जब कोई आप को थप्पड़ मारता है तो क्या होता है? क्या बस एक सेकंड का दर्द हो कर सब नॉर्मल हो जाता है? नहीं, ऐसा नहीं है. बॉयफ्रेंड या पार्टनर के हाथों जब आप को थप्पड़ मारा जाता है तो गालों पर चोट लगने के साथ कानों में एक सनसनी सी गूंजती है जो पूरे शरीर को पत्थर सा बना देती है. आप अपना संतुलन खो बैठती हैं क्योंकि यह चोट दिल में कहीं गहराई तक जा कर लगती है. आप का चेहरा लाल हो जाता है, कान में थप्पड़ की आवाज गूंजती रहती है और दूसरी सभी आवाजें म्यूट हो जाती हैं. बहुत समय लगता है सब कुछ

नॉर्मल होने में या फिर यह कहें कि वह रिश्ता फिर कभी नॉर्मल हो ही नहीं पाता. कभी लाचारी में और कभी प्यार में स्त्री कई बार सब सहती रहती है. हिंसा पर बेबसी का aहसास और इस का आदी हो जाना बहुत से मामलों में महिला को अवसाद की ओर ले जाता है जहां दर्द उन की जिंदगी का हिस्सा बन जाता है. कई बार लड़कियां या महिलाएं अपने पार्टनर के खिलाफ कुछ नहीं बोलतीं और इस बात को नकारती हैं कि उन के साथ दुर्व्यवहार हो रहा है. इस का एक बड़ा कारण पुरुषों द्वारा आत्मग्लानि का शातिराना दिखावा करना होता है. महिला फिर से पुरुष को मौका देती है. यह प्रक्रिया बार बार दोहराई जाती है और तब कई बार अंत बहुत बुरा होता है.

हाल ही में मानवीय संवेदनाओं को झकझोर देने वाली एक घटना ने सब का ध्यान खींचा है. दक्षिणी दिल्ली के छतरपुर इलाके में 28 साल के आफ़ताब पूनावाला ने 18 मई को अपनी गर्लफ्रेंड और लिव इन पार्टनर श्रद्धा वालकर ( 27 वर्ष ) की बहुत ही दरिंदगी के साथ हत्या कर दी. फिर शव के कई टुकड़े कर फ्रिज में रखा और इन्हें धीरेधीरे शहर के कई हिस्सों में फेंकता गया. दोनों की मुलाकात मुंबई में एक डेटिंग एप के ज़रिए साल 2018 में हुई थी. 2019 में श्रद्धा ने अपनी मां को अपने बॉयफ्रेंड आफ़ताब के बारे में बताया था और साथ रहने की इच्छा जताई थी. लेकिन मां ने अलग धर्म होने की वजह से इनकार कर दिया था. इस के बाद श्रद्धा ने नाराज़ हो कर घर छोड़ दिया और आफ़ताब के साथ लिव इन में रहने लगी.

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