प्राचीन एवं नवीन तकनीकों को समेटे हुए कोपनहेगन न केवल डेनमार्क की राजधानी है, वरन विश्व पटल में अपना एक विशिष्ट स्थान भी रखता है. जलवायु परिवर्तन पर विश्वव्यापी सम्मेलन 2009 में यहां हुआ, जिस ने संपूर्ण विश्व का ध्यान इस शहर की ओर आकृष्ट किया. यहां अनेक पर्यटन स्थल हैं. उन में जो खास हैं, उन के बारे में आप को यहां बताया जा रहा है.

टिवोली पार्क

कोपनहेगन ही नहीं, डेनमार्क का भी सब से आकर्षक पर्यटन स्थल है ऐतिहासिक टिवोली पार्क. टिवोली पार्क को सब से पहले जनता के लिए 1843 में खोला गया था. आज यह सब से पुराना मनोरंजन पार्क है. यह पार्क अप्रैल से सितंबर तक और क्रिसमस सीजन मेें 18 नवंबर से 23 दिसंबर तक सुबह 11 बजे से देर रात तक खुलता है. 21 एकड़ में फैले इस पार्क में बच्चों के झूले, निशानेबाजी गैलरी, गेम्स औफ चांस, गरम हवा के गुब्बारे की सैर, लकड़ी का रोलर कौस्टर तथा अनेक आइटम हर उम्र के व्यक्तियों लिए उपलब्ध हैं. इस के अलावा आउटडोर कंसर्ट एवं थिएटर परफौरमैंस भी यहां होती हैं. टिवोली पार्क में कैफे, रेस्तरां के साथसाथ हंसों से भरी झील तथा हजारों खुशबूदार फूलों से भरे बगीचे हैं. शाम होते ही यह पार्क रोशनी से जगमगा उठता है.

लिटल मरमेड

डेनमार्क में पर्यटकों का सब से प्रसिद्ध स्थल है लिटल मरमेड. कोपनहेगन बंदरगाह के आफशोर पर स्थित लिटल मरमेड को डेनमार्क का लैंडमार्क एवं कोपनहेगन सिटी का पर्याय माना जाता है. डेनिश लेखक हैंस क्रिस्टियन ऐंडरसन को इस का जनक माना जाता है. ऐंडरसन ने 1837 में ‘फेयरीटेल औफ द लिटल मरमेड’ किताब लिखी तथा डिजनी ने इस पर फिल्म बनाई. जबकि कोपनहेगन ने अपने बंदरगाह पर इस की प्रतिमा स्थापित की. आज भी लिटल मरमेड की प्रतिमा वाला स्थल डेनमार्क का सब से पौपुलर पर्यटन स्थल है तथा इस प्रतिमा को विश्व की सब से अधिक चित्रित प्रतिमा भी माना जाता है.

द राउंड टावर

इसे रूंडटेरन भी कहा जाता है. यह यूरोप की सब से पुरानी फंक्शनिंग आब्जर्वेटरी है तथा 1642 से कार्यरत है. इस के अंदरूनी भाग में सर्पिलाकार रास्ता है. इसे क्रिस्टियन चतुर्थ ने बनाया और ऐस्ट्रोनोमर आज भी इस का उपयोग करते हैं. यह आब्जर्वेटरी एक बाहरी प्लेटफार्म से घिरी है, जिस से पर्यटक पुराने कोपनहेगन का अद्भुत नजारा देख सकते हैं. यहां जाने के लिए एक सर्पिलाकार रास्ते से जाना पड़ता है. यह गरमियों में रविवार को दोपहर तक खुलता है जबकि सर्दी में मंगलवार तथा बुधवार की शाम को खुलता है. इस के अतिरिक्त यहां का विशालकाय पुस्तकालय एवं ओपेरा हाउस भी दर्शनीय हैं.

ऐमेलिएन बोर्ग पैलेस

यह क्रिक्टियन बोर्ग पैलेस जला कर गिराने के बाद 1794 से शाही परिवार का निवास है. यहां 4 बड़े निवास एक बडे़ स्क्वायर के चारों ओर निर्मित हैं. यहां शाही परिवार दिसंबर से अप्रैल तक रहता है, जबकि महारानी मार्गरेथी एवं उन के पति प्रिंस हेनरिक गरमी में उत्तरी जियालैंड के फ्रीडेंसबोर्ग पैलेस में रहते हैं. यहां पारंपरिक वेशभूषा में सज्जित शाही गार्ड हर दिन 11:45 बजे बदलते हैं, जिन की परेड देखने अनेक लोग आते हैं. 1994 के बाद इस शाही महल के कुछ हिस्सों को पर्यटकों हेतु खोल दिया गया है. यहां जाने के लिए मैट्रो कोनजेंस नाइट्रोव स्टेशन पर उतर कर 5 मिनट की पैदल यात्रा से जा सकते हैं. इन सब के अतिरिक्त कोपनहेगन का बाजार, यहां की इमारतें एवं मानव निर्मित झीलें भी दर्शनीय हैं. कोपनहेगन में जहां पुरानी शैली के मकान एवं बाजार हैं, वहीं आधुनिक शैली की इमारतें भी हैं.

कैसे जाएं

कोपनहेगन जाने हेतु सब से सरल रास्ता दिल्ली/मुंबई से फिनलैंड जाना है और वहां से विमान बदल कर कोपनहेगन पहुंचा जा सकता है. इस के अलावा डेनमार्क के अन्य पड़ोसी देशों के शहरों से भी कोपनहेगन की हवाई सेवा उपलब्ध है. स्वीडन, जरमनी आदि से कोपनहेगन हेतु बस एवं ट्रेन सेवा भी उपलब्ध है.           

– नवीन कुमार बौहरा

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