ऐसे संभालें मैरिड लाइफ

आजकल पढ़ीलिखी लड़कियां शादी के 2-3 साल बाद ही तलाक लेने के लिए मजबूर हो जाती हैं. आखिर क्यों तलाक की नौबत आती है, आइए जानते हैं:

तलाक के कारण

  1. पतिपत्नी को एकदूसरे का व्यवहार पसंद न आना.
  2. दोनों में से किसी एक के घर वालों की दखलंदाजी तथा उन के ऊपर उन का अत्यधिक प्रभाव.
  3. दोनों या किसी एक को छोटीछोटी बातों पर भी गुस्सा आना.
  4. अहं का टकराव.
  5. अच्छे संस्कारों की कमी.
  6. रिश्तों को दिमाग से तोलना.
  7. लड़के का सपनों का सौदागर न निकलना.
  8. कई बार लड़की या लड़का एकदूसरे का चेहरा या बाहरी दिखावा देख कर आकर्षित हो जाते हैं, परंतु शादी होते ही एकदूसरे का वास्तविक व्यवहार सामने आने पर लड़ाईझगड़ा शुरू हो जाता है.
  9. कुछ लड़कियां शादी के बाद तलाक को कमाई का जरीया भी बना लेती हैं.
  10. आजकल के लड़केलड़कियां प्रेम किसी और से करते हैं पर घर वालों के डर से शादी किसी और से कर लेते हैं.

तलाक के नुकसान

  1. पहली शादी में जैसा पति या पत्नी मिलती है दूसरी शादी में वैसा ही पति या पत्नी मिले यह जरूरी नहीं. कोई न कोई समझौता करना ही पड़ता है.
  2. चूंकि पहला रिश्ता बहुत सोचसमझ कर किया जाता है, इसलिए समाज में थोड़ी मानप्रतिष्ठा बढ़ जाती है. लोग भी बधाई देते समय कहते हैं कि बहुत अच्छा रिश्ता मिला. ऐसा दूसरी बार नहीं मिल पाता.
  3. दूसरी बार जो साथी होगा, हो सकता है वह पहले जितना पढ़ालिखा या अमीर न हो. दूसरी शादी में जो लड़की या लड़का होता है वह ज्यादातर उम्मीद से कम ही होता है.
  4. रिश्ता टूटने पर बहुत दुख भी होता है और यह बात वही जानता है जिस का रिश्ता टूटता है.
  5. जब तक दूसरी शादी नहीं हो जाती तब तक लड़की तथा उस के अभिभावकों को असुरक्षा की भावना घेरे रहती है.

तलाक समाधान नहीं

  1. मांबाप समाज में लोगों से नजरें नहीं मिला पाते.
  2. फिर दूसरी शादी करने पर इस बात की क्या गारंटी है कि वह सही चलेगी. दूसरी शादी करने पर लड़का या लड़की न चाहते हुए भी हर बात सहते हैं, क्योंकि उन्हें डर रहता है कि कुछ कहा तो कहीं यह शादी भी न टूट जाए.
  3. पहले पति या पत्नी की याद हमेशा दुख देती है.
  4. किसी भी तलाकशुदा लड़की को मांबाप ज्यादा समय तक घर में नहीं रखते. उस की जल्दी से जल्दी दूसरी शादी करवाना चाहते हैं. कई बार लड़की खुद भी मांबाप के घर में खुद को उन पर बोझ समझने लगती है.
  5. तलाकशुदा होने पर लड़की समाज में अकेला रहने पर असुरक्षित भी महसूस करती है.

समाधान

अगर तलाक के इतने नुकसान हैं तो फिर जहां तक हो सके रिश्ते को संभालने की कोशिश करनी चाहिए. अगर कोई पति मारपीट करता है, शक करता है या फिर साइकिक है, तो उस का कोई हल नहीं. उस के लिए आप एनजीओ की मदद लें या पुलिस की. तलाक लेना जायज है, परंतु आजकल ज्यादातर तलाक अहं के टकराव की वजह से हो रहे हैं.

  1. शादी से पहले लड़कालड़की को एकदूसरे से अकेले में मिलने दें. उन्हें एकदूसरे को समझने का पर्याप्त समय मिलना चाहिए.
  2. अभिभावकों को अपने बच्चे की कमजोरियां पता होती हैं जैसे गुस्सा आना या कोई और कमी होना आदि. ऐसे में उन्हें अपने बच्चों से पूछते रहना चाहिए कि तुम्हारी इस बात पर तुम्हारी होने वाली पत्नी या पति ने कैसी प्रतिक्रिया व्यक्त की.
  3. रिश्ते को दिमाग से नहीं दिल से जोड़ने की कोशिश करें. हर लड़कालड़की कहीं न कहीं एकदूसरे में अपना प्रेमी या प्रेमिका भी ढूंढ़ रहा होता हैं.
  4. अगर अपने मंगेतर को देख कर आप के दिल की धड़कनें नहीं बढ़तीं या आप को खुशी नहीं मिलती तो आप इस रिश्ते पर दोबारा विचार करें.

अच्छी सोच

अकसर देखा गया है कि लगभग सभी घरों में सासससुर आपस में बहुत अच्छी तरह से रिश्ते निभा रहे होते हैं और आप सोचती हो कि मेरा पति इन के जैसा क्यों नहीं? पहले वे भी आप की तरह लड़ते रहे होंगे, परंतु रिश्ता सींचने में उन्हें समय मिल गया. सोचो एक दिन आप का रिश्ता भी ऐसा ही हो जाएगा.

  1. रिश्ते को समय दें. कुछ सह लें तो कुछ मना लें.
  2. लड़केलड़की में परिपक्वता तथा तजरबे की कमी होती है, क्योंकि आजकल बच्चे ज्यादा समय पढ़ाई को देते हैं. फिर संयुक्त परिवार भी नहीं देखा होता, इसलिए किसी दूसरे के साथ घर में रहने के तौरतरीकों की समझ भी कम ही होती है. ऐसे में अभिभावकों को इन की मदद करनी चाहिए.
  3. समाज की एक दुविधा यह भी है कि लड़की को ही अपने मांबाप का घर छोड़ कर लड़के के घर जाना पड़ता है. इस बात से दुखी होने के बजाय आप इस के फायदे ढूंढें़.

दिल में जगह

  1. अपने रिश्ते तथा घर की हर बात अपने मांबाप या रिश्तेदारों को बताना सही नहीं. वे नहीं जानते कि आप जो बात कर रही हैं, उस में आप का क्या रोल था. उन की सलाह आप को महंगी भी पड़ सकती है.
  2. कुछ ही सालों में आप अपने पति का दिल जीत लेंगी और उसी घर में रानी के समान बन जाएंगी, क्योंकि समय रुकता नहीं है. एक समय ऐसा भी आता है जब सासससुर बुजुर्ग हो रहे होते हैं और आप के बच्चे जवान.
  3. शादी के बाद पति या पत्नी पर शक करना या उस की आजादी पर अंकुश लगाना रिश्ते को एक बंदिश बना देता है.
  4. आप रात को पति के साथ कमरे में अकेली होती ही होंगी. उस समय का सही उपयोग करें. पति के साथ बैठ कर भावनात्मक बातें करें. धीरेधीरे पति के दिल में जगह बनाएं, क्योंकि आप को यह जंग दिल तथा दिमाग से जीतनी है, तलवार से नहीं.

सब कुछ अनुरूप नहीं

  1. हर इंसान को सब कुछ नहीं मिलता. अत: जो अधूरा है उसे पूरा करने की कोशिश करें.
  2. अकेले में आप अपने पति या पत्नी की बुरी आदतों या फिर वे जो आप को पसंद नहीं हैं उन के बारे में उसे अवगत कराएं.
  3. अगर पति मौडर्न या पुराने विचारों का है तो थोड़ा आप भी बदलें, क्योंकि आप को उस घर में ऐडजस्ट होना है.
  4. अगर पति हर बात अपने मांबाप से करता है, तो आप वही बातें करें, जो मांबाप तक पहुंचें तो कोई गलत प्रतिक्रिया न हो.
  5. बातबात पर रिश्ते को तोड़ने की धमकी न दें. घर छोड़ कर न जाएं तथा जल्दी से नाराज न हों. अगर हों भी तो जल्दी मान जाएं.

घर की बात घर में

  1. ज्यादातर लड़की को ही ऐडजस्ट करना पड़ता है, क्योंकि लड़की को अपने घर में, चाहे हजार रुपए लेने में झिझक महसूस होती हो, परंतु शादी होते ही वह लड़के की आधी प्रौपर्टी की हकदार बन जाती है.
  2. अपने लड़ाईझगड़े की किसी तीसरे से शिकायत करने पर आप के रिश्ते की बागडोर अनजान हाथों में चली जाएगी, जैसे गांव की पंचायत, कोई एनजीओ ग्रुप इत्यादि. वे अपनी वाहवाही बटोरने के लिए आप की पत्नी या पति के स्वाभिमान को ठेस भी पहुंचा सकते हैं, जिस से आप के रिश्ते में गांठ पड़ जाएगी.
  3. अगर उसी घर में रहने की इच्छा हो तो किसी को बीच में न लें, क्योंकि डर से हो सकता है ससुराल वाले आप को तंग न करें, परंतु आप से कोई बात भी नहीं करेगा तो आप वहां पर अकेली पड़ जाएंगी.
  4. यह टीवी सीरियल नहीं है जहां कई शादियां होती हैं. यह आप का जीवन है और दूसरी शादी एक समझौता है.
  5. अगर आप अपनी अटैची पकड़ कर बसस्टैंड पर खड़ी हैं और पति का घर छोड़ आई हैं तो आप कोई भी बहाना बना कर वापस चली जाएं. क्या मालूम वे सब बहुत पछताए हों. औरत चूंकि हमेशा ही महानता की मूर्ति रही है, इसलिए इस रिश्ते को आप ज्यादा अच्छी तरह संभाल सकती हैं.

Festive Special: गिद्ध- क्यों परिवार के होते हुए भी अकेली पड़ गई भगवती

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Festive Special: साड़ी के फ्यूजन लुक में दिखें स्टाइलिश

मौका चाहे जो भी हो, साड़ी एक ऐसा आउटफिट है जिसे हर मौके पर पहना जा सकता है. अगर आपको सही तरीके से साड़ी पहननी आती है और अलग-अलग मौकों के लिए कुछ खास तरीके से साड़ी बांधने आती है तो कहीं जाने से पहले आपको चिंता करने की जरूरत ही नहीं.

साड़ी एक ऐसा आउटफिट है जिसका फैशन कभी पुराना नहीं होता है. सीधे पल्ले और उल्टे पल्ले की साड़ी पहनना तो आप जानती ही होंगी लेकिन कितना अच्छा हो जो आपको साड़ी पहनने के कुछ और स्टाइलिश तरीके पता हों.

साड़ी को फ्यूजन लुक में पहनकर आप स्टाइलिश तो नजर आएंगी ही साथ ही औरों से अलग भी. ये हैं साड़ी पहनने के कुछ नए और स्टाइलिश तरीके.

1. साड़ी के साथ ब्लाउज पहने की जगह कुर्ती पहनें. किसी भी बोल्ड ब्राइट कलर की साड़ी के साथ प्रिंटेड कुर्ती पहनिए. इस तरीके से साड़ी पहनने पर एक बात का खास ख्याल रखें कि साड़ी की प्लेट और पल्लू सलीके से बंधे हों.

2. अगर साड़ी पर हेवी वर्क है तो कुर्ती को प्लेन ही रखें और अगर कुर्ती पर काम हो रखा है तो साड़ी प्लेन ही अच्छी लगेगी.

3. कोरसेट या फिर जैकेट के साथ भी साड़ी पहनना काफी स्टाइलिश रहेगा. इसके साथ राउंड नेक पल्लू लेना ही सही रहेगा.

4. क्रॉप टॉप के साथ भी साड़ी पहनना अच्छा लगेगा. आजकल बाजार में क्रॉप टॉप की ढेरों वेरायटी उपलब्ध है. आप कोई सा भी क्रॉप टॉप चुन सकती हैं. चुनते समय साड़ी के पैटर्न और कलर का पूरा ध्यान रखें.

आजकल मटैलिक साड़ी काफी ट्रेंड में है. यकीन मानिए मटैलिक साड़ी फैशन जगत की फेवरेट बन चुकी है. अगर आप इस लुक को अपनाना चाहती हैं तो इन बातों का रखें ध्यान.

सिंगल मटैलिक रंग मतलब एक ही रंग की साड़ी (गोल्डन, सिल्वर, कॉपर, काला, लाल, हरा) पहनें. ज्यादा से ज्यादा उस पर पतला बॉर्डर हो.

हमेशा ध्यान रखें कि साड़ी कम से कम 6 मीटर लंबी हो ताकि ज्यादा प्लेट आ पाएं.

मटैलिक साड़ी तभी अच्छी लगती है जब उसे अच्छे और कसे हुए ढंग से पहना गया हो. ढीली बंधी मटैलिक साड़ी में आप अजीब लगेंगी.

मटैलिक रंग वाली साड़ियां ज्यादातर क्रेप और जॉर्जेट में आती हैं, लिहाजा उसके नीचे साटन का ही पेटीकोट पहनें. इससे साड़ी का लुक बेहद अच्छा आएगा.

मटैलिक रंग की साड़ी के साथ चटकीले नियॉन रंग या फिर कंट्रास्ट ब्लाउज पहनें. चाइनीज कॉलर पहनने से बचें.

जिनका शरीर स्लिम है, उनके लिए साड़ी के साथ कमर में चेन पहनना एक बेहतरीन विकल्प है.

जो महिलाएं मटैलिक साड़ी पहनने से कतराती हैं वे किसी भी प्लेन साड़ी के साथ मटैलिक ब्लाउज पहनें.

आपके लिए प्रयोग करने के कई विकल्प मौजूद हैं. मिसाल के तौर पर पंक लुक के लिए ब्लाउज के साथ चटकीले नीले रंग या फिर नियॉन ग्रीन कलर की साड़ी पहन सकती हैं.

जैकलीन फर्नाडीज हाजिर हों

ठगी की अपराधिक दुनिया में एक नया इतिहास लिखने वाले सुकेश चंद्रशेखर पर 215 करोड़ रुपये की वसूली का मामला चल रहा है. तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता की मृत्यु के बाद उनकी पार्टी के चुनाव चिन्ह को लेकर के एक अनोखी ठगी के आरोपी मुकेश चंद्रशेखर अभी जेल में है. दूसरी तरफ फिल्म अभिनेत्रियों से उसकी दोस्ती और उपहार की कहानियां देश की मीडिया में सुर्खियां बटोर रही है.

दरअसल, यह कहा जा सकता है कि सुकेश चंद्रशेखर ठगों का बादशाह है. और खूबसूरती का दीवाना तो अतिशयोक्ति नहीं होगी. यही कारण है कि सुकेश चंद्रशेखर जेल में है मगर उससे कई अभिनेत्रियों ने जाकर तिहाड़ में मुलाकात की और अब इस बड़े ठगी के मामले में जांच के घेरे में आ गई हैं .

सुकेश ने राजा महाराजाओं की तरह ठगी के रुपयों को फिल्मी दुनिया की अभिनेत्रियों पर लुटाए.
फिल्म अभिनेत्री जैकलिन फर्नांडीस को सबसे महंगे गिफ्ट दे कर के अपने प्रभाव में लेने का काम भी सुकेश ने किया. अब जैकलिन फर्नांडीस सहित अनेक फिल्मी चेहरे जांच के दायरे में है.
आपको बताते चलें कि जैकलिन फर्नांडीस श्रीलंकाई मूल की, भारतीय अभिनेत्री व मॉडल है जो हिन्दी फ़िल्मों में कार्यरत है. वे 2006 की मिस श्रीलंका यूनिवर्स रह चुकी है. और 2010 का सर्वश्रेष्ठ नई अभिनेत्री का आईफ़ा और स्टारडस्ट पुरस्कार फ़िल्म अलादीन के लिए प्रदान किया गया था.

अपने आप में बहुचर्चित ठगी के इस बड़े मामले में ईडी ने चार्जशीट दाखिल की है. ईडी की चार्जशीट में जैकलीन पर आरोप है कि सुकेश चंद्रशेखर से उनको करीब 7 करोड़ रुपये की जूलरी गिफ्ट प्राप्त की. और लगभग 9-9 लाख रुपये की 3 पर्शियन बिल्लियां, करीब 52 लाख रुपये का एक अरबी घोड़ा, कानों में पहनने वाली 15 जोड़ी बालियां ,डायमंड के सेट, बेशकीमती क्रॉकरी, गुच्ची और शनेल जैसे महंगे ब्रांड्स के डिजाइनर बैग, जिम में पहनने के लिए गुच्ची के दो आउटफिट्स, लुई वितों के कई जोड़ी जूते, हमीज के दो ब्रेसलेट, एक मिनी कूपर कार, रॉलेक्स की महंगी घड़ियां इत्यादि गिफ्ट प्राप्त की हैं.

नैतिकता का सवाल

पाठकों को हम याद दिलाएं की फिल्मों में काम करने वाले अभिनेता अभिनेत्रियां आमतौर पर अपनी फिल्म के माध्यम से आदर्श का संदेश देने का काम करते हैं. वे बताते हैं कि ईमानदारी और नैतिकता का क्या महत्व होता है और अंत में खलनायक को जेल जाना पड़ता है. आमतौर पर लगभग हर फिल्म की यही कहानी होती है सच की जीत और बुराई की हार.

मगर फिल्मों में काम करने वाले अभिनेता अभिनेत्रियां अक्सर फिसल जाते हैं मौका मिलते ही कानून को अपने हाथ में लेने से इन्हें गुरेज नहीं होता. यह लोग समझते हैं कि कानून तो उनकी मुट्ठी में है मगर अक्सर कानून को हाथ में लेने वाले फिल्म स्टार हो या अन्य कोई आखिरकार जेल के सीखचों के पीछे होते हैं.
सुकेश चंद्रशेखर के मामले में भी अब जब जांच अपनी गति पर है तब जैकलिन फर्नांडीस हो या पिंकी ईरानी, नोरा फतेही सभी का पसीना निकल रहा है, और हलाकन है .

अगर यह अभिनेत्रियां अपनी फिल्मों की कहानी के अनुरूप अपना आचरण करती तो सुकेश से दूरी बनाकर रहतीं मगर जब लाखों करोड़ों का गिफ्ट मिलने लगा तो यह अभिनेत्रियां अपनी फिल्मों का संदेश भूल गई और आज पुलिस अधिकारियों के आगे पीछे और प्रश्नों के जवाब देने के लिए विवश हैं .

रोजाना पीएं ग्रीन कॉफी, वजन होगा कम

सुबह चाय या कॉफी की एक घूंट आपकी पूरी थकान दूर कर देती है आपको दिनभर के लिए एनर्जी दे देती है. आप ग्रीन टी के बारे में अच्छी तरह से जानते होंगे. इसमें भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है. शायद आप इसका सेवन भी करते होंगे, लेकिन कभी आपने ग्रीन कॉफी के बारे में सुना है या फिर इसका सेवन किया है. इसका सेवन करने से आप कई बीमारियों से निजात पा सकते है. कैफीन के कारण कई लोग इसे पीना सही नहीं मानते हैं. लेकिन इससे आप अपना वजन आसानी से कम कर सकते हैं.

जानिए, क्या है ग्रीन कॉफी?

ग्रीन टी के चलन के साथ ही ग्रीन कॉफी को लेकर भी बहुत चर्चाएं की जाने लगी हैं. यह असल में कच्चे, बिना सिके हुए कॉफी के बीज होते हैं. इन्हें इसी स्वरूप में पीसकर काम में लाया जाता है. चूंकि ये प्राकृतिक और कच्चे रूप में काम में लिए जाते हैं, इसलिए इसे ग्रीन कॉफी कहा जाता है.

शोध में सामने आई ये बात

कई शोध कोलोरोजेनिक एसिड के मेटाबॉल्जिम पर पड़ने वाले साकारत्मक प्रभावों की पुष्टि करते हैं. ग्रीन कॉफी के ऊपर एक शोध किया गया जिसमें प्रतिभागियों को दो सप्ताह तक ग्रीन कॉफी की काफी मात्रा, दो सप्ताह कम मात्रा और दो सप्ताह तर प्लेसबो का सेवन करने के लिए कहा गया. हर डोज के बीच दो सप्ताह का ब्रेक दिया गया. जिसके परिणामस्वरूप ये बात सामने आई कि ग्रीन कॉफी वजन कम करने में काफी फायदेमंद है. इसके साथ ही बॉडी मॉस इंडेक्स और बॉडी फैट परसेंटेज में भी काफी गिरावट आई थी.

अगर आप इसका सेवन खाली पेट रोजाना करें तो आपका वजन आसानी से कम हो सकता है. आमतौर में माना जाता है कि खाली पेट चाय या कॉफी पीने से आपको एसिडिटी जैसी समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं.

शोध के अनुसार अगर आप अपना वजन कम करना चाहते हैं और डाइट फॉलों नहीं करना चाहते हैं, तो आप ग्रीन कॉफी का सेवन करें.

इसका सेवन करने से आप एक माह में कम से कम 2 किलों वजन कम कर लेगें.

अगर आप इसका सेवन करेगें तो इसमें मौजूद क्लोरोजेनिक एसिड आपकी आहार नली में शुगर की मात्रा को कम कर देगा. जिससे कारण फैट आसानी से जल्दी से खत्म हो जाता है.

इसमें मौजूद क्लोरोजेनिक एसिड आपके मूड को अच्छा बना देती है. साइको फॉर्मेसी में एक शोध सामने आई. साल 2012 में एक शोध किया गया जिसके मुताबिक कैफीनयुक्त और कैफीन रहित दोनों ही कॉफी जिनमें इसमें मौजूद क्लोरोजेनिक एसिड होता है. वह आपके मूड को सकारात्मक बनाने में मदद करता है. खासतौर में अधिक उम्र वालों को जरूर फायदा करता है.

Festive Special: पार्टी के लिए करें इनोवेटिव डैकोरेशन

आप भी अपनी शादी की पार्टी की डैकोरेशन को यादगार बनाना चाहते हैं, लेकिन आप का बजट इतना नहीं है और न ही आप के यहां पर्याप्त जगह है तो निराश न हों. कुछ इनोवेटिव आइडियाज और ऐक्सपर्ट्स की मदद से आप पार्टी डैकोरेशन को शानदार बना सकती हैं.

एक ही शहर में एक ही कंपनी में काम करने वाले अनिकेत और अंकिता एकदूसरे को इस कदर भाए कि दोनों ने वैवाहिक बंधन में बंधने का फैसला कर लिया. चूंकि दोनों की नौकरी भी नईनई थी और वे अपने पेरैंट्स पर भी आर्थिक बोझ नहीं डालना चाहते थे, इसलिए दोनों ने शादी के आयोजन पर बहुत अधिक खर्च करने के बजाय पहले कोर्ट मैरिज की और बाद में घर पर ही एक पार्टी के आयोजन का निर्णय लिया.

इस पार्टी में वे अपने पेरैंट्स, नजदीकी रिश्तेदारों व खास दोस्तों को शामिल करना चाहते थे लेकिन अनिकेत और अंकिता के सामने सब से बड़ी समस्या यह थी कि छोटी जगह में घर पर ही कम बजट में पार्टी की डैकोरेशन बेहतर ढंग से कैसे करें.

अनिकेत और अंकिता जैसी समस्या बड़े शहरों में रहने वाले अधिकांश युवाओं के सामने आती है, लेकिन कम बजट व छोटी जगह में पार्टी की डैकोरेशन क्या सचमुच इतनी मुश्किल है? इस का जवाब है, ’’ नहीं, यह बिलकुल भी मुश्किल नहीं है. बस, जरूरत है, तो थोड़ी सी प्लानिंग और इनोवेटिव आइडियाज की,’’ यह कहना है, वैडिंग प्लानर नीता सोनी का. नीता सोनी ने  बताया कि घर में पार्टी की डैकोरेशन से पहले कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए.

– पार्टी छत पर करना चाहते हैं या घर के अंदर

– पार्टी में आने वाले मेहमानों की संख्या कितनी है

– पार्टी दिन में करना चाहते हैं या रात में

– पार्टी डैकोरेशन का बजट कितना है

– बजट तय करने के बाद यह निर्धारित कर लें कि किन चीजों पर कम और किन पर अधिक खर्च करना है. मसलन, फूलों पर अधिक और लाइट्स पर कम, अपहोलस्ट्री पर अधिक और डैकोरेटिव आइटम्स पर कम खर्च करेंगे.

– पार्टी की तैयारी के लिए आप दोस्तों व रिश्तेदारों की मदद लेंगे या प्रोफैशनल मदद लेंगे. यह आप के बजट पर निर्भर करेगा. अगर बजट कम है तो दोस्तों, रिश्तेदारों की मदद लें और बजट थोड़ा अधिक है तो आसपास के लोकल डैकोरेटर की भी मदद ले सकते हैं.

डैकोरेशन के शानदार आइडियाज

– कलरफुल दुपट्टों, नैट व सिल्क की साडि़यों से घर की दीवारों और खिड़कियों को इंद्रधनुषी लुक दें.

– परंपरागत तरीके से घर की डैकोरेशन करना चाहते हैं तो गेंदे, गुलाब व रजनीगंधा के फूलों से घर को सजाएं. अगर आधुनिक तरीके से सजावट करना चाहते हैं तो एक्जोटिक और्किड, लिली व कारनेशन के फूलों का चयन करें.

– फ्रैश फ्लावर न मिलें तो ड्राइफ्लावर औैर ट्विस्टेड स्ट्क्सि को भी लें. कांच या मिट्टी के वास में सजा कर डैकोरेशन को डिफरैंट लुक दें.

– फूलों के बुके को रिबन व नैट फैब्रिक से बांध कर साइड टेबल और डाइनिंग टेबल पर रख कर भी आप घर की शोभा बढ़ा सकते हैं.

– फूलों की लडि़यां बना कर प्रवेश द्वार पर बंदनवार की तरह लगा सकते हैं.

– कमरे में अगर जगह कम हो और आप कुरसियों के खर्च को बचाना चाहते हैं, तो कमरे में लोअर सीटिंग अरेंजमैंट करें. लोअर सीटिंग को और आकर्षक बनाने के लिए टाई एेंड डाई, बीड्स, जरदोजी वर्क, सिल्क, वैल्वेट या टिश्यू वाले कुशन व मसनद का प्रयोग करें.

– पार्टी के स्थान पर इनडोर बोनसाई प्लांट्स रखें. यह आप की डैकोरेशन को इकोफ्रैंडली लुक देगा.

– पार्टी सजावट में सैंटेड कैंडल्स व फ्लोटिंग कैंडल्स को भी स्थान दें. यह पार्टी के माहौल को कूल व फ्रैश इफैक्ट देगा.

– मिट्टी के बड़े से वास पर ब्रौंज, सिल्वर, गोल्डन व कौपर कलर कर के आर्टिफिशियल फ्लावर स्ट्क्सि लगाएं. यह आप की डैकोरेशन को कलात्मक रूप देगा.

– पुरानी वाइन व शैंपेन की बोतल को सितारों व ग्लिटर से सजा कर कैंडल्स को कलर्ड पैबल्स के साथ रखें. यह घर की सजावट को रोमांटिक लुक देगा.

– हार्ट शेप बैलून को भी अपनी डैकोरेशन में शामिल करें. यह आप दोनों की नजदीकियों को भी बढ़ाएगा.

– सस्ते पर आकर्षक पेपर शेंडलियर को अपनी डैकोरेशन का हिस्सा बनाएं. कलरफुल पेपर शेंडलियर से बिखरती रोशनी न केवल पार्टी में रंग बिखेरेगी बल्कि आप की जेब पर भी भारी नहीं पड़ेगी.

– फ्लोर को डैकोरेटिव ऐंगल देने के लिए आप कारपेट व कलरफुल रग्स का भी बखूबी प्रयोग कर सकते हैं.

Festive Special: घर पर बनाएं टेस्टी और हेल्दी लौकी का हलवा

अक्सर आपने घर पर सूजी का हलवा खाया होगा. सूजी का हलवा टेस्टी होता है, लेकिन क्या आपने कभी हेल्दी लौकी का हलवा खाया है. लौकी का हलवा खाने में टेस्टी और बनाने में आसान होता है. लौकी का हलवे की रेसिपी आज हम आपको बताएंगे, जिसे आप अपनी फैमिली और फ्रैंड्स को खिला सकते हैं.

लौकी – 01 किग्रा (पतली),

शक्कर – 300 ग्राम,

मावा (खोया) – 200 गाम,

देशी घी – 02 बड़े चम्मच,

काजू – 02 बड़े चम्मच (महीन कतरे हुए),

किशमिश – 02 बड़े चम्मच (डंठल तोड़ कर धुले हुए),

पिस्ता – 01 छोटा चम्मच (महीन कतरे हुए),

इलाइची– 05 (पिसी हुई)

बनाने का तरीका

सबसे पहले लौकी को छील कर धो लें और फिर उसे चारों ओर घुमा-घुमा कर कद्दूकस कर लें और बीज वाला हिस्सा अलग कर दें.

अब लौकी को कढ़ाई में डालें और मध्यम आंच पर पकाएं। दो-तीन मिनट के बाद लौकी में शक्‍कर मिला दें और उसे चलाते हुए पकाएं.

कुछ ही समय में लौकी का छूटने लगेगा. जब लौका का पानी छूट जाए, तो गैस की आंच तेज कर दें और पानी खत्म होने तक चलाते हुए पकाएं. जब लौकी का सारा पानी खत्म हो जाए, उसमें घी डाल दें और चलाते हुए भूनें.

लगभग 5 मिनट तक लौकी को भूनने के बाद उसमें मावा (खोया) और किशमिश डाल दें और उसे चलाते रहें. लगभग 5-6 मिनट बाद गैस बंद कर दें और कढ़ाई में ऊपर से इलायची पाउडर छिडक दें. अब आप इसे अपनी फैमिली को फ्रिज में रखकर ठंडा परोसें.

60 लड़कियों के प्रायवेट “वायरल” वीडियो से उठते सवाल

पंजाब के मोहाली में स्थित चंडीगढ़ विश्वविद्यालय में एक छात्रा द्वारा अन्य लगभग साठ छात्राओं के  बाथरूम में नहाते हुए वीडियो बना कर  वायरल कर देना, कानून के लिए जहां आज एक प्रश्न चिन्ह बना हुआ है, वहीं समाज के लिए भी एक चिंता का सबब है.

ऐसे भयावह मामलों में आखिर क्या कदम उठाए जाएं.सबसे बड़ी बात आगे ऐसा ना हो, इसके लिए सरकार और समाज क्या कर सकता है.

मामला सामने आने के बाद

पूरे अपराध की जड़ छात्रा, उससे चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी कैंपस में पूछताछ का कथित वीडियो भी सामने आया है. रिपोर्ट्स के अनुसार, हॉस्‍टल वार्डन ने जब पूछा तो उसने कहा – एक लड़के को ये वीडियोज भेजे हैं. उसने दावा किया वह उस लड़के को नहीं जानती. वार्डन ने यह भी पूछा कि वह कब से वीडियो बना रही है तो उसका भी जवाब नहीं दिया. एक वीडियो में कथित रूप से छात्रा कह रही है कि ‘गलती हो गई, आगे ऐसा नहीं करूंगी.’

दरअसल,आज जिस तरह मोबाइल का चलन बढ़ चुका है इसे हम एक हथियार कहे तो अतिशयोक्ति नहीं होगी. मोबाइल एक ऐसा हथियार बन चुका है जो दो तरफा वार करता है आपको, समाज को लाभान्वित कर सकता है तो आपको और समाज को गहरे संशय में भी डाल सकता है. ऐसे में इस हथियार को इस्तेमाल के लिए जहां समझदारी की आवश्यकता है वही अपने बचाव के लिए आज विशेष रूप से युवतियों को जागरूक होना आवश्यक हो गया है.

चंडीगढ़ विश्वविद्यालय की घटना आज विकराल रूप से पूरे देश को चिंतित कर रही है. और यह एक ऐसा मामला बनकर सामने आया है जो अपने आप में एक अलग ही तरह का चिंताजनक मामला है जो आज देश भर में चर्चा का विषय बना हुआ है. इसलिए आज  आवश्यकता है ऐसे मामलों पर सरकार और समाज ऐसे कदम उठाए जिससे आगामी समय में पुनरावृत्ति ना हो.

कानून अपना काम कर रहा है,  मगर…

आरोपी छात्रा और कथित लड़का गिरफ्तार कर लिया गया है. जबकि दूसरे 31 साल के युवक को पूछताछ जारी है इनमें एक युवक चंडीगढ़ में बेकरी में काम करता है.

इस मामले में पीड़ित लोगों और समर्थन में आए लोगों ने रात भर  प्रदर्शन किया तब  स्थिति का जायजा लेने के लिए अन्य वरिष्ठ  पुलिस अधिकारी  चंडीगढ़ विश्वविद्यालय के परिसर पहुंचे. पंजाब की अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक गुरप्रीत देव के मुताबिक  ऐसा लगता है कि आरोपी छात्रा ने अपना एक वीडियो युवक के साथ साझा किया और किसी अन्य छात्रा का कोई आपत्तिजनक वीडियो नहीं मिला है. विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने भी उन खबरों को “निराधार’ बताकर खारिज कर दिया, जिनमें दावा किया गया था कि विश्वविद्यालय के छात्रावास में कई छात्राओं के वीडियो बनाए गए और सोशल मीडिया पर साझा किए गए तथा कुछ ने इस प्रकरण के बाद आत्महत्या का प्रयास किया.

विश्वविद्यालय परिसर में हालांकि बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं ने रविवार शाम को फिर विरोध प्रदर्शन किया. इस मामले को लेकर के रोष इतना ज्यादा था कि प्रदर्शनकारियों ने काले कपड़े पहन रखे थे और उन्होंने पुलिस की मौजूदगी में ‘ सरकार हमें न्याय चाहिए’ जैसे नारे लगाए . मोहाली के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक विवेक -शील सोनी के मुताबिक- कई छात्राओं का वीडियो बना कर लीक किए जाने की – अफवाह’ के बाद विश्वविद्यालय में शनिवार आधी रात के बाद प्रदर्शन हुआ. उन्होंने कहा कि गिरफ्तार छात्रा का मोबाइल फोन फारेंसिक जांच के लिए जब्त कर लिया गया है और किसी छात्रा के आत्महत्या की कोशिश करने का मामला सामने नहीं आया है. अधिकारियों ने बताया कि भारतीय दंड संहिता की धारा 354 सी और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है.

एक तरफ जहां अब मुख्यमंत्री भगवंत मान इस मामले को लेकर के चिंतित है उन्होंने कड़ी कार्रवाई और जांच का आदेश दे दिया है वही पुलिस भी मुस्तैद हो गई है और आने वाले समय में पूरे मामले की सच्चाई सामने होगी. मगर अभी जो खबरें आ रही हैं उसके मुताबिक यह मामला अत्यंत गंभीर है और यह संदेश दे रहा है कि आज मोबाइल से स्वयं को बचाने बचाने का समय आ गया है. नहीं तो आपकी निजता भंग होने का खतरा है और आपका कोई भी वीडियो फोटो वायरल हो सकता है.

गावों के लिए पर्यटन स्थल सरीखे होंगे अमृत सरोवर

हर ग्राम पंचायत में लबालब भरे तालाब. इनके किनारों पर लकदक हरियाली. बैठकर सकुन के कुछ घन्टे गुजरने के लिए जगह-जगह लगी बेंचे. भविष्य में कुछ यही स्वरूप होगा आजादी  के अमृतमहोत्सव पर बन रहे अमृतसरोवरों का.

हर अमृत सरोवर खूबसूरत हो. इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार एक स्वस्थ्य प्रतिस्पर्द्धा भी शुरू करने जा रही है. इसके तहत जो अमृत सरोवर सबसे अच्छे होंगे उनके निर्माण से जुड़े ग्राम प्रधानों, अधिकारियों और कर्मचारियों को ग्राम्य विकास विभाग सम्मानित करेगा.

हरियाली बढ़ाने के लिए 21 सितंबर को होगा सघन पौधरोपण

अमृत सरोवरों के किनारे लकदक हरियाली हो इसके लिए I21 सितंबर को पौधरोपण का सघन अभियान भी चलेगा. इस दौरान स्थानीय लोगों के अलावा 80 हजार होमगार्ड के जवान पौधरोपण में भाग लेंगे. इस बाबत गढ्ढे मनरेगा से खोदे जाएंगे और निःशुल्क पौधे वन विभाग उपलब्ध कराएगा.

“सबकी मदद से सबके लिए” की मिसाल बनेगें ये अमृतसरोवर

कालांतर में ये अमृत सरोवर,”सबकी मदद से सबके लिए” और पानी की हर बूंद को संरक्षित करने के साथ अपनी परंपरा को सहेजने की  नजीर भी बनेंगे.

बूंद-बूंद संरक्षित करने के साथ परंपरा को सहेजने की भी बनेंगे नजीर

उल्लेखनीय है कि पहले भी तालाब,  कुएं, सराय, धर्मशालाएं और मंदिर जैसी सार्वजनिक उपयोग की चीजों के निर्माण का निर्णय भले किसी एक का होता था,पर इनके निर्माण में स्थानीय लोगों के श्रम एवं पूंजी की महत्वपूर्ण भूमिका होती थी.

यही वजह है कि बात चाहे लुप्तप्राय हो रही नदियों के पुनरुद्धार की हो या अमृत सरोवरों के निर्माण की, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इन सबको जनता से जोड़कर जनांदोलन बनाने की बात करते रहे हैं. अमृत सरोवरों की रिकॉर्ड संख्या के निर्माण के पीछे यही वजह है. इसीके बूते पहले हर जिले में एक अमृत सरोवर के निर्माण का लक्ष्य था. बाद में इसे बढ़ाकर हर ग्राम पंचायत में दो अमृत सरोवरों का निर्णय लिया गया है. इस सबके बनने पर इनकी संख्या एक लाख 16 हजार के करीब हो जाएगी.

भविष्य में ये सरोवर अपने अधिग्रहण क्षेत्र में होने वाली बारिश की हर बूंद को सहेजकर स्थानीय स्तर पर भूगर्भ जल स्तर को बढ़ाएंगे. बारिश के पानी का उचित संग्रह होने से बाढ़ और जलजमाव की समस्या का भी हल निकलेगा. यही नहीं सूखे के समय में यह पानी सिंचाई एवं मवेशियों के पीने के काम आएगा. भूगर्भ जल की तुलना में सरफेस वाटर से  पंपिंग सेट से सिंचाई कम समय होती है. इससे किसानों का डीजल बचेगा. कम डीजल जलने से पर्यावरण संबंधी होने वाला लाभ बोनस होगा.

दरअसल बारिश के हर बूंद को सहेजने के इस प्रयास  का सिलसिला मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर उनके पहले कार्यकाल से ही शुरू हो गया था. गंगा एवं अन्य बड़ी नदियों के किनारे बन रहे बड़े एवं बहुउद्देश्यीय तालाब और खेत-तालाब जैसी योजनाएं इसका प्रमाण हैं.

इसी मकसद से सरकार अब तक 24583 खेत-तालाब खुदवा चुकी है. इनमें से अधिकांश (80 फीसद) बुंदेलखंड, विंध्य, क्रिटिकल एवं सेमी क्रिटिकल ब्लाकों में हैं. मौजूदा वित्तीय वर्ष में 10 हजार और खेत-तालाब तैयार करने की है.

पांच साल का लक्ष्य 37500 खेत तालाब निर्माण की है. इनका निर्माण कराने वाले किसानों को सरकार 50 फीसद का अनुदान देती है. इस समयावधि में इन पर 457.25 करोड़ रुपये खर्च करने का लक्ष्य है.

भूगर्भ जल स्तर में सुधार और सूखे के दौरान सिंचाई के काम आने के लिए सरकार गंगा नदी के किनारे बहुउद्देशीय गंगा तालाबों का भी निर्माण करा रही है. आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में बनाए जा रहे अमृत सरोवरों का भी यही उद्देश्य है. फिलहाल उत्तर प्रदेश इनके निर्माण में नंबर एक है. ग्राम्य विकास विभाग से मिले अद्यतन आंकड़ों के मुताबिक उत्तर प्रदेश में अमृत सरोवर के रूप में अब तक 15441 तालाबों का चयन हुआ है. 10656 के निर्माण का काम चल रहा है. 8389 तालाब अमृत सरोवर के रूप में विकसित किये जा चुके हैं.

यूपी में अब 5 मिनट में होगा ‘ई रेंट एग्रीमेंट’

उत्तर प्रदेश में अब आम नागरिकों और व्यापारियों को मकान, दुकान, गोदाम जैसी जगह किराए पर लेने के लिए कहीं भटकना पड़ेगा. योगी सरकार इनकी सुविधा के लिए ‘ई रेंट एग्रीमेंट’ के जरिए ऑनलाइन लीज डीड की शुरुआत कर रही है. इससे अब डीड राइटर की आवश्यक्ता नहीं रह जाएगी. सीधे मकान या बिल्डिंग के मालिक के साथ किराएदार ऑनलाइन अनुबंध कर सकेंगे. इससे आम नागरिकों समेत व्यापारियों को राहत मिलेगी. उन्हें मौजूदा जटिल प्रक्रिया से नहीं गुजरना होगा, बल्कि ऑनलाइन महज 5 मिनट में वो कांट्रैक्ट लेटर हासिल करने में सक्षम होंगे.

गौरतलब है कि योगी सरकार ने प्रदेश में नागरिकों को कई तरह की सेवाएं ऑनलाइन देकर उनके जीवन को सुगम बनाने का प्रयास किया है. ई रेंट एग्रीमेंट उसी मुहिम का हिस्सा है. फिलहाल इसकी शुरुआत गौतम बुद्धनगर से हुई है और जल्द ही अन्य जिलों में यह व्यवस्था लागू हो जाएगी.

जटिल प्रक्रिया से मिलेगा छुटकारा

रेंट एग्रीमेंट की मौजूदा व्यवस्था के तहत किराएदार को पहले डीड राइटर से संपर्क साधना पड़ता था. इसके बाद स्टांप पेपर खरीदने, उसकी नोटरी कराने के बाद दोनों पार्टियों के रेंट एग्रीमेंट पर सिग्नेचर होते थे. प्रस्तावित ऑनलाइन व्यवस्था में अब किराएदार को सिर्फ उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अनुमोदित एग्रीमेंट पोर्टल पर जाकर अपने नाम और मोबाइल के जरिए लॉगिन करके लीज डिटेल भरनी होगी. उदाहरण के तौर पर गौतम बुद्धनगर में www.gbnagar.nic.in नाम से साइट विकसित की गई है. इस पर प्रॉपर्टी की डिटेल भरने के बाद स्टांप ड्यूटी अदा करते ही लीज डीड की प्रिंट कॉपी मिल जाएगी. पोर्टल पर रेंट डिटेल भरते ही स्टांप ड्यूटी का ऑटोमैटिक कैलकुलेशन हो जाएगा.

5 मिनट से भी कम समय में पूरी होगी प्रक्रिया

यह पूरी प्रक्रिया 5 मिनट से भी कम समय में पूरी हो जाएगी. यानी चाय ठंडी होने से पहले रेंट एग्रीमेंट मिल जाएगा. इसके लिए कहीं जाने की जरूरत नहीं होगी, सिर्फ अपने लैपटॉप, डेस्कटॉप या मोबाइल पर यह काम संभव हो सकेगा. इससे न सिर्फ आम लोगों को राहत मिलेगी, बल्कि व्यापार करने में सुगमता होगी. यह व्यवस्था पहले से ज्यादा सुरक्षित एवं विश्वसनीय होगी. साथ ही कहीं से भी और कभी भी इसके जरिए एग्रीमेंट किया जा सकेगा.

प्रदेश के राजस्व में भी होगी बढ़ोतरी

यह नई व्यवस्था प्रदेश के लिए राजस्व का भी अच्छा जरिया बनेगी. गौतम बुद्धनगर में मौजूदा व्यवस्था के तहत प्रतिवर्ष कम से कम 1.5 लाख लीज डीज होती हैं. स्टांप ड्यूटी के जरिए इस प्रक्रिया से प्रति वर्ष 1.5 करोड़ का राजस्व प्राप्त होता है. वहीं, प्रस्तावित लीज डीड के जरिए प्रत्येक 15 हजार से अधिक मासिक किराए पर 2 प्रतिशत स्टांप ड्यूटी के जरिए 3600 रुपए प्राप्त होंगे. कुल मिलाकर सरकार को सिर्फ गौतम बुद्धनगर से 54 करोड़ रुपए के राजस्व की प्राप्ति होगी. पूरे प्रदेश में व्यवस्था लागू होने के बाद सरकार को बड़ी मात्रा में राजस्व प्राप्त होगा.

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