GHKKPM: सई के खिलाफ पाखी की नई चाल, करेगी ये काम

सीरियल ‘गुम है किसी के प्यार में’ (Ghum Hai Kisikey Pyaar Meiin) की कहानी में सई और विराट के बीच नई मुसीबतें आती जा रही हैं. जहां एख तरफ विराट (Neil Bhatt) अस्पताल में पहुंच गया है तो वहीं पाखी (Aishwarya Sharma) ने सई (Ayesha Singh) के खिलाफ चौह्वाण परिवार को भड़काने का प्लान बना लिया है. आइए आपको बताते हैं क्या होगा शो में आगे….

खतरे में पड़ी विराट की जान

अब तक आपने देखा, सदानंद को विराट और श्रुति के रिश्ते के चलते गलतफहमी हो जाती है और वह बदला लेने के लिए सई को किडनैप कर लेता है. वहीं सई को बचाने के लिए विराट, सदानंद से भिड़ जाएगा और बम ब्लास्ट का शिकार हो जाएगा. हालांकि विराट को सई विराट को अस्पताल लेकर जाएगी और पूरे चौह्वाण परिवार को उसकी हालत के बारे में बताएगी.

 

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पाखी ने किया ये काम

अपकमिंग एपिसोड में आप देखेंगे कि पाखी एक बार फिर सई के खिलाफ प्लान बनाएगी और अश्विनी और भवानी को भड़काती नजर आएगी.  दरअसल, पाखी पूरे परिवार से कहेगी कि सई के कारण विराट की ये हालत हुई है क्योंकि उसने भरोसा नहीं किया. वहीं अश्विनी, सम्राट और देवयानी भी सई को गुनहगार ठहराएगी और उसके थप्पड़ मार देगी.

सई को विराट से दूर करेगी पाखी

दूसरी तरफ आप देखेंगे कि चौह्वाण परिवार के नफरत झेलती सई का साथ विराट देगा. हालांकि पाखी पूरी कोशिश करेगी कि इस बार सई चौह्वाण हाउस में एंट्री ना ले, जिसके चलते वह भवानी और अश्विनी को अपना शिकार बनाएगी. इसी के चलते सीरियल में एक बार फिर ड्रामा देखने को मिलेगा. लेकिन इस बार विराट औऱ सई का रोमांस भी फैंस को एंटरटेन करेगा.

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Shivangi Joshi के कारण Mohsin Khan के पैर पर गिरा डंबल! देखें वीडियो

टीवी की पौपुलर जोड़ियों में से एक एक्ट्रेस शिवांगी जोशी (Shivangi Joshi) और एक्टर मोहसिन खान (Mohsin Khan) की जोड़ी आए दिन सुर्खियों में रहती है. जहां बीते दिन दोनों का सॉन्ग ‘तेरी अदा’ (Teri Ada) रिलीज होने के चलते फैंस तारीफ करते नजर आ रहे हैं तो वहीं दोनों का एक Behind The Scene वीडियो सोशलमीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसे देखकर फैंस मजेदार रिएक्शन देते नजर आ रहे हैं. आइए आपको बताते हैं मोहसिन-शिवांगी के वायरल वीडियो की झलक….

मोहसिन शिवांगी ने शेयर किया वीडियो

 

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‘तेरी अदा’ (Teri Ada) गाने की रिलीज के बीच शूटिंग का एक BTS (Behind The Scene) वीडियो वायरल हो गया है, जिसमें मोहसिन खान और शिवांगी जोशी नजर आ रहे हैं. दरअसल, दोनों ने फैंस के साथ अपने इंस्टाग्राम एकाउंट से वीडियो शेयर किया है, जिसमें मोहसिन खान छत पर एक्सरसाइज करते हैं. जहां पर शिवांगी जाकर उन्हें डराती हैं. इसी कारण मोहसिन चौंक जाते हैं और उनके हाथ से डंबल छूटकर पैर पर गिर जाता है. हालांकि ये दोनों के वीडियो का एक सीन होता है, जिसके कारण दोनों एक्टिंग करते नजर आते हैं. वहीं वीडियो को शेयर करते हुए  मोहसिन खान ने मजेदार कैप्शन लिखते हैं “ये रहा BTS ‘तेरी अदा’. शुक्र है कि डंबल लगा नहीं.”

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गाना हुआ रिलीज

गाने की बात करें तो तेरी अदा गाने को फैंस काफी पसंद कर रहे हैं. ये रिश्ता क्या कहलाता है में नायरा कार्तिक की ये जोड़ी काफी लंबे समय बाद साथ देखने को मिली हैं, जिस पर फैंस प्यार लुटाते नजर आ रहे हैं. वहीं यूट्यूब पर गाना टौप 5 ट्रैंडिंग वीडियो में नजर आ रही हैं और इस वीडियो को 41,56,373 से ज्यादा व्यूज मिल चुके हैं.

बता दें, मोहसिन खान और शिवांगी जोशी को ये रिश्ता क्या कहलाता है में नायरा-कार्तिक की जोड़ी में फैंस ने काफी पसंद किया था. वहीं फैंस दोनों को साथ देखने के लिए बेताब नजर आ रहे थे.

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शाम के नाश्ते में बनाएं शाही कबाब

हल्की ठंड हो और शाम के समय एक कप चाय के साथ नाश्ते में शाही कबाब मिल जाए तो क्या कहना. तो आइए आपको बताते हैं शाही कबाब की आसान रेसिपी.

सामग्री

1/2 कप न्यूट्रीला चूरा

3 बड़े चम्मच चने की दाल

1/4 कप आलू उबले व मैश किए

1 ब्रैडस्लाइस ताजा

1/2 छोटा चम्मच चाट मसाला

1/4 छोटा चम्मच गरम मसाला

1 छोटा चम्मच अदरक व लहसुन पेस्ट

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1 छोटा चम्मच खड़ा मसाला

1 छोटा चम्मच जीरा

4 दाने कालीमिर्च

2 लौंग

1 बड़ी इलायची के दाने

1 छोटा टुकड़ा दालचीनी का

कबाब सेंकने के लिए पर्याप्त रिफाइंड औयल

नमक स्वादानुसार

विधि

चने की दाल को आधा घंटा गरम पानी में भिगो कर रखें. न्यूट्रीला के चूरे को 2 बार पानी से अच्छी तरह धो कर 2 कप गरम पानी में 1 चम्मच दूध डाल कर आधा घंटा भिगो कर रखें. दाल से पानी निथार लें. न्यूट्रीला को भी आधे घंटे बाद पानी से निचोड़ कर निकाल लें.

अब एक प्रैशरपैन में दाल, न्यूट्रीला और आधा कप पानी डालें. इस में जीरा, कालीमिर्च, लौंग, बड़ी इलायची के दाने, दालचीनी का टुकड़ा व नमक डाल कर ढक्कन लगाएं. एक सीटी आने के बाद धीमी आंच पर 3 मिनट रखें. फिर आंच बंद कर दें.

भाप निकलने के बाद प्रैशरपैन का ढक्कन खोलें. पानी हो तो तेज आंच पर उसे सुखा लें. मिश्रण को मिक्सी में पीसें. बची सामग्री मिलाएं और छोटेछोटे कबाब बना कर एक नौनस्टिक तवे पर तेल में लाल होने तक उलटपलट कर सेंक लें. न्यूट्रीशियस कबाब को चटनी या सौस के साथ खाएं.

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ऐसे ही वीडियो देखने के लिए यहां क्लिक कर SUBSCRIBE करें गृहशोभा का YouTube चैनल.

जानें क्या होता है मिड एज सिंड्रोम

अकसर हम 40-45 साल के कुछ ऐसे लोगों को देखते हैं, जो युवाओं की तरह भड़कीले कपड़े पहने उन के जैसा ही व्यवहार करते नजर आते हैं. कुछ इस से भी आगे बढ़ कर अपने से काफी छोटी उम्र के लोगों की ओर आकर्षित होते हैं और उन्हें भी अपनी ओर आकर्षित करने के लिए तरहतरह के नुसखे तथा पैतरे आजमाते दिखते हैं. इस तरह की स्थितियां जब सहजता की सीमा को पार करने लगती हैं, तो वे मिड लाइफ क्राइसिस, मिड लाइफ सिंड्रोम अथवा मिड एज सिंड्रोम कही जाती हैं. इस पर काफी अध्ययन और शोध भी हुए हैं.

होता क्या है

40-45 की उम्र तक पहुंचतेपहुंचते व्यक्ति कैरियर, गृहस्थी आदि में काफी हद तक सैटल हो जाता है. तब उस के पास अपने बारे में सोचनेविचारने का समय रहता है. ऐसे में अकसर उसे यह महसूस होता है कि युवावस्था उस के हाथ से निकलती जा रही है. वह जीवन की रोजमर्रा की जुगत में ठीक से उस का उपयोग नहीं कर पाया. अत: वह तरहतरह से उसे ठहराना, पकड़ना तथा भरपूर जीना चाहता है. ऐसे में समाज की मान्यताएं, सोच, हदें और सीमाएं उस की इस मनमरजी में बाधक लगती और बनती हैं. तब उस के भीतरबाहर द्वंद्व की स्थिति होती है, जो मिड लाइफ क्राइसिस कही जाती है.

पुरुषों में ज्यादा

वैसे यह क्राइसिस स्त्रीपुरुष दोनों में होती है, परंतु पुरुषों की तुलना में स्त्रियों में कम व देर से होती है और कम समय रहती है. पुरुषों में स्त्रियों की अपेक्षा नेचर और स्थितियों के साथ समायोजन की क्षमता कम होती है तथा वे अपनी मरजी से जीवन जीने के अधिक अभ्यस्त होते हैं, इसलिए भी उम्र की फिसलन उन की इच्छाओं में ज्यादा बढ़ोतरी करने लगती है. मनोचिकित्सक डा. संजय चुघ के अनुसार, इस क्राइसिस में व्यक्ति को लगता है कि उस की आधी जिंदगी बीत चुकी है. बची हुई जिंदगी वह अपनी मरजी से जीए. वह पहनावे, फिटनैस वगैरह का खास ध्यान रखने लगता है और युवा दिखने की भी काफी कोशिश करता है. अपनी जिंदगी में आई रिक्तता को भरने के लिए वह उस में ऐक्साइटमैंट लाना चाहता है. इस फेर में वह रोमांस तथा फ्लर्टिंग खोजने लगता है. उस का व्यवहार किशोरावस्था के व्यवहार जैसा होने लगता है. सिर्फ मनोवैज्ञानिक कारण ही नहीं हारमोनल बदलाव को भी इस के लिए जिम्मेदार माना गया है.

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स्त्रियों में कम क्यों

मनोचिकित्सकों के अनुसार स्त्रियां जीवन के तनावों, दबावों तथा हारमोनल बदलावों को सहज एवं प्राकृतिक रूप से टैकल कर लेती हैं. कई कार्यों, गतिविधियों में जीवन को व्यस्त कर लेती हैं. आमतौर पर खालीपन उन्हें खलता नहीं. वे उसे किसी न किसी तरह भर लेती हैं. इस मुद्दे पर कई स्त्रियों से बातचीत की तो उन्होंने इस के बारे में बताया. डा. पूनम आनंद लाजपत नगर, दिल्ली के विद्यालय में साइंस की शिक्षिका हैं. वे कहती हैं, ‘‘हम ने ये उम्र पार कर ली पर हमें इस की क्राइसिस का आभास इसलिए नहीं हुआ कि हमारे लिए बच्चों का कैरियर सैटलमैंट और जीवन के अन्य लक्ष्य भी महत्त्वपूर्ण हैं.’’ गुड़गांव केंद्रीय विहार में कार्यरत एक सौंदर्य विशेषज्ञा कहती हैं, ‘‘मेरे पास हर उम्र की महिलाएं आती हैं और वे सभी हर उम्र में सुंदर दिखना चाहती हैं. 44-45 की उम्र में भी एज क्राइसिस मैं ने उन में नहीं देखी. वे तो हमेशा ही जवान व सुंदर दिखना चाहती हैं.’’

डा. वीरेंद्र सक्सेना कहते हैं, ‘‘मैं फिल्मी पत्रिका ‘माधुरी’ का संपादक रहा. उस के लिए काम संबंधों पर शोध के दौरान किए गए इंटरव्यूज में मैं ने पाया कि स्त्रियां जीवन में मिले खाली समय को निरर्थक नहीं समझतीं, वे चीजों को बहुत सकारात्मकता से देखती हैं तथा खाली समय का भी सार्थक निवेश करती हैं.’’

क्या हो सकते हैं लक्षण

पदप्रतिष्ठा को भूल कर प्यार, रोमांस का तलबगार हो जाना.

कभीकभी पदप्रतिष्ठा को दांव पर भी लगा देना.

विवाहेतर संबंधों में दिलचस्पी.

दांपत्य में एकरसता, ऊब या बासीपन अनुभव करना.

सोशल साइट्स, इंटरनैट, अश्लीलता आदि की ओर रुझान बढ़ना.

हास्यास्पद हरकतें.

ब्रिटेन में मिड एज क्राइसिस पर हुए शोध में कई लक्षण प्रकाश में आए जैसे:

अपने से 20-25 वर्ष कम उम्र की लड़कियों से फ्लर्टिंग.

पुराने साथियों और लोगों को खोजना.

मित्र या अपनों की खुशी में खुश न होना.

उम्र छिपाना.

बाल झड़ने, तोंद बढ़ने अथवा बाल सफेद होने आदि की चिंता.

क्या इस क्राइसिस का है समाधान

जीवन की स्थितियों को सहजता से ले कर समायोजन कर लेते हैं, उन्हें इस क्राइसिस का अनुभव तो दूर, उन का तो इस का नाम तक लिए बिना जीवन गुजर जाता है. जीवन को लक्ष्य से जोड़े रखना बेहतर है. प्रोफैशनल जीवन के अलावा छोटेछोटे अन्य लक्ष्य भी बनाए जा सकते हैं. रुचियों और अधूरी इच्छाओं को समय दिया जा सकता है.

उम्र के हर पड़ाव का है चार्म

हर उम्र का अपना मजा है, अपना चार्म है. जिस बचपन या यौवन को इस उम्र की क्राइसिस में याद किया जा रहा है, उम्र के उस दौर में भी क्राइसिस कम न थी. अपनेआप को साबित करने, पढ़नेलिखने तथा अन्य हारमोनल तनावदबाव तथा आकर्षण भी बाधक थे. उम्र के अनुरूप व्यवहार, रहनसहन तथा हावभाव अच्छे लगते हैं. अगर बच्चे कहने लगें कि पापा को क्या हो गया? या डैडी तो बड़ी छिछोरी हरकतें करते हैं…, तो इस तरह की बातें कहीं का नहीं रहने देतीं. सर्दीगरमी, बरसात की तरह ही हर उम्र का मौसमी फ्लेवर है.

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लाइफ बिगिन्स आफ्टर फोर्टी

40 के बाद सही आनंदमय जीवन के चार्म को इस कहावत के जरीए दर्शाया गया है. यही तो समय है जब पैसे से ले कर कैरियर तक की सही कमान हाथ में आती है. इस का आनंद लेना आसपास के लोगों से सीखा जा सकता है. दुनिया भर की कई मशहूर हस्तियां 40 के बाद ही मुकाम पर पहुंचीं.

काबू न किए जाने पर किरकिरी

इस उम्र की क्राइसिस को मैनेज न कर पाने पर बहुत किरकिरी होती है. पुरुषों में तो 60-70 साल की उम्र तक यह सिंड्रोम रह सकता है, जिस की वजह से बिल क्लिंटन, बलुस्की और दुनिया की कई और भी जानीमानी हस्तियों की बहुत किरकिरी हुई है. मैनेज न किए जाने पर यह तनाव दबाव का रूप ले कर सफलता को असफलता, चरित्र को चरित्रहीनता और गुण को अवगुण में तबदील कर सकता है.

आ रही है अवेयरनैस

इस क्राइसिस के प्रति दुनिया भर में जागरूकता लाई जा रही है. पुराने समय में भी इस तरह की मनोवृत्तियों को कहावतों, मुहावरों के जरीए दर्शाने का प्रयास रहा है. जैसे सींग कटा कर बछड़ों में शामिल होना, बूढ़ी घोड़ी लाल लगाम और पचपन में दिन बचपन के वगैरह.

बौलीवुड में भी ‘बीवी नं. 1’, ‘गैंड मस्ती’, ‘नो ऐंट्री’ जैसी फिल्में बनी हैं, जो इस एज क्राइसिस की ओर ध्यान दिला कर बचाव का संदेश देती हैं.

बच कर रहना ठीक

दांपत्य में एकरसता, उपेक्षा न आने दी जाए. जीवनसाथी के जीवन की रिक्तता को पूरा किया जाए. नवीनता और बदलाव की इच्छा को साथी द्वारा सैक्स, रहनसहन और लाइफस्टाइल की नईनई तकनीकें अपना कर टैकल किया जा सकता है. जब भी ऐसा एज सिंड्रोम सिर उठाए, तो उसे सकारात्मक व सही दिशा दे कर जीवन का और लुत्फ लिया जा सकता है. कुछ लोग जीवन में नए लक्ष्य और कार्यों के लिए उत्सुक, सीखने के लिए आतुर और घूमने के लिए व्याकुल नजर आते हैं वे काफी हद तक इसे सही दिशा में स्वयं ही मोड़ लेते हैं.

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खुद करें घर में पेस्ट कंट्रोल

नमीयुक्त वातावरण की वजह से हर जगह कीड़ेमकोड़े, फफूंद आदि आसानी से पनपने लगते हैं. ऐसे में घर को साफ और स्वास्थ्यवर्धक रखना हर गृहिणी के लिए एक चुनौतीपूर्ण काम होता है. घर साफसुथरा और कीड़ेमकोड़ों से रहित हो, इस के लिए जरूरी है कि घर की नियमित सफाई हो. मुंबई के कल्पतरू हास्पिटैलिटी ऐंड फैसिलिटी मैनेजमेंट के क्लीनिंग ऐक्स्पर्ट आर.एम. हेगड़े, जो 27 सालों से इस क्षेत्र में कार्यरत हैं, का कहना है कि कीड़ेमकोड़े गंदगी से पैदा होते हैं. यही वजह है कि शहरों में गांवों की अपेक्षा कीड़ेमकोड़े अधिक पाए जाते हैं. शहरों में खुले गटर, टूटी पाइपलाइनें, जगहजगह पानी का जमाव आम बात है. इसलिए वहां कीड़ेमकोड़े तेजी से पैदा होते हैं. ये कीड़े घर तक आ जाते हैं और बीमारी का कारण बनते हैं. लेकिन सफाई से संबंधित कुछ बातों को ध्यान में रख कर कीड़ेमकोड़ों व उन से होने वाली बीमारियों से बचा जा सकता है:

रात को जूठे बरतन सिंक में न छोड़ें. इस से कौकरोच और चींटियों को खाना मिलता है. अगर उन्हें धोने का समय न हो तो एक बड़े बरतन में साबुन का पानी मिला कर बरतनों को उस में डुबो दें और किसी चीज से ढक दें.

बचे खाने को फ्रिज में रखें. खुला न छोड़ें.

डस्टबिन ढकी होनी चाहिए.

कमरे के फर्श को सप्ताह में 1 या 2 बार साबुन के पानी से साफ करें.

बाथरूम और किचन की नियमित सफाई करें.

भीगे कपड़ों को बाथरूम में अधिक देर तक न रखें.

आर.एम. हेगड़े का कहना है गृहिणियां पेस्ट कंट्रोल खुद कर सकती हैं. वह हर्बल हो, किसी प्रकार से नुकसानदायक न हो:

100 ग्राम बोरिक ऐसिड का पैकेट लें. उस को थोड़े गेहूं के आटे के साथ मिला लें. बाद में 2 चम्मच चीनी अच्छी तरह से मिलाएं. उस की लंबी लोई बनाएं और सिंक के नीचे दरारों और नालियों के पास जहां भी कौकरोच, चींटियां आप को दिखें, वहां डाल दें. इस का कोई साइडइफैक्ट नहीं है. इसे कौकरोच खाते ही मर जाते हैं. यदि घर में छोटा बच्चा, दमे का रोगी या प्रैग्नैंट महिला हो, तब भी यह नुसखा आप अपना सकती हैं.

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महीने में 1 बार पेस्ट कंट्रोल करने से आप के घर में कीड़ेमकोड़े पूरी तरह से खत्म हो जाएंगे.

बाथरूम में कीड़ेमकोड़े अधिक होते हैं. वहां कैरोसिन का स्प्रे करें.

चूहों से बचने के लिए ‘रैट ग्लू बोर्ड’ या पिंजरे का इस्तेमाल करें.

मक्खियों से बचने के लिए आसपास के जमे हुए पानी में कैरोसिन का छिड़काव करें. गमलों के नीचे जमे पानी को 1 सप्ताह से अधिक न रखें. ड्रम के पानी को 2-3 दिन तक ही प्रयोग करें या फिर उसे निकाल दें. 

मच्छरमुक्त घर

मच्छरों से कई प्रकार की बीमारियां आम हो गई हैं. इन में डेंगू, मलेरिया, कालाज्वर आदि प्रमुख हैं. वैसे तो कई उत्पाद बाजार में उपलब्ध हैं पर उन से आप का घर मच्छरमुक्त नहीं हो सकता, क्योंकि मच्छर, मक्खियां, कौकरोच आदि कुछ दिनों के बाद उस केमिकल के आदी हो जाते हैं, जिस का प्रयोग आप कर रहे हैं. इसलिए खिड़कियों में ‘नेट’ अवश्य लगाएं. शाम 5 बजते ही खिड़कियां व दरवाजे बंदकर दें. आजकल बाजार में बैटरी औपरेटेड या इलैक्ट्रिकल बैट मिलते हैं, जिन के फेरने पर मच्छर मर जाते हैं. सोने से पहले उसे कमरे में अवश्य फेर दें. इस के अलावा ‘सोल पैक बायर इंडिया’ का उत्पाद बाजार में मिलता है, जिसे पानी के साथ मिला कर स्प्रे किया जाता है. इसे दीवारों पर स्प्रे करेंगे तो मच्छर, मक्खी, कौकरोच, छिपकली, मकड़ी आदि सभी से नजात पा सकते हैं. इस स्प्रे से दीवार पर किसी प्रकार का दाग या धब्बा भी नहीं पड़ता. यह एक प्रकार का पाउडर है जो पानी के साथ मिला कर छिड़का जाता है. यह थोड़ा महंगा अवश्य है, पर एक बार करवाने पर 3 महीने तक आप मच्छरमुक्त घर पा सकते हैं.

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मां बनने वाली हैं Yeh Rishta Kya Kehlata Hai फेम मोहेना कुमारी, मोहसिन-शिवांगी ने दी बधाई

ये रिश्ता क्या कहलाता है (Yeh Rishta Kya Kehlata Hai) में नजर आ चुके सितारे अक्सर सुर्खियों में रहते हैं. वहीं इस लिस्ट में कीर्ति के रोल निभाने वाली एक्ट्रेस मोहेना कुमारी सिंह (Mohena Kumari Singh) का नाम भी शामिल हैं. शादी के बाद टीवी की दुनिया को अलविदा कहने वाली मोहेना सिंह मां बनने वाली हैं. वहीं उनके बेबी बंप की फोटोज वायरल हो गई हैं. आइए आपको बताते हैं पूरी खबर…

पति संग फोटो की शेयर

 

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रीवा की राजकुमारी एक्ट्रेस मोहेना सिंह ने पति संग अपने बेबी बंप की फोटोज शेयर की हैं.  वहीं इन फोटोज के साथ लिखा कि एक नई शुरुआत की शुरुआत. सभी के साथ खुशखबरी शेयर कर रही हूं. एक्ट्रेस के फोटो शेयर करते ही जहां मोहसिन खान, शिवांगी जोशी के साथ-साथ दूसरे सेलेब्स और फैंस उन्हें बधाई दे रहे हैं तो वहीं उनकी बेबी बंप की फोटोज सोशलमीडिया पर वायरल हो रही हैं.

 

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फैमिली संग कराया फोटोशूट

 

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पति सुयश रावत (Suyash Rawat) के अलावा मोहेना सिंह ने परिवार के साथ भी फोटोज शेयर कीं. वहीं इन फोटोज में उनकी खुशी साफ देखने को मिल रही हैं.  परिवार के साथ शेयर की गई इन फोटोज को शेयर करते हुए मोहेना ने लिखा,“प्यार, खुशी और आशीर्वाद पाकर मेरा दिल कृतज्ञता से भर गया है. धन्यवाद.

टीवी को कह चुकी हैं अलविदा

 

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14 October 2019 में शादी करने वाली मोहेना कुमारी सिंह (Mohena Kumari Singh) बीते साल कोरोना के चपेट में आने के कारण सुर्खियों में रही थीं. हालांकि वह ठीक भी हो गई थीं, जिसके बाद वह पति संग क्वालिटी टाइम बिताती नजर आती हैं. वहीं प्रौफेशन की बात की जाए तो शादी के वक्त ही एक्ट्रेस मोहेना सिंह ने टीवी की दुनिया को अलविदा कह दिया था. हालांकि वह अपने यूट्यूब चैनल के जरिए फैंस से जुड़ी हुई नजर आती हैं.

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अंतिम सफर पर चल दिए Bappi Lahiri

दिल में हो तुम आँखों में तुम…….ये सुरीला गीत शायद सभी जानते है, सत्मेव जयते का ये गीत जिसे बप्पी लहरी ने अपना सुर दिया था. ये गाना उस दौर की सबसे हिट सॉंग थी, जिसे हर प्यार करने वाले जोड़े की होठों पर रहा. बप्पी लहड़ी ने हर तरह के गीत गाये और संगीतबद्ध भी किया, जिसमे हिंदी के अलावा बांग्ला और दक्षिण भारतीय फिल्मों के भी गाने है.

केवल 69 की उम्र में संगीत की दुनिया से चले जाना एक बहुत बड़ी क्षति है. डिस्को किंग कहे जाने वाले बप्पी लहड़ी ने संगीत में डिस्को संगीत को ऐसे समय में परिचय करवाया जब ये विदेशी संगीत कहलाया करता था. पहले इस संगीत को किसी फिल्म कार ने अधिक महत्व नहीं दिया, लेकिन डिस्को डांसर के गीत और अभिनेता मिठुन चक्रवर्ती के डांस ने सबको ऐसा दीवाना बनाया कि बप्पी लहरी उस दौर के गायक, म्यूजिक कंपोजर, एक्टर रिकॉर्ड प्रोड्यूसर बन गए और  निर्माता निर्देशक उनके फिल्मों के गीत बप्पी दा से लेने लगे थे. बप्पी लहरी माइकल जैक्सन के डांस और गाना बहुत पसंद था ,जबकि माइकल जैक्सन को बप्पी लहड़ी की डिस्को डांसर सॉंग पसंद थी.

 पॉपसॉंग के रहे शौक़ीन

70-80 के दशक में गाए उनके डिस्को सोंग्स हमेशा सबको याद रहेंगे. आज भी जब पार्टी म्यूजिक की बात होती है, तो सबसे पहले बप्पी दा के गानों की याद आती है. बप्पी दा को संगीत से बहुत प्यार था, इसकी वजह उनका एक संगीतज्ञ परिवार में जन्म लेना और 3 साल की उम्र से संगीत सीखना शुरू कर दिए थे और 11 साल की उम्र में संगीत के कंपोजर भी बन गए थे.उन्होंने हर तरह के गीत गाये और बनाए भी. उनपर कई बार विदेशी धुन को हिंदी गानों में प्रयोग करने पर आरोप लगे, पर वे इसे फ्यूजन संगीत कहते थे, क्योंकि उनका मानना था कि संगीत को हर कोई अपने ढंग से गा सकता है, इसे रोक पाना किसी के वश में नहीं होता.

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बने यूथ आइकोन

हिंदी सिनेमा में डिस्को सॉंग लाने की वजह उन्होंने बताया था कि वर्ष 1979 में वे पहली बार अमेरिका गये और वहां जॉन ट्रावोल्टा का सैटरडे नाईट में जाने का मौका मिला और उससे वे प्रभावित होकर इंडिया में डिस्को सॉंग को लाना चाहते थे और इसे वे मिठुन चक्रवर्ती की फिल्म डिस्को डांसर से कर पाए. उन्होंने कहा था कि अगर मिठुन चक्रवर्ती मेरे सॉंग पर इतना अच्छा परफॉर्म नहीं करते तो मिठुन चक्रवर्ती और मैं लाइम लाइट में नहीं आ पाते. उन दोनों का चोली दामन का रिश्ता था. उन्होंने किशोर कुमार, उषा उथुप, आशा भोसले, सुस्माश्रेष्ठ आदि सभी ने उनके गीत गाये है.

प्रिय थे वाद्ययंत्र

बप्पीलहड़ी बहुत शांत, हंसमुख और विनम्र स्वभाव के थे, पहली बार जुहू के बंगलो पर इंटरव्यू करते वक्त उन्होंने मुझे बुलाकर परिचय पूछा, गृहशोभा में काम करती हूं सुनकर बहुत खुश हुए और कहने लगे, ये तो बहुत ही अच्छी और पुरानी पत्रिका है, मैंने इसके बारें में सुना है. फिर उनसे पूछे गए हर प्रश्नों के उत्तर उन्होंने बहुत ही संजीदगी से दिया था. उन्हें हिंदी गानों के साथ-साथ अग्रेजी संगीत भी बहुत प्रिय था. उन्हें हर साज बजाना आता था, जिसमें तबला पियानो, गिटार, सेक्सोफोन आदि प्रमुख थे. इस बारें में उनका कहना था कि जब तक आप संगीत के साथ हर वाद्ययंत्र नहीं सीखते, तब तक संगीत अधुरा होता है. किसी गीत का आभूषण हमेशा वाद्य यंत्र ही होता है.

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दिया संगीत 5 पीढ़ियों को

देखा जाय, तो बप्पी लहड़ी  ने 5 पीढ़ियों के अभिनेताओं के लिए संगीत और आवाज दिया है. देव आनंद, सुनील दत्त से लेकर संजय दत्त, अमिताभ बच्चन, अभिषेक बच्चन, जितेंद्र, धर्मेंद्र, सनी देओल के अलावा रणवीर सिंह वरुण धवन के लिए भी गाने गा चुके थे. उन्होंने सन् 2020 में बागी-3 और शुभ मंगल ज्यादा सावधान जैसी फिल्मों के लिए भी गाने गाए थे. उनके संगीत में एक रिद्म था, जिसे सुनने पर यूथ से लेकर व्यस्क सभी झूम उठते है.बप्पी दा को सोने से बहुत प्यार था,ये उनका स्टाइल स्टेटमेंट था, जो उन्हें दूसरों से अलग करती थी.इसके अलावा उन्होंने किसी गीत के सफल होने पर कुछ न कुछ सोने की पहनते थे, फिर चाहे वह गले का हार हो या अंगूठी. इन गहनों से उन्हें अच्छी संगीत बनाने की प्रेरणा मिलती थी.1986 में बप्पी दा ने 33 फिल्मों के 180 गाने रिकॉर्ड किए थे. उनकी इस उपलब्धि ‘गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड’ रिकार्ड में दर्ज किया गया. आज पूरा विश्व बप्पी लहड़ी के चले जाने का शोक मना रहा है, पर उनके संगीत हमेशा उनके चाहने वालों के दिलों में रहेगी.

रिबौंडिंग और हेयर कलरिंग कराते समय इन खास बातों का रखें ध्यान

रितु की 10 दिन बाद शादी थी. वह भी हर दुलहन की तरह अपनी शादी में सब से खूबसूरत दिखना चाहती थी, इसलिए उस ने स्किन ट्रीटमैंट के साथसाथ हेयर ट्रीटमैंट भी करवाया. रितु के बाल घुंघराले थे, इसलिए कुछ और नया ट्राई करने के लिए उस ने बालों में रिबौंडिंग करवाई. रिबौंडिंग के बाद रितु के बाल स्ट्रेट हो गए. सब ने रितु के इस नए लुक की बहुत तारीफ की. 10 दिन बाद रितु की शादी हो गई. मगर शादी को 1 माह भी नहीं बीता था कि उस के बाल झड़ने शुरू हो गए. नौबत यहां तक आ गई कि वह गंजी दिखने लगी. ब्यूटीपार्लर से ले कर डर्मेटोलौजिस्ट तक को रितु ने अपनी परेशानी बताई, लेकिन उस के झड़ते बालों की परेशानी को दूर करने में सभी नाकामयाब रहे. सभी ने एक ही बात कही कि गलत रिबौंडिंग की वजह से बाल झड़ रहे हैं. परेशान रितु के पास अब विग लगाने के अलावा कोई चारा नहीं बचा. अब रितु का पति उसे कहीं ले जाने से कतराने लगा. ससुराल में सभी उस का मजाक उड़ाने लगे. परेशान रितु सभी को रिबौंडिंग न कराने की सलाह देने लगी. लेकिन यह बात ठीक नहीं है. जरूरत है यह समझने की कि जो ट्रीटमैंट आप अपने बालों पर करवाने जा रही हैं उस के बारे में आप को पूरी जानकारी हो.

इस बाबत दिल्ली प्रैस भवन में गृहशोभा की फेब मीटिंग में आए हेयरस्टाइलिस्ट सी.एल. वर्मा कहते हैं, ‘‘कोई महिला जब ट्रीटमैंट के लिए ब्यूटीपार्लर आती है तो उस के पास उस ब्यूटीशियन या फिर हेयरड्रैसर पर विश्वास करने के अलावा और कोई रास्ता नहीं होता. ऐसे में यदि उसे यह पता हो कि जो ट्रीटमैंट वह लेने ब्यूटीपार्लर आई है वह ट्रीटमैंट लेने के लिए उस के बाल उपयुक्त हैं भी या नहीं और जो ट्रीटमैंट लिया जा रहा है उसे लेने के लिए क्या यह समय अनुकूल है? तो कोई परेशानी नहीं होती. इस के अलावा ट्रीटमैंट की सही प्रक्रिया और ट्रीटमैंट के बाद बाल की देखभाल करने के सही तरीके की जानकारी होनी भी जरूरी है. दरअसल, कई बार बालों को कम पैसों में नया लुक देने के लिए महिलाएं किसी भी सैलून में चली जाती हैं. सैलून जाने से पहले वे उस के बारे में कोई जानकारी नहीं लेतीं. इस स्थिति में कई बार वे अनट्रेंड हेयरस्टाइलिस्ट के पास चली जाती हैं और परेशानी मोल ले लेती हैं. इसलिए रिबौंडिंग और कलरिंग करवाने से पहले और बाद में खासतौर पर कुछ महत्त्वपूर्ण चीजों की जानकारी होनी जरूरी है:

द्य यदि आप अपने बालों को कलर करवाना चाहती हैं तो किसी ट्रेंड हेयरस्टाइलिस्ट से ही करवाएं, क्योंकि उसे बालों को कलर करने की तकनीक पता होती है. वह बिना स्कैल्प पर कैमिकल लगाए बालों को कलर करता है. ऐसा करने से बालों की जड़ों को कोई हानि नहीं पहुंचती. द्य बालों में रिबौंडिंग कराने की सोच रही हैं, तो बारिश और उमस के मौसम में कतई न कराएं, क्योंकि यह मौसम इस के लिए अनुकूल नहीं होता.

यदि बारिश के मौसम में रिबौंडिंग करवा ही ली है तो बालों को ज्यादा देर तक गीला न रखें. दरअसल, बाल पीले, लाल और नीले रंगों से मिल कर बनते हैं. ये तीनों ही प्राइमरी रंग हैं. बारिश के मौसम में ह्यूमिडिटी होती है, जिस में औक्सीजन होता है. वह बालों के पीले रंग को खराब कर देती है. इस से बालों का टैक्स्चर भी खराब हो जाता है.

यदि बालों में रिबौंडिंग करवाई है तो अपने स्विमिंग के शौक से थोड़ा समझौता करना पड़ेगा, क्योंकि स्विमिंग पूल का क्लोरीनयुक्त पानी आप के बालों का रंग खराब कर सकता है. इतना ही नहीं, वह रिबौंडिंग किए बालों के बौंड भी तोड़ सकता है. बौंड टूटते ही बाल टेढ़ेमेढ़े हो सकते हैं.

रिबौंडिंग किए बालों में उस शैंपू का इस्तेमाल करें जो बालों को मौइश्चर प्रदान करे. बाजार में रिबौंडिंग किए बालों के लिए अलग शैंपू उपलब्ध हैं, जो अधिक कंडीशनर वाले होते हैं.

यदि आप के बालों में इलास्टिसिटी न हो तो रिबौंडिंग न कराएं. ऐसे बालों को पहले प्रोटीन ट्रीटमैंट जैसे हेयर स्पा से ठीक करवाएं, फिर रिबौंडिंग कराने की सोचें. आप खुद भी अपने बालों में इलास्टिसिटी जांच सकती हैं. इस के लिए एक बाल ले कर उसे उंगलियों से खींच कर देखें. यदि वह खिंचता चला जाए तो समझ लीजिए कि आप के बालों में इलास्टिसिटी है और यदि वह टूट जाए तो समझ लीजिए कि आप के बालों में इलास्टिसिटी नहीं है.

आप को इस बात की भी जानकारी होनी चाहिए कि रिबौंडिंग के साथ भी बालों को कलर करवाया जा सकता है. रिबौंडिंग के बाद कलर करवाने से बौंड टूटने लगते हैं.

यदि आप के बाल कलर के बिना भद्दे लग रहे हों तो ऐसा कलर चुनें जो अमोनियारहित हो. ऐसे कलर भी बाजार में उपलब्ध हैं. उन का ही इस्तेमाल करें. उन में कैमिकल की मात्रा कम होती है.

जब भी बालों में कलर करवाएं इस बात का ध्यान रखें कि क्या आप का हेयरस्टाइलिस्ट कलर को प्रैशर के साथ बालों पर इस्तेमाल कर रहा है या फिर साधारण कलर ब्रश से लगा कर छोड़ रहा है. दरअसल, बालों में कलर को प्रैशर से लगाने से कलर ज्यादा दिन तक टिकता है.

यदि आप के बालों में स्प्लिट ऐंड हैं तो रिबौंडिंग से पहले बालों को ट्रिम जरूर करवाएं. दरअसल, स्प्लिट ऐंड की वजह से रिबौंडिंग के समय स्प्लिट ऐंड वाला हिस्सा जल जाता है.

रिबौंडिंग के 3 दिन तक बालों को गीला न करें ताकि जो कैमिकल बालों में लगाया गया है वह 3 दिन में सैट हो जाए.

रिबौंडिंग किए बालों को ज्यादा देर तक एक ही तरह से बांधे या मोड़े न रहें वरना उन में वैसा ही आकार आ जाता है.

रिबौंडिंग के बाद रात में सोते वक्त बालों को खोल दें.

रिबौंडिंग वाले बालों में किसी भी प्रकार का हीट ट्रीटमैंट न दें. यदि बाल गीले हैं और आप उन्हें सुखाना चाहती हैं, तो ब्लो ड्रायर की जगह बालों को कूल ब्लास्ट दें.

रिबौंडिंग के बाद बालों को हमेशा ठंडे पानी से ही धोएं. गरम पानी से उन का मौइश्चर खत्म हो जाता है.

यदि बाल बहुत अधिक ग्रीसी न हों तो रोज शैंपू करने से बचें या कोवाश करें यानी बालों की सिर्फ कंडीशनिंग करें.

रिबौंडिंग किए बालों को तेज धूप, तेज हवा और बारिश से बचाएं.

रिबौंडिंग के बाद बालों में रोज हेयरसीरम इस्तेमाल करें. इस से वे सुरक्षित रहेंगे.

रिबौंडिंग किए बालों को मौइश्चराइजर और न्यूट्रिशन की जरूरत होती है. इस के लिए बालों में स्पा थेरैपी लेती रहें.

यदि आप के रिबौंडिंग किए बाल बारिश में भीग जाते हैं, तो उन्हें तुरंत शैंपू से धो लें ताकि बारिश के पानी में मिली धूलमिट्टी से बाल डैमेज न हों.

रिबौंडिंग एक कैमिकल ट्रीटमैंट है. जब तक इस का असर रहता है बाल अच्छे दिखते हैं. असर खत्म होने पर भी वे अच्छे दिखें, इस के लिए अच्छी डाइट लें ताकि बालों को प्रोटीन मिल सके.

Sunrise Pure स्वाद और सेहत उत्सव में आज बनाते हैं मेथी पनीर

पनीर की रेसिपी अगर आपको पसंद है तो आज हम आपको Sunrise Pure की मेथी पनीर की रेसिपी बताएंगे, जिसे आप अपनी फैमिली और फ्रेंड्स को डिनर में खिला सकते हैं. मेथी पनीर एक हेल्दी रेसिपी है, जिसे आप आसानी से ट्राय कर सकते हैं.

हमें चाहिए

बारीक कटी हुई Sunrise Pure की कसूरी मेथी 2 चम्मच

एक कप पनीर चौकोर टुकड़ों में कटा हुआ

1/4 कप दूध

2 प्याज बारीक कटे हुए

बारीक कटे हुए 2 टमाटर

एक छोटा चम्मच बारीक कटा हुआ अदरक

7 से 8 कलियां लहसुन की कटी हुईं

10 से 15 काजू कटे हुए

एक छोटा चम्मच  Sunrise Pure हल्दी पाउडर

2 छोटे चम्मच Sunrise Pure धनिया पाउडर

स्वादानुसार Sunrise Pure लाल मिर्च पाउडर

आधा छोटा चम्मच जीरा

स्वादानुसार नमक

पानी

तेल

सजावट के लिए

बारीक कटा हरा धनिया

बनाने का तरीका

– गैस पर कड़ाही में तेल गर्म करें. इसमें जीरे का तड़का लगाएं.

– इसके बाद कड़ाही में प्याज, लहसुन और अदरक डालकर मध्यम आंच पर फ्राई करें.

– प्याज हल्का सुनहरा हो जाए, तो इसमें टमाटर, काजू और नमक डालें.

– जब टमाटर नर्म होकर पक जाएं, तो 1 मिनट तक पकाएं और गैस बंद कर दें. अब इसे ठंडा करके मिक्सर में ग्राइंड कर लें. सब्जी के लिए ग्रेवी तैयार है.

– अब गैस पर कड़ाही मे तेल गर्म करें. इसमें पनीर के टुकड़े डालकर हल्के सुनहरे होने तक फ्राई करें. फिर पनीर को एक प्लेट में निकाल लें.

– इसके बाद कड़ाही में थोड़ा तेल गर्म करें. इसमें सब्जी के लिए तैयार की गई ग्रेवी डालें. फिर Sunrise Pure की कसूरी मेथी , लाल मिर्च, हल्दी और धनिया पाउडर डालकर पकाएं.

– इसके बाद कड़ाही में पानी डालकर 2 मिनट तक पकाएं.

– फिर फ्राइड पनीर और दूध डालें. इसे 5 से 6 मिनट तक या ग्रेवी को हल्का गाढ़ा होने तक मध्यम आंच पर पकाएं. पकने के बाद फैमिली गरमागरम रोटी या चावल के साथ परोसें.

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प्रैग्नेंसी और कैंसर से जुड़ी बीमारियों के बारे में बताएं?

सवाल-

मेरी मां को डिंबाशय का कैंसर था. लेकिन अब वे उपचार से ठीक हो चुकी हैं. हाल ही में मेरी चाची को भी डिंबाशय के कैंसर का पता चला है. मैं ने सुना है कि डिंबाशय का कैंसर आनुवंशिक रोग है, जिस के कारण मुझे इस की चपेट में आने की आशंका है. कृपया बताएं कि मुझे किन लक्षणों पर ध्यान देना चाहिए और क्या मुझे किस प्रकार की जांच करानी चाहिए?

जवाब-

डिंबाशय के कैंसर के कुल मामलों में 5 से 10% मामले ही आनुवंशिक होते हैं. इस रोग का पारिवारिक इतिहास होने के कारण आप के समक्ष जीन के उत्परिवर्तित होने का उच्चस्तरीय खतरा रहता है. कैंसर के शीघ्र डाइग्नोसिस के लिए कुछ जांचें कराना जरूरी होता है. डिंबाशय के कैंसर के शुरू के चरणों में कोई लक्षण प्रकट नहीं होता, लेकिन यदि आप श्रोणिक्षेत्र अथवा आमाशय अथवा गैस, पेट फूलने जैसी आंत्रजठरीय समस्याओं जैसे लक्षणों को महसूस करती हैं, तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें. अल्ट्रासाउंड के जरीए इस का डाइग्नोसिस किया जा सकता है.

सवाल-

मैं 30 वर्षीय कामकाजी महिला हूं. मैं और मेरे पति 2 वर्षों से गर्भधारण के लिए प्रयास कर रहे हैं. हाल ही में मुझ में गर्भग्रीवा के कैंसर का पता चला है. क्या मैं भविष्य में गर्भवती हो सकती हूं? यदि मैं गर्भवती हो जाती हूं, तो क्या कैंसर का उपचार बच्चे के लिए नुकसानदायक होगा?

जवाब-

ऐसी स्थिति में गर्भधारण मुमकिन नहीं है. विकिरण चिकित्सा से आप के डिंबाशय काम करना बंद कर सकते हैं तथा आप के गर्भाशय को रिमूव कर दिए जाने के कारण गर्भधारण मुमकिन नहीं हो सकता. यदि 2 सैंटीमीटर से कम ग्रोथ वाले गर्भग्रीवा के कैंसर का पहला चरण होता है, तो लैप्रोस्कोपिक पैल्विक लिंफैडेनैक्टोमी के साथ वैजाइनल ट्रैचेलैक्टोमी की सर्जरी के द्वारा गर्भाशय को बचाया जा सकता है. इस औपरेशन के बाद गर्भधारण के मामले देखे गए हैं. यदि कैंसर का जल्दी पता लग जाता है अथवा गर्भावस्था की आखिरी तिमाही में कैंसर का पता चलता है, तो इस के उपचार को प्रसव के बाद तक टाला जा सकता है.

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सवाल-

मैं 27 वर्षीय युवती हूं. मैं स्वस्थ हूं और नियमित व्यायाम करती हूं. मेरा मासिकचक्र भी नियमित रहता है. लेकिन इस की उत्तरावस्था में माह में मुझे कम से कम 2 बार रक्तस्राव होता है, जिस से दूसरा रक्तस्राव लंबे समय तक नहीं होता. इस के अलावा योनि से सफेद डिस्चार्ज भी होता है. मुझे सहवास के दौरान भी हलका दर्द होता है लेकिन प्रारंभिक प्रवेश के बाद दर्द समाप्त हो जाता है. क्या मुझे ऐंडोमैट्रियल कैंसर हो सकता है? इस का उपचार क्या है?

जवाब-

27 वर्ष की अवस्था में ऐंडोमैट्रियल कैंसर की संभावना काफी कम होती है. लक्षणों का कारण पैल्विक इन्फ्लैमेट्री डिजीज होता है, जिस का ऐंटीबायोटिक्स द्वारा आसानी से उपचार किया जा सकता है. यदि मासिकधर्म लंबे समय तक अनियमित रहता है, तो डायलेशन ऐंड क्योरटेज (डीएनसी) किया जा सकता है.

सवाल-

मैं 33 वर्षीय महिला हूं. 3 माह का गर्भ है. करीब 2 वर्ष पूर्व गर्भपात हो गया था. मेरे गर्भाशय का आकार सामान्य से बड़ा है. मैं ने सुना है कि यह कैंसर का लक्षण है. क्या मुझे कैंसर है?

जवाब-

यह जैस्टेशनल ट्रोफोब्लास्टिक डिजीज (जीटीडी) का लक्षण है. यदि आप का चिकित्सक यह सोचता है कि इस में चिंता की कोई बात नहीं है, तो फिर चिंता नहीं करनी चाहिए. अल्ट्रासाउंड से इस की पुष्टि की जा सकती है. प्राय: गर्भावस्था के दौरान खून की कमी हो जाती है. अत: आयरन से भरपूर भोजन कीजिए.

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सवाल-

मैं 22 वर्षीय लड़की हूं. मेरी मां 2 माह पहले स्तन कैंसर से गुजर गई थीं. कैंसर उन के फेफड़ों और अन्य अंगों तक पहुंच गया था. मैं भी स्वयं को कैंसर के खतरे के दायरे में मानती हूं तथा यह जानना चाहती हूं कि मुझे कितनी पहले जांच करा लेनी चाहिए? मेरे लिए इस से बचने का कोई उपाय है?

जवाब-

आप जांच के लिए देरी न करें. किसी भी आयु में अल्ट्रासाउंड कराया जा सकता है. लेकिन मैमोग्राफी 40 वर्ष की अवस्था में कराई जानी चाहिए. बीआरसीए के उत्परिवर्तन के साथ नवीनतम डाइगनोज्ड महिलाओं के लिए सुनियोजित उपचार की अब भी खोज की जा रही है. किसी ओन्कोलौजिस्ट से संपर्क करें.

डा. एस.के. दास

सीनियर कंसल्टैंट, गाइनीओन्कोलौजी,

ऐक्शन कैंसर हौस्पिटल.

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अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz   सब्जेक्ट में लिखे…  गृहशोभा-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

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