लेखक- दीप्ति अंगरीश

बहुत याद आता है गुजरा जमाना. जब मम्मी, चाची, बूआ, ताई, अम्मां, दादी, नानी सब साथ होते थे. अब काम की मजबूरियों ने सब छीन लिया है. परिवार की बातें सिर्फ यादें बन कर रह गई हैं या कभीकभार टीवी पर दिखता है भरापूरा परिवार. आज के परिवार में 5-6 सदस्य ही होते हैं. और तो और परिवार से मिलना भी त्योहारों तक ही सीमित हो गया है. अब परिवार का प्यार, डांट, शाबाशी, सलाह आंगन में बिछे तख्त पर नहीं व्हाट्सऐप पर होती है या यो कहें कि परिवार डिजिटल हो गया है.

जहां तकनीक ने बहुत कुछ दिया है, वहीं बहुत कुछ छीन भी लिया है. याद करें नानी, दादी, चाची, बूआ का लाड़प्यार. पहले प्यार रियल लाइफ में मिलता था, जो कभी शाबाशी से पीठ थपथपाता था, तो कभी दुलार से गालों को खींचता था. समय के साथ सबकुछ तकनीकी हो गया यानी प्यार, डांट, शाबाशी, अच्छेबुरे की समझ, दुनियादारी, जज्बा, उमंग, उत्साह सब व्हाट्सऐप जैसे तमाम ऐप्स में समाहित हो गया है. यह तकनीक बिछडों को जोड़ रही है, ज्ञान का अपार भंडार दे रही, लेकिन रियल लाइफ की भावनाओं से दूर भी कर रही है. नतीजतन साथ रहते हुए भी परिवार का हर सदस्य एकदूसरे से अनजान है. तो आइए, जानते हैं इन दूरियां को पाटने के कुछ कारगर टिप्स:

1. रोज की मंचिंग

सप्ताह में डिनर टाइम के अलावा आप एक मंचिंग टाइम फिक्स करें. इस के सेहतमंद फायदे के अलावा बौडिंग फायदे भी मिलेंगे. यानी छोटीछोटी भूख में हों सूखा मेवा, दूध और फल. माना ये चीजें आप को पसंद नहीं, लेकिन जब साथ में खाएंगे तो रिश्तों का प्यार भी इन में घुलेगा.

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2. संडे के संडे

अब तक जो हुआ उसे भूल जाएं. परिवार में आई दूरियों का रोना न रोएं, बल्कि उन्हें रोकने के कारगर उपाय खोजें. इस का बैस्ट उपाय है संडे यानी आप और पूरा परिवार सप्ताहभर कामकाज में व्यस्त रहता है. ऐसे में सदस्यों को शनिवार रात ही बता दें कि अगले दिन सब को जल्दी उठना है और आउटडोर खेलने जाएंगे. यहां आउटडोर आप को सेहत और बौडिंग देगा.

3. फूड ऐक्टिविटी

आप सब व्यस्त रहते हैं, लेकिन संडे  को अलग तरीके से सैलिब्रेट करें. इस की जिम्मेदारी आप को लेनी होगी. कोशिश करें संडे को खाना बाहर न खा कर सब मिल कर पकाएं. यकीन मानिए इस फूड ऐक्टिविटी से आप सब करीब आएंगे.

4. नो गैजेट जोन

आप परिवार में सख्त नियम बनाएं कि जब पूरा परिवार एक साथ हो तब गैजेट्स की ऐंट्री पर बैन हो. वैसे भी साथ होने के मौके कम मिलते हैं. उस में आई पैड, मोबाइल, लैपटाप आदि गैजेट्स साथ होंगे तो परिवार एकसाथ नहीं अलगथलग ही रहेगा, साथ ही परिवार वालों को बोलें कि डिनर सब साथ करेंगे, जिस में परिवार गैजेट्स फ्री रहेगा. यकीनन तब एकदूसरे को करीब से जान पाएंगे, हंसा पाएंगे, दुख बांट पाएंगे.

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5. लाइफ गोल्स

आप जिंदगी में छोटेछोटे लक्ष्य बनाते हैं. ताकि बड़े लक्ष्य तक पहुंचना असान हो. लेकिन ये लक्ष्य सिर्फ कद और पैसे तक ही सीमित होते हैं. हैप्पी फैमिली के लिए छोटेछोटे लक्ष्य बनाएं, फिर देखिए कैसे परिवार में हमेशा के लिए प्यार घुल जाएगा. ये छोटे लक्ष्य हो सकते हैं जैसे साथ में कुकिंग करना, साथ में जौगिंग पर जाना, साथ में परिवार सहित लौंग ड्राइव पर जाना आदि.

6. फैमिली नोट्स बनाएं

माना कि पूरा परिवार व्हाट्सऐप पर फैमिली गु्रप से जुड़ा हुआ है, लेकिन याद कीजिए जिन के साथ आप रहते हैं उन से रियल लाइफ में कितने जुड़े हुए है. आप चाहते हैं परिवार मिलजुल कर रहे तो इस के लिए अपनी हर कोशिश के नोट्स बनाएं और मोबाइल में अलार्म लगाएं. अलार्म याद दिलाएगा कि किस समय क्याक्या करना है.

7. थकान मिटाएं

रोज थकान मिटाने के लिए आप बहुत कुछ करते होंगे. कभी बुक रीडिंग तो कभी यहांवहां की चहलकदमी. फिर भी थकान नहीं मिटती. और तो और करवटें बदलतेबदलते रात कट जाती है और सुबह थकान जस की तस. ऐसे में ऐनर्जी बूस्टर है रोजाना की फैमिली गैदरिंग. इस के लिए एक टाइम फिक्स कर लें. लिविंगरूम में सब के साथ कोई भी शो देखें और दिन भर का सुखदुख साझा करें. ऐसा करने से आप को ऐनर्जी मिलेगी जो अगले दिन के लिए बौडी फुल चार्ज करेगी. और दोस्तों से आगे होगी आप की फैमिली.

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8. आउटिंग तो बनती है

त्योहारों का सीजन शुरू होते ही लौंग वीकैंड या 4-5 दिनों की छुट्टी निकल ही आती है. ऐसे में फैमिली आउटिंग से बेहतर कुछ नहीं हो सकता. पहले से योजना बना कर सारी तैयारियां कर लें. पूरे साल में एक ट्रिप जरूर प्लान करें, क्योंकि जितनी दूर जाएंगे अपनों के उतना ही करीब आ जाएंगे.

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