बॉलीवुड की फिल्मों में यदि गाने न हों, तो फिल्म अधूरी-सी लगती है. कभी-कभी फिल्म हिट नहीं होती, मगर उसके गाने जरूर हिट हो जाते हैं. कई बार तो गानों से ही फिल्म का नाम पहचाना जाने लगता है. कई बार ये गाने गैर हिंदी होने हमारी समझ से परे होने के बावजूद, हमारे मन में इतना बस गए हैं कि उनकी धुन पर हम मगन होकर नाचने लगते हैं.
आज हम कुछ ऐसे गानों की बात कर हैं, जो हिंदी में ना हो कर भी हिंदी फिल्मों में और बॉलीवुड के अन्य गानों की तरह धूम मचा चुके हैं.
1. कोलावेरी डी (Kolaveri Di)
इस गाने के रिलीज के दौरान ये नॉन-हिंदी गानों की लिस्ट में टॉप पर था. इस गाने के शुरुआती बोल कुछ इस तरह से हैं ‘Why this Kolaveri Kolaveri Di’. यहां हम आपको बता देना चाहते हैं कि रजनीकांत के दामाद धनुष ने इस गाने को गाया था. ये लोगों के बीच काफी प्रचलित हुआ था. इसे लोग आज भी खूब पसंद करते हैं.
2. आ अंटे अमला पुरम (Aa Ante Amla Puram)
ये गाना एक आइटम सांग है, जो साल 2012 में लोगों के बीच खूब छा हुआ था. उस वक्त तो आलम ये हो गया था कि जब भी इस गाने को बजाया जाता था लोग बिना डांस किये नहीं मानते थे. इस गाने में आई अदाकारा को भी लोगों ने खूब पसंद किया था.
4. सेन्योरीटा (Senorita)
एक स्पेनिश गाना जो बॉलीवुड में काफ़ी फ़ेमस हुआ. ये गाना ऋतिक रोशन की फिल्म ‘ज़िन्दगी न मिलेगी दुबारा’ का है. आज भी इस गाने को सुनते ही लोग सर के बल डांस करने लगते हैं.
5. बोरो-बोरो (Boro Boro)
ये एक पार्शियन गाना है, इसके बावजूद ये बॉलीवुड में खूब पॉपुलर हुआ था. अभिनेता अभिषेक बच्चन ने भी इस गाने में कमाल का डांस कर, दर्शकों को खूब आकर्शित किया था. इस गाने के इतने पुराने होने के बावजूद, ये आज भी लोगों को बीच काफी मशहूर है और इस गाने पर लोग खूब थिरकते हैं.
6. माशाअल्लाह- माशाअल्लाह (Mashalla)
अभिनेता सलमान खान और कैटरीना कैफ की फिल्म ‘एक था टाइगर’ का ये गाना अरेबिक और हिंदी का मिश्रण है. हर कोई इस गाने पर सलमान और कटरीना के अंदाज में ही डांस करने की कोशिश करता है. ये गाना एक गैर हिन्दी होने के बावजूद आज तक लोगों के बीच यादगार बना हुआ है.
7. अपनी पोड़े (Apni Pode)
13 साल पहले आई तमिल फिल्म ‘घिलि’ (Ghili) का ये गाना आज भी लोगों के दिलों और दिमाग में बसा हुआ है.
8. नवराई माझी (Navrai Majhi)
ये गाना साल 2012 में आई फिल्म इंग्लिश विंग्लिश का एक मराठी सॉन्ग है. भले लोग इसे समझते न हों, लेकिन जब ये गाना चलता है, तो इस पर नाचना खूब पसंद करते हैं.
ये भी पढ़ें- फिल्मी कहानी से कम नही है Alia-Ranbir की Love Story, पढ़ें खबर
बॉलीवुड की पौपुलर और क्यूट जोड़ियों में से एक आलिया भट्ट और रणबीर कपूर की वेडिंग फोटोज और वीडियोज इन दिनों सोशलमीडिया पर छाई रहती हैं. हालांकि दोनों एक बार फिर अपनी प्रौफेशनल लाइफ में बिजी होते हुए नजर आ रहे हैं. हालांकि दोनों की लव स्टोरी जानने के लिए फैंस आए दिन बेताब रहते हैं. इसीलिए आज हम आपके लिए लेकर आए हैं इस सेलिब्रिटी कपल की लव स्टोरी…
ऐसी थी रणबीर-आलिया की पहली मुलाकात
View this post on Instagram
रणबीर कपूर और आलिया भट्ट अक्सर सीक्रेट वेकेशन पर जाने से लेकर फैमिली गेट-टुगेदर अटेंड करते हुए नजर आती रही हैं. वहीं सोशलमीडिया के जरिए आलिया भट्ट अपने प्यार का इजहार करती दिखती हैं. हालांकि बेहद कम लोग जानते हैं कि 9 साल की उम्र में ही आलिया रणबीर कपूर को दिल दे बैठी थीं. दरअसल, 2005 की फिल्म ब्लैक के लिए ऑडिशन देने के दौरान उनकी पहली मुलाकात रणबीर कपूर से हुई थी, जो कि संजय लीला भंसाली के साथ सहायक निर्देशक के रूप में काम कर रहे थे. वहीं रणबीर पर क्रश के चलते आलिया, फिल्म बालिका वधू की शूटिंग के दौरान शर्मा रही थीं.
रणबीर संग है फोटो
अपनी लव स्टोरी का ये किस्सा आलिया भट्ट एक इंटरव्यू में शेयर करते हुए कहा था कि संजय सर मेरे साथ बालिका वधू के साथ एक और फिल्म बनाना चाहते थे, इसलिए हमने तैयारी के चलते एक फोटोशूट किया. वहीं इस दौरान रणबीर वहां मौजूद थे. इसके अलावा मेरे पास रणबीर के साथ एक फोटो है. मुझे नहीं पता कि उस उम्र में यह कैसे हुआ, जो कुछ भी हो, मुझे बहुत शर्म आ रही थी. वैसे भी, किसी कारण से यह काम नहीं कर सका. मुझे लगता है कि सर उस फिल्म को बनाने के लिए तैयार नहीं थे.”
पहली फिल्म के दौरान हुआ प्यार
View this post on Instagram
क्रश से प्यार तक के सफर की बात करें तो साल 2017 में अयान मुखर्जी द्वारा निर्देशित फिल्म ब्रह्मास्त्र की शूटिंग के दौरान आलिया भट्ट और रणबीर कपूर को प्यार हुआ. बुल्गारिया में शूटिंग के दौरान दोनों एक दूसरे के करीब आए, जिसके चलते नजदीकियों की खबरें मीडिया में छा गई थीं.
पहली बार साथ आए नजर
प्यार की शुरुआत होने के बाद रणबीर और आलिया की अक्सर चोरी छिपे मिलने की खबरें आईं. लेकिन मई 2018 में सोनम कपूर और आनंद आहूजा की शादी के रिसेप्शन में दोनों पहली बार मीडिया के सामने साथ नजर आए. जहां दोनों ने जमकर पोज देते नजर आए. वहीं लुक की बात करें तो आज भी आलिया भट्ट की सब्यसाची मुखर्जी के हरे रंग के लहंगे में और रणबीर कपूर की क्रीम कलर की शेरवानी पहने फोटो सोशलमीडिया पर वायरल होती रहती हैं.
डेट का रणबीर कपूर ने किया था ऐलान
मीडिया के सामने कपल की तरह एंट्री लेने के बाद दोनों की डेटिंग की खबरों पर मोहर लग गई थी. हालांकि दोनों में से किसी ने इस पर औफिशियल तौर पर कोई बात नहीं कही थी. लेकिन एक मैगजीन को दिए इंटरव्यू में रणबीर कपूर ने अपनी लव लाइफ पर मोहर लगाई थी.
परिवार ने दी मंजूरी
View this post on Instagram
रणबीर और आलिया के ऐलान के बाद कपूर और भट्ट परिवार ने दोनों के रिश्ते को खुशी खुशी मंजूरी दी थी. एक इंटरव्यू में महेश भट्ट ने आलिया और रणबीर के बढ़ते प्यार के बारे में बात करते हुए शेयर किया था कि वह रणबीर से प्यार करते हैं और वह एक महान व्यक्ति हैं. वहीं खबरों की मानें तो रणबीर की दूसरी गर्लफ्रेंड के से परे नीतू कपूर ने आलिया भट्ट को अपना महसूस किया था. इसी के चलते दोनों साथ में डिनर डेट से लेकर फैमिली टाइम बिताते नजर आ चुके हैं.
नीतू कपूर का दिया था साथ
अच्छे पलों के अलावा आलिया भट्ट, रणबीर कपूर और उनकी फैमिली का बुरे वक्त में भी साथ देते हुए नजर आ चुकी हैं. 30 अप्रैल, 2020 को जब लौकडाउन के दौरान ऋषि कपूर का कैंसर से जूझने के बाद निधन हुआ था तो आलिया भट्ट परिवार के साथ मौजूद नजर आईं थीं, जिसकी फोटोज और वीडियोज सोशलमीडिया पर काफी वायरल हुई थीं, जिसमें वह नीतू कपूर को सांत्वना औऱ रिद्धिमा कपूर, पिता की आखिरी छवि दिखाती नजर आईं थीं.
कपल बना रहा है सपनों का घर
View this post on Instagram
आलिया भट्ट और रणबीर कपूर के रिश्ते मजबूत होते जा रहे हैं, जिसके चलते दोनों की शादी की खबरें भी मीडिया में छाने लगी हैं. वहीं हाल ही में रणबीर कपूर और आलिया भट्ट अपने नए घर की तैयारियों में जुटे हुए नजर आए. इसके अलावा खबरे हैं कि दोनों के घर का नाम रणबीर की दादी कृष्णा राज के नाम पर रखा जाएगा. वहीं कपल अक्सर अपने परिवार के साथ घर को देखने पहुंचते हैं.
आलिया भट्ट और रणबीर कपूर की ये लव स्टोरी किसी सपने से कम नहीं है. क्रश से लेकर प्यार तक का सफर आगे बढ़ गया है. वहीं साल 2022 यानी इस साल ये रिश्ता शादी के बंधन में बंध गए हैं.
एक्टर शाहिद कपूर और उनकी वाइफ मीरा राजपूत (Shahid Kapoor And Mira Rajput) की जोड़ी बॉलीवुड के पौपुलर कपल में से एक हैं. दोनों सोशलमीडिया पर अपनी फोटोज और वीडियो शेयर करते रहते हैं. एयरपोर्ट हो या कोई डिनर आउटिंग दोनों अक्सर रोमांटिक अंदाज में साथ नजर आते हैं. इस सेलेब कपल की बौंडिग देखकर फैंस दोनों के रिश्ते से रिलेशनशिप टिप्स भी ले सकते हैं.
पति के साथ करें दोस्ती…
View this post on Instagram
मीरा राजपूत और शाहिद कपूर की लव स्टोरी से हर कोई वाकिफ है. दोनों कई बार अपनी लव स्टोरी शेयर कर चुके हैं. दरअसल, एक इंटरव्यू में शाहिद कपूर ने बताया था कि वह शादी से पहले मीरा से केवल 3 या 4 बार मिले हैं. हालांकि दोनों की बौंडिग देखकर ऐसा लगता नहीं है, जिसका कारण है दोनों की दोस्ती. शाहिद और मीरा की दोस्ती का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वह भले ही कम वक्त साथ में बिताएं. लेकिन एक दूसरे को समझने की पूरी कोशिश करते हैं ताकि उनका रिश्ता और भी ज्यादा मजबूत हो सके.
View this post on Instagram
फैमिली के साथ बिताएं वक्त…
View this post on Instagram
पति पत्नी के रिश्ते में परिवार की अहम भूमिका होती है. अगर परिवार के साथ वक्त बिताया जाए और उन्हें समझा जाए तो शादी का रिश्ता निभाना आसान हो जाता है. मीरा राजपूत भी ऐसा ही करते हैं. वह अपनी ननद, देवर और सास-ससुर के साथ क्वालिटी टाइम स्पैंड करना कभी नहीं भूलती, जिसकी फोटोज और वीडियोज वो फैंस के साथ भी शेयर करती रहती हैं.
बच्चों के साथ करें दोस्ती…
View this post on Instagram
एक्टर शाहिद कपूर अक्सर शूटिंग में बिजी रहते हैं, जिसके कारण वह फैमिली के साथ वक्त नहीं बिता पाते. हालांकि उनकी वाइफ मीरा इस बात को समझती हैं, जिसके चलते वह बच्चों के साथ ज्यादा से ज्यादा वक्त बिताती हैं. बच्चों के साथ खेलना या मस्ती करना हो या उन्हें पढ़ाना, मीरा राजपूत इस बात का पूरा ख्याल रखती हैं कि वह बच्चों के साथ हमेशा रहें.
बता दें, शाहिद कपूर और मीरा राजपूत की साल 2015 में अरेंज्ड मैरिज हुई थी, जिसके बाद दोनों एक बेटा और एक बेटी के पेरेंट बनें. दोनों अक्सर अपनी फैमिली के साथ क्वालिटी टाइम बिताते नजर आते हैं.
यह तो सभी को पता है कि नवजात के लिए स्तनपान जरूरी है. खासकर शुरू के 6 महीनों तक. लेकिन यह कम ही लोग जानते होंगे कि स्तनपान करने वाले शिशुओं की मौत की आशंका स्तनपान न करने वाले शिशुओं के मुकाबले 14 गुना कम होती है. मां के दूध में मौजूद कोलोस्ट्रम बच्चे का प्रतिरक्षण बेहतर करता है, जबकि दूध में मौजूद पोषक तत्त्व उसे बीमारियों से बचाते हैं. यह भी देखा गया है कि इस प्रक्रिया से मां में अल्जाइमर्स विकसित होने की आशंका कम होती है और बच्चे के विकसित होते फेफड़े मजबूत होते हैं. इस से बच्चे को दमा होने का खतरा भी कम होता है. इस के अलावा इस से बच्चे डायरिया और निमोनिया के भी कम शिकार होते हैं. हाल ही में वैज्ञानिक स्तनपान और स्तन कैंसर में सीधा संबंध जानने में सफल हुए हैं. स्तनपान कराना न सिर्फ बच्चे के लिए फायदेमंद है, बल्कि मां के लिए भी, क्योंकि इस से अंडाशय को कैंसर और स्तन कैंसर होने का जोखिम भी काफी कम हो जाता है. खासतौर से युवा महिलाओं के मामले में.
जीवनशैली में बदलाव
कोलंबिया यूनिवर्सिटी के मेलमैन स्कूल औफ पब्लिक हैल्थ में किए गए एक अध्ययन के अनुसार स्तनपान कराने से ऐस्ट्रोजन रिसैप्टर नैगेटिव और प्रोजेस्टेरौन रिसैप्टर नैगेटिव ब्रैस्ट कैंसर का खतरा न्यूनतम होता है.
वैसे तो भारत में पहले स्तन कैंसर के मामले अपेक्षाकृत कम रहे हैं पर अब ऐसा नहीं है. भारतीय महिलाएं खासतौर से शहरी महिलाएं अपनी जीवनशैली के कारण बेहद प्रभावित हैं. देर से मां बनने की प्रवृत्ति और स्तनपान कराने से बचने के लिए सामाजिक और पेशेवर तनाव का शिकार होना इन कारणों में शामिल है.
महिलाओं में कैंसर के जितने मामले होते हैं उन में 25 से 32% स्तन कैंसर के होते हैं और मुख्यरूप से 50 साल से कम उम्र की महिलाएं प्रभावित होती हैं. इस का मतलब यह हुआ कि 20 से 50 साल के बीच की 48% महिलाएं इस का शिकार हो सकती हैं. पश्चिमी देशों में देखा गया है कि 100 में से 89 महिलाएं इस से बच जाती हैं. अत: भारत में भी स्तनपान कराने के महत्त्व के बारे में महिलाओं को जागरूक करने की आवश्यकता है. इस के लिए अभियान चलाए जाने की जरूरत है ताकि संदेश ज्यादा से ज्यादा महिलाओं तक पहुंचे. वर्ल्ड कैंसर रिसर्च फंड द्वारा किए गए कैंसर के आंकड़ों के अध्ययन के मुताबिक जो महिलाएं कम से कम 1 साल तक स्तनपान कराती हैं उन्हें स्तन कैंसर होने की आशंका 5% कम होती है. जो महिलाएं जितने लंबे समय तक स्तनपान कराती हैं उन्हें कैंसर होने की आशंका उतनी ही कम हो जाती है.
ज्यादा गर्भपात भी जिम्मेदार
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद द्वारा हाल ही में किए गए एक अध्ययन के मुताबिक शहरी कामकाजी महिलाएं ज्यादा गर्भपात कराती हैं, बच्चे देर से पैदा करती हैं और उन की स्तनपान कराने की अवधि भी कम होती है, जबकि गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन ज्यादा मात्रा में करती हैं. ऐसी महिलाओं को स्तन और अंडाशय के कैंसर की आशंका ज्यादा रहती है. भारतीय महिलाएं जो गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन करती हैं उन में कैंसर का यह जोखिम 9.5 गुना बढ़ गया है.
स्तन कैंसर का उपचार कराने वाली कोई महिला अगर प्रजनन के लिहाज से स्वस्थ है और उस की आयु भी सीमा के अंदर है तो उसे मां बनने में कोई समस्या नहीं होनी चाहिए. एक अध्ययन से यह खुलासा हुआ है कि गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान बनने वाले हारमोन स्तन कैंसर की शुरुआत या उन्हें पुनर्जीवित करने का काम नहीं करते हैं.
– डा. शची बावेजा कंसल्टैंट, बीएलके सुपरस्पैश्ययलिटी हौस्पिटल, दिल्ली
ये भी पढ़ें- Intimate Hygiene से जुडी बीमारियों का ऐसे करें इलाज
इन दिनों बौलीवुड और टीवी इंडस्ट्री में शादियों का सीजन देखने को मिल रहा है. जहां बीते दिनो एक्ट्रेस आलिया भट्ट शादी के बंधन में बंधीं तो वहीं अब टीवी एक्ट्रेस आस्था चौधरी (Aastha Chaudhary) ने मंगेतर आदित्य बनर्जी के साथ शादी करने का फैसला किया, जिसकी फोटोज सोशलमीडिया पर वायरल हो रही हैं. आइए आपको दिखाते हैं आस्था चौधरी के वेडिंग फोटोज की झलक….
शादी में इमोशनल हुईं एक्ट्रेस
View this post on Instagram
‘बाबुल का आंगन छूटे ना’ एक्ट्रेस आस्था चौधरी (Aastha Chaudhary) ने बीते 25 अप्रैल को मंगेत्तर संग फैमिली और दोस्तों के बीच प्रयागराज में सात फेरे लिये. खबरे हैं कि दोनों 29 अप्रैल को रिसेप्शन पार्टी करेंगे. शादी की बात करें तो लाल जोड़े में तैयार हुईं एक्ट्रेस अपनी शादी में इमोशनल होती नजर आईं, जिसकी फोटोज और वीडियो सोशलमीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं.
View this post on Instagram
शादी में शामिल हुए खास दोस्त
View this post on Instagram
एक्ट्रेस आस्था चौधरी ने डॉक्टर आदित्य बनर्जी से सिंपल शादी करने का मन बनाया था. वहीं एक इंटरव्यू में एक्ट्रेस ने कहा कि वह वृंदावन में शादी करना चाहती थीं, लेकिन किन्हीं कारणों से ऐसा नहीं हो पाया, जिसके चलते दोनों ने प्रयागराज में शादी करने का फैसला किया. वहीं एक्ट्रेस की शादी में पल्लवी गुप्ता, नुपुर जोशी और मोहित डागा जैसे सेलेब्रिटी दोस्त भी शामिल हुए.
View this post on Instagram
सिद्धार्थ शुक्ला संग रिश्ते की थी खबर
View this post on Instagram
एक्टर सिद्धार्थ शुक्ला का कई एक्ट्रेसेस के साथ रिश्ते में नाम आ चुका है. वहीं सीरियल ‘बाबुल का आंगन छूटे ना’ में काम करते वक्त सिद्धार्थ और एक्ट्रेस आस्था चौधरी का भी नाम जुड़ा था. हालांकि एक्ट्रेस ने अपने रिश्ते पर फैली अफवाहों को खारिज करते हुए एक इंटरव्यू में कहा था कि, “हम केवल साथ में काम कर रहे हैं और अच्छा बॉन्ड भी शेयर करते हैं. जब कुछ जगहों पर लोग दो लोगों को साथ देखते हैं तो उनका नाम साथ में जोड़ने लगते हैं.”
View this post on Instagram
बता दें, बीते साल सितंबर में एक्टर सिद्धार्थ शुक्ला का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था, जिसके बाद फैंस #sidnaaz की जोड़ी को काफी मिस करते हैं. वहीं आए दिन सोशलमीडिया पर दोनों का हैशटैग वायरल होता रहता है.
ये भी पढ़ें- Anuj-Anupama ने फैंस को दिया सगाई में आने का न्योता, देखें फोटोज
रुपाली गांगुली (Rupali Ganguly) का सीरियल अनुपमा (Anupama) और उसका प्रीक्वल अनुपमा नमस्ते अमेरिका (Anupama Namaste America) दोनों ही टीवी और ओटीटी की दुनिया में धमाल मचा रहा है. जहां प्रीक्वल में अनुपमा के सामने अमेरिका जाने का सपना पूरा होता दिख रहा है तो वहीं सीरियल में अनुज (Gaurav Khanna) के साथ सगाई की अनुपमा खुशी मनाती नजर आ रही है. लेकिन अब अनुपमा ने अपने फैंस को सगाई में आने का न्योता दिया है. आइए आपको दिखाते हैं पूरी खबर…
सगाई के लिए फैंस से कही ये बात
View this post on Instagram
हाल ही में अनुपमा के रोल में नजर आने वाली एक्ट्रेस रुपाली गांगुली ने अनुज यानी गौरव खन्ना के साथ फोटोज शेयर की हैं, जिसमें दोनों सगाई के लिए सज धज कर तैयार होते हुए नजर आ रहे हैं. वहीं एक्ट्रेस ने कैप्शन में फैंस से सगाई में आने का न्यौता दिया है. एक्ट्रेस के शेयर करते ही फोटो सोशलमीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है और फैंस दोनों को सगाई की बधाई देते हुए नजर आ रहे हैं.
View this post on Instagram
अनुज देगा वनराज को वौर्निंग
View this post on Instagram
सीरियल की बात करें तो अब तक आपने देखा कि अनुपमा अपनी सगाई के लिए तैयार होती है. लेकिन वनराज उसकी शादी में खुश न होने का प्लान बनाता है. अपकमिंग एपिसोड में आप देखेंगे कि जहां पूरा परिवार सगाई में मस्ती करता हुआ नजर आएगा तो वहीं अनुज, वनराज के गले लगकर उसे चेतावनी देगा कि वह अनुपमा के साथ माइंड गेम खेलना बंद कर दे क्योंकि वह वनराज के जहरीले शब्दों का असर उनके रिश्ते को खराब नहीं करने देगा. दूसरी तरफ, अनुपमा सगाई के लिए तैयार होकर अनुज को देखने के लिए बेसब्री से इंतजार करती हुए नजर आएगी.
View this post on Instagram
बता दें, सीरियल अनुपमा में 4 मई से अनुज और अनु की शादी की रस्में शुरु होने वाली है, जिसके चलते सीरियल में इन दिनों सगाई सेलिब्रेशन देखने को मिल रहा है. हालांकि बा और वनराज इस शादी को बर्बाद करने का एक भी मौका छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं.
View this post on Instagram
ये भी पढ़ें- Debina Bonnerjee को बेटी को पकड़ने में लापरवाही करना पड़ा भारी! हुईं ट्रोल
मैं 43 वर्षीय प्रोफैसर हूं. पिछले 2 माह से कमर में दर्द हो रहा है. जांच करवाने पर बल्जिंग डिस्क होने का पता चला है. मैं क्या करूं?
बल्जिंग डिस्क के उपचार में फिजियोथेरैपी बहुत कारगर है. अगर इस से आराम न मिले तो सर्जरी जरूरी हो जाती है. आर्टिफिशियल डिस्क रिप्लेसमैंट द्वारा इस समस्या को ठीक किया जा सकता है. इस सर्जरी के द्वारा क्षतिग्रस्त डिस्क को आर्टिफिशियल डिस्क से बदल दिया जाता है. यह डिस्क लग जाने के बाद पीडि़त व्यक्ति को आगेपीछे झकने और अन्य कार्य करने में परेशानी नहीं होती है. रीढ़ की हड्डी का लचीलापन पहले की तरह ही सामान्य हो जाता है और रीढ़ की हड्डी पर पड़ने वाले झटकों को बरदाश्त करने की क्षमता बढ़ जाती है. आर्टिफिशियल डिस्क का सब से बड़ा फायदा यह है कि यह जीवनभर काम करती है.
मैं 52 वर्षीय घरेलू महिला हूं, मेरी कमर के निचले भाग और कूल्हे में लगातार दर्द बना हुआ है. मैं क्या करूं?
आप को साइटिका की प्रौब्लम है. हालांकि साइटिका के कारण होने वाला दर्द बहुत गंभीर होता है, लेकिन अधिकतर मामलों में यह बिना औपरेशन के ही कुछ सप्ताह में ठीक हो जाता है. कई लोगों को हौट पैक्स, कोल्ड पैक्स और स्ट्रैचिंग से इस समस्या में आराम मिलता है. लेकिन जिन लोगों में साइटिका के कारण पैर अत्यधिक कमजोर हो जाते हैं या ब्लैडर अथवा बाउल में परिवर्तन आने से मलमूत्र त्यागने की आदतों में बदलाव आ जाता है उन के लिए औपरेशन कराना जरूरी हो जाता है.
इसके अलावा जीवनशैली में बदलाव लाएं. ऐसे भोजन का सेवन करें जो कैल्सियम और विटामिन डी से भरपूर हो. शारीरिक रूप से सक्रिय रहें. नियमित रूप से ऐक्सरसाइज करें. हमेशा आरामदायक बिस्तर पर सोएं जो न बहुत सख्त हो और न बहुत नर्म.
स्लिप डिस्क यानी कि कमर के निचले हिस्से, रीढ़ की हड्डी या फिर कमर के बीच होने वाला दर्द. ऐसे बहुत से लोग हैं जो स्लिप डिस्क की समस्या से परेशान हैं. इस समस्या में सबसे पहले रीढ की हड्डी पर दर्द होना शुरू होता है. कई बार कमर का निचला हिस्सा सुन्न भी पड़ जाता है. धीरे-धीरे नसों पर दवाब भी महसूस होना शुरू हो जाता है. परेशानी बढ़ने पर जरा सा झुकना भी मुश्किल हो जाता है. इससे धीरे-धीरे कमजोरी भी आनी शुरू हो जाती है. ऐसी स्थिति में ज्यादा देर तक खड़े रहना मुश्किल हो जाता है और बैठ कर उठने में भी परेशानी होती है. आज हम आपको स्लिप डिस्क में काम आने वाले घरेलू उपचार के बारे में बताने जा रहे हैं लेकिन इससे पहले आप जानिए स्लिप डिस्क के कारण.
आप खूबसूरत हैं, शादी की उम्र भी है, संस्कारी भी हैं और अच्छा कमा भी रहे हैं यानी सुयोग्यतम भावी दूल्हा/दुलहन हैं, तो आप के चर्चे आसपास होने लगते हैं. लेकिन कई बार ऐसा भी होता है कि आप सुयोग्यतम भावी दूल्हा/दुलहन हैं, लेकिन शादी से कतराते हैं. सुयोग्यतम भावी दूल्हा/दुलहन की शादी के बारे में उन से ज्यादा उन के दोस्त, परिवार वाले और पासपड़ोस के लोग बातें करते हैं. ऐसा सिर्फ छोटे या मैट्रो शहरों में ही नहीं होता, बल्कि देशविदेश सभी जगह यही हाल है.
मुंबई के मलाड में रहने वाली दीपा 30 साल की लड़की है. बेहद खूबसूरत है और अच्छा कमा भी रही है. अपने पैसे से देशविदेश हर जगह घूमती है. उस की बड़ी बहन और भाई की शादी 24-25 साल की उम्र में ही हो चुकी है, लेकिन दीपा अभी शादी नहीं करना चाहती. उस की मां जया शर्मा ने उस पर बहुत जोर डाला, लेकिन अंतत: हार मान ली. भाई की शादी और बच्चे होने पर छोटे घर में रहने की दिक्कत को देखते हुए दीपा ने अपनी मां को राजी कर लिया कि वह अलग घर ले कर अकेले रहेगी और शनिवारइतवार उन से मिलने आ जाया करेगी. लेकिन जब भी दीपा से उस की शादी की बात करो, वह शादी को जिंदगी का एक बहुत ही बड़ा निर्णय मानती है. यह निर्णय गलत न हो जाए, इसलिए फूंकफूंक कर कदम रखने के चक्कर में इस रास्ते पर आगे बढ़ ही नहीं पा रही. ऐसा नहीं है कि वह कभी शादी नहीं करना चाहती, लेकिन निर्णय नहीं ले पाती. अब तक उस की जिंदगी में 2 लड़के आ भी चुके हैं. एक रिश्तों के मामलों में बहुत गंभीर था. शादी भी जल्दी करना चाहता था तो दूसरे से दीपा की बनी नहीं, इसलिए दूरियां आ गईं.
ऐसा सिर्फ मुंबई में रहने वाली दीपा के साथ ही नहीं, कई लड़केलड़कियों के साथ होता है. वे शादी करना तो चाहते हैं, लेकिन शादी की उम्र और वक्त को पहचान नहीं पा रहे होते या कहें कि शादी के बाद के जिस डर से वे बच रहे होते हैं, दरअसल वह सब कुछ वे बिना शादी के भी झेल रहे होते हैं. इस संबंध में मुंबई के एस.एल. रहेजा (फोर्टिस एसोसिएट) के क्लीनिकल साइकोलोजिस्ट डा. भूपेश शाह बताते हैं कि आजकल की लड़कियां बहुत नाजुक मिजाज हैं, क्योंकि वे स्वावलंबी हैं. वे अपनी जिंदगी में कोई भी समझौता नहीं करना चाहतीं, इसलिए ऐसा घर ढूंढ़ती हैं, जहां पति सुंदर हो, उस के मातापिता साथ न रहते हों, अकेला बेटा हो, अच्छे पद पर हो, तनख्वाह भी अच्छी हो और उन्हें समझ भी सके. लेकिन सारी खूबियां एक शख्स में मिलना आसान नहीं होता, इसलिए लड़कियों का इंतजार लंबा होता जाता है.
31 साल की तान्या मूलत: लखनऊ से है, दिल्ली की एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में काम करती है और पिछले कई सालों से मातापिता के साथ दिल्ली में ही रह रही है, लेकिन शादी से डरती है. वह बताती है कि करीब 4-5 साल पहले उस के इर्दगिर्द दोस्तों की लाइन लगी रहती थी. जैसे ही आफिस में अपनी सीट से उठती, दोस्त आ जाते और फिर कहीं न कहीं खानेपीने जाने का प्रोग्राम बन जाता. इन में ज्यादातर लड़के थे और उसे शादी के लिए प्रपोज भी कर रहे थे. वे चाहते थे कि वह हां कर दे. लेकिन हर बार तान्या किसी न किसी बात को ले कर डर जाती. किसी लड़के के बातचीत के ढंग में अतिविश्वास झलकता था, तो किसी का परिवार रूढिवादी होता. कोई उस से जूनियर था, कमाता भी अच्छा नहीं था. राजीव नाम के एक लड़के से तो उस ने अपने मातापिता को भी मिलवाया था, लेकिन बाद में उसे राजीव बहुत ही भावुक और बेमतलब की बातें करने वाला बोरिंग लगने लगा. ऐसे ही समय निकल गया. आज उन सभी लड़कों की शादियां हो चुकी हैं, लेकिन अब भी तान्या का बहुत मन होता है, दोस्तों के साथ जाए, खाएपीए, घूमेफिरे. पहले की तरह उस का ग्रुप हो, लेकिन आज दोस्त अपनीअपनी जिंदगी में मसरूफ हैं. कभीकभी मिलने का कार्यक्रम बना कर रद्द तक कर देते हैं. तान्या की सुयोग्यतम भावी दुलहन वाली उम्र निकल गई. अब जब कभी दोस्तों के साथ कहीं घूमने जाती है तो वही पैसे खर्च करती है, जबकि यही दोस्त महज कुछ साल पहले तक उस पर खर्च करने के लिए एक पांव पर खड़े रहते थे.
सुयोग्यतम दूल्हा/दुलहन होने में मजा
जो कैरियर में अच्छा कर रहे हों, होशियार हों, खूबसूरत हों और अच्छे परिवार से ताल्लुक रखते हों, तमाम लोग उन की तरक्की और उन की शादी के बारे में ही बातें करते हों, उन के यारदोस्त उन के जैसा बनने की कोशिश करते हैं, कुछ उन से जलते भी हैं. अगर ऐसे लड़केलड़की अपनी सारी खूबियों को खुद जानते हैं तो वे शादी करने से और भी ज्यादा डरने लगते हैं. उन्हें हमेशा इस बात का डर लगता है कि उन के बराबर का मैच नहीं मिला तो क्या होगा? डा. भूपेश शाह बताते हैं कि ऐसे लड़केलड़कियां बराबर का वर/वधू चाहने लगे हैं. वे अपने से थोड़ा ऊपर और नीचे के वर/वधू से सामंजस्य नहीं बैठाना चाहते.
यहां बात सिर्फ सेलिब्रिटी की नहीं है. आम जिंदगी में भी हमारे आसपास सुयोग्यतम भावी दूल्हा/दुलहन होते ही हैं. जब लड़के या लड़की को यह एहसास होता है कि वह तो सुयोग्यतम भावी दूल्हा/दुलहन है उस के व्यवहार या स्वभाव में परिवर्तन आ जाता है. ऐसे युवा ऐसे वक्त का वे आनंद उठाने लगते हैं. उन के आसपास सब लोग उन के साथ खूब फ्लर्ट करते हैं. उन्हें खासी एहमियत मिलती है. ऐसे में उन के परिवार या दोस्तों की जिम्मेदारी बनती है कि उन्हें सच से वाकिफ कराएं. आगे आने वाले वक्त के बारे में सोचने को कहें. डा. भूपेश शाह के मुताबिक, ऐसे संबंधों में रहते हुए भी मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक रूप से आप उतने ही तालमेल बैठा रहे होते हैं, जितना शादी के बाद बैठाना होता है.
शादी न करने के पीछे का डर
जब आप की जिंदगी में सब कुछ अच्छा चल रहा हो तो निम्न डर भी होते हैं, जो आप को शादी से रोकते हैं:
सामने वाला जो आप को प्रपोज कर रहा है, कहीं वह आप के पैसे और ओहदे के कारण तो आकर्षित नहीं है. हालांकि यह भय लड़कियों के मन में ज्यादा होता है. लेकिन लड़के भी चाहते हैं कि उन्हें पसंद किया जाए तो उन के स्वभाव या व्यक्तित्व को पसंद किया जाए न कि उन के ओहदे और कमाई को देख कर आप उन्हें पसंद करें. हालांकि वे आप को रिझाने के लिए अपने पैसे और ओहदे का इस्तेमाल कर रहे होते हैं.
अपने जैसी सोच वाले या अपने बराबर होशियार लड़कालड़की न मिलने का डर. यह भी लगता है कि कहीं गलती न हो जाए, सही व्यक्ति चुनने में, वह हमारे
सोचता है या नहीं, हमारी तरह होशियार है या नहीं. प्रोफैशन क्या है. कैरियर में आगे बढ़ने की इच्छा और काबिलीयत है या नहीं. यानी पहले की तरह अब हम सिर्फ एक घरेलू सीधीसादी लड़की या फिर एक बढि़या संस्कारी लड़का नहीं ढूंढ़ रहे होते, बल्कि एक पूरा पैकेज चाहिए और यह पैकेज जिस के पास है, वह खास हो जाता है.
कई बार मातापिता या किसी दोस्त की शादी में दूरियां देखी हों या असफल शादी देखी हो तो अपनी शादी के प्रति ज्यादा सतर्क हो जाते हैं. इसलिए इस शादी नाम के बंधन में बंधने से घबराहट होती है.
कुछ युवा खुद को किसी भी बंधन से आजाद रखना चाहते हैं. शादी कहीं उन के कैरियर में आगे बढ़ने के रास्ते न बंद कर दे. जिम्मेदारियों का बोझ उन की तरक्की में रुकावट होगा. शादी उन्हें एक बड़ी जिम्मेदारी या जवाबदेही लग रही होती है. डर होता है कि कहीं प्यार का रिश्ता, जबरदस्ती के रिश्ते में न बदल जाए.
जो जैसा चल रहा है बढि़या है. आप को पता ही नहीं है कि आप को शादी से किस तरह का डर है. बस, आप शादी करने के पीछे नहीं पड़ना चाहते, जब होनी होगी हो जाएगी. उस के लिए कोशिश करने का न तो वक्त न ही मन है.
शादी को ले कर आया लोगों की सोच में बदलाव
आज लड़का या लड़की ढूंढ़ने के मामले में सब से बड़ा आधार धर्म या जाति न हो कर प्रोफैशन और शिक्षा बन रही है. शादी डौटकौम के बिजनैस हैड गौरव रक्षित के मुताबिक, प्रोफैशन में भी कई श्रेणियां हैं. जैसे, अकसर कई गुजराती लोग बिजनैसमैन दामाद ही ढूंढ़ते हैं. उन्हें नौकरीपेशा लड़के पसंद नहीं आते. हालांकि जीवनसाथी चुनने के मामले में लोगों की पसंद में समयसमय पर बदलाव भी आते रहते हैं. जैसे आर्थिक मंदी के दौर के पहले तक भारत में सब से ज्यादा सौफ्टवेयर इंजीनियर्स की डिमांड थी, लेकिन मंदी के समय में जब विदेशों में कमा रहे बहुत से सौफ्टवेयर इंजीनियर भारत लौटे, तब से शादी के मामलों में उन की मांग घटी है. लड़कियों के मातापिता दूसरे व्यवसाय के लड़के ढूंढ़ने लगे. समय के साथ यह भी बदलाव आया है कि आज ज्यादातर लोग नौकरीपेशा बहू या बीवी ही ढूंढ़ रहे हैं.
गौरव कहते हैं कि यों तो शादी के लिए रजिस्टर करने वाले अधिकतर लोगों की उम्र 18 से 40 के बीच होती है, लेकिन सब से ज्यादा 24 से 30 साल के लोग इस में आते हैं और ज्यादातर लोग 30 से कम उम्र की लड़कियां ही ढूंढ़ते हैं. देर से शादी करने के बारे में डा. भूपेश शाह कहते हैं कि अधिक उम्र में शादी करने पर सब से ज्यादा मुश्किल लड़कियों को ही होती है, क्योंकि आज के जमाने में सचिन तेंदुलकर की तरह अधिक उम्र की लड़की से शादी करने के मामले अपवाद ही हैं.
वो गुजर रहे हैं उन्हीं परिस्थितियों से, जिन से शादी के बाद गुजरते
जिस तरह के जीवनसाथी की आप ने कल्पना की है, वैसा आप के इर्दगिर्द नहीं या फिर जो आप को पसंद आता है, उसे आप पसंद नहीं और जिन्हें आप पसंद हों, वे आप को पसंद नहीं. इसी कशमकश में जिंदगी के साल गुजर रहे हैं. लेकिन आप अड़े बैठे हैं कि जैसा जीवनसाथी आप चाहते हैं, उसी से शादी करेंगे नहीं तो शादी ही नहीं करेंगे. लेकिन इस दौरान अगर आप का बौयफ्रैंड या गर्लफ्रैंड है तो क्या आप वैसे ही पूरी जिम्मेदारी उठा रहे हैं जैसे शादी के बाद उठाते? रीना उदय से शादी नहीं करना चाहती. अभी नहीं या कभी नहीं, यह तो वह भी नहीं जानती, लेकिन दोनों पिछले 3 सालों से गर्लफ्रैंड, बौयफ्रैंड हैं. दोनों ने अलगअलग घर लिया लेकिन दोनों का ज्यादातर समय एकदूसरे के घर पर ही बीतता है. उदय और रोज शाम रीना को आफिस से घर छोड़ता है. दोनों ज्यादातर बाजार में खाते हैं या फिर रीना पका कर खिलाती है.
रीना की मां की तबीयत बिगड़ी तो उदय उस के साथ मेरठ गया और सारा खर्च उस ने उठाया. यानी जितनी जिम्मेदारी एक पति की उठाई जाती उतनी रीना उठा रही है और जितने नाजनखरे बीवियों के सहने पड़ते हैं वे सब उदय सह रहा है. बीच में करीब 8 महीने तक दोनों में बातचीत बंद थी. उस दौरान रीना के जीवन में एक लड़का भी आया, लेकिन उस के साथ भी बात आगे बनी नहीं. 8 महीने बाद रीना और उदय में फिर से सुलह हो गई. अब 2 साल से दोनों साथ हैं, लेकिन शादी के लिए रीना अभी भी तैयार नहीं. जीवन में जितने भी समझौते करने हैं वे तो आप कर ही रहे हैं तो फिर शादी से डर कैसा? यह तालमेल आप अपनी शर्तों पर भी कर सकते हैं, जैसे कि बौलीवुड एक्टर इमरान खान और उन की पत्नी अवंतिका ने किया. हाल ही में दोनों ने अपनी शादी पर थाईलैंड में अपनी लिखी शर्तें या कहें वादे पढे़. ऐसा कुछ आप भी सोच सकते हैं.
जून के पहले सप्ताह में हमें लक्षद्वीप जाने का अवसर मिला. दिल्ली से हवाई मार्ग द्वारा रात को कोच्चि पहुंचने पर, कोच्चि में ही विश्राम करना पड़ा क्योंकि कोच्चि से लक्षद्वीप के लिए प्रतिदिन एअर इंडिया की एक ही घरेलू फ्लाइट है और फिर वही फ्लाइट दोपहर को वापस कोच्चि आ जाती है. इसलिए हम कोच्चि से एअर इंडिया की घरेलू फ्लाइट से लक्षद्वीप के लिए रवाना हुए. कोच्चि से लक्षद्वीप पहुंचने में लगभग 2 घंटे का समय लगा. हमारा विमान लक्षद्वीप के एक छोटे से द्वीप अगाती हवाई अड्डे पर जब उतरा तो विमान से बाहर आते ही बड़ा ही रोमांचकारी दृश्य देखने को मिला. हम ने अपनेआप को समुद्र के बीच एक द्वीप पर पाया. 3 ओर से समुद्र की लहरें हिलोरे मार रही थीं. हवाई पट्टी के एक ओर पवन हंस का एक हैलीकौप्टर भी आ कर खड़ा हो गया.
पूछने पर पता चला कि यह हैलीकौप्टर लोगों को लक्षद्वीप की राजधानी कावाराती से ले कर आ रहा है और अभीअभी जो यात्री विमान से उतरे हैं और कावाराती जाने वाले हैं, यह उन्हें ले कर भी जाएगा. यात्रियों को यहां से हैलीकौप्टर द्वारा सिर्फ कावाराती द्वीप पर ही ले जाया जाता है और यात्रियों को यह सुविधा दिन में एक ही बार मिलती है. शनिवार और रविवार को यह हैलीकौप्टर सेवा छुट्टियों के कारण बंद रहती है.
वास्तव में 32 किलोमीटर लंबी भूमि वाला लक्षद्वीप 36 छोटेछोटे द्वीपों से मिल कर बना है, जिन में आबादी केवल 10 द्वीपों पर ही है.
लक्षद्वीप भारत का केंद्र शासित राज्य है. इस के सभी द्वीपों पर जलवायु सामान्य है. यहां की मिश्रित भाषा है जिस में मलयालम, तमिल और अरेबिक इत्यादि भाषाओं का मिश्रण है, जिसे ‘जिसरी’ कहा जाता है.
दर्शनीय स्थल
अगाती द्वीप : यह कोच्चि से 459 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. हवाई जहाज से यहां पहुंचने में 2 घंटे का समय लग जाता है. यह द्वीप 7 किलोमीटर लंबा है. सब द्वीपों में लंबा होने के कारण ही यहां एअरपोर्ट बनाना संभव हो पाया, इसलिए इस द्वीप का अपना ही महत्त्व है. उत्तर में इस द्वीप की चौड़ाई आधे किलोमीटर से भी कम है. द्वीप के बीचोंबीच एक पक्की सड़क बनी हुई है जहां से दोनों ओर का समुद्र दिखाई देता है.
जब हम इस द्वीप पर पहुंचे, वहां वर्षा ऋतु का आगमन हो चुका था. समुद्र और मौसम के बदले तेवर के कारण यहां से अन्य द्वीपों पर जाने का एकमात्र साधन पानी के जहाज बंद हो चुके थे, इसलिए हम कुछ दिन अगाती में ही रुक कर वापस कोच्चि के लिए रवाना हो गए. इसी दौरान इस द्वीप पर बसे गांव को बड़े नजदीक से देखने का अवसर मिला.
यहां टूरिज्म विभाग भी कार्यरत है और यहां आने वाले पर्यटकों के लिए आधुनिक सुविधाओं से लैस उन का गैस्ट हाउस और एक पुराना डाकबंगला भी है. यहां वाटर स्पोर्ट्स, स्कूबा डाइविंग, केनोइंग, कांच के तल वाली नावों से समुद्र के अंदर कोरल व समुद्री जीवजंतुओं को देखने व हट्स इत्यादि जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध हैं.
समुद्र के किनारे बहुत ही साफसुथरे हैं. नारियल के पेड़ों की सूखी टहनियों और खोलों को बड़े ही करीने से ढेर लगा कर रखा जाता है. यहां लोगों के आनेजाने का मुख्य साधन साइकिल लोकप्रिय है, इसलिए प्रदूषण की समस्या नहीं है. इस द्वीप की एक बड़ी खासीयत यह भी है कि बिजली आपूर्ति के लिए सोलर स्टेशन बनाया गया है. सड़कों पर सोलर लाइटें लगी हुई हैं. पीने के पानी के लिए घरघर में वर्षाजल संचित किया जाता है.
कावाराती द्वीप : कोच्चि से 440 किलोमीटर की दूरी पर स्थित, कावाराती द्वीप लक्षद्वीप की राजधानी है. इस द्वीप का क्षेत्रफल 4.22 वर्ग किलोमीटर है और जनसंख्या 25 हजार से भी अधिक है, इसलिए भीड़भाड़ भी ज्यादा है. अगाती से कावाराती हैलीकौप्टर या शिप द्वारा आया जा सकता है. हैलीकौप्टर से 20-25 मिनट और शिप से यहां पहुंचने के लिए 6 घंटे लगते हैं. वर्षा ऋतु में मौसम खराब हो जाने पर शिप बंद कर दिए जाते हैं. यहां भी अगाती की तरह स्थानीय लोगों के लिए जीवनयापन की सभी सुविधाएं मौजूद हैं. पर्यटकों के लिए सभी सुखसुविधाओं से लैस गैस्ट हाउस बने हुए हैं. यहां के खूबसूरत समुद्री किनारे पर्यटकों को लुभाते नजर आते हैं इसीलिए पर्यटक यहां वाटर स्पोर्ट्स और तैराकी का लुत्फ उठाते हैं.
मिनीकाय द्वीप : कोच्चि से इस द्वीप की दूरी 398 किलोमीटर है. इस का क्षेत्रफल 4.80 वर्ग किलोमीटर है. यह दूसरा सब से बड़ा द्वीप है. पहला बड़ा द्वीप अन्द्रोथ है. मिनीकाय, लक्षद्वीप के दक्षिण में स्थित है. इस द्वीप पर रहने वाले लोगों की संस्कृति उत्तरी द्वीपों के लोगों से भिन्न है. यहां की बोलचाल की भाषा माही है. यहां वर्ष 1885 का बना सब से पुराना लाइटहाउस भी है. पर्यटकों को लुभाने हेतु खूबसूरत समुद्री किनारे हैं.
किल्टन द्वीप : फारस की खाड़ी और श्रीलंका के साथ व्यापार करने के लिए यह एक अंतर्राष्ट्रीय मार्ग के नाम से भी जाना जाता है. यह द्वीप बहुत गरम है. गरमी अधिक होने के कारण लोग बाहर सोते हैं. यह पहला द्वीप है जिस की ‘बीचेस’ पर ऊंची तूफानी लहरें उठती रहती हैं. इस द्वीप की मिट्टी बहुत उपजाऊ होने के कारण यहां बहुत अधिक वनस्पतियां उगाई जाती हैं. यहां के समुद्री किनारे लोकनृत्यों के लिए प्रसिद्ध हैं.
कादमत द्वीप : यह द्वीप कोच्चि से 407 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. इस के पश्चिम में खूबसूरत व उथला समुद्र होने के कारण वाटर स्पोर्ट्स के लिए यह बहुत उत्तम समुद्री किनारा है. पूर्व में तंग लैगून है और लंबा बीच है. शहर से दूर यहां आ कर सैलानी वाटर स्पोर्ट्स, पैडल बोट्स, स्वीमिंग, सी डाइविंग, सेलिंग के अतिरिक्त शीशों के तल वाली नावों में समुद्र में जा कर, समुद्री जीवजंतुओं को देखने का आनंद भी उठाते हैं. इस के अतिरिक्त स्कूबा डाइविंग पर्यटकों के लिए यहां का विशेष आकर्षण है.
एडमिनी द्वीप : कोच्चि से इस द्वीप की दूरी 407 किलोमीटर है. यह द्वीप आयताकार है. यहां के समुद्र में भवन निर्माण हेतु कोरल्स और रेतीले पत्थर बहुतायत मात्रा में पाए जाते हैं. यहां के निवासी कुशल शिल्पकार हैं जो कछुए के खोल और नारियल के खोलों से छड़ी बनाने के लिए मशहूर हैं.
अन्द्रोथ द्वीप : कोच्चि से इस द्वीप की दूरी 293 किलोमीटर है. यह लक्षद्वीप का सब से बड़ा द्वीप है. यह द्वीप घनी हरियाली के लिए भी जाना जाता है, विशेषकर घने नारियल के पेड़ों के कारण. जूट और नारियल यहां के मुख्य उत्पादन हैं.
चेतला द्वीप : कोच्चि से इस द्वीप की दूरी 432 किलोमीटर है. यहां नारियल कम होता है इसलिए जूट यहां के लोगों का मुख्य व्यवसाय है. नारियल के पत्तों की चटाइयां बनाई जाती हैं. 20वीं शताब्दी में यहां समुद्री जहाज, नावें बनाने का यहां का उद्योग बहुत प्रसिद्ध रहा है जिस की अन्य द्वीपों पर जाने वाले लोगों द्वारा मांग की पूर्ति की जाती थी.
कल्पेनी द्वीप : कोच्चि से यह द्वीप 287 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. यह द्वीप भी अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है. सब से पहले इस द्वीप पर लड़कियों को पढ़ाना शुरू किया गया था. वर्ष 1847 में इस द्वीप पर बहुत बड़ा तूफान आया था जिस में बहुत बड़ेबड़े पत्थर भी यहां आ कर गिरे थे. वाटर स्पोर्ट्स, रीफ वौक, तैराकी जैसी सुविधाएं पर्यटकों के लिए यहां उपलब्ध हैं.
ये भी पढ़ें- Summer Special: नेचुरल ब्यूटी से भरपूर है पूर्वोत्तर राज्य