20 Tips: बच्चों को खेल-खेल में सिखाएं काम की बातें

तेजी से बदलती जीवनशैली का प्रभाव क्या केवल आप के जीवन पर ही पड़ रहा है? क्या समय की कमी सिर्फ आप को ही परेशान करती है? औफिस की व्यस्तता और मल्टीटास्किंग से क्या आप ही परेशान हैं? नहीं, ये तमाम बातें आप के अलावा आप के बच्चों को भी परेशान करती हैं. जिन की वजह से अकसर वे चिड़चिड़े और आलसी दिखते हैं और आप की बात नहीं मानते हैं. उन्हें छोटीछोटी बातें समझाने में भी दिक्कत आती है.

पेरैंट्स होने के नाते आप परेशान हो जाते हैं. 6 से 12 साल की उम्र बहुत से बदलावों की होती है. इस दौरान शारीरिक बदलावों के साथसाथ बच्चों में स्वभाव को ले कर भी कई तरह के बदलाव देखे जाते हैं. लेकिन वह उम्र होती है जब बच्चों को कई अहम बातों के बारे में बताना जरूरी होता है. ऐसे में विशेषज्ञों की राय काफी महत्त्वपूर्ण हो जाती है. खासतौर से कामकाजी पेरैंट्स के लिए यह किसी चुनौती से कम नहीं कि वे अपने छोटे या बढ़ते बच्चों को कैसे समझाएं या उन के साथ कैसे डील करें.

  1. पढ़ाई में लगाएं फन का तड़का
  2. बच्चों के साथ उन की फन ऐक्टिविटीज में भाग लें.
  3. बच्चों को पेंटिंग का बहुत शौक होता है. इस कार्य में उन का अच्छा दोस्त बना जा सकता है.
  4. उन्हें बताएं कि कौन से 2 रंग मिलाने पर कौन सा नया रंग बनता है.
  5. उन से अपने बचपन की बातें शेयर करें. उन्हें यह न बताएं कि आप बचपन में हर काम में बहुत निपुण थे, बल्कि बताएं कि फलां कार्य करने में आप को भी बहुत परेशानी होती थी.
  6. बच्चों के संग समय बिताएं. उन के साथ टीवी देखें. उन की पसंदनापसंद के बारे में पूछें.
  7. अपना टेस्ट उन के साथ शेयर करें. मसलन, अगर आप उन्हें बताना चाहते हैं कि बाहर गरमी से आने पर तुरंत फ्रिज का ठंडा पानी पीने से गला खराब हो सकता है, तो इस बात पर अमल भी कर के दिखाएं.
  8. अगर आप पिता हैं तो छुट्टी वाले दिन उन के साथ उन के स्कूल बैग का हालचाल जानें. उन के दोस्त बनें, डांटफटकार करने वाले पिता नहीं.
  9. अपनी रुचियां उन पर न थोपें, बल्कि उन की पसंदीदा चीजों संग अपनी रुचि भी जाहिर करें.
  10. उन्हें मजेमजे में बताएं कि शैतानियों में क्या अच्छाबुरा होता है. जैसेकि हर इनसान को पेड़ पर चढ़ना आना चाहिए, लेकिन पेड़ से गिरने पर जोर की चोट भी लग सकती है. इसलिए अपने सामने उन्हें ऐसा करने की सलाह दें.
  11. किसी अनजान से बात न करें. यह बात उन्हें किसी ऐक्टिविटी के माध्यम से समझाने की कोशिश करें. हो सके तो इस तरह की बातें अपने बच्चों को उन के दोस्तों के सामने समझाएं.
  12. छुट्टी वाले दिन सुबह जल्दी उठ कर पार्क जाएं, जौगिंग करें. यह बात केवल मौखिक रूप से न समझाएं, बल्कि छुट्टी वाले दिन आप खुद भी जल्दी उठ कर बच्चों के साथ पार्क जाएं.
  13. गुड और बैड टच के बारे में प्यार से समझाएं
  14. बच्चे बहुत जिज्ञासु होते हैं खासतौर पर बढ़ती उम्र में जब वे अपने और अपने पेरैंट्स के शरीर में अंतर देखते हैं.
  15. वे इस बात की ओर भी बहुत जल्दी ध्यान देते हैं कि लड़के और लड़की के शरीर में काफी अंतर होता है.
  16. जब बच्चा आप से अपने प्राइवेट अंगों के बारे में कुछ पूछे तो उसे समझाएं कि लड़की और लड़के में यह अंतर उन के प्रजनन अंगों की वजह से होता है.
  17. बच्चे को निजी अंगों के वैज्ञानिक नाम बताने से झिझकें नहीं. आप नहीं बताएंगे तो वह बाहर से कुछ और ही सीख कर आएगा.
  18. उन्हें बताएं और किताब का हवाला दें कि देखो किताब में इसे पेनिस या इसे वैजाइना कहते हैं.
  19. 2-3 साल के बच्चे को अच्छे और बुरे स्पर्श के बारे में बताने का सब से अच्छा समय होता है. उन्हें बताएं कि कोई अनजान उन के निजी अंगों को नहीं छू सकता. केवल मातापिता उन्हें छू सकते हैं.
  20. उन्हें बताएं कि अगर कोई अनजान व्यक्ति उन के निजी अंगों को छूता है तो उन्हें क्या करना चाहिए.

– डा. संदीप गोविल, मनोचिकित्सक, सरोज सुपर स्पैश्यालटी अस्पताल, नई दिल्ली

ये भी पढ़ें- Summer Special: चलो! माउंट आबू घूम आते हैं

तैयारी मिलन की रात की

जीवन के कुछ बेहद रंगीन पलों, जिन की कल्पना मात्र से धड़कनें तेज हो जाती हैं और माहौल में रोमानियत छा जाती है, में से एक है शादी की पहली रात यानी मिलन की वह रात जब दो धड़कते जवां दिल तनमन से मिलन को तैयार होते हैं.

चाहे किसी भी उम्र का कोई भी व्यक्ति क्यों न हो? वह अपनी पहली रात की यादों की खुशबू को हमेशा अपने जेहन में बसाए रखना चाहता है. मिलन की यह रात एक प्रेम, रोमांस और रोमांच तो पैदा करती ही है साथ ही अगर सावधानीपूर्वक इस के आगमन की तैयारी न की जाए तो यह पूरे जीवन के लिए टीस बन कर रह जाती है. जीवन की इस खास रात को यादगार बनाने के लिए अगर थोड़ा ध्यान दिया जाए तो बेशक यह रात हमेशाहमेशा के लिए खास बन जाएगी.  घूंघट में लिपटी, फूलों की सेज पर बैठी दुलहन के पारंपरिक कौंसैप्ट से अलग बदलाव आने लगे हैं. अब तो युवा शादी तय होते ही बाकायदा इसे सैलिब्रेट करने की योजना में विवाह से पहले ही जुट जाते हैं.

रोमानियत और रोमांच की इस रात को अगर थोड़ी तैयारी और सावधानी के साथ मनाया जाए तो जिंदगी फूलों की तरह महक उठती है वरना कागज के फूल सी बिना खुशबू हो जाती है. दो लफ्जों की यह कहानी ताउम्र प्यार की सुरीली धुन बन जाए इस के लिए कुछ बातों का जरूर खयाल रखें. मुंह की दुर्गंध करें काबू : यह समस्या किसी को भी हो सकती है. मुंह से दुर्गंध आना एक आम समस्या है पर यही समस्या मिलन की रात आप के पार्टनर पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है. चूंकि नवविवाहितों को इस खास रात बेहद करीब आने का अवसर मिलता है. ऐसे में थोड़ी सी भी लापरवाही आप के पार्टनर के मनमें आप के लिए खिन्नता व दूरी पैदा कर सकती है. इसलिए बेहतर है कि अगर आप के मुंह से दुर्गंध आती है तो पहले ही इस का बेहतर इलाज करा लें या फिर इसे दूर करने के लिए मैंथौल, पीपरमैंट या फिर सुगंधित पानसुपारी आदि लें. आप बेहतर क्वालिटी के माउथ फ्रैशनर का भी प्रयोग कर  सकते हैं.

सैंट का प्रयोग करें :

कहते हैं शरीर की सुगंध सामने वाले को सब से ज्यादा प्रभावित करती है. पसीने के रूप में शरीर से निकलने वाली दुर्गंध आप की छवि खराब कर सकती है. मिलन की रात ज्यादातर लोग इसे ले कर गंभीर नहीं होते जबकि यह सब से अहम है.  आप के तन की खुशबू सीधे आप के पार्टनर के मन पर प्रभाव डालती है जिस से मिलन का मजा दोगुना हो जाता है. शारीरिक दुर्गंध कोई बड़ी समस्या नहीं है. आजकल बाजार में आप की पसंद और चौइस के अनुसार ढेरों फ्लेवर व विभिन्न ब्रैंड्स के डिओ उपलब्ध हैं.  ‘आप चाहें तो अपने पार्टनर की पसंद पूछ कर उसी ब्रैंड का डिओ, सैंट, स्पे्र आदि इस्तेमाल कर सकते हैं. इस के दो फायदे हैं एक तो आप की सकारात्मक इमेज बनेगी दूसरे पसीने की दुर्गंध से बचेंगे, जिस से आप की पार्टनर आप से खुश भी हो जाएगी.

अनचाहे बालों से मुक्ति :

कई बार अनाड़ीपन में पहली रात का मजा किरकिरा हो जाता है. लापरवाही और बेफिक्री आप को इम्बैरेंस फील करा सकती है. बोयोलौजिकली हमारे शरीर के हर हिस्से में बाल होते हैं जिन में गुप्तांगों के बाल भी शामिल हैं. मिलन की रात से पहले ही अपने शरीर के इन अंगों के बालों को अवश्य हटा लें. यह न केवल हाइजिनिक दृष्टि से जरूरी है बल्कि यह कम्फर्टेबिलिटी का पैमाना भी है. बाजार में कई तरह के हेयर रिमूवर व क्लीनर मिलते हैं, जिन से आसानी से इन बालों को रिमूव किया जा सकता है. अगर इम्बैरेंस होने से बचना है तो इस बात का खयाल अवश्य रखें.

मासिक धर्म न आए आड़े :

कई बार ऐसा होता है कि मिलन की रात वाले दिन ही मासिक धर्म एक बड़ी समस्या के रूप में सामने आ कर आप के हसीन सपनों पर पानी फेर देता है. इस रात मासिक धर्म आप के मिलन पर भारी न पड़े, इस के लिए जरूरी है कि अगर आप के मासिक धर्म की तिथि इस दौरान है तो पहले ही डाक्टर से मिल कर इस का समाधान कर लें. माहवारी ऐक्सटैंड या डिले करने वाली दवाएं बाजार में उपलब्ध हैं. डाक्टर की सलाह से उन का उपयोग करें.

कुछ यों करें साथी को तैयार

कई बार मिलन की हड़बड़ी में पार्टनर की भावनाओं की परवा किए बगैर युवा गलती कर बैठते हैं. इसलिए जब तक साथी मिलन के लिए पूरी तरह तैयार न हो उस पर बिलकुल दबाव न डालें.

बेसब्र होने के बजाय धीरज से पार्टनर के पास जाएं. बातचीत करें. उस के शौक, चाहत, लक्ष्य आदि के बारे में बात करें.

अगर पार्टनर अपने अतीत के बारे में स्वयं कुछ बताना चाहे तो ठीक अन्यथा कुरेदकुरेद कर उस के अतीत को जानने का प्रयत्न न करें.

पार्टनर के हावभाव, तेवर व आंखों की भाषा पढ़ने की कोशिश करें, उसे जो पसंद हो, वही करें. अपनी चौइस उस पर न थोपें.

आप की पार्टनर अपने घर को अलविदा कह कर आप के घर में  सदा के लिए आ गई है, ऐसे में जल्दबाजी में संबंध बनाने के बजाय उस का विश्वास जीतने की कोशिश करें व सामीप्य बढ़ाएं.

संभव हो तो अपने परिवार के सदस्यों के बारे में उस की पसंदनापसंद, स्वभाव, प्रवृत्ति तथा घर के तौरतरीकों के बारे में हलकीफुलकी बातें कर सकते हैं.

पार्टनर की कमियां निकालने के बजाय उस की खूबियों की चर्चा करें, फिर देखिए मिलन की रात कैसे सुपर रात बनती है.

इन बातों का भी रखें ध्यान 

  1. अपने बैडरूम का दरवाजा खिड़की अच्छी तरह बंद करें. उन्हें खुला बिलकुल न छोड़ें.
  2. ड्रिंक न करें, जरूरी हो तो ओवरडोज से बचें. नशा सारी खुमारी पर पानी फेर सकता है.
  3. कमरे में तेज रोशनी न करें. हलके गुलाबी या रैड लाइट वाले जीरो वाट के बल्ब का इस्तेमाल करें.
  4. पार्टनर के साथ जोरजबरदस्ती बिलकुल न करें. उसे प्यार से तैयार करें. पहले बातचीत से नजदीक आएं फिर मिलन के लिए आलिंगनबद्ध करें व बांहों के आगोश में समा जाएं.
  5. भारीभरकम वैडिंग गाउन, लहंगे, साड़ी पहनने से बचें. हलकेफुलके नाइट गाउन को तरजीह दें. सैक्सी अंत:वस्त्र ऐसे में माहौल को रोमानियत प्रदान करते हैं.
  6. रूम फ्रैशनर का प्रयोग करें पर जरूरत से ज्यादा नहीं. हो सकता है आप के पार्टनर को इस से ऐलर्जी की समस्या हो.
  7. बैड की पोजिशन जरूर चैक करें. ज्यादा आवाज करने वाले बैड आप को इम्बैरेंस कर सकते हैं.

ये भी पढ़ें- मांएं जो बनीं मिसाल

एक बदनाम–आश्रम 3 ! मीडिया के सामने निकला प्रकाश झा का डर

अपने बेखौफ और बेबाक विषयों से समाज को सच्चाई का आइना दिखानेवाले , सत्ता की राजनीति हो या आस्था के नाम पर धर्म गुरुओं की राजनीति, बिना किसी भय के सच्ची कहानियों को बड़े पर्दे पर दिखाने की इनकी कला कमाल की हैं . जी हा, बेखौफ और निडरता से हर कहानी को बड़ी ही बारीकी से कह देनेवाले डायरेक्टर प्रकाश झा ने हाल ही में आश्रम 3 के प्रेस कॉन्फ्रेंस पहली बार कहा की हां,उन्हे भी डर लगता हैं. जब किसी अनचाही हलचल या विरोध का सामना होता हैं.

मुंबई में जुहू के पांच सितारा होटल में रखी गई MX Player की सबसे बड़ी वेब श्रृंखला एक बदनाम–आश्रम 3 के प्रेस कांफ्रेंस पर जब डायरेक्टर प्रकाश झा को पूछा गया कि आश्रम के पहले सीजन में उनके खिलाफ एफ. आई.आर दर्ज की गई और अब के सीजन में उनपर स्याही फेकी गई ऐसे में लगातार हो रहे हंगामों से क्या वो डर भी जाते हैं?

इनपर प्रकाश झा कहते हैं,“ आश्रम के बारे में ऐसा हैं कि कही कुछ भी हो सकता हैं , कोई कुछ भी कर सकता हैं. क्योंकि हमने विषय ही ऐसा चुना हैं जो समाज का विषय हैं लोगो से संबंध रखता हैं , लेकिन यहां किसी एक व्यक्ति या कल्पना की कहानी नहीं हैं. और मैं ये कहूं की मुझे डर नही लगता ये भी गलत बात हैं. लेकिन डर के जीना भी अच्छा नहीं लगता, तो उसके साथ जीता हूं. और हमेशा से मन करता हैं कि जो कहना हैं वो तो कहना ही हैं. किसी व्यक्ति को अगर व्यक्तिगत रूप से चोट पहुंचाए बिना कुछ कह सकूं,तो मैं कोशिश करता हूं की उसे कहूं अब चाहे वो राजनीतिक हो चाहे हो धार्मिक हो या चाहे वो व्यवसायिक हो. बाकी पत्थर फेंके जाते हैं , गालियां पड़ती हैं, एफ आई आर दर्ज होते हैं चलो कोई नही लोगों के हाथ मजबूत होंगे”.

आश्रम के बॉबी बाबा निराला का चोला पहनकर मायाजाल फैला रहे हैं ऐसे में, जब प्रकाश झा की पूछा गया कि उन्हें बॉलीवुड में वो किसे बाबा निराला समझते है तो उन्होंने हंसकर कहा कि” मेरे सारे दोस्त तो मुझे ही बाबा निराला समझते हैं . मुझसे बड़ा निराला तो कोई हैं ही नहीं . मैं किसी और का नाम क्यों लू”. खैर हसकर प्रकाश झा ने मीडिया के सवालों का बड़ी ही सहजता से जवाब दिया .

आपको बता दे की इस प्रेस कांफ्रेंस में डायरेक्टर और प्रोड्यूसर प्रकाश झा के अलावा दर्शन कुमार, अध्यन सुमन, सचिन श्रॉफ, राजीव सिद्धार्थ, त्रिधा चौधरी ,अनुप्रिया गोयनका और MX Player के सी सी ओ गौतम तलवार भी मौजूद थे. एक बदनाम –आश्रम 3 , MX player पर 3 जून से स्ट्रीम की जाएगी जिसे लोग मुफ्त में देख सकेंगे.

ये भी पढ़ें- GHKKPM: परिवार के प्रौपर्टी से सई को बेदखल करेगी भवानी, पाखी का प्लान होगा पूरा

GHKKPM: परिवार के प्रौपर्टी से सई को बेदखल करेगी भवानी, पाखी का प्लान होगा पूरा

सीरियल गुम हैं किसी के प्यार में (Ghum Hai Kisi Ke Pyaar Mein) की कहानी को दिलचस्प बनाने के लिए मेकर्स सीरियल में नए-नए ट्विस्ट ला रहे हैं. वहीं सीरियल के नए प्रोमो भी फैंस के साथ शेयर कर रहे हैं. जहां हाल ही के प्रोमो में पाखी, सम्राट की मौत के बाद विराट सई को अलग करते हुए दिखी थी तो वहीं अब सीरियल के अपकमिंग एपिसोड में पाखी, भवानी की मदद से सई को प्रौपर्टी से बेदखल करती हुई दिखेगी.

विराट करता है बचाने की कोशिश

अब तक आपने देखा कि जगताप के कारण सई को दो करोड़ रुपए चुकाने की नौबत आ गई है. हालांकि विराट पूरी कोशिश कर रहा है कि वह सई की मदद कर सके, जिसके चलते वह मल्हार की हत्या के संबंध में अस्पताल के कर्मचारियों से पूछताछ करता है. जहां एक नर्स सच जानने के बावजूद सई को कसूरवार बताती है. वहीं प्रोफेसर थुराट के कहने पर एक नर्स झूठ बोलती है कि उन्होंने सई को मल्हार को इंजेक्शन लगाते हुए देखा और यहां तक ​​कि उनके साथ दुर्व्यवहार भी किया था.

जगताप देगा धमकी

 

View this post on Instagram

 

A post shared by Ayesha singh (@ayeshaaaa.singh19)

अपकमिंग एपिसोड में आप देखेंगे कि जगताप सई को फोन करेगा और उससे कहेगा कि अगर वह उससे शादी करती है तो उस पर लगे सभी आरोपों को खारिज कर देगा. हालांकि सई उसे चेतावनी देगी की वह अब शादीशुदा है और अगर उसे सबक सिखा कर रहेगी. वहीं सई को मुसीबत से निकालने के लिए शिवानी अपने गहने देती है. वहीं सम्राट और  देवी अपनी तरफ से उसे पैसे देते हैं. हालांकि सई पैसे लेने से इंकार कर देती है.

 

View this post on Instagram

 

A post shared by AyeshaSingh (@ayeshaxfevorite)

सई को प्रोपर्टी से बेदखल करेगी भवानी

 

View this post on Instagram

 

A post shared by HaiDy Hossam (@dida2525)

इसके अलावा आप देखेंगे कि भवानी और ओंकार, वकील को चौह्वाण निवास पर बुलाते हैं और परिवार की संपत्तियों पर सई को कोई अधिकार न देने की बात कहेंगे. हालांकि वकील कहेगा कि वे ऐसा तभी कर सकते हैं जब विराट सई को तलाक दे दें और उसे कोई संपत्ति देने से इनकार कर दें. वहीं पाखी कहेगी कि विराट, सई को तलाक नहीं देंगा. दूसरी तरफ, विराट जगताप के अड्डे पर जाएगा और गुंडों को पीटेगा. इसी बीच विराट पर वह बंदूक तान देगा.

ये भी पढ़ें- शो में एंट्री की बीच दोबारा मां बनीं ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ की ‘दयाबेन’

शो में एंट्री की बीच दोबारा मां बनीं ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ की ‘दयाबेन’

पौपुलर कौमेडी सीरियल ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ इन दिनों सुर्खियों में है. दरअसल, हाल ही में शो के प्रौड्यूसर ने दयाबेन की एंट्री की बात कही थी, जिसके चलते फैंस काफी खुश हो गए थे. इसी बीच दयाबेन के रोल में नजर आने वाली एक्ट्रेस दिशा वकानी (Disha Vakani) दोबारा मां बन गई हैं. आइए आपको बताते हैं पूरी खबर…

दोबारा मामा बने सुंदरलाल

दरअसल, एक्ट्रेस दिशा वकानी ने हाल ही में बेटे को जन्म दिया है, जिसकी जानकारी उनके बिजनेसमैन पति मयूर पाडिया और सुंदर यानी एक्ट्रेस के रियल भाई मयूर वकानी ने दी है. एक्ट्रेस के भाई और एक्टर मयूर वकानी ने ने तो अपनी खुशी जाहिर करते हुए एक इंटरव्यू में कहा है कि “मुझे इस बात की बहुत खुशी है कि मैं दोबारा मामा बन गया. 2017 में दिशा ने एक बेटी को जन्म दिया था और अब वह फिर से मां बनी है और मैं दोबारा मामा बन गया हूं. मैं बहुत ज्यादा खुश हूं.”

दयाबेन की एंट्री पर कही ये बात  

 

View this post on Instagram

 

A post shared by Mayur Vakani (@mayur_vakaniofficial)

हाल ही में दयाबेन की ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ (Taarak Mehta Ka Ooltah Chashmah) शो में एंट्री की खबर पर सुंदरलाल का किरदार निभाने वाले दिशा वकानी के भाई एक्टर मयूर वकानी ने एक इंटरव्यू में कहा है कि “दिशा जाहिर तौर पर शो में वापसी करेगी. ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ एक ऐसा शो है, जिसमें दिशा वकानी (Disha Vakani) ने लंबे समय तक काम किया है. तो उन्हें क्यों नहीं वापस लौटना चाहिए. हम उस घड़ी का इंतेजार कर रहे हैं, जब दिशा सेट पर वापसी करेंगी और काम करना शुरू करेंगी.”

बता दें, हाल ही में तारक मेहता के प्रौड्यूसर असित मोदी ने एक इंटरव्यू में दयाबेन के कैरेक्टर को वापस लाने की बात कही थी. हालांकि उन्होंने इस बात का खुलासा नहीं किया था कि दयाबेन के किरदार में एक्ट्रेस दिशा वकानी की वापसी होगी की नहीं.

ये भी पढ़ें- Aditya Narayan ने पहली बार दिखाया बेटी का चेहरा, फैंस ने लुटाया प्यार

क्या महामारी ने बच्चों को सामाजिक रूप से असामान्य बना दिया है?

महामारी हमारी जिंदगी के सबसे मुश्किल वक्त में से एक रहा है. इसने सबकी जिंदगी को बहुत ही कठिन बना दिया और इस महामारी के दौरान जिन लोगों को सबसे ज्यादा परेशानी हुई, वो हैं हमारे बच्चे. इसकी वजह है उनके बेहद ही महत्वपूर्ण विकास में रुकावट आई. ना केवल वयस्कों को, बल्कि बच्चों को भी इसी मुश्किल दौर से होकर गुजरना पड़ रहा है. बच्चों के लिये बाहरी दुनिया से सामाजिक संपर्क बढ़ाने का यह शुरूआती दौर होता है, जिससे आगे चलकर उनमें बातचीत करने की कुशलता और समझदारी बढ़ती है. बच्चे अपने साथियों को देखकर व्यवहार करना सीखते हैं और उनसे बातचीत से हाव-भाव और तौर-तरीका सीखते हैं.

Dr Amit Gupta, Senior Consultant Paediatrician & Neonatologist, Motherhood Hospital, Noida  के अनुसार, एक बच्चे के विकास के शुरूआती चरणों में बहुत सारे सामाजिक संपर्क शामिल होने चाहिये, क्योंकि वे बच्चे के सकारात्मक विकास में एक आवश्यक भूमिका निभाते हैं. महामारी के दौरान, मुख्य रूप से बच्चों के बीच सामाजिक संपर्क नदारद था और उन्हें कई तौर-तरीकों और भावनाओं को सीखने और समझने में भी परेशानी हुई. अपने साथियों और बाहरी दुनिया से लगातार प्रतिक्रिया ना मिलना, जो उन्हें व्यवहार सिखाने में मदद करती हैं, ने बच्चों के लिये सही-गलत की पहचान करना मुश्किल कर दिया. उनका व्यवहार दूसरों पर क्या प्रभाव डालता है, इसने आगे उनकी समझ को जटिल बना दिया.

सामाजिक संपर्क की कमी-

बाहरी दुनिया से अचानक ही संपर्क कट जाने से बच्चे किसी भी तरह की गतिविधि में हिस्सा लेने से ज्यादा कतराने लगे. सामाजिक संपर्क की कमी और ज्यादातर वक्त डिजिटल स्क्रीन के सामने बिताने से बच्चे सामाजिक संपर्कों से दूर हो गये. इसका असर यह हुआ कि अपनों या औरों के साथ बातचीत की शुरूआत करने में काफी असहज महसूस करने लगे. सामाजिक भागीदारी से बचने से और भी रुकावटें पैदा होंगी और सामाजिक असहजता से बचने के लिए बातचीत का मार्ग बंद हो जाता है.

जो बच्चे पिछले दो सालों से घरों में बंद थे, उन्हें लंबे समय तक सामाजिक संपर्क की कमी की वजह से आमने-सामने बातचीत करने में असहजता महसूस हो रही है. कुछ समय एकांत में रहने की वजह से उनके लिये इस माहौल में ढलने में परेशानी महसूस हो रही है. यदि इस पर ध्यान ना दिया जाए तो कई बार यह सामाजिक असहजता, सोशल एंग्‍जाइटी में बदल सकती है हो सकता है कि बच्चे अपने उन अनुभवों से चूक गए हों जो सामाजिक रूप से उनके विकास में सहयोगी थे, लेकिन यह असहजता उन पर स्थायी प्रभाव नहीं डालेगी. एक बच्चे का मस्तिष्क अपने शुरूआती चरणों में अभ्यास और दोहराव के साथ विकसित होता है और अभी भी ठीक होने की हैरतअंगेज क्षमता पैदा कर सकता है.

लगातार बातचीत से बच्चे सक्रिय रूप से भाग लेते हैं, जो उन्हें बिना किसी झिझक के फिर से जुड़ने के लिये प्रेरित करता है.

बच्चों पर असामान्य प्रभाव-

पेरेंट्स को इस असहजता को कम करने के लिये अपने बच्चे के साथ जरूर बात करनी चाहिये, क्योंकि इस बात के लिये वे अपने पेरेंट्स की ओर देखते हैं कि अलग-अलग परिस्थितियों में किस तरह की प्रतिक्रिया होनी चाहिये. भले ही महामारी के इस चरण ने बच्चों पर असामान्य प्रभाव डाला हो, लेकिन बच्चे बदलते परिवेश को अपना लेते हैं और वे सही और बेहतर हो जाएंगे. आखिरकार, मानवजाति चुनौतीपूर्ण स्थितियों से लड़ने में हमेशा ही मजबूत रही है.

ये भी पढ़ें- अनियमित माहवारी से बचने के 9 टिप्स

देश खुशहाल रहेगा जब औरतें खुश रहेंगी

लो जी देश की औरतों और उन के परिवारों को (मंदिर और मसजिद भी) ले जाने के लिए प्रचार का धुआंधार कार्यक्रम ज्ञानवाणी मसजिद और मथुरा से चालू हो गया है. जितनी मंदिर के नाम पर सुर्खियां आएंगी उतने ज्यादा मंदिरों के ग्राहक बढ़ेंगे और पूजा सामग्री भी ज्यादा बिकेगी, मोहल्लेका मंदिर हो या चारधाम, लाइनें बढेंगी, लोग कुंडलियों, वास्तु, आयुर्वेद, शुभ समय, पूजापाठ को दोड़ेंगे. यह औरतों को पता भी नहीं चलेगा कि इस की कीमत वे दे रही हैं, वे तो इस बात से खुश हैं कि उन का धर्म चमचमा रहा है या इस बात से गम में कमजोर हो रही है कि उन के धर्म पर हमले हो रहे हैं.

मंदिर मसजिद विवाद का अंतिम असर जो जीवन भर दर्द रहेगा, औरत पर पड़ता है. यह उसी का बेटा या पति है जो उस भीड़ में गला फाड़ता है जो मंदिरमंदिर चिल्ला रही है और घर आ कर पूछता है खाने को क्या है? वह  काम पर नहीं जाता पर खाना ज्यादा मांगना है क्योंकि उस का गला सूख रहा है, बदन दर्द कर रहा है.

जो चंदा मंदिर के नाम पर उपद्रव करने के लिए जमा किया वह औरत की आय का हिस्सा है. जिस का घर जलाया गया, बुलडोजर से तोड़ा गया वह औरत की सुरक्षा की छाया थी. जिसे रात्रि जागरण के लिए बुलाया गया, 4 घंटे जमीन पर बैठा कर कीर्तन गाए गए जिस के अंत में मंदिर वहीं चाहिए के नारे लगे वह औरतें ही थीं. ये वे औरतें हैं जो घर लौट कर कपड़े धोएंगी, सुखाएंगी, राशन, लाएंगी, खाना बनाएंगी, पर घर साफ रखेंगी. न मंदिर यह काम करेगा, न मसजिद.

अगर शहरों में मंदिरमसजिद को ले कर दंगे हुए तो आज का खाना कैसे बने या मिलेगा इसी औरत को होगी. अगर मंदिर के आदेश पर घर में 12 मूर्तियां या फोटो लगा दी गई तो उन के कपड़े धोने उन के आगे दिए जलाने का काम औरत का ही है जो उस महान हिंदू धर्म की रक्षा कर रही है जो उसे पाप योनि का कहना है, उसे वस्तु मान कर दान करवाता है, जीवन भर सुहागन रहने के लिए तरहतरह व्रत करवाता है, पति के लौन पर दोषी ठहरा कर स्थान वे कोने में फेंक देता है.

वाराणसी और मथुरा में अयोध्या के बाद क्या होगा यह निरर्थक अगर देश की औरतें खुश नहीं हैं उन्हें तो अंधविश्वास की आग में झोंक कर जय सती माता का नारा लगा दिया जाता है.

ये भी पढ़ें- घरेलू हिंसा की शिकार औरतें

Summer Special: चलो! माउंट आबू घूम आते हैं

राजस्थान में अरावली पर्वतमालाएं गर्मी से सुकून भरे पल का एहसास कराती हैं. मरुस्थल के बीच हरियाली भरी जगह एक अद्वितीय खूबसूरती है. जी हाँ हम बात कर रहे हैं माउंट आबू की जो राजस्थान का इकलौता हिल स्टेशन है. अरावली पर्वतमालाएं इस हिल स्टीव की खूबसूरती में चार चांद लगाती हैं. इसी तरह यह जगह कई पर्यटक आकर्षणों से भी भरी पड़ी है.

चलिए आज हम इसी खूबसूरत जगह की प्रमुख जगहों की सैर पर चलते हैं और इसकी खूबसूरती को सराहते हैं.

माउंट आबू वाइल्डलाइफ सेंचुअरी

माउंट आबू के जंगलों में कई जातियों के वनस्पति और जीवों पाए जाते हैं. अरावली पर्वत के ये जंगल यहां रहने वाले तेंदुओं के लिए प्रसिद्ध हैं. यहां कई अन्य जीव जैसे गीदड़, जंगली बिल्लियां, सांभर, भारत कस्तूरी बिलाव आदि भी पाए जाते हैं. इस हिल स्टेशन का यह इकलौता वाइल्डलाइफ सेंचुअरी पर्यटकों के बीच सबसे प्रमुख आकर्षण का केंद्र है.

नक्की झील

नक्की झील को एक मजदूर रसिया बालम ने अपने नाखूनों द्वारा खोद था. कथानुसार वहां के राजा की शर्त थी कि जो भी एक रात में वहां झील खोद देगा उससे वह अपनी पुत्री, राजकुमारी का विवाह करा देगा. नाखुनों से उस झील को खोदने की वजह से उस झील का नाम नक्की झील पड़ा. इस खूबसूरत झील में पर्यटकों के लिए नौका विहार का भी प्रबंध है. इसलिए नक्की झील माउंट आबू के प्रमुख पर्यटक स्थलों में से एक है.

दिलवाड़ा जैन मंदिर

दिलवाड़ा जैन मंदिर माउंट आबू के प्रसिद्द पांच दिलवाड़ा जैन मंदिर के निर्माण में संगमरमर पत्थरों का उत्तम उपयोग किया गया है. दिलवाड़ा मंदिर का परिसर एक वास्तु चमत्कार और जैन धर्म के लोगों के लिए प्रसिद्द पर्यटक स्थल भी है. मंदिर में की गयी मनमोहक नक्काशियां जैन पौराणिक कथाओं का चित्रण करती हैं जो इस मंदिर के प्रमुख आकर्षणों में से एक है.

अचलगढ़ का किला

अचलगढ़ का किला माउंट आबू में स्थित एक प्राचीन किला है. हालांकि इस किले का निर्माण परमार वंश ने किया था, पर इस किले का पुनर्निर्माण राजपूतों के राजा राणा कुंभा ने करवाया था. दुःख की बात है कि अब किले का ज्यादातर हिस्सा खंडहर में तब्दील हो गया है पर यह क्षेत्र आज भी इस प्रसिद्ध है.

गुरु शिखर

गुरु शिखर अगर आप माउंट आबू के चारों तरफ मनोरम दृश्य के मजे लेना चाहते हैं तो गुरु शिखर पॉइंट की ओर निकल पड़िये. यह शिखर अरावली पर्वत में सबसे उच्चतम बिंदु है और माउंट आबू से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर ही है. गुरु शिखर का अद्भुत दृश्य, हिल स्टेशन के नजदीक ही प्रमुख नजारों में से एक है. माउंट आबू पूरे साल अपने कई सारे प्रमुख आकर्षणों के साथ कई पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करता है. हालांकि अक्टूबर से फरवरी महीने का समय राजस्थान जैसे मरुस्थलीय क्षेत्र के इकलौते हिल स्टेशन की यात्रा के लिए सबसे सही समय है. अपनी गोद में कई सारे आकर्षक केंद्रों को समेटे हुए माउंट आबू पर्यटन के लिए एक आदर्श केंद्र है.

ये भी पढ़ें- बेड और कमरे की खूबसूरती बढ़ाते हैं बेड कवर्स

मांएं जो बनीं मिसाल

जुलाई, 2019 की बात है जब कौफी कैफे डे (सीसीडी) जैसी बड़ी कंपनी के मालिक वीजी सिद्धार्थ ने बिजनैस में नुकसान और कर्ज की वजह से आत्महत्या कर ली थी. मीडिया में उन का एक सुसाइड नोट भी मिला था, जिस में सिद्धार्थ एक प्रौफिटेबल बिजनैस मौडल बनाने में मिली असफलता के लिए माफी मांग रहे थे. लैटर में लिखा था कि वे प्राइवेट इक्विटी होल्डर्स व अन्य कर्जदाताओं का दबाव और इनकम टैक्स डिपार्टमैंट का उत्पीड़न बरदाश्त नहीं कर सकते हैं इसलिए आत्महत्या कर रहे हैं.

सिद्धार्थ की इस अचानक मौत के बाद उन की पत्नी मालविका टूट गई थीं. उन की हंसतीखेलती दुनिया उजड़ गई थी. एक तरफ पति की मौत का सदमा तो दूसरी तरफ करोड़ों के कर्ज में डूबी कंपनी. ऊपर से अपने दोनों बेटों के भविष्य की चिंता भी थी. मगर इन बुरी परिस्थितियों में भी मालविका हेगड़े ने हौसला नहीं खोया और पूरे आत्मबल के साथ मोरचा संभाला. कंपनी की बागडोर अपने हाथ में ली और पूरी तरह जुट गईं सब ठीक करने के प्रयास में. उन की मेहनत रंग लाई और 2 साल के अंदर ही कंपनी फिर से अपने पैरों पर खड़ी हो गई.

31 मार्च, 2019 तक के आंकड़ों के अनुसार कैफे कौफी डे पर करीब क्व7 हजार करोड़ का कर्ज था. दिसंबर, 2020 में मालविका हेगड़े कैफे कौफी डे ऐंटरप्राइजेज लिमिटेड की सीईओ बनीं. जब मालविका ने कमान संभाली तब उन के सामने 4 चुनौतियां थीं- पति वीजी सिद्धार्थ की मौत से उबरना, परिवार को संभालना, कंपनी को कर्ज से उबारना और काम करने वाले हजारों कर्मचारियों के रोजगार को बचाना. विपरीत परिस्थितियों से जू?ाते हुए बहुत ही कम समय में उन्होंने सफलता और नारी शक्ति की अद्भुत मिसाल कायम की.

जो कहा वह कर दिखाया

एक रिपोर्ट के मुताबिक मार्च, 2021 तक सीसीडी कंपनी पर क्व1,779 करोड़ कर्ज रह गया था, जिस में क्व1,263 करोड़ का लौंग टर्म लोन और क्व5,16 करोड़ का शौर्ट टर्म कर्ज शामिल है. मौजूदा समय में सीसीडी भारत के 165 शहरों में 572 कैफे संचालित कर रहा है. 36,326 वैंडिंग मशीनों के साथ सीसीडी देश का सब से बड़ा कौफी सर्विस ब्रैंड है. इस तरह स्थिति में काफी सुधार आया और इस का श्रेय जाता है मालविका की कुशल प्रबंधन क्षमता और कंपनी हित में किए गए उन के कार्यों को.

कंपनी की सीईओ बनने के बाद मालविका ने 25 हजार कर्मियों को एक पत्र लिखा था, जो चर्चा में आया था. कर्मचारियों को सामूहिक तौर पर लिखे पत्र में उन्होंने कहा था कि वे कंपनी के भविष्य के लिए प्रतिबद्ध हैं और कंपनी को बेहतर स्थिति में लाने के लिए मिल कर काम करेंगी. उन्होंने जो कहा वह कर दिखाया और न केवल कंपनी के कर्मचारियों के बीच विश्वास कायम किया बल्कि उद्योग जगत में एक सशक्त बिजनैस वूमन के तौर पर भी अपनी एक अलग पहचान बनाई. आज वे नारी शक्ति की ताजा उदाहरण बन गई हैं.

मेहनत पर विश्वास

नारी शक्ति का ऐसा ही एक और उदाहरण है उद्यमी राजश्री भगवान जाधव का. महाराष्ट्र के जिला रायगढ़ के मुंगोशी गांव की 39 वर्षीय राजश्री भगवान जाधव फोटोग्राफी का काम करने वाले अपने पति, 2 बेटियों और सास के साथ रह रही थीं. उन का संसार खुशीखुशी चल रहा था क्योंकि प्रशिक्षित नर्स राजश्री खुद भी एक प्राइवेट अस्पताल में काम करती थीं.

लेकिन कुछ समय बाद उसे छोड़ कर वे पंचायत के ‘21 बचत गट अभियान’ में कम्युनिटी रिसोर्स पर्सन के रूप में शामिल हो गईं.

फिर एक समय ऐसा भी आया जब राजश्री के पति लंग्स कैंसर डायग्नोज हुआ. तब उन के पैरों तले जमीन खिसक गई. परिवार और पति की बीमारी ने उन्हें अधिक पैसे कमाने पर मजबूर किया. आज राजश्री ने एक छोटा होटल खोल लिया है जिस में वे हर तरह के स्नैक्स, भुझिया, बड़ा पाव, मिसल आदि बनाती हैं.

इस के अलावा त्योहारों में मिठाई और फरसाण के पैकेट बना कर घरघर भी बेचती हैं. वे अब अपने परिवार की एक मात्र कमाने वाली सदस्य हैं जो परिवार और पति के इलाज के लिए पूरा दिन काम करती है.

महिलाओं को बनाया आत्मनिर्भर

राजश्री भारी स्वर में कहती हैं कि नर्सिंग का काम छोड़ कर मैं ‘21 बचत गट अभियान’ के काम में जुट गई. ग्राम पंचायत ने मुझे ‘कम्युनिटी रिसोर्स पर्सन’ की पोस्ट पर नियुक्त किया. मैं उस काम के साथ अपने पति की स्टूडियो में भी बैठने लगी. बचत गट के काम में मु?ो सप्ताह में एक दिन अलगअलग बचत गट में जाना पड़ता था. मेरा गांव ग्रामीण क्षेत्र के अंतर्गत आता है.

उस दौरान अलीबाग की महाराष्ट्र ग्रामीण जिवोन्नती अभियान आणि ग्रामीण स्वयं रोजगार प्रशिक्षण संस्था मेरे गांव में फ्री ट्रेनिंग कोर्स महिलाओं को देने के लिए गांव में आई ताकि महिलाएं आत्मनिर्भर बन सकें. मैं ने 30 महिलाओं का बैच बना कर ज्वैलरी बनाने की ट्रेनिंग भी खुद ली और उन्हें भी दिलाई.

वहां डेढ़ महीने की ट्रेनिंग के बाद 2 साल तक सरकार के साथ काम करना पड़ता है जिस में उन के द्वारा दी गई ट्रेनिंग से महिलाएं कितना कमा रही है, उस की जांच सरकारी लोग करते हैं. मैं उन सभी महिलाओं को इकट्ठा कर राखी, कंठी और सजावट की वस्तुएं महिलाओं से बनवा कर पति के स्टूडियो के सामने बेचने लगी.

कोविड-19 ने कर दिया सब खत्म

राजश्री आगे कहती हैं कि कोविड की वजह से महिलाओं ने काम करना बंद कर दिया, लेकिन मैं फराल, कंठी और त्योहारों के अनुसार सामान बना कर घर घर बेचने लगी. कोविड-19 के समय भी मैं सामान ला कर गांव में बेचती थी. मेरी अच्छी कमाई होती थी क्योंकि शहर में सब बंद था. मेरे आसपास के 16 गांवों में कुछ भी मिलना मुश्किल हो गया था. उस दौरान मैं खानपान के साथसाथ सैनिटरी नैपकिन, जरूरत की सारी चीजें बेचने लगी थी. होल सेल में सामान ले कर गांवों में बेचती थी. मेरे पास थोड़ी खेती है जिस में मजदूरों को ले कर चावल उगाती हूं जो पूरा साल चलते हैं.

पति हुए कैंसर के शिकार

अपनी भावनाओं को काबू में रखते हुए राजश्री कहती हैं कि इसी बीच पति के लंग कैंसर का पता चला और मेरी दुनिया में सबकुछ बदल गया क्योंकि उन के इलाज पर खर्च बहुत अधिक होने लगा. इसलिए सीजन के अलावा भी काम करने की जरूरत पड़ी. मैं ने ब्याज पर बचत गट और बैंक से पैसा ले कर होटल का व्यवसाय शुरू किया. होटल का नाम मैं ने ‘स्नैक्स कार्नर’ रखा. सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक मैं इसे चलाती हूं. मेरे होटल में मैं बड़ा पाव, मिसल, समोसा, भुझिया, कांदा पोहा, चाय, कौफी आदि सब बनाती हूं.

रात का खाना बनाना अभी शुरू नहीं किया है क्योंकि जगह छोटी है. इस में अच्छी कमाई हो रही है जिस से मेरे पति का इलाज हो रहा है. लेकिन उन की दवा का खर्चा बहुत है. मेरे परिवार वाले भी मेरी सहायता करते हैं.

कीमोथेरैपी की वजह से वे बहुत कमजोर हो गए हैं. मेरी कमाई 40 हजार तक होती है जिस मे आधे से अधिक पैसा पति के इलाज पर खर्च हो जाते हैं. मेरे साथ मेरी भाभी भी काम में हाथ बंटाती है. रसोई का काम मैं करती हूं. मु?ो कर्जा भी चुकाना पड़ता है.

हुईं सम्मानित

राजश्री कहती हैं कि मेरे काम से प्रभावित हो कर राज्य सरकार द्वारा मु?ो आरएसईटीआई में प्रशिक्षण लेने और सभी महिलाओं द्वारा बनाए गए प्रोडक्ट को बेचने में सहायता करने व कर्ज ले कर होटल चलाने के लिए 8 मार्च, 2022 को पुरस्कार दिया गया है.

समाज में इस तरह के मिसालों की कमी नहीं है जहां एक औरत ने पति के गुजर जाने या लाचार हो जाने के बाद न सिर्फ एक मां और पत्नी का सही अर्थों में दायित्व निभाया बल्कि अपनी आत्मशक्ति और काबिलीयत से सब को हतप्रभ भी कर दिया.

घर की आर्थिक जिम्मेदारी उठा कर ऐसी महिलाओं ने यह साबित कर दिखाया कि वे न सिर्फ घर और बच्चों को अच्छी तरह संभाल सकती हैं बल्कि जरूरत पड़ने पर बाहरी मोरचे की कमान भी अपने हाथों में लेने और कंपनी चलाने से भी नहीं हिचकतीं. इन्हें बस मौका चाहिए. ये अपना रास्ता खुद बना सकती हैं और अपने बल पर पूरे परिवार का बो?ा उठा सकती हैं. बस जरूरत होती है कुछ बातों का खयाल रखने की:

सही प्लानिंग

आप को अपने जीवन में कई तरह की प्लानिंग कर के चलना होगा. आप को अपने परिवार का खयाल रखना है, खुद को देखना है और साथ ही बिजनैस/नौकरी को भी पूरा समय देना है. घरपरिवार और काम के प्रति केवल समर्पण ही काफी नहीं है बल्कि अच्छे से सब कुछ मैनेज करना भी जरूरी होता है खासकर तब जब आप का सहयोग देने के लिए जीवनसाथी मौजूद नहीं है.

एक औरत जिस तरह घर को मैनेज करती है वैसे ही अपना काम भी हैंडल कर सकती है. बस जरूरत है थोड़ी गहराई से सोचने की. किस तरह आगे बढ़ा जा सकता है और किस तरह की समस्याएं आ सकती हैं उन पर पहले से ही विचार कर लेना और फिर तय दिशा में आगे बढ़ना ही प्रौपर प्लानिंग है. इस से आप का आत्मविश्वास बढ़ता है और आप के कंपीटीटर देखते रह जाते हैं.

लोगों से मिलनाजुलना जरूरी

बिजनैस में आगे बढ़ना है तो दूसरे लोगों से मिलनाजुलना जरूरी है. भले ही वे सीनियर कर्मचारी हों, मातहत हों, कंपीटीटर हों या फिर इस फील्ड से जुड़े आप के दोस्त अथवा परिचित. 4 लोगों से बात करने और समय बिताने से एक तो आप का इस फील्ड का ज्ञान बढ़ेगा, नईनई बातें जानने को मिलेंगी साथ ही समय आने पर ये लोग आप की हैल्प भी करने को तैयार होंगे. जितना ज्यादा आप के परिचय का दायरा होगा उतने ही ज्यादा आप के सफल होने के चांसेज बढ़ते हैं.

ज्ञान हासिल करना

ज्ञान हासिल करने की कोई उम्र नहीं होती और फिर जब आप एक जिम्मेदारी भरे पद पर होती हैं तब तो हर वक्त आप का सजग रहना, काम को अंजाम देने के नए तरीकों के बारे में जानना और मार्केट ट्रैंड्स के बारे में जानकारी रखना बहुत जरूरी होता है. काम कोई भी हो आप उसे बेहतर तरीके से तभी कर सकेंगी जब आप उस से जुड़ी तकनीकी जानकारी, नए इक्विपमैंट्स और रिसर्च आदि का ज्ञान रखेंगी. इस से आप कम समय में बेहतर प्रदर्शन कर के मार्केट में अपनी वैल्यू बढ़ा सकेंगी.

सब से बना कर रखना

अकसर लोग जाने अनजाने अपने दुश्मन बनाते रहते हैं मगर लौंग टर्म में यह असफलता और तकलीफ का कारण बन सकता है. खासकर जब आप ने इस फील्ड में नयानया काम शुरू किया हो तो आप कोई रिस्क नहीं ले सकतीं. इसलिए अपने काम पर फोकस करना और बेवजह के विवादों से दूर रहना सीखिए. जितना हो सके सब से बना कर रखिए भले ही वह आप का कंपीटीटर या क्रिटिक ही क्यों न हो.

कर्मचारियों को खुशी देना

मालविका की सफलता की कहानी में कहीं न कहीं मालविका द्वारा कर्मचारियों के दिल में विश्वास और जज्बा कायम करने का बढ़ा योगदान रहा है. कर्मचारियों की संतुष्टि और रिस्पैक्ट आप के आगे बढ़ने के लिए बहुत अहम है. आप बाधारहित काम कर सकें और खुद को बेहतर साबित कर सकें इस के लिए अपने नीचे काम करने वालों की परेशानियां सुनना और उन्हें सुल?ाना जरूरी है.

खराब परिस्थितियों में घबराना नहीं

परिस्थितियां कभी भी बदल सकती हैं. उतारचढ़ाव जीवन का नियम है. इसलिए कोई दिक्कत आने पर एकदम से घबरा जाना या यह सोचना कि आप महिला हैं आप से अब यह नहीं हो पाएगा, गलत है. खुद पर विश्वास रखें और सही रास्ते पर डट कर कदम बढ़ाएं, आप को आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकेगा. अपना मनोबल कभी कमजोर न पड़ने दें. आत्मबल का परिचय दें कोई न कोई रास्ता जरूर निकल आएगा.

सब को साथ ले कर चलें

बिजनैस में आगे बढ़ने के लिए अपने साथ काम करने वालों को सम?ाना और उन के आइडियाज को महत्त्व देना जरूरी है. अपने कुलीग्स से बात करते रहें, उन्हें सम?ों और उन का काम के प्रति जोश और जज्बा बना रहे इस के लिए उन्हें प्रोत्साहित करते रहें. तारीफ और प्रोत्साहन से आप के एंप्लोइज के काम करने की क्षमता बढ़ेगी.

गलतियों से सबक लें

बिजनैस में नई हों या पुरानी गलतियां तो होगीं ही. अब इन गलतियों से आप सीखती हैं या फिर घबरा जाती हैं यह ऐटीट्यूड आप के आगे का रास्ता बनाता या बिगाड़ता है. जो भी गलतियां हुई हैं उन पर विचार करें और आगे के लिए सबक लें. आप की गलतियां आप को सीखने, सुधरने और जीतने का मौका देती हैं.

सफल बिजनैस वूमन से प्रेरणा

डिजिटल युग में देश हो या विदेश आप कई ऐसी महिलाओं से प्रेरणा ले सकती हैं जिन्होंने कई परेशानियों का सामना कर सफलता पाई है. इन की सक्सैस स्टोरी, बायोग्राफी या औटोबायोग्राफी पढ़  कर आप को मोटिवेशन भी मिलेगा और अपना रास्ता बनाने में भी आसानी होगी.

ये भी पढ़ें- तकरार है जहां, प्यार है वहां

बेयर शोल्डर ड्रैस कैसे करें कैरी

गरमी के मौसम में गर्ल्स में फैशन सिर चढ़ कर बोलता है क्योंकि इस मौसम में वे ज्यादा हौट व स्टाइलिश कपड़े वियर कर के खुद को ज्यादा फैशनेबल व स्टाइलिश दिखाने की कोशिश करती हैं.

लेकिन कई बार वे ऐसी गलती कर देती हैं, जिस से वे फैशनेबल दिखने के बजाय आउटडेटेड दिखने लगती हैं या फिर जो आउटफिट्स उन्होंने पहने होते हैं, वे उन पर बिलकुल नहीं जंचते हैं या वे कंफर्टेबल नहीं होने के कारण हर समय उन्हें संभालना पड़ता, जो उन के अट्रैक्शन को बढ़ाने का नहीं बल्कि कम करने का काम करता है.

ऐसे में जब भी आप खुद को स्टाइलिश दिखाने के लिए बेयर शोल्डर ड्रैस या औफ शोल्डर ड्रैस का चुनाव करें तो इन बातों का ध्यान जरूर रखें ताकि आप की ड्रैस पर्सनैलिटी को बढ़ाने का काम करे न कि बिगाड़ने का:

बेयर शोल्डर ड्रैस

इसे औफ शोल्डर ड्रैस भी कहते है, जो इन दिनों सैलिब्रिटीज में काफी आम बन गई है. तभी तो आज हर गर्ल इस तरह की ड्रैस को अपने वार्डरोब में प्राथमिकता से रखना पसंद करती है, जो उस के लुक में चारचांद लगाने का काम कर रही है. फिर चाहे वे उसे फ्रैंड की बर्थडे पार्टी में वियर करे या फिर खुद की अथवा किसी और ओकेजन पर. यह उसे हौट, सैक्सी दिखाने के साथसाथ कौंफिडैंस को बढ़ाने का भी काम करती है. लेकिन इस बात का ध्यान रखना बहुत जरूरी है कि चाहे आप बेयर शोल्डर ड्रैस वियर करें या फिर कोई और लेटैस्ट डिजाइन वाली ड्रैस, जब तक आप उसे अपनी फिजिक, कंफर्ट, साइज, प्रिंट, कलर को ध्यान में रख कर नहीं पहनेंगी तब तक न तो वह आप के ग्रेस को बढ़ाने का काम करेगी और न ही आप को उसे पहनने के बाद खुद अच्छा फील होगा. इसलिए देखादेखी नहीं बल्कि आप पर क्या जंचेगा, यह देख कर खरीदें.

प्रिंट कैसा हो 

जरूरी नहीं हर ड्रैस में तड़कभड़क वाले प्रिंट हों, तभी वह अच्छी लगेगी. औफ शोल्डर ड्रैस जहां खुद ही डिजाइन व अपनी बनावट में हौट होती है, वहीं अगर यह सिंगल कलर व प्रिंट में हो, तो ज्यादा अट्रैक्टिव लगती है. मतलब सिंपल में अट्रैक्शन. आजकल डैनिम औफ शोल्डर ड्रैस, शिमरी औफ शोल्डर ड्रैस, व्हाइट नैक डाउन ड्रैस, वन कलर लौंग स्लीव्स औफ शोल्डर ड्रैस, वन शोल्डर डाउन ड्रैस, पीच पिंक औफ शोल्डर ड्रैस, व्हाइट ऐंड ब्लैक व व्हाइट ऐंड ब्लू ड्रैस काफी डिमांड में है.

– डैनिम औफ शोल्डर टौप की बात हो या फिर ड्रैस की, हमेशा इस का फैशन इन ही रहता है. ऐसे में आप फैशन के साथसाथ कंफर्ट के लिए डैनिम की औफ शोल्डर ड्रैस में रफल स्टाइल स्लीव्स व बैल्ट के फैशन को कैरी कर सकती हैं. साथ ही इस के साथ पैंसिल हील व हाथ में क्लच व स्लिंग बैग आप के इस लुक के ग्रेस को और बढ़ा देगा.

– आप को अपने किसी क्लोज फ्रैंड की शादी में जाना है और आप कुछ वैस्टर्न वियर कैरी करने का मन बना रही हैं, तो ब्लैक, डार्क ब्राउन शिमरी औफ शोल्डर ड्रैस जिस की बौडी फिट फिटिंग के साथ लिटिल लो हेमलाइन, साथ में ऊपर ब्रैस्ट लाइन तक डीप आप की ड्रैस को कंफर्ट के साथ हौट लुक देगा, साथ में गोल्डन हाईहील परफैक्ट स्टाइल है.

– ब्लैक ऐंड व्हाइट डीप नैक औफ शोल्डर शौर्ट ड्रैस, किलिंग ड्रैस का काम करती है. एक तो कलर कौंबिनेशन ऐसा और दूसरा इसे आप चाहे डे पार्टी में वियर करें या फिर नाइट पार्टी में, जचेगी ही जचेगी. आप इसे बस्ट शेप में डिजाइन करवाकर उसी हिसाब से इस की स्लीव्स को डिजाइन करवा सकती हैं. अगर आप को इस की नैक ज्यादा डाउन लगे तो आप इसे अपने कंफर्ट के हिसाब से थोड़ा ऊपर से डिजाइन करवा सकती हैं. इस के साथ एंकल स्ट्रैप वाली किटेन हील और हाथ में मैचिंग क्लच आप को ऐसा लुक देगा कि आप खुद ही अपने लुक को देख कर हैरान रह जाएंगी.

– व्हाइट ऐंड ब्लू ड्रैस जहां समर्स के लिए कूल है, वहीं शौर्ट औफ शोल्डर ड्रैस पहन कर आप डेट या फ्रैंड्स के साथ गैटटूगैदर करेंगी तो पार्टी का मजा दोगुना हो जाएगा. आप अगर कंफर्टेबल हैं तो नैक को डाउन रखते हुए इस में लौंग स्लीव्स के फैशन को अपना सकती हैं. साथ में वैली का स्टाइल व्हाट ए लुक.

– सिर्फ ड्रैस ही नहीं बल्कि आप अपने कुरते को भी औफ शोल्डर बनवा कर या खरीद कर सैक्सी लुक पा सकती हैं. इस के लिए आप फ्लोरल या वन कलर की कुरती ले कर उसे लौंग स्लिट के साथ फ्रिल केप स्टाइल नैक बनवा कर, जो आप की ऐल्बो तक रहेगी, आप को ट्रैंडी दिखाने के साथसाथ कंफर्ट भी देगी. इसे आप सिगरेट पैंट व वैली के साथ वियर कर सकती हैं.

– सिमरी क्लाथ से बनी औफ शोल्डर शार्ट या फिर लौंग ड्रैस, जिस के डीप के साथ सपोर्ट देती नैक तक मैचिंग के फ्लौवर्स से डिजाइन बनाई गई है, जो ड्रैस को ट्रैंडी दिखाने के साथासाथ फुल कंफर्ट देने का काम करेगी.  इसे आप बर्थडे पार्टी में भी वियर कर सकती हैं या फिर किसी और इवेंट में. साथ में सुपर हाई हील का टशन ड्रैस को पहनने का मजा और बढ़ा देगा.

– आप डीप औफ शोल्डर ब्लाउज भी डिजाइन करवा सकती हैं, जिस का डाउन लुक व फ्लेरी स्लीव्स आप की साड़ी को और होट बनाने का काम करेगी. यहां तक कि आप फ्रिल वाले ब्लाउज में भी इसे डिजाइन करवा सकती है, बस ध्यान रखें फैशन के साथसाथ कंफर्ट का भी.

किस फैब्रिक की औफ शोल्डर ड्रैस बैस्ट रहेगी

वैसे आज का टाइम फैशन का है. बस बिना सोचेसम?ो कुछ भी पहन लिया, फिर चाहे वह आप पर सूट करे या नहीं. बस हम यह सोच कर खुश हो जाते हैं कि हम ने खुद को फैशन की दौड़ में पिछड़ने नहीं दिया है, जबकि अगर आप फैशन के साथ ड्रैस के चुनाव में फैब्रिक का भी ध्यान रखें तो यह आप को सैक्सी तो दिखाएगा ही, साथ ही आप को ओकेजन के हिसाब से परफैक्ट दिखाने में भी मदद करेगा.

वैसे इस ड्रैस के लिए लाइट वेट फैब्रिक का ही चयन करें.

– वैलवेट फैब्रिक सुपर सौफ्ट होने के साथसाथ रौयल लुक देने का काम करता है. अगर आप नाइट पार्टी में जाने का प्लान कर रही हैं तो इस फैब्रिक से बनी औफ शोल्डर ड्रैस आप के लिए सुपरहिट है.

– शिफौन फैब्रिक सुपर सौफ्ट होने के साथसाथ सभी पर सूट भी करता है और समर्स के लिए तो काफी कूल चौइस है.

– कौटन की औफ शोल्डर ड्रैस काफी अफोर्डेबल होने के साथसाथ इस के शेड्स व प्रिंट्स काफी कूल से होते हैं, जिन्हें आप समर्स में कालेज में भी वियर कर सकती हैं और साथ ही आउटिंग पर भी क्योंकि इजी टू यूज जो है.

– नैट फैब्रिक से बनी औफ शोल्डर ड्रैस पूरी तरह से पार्टी लुक देती है. इस फैब्रिक का आप तभी चयन करें, जब आप को ज्यादा पार्टी वियर ड्रैस की जरूरत हो.

– वोइल फैब्रिक कौटन से मिल कर बना होने के कारण काफी सौफ्ट फील देता है. साथ ही जब समर में आप इस फैब्रिक से बनी स्टाइलिश व प्रिंटेड औफ शोल्डर ड्रैस पहनेंगी, तो आप खुद को देखती ही रह जाएंगी.

– रेयोन फैब्रिक बहुत पतला होने के कारण यह शरीर में पसीने को चिपकने नहीं देता है. साथ ही इस में औफ शोल्डर ड्रैस, टौप्स के इतने औप्शंस होते हैं कि आप के लिए चूज करना मुश्किल हो जाता है. समर्स के लिए प्रिंट व फैब्रिक वाइज यह बैस्ट है.

कंफर्ट को इग्नोर न करें

भले ही आप आज खुद को फैशन की दौड़ में पीछे नहीं छोड़ना चाहतीं, लेकिन इस का यह मतलब भी नहीं कि आप मौडर्न ड्रैस पहन कर खुद को हमेशा अनइजी ही फील करवाती रहें यानी ड्रैस तो पहन ली, लेकिन पूरी पार्टी में आप का ध्यान सिर्फ और सिर्फ अपनी ड्रैस को ऊपर करने में ही लगा रहे, तो यह ठीक नहीं है.

इस के लिए जरूरी है कि आप जिस भी औफ शोल्डर ड्रैस, टौप, ब्लाउज का चयन करें उस की नैक इतना डाउन रखें कि जिस से फैशन भी हाईलाइट हो जाए और आप खुद को कंफर्ट भी फील करवा पाएं और अगर आप को बहुत डाउन नैक पहनने की आदत है तो फिर तो आप औफ शोल्डर ड्रैस में कितनी भी डीप ब्रौड नैक वाली ड्रैस का चयन कर सकती हैं.

ये भी पढ़ें- Cannes 2022 में छाया हिना खान का जलवा, बौलीवुड हसीनाओं को दे रही हैं टक्कर

अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिएसब्सक्राइब करें