परिवर्तन के इस दौर में बहुत सी चीज़े काफी तेज़ी से बदल रहीं हैं और इसी के साथ ही हमारी सोचऔर प्राथमिकताएं भी बदल रही हैं. यही कारण है कि पहले जहाँ लड़कियाँ अपने घर -परिवार , शादी और बच्चों को प्राथमिकता देती थी. वो आज अपने करियर को ले कर काफी सजग हो गई हैं. इसी कारण कुछ महिलायें ऐसी हैं, जो अपने कॅरियर को एक अच्छा आयाम देना चाहती हैं. उसके बाद ही वो अपनी फैमली को आगे बढ़ाने के बारे में सोचती हैं. इसके पीछे उनकी मंशा ये होती है कि ना सिर्फ वो खुद एक अच्छी लाइफ जी सके, बल्कि वो अपने बच्चों को भी एक बेहतर ज़िन्दगी दे पाएं .जो हर सुख – सुविधा से भरपूर हो. लेकिन इन सभी बातों के अलावा ये भी सच है कि देर से माँ बनना एक जोखिम भरा कदम है , क्योंकि एक आयु विशेष के बाद उनकी बॉडी में काफी चेंजेस आते जिसकी वजह से प्रेग्नेंसी काफी कॉम्प्लिकेटेड हो जाती है. ऐसे में अगर हम ये कहें की आज की आधुनिक तकनीक और एग फ्रीज़िंग हमारे लिए वरदान की तरह है तो गलत नहीं होगा.
क्या है एग फ्रीज़िंग ?
पिछले पांच सालों में एग फ्रीज़िंग उन महिलाओं के बीच बहुत अधिक लोकप्रिय हो गया है जो अपनेकॅरियर को ले कर बहुत अधिक गंभीर हैं. इस बारे में फर्टिलिटी एंड आईवीएफ एक्सपर्ट डॉ प्रीतीगुप्ता (फर्स्ट स्टेप आईवीएफ क्लिनिक ) का कहना है कि “ यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें महिला के अण्डों को भविष्य में प्रयोग करने के लिए सुरिक्षत रखा जाता है. यह प्रजनन की स्वतंत्रता को बढ़ाने के लिए एक क्रांतिकारी कदम है. इसके फायदे ये हैं कि ये ना सिर्फ जल्दी मेनोपॉज़ की संभावना के दौरान , बल्कि किसी ख़ास हेल्थ समस्या के कारण कंसीव करने में आने वाली दिक्कतों का भी बेहतरीन विकल्प है.”
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क्या हैं संभावनाएं ?
एग फ्रीज़िंग को ह्यूमन ऑसकेट क्राईओपरसर्वेशन (human oocyte cryopreservation)के नाम से भी जाना जाता है. इस सन्दर्भ में हुए कई अंतरराष्ट्रीय शोधों में यह बात सिद्ध हुई है कि एग फ्रीज़िंग के बाद फ्रीज़ किये गए एग का प्रयोग कर के भविष्य में गर्भधारण करना पूरी तरह से सुरक्षित और विश्वसनीय प्रक्रिया है. इस प्रक्रिया को अगर प्रयोग में लाना चाहती हैं तो इस बात का ध्यान ज़रूर रखें कि इसके लिए किसी अच्छे फर्टिलिटी एंड आईवीएफ एक्सपर्ट की ही सहायता लें. ”
इसके अलावा अगर आप एग फ्रीज़िंग करना चाहते हैं तो इस बात का ख़ास ख्याल रखें कि 20 वर्ष से 30 वर्ष की आयु ही बेहतर होती है और इस प्रक्रिया के लिए काम से काम 25 से 30 एग्स ज़रूर फ्रिज़ करें.
अब ना तो लड़कियों को अपने कॅरियर की कुर्बानी देने की ज़रूरत है ना ही चिंता करने की. यही कारण है कि आज एग फ्रीज़िंग एक बहुत ही लोकप्रिय प्रक्रिया बनता जा रहा है .
प्रक्रिया
एग फ्रीजिंग के लिए माहवारी के 21वें दिन से जीएनआरएच एनालॉग के साथ यह प्रक्रिया शुरू होती है और माहवारी आने तक जारी रहती है. इसके बाद गोनेडोट्रॉफीन हॉर्मोन की बड़ी खुराक दी जाती है, जो ओवरी को इस तरह सक्रिय कर देती है, कि वह अधिक संख्या में अंडाणु पैदा कर सके. फिर मासिक चक्र के दूसरे दिन से लेकर 10 से 12 दिन तक रोजाना इंजेक्शन दिए जाते हैं. अंडाणु के एक खास आकार में आने के बाद उसे पूर्ण परिपक्व अवस्था में लाने के लिए हयूमन क्रॉनिक गोनेडोट्राफीन का इंजेक्शन दिया जाता है. 30 घंटे बाद महिला को बेहोश कर उसकी ओवरी से इन अंडाणु को निकाला लिया जाता है. परिपक्वता के आधार पर अच्छे अंडाणुओं को छांटकर लिक्विड नाइट्रोजन में रख दिया जाता है, जो कि माइनस 196 सेंटीग्रेट (-320 फारेनहाइट) पर जमता है.
मां बनने की उम्र
ध्यान दिया जाए तो अपने अंडाणुओं को फ्रीज किये बिना भी न सिर्फ भारतीय समाज में, बल्कि पूरी दुनिया में लड़कियों के मां बनने की उम्र में भारी बदलाव हुआ है. पिछली पीढ़ी की लड़कियां 15 से 20 साल की उम्र में मां बन चुकी थीं. वहीं उनकी बेटियां 25 से 30 की आयु में मां बनी, या फिर इससे भी आगे की उम्र में. मां बनने की उम्र में यह बदलाव निश्चित तौर पर लड़कियों की शिक्षा और नौकरी के बदलते आयमों के चलते आया है. जिसे टाला नहीं जा सकता.
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एग फ्रीजिंग की लागत
एग फ्रीजिंग की लागत हर देश में अलग है, इसकी कीमत $5000 से लेकर $12,000 के बीच है. इस राशि में प्रजनन दवाओं का खर्चा शामिल नहीं है जोकि लगभग $4,000 या $5,000 के बीच पड़ सकता है. अंड़ाणु भंडारण के लिए आपको $100 से लेकर अधिकतम $1000 तक की राशि खर्चनी पड़ सकती है.
डौ. प्रीती गुप्ता फर्टिलिटी एंड आईवीएफ एक्सपर्ट (फर्स्ट स्टेप आईवीएफ क्लिनिक ) ,AIIMS,DELHI.
 
             
             
             
           
                 
  
           
        



 
                
                
                
                
                
                
               