अंजूजब कहती है कि मु झे तो घर के कामों से फुरसत ही नहीं मिलती जो सोशल मीडिया पर रहूं, मु झे तो शौक ही नहीं है तो उस की सहेलियां रेनू और दीपा हंस रही होती हैं. उस समय तो दोनों चुप रहती हैं पर बाद में दोनों इस बात पर अंजू की जो छीछालेदर करती हैं, अंजू अगर सुन ले तो इन दोनों के सामने कभी भोली बनने का नाटक न करे.

इस समय यही तो हो रहा है, अंजू की बात पर दोनों अकेले में हंस रही हैं. दीपा कह रही है, ‘‘यार, यह किसे बेवकूफ सम झती है, हर समय फेसबुक पर औनलाइन दिखती है. इस से किसी की पोस्ट पर न लाइक का बटन दबता है, न कमैंट करती है, जौब यह करती नहीं, बच्चे बड़े हो गए हैं, पढ़ने का कोई शौक है नहीं, सारा दिन इस के नाम के आगे ग्रीन लाइट जलती रहती है. सोच रही हूं एक स्क्रीनशौट इसी का ले कर इसी को दिखा दूं किसी दिन. तभी इस  झूठ से हमारा पीछा छूटेगा. यार, इसे पता नहीं है कि अब किसी की लाइफ प्राइवेट नहीं रही.’’

रेनू हंसी, ‘‘सोशल मीडिया कमाल की चीज है, भाई. लोग अपनेआप को होशियार सम झ रहे होते हैं. उन्हें पता ही नहीं चलता कि उन पर कैसी पैनी नजरें रखी जाती हैं. हीररां झा को ही ले लो,’’ इतना कहते ही दोनों फिर हंसहंस कर लोटपोट होती रहीं.

राज खुलने का भय

बात यह है कि रेनू और दीपा दोनों एक ही स्कूल में टीचर्स हैं इन्हीं के स्कूल में लाइब्रेरियन हैं दीपकजी और ड्राइंग टीचर हैं, सपनाजी. दोनों की उम्र 55 के आसपास है. दीपकजी जरा रंगीन तबीयत के इंसान हैं. महिलाओं से बात करना उन्हें खूब भाता है. महिला किसी भी उम्र की हो, कोई फर्क नहीं पड़ता, बस महिला होनी चाहिए. सपनाजी के दोनों बच्चे विदेश में हैं. यहां अपने रिटायर्ड पति के साथ रहती हैं. उम्र तो 55 हो गई पर दिल 20 पर ही अटक गया है.

एक दिन लाइब्रेरी में कोई बुक लेने गईं तो दीपकजी से ऐसे दिल मिला कि आज रेनू और दीपा जैसी शैतान, नटखट टीचर्स ने उन का नाम ही हीररां झा रख दिया है. इन की चोरी सब ने फेसबुक और इंस्टाग्राम पर ही तो पकड़ी. अब सब लोग फेसबुक पर तो एकदूसरे के फ्रैंड्स हैं ही.

सपनाजी या दीपकजी बस कोई पोस्ट डाल दें, ऐसा मनोरंजन होता है सब का सारा दिन लोग स्कूल में दोनों की तरफ इशारे करते घूमते हैं. दोनों एकदूसरे की पोस्ट पर इतनी तारीफ भरे लंबेलंबे कमैंट करते हैं कि कुछ दिन तो लोगों ने हलके में लिया पर बात छिपी न रही, सब को सम झ आ गया कि कुछ तो है जिस की परदादारी है. अब तो यह हाल है कि रां झा ओह सौरी दीपकजी अगर एक पोस्ट मिले तो सब इंतजार करते हैं कि अभी देखते हैं. आज ही ओह सौरी सपनाजी क्या लिख कर  झंडे गाड़ेंगी. ऐसा लगता है कि बस लंबे कमैंट लिख कर एक दूसरे के गले में ही लटक जाएंगे किसी दिन.

अगर किसी दिन सपना हीर, यही नाम हो गया है अब इन का. कोई अपना पुराना फोटो डाल दें तो उफ, यह एडल्ट लव स्टोरी… रां झा दीपक के कमैंट पर सारा दिन शैतान जूनियर टीचर्स एकदूसरे को फोन कर के हंसती हैं. अब बेचारे इन दोनों अधेड़ आशिकों को सपने में भी उम्मीद नहीं होगी कि वे कितना बदनाम हो चुके हैं, दोनों अच्छेभले अपने रोमांस पर उम्र का परदा डाले चल रहे थे पर सोशल मीडिया ने सारे भेद खोल दिए.

बेवकूफ बनते लोग

अब बात सीमा की जो एक उभरती सिंगर है, अभी तक तो सोसाइटी और कालेज के प्रोग्राम में गागा कर अपना शौक पूरा कर रही थी पर उस की फ्रैंड नेहा उस से थोड़ी तेज है. नेहा भी सिगिंग में आगे बढ़ना चाहती है. दोनों के 1 ही बेटा है जो अभी छोटे हैं. दोनों के पति फुल सपोर्ट करते हैं. अचानक नेहा ने सीमा को बताया कि मशहूर गायक सुधीर वमास ने उसे मिलने के लिए बुलाया है तो सीमा का दिमाग घूम गया कि इसे कैसे बुला लिया?

यह भी तो मेरे जैसी ही है. इसे कैसे यह मौका मिला? उस ने पूछ ही लिया, ‘‘अरे, पर तु झे ये मिले कहां?’’

‘‘इंस्टाग्राम पर फौलो करती हूं.’’

‘‘तो इस से क्या हुआ? वह तो मैं भी

करती हूं.’’

‘‘बस वे धीरेधीरे मु झे पहचान गए.’’

सीमा को सम झ नहीं आया कि फौलो करने से क्या होता है. अब दोनों अच्छी सहेलियां हैं पर कंपीटिशन भी तो है, आगे भी तो बढ़ना है. अब सब नेहा ही क्यों बताए. सीमा ने घर जाकर सुधीर वर्मा को हर जगह खंगाल डाला, उन की हर पोस्ट पर नेहा के कमैंट्स दिखे. ओह, तो यह बात है. मैडम हर जगह उन्हें अच्छेअच्छे लंबे कमैंट्स कर के अपने बारे में बताती रही हैं. ओह, मैं कितनी बेवकूफ हूं उन का पेज बस लाइक कर के छोड़ दिया. उफ, चलो, अब भी क्या बिगड़ा है.

अभी शुरू कर देती हूं. फिर तो जहां सुधीर वर्मा, वहां सीमा. रियाज एक तरफ, लाइक्स और कमट्ंस एक तरफ. सुधीर वर्मा क्या, सीमा ने और भी सिंगर्स को फौलो करना शुरू कर दिया है. सारी ताकत उन की नजरों में आने के लिए  झोंक दी है. गाने का क्या है, गा तो लेती ही है.

कोई पूछे तो. कोई चांस तो दे. अब ये पैतरे भला नेहा से कैसे छिपे रहते. सीमा हर जगह दिख रही है, उसे भी औरों को फौलो करना होगा. दोनों आजकल काफी व्यस्त हैं.

नकली लोग नकली कमैंट्स

कालेज की कैंटीन में सुजाता उदास सा मुंह लटका कर बैठी थी. दोस्त रीनी ने पूछा, ‘‘क्या हुआ, बौयफ्रैंड भाग गया क्या?’’

‘‘बकवास मत कर.’’

‘‘तो क्या हुआ?’’

‘‘यार, मैं कितनी ही अच्छी पोएम फेसबुक पर पोस्ट कर दूं, मेरी पोस्ट को लाइक्स ज्यादा क्यों नहीं मिलते? मेरी कजिन रोमा कितना बेकार लिखती है, उसे कितनी वाहवाही मिलती है.’’

‘‘तु झे नहीं पता?’’

‘‘क्या?’’

‘‘वह अपने कितने फोटो मिलाती है पोएम के साथ, वह भी फिल्टर वाली. सीख कुछ, मूर्ख लड़की. ऐसे ही नहीं मिलता सबकुछ. कुछ अदाएं दिखाओ, अपने जलवे दिखाओ, लिखो चाहे बेकार पोएम पर अपने को दिखाओ. तुम्हारी कजिन को उस की पोएम पर नहीं, उस के नकली फोटो पर लाइक्स मिलते हैं.’’

सुजाता को बात सम झ आई. रीनी का कहा माना, अब वह खुश है.

आशिकी के फसाने

तो बात यह है कि सोशल मीडिया पर आप कितने ही अपनेआप को बुद्धिमान सम झ रहे हों, आप पर नजर रखने वाले आप से ज्यादा होशियार हैं. आप कभी भी बोर हो रहे हों, आप के पास बहुत टाइम हो तो आराम से सोशल मीडिया पर टाइम खराब कर सकते हैं. देखिए, लोग क्याक्या कर रहे हैं, कहीं जाना भी नहीं, ओमीक्रोन का टाइम है, सब से सेफ है सोशल मीडिया पर मनोरंजन करना. बस दूसरों को बैठ कर देखिए, पर अंजू की तरह यह कहने की गलती न कीजिए कि आप सोशल मीडिया पर नहीं रहते, सब को आप की प्रैजेंस का पता रहता है.

घर में बंद बैठ कर थोड़ा मनोरंजन करना आपका हक है. आराम से दूसरों के मामलों में टांग अड़ाइए. सोशल मीडिया बहुत काम की चीज है, जिस के बारे में पता करना हो, खंगाल लिए उसकी लाइफ को और फिर भोले बन कर आशिकी के उन फसानों का आनंद लीजिए जिन में हीर रां झा जैसे लोग एकदूसरे में डूबे हैं.

दोस्तों के साथ हंसी, मस्ती जरूर करें, बस आप के इस मनोरंजन से किसी को कोई नुकसान न पहुंचे, इस बात का ध्यान जरूर रखें.

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