कोरोना के चलते भारत सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक देश में डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा दे रहे हैं. वर्ष 2021 तक देश में डिजिटल लेनदेन चारगुना बढ़ने की उम्मीद है. देश में अधिकतर लोग डिजिटल लेनदेन के लिए यूपीआई यानी यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस का काफी इस्तेमाल करते हैं. इस के जरिए हर महीने करोड़ों का लेनदेन होता है, लेकिन सवाल यह उठता है कि यूपीआई आखिर कितना सुरक्षित है. यही नहीं डिजिटल लेनदेन ग्राहकों के लिए लाभदायक होने के साथसाथ ठगी का माध्यम भी बन रहा है.

देश में तकनीकी उन्नति के साथ ही ऑनलाइन धोखाधड़ी ने भी तेजी से पांव पसारने शुरू कर दिए हैं. साइबर ठग लोगों को खूब चूना लगा रहे हैं. हैकर्स आम लोगों को ठगने के लिए रोज नएनए तरीके ईजाद कर रहे हैं. आएदिन साइबर क्राइम की घटनाएं अखबारों की सुर्खियों में रहती हैं. इसलिए हम आप को सुरक्षित लेनदेन के लिए कुछ जरूरी बात बताने जा रहे हैं, जिन के माध्यम से आप धोखाधड़ी का शिकार होने से बच सकते हैं :

1. यूपीआई पिन का इस्तेमाल, सुरक्षित एप्लिकेशन पर ही करें

नुकसानदायक ऐप्लीकेशन आप के फोन के माध्यम से आप की निजी जानकारी का पता लगा सकते हैं. इस में भुगतान से जुड़ी जानकारी भी शामिल है. आप को ऐसी ऐप्लीकेशन से बचना चाहिए. अपने यूपीआई पिन का इस्तेमाल सजगता से करें, क्योंकि इस से आप जालसाजों के चंगुल में फंस सकते हैं. सावधानी के लिए भीम यूपीआई जैसी सुरक्षित ऐप्लिकेशन पर ही यूपीआई पिन का इस्तेमाल करें. अगर किसी वेबसाइट या फौर्म में यूपीआई पिन डालने के लिए लिंक दिया गया हो, तो उस से बचें.

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