खयाल करें.

हाथ धोने के बाद क्रीम लगाएं: हाथों की ऊपरी स्किन में प्राकृतिक तेल और वैक्स होता है. बारबार साबुन से हाथ धोने और सैनिटाइजर के प्रयोग से वे रूखे हो जाते हैं. अत: इस से बचने के लिए हाथ धोने या सैनिटाइजर के बाद मौइस्चराइजर का इस्तेमाल जरूर करें.

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खुशबू युक्त साबुन का प्रयोग कम करें:कोरोना संक्रमण के दौर में लोग खुशबूदार साबुन का इस्तेमाल अधिक करने लगे हैं. अत: इस का प्रयोग कम से कम करें, क्योंकि यह झाग की मोटी परत बनाता है और फिर हाथों को जब रगड़ कर धोते हैं तो उन में मौजूद प्राकृतिक तेल को भी धो देता है. लगातार ऐसा करने से हाथों की प्राकृतिक सुंदरता भी खराब हो सकती है.

हाथ फटे हैं तो सैनिटाइजर न लगाएं:हाथों की त्वचा फटी है तो अलकोहल युक्त सैनिटाइजर लगाने से बचें. हैंड सैनिटाइजर के कुछ वक्त बाद मौइस्चराइजिंग क्रीम का इस्तेमाल कर सकते हैं. रात को सोने से पहले हाथों में मौइस्चराइजिंग क्रीम लगाएं और सूती के कपड़े से बने दस्तानों से हाथों को 20 मिनट तक ढक लें ताकि उन में नमी आ जाए.

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