जरूरी नहीं की जो मुझ मे काबिलियत है वो तुम मे भी हो ,या जो तुम्हें  आता है वो मुझे भी आये.ये कथन हर किसी के  लिये स्टिक है चाहे बच्चा हो या बड़ा. ऐसा मुमकिन नहीं है की हर बच्चे की  बुद्धि का विकास  एक समान होता है. कुछ पढ़ाई मे ज्यादा अच्छे  होते  हैं तो कोई खेल में.प्रत्येक बच्चे  के अंदर एक सामान्य ऊर्जा होती है बस जरूरत है तो उस ऊर्जा को नया आयाम देने की . बच्चे की प्रतिभा को अच्छी तरह सिर्फ उसके माता -पिता या टीचर्स ही समझ सकते हैं इसीलिये इन्ही को जरूरत है उस कमजोर बच्चे की पढ़ाई पर ज्यादा ध्यान देने की और उसमे एक नया आत्मविश्वास जगाने की. उसके  मन मे   एकग्रता बढ़ाने  की .

कैसे पढ़ाएं बच्चे को

अगर आपका बच्चा पढ़ाई मे कमजोर है तो ये टिप्स आजमाएं और अपने बच्चे मे फर्क पाएं-

1. सही जगह का करें चुनाव

परिवेश और वातावरण का पढ़ाई पर बहुत असर पड़ता है.  बच्चे मे एकग्रता लाने के  लिये जरूरी है  की उसे एक अलग कमरे मे  पढ़ाएं .बच्चे को टेबल चेयर पर बैठ कर पढ़ने की आदत डालें क्युकी चेयर पर पढ़ने से रीढ़ की हड्डी सीधी रहती है जिस से एकग्रता बनी रहती है . जब तक आप बच्चे को पढ़ाएं किसी को  भी डिस्टर्ब न करने दे.

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2. बच्चे की नहीं करें पिटाई

अगर बच्चे की समझ मे कोई चीज़ नहीं आ रही है तो उस पर चिल्लाये नहीं और न ही उसकी पिटाई करे ऐसा करने से बच्चे के मन मे डर  बैठ जाता  है व पढ़ाई से जी चुराने लगता है .इसलिये उसे प्यार से समझाए .और अगर बच्चा पढ़ाई से ऊब गया हैं तो जबरदस्ती न करें थोड़ी देर उसे उसकी पसंद का काम करने दें .

3. बच्चे की परेशानी समझें

कभी कभी बच्चे को लिखी हुई चीज़े    समझ नहीं आती  इसलिये उसे बोल कर समझाए उसको आसान तरीके मे बदल कर समझाएं  और बच्चे को लिख कर  याद करने की आदत डालें .लिखा हुआ बच्चे को ज्यादा समय तक याद रहता है .

4. पढ़ते वक़्त न करें डिस्टर्ब

जबतक उसका मन पढ़ाई में लगे उसको पढ़ने दें , किसी कार्य के लिए उसे न उठाए. और घर मे आने   जाने वालो से भी उसकी पढ़ाई मैं डिस्टर्बेंस न होने दें .

5. डेली कराएं पढ़ाई

पढ़ाई का एक निश्चित टाइम टेबल बनाये .निर्धारित समय अनुसार पढ़ाई करने बैठे और एक योजना बना कर पढ़ाई करें. रोजाना के जरूरी कार्यो की तरह पढ़ाई को भी यही अहमियत दें. टाइम टेबल को कठिन नहीं बल्कि आसान बनाए जिससे आपको पढ़ाई उबाऊ नहीं लगेगी, बीच-बीच में ब्रेक जरूर लें .

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6. खेलना भी हैं जरूरी

खेलना भी बहुत जरूरी होता है क्यों की खेलने से नई ऊर्जा मिलती है और मानसिक विकास होता है .बच्चे को खेलने का भी निश्चित समय रखें.

7. पर्याप्त  नींद है जरूरी

अच्छी नींद से हॉर्मोन सही तरीके से रेगुलेट होते हैं जिससे माइंड तेज होता है और शरीर को भी आराम मिलता है जिससे पढ़ा हुआ याद रखने में मदद मिलती है. 7 -8घंटे की नींद बच्चे  को जरूर लेने दें .

8. योग की डालें आदत

रोजाना सुबह 20 मिनट तक योगा करें , इससे  पढ़ाई में एकाग्रता बढ़ेगी ,और  दिमाग के ध्यान लगाने की क्षमता तेज होगी , शरीर पूरे दिन ऊर्जावान रहेगा .

9. खान पान का रखें ध्यान

बच्चे की उम्र के हिसाब से खाना  खिलाये .पोस्टिक तथा बुद्धिवर्धक चीज़े दें जैसे – रोज़ कम से कम दस बादाम रात में पानी में भिगोकर दें, सूखे मेवा दें ,दूध अवश्य दें, अगर आप शाकहारी हैं तो अपने बच्चे को हफते में दो बार मछली अवश्य खिलाये, हरी सब्ज़ी , फल , दूध से बनी हुई प्रोटीन तथा आयरन कैल्शियम से युक्त चीज़े उसे अवश्य खिलाए.

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