नोट बैन के फैसले के बाद से सरकार ने ट्रांजैक्शन और पैन कार्ड की अनिवार्यता को लेकर नियमों में अहम बदलाव किए है. बैंक से ट्रांजैक्शन में किसी तरह की गड़बड़ी की संभावना न हो इसके लिए आयकर विभाग बैंक में पैसे जमा कराने वालों पर नजर रख रहे हैं. इसी के लिए इनकम टैक्स एक्ट् एंड रूल के तहत प्रावधान 14बी में संशोधन किया है. नए नियम के अनुसार अब 50 हजार से 2.5 लाख रुपए तक के डिपॉजिट पर सरकार नजर रख रही है. आपको बता दें कि इनकम टैक्स एक्ट एंड रूल में समय समय पर बदलाव किया जाता है.

पैन कार्ड क्यों जरूरी?

देश में अधिकांश वित्तीय लेन-देन के लिए आपको परमानेंट अकाउंट नंबर (पैन कार्ड) की जरूरत होती है. पैन कार्ड की मदद से कई तरह की सुविधाएं हासिल की जा सकती हैं. बैंक में अकाउंट खुलवाना हो या आयकर रिटर्न फाइल करना हो या फिर एक सीमा तक बैंक ट्रांजैक्शन, सभी जगह पैन कार्ड की जरूरत होती है. आपको बता दें कि ये नियम इनकम टैक्सए एक्ट एंड रूल-1962 के प्रावधान 14बी के तहत स्पष्ट किया हुआ हैं.

किस स्थिति में पैन दिखाना जरूरी?

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने नोटबंदी के बाद से पैन कार्ड से जुड़े नियमों में बदलाव कर दिया है. 50 हजार रुपए से कम की राशि बार-बार बैंक में जमा कराने पर भी आप आयकर विभाग की नजर में आ सकते हैं.

यदि 9 नवंबर से 30 दिसंबर के बीच अपने बैंक अकाउंट में कई बार 2.5 लाख या इससे ज्यादा रकम जमा कराते हैं तो बैंक इसकी जानकारी आयकर विभाग को देगा. इसके बाद आपको अपने पैन कार्ड की पूरी जानकारी देनी होगी. वास्तव में पैन कार्ड देने से बचने के लिए 50 हजार रुपए से कम राशि कई बार बैंक अकाउंट में जमा करते हैं तो उनके लिए भी नियमों में बदलाव किए हैं. जिनके अकाउंट पैन से जुड़े नहीं हैं, उन्हें अब 50 हजार रुपए से ज्यादा नकदी जमा कराने पर पैन कार्ड दिखाना जरूरी होगा.

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