दिल्ली शहर फैशनपरस्त महिलाओं का है. खासतौर पर दिल्ली मैट्रो का महिला कोच. रोजाना 20 मिनट के सफर में मैट्रो में कई नए फैशन से रूबरू हुआ जा सकता है. मार्केट में क्या लेटैस्ट है, मैट्रो में मौजूद लड़कियों के पहनावे को देख कर ही पता चल जाता है.

मैट्रो में एक लड़की को देख कर पता चला कि क्रौप टौप की तरह क्रौप जैकेट्स भी फैशन में हैं. लेकिन जैसे ही वह लड़की मैट्रो से उतरी तो लोगों की मुसकराहट का सबब बन गई. वजह जैकेट ही थी. दरअसल, उस लड़की की जैकेट इतनी छोटी थी कि जरा सा भी हाथ ऊपरनीचे करते ही जैकेट के नीचे पहना इनर दिखने लग जाता था. अब स्टाइलिश जैकेट की ही तरह स्टाइलिश इनरवियर भी ले लेती तो उसे फैशन डिजास्टर का शिकार न होना पड़ता.

एक छोटी सी फैशन मिस्टेक पूरे लुक की धज्जियां उड़ा देती है.

फैशन डिजाइनर विनीता पाणिग्रही कहती हैं कि फैशन को आजमाने से पहले उसे समझने की जरूरत होती है. यदि ऐसा हो जाए तो फैशन ब्लंडर्स से बचा जा सकता है.

वाकई, फैशनेबल बनने की होड़ में महिलाएं अकसर कौपी कैट बन जाती हैं. दूसरों की नकल कर वे खुद पर ऐसी चीजें आजमाने लगती हैं, जो उन्हें बिलकुल सूट नहीं करतीं. यहीं से शुरुआत होती है फैशन मिस्टेक्स की.

सैक्सी दिखने के लिए स्किन ऐक्सपोजर:

सैक्सी लुक फैशन का एक हिस्सा है. विनीता बताती हैं कि ओवरऔल ड्रैसअप, हेयरस्टाइल, फुटवियर और परफैक्ट ऐटीट्यूड लुक को सैक्सी बनाता है न कि क्लीवेज, वेस्टलाइन और ओपन बैक का दिखावा. इस के अलावा किस अवसर पर सैक्सी दिखना चाहिए, इस बात को ले कर भी महिलाओं में काफी भ्रम है, जबकि घर से ले कर दफ्तर तक कहीं भी सैक्सी लुक अपनाया जा सकता है.

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कपड़ों में न हों फिट तो कैसे होंगी हिट:

कुछ महिलाओं पर फैशन का भूत इस कदर सवार रहता है कि उन के लिए शरीर का आकारप्रकार कोई माने नहीं रखता. ऐसे में कई बार आउटफिट साइज में छोटे आ जाते हैं और उन्हें पहनने से वे बौडी शेप को उभारने लगते हैं, जो भद्दा लगता है. साइज में बड़े कपड़े पहनना भी फैशन ब्लंडर्स में गिना जाता है.

ज्यादा चुस्त कपड़े हों या फिर ढीलेढाले, दोनों ही सूरत में आप की ही बौडी शेप बिगड़ती है. अत: अपने साइज के कपड़े पहनें. मोटी महिलाओं को ज्यादा टाइट कपड़े नहीं पहनने चाहिए. ज्यादा टाइट कपड़ों में न तो शरीर पतला दिखता है और न ही लुक अच्छा लगता है, उलटे इस से मांसपेशियों पर खराब प्रभाव पड़ता है. दुबलीपतली महिलाओं को बहुत स्किन टाइट कपड़े नहीं पहनने चाहिए वरना वे और भी पतली लग सकती हैं.

रंगों में फेरबदल है जरूरी:

कुछ चुनिंदा रंग कुछ लोगों पर बहुत फबते हैं, लेकिन दूसरे रंगों से परहेज कर आप फैशनपरस्त लोगों की लिस्ट में खुद को शामिल नहीं कर पाएंगी.

गुलाबी रंग हर लड़की का फैवरेट होता है, लेकिन इस का मतलब यह नहीं कि हर अवसर पर आप गुलाबी रंग का आउटफिट ही पहनें. रंग बदल कर पहनने से पर्सनैलिटी में निखार आता है. अवसर और जगह के हिसाब से रंगों का चुनाव आप को फैशनेबल बनाएगा. फिर भी किसी विशेष रंग को पहनने से परहेज हो तो उस के अलग शेड्स से क्या दुश्मनी? उन्हें तो ट्राई किया ही जा सकता है. लेकिन रंग में फेरबदल करने के साथ रंगों के सही कौंबिनेशन का ज्ञान भी बहुत जरूरी है.

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कलर सैंस होना बहुत महत्त्वपूर्ण है जैसे 2 बोल्ड कलर्स का कौंबिनेशन फैशन एरर कहलाएगा. इतना ही नहीं हर रंग के लिए एक सही समय होता है. यदि लाल रंग तेज धूप में पहन लिया जाए तो वह उस समय के हिसाब से काफी चटक है, तो पीला रंग रात में भद्दा लगता है.

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