घर को सजाने की चाह में कई बार रचनात्मकता अपना कमाल दिखाती है मगर कभी-कभी गलतियां भी हो जाती हैं. फ्लैट छोटा हो और फर्नीचर बड़ा, पेंडेंट लाइट्स ज्यादा ऊपर हों, रग्स का सही चुनाव न किया जाए तो घर बेमेल सा नजर आने लगता है. थोड़ी समझदारी बरतें तो इन गलतियों से बचा जा सकता है या इन्हें सुधारा जा सकता है.

1. पर्दे

डेकोरेशन का नियम कहता है कि पर्दे फ्लोर लेंथ से लगभग एक इंच कम हों. कई बार पर्दे या तो फर्श को छूने लगते हैं या फिर कुछ ज्यादा ही छोटे हो जाते हैं. डेकोर की यह आम समस्या है.

2. टिप

बेहतर होगा कि पहले दरवाजे या खिड़कियों की नाप सही ढंग से लें. अगर फैब्रिक सिल्क का नहीं है तो हाइट थोड़ी ज्‍यादा रखें क्योंकि कई बार कॉटन फैब्रिक धोने के बाद सिकुड़ जाता है. वैसे इस समस्या से बचने के लिए इन्हें ड्राईक्लीन कराएं या फिर घर में धोने के बाद अच्छी तरह इस्तरी करें.

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3. फोटो फ्रेम्स

कई बार फैमिली फोटो फ्रेम्स या पेंटिंग्स की हाइट इतनी ऊंची हो जाती है कि उनकी डिटेलिंग समझ नहीं आती. ग्रुप में लगे फ्रेम्स अच्छे जरूर लगते हैं लेकिन इतने भी नहीं कि पूरी दीवार पर यही नजर आने लगें.

4. टिप

अगर घर में आर्ट गैलरी खोलना नहीं चाहती हों तो फ्रेम्स को ज्‍यादा हाइट पर न लगाएं. इन्हें फर्नीचर से 10-12 इंच या फ्लोर से लगभग 5 फिट ऊपर लगाएं ताकि ये आसानी से नजर आ सकें. व्यावहारिक सुझाव यह है कि फ्रेम्स इतने ऊपर हों कि सामान्य हाइट वाला व्यक्ति भी इन्हें देख सके और लोगों को अपनी गर्दन को स्ट्रेच करके इन्हें न देखना पड़े.

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