आने वाले कल की जरूरतों के लिए आपको आज से ही फाइनेंशियल प्लानिंग कर लेनी चाहिए. हर साल सैलरी में होने वाले इंक्रीमेंट के साथ ही अगर आप अपने बढ़ापे को खुशहाल बनाने के लिए सेविंग में भी इजाफा करती रहती हैं तो काम न कर पाने की सूरत में आपको आर्थिक रुप से किसी के भी सामने हाथ फैलाने की जरूरत नहीं होगी.

तमाम वित्तीय सलाहकार ऐसा सुझाव देते हैं कि महिलाओं को या हर किसी को 30 वर्ष का होने से पहले कम से कम ये 6 आर्थिक फैसले जरूर ले लेने चाहिए. हम आपको यहां इन्हीं कुछ खास फैसलों के बारे में बताने की कोशिश कर रहे है.

जरूर लें इंश्योरेंस प्लान

नौकरीपेशा लोगों के लिए इंश्योरेंस प्लान लेना बेहद जरूरी होता है. बेहतर होगा कि 30 की उम्र से पहले आप कम से कम एक इंश्योरेंस प्लान अवश्य ले लें. इसके अपने अलग फायदे होते हैं. हालांकि आपको बीमा में पैसा लगाते समय हमेशा ख्याल रखना होगा कि बीमा एक खर्च है, निवेश कतई नहीं. हालांकि सिर्फ जीवन बीमा करवा लेना ही काफी नहीं है, इसीलिए जरूरी है कि आप मेडिकल इंश्योरेंस भी करवाएं. अगर आप ऐसा करवाते हैं तो किसी दुर्घटना की सूरत में आप पर अस्पताल एवं दवाइयों से जुड़े खर्चों का ज्यादा बोझ नहीं पड़ेगा.

बुढ़ापे के लिए जुटाना शुरू कर दें पैसा

अगर आप चाहते हैं कि आपका बुढ़ापा बेहतर तरीके से बीते तो आपको 30 वर्ष की उम्र से पहले ही इसके लिए सेविंग की शुरुआत कर देनी चाहिए. जवानी की सेविंग बुढ़ापे का सहारा बनने में हमेशा मददगार होती है. कंपाउंड इंटरेस्ट के नजरिए से देखें तो अगर आप 30 की उम्र से पहले ही सेविंग की शुरुआत कर देते हैं तो इससे साल दर साल मिलने वाले ब्याज में भी लगातार इजाफा होता रहता है. उदाहरण के तौर पर अगर आप हर महीने 2 हजार रुपए की भी बचत करते हैं तो आपके पास 60 वर्ष की उम्र तक ब्याज समेत अच्छी खासी रकम जमा हो जाती है.

तय करें कि आपको करना क्या है

नौकरीपेशा हैं और आपका मन किसी एक जगह डटकर काम करने का नहीं करता है तो आपको खुद पर रिसर्च करने की जरूरत है. आप खुद को समय दें और तय करें कि आपको करना क्या है. आपको उसी जगह और वही नौकरी करनी चाहिए जो आपको खुशी दे सके. इसके साथ ही आप उसी क्षेत्र में अपनी प्रतिभा को निखारते हुए आगे बढ़ सकते हैं. ऐसा कर आप सेविंग के लिए खुद को तैयार भी कर पाएंगे.

घर खरीदने की भी बना लें योजना

अगर आप किसी पराए शहर में नौकरी करते हैं और वहां पर किराए के मकान में रह रहे हैं तो आपको 30 वर्ष की आयु से पहले ही उस शहर में मकान लेने की योजना बना लेनी चाहिए. या अगर आप जिंदगी भर किराए के मकान में ही रहना चाहते हैं तो यह भी सुनिश्चित कर लें क्योंकि दोनों ही सूरत में आप पर वित्तीय बोझ पड़ना तय है. अगर आप खुद का मकान लेंगे तो आपको उसकी डाउन पेमेंट और हर महीने ईएमआई चुकानी होगी, वहीं किराए के मकान में भी हर साल आपको बढ़ा हुआ किराया देने के लिए तैयार रहना होगा. ऐसे में अगर इस सूरत से निपटने के लिए सेविंग की आदत डाल लेंगे तो आपके लिए बेहतर रहेगा.

आपातकालीन स्थिति के लिए जरूर जोड़ें पैसा

आमतौर पर कुछ खर्चे अचानक से होते हैं. ये कुछ ऐसे खर्चे होते हैं जिन्हें आप चाहकर भी टाल नहीं पाते. मसलन किसी अचानक हुई बीमारी का इलाज और एक्सीडेंट होने की सूरत में अस्पताल में इलाज का खर्चा इत्यादि. ऐसी सूरतों से निपटने के लिए आपको अपने घर में एक आपातकालीन फंड बनाना चाहिए. आप यह सुनिश्चित करें कि इस फंड को छूना नहीं है, इसका इस्तेमाल सिर्फ आपातकालीन जरूरतों को पूरा करने के लिए ही किया जाना है. आप अपनी सालाना या मासिक सैलरी में से कुछ हिस्सा नियमित तौर पर इसमें जमा कर एक बड़ी रकम इकट्ठा कर सकते हैं जो जरूरत पड़ने पर आपके ही काम आएगी.

बच्चों के बारे में भी सोचना शुरू कर दें

अगर आप शादीशुदा हैं और एक बच्चे के पिता भी हैं, तो आपको 30 की उम्र से पहले ही बच्चे के पढ़ाई, उसके करियर और शादी से जुड़े खर्चों के लिए सेविंग की शुरुआत कर देनी चाहिए. अगर आप 30 की उम्र से पहले ही इस तरह की सेविंग समझदारी के साथ करना शुरू कर देते हैं तो आपको महंगी होती शिक्षा और तेजी से बढ़ती महंगाई के दौर में भी ज्यादा वित्तीय समस्याओं से नहीं जूझना पड़ता है.

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