Workation : वर्केशन आजकल के युवाओं का नया वर्क कल्चर है जिस में वे घर से दूर रिमोट एरियाज में रह कर काम करना पसंद करते हैं. इंग्लिश वर्ड वर्क + वेकेशन से मिल कर बना यह शब्द उन युवाओं का सब से फेवरिट शब्द है जिस में वे एक जगह रुक कर काम करने के स्थान पर अलगअलग जगहों पर जा कर काम करते हैं.
कोरोना के बाद से ही कुछ कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को वर्क फ्रौम होम दे दिया है, जिस के कारण एक ही कमरे और एक ही स्थान पर निरंतर काम करने के कारण धीरेधीरे काम और जगह दोनों से ही बोरियत होना प्रारंभ हो जाती है और इस का असर सीधे उन के काम पर भी पड़ने लगता है. इस बोरियत से बचने के लिए युवा अपना लैपटौप और औफिस का अन्य जरूरी सामान ले कर दूरस्थ स्थानों पर चले जाते हैं और वहां रह कर जहां दिन में वे अपना कार्य करते हैं और शेष समय में वे आसपास के स्थानों पर घूमते हैं और इस तरह वे एकसाथ कई काम कर लेते हैं.
ताकि काम की प्रोडक्टिविटी बनी रहे
कई कंपनियां भी अपने कर्मचारियों को औफिस और घर से दूर रह कर कार्य करने को परमिट करती हैं ताकि काम में प्रोडक्टिविटी बनी रहे.
युवाओं में इस के लोकप्रिय होने का एक अन्य कारण यह भी है कि वर्केशन के दौरान घूमने के लिए उन्हें अतिरिक्त अवकाश की आवश्यकता नहीं होती.
वर्केशन के लाभ
एक मल्टीनैशनल कंपनी में घर से ही काम कर रही अनामिका कहती है,”पिछले 1 साल से उसी कमरे, लैपटौप और घर वालों के चेहरे देख कर मुझे बोरियत होने लगी थी तभी मेरी एक सहेली के साथ मैं ने हिमाचल प्रदेश के बिर नामक स्थान पर रह कर 1 माह तक काम किया. नो डाउट, इस दौरान मेरे काम की क्वालिटी और प्रोडक्टिविटी में बहुत सुधार आया था क्योंकि वहा का माहौल अलग था और मैं अपने काम पर पहले से अधिक फोकस कर पा रही थी.
अश्विन हर दूसरे माह 15 दिन के लिए अपनी वर्किंग वाइफ के साथ अपने घर से दूर किसी दूसरी जगह जा कर काम करता है. दोनों कामकाजी हैं और एकसाथ किसी भी होटल में जा कर काम करते हैं। वह कहता है कि पहले जहां हम दोनों एक ही फ्लैट के अलगअलग कमरे में बैठ कर काम करते थे, शाम तक एकदूसरे पर झींकना शुरू कर देते थे। पर अब हर दूसरे महीने नई जगह जाने का इंतजार रहता है और काम खत्म कर के उस जगह को घूमने का. इस तरह हम दोनों ही बहुत अच्छी तरह वर्क लाइफ बैलेंस कर पा रहे हैं.
वर्केशन के लिए युवा बहुत अधिक भीड़भाड़ वाले स्थानों की अपेक्षा शांति वाले स्थानों पर जाना अधिक पसंद करते हैं. इसलिए यहां पर उन के लिए घूमना भी काफी सस्ता होता है.
भोपाल में रहने वाली आकांक्षा ने 15 दिन तक मांडू के एक होमस्टे में रुक कर काम किया। वह कहती है,”यहां रहना काफी सस्ता तो पड़ा ही, साथ ही घूमने के लिए अलग से छुट्टियां भी नहीं लेनी पड़ीं, दूसरे 15 दिन रुकने से मैं यहां की सारी जगहों को अच्छी तरह से ऐक्सप्लोर भी कर पाई. नए लोगों और नई जगहों को देखने से मेरी सोच और काम को भी काफी प्रभावित किया.
वर्केशन के अपने अनुभव को साझा करते हुए पुलकित कहता है,“लंबे समय से घर में मम्मीपापा बीमार थे और मैं काम कर रहा था. कंपनी बारबार वार्निंग दे रही थी. अपनी पत्नी के कहने पर मैं ने कुछ दिनों के लिए घर से दूर जा कर रिमोट एरिया में एक होमस्टे से काम किया. इस दौरान निस्संदेह मैं अपने काम पर अच्छे से फोकस कर पाया.”
रखें इन बातों का भी ध्यान
अपनी कार्य क्षमता को बढ़ाने का बहुत अच्छा माध्यम है वर्केशन क्योंकि जब आप औफिस जाते हैं तो एक ही दिन में भांतिभांति के लोगों से मिलते हैं, गप्पें लगाते हैं जिस के कारण आप पर काम हावी नहीं होने पाता। वहीं घर से काम करते समय आप रोजरोज उसी स्थान और लोगों से बोर होना प्रारंभ हो जाते हैं. वर्केशन का प्लान करते समय निम्न बातों का ध्यान रखना अत्यंत आवश्यक है :
● जिस भी जगह पर आप जा रहे हैं उस का प्लान पहले से बनाएं ताकि अपने रहने की बुकिंग समय रहते कर सकें.
● चूंकि आजकल लगभग काम इंटरनैट से होते हैं इसलिए स्थान चुनने से पहले वहां नैट की उपलब्धता सुनिश्चित कर लें.
● जिस स्थान पर आप जा रहे हैं उस की समस्त जानकारी अपने किसी दोस्त या परिवार वालों को दे कर जाएं ताकि किसी भी मुसीबत के समय संपर्क किया जा सके.
● अकसर युवा अविवाहित बेटियों को इस तरह से भेजने के लिए माता हपिता तैयार नहीं होते। ऐसे में विद्रोह करने की जगह उन्हें प्यार से वर्केशन के बारे में डिटेल जानकारी दें। साथ ही प्रारंभ में कम दिनों का प्लान बनाएं ताकि मातापिता को आप आगे के लिए तैयार कर सकें.
● बजट फ्रैंडली स्थान का चयन करना आवश्यक है ताकि आप कम खर्चे में अपना काम कर सकें.