सांपों की रहस्यमयी कथाओं पर बनाई गयी फिल्में और उनकी कहानियां लोग बहुत दिलचस्प से देखते हैं. सबसे ज्यादा जहरीला और आकर्षक जीव होने की वजह से, यह रिसर्च और वाइल्डलाइफ में दिलचस्पी लेने वालों का भी ध्यान अपनी ओर आकर्षित करता है. इसमें भी कोई शक नहीं है कि सांप की विशेष जातियां पर्यटकों का भी ध्यान अपनी ओर आकर्षित करते हैं. चलिए इस लेख में हम कुछ मुख्य सांपों के उद्यान की यात्रा करते हैं और उनकी कुछ जातियों का पता लगाते हैं.
स्नेक पार्क, कोलकाता
कोलकाता का स्नेक पार्क पूर्वी भारत का सबसे पहला स्नेक पार्क है. यह स्नेक पार्क वन्यजीव संरक्षणवादी और सरिसर्पवैज्ञानिक, श्री दीपक मित्रा के कोशिशों द्वारा स्थापित किया गया. कोलकाता का यह स्नेक पार्क 2 एकड़ के घने जंगलों में फैला हुआ है, जो जगह सांपों के संरक्षण के लिए सबसे अच्छी जगह है. सर्पों के अलावा यह कई स्तनधरियों, सरीसृपों और पक्षी की जातियों का भी वासस्थल है. पीले रंग की एक खास छिपकली की जाति भी यहां का मुख्य आकर्षण का केंद्र है.
कट्राज स्नेक पार्क
कट्राज स्नेक पार्क, पुणे के राजीव गांधी जूलॉजिकल पार्क में स्थापित एक बहुत ही आकर्षक पार्क है. पुणे के इस स्नेक पार्क में बहुत बड़ी संख्या में सांपों की कई सारी प्रजातियां हैं, जैसे कोब्रा, इंडियन रॉक, पाइथॉन, वाइपर्स और किंग कोब्रा आदि. इस पार्क की एक खास बात यह है कि, यह संगठन सांपों के उन्मूलन की गलतफहमी को दूर करने के लिए कई सारे जागरूक कार्यक्रमों का भी आयोजन करता है. यह संगठन सांपों के संरक्षण के लिए वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी सांपों की जातियों का उन्मूलन करता है. इस संगठन द्वारा लोगों को धार्मिक उद्देश्यों के लिए सांपों के साथ दुर्व्यवहार करने से रोकने के लिए भी शिक्षित किया जा रहा है. इसलिए पुणे का यह स्नेक पार्क भारत के प्रमुख सर्प उद्यानों में से एक है.
बान्नेरघाटा स्नेक पार्क, बेंगलूरु
बान्नेरघाटा स्नेक पार्क, बेंगलुरू के बान्नेरघाटा नैशनल पार्क का ही एक हिस्सा है. यह पर्यटकों के बीच मुख्य आकर्षणों में से एक है. यह स्नेक पार्क कई आकर्षक जातियों के साथ लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करता है. बान्नेरघाटा स्नेक पार्क को भारत के प्रमुख सर्प उद्यानों में से एक भी कहा जाता है.
परिस्सिनिकदावु स्नेक पार्क, कन्नूर
परिस्सिनिकदावु, मुथप्पन मंदिर के साथ-साथ वहां के स्नेक पार्क के लिए भी प्रसिद्ध है. परिस्सिनिकदावु स्नेक पार्क कई सारे विषैले और निर्जीविष सांपों की प्रजातियों के लिए प्रसिद्ध है, जो कुन्नूर में आए पर्यटकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करते हैं. यह केरल के एन.एच 17 से लगभग 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थापित साँपों का एक अनुसंधान और संरक्षण केंद्र भी है. यहाँ पर कोब्रा, पीट वाइपर्स, पाइथॉन आदि जैसी विशेष जातियां, पर्यटकों को देखने के लिए मिलेंगे.
गिनडी स्नेक पार्क, चेन्नई
गिनडी स्नेक पार्क या चेन्नई स्नेक पार्क संगठन, भारत का सबसे पहला सरिसृप पार्क है, जो सन् 1972 में स्थापित किया गया था. यह सर्प उद्यान भारत के ही कई सांपों की प्रजातियों के साथ-साथ विदेशी प्रजातियों का भी वास स्थल है. गिनडी स्नेक पार्क सांपों के प्रजनन और अनुसंधान का भी केंद्र है, जिसे प्रसिद्ध सरिसर्पवैज्ञानिक रॉम्युलस वाइटेकर द्वारा स्थापित किया गया था.
आज यह बड़े ही दुख कि बात है कि, साँपों की प्रजातियों पर भी भूमंडलीकरण का दुष्प्रभाव पड़ रहा है. हमें सबसे ज्यादा जरूरत है कि हम सांपों की प्रजातियों को लुप्त होने से बचा सकें. शुक्र है वन्यजीव के ऐसे ही कई संगठनों का जिनकी वजह से कई विभिन्न जातियों का संरक्षण किया जा सका है और किया जा रहा है. दुर्भाग्य से ये भी कई तरह के धार्मिक प्रथाओं की चपेट में आ रहे हैं, जिससे सांपों की प्रजातियों को सबसे ज्यादा खतरा है. तो इसलिए अब हमारे लिए सबसे ज्यादा जरूरी है कि, हम सांपों के बारे में ओर ज्यादा जाने और लोगों को भी इनके बारे में शिक्षित करें.