मौनसून में चाय की चुसकियों के साथ बारिश को एंजौय करने का अलग ही मजा है. पर इस मौसम मेंहमारे घर को भी कुछ नुकसान उठाना पड़ता है. मौनसून में ही घर में सीलन, फंगस और लीकेज जैसी कई तरह की प्रौब्लम्स होती हैं, जो घर में रहने वालों के लिए बड़ी मुसीबत बन जाती हैं. इसलिए आज हम आपको घर को सीलन आने के कारण और सीलन से घर को बचाने के लिए कुछ टिप्स बताएंगे, जिससे आप घर को मौनसून में अच्छा लुक दे पाएंगी.

ये है सीलन के मुख्य कारण

घर की दीवारों, छतों के किनारों, किचन या फिर बाथरूम में नजर आने वाली सीलन केवल बारिश के कारण ही नजर नहीं आती, बल्कि इस के और भी कारण जिम्मेदार होते हैं जैसे ग्राउंड वाटर यानी जमीन का पानी जो दीवारों से चढ़ता हुआ बिल्डिंग के ऊपर तक आ जाता है.

अगर घर बनाते वक्त डीपीसी (डैंप प्रूफिंग कोड) को ठीक से न करवाया गया हो तब भी ये प्रौब्लम आती है. इसी तरह अगर दीवारों पर प्लास्टर करते वक्त क्रैक्स यानी दरारें रह जाती हैं तो भी बारिश का पानी उनसे होते हुए अंदर ही अंदर फैलता है, जो सीलन का कारण बनता है. इसके अलावा किचन या टौयलेट की पाइप लाइन में कोई लीकेज हो तो उस से भी सीलन आती है.

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इस तरह घर को सीलन से बचाएं 

1. सीलन के कारणों का पता लगाना है जरूरी

सबसे पहले तो सीलन के कारणों का पता लगाना जरूरी होता है ताकि उसे सही जगह से रोका जा सके. सीलन का पता लगाने के 2 तरीके होते हैं. पहला यह कि वाटर टैंक में थोड़ा सा पानी भर कर उस में कपड़ों में डाले जाने वाले नील को मिला दिया जाए और उसे 2 दिन के लिए छोड़ दिया जाए. जब टैंक का पानी घर में आएगा तो उस से लीकेज वाली जगह पर नीला रंग नजर आएगा. इस से लीकेज की सही जगह का पता चल जाएगा. अगर बारिश का पानी है तो वह बाहरी दीवारों की दरारों से आता है जिसे उचित प्लास्टर करवा कर ठीक किया जा सकता है.

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