Career Advice: कनफ्यूशियस ने कहा था, “वह नौकरी चुनें जो आप को पसंद हो और आप को अपने जीवन में एक दिन भी काम नहीं करना पड़ेगा.”
इस का मतलब है कि जब आप किसी ऐसे काम में शामिल होते हैं जिसे आप पसंद करते हैं, तो वह काम थकाऊ या भारी नहीं लगता, बोझिल महसूस नहीं होता क्योंकि मनचाहे काम में हर कदम का मजा आता है. यह बारिश में बिना भीगे चलने जैसा है.
लेकिन कई बार जब हम जौब करने जाते हैं, तो अपनी मनचाही जौब का औफर होते हुए भी हम उसे जौइन नहीं कर पाते हैं क्योंकि वहां सैलरी कम होती है. लेकिन इस का नतीजा यह होता है कि वहां काम में मन नहीं लगता और उस जौब से हम सटिस्फाई नहीं हो पाते.
इस के विपरीत जो काम आप करना चाहते हो उस में सैलरी कम हो सकती है लेकिन वह काम आप के मन का है तो वहां ग्रोथ के चांस आप को ज्यादा मिलेंगे. जैसेकि अगर आप की कदकाठी अच्छी है और आप को होटल में अच्छे पैकेज के साथ जौब औफर हुई हो पर वह काम आप के मन का नहीं है क्योंकि आप तो किसी फोटोग्राफर के यहां असिस्टेंट बनना चाहते हैं, तो फिर इस में इतना क्या सोचना. सैलरी तो ऐक्सपीरियंस से बढ़ जाएगी लेकिन मनचाहा काम करने का मौका दोबारा शायद न मिलें.
आप को 1-2 साल मनचाहा काम करना चाहिए उस के बाद तय करना चाहिए कि अब मुझे यह बढ़ी हुई सैलरी चाहिए और मनचाहे काम में यह सैलरी नहीं मिलेगी. इस के बाद आराम से सोच कर तय करें कि आप को क्या करना है.
अगर आप को लगता है कि इसी लाइन में आप अपने मनचाहे पैसे कमा सकते हैं, तो ठीक है वरना दूसरे जगह जौब मिल रही है तो वहां जौइन करें. लेकिन पहली और दूसरी जौब यह सोच कर पिक न करें कि आप की पर्सनैलिटी और एजुकेशन रिकौर्ड के हिसाब से यही सही है.
बहुत सारी कंपनी सिर्फ एजुकेशन रिकौर्ड के हिसाब से और प्रेजेंटेशन के हिसाब से जौब देती हैं. लेकिन काम आप के मन का नहीं होता. इस समय आप लर्न पर फोकस करें अर्न पर नही. लर्निंग मोर इंपोर्टेंट है अर्निंग मोर इंपोर्टेंट नहीं है. आप को एक बार काम का ऐक्सपीरियंस हो जाएगा तो सैलरी भी बढ़ जाएगी या फिर आप को समझ आ जाएगा कि यह जौब आप के लिए नहीं है. लेकिन जब तक कर रहे हैं पूरी मेहनत के साथ करें. आप को क्लियर हो जाएगा कि आप आगे क्या करने चाहते हैं. इसी में आगे बढ़ना चाहते हैं या फिर कुछ करना है
मनचाही नौकरी पाने के फायदे
लर्न नौट अर्न कौंसेप्ट : आज आप जो ज्ञान और कौशल प्राप्त कर रहे हैं, वह कल आप की मार्केट वैल्यू को बढ़ाएगा. एक बार जब आप किसी क्षेत्र के विशेषज्ञ बन जाते हैं, तो भविष्य में उच्च वेतन और बेहतर अवसर अपनेआप मिलने लगते हैं. यह एक निवेश की तरह है. आप अभी छोटे रिटर्न स्वीकार करते हैं ताकि भविष्य में बड़े रिटर्न मिल सकें.
एक छोटी कंपनी जहां सैलरी कम हो वहां सीखने का माहौल काफी अच्छा होता है. वहां गलतियां करना और नई चीजें आजमाना अकसर स्वीकार्य होता है. यहां आप नएनए प्रयोग कर सकते हैं और आगे बढ़ने के नए नए रास्ते अपना सकते हैं.
सैटिसफैक्शन और हैप्पीनैस
आप को भले ही पैसे थोड़े कम मिल रहे हों लेकिन जो भी आप कर रहे हैं उसे कर के खुश हैं, तो यह बहुत बड़ी बात है क्योंकि जब आप वह काम करते हैं जो आप को पसंद है तो आप अपने काम से अधिक संतुष्ट और खुश रहेंगे. यह भावना आप को जीवन में और अधिक खुशी दे सकती है.
काम करने की इंस्पैरेशन मिलती है
जब आप के मन का काम होता है तो उसे करने के लिए इंस्पैरेशन मिलती है. आप अपने काम में आगे बढ़ने के लिए खुद ही कोशिश करते हैं और सफल प्रयास करते रहते हैं. यहां आप को किसी को आगे बढ़ने और मेहनत करने के लिए बोलना नहीं पड़ता.
परफौर्मेंस भी बैटर
एक खुश और प्रेरित कर्मचारी स्वाभाविक रूप से बेहतर प्रदर्शन करता है. आप के काम की गुणवत्ता में सुधार होगा और आप एक बेहतर परिणाम प्राप्त करने में सक्षम होंगे.
मैंटल हैल्थ
जब आप ऐसा काम करते हैं जो आप को खास पसंद नहीं है तो उसे करने में आप को उलझन होती है और आप उसे बोझ समझ कर करते हैं. लेकिन जब आप अपनी पसंद का काम करते हैं तो आप को खुशी महसूस होती है, काम का सारा तनाव और थकान भी दूर हो जाती है.
जौब की स्टैबिलिटी
जब आप काम का आनंद लेते हैं, तो आप कम तनावग्रस्त होते हैं. नापसंद काम के विपरीत मनचाहा काम आप को मानसिक रूप से थकाता नहीं, जिस से आप लंबे समय तक उसी कैरियर में बने रहते हैं. इस के परिणामस्वरूप जौब टर्नओवर (बारबार नौकरी बदलना) कम होता है, जो कैरियर को एक मजबूत आधार देता है.
ग्रोथ के चांस
आप अपनी मनचाही फील्ड में सिर्फ काम ही नहीं करते, बल्कि मैस्टेरी हासिल करना चाहते हैं. यह आंतरिक इच्छा आप को लगातार सीखने, प्रशिक्षित होने और नए कौशल (स्किल्स) विकसित करने के लिए प्रेरित करती है. इस से आप को ग्रोथ करने के चांस ज्यादा मिलते हैं.
वर्क लाइफ बैलेंस कर सकते हैं
जब आप के मन का काम होता है तो आप को काम करने में मजा आता है और उस काम में आने वाली चुनौतियों को भी आप झेल लेते हैं. उस का तनाव भी आप घर नहीं लाते हैं क्योंकि वहां आने वाली प्रौब्लम को आप अपनी मरजी और खुशी से फेस कर रहे होते हैं.
सैलरी कम है तो कैसे मैनेज करें
अपने खर्चों को नियंत्रित करें : यदि आप की मनचाही नौकरी की सैलरी कम है, तो आप को अपने खर्चों को नियंत्रित करने और एक बजट बनाने की आवश्यकता होगी.
स्किल्स को बढ़ाना
अपनी मनचाही फील्ड में अपनी स्किल को लगातार बेहतर बनाते रहें. इस से आप को भविष्य में बेहतर सैलरी वाली भूमिकाएं पाने में मदद मिल सकती है. ऐसे नए कौशल सीखें जो आप को अपनी वर्तमान नौकरी में बेहतर सैलरी या प्रमोशन दिला सकें.
साइड बिजनैस या जौब शुरू कर सकते हैं
अगर आप को सैलरी कम लग रही है तो आप साइड बाई साइड कोई और काम भी कर सकते हैं. जैसेकि आप कोचिंग में पढ़ा सकते हैं, डांस क्लास ले सकते हैं, अकाउंट का काम कर सकते हैं.
आर्थिक वृद्धि
शुरुआत में सैलरी कम हो सकती है, लेकिन उत्कृष्टता और विशेषज्ञता के कारण आप भविष्य में अधिक मूल्यवान बन जाते हैं और अंततः आप को बेहतर सैलरी और अवसर मिलते हैं जो केवल पैसे के लिए काम करने वाले को नहीं मिलते.
क्रेडिट कार्ड और लोन से दूर रहें
यदि सैलरी कम है, तो अनावश्यक कर्ज (खासकर क्रेडिट कार्ड का महंगा ब्याज) आप के बजट को बरबाद कर सकता है.
छोटे निवेश शुरू करें
अगर आप थोड़ा भी बचा पा रहे हैं, तो उसे एफडी, आरडी या कम जोखिम वाले म्यूचुअल फंड (जैसे एसआईपी) में निवेश करें. चक्रवृद्धि ब्याज की शक्ति लंबी अवधि में आप की मदद करेगी.
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