क्या Asim Riaz ने Shehnaaz Gill की खुशी पर उठाए सवाल? फैंस ने किया ट्रोल तो कही ये बात

कलर्स के रियलिटी शो बिग बॉस (Bigg Boss) में हिस्सा लेने वाले कंटेस्टेंट हमेशा सुर्खियों में रहते हैं. जहां सिद्धार्थ शुक्ला (Sidharth Shukla) के निधन के बाद शहनाज गिल (Shehnaaz Gill) अपनी जिंदगी में वापस लौटती नजर आ रही हैं तो वहीं असीम रियाज (Asim Riaz) अपने एक ट्वीट के चलते ट्रोलिंग का शिकार हो गए हैं. आइए आपको बताते हैं पूरा मामला…

शहनाज के लिए असीम रियाज ने किया ट्रोल

 

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हाल ही में सिंगर और एक्ट्रेस शहनाज गिल (Shehnaaz Gill) का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वह अपने दोस्त की सगाई में डांस करती नजर आ रही थीं. वहीं कुछ फोटोज में शहनाज खुश नजर आईं थीं, जिसके बाद फैंस उनका सपोर्ट करते नजर आए थे. लेकिन सिद्धार्थ शुक्ला के दोस्त रहे असीम रियाज (Asim Riaz) के एक ट्वीट ने फैंस को हैरान कर दिया है. दरअसल, असीम ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘कुछ नाचने के वीडियो देखे. कमाल की बात है, कुछ लोग अपने खास लोगों के खोने के गम से इतना जल्दी कैसे उबर जाते हैं. क्या बात, क्या बात.’ असीम रियाज का ये ट्वीट देखकर  #sidnaaz के फैंस काफी गुस्से में नजर आ रहे हैं. वहीं सोशलमीडिया पर वह जमकर ट्रोल होते दिख रहे हैं.

 

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ब्रेकअप की एक बार फिर उड़ी खबरें

असीम रियाज के इस ट्वीट के बाद हिमांशी खुराना ने भी एक ट्वीट करके फैंस को चौंका दिया है. दरअसल, हिमांशी खुराना (Himanshi Khurana) ने लिखा, लोग आपकी पीठ में बार बार छुरा घोंपते हैं, जिसके बाद लोग दिखावा करते हैं कि केवल उनको ही दर्द हो रहा है और इसके बाद ब्लीडिंग और ब्लेम गेम जैसी चीजों की शुरुआत हो जाती है. वहीं इस ट्वीट के बाद जहां फैंस दोनों के ब्रेकअप की बात कहते नजर आ रहे हैं तो वहीं कुछ लोग कह रहे हैं कि असीम रियाज का ये ट्वीट शहनाज गिल पर नहीं बल्कि हिमांशी खुराना पर तंज था. वहीं असीम रियाज के दोस्त ने भी एक ट्वीट में कहा है कि उन्होंने असीम से इस बारे में बात की तो बताया कि ये ट्वीट शहनाज गिल को लेकर नहीं था, हालांकि फैंस असीम को लगातार को ट्रोल करते नजर आ रहे हैं.

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GHKKPM: सई होगी बेहोश तो विराट पर उठेंगे कई सवाल, सीरियल में आएगा नया ट्विस्ट

सीरियल गुम हैं किसी के प्यार में (Ghum Hai Kisikey Pyaar Meiin) की कहानी दिलचस्प मोड़ ले रही है. जहां सई (Ayesha Sharma) और विराट (Neil Bhatt) का रिश्ता टूटने की कगार पर है तो वहीं पाखी (Aishwarya Sharma) और सम्राट एक दूसरे को अपनाने की कोशिश करते नजर आ रहे हैं. लेकिन अपकमिंग एपिसोड में सीरियल में नए ट्विस्ट एंड टर्न्स दर्शकों को एंटरटेन करने वाले हैं. आइए आपको बताते हैं क्या होगा शो में आगे(Ghum Hai Kisikey Pyaar Meiin Latest Update)…

विराट पर उठे सवाल

 

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अब तक आपने देखा कि विराट चौह्वाण परिवार को श्रुति के खिलाफ कुछ नहीं कहने की बात कहता है, जिसके चलते सई, निनाद से कहती है कि वह श्रुति के बारे में कुछ भी बुरा न कहें क्योंकि विराट उसे अपनी पत्नी का दर्जा दे चुका है. वहीं पूरा परिवार सई का साथ देते हुए विराट को परिवार का नाम बर्बाद करने की बात कहता है.

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सई करेगी फैसला

अपकमिंग एपिसोड में आप देखेंगे कि विराट अपने मिशन के चलते परिवार और सई को श्रुति की सच्चाई बताने से मना करेगा. वहीं पाखी ताना मारते हुए कहेगी कि हो सकता है कि विराट श्रुति को पहले से जानता हों. लेकिन उसने सभी से ये बात छिपाई हो. हालांकि विराट इस बात का जवाब देते हुए कहेगा कि वह उनकी सोच नहीं बदल सकता पर सच भी नहीं बता सकता. लेकिन विराट, सई को समझाने की कोशिश करेगा पर सई उसे पति का दर्जा खोने की बात कहेगी और अब हमेशा के लिए चौह्वाण परिवार से दूर जाने की बात कहेगी, जिसे सुनकर वह हैरान होगा. लेकिन अस्पताल से फोन आने पर वह घर से निकल जाएगा.

सई होगी बेहोश

इसके अलावा आप देखेंगे कि सई गुस्से में अपने कमरे में जाकर दरवाजा बंद कर देगी. वहीं सम्राट सई का दरवाजा खटखटाएगा, लेकिन वह बेहोश हो जाएगी, जिसके कारण पूरा परिवार परेशान हो जाएगा. वहीं सम्राट विराट को फोन करेगा. लेकिन विराट, सम्राट की कॉल देखकर परेशान हो जाएगा कि सब ठीक है या नहीं? इस बीच खबरों की मानें तो सीरियल में जल्द ही लीप देखने को मिलने वाला है, जिसके चलते सई और विराट जहां एक दूसरे से दूर होंगे तो वहीं श्रुति और उसका बच्चा चौह्वाण परिवार में एंट्री लेगा.

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महिलाएं भारत में असुरक्षित

अमेरिकी सरकार ने हाल ही में एक चेतावनी जारी की है कि अमेरिकी नागरिक भारत जाते समय यह ध्यान रखें कि वहां बलात्कार बहुत होते हैं. यह बहुत ही गंभीर बात है कि महान हिंदू सांस्कृतिक राष्ट्र बनने की राह पर चलने वाला देश दुनिया में बलात्कार का केंद्र माना जाए और यह चेतावनी भारत जैसे थोड़े से ही देशों में दी गई है.

भारत के अपने नैशनल क्राइम रिकौर्ड ब्यूरो के अनुसार 2020 में 28 हजार ?बलात्कार के मामले दर्ज किए गए थे. बलात्कार के मामलों में ज्यादातर में लड़कियां खुद ही रेप छिपा जाती हैं और जहां मातापिता को पता चल भी जाए तो वे भी मुंह पर जिप लगा लेते हैं.

भारत में रेप पौराणिक युग से चला आ रहा है और कभी कोई देवता बलात्कारी को दंड देने के लिए अवतरित हुआ, ऐसा नहीं लगता. यहां तो बलात्कार के शक की शिकार को भी दोषी माना जाता है. वह अहिल्या या सीता की तरह दोषी मान ली जाती है और फिर या तो वह पत्थर बन जाती है या फिर उसे घर निकाला दे दिया जाता है.

यह आश्चर्य की बात है कि भारत के भगवा गैंग किसी को भी जय श्रीराम बोलने को मजबूर कर सकते हैं, कहीं भी मांस की बिक्री बंद करा सकते हैं, किसी भी सड़क या किसी की निजी संपत्ति पर मंदिर बना सकते हैं, किसी मसजिद को तोड़ सकते हैं पर बलात्कारी को नहीं पकड़ सकते.

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हाल ही में एक बालगृह में रह रही लड़की ने आरोप लगाया कि 16 वर्ष की आयु में उस का 400 लोगों ने रेप किया था, जिन में कई पुलिस वाले भी थे. क्या भगवाई प्रचारक इन अपराधियों को अपने सुधार करने वाले प्रवचनों से नहीं रोक सकते?

क्या इन अपराधों को रोकने के लिए हर नुक्कड़ पर खाकी वरदी वाले बैठाए जाएं, जबकि हर नुक्कड़ एक तिलकधारी सीताराम का दुपट्टा ओढ़े बैठा है जो दान तो ले रहा है पर क्या आदर्श व्यवहार लागू नहीं कर सकता?

अमेरिकी सरकार की नजर में नेपाल भारत से ज्यादा सुरक्षित है, बंगलादेश, अफ्रीका का मलावी देश ज्यादा सुरक्षित है. अमेरिकी चेतावनी ने अपने नागरिकों को भारत में धार्मिक हिंसा के प्रति भी आगाह किया है कि धर्म परिवर्तन का बहाना बना कर किसी भी विद्यर्मी विदेशी को भारत में निशाना बनाया जा सकता है.

रेप के मामलों में चेतावनी ने सख्त शब्दों में कहा है कि अमेरिकी नागरिकों को इस अपराध को झेलना पड़ सकता है चाहे उन्होंने सही ढंग के कपड़े ही क्यों न पहन रखे हों. अगर अमेरिकी महिला अश्वेत है तो उस के साथ भारत में कुछ ज्यादा ही बुरा व्यवहार रिपोर्ट किया गया है.

अपराध दुनिया में हर जगह होते हैं पर भारत में जितने मंदिर हैं और जितने प्रवचन हो रहे हैं और जितना ज्ञान यहां व्हाट्सऐप और फेसबुक पर बांटा जा रहा है उस से तो हर हिंदू भारतीय विशुद्ध आचरण वाला बन जाना चाहिए था. जो पूजापाठ, ईश्वर भक्ति, चढ़ावा, तीर्थयात्राएं, दानपुण्य भारत में होता है शायद कहीं और नहीं और फिर भी औरतें सुरक्षित न हों यह आखिर कैसे संभव है?

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यह चेतावनी सिर्फ अमेरिकी नागरिकों के लिए ही नहीं है. भारत में शाम ढलते ही भारतीय औरतें घरों में घुस जाती हैं क्योंकि धर्मशास्त्र सुनने के बाद भी सड़कों पर अपराधियों का जाल बिछा रहता है. आखिर क्यों? अगर धर्म सत्य के मार्ग पर चलाने वाला है तो भारत के लोगों को दुनिया के सब से सभ्य इंसान होना चाहिए, अगर धर्म परिवार प्रेम सिखाता है तो भारत में तो पारिवारिक विवाद शून्य के बराबर होने चाहिए. अगर धर्म हर पाप का लेखाजोखा रखने वाला है तो यहां कोई पापी होना ही नहीं चाहिए. मगर यहां तो कुछ और ही हो रहा है. इस का दोष सरकार को दें, पुलिस को दें या इन के ऊपर की शक्ति धर्म के ठेकेदारों को?

आधुनिक बीवी

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ओवरी में बारबार सिस्ट बनना क्या कैंसर होने का रिस्क होता है?

सवाल-

मेरी ओवरी में बारबार सिस्ट  बन जाता है. इस का क्या कारण है और क्या इस से कैंसर का भी रिस्क हो सकता है?

जवाब- 

ओवरी में सिस्ट कई कारणों से बन सकता है. मेनोपौज इस का सब से प्रमुख कारण है. इस के अलावा पौलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम, ऐंडोमैट्रियोसिस, हारमोन असंतुलन, क्रोनिक पेल्विक इनफ्लैमेशन, ट्यूमर भी इस के कारण हो सकते हैं. सामान्य सिस्ट जिन का आकार 4 सैंटीमीटर से कम होता है, ज्यादातर अपनेआप खत्म हो जाते हैं. बड़े और जटिल सिस्टों को उपचार की जरूरत पड़ती है. वैसे तो ओवेरियन सिस्ट कैंसर रहित होते हैं, लेकिन कई मामलों में ये कैंसरयुक्त भी हो सकते हैं, विशेषकर उम्र बढ़ने के साथ. मेनोपौज के बाद जिन महिलाओं में ओवेरियन सिस्ट बनते हैं उन में ओवेरियन कैंसर का खतरा बढ़ जाता है.

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ओवेरियन सिस्ट महिलाओं में होने वाली एक आम समस्या है. यह हर महीने मासिकचक्र के दौरान हो सकती है, जिस के बारे में महिलाओं को जानकारी नहीं होती. कई बार यह सिस्ट अपनेआप ठीक हो जाती है, लेकिन अगर समय के साथ इस का आकार बढ़ता है, तो इस का इलाज करवा लेना जरूरी हो जाता है. मुंबई के ‘वर्ल्ड औफ वूमन’ की स्त्री और प्रसूति रोग विशेषज्ञा डा. बंदिता सिन्हा के अनुसार कुछ सिस्ट निम्न हैं:

सिंपल फौलिक्युलर सिस्ट: यह नौर्मल सिस्ट है और हर महिला में होती है. यह ओवुलेशन की प्रक्रिया में होती है. यह एग फौर्मेशन में बनती है. यह नैचुरल होती है और इस से नुकसान नहीं होता. अगर यह 4 सैंटीमीटर से अधिक बड़ी हो जाती है, तो यह दवा से गला कर निकाल दी जाती है, क्योंकि सिस्ट बड़ी होने के बाद कई बार दर्द होता है और यह पीरियड को भी अनियमित कर सकती है, मगर प्रैगनैंसी में समस्या नहीं होती.

पौलिसिस्टिक ओवरी सिस्ट: इस में कई सिस्ट होती हैं, जिस से नियमित ओवुलेशन नहीं होता. इस में ओवरी काम नहीं करती. हारमोनल असंतुलन की वजह से एग नहीं बनते और बच्चा होना मुश्किल हो जाता है. इस सिस्ट को ठीक तरह से ट्रीट करना जरूरी होता है.

पूरी खबर पढ़ने के लिए- ओवेरियन सिस्ट न करें नजरअंदाज

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz   सब्जेक्ट में लिखे…  गृहशोभा-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

Sunrise Pure स्वाद और सेहत उत्सव में आज बनाते हैं आलू दम

आजकल बाजार में रोजाना भिंडी तोरई आदि सब्जियां मिलती हैं, जो बच्चे अक्सर खाने में नापसंद कर देते हैं. आलू टेस्टी होने के साथ हेल्दी भी होता है. अगर लिमिट में खाया जाए तो. दम आलू को बनाने में आपको ज्यादा मेहनत और समय गंवाने की न चिंता करते हुए आज हम आपको घर पर ही रेस्टोरेंट स्टाइल में दम आलू कैसे बनाएं इसकी रेसिपी बताएंगे.

हमें चाहिए…

500 ग्राम (छोटे साइज के) आलू

1 कप टमाटर प्योरी

2 बड़े चम्मच प्याज़ का पेस्ट

2 बड़े चम्मच तेल,

1 बड़ा चम्मच देशी घी

1 बड़ा चम्मच अदरक-लहसुन पेस्ट

1 बड़ा चम्मच दही

2 बड़े चम्मच Sunrise Pure आलू दम मसाला

नमक स्वादानुसार,

सजाने के लिए धनिया पत्ती

बनाने का तरीका

-सबसे पहले आलू धो कर छील लें. उसके बाद कांटे की सहायता से सभी आलुओं को गोद लें.

-अब कढ़ाई में घी गरम करें. घी गर्म होने पर उसमें आलुओं को डालें और धीमी आंच पर सुनहरा होने तक तल लें. उसके बाद प्रेशर कुकर में तेल गरम करें.

तेल गरम होने पर उसमें जीरा डाल कर चटका लें. उसके बाद उसमें अदरक-लहसुन का पेस्ट डालें और गुलाबी होने तक तल लें. फिर उसमें प्याज़ डालें और सुनहरा होने तक भून लें.

-इसके बाद Sunrise Pure आलू दम मसाला डालकर दो मिनट तक भूनें. फिर उसमें टमाटर प्योरी डालें और मसाले को तेल छोड़ने तक भून लें.

-अब मसाले में भुनें हुए आलू और दही डालें और लगातार चलाते हुए पांच मिनट भून कर नमक और दो ग्लास पानी डालें. इसके बाद कुकर का ढक्कन बंद कर दें और धीमी आंच पर दस मिनट पका लें. इसके बाद गैस बंद कर दें. और गरमा-गरम निकालें और ऊपर से धनिया पत्ती से सजा कर पराठों के साथ परोसें.

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बुनाई की एबीसीडी

लेखिका-सरिता वर्मा 

निटिंग का मौसम फिर से लौट आया है और इस बार अपने साथ बुनाई के नए ट्रैंड भी साथ लाया है. लेकिन बुनाई शुरू करने से पहले यदि कुछ बुनियादी बातों की जानकारी न हो तो कहीं बुनाई में सफाई नहीं आती तो कहीं किनारा सिकुड़ जाता है. ऐसा न हो, इस से बचने के लिए अगर आप बुनाई की बुनियादी तकनीकी बातें जान लेंगी तो जो भी बुनेंगी, जिस डिजाइन में बुनेंगी उस में जान आ जाएगी.

ऊन की किस्में

जानवरों के बालों से बनने वाला ऊन: प्योर वूल, अंगोरा, मोहार, सिल्क अलपाका.

सब्जियों से बनने वाला ऊन:  कौटन लाइनन.

मैन मेड वूल: नायलौन व एक्रीलिक ऊन कई फाइबर्स से बनता है.

ऊन में एक सिंगल धागे को प्लाई कहते हैं और कई प्लाई को आपस में ट्विस्ट कर के धागा बनता है. धागा जितना मोटा बनाना होता है, उतनी ही प्लाई का प्रयोग होता है.

ऊन खरीदते समय

– हमेशा अच्छी कंपनी का ऊन खरीदें.

– ऊन हमेशा दिन में खरीदें और शेडकार्ड देख कर रंग का चयन करें. रंगों की विशाल रेंज बाजार में मौजूद हैं.

– बच्चों के लिए नरममुलायम बेबी वूल खरीदें, ताकि त्वचा को नुकसान न हो.

– ऊन ज्यादा ही खरीदें ताकि स्वैटर बुनते वक्त वह कम न पड़े. ऊन कम पड़ने पर व दोबारा खरीदने पर रंग में फर्क आ सकता है.

– स्वैटर बनाने के लिए हमेशा अच्छी कंपनी की सलाई लें. मोटे ऊन के लिए मोटी सलाई व पतले ऊन के लिए पतली सलाई का प्रयोग करें.

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बौर्डर व डिजाइन

– 2 प्लाई महीन ऊन, 12 नंबर की सलाई,

11 नंबर की सलाई.

– 3 प्लाई बीच की, 11 नंबर की सलाई, 10 नंबर की सलाई.

– 4 प्लाई सामान्य, 10 नंबर की सलाई, 9 या 8 नंबर की सलाई.

– 6 प्लाई मोटी या डबल निट, 6 या 7 नंबर की सलाई.

बुनाई करने से पहले: बुनाई करने से पहले निम्न बातों का ध्यान अवश्य रखें:

– जिस के लिए स्वैटर बुनना है, उस की उम्र, पसंद व रंग का खयाल रख कर ही ऊन खरीदें.

– यदि स्वैटर बनाते समय सही सलाई का प्रयोग नहीं करेंगी तो स्वैटर अच्छा नहीं बनेगा.

– जब भी 2 रंगों के ऊन का प्रयोग करें, उन की मोटाई और किस्म एक समान होनी चाहिए.

– जब आप एकसाथ कई रंगों के ऊन का प्रयोग करें, तो बुनाई ढीले हाथों से करें.

– जब भी आप हलके रंग, जैसे सफेद, क्रीम या किसी भी ऊन का प्रयोग करें, हाथों में टैलकम पाउडर अवश्य लगा लें.

– स्वैटर हमेशा एक ही व्यक्ति द्वारा बुना जाना चाहिए क्योंकि हर किसी की बुनाई में फर्क होता है.

– जब भी बुनाई करें कभी भी आधी सलाई पर फंदे न छोड़ें, नहीं तो बुनाई में छेद आ जाते हैं. हमेशा सलाई पूरी कर के छोड़ें.

– अगर कोई फंदा गिर गया हो तो क्रौस हुक का प्रयोग करें.

– फंदा हमेशा डबल ऊन से ही डालें.

– हर सलाई शुरू करने से पहले पहला फंदा बिना बुनें उतारें. इस प्रकार स्वैटर के दोनों तरफ एक जाली सी बन जाएगी, जिस से स्वैटर सिलने में आसानी रहेगी.

– स्वैटर बनाते समय गांठ हमेशा किनारे पर लगाएं. इस से स्वैटर पीछे की तरफ साफ रहेगा.

– स्वैटर को एक फंदा सीधा, एक फंदा उलटा बुनते हुए बंद करें.

– स्वैटर की सिलाई हमेशा इकहरे ऊन से करें.

– अपने हाथ के खिंचाव को जांच लें. उसी हिसाब से सलाई का प्रयोग करें.

– सही नाप का स्वैटर बनाने के लिए सही फंदों का पता होना आवश्यक है. जो भी डिजाइन डालना चाहती हैं, उस का 4×4 इंच का चौकोर टुकड़ा बुनें. अगर नमूना साफ नजर आ रहा हो, तो 4 इंच लंबाई में बुनी हुई सलाइयों के अनुसार पूरा स्वैटर बन जाएगा.

सही डिजाइन का चुनाव: डिजाइन का चुनाव व्यक्ति की उम्र को देखते हुए करें. बच्चों के लिए और बड़ों के लिए डिजाइन अलगअलग होती हैं. साथ ही, समय के साथ डिजाइन का चुनाव करें. बहुत पुरानी डिजाइन का स्वैटर न बना कर नए डिजाइनों की तलाश करें. थोड़ी सी सूझबूझ और परिश्रम से आप नए और लेटैस्ट स्वैटर बना सकती हैं.

ऐसे भी कला का कोई अंत नहीं है. आप केबल, कढ़ाई ग्राफ का डिजाइन, बीड्स, सीक्वैंस, मोटिफ लगा कर डिजाइन को नए तरीके से सजा सकती हैं. बस एक बात का ध्यान रखें. बच्चों के स्वैटर हमेशा बेल, जानवर वाले डिजाइन, केबल या ग्राफ से बना कर उन्हें आकर्षक रूप प्रदान करें और बड़ों के स्वैटर में बहुत ज्यादा जाल वाले डिजाइन डालने से बचें. जब केबल डालें तो 10-12 फंदे ज्यादा लें, नहीं तो स्वैटर टाइट बनेगा.

स्वैटर पर कढ़ाई के लिए क्रौस स्टिच, लेजीडेजी, डंडी स्टिच (स्टैम स्टिच) भरवां आदि से कढ़ाई करें. कढ़ाई हमेशा हलके हाथों से करें. कढ़ाई करते समय स्वैटर के नीचे की तरफ कागज या पेपर फोम का इस्तेमाल करें.

इसी तरह स्वैटर पर बीड्स या नग, सीक्वैंस लगाते समय हमेशा बारीक सूई का इस्तेमाल करें. जब भी बीड्स या नग लगाएं, स्वैटर के रंग का धागा इस्तेमाल करें. अगर दूसरे रंग का धागा लगाएंगी तो धागा चमकेगा और स्वैटर की खूबसूरती खराब हो जाएगी.

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गला बनाने के लिए: स्वैटर बना कर गला बनाने के लिए एक तरफ का कंधा सिल कर दूसरी तरफ के फंदा धागे में डाल लें. सलाई पर गला बना कर पहले गले की पट्टी को सिल कर इन फंदा को आपस में जोड़ लें.

‘वी’ गले को 2 सलाइयों पर बनाने के लिए व ‘वी’ शेप देने के लिए जैसे सीधा तरफ से

3 फंदा का 1 करते हैं, वैसे ही उलटी तरफ से भी 3 फंदा का 1 करें. इस से गले में सफाई रहेगी.

– छोटे बच्चों के लिए गोल गले के व सामने से खुले स्वैटर बनाएं, जिस से बच्चों को उन्हें पहनने में आसानी हो.

– टीनएजर्स के लिए बोट नैक, वी नैक, कैमल नैक अच्छे लगते हैं.

– बड़ी उम्र वालों के लिए गोल या वी नैक बनाएं.

– सूट के नीचे पहने जाने वाले स्वैटर ‘वी’ नैक के बनाएं.

– महिलाओं के लिए गोल गले वाले या सामने से खुले स्वैटर सुविधाजनक होते हैं. जिन की गरदन लंबी हो, उन पर पोलोनैक (हाईनैक) अच्छी लगती है.

स्वैटर की सिलाई: सिलाई करते समय निम्न बातों का ध्यान अवश्य रखें:

– जब भी सिलाई करें स्वैटर के दोनों पल्लों को पकड़ कर बखिया सिलाई से सिल लें.

– स्वैटर के दोनों पल्लों को आमनेसामने रख कर सूई से दोनों तरफ का 1-1 फंदा उठाते हुए जोड़ती चली जाएं.

– जब भी स्वैटर बनाएं उस का ऊन संभाल कर रख लें ताकि स्वैटर की सिलाई खुलने पर फिर से सिलने के काम आ सके.

इन बातों को जान कर स्वैटर की बुनाई की बुनियादी बातों से परिचित हो गई होंगी. अब आप जो भी स्वैटर बनाएंगी तारीफ जरूर पाएंगी, तो फिर देर किस बात की, झटपट शुरू हो जाइए.

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अपेक्षा दुख का कारण तो नहीं

24 वर्षीय नेहा जो कुछ वर्षों पहले हंसतीखेलती नजर आती थी आज ऐसे दौर से गुजर रही है कि उसे निराशा के अलावा कुछ भी नजर नहीं आता. अपनी खुशहाल जिंदगी को उस ने खुद ही अपने हाथों से बरबाद किया क्योंकि उस ने अपने बौयफ्रैंड से कुछ ज्यादा ही अपेक्षा रख ली थी. उसे लगता था कि वह उस की भावनाओं को समझेगा और आज नहीं तो कल जरूर समझेगा. पर वह समझा ही नहीं कि वह क्या चाहती है. दरअसल, प्यार तो मन की भावना है जिस में अपेक्षा के लिए कोई स्थान नहीं है. मगर बदलते परिवेश ने शायद हर चीज के माने बदल दिए हैं. यहां तक कि भावनाओं का चलन भी एक हाथ दे और एक हाथ ले हो गया है. इस बारे में मनोचिकित्सक प्रांजलि मल्होत्रा का कहना है कि किसी भी व्यक्ति को किसी भी रिश्ते में अपेक्षा उतनी ही रखनी चाहिए जितनी पूरी हो सके. अपेक्षा कभी भी ड्रीम सिचुएशन वाली नहीं होनी चाहिए. हम अगर वास्तविकता को ध्यान में रख कर किसी बात को सोचें तो कभी भी निराशा नहीं होगी. अपेक्षा में कोई वास्तविकता नहीं होती.

अपेक्षाएं अनंत

अपेक्षाएं अलगअलग व्यक्ति में अलगअलग देखने को मिलती हैं. जैसे मातापिता की बच्चों से, बच्चों की मातापिता से, दोस्तों की दोस्तों से रिश्तेदारों की रिश्तेदारों से और सहकर्मियों की सहकर्मियों से. यानी अपेक्षाएं अनंत हैं. इस बात को ऐसे भी कहा जा सकता है कि समाज में हर व्यक्ति की दूसरे व्यक्ति से अपेक्षा रहती है, लेकिन इस में यह भी होता है कि वह आमतौर पर सामने वाले व्यक्ति से अपनी सोच के अनुसार व्यवहार की अपेक्षा रखता है. लेकिन सामने वाला व्यक्ति उस व्यक्ति की सोच के अनुसार व्यवहार करे, ऐसा अकसर होता नहीं. इसलिए हर व्यक्ति की अपेक्षा पूरी हो यह संभव नहीं. हर व्यक्ति के मन में रोज एक नई अपेक्षा जन्म लेती है. पर उस का वास्तविकता से कितना संबंध होता है यह कहा नहीं जा सकता. फिर भी अपेक्षा किसी भी रिश्ते की पहली सीढ़ी है. अपेक्षाओं को बोलना नहीं आता. सभी अपेक्षाएं मौन स्पर्श चाहती हैं. जैसे पति की पत्नी से केयरिंग होने की अपेक्षा, तो पेरैंट्स की बच्चों से यह अपेक्षा कि वे बुढ़ापे में उन की देखभाल करेंगे. जबकि बच्चे यह अपेक्षा करते हैं कि वे अपनी सोच और मनमरजी के अनुसार जिंदगी जिएंगे, जिस में पेरैंट्स की टोकाटोकी न हो. लेकिन व्यावहारिक जीवन में ऐसा नहीं होता कि सामने वाला आप की अपेक्षा के अनुरूप व्यवहार करे या आप की सोच से इत्तफाक रखे.

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जब हम किसी भी रिश्ते में अपेक्षा रखने लगते हैं और वह पूरी नहीं होती, तो मन दुखी होता है. इसी तरह जब हम से कोई अपेक्षा रखता है और हम किसी कारणवश उसे पूरा नहीं कर पाते तो उस को बुरा लगता है. कई बार ऐसा भी होता है कि अपेक्षा रखने वाला तो हमेशा हर बात पर अपेक्षा रखता है, मगर जिस से वह अपेक्षा रख रहा होता है उस को यह खबर ही नहीं होती कि उस से किसी को अपेक्षा भी हो सकती है. किसी से भी ज्यादा अपेक्षा रखने से जीने का मजा कम हो जाता है, इसलिए अति न कीजिए. ऐसी अपेक्षाएं कम ही रखिए जो पूरी न हो सकें.

इस के बिना जीवन अधूरा

हालांकि अपेक्षा एक प्रकार का मनोभाव है पर इस के बिना जीवन अधूरा सा लगता है क्योंकि कई बार जीवन में सफलता हासिल करने में भी अपने से जुड़े किसी अपने की अपेक्षा का बहुत बड़ा हाथ होता है. उस की अपेक्षा हमें जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करती है.

ज्यादा न करें अपेक्षा

फिर भी अगर कोई व्यक्ति अपनी लाइफ में खुश रहना चाहता है तो किसी से ज्यादा अपेक्षा न करे. हमें किसी से भी कोई अपेक्षा रखे बिना ही जीने की आदत डालनी चाहिए, तभी हमारी सभी समस्याएं अपनेआप खत्म हो जाएंगी. यह एक कठिन कार्य है पर इस के लिए एक छोटी सी कोशिश तो की ही जा सकती है. ज्यादा अपेक्षा रखना खुद को तनाव में डालना है क्योंकि एक के बाद एक अपेक्षाओं का ग्राफ बढ़ता ही जाता है.जीवन में बहुत सारे दुखों का कारण भी अपेक्षा ही है. मनुष्य का यह स्वभाव है कि वह हर किसी से अपेक्षा करता है और कभीकभी ये अपेक्षाएं जरूरत से ज्यादा हो जाती हैं. ऐसा होने से जब हमें हमारी ये अपेक्षाएं पूरी होती नहीं दिखाई देतीं तब क्रोध, क्षोभ, निराशा और दुख हमारे साथी बन जाते हैं.

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इन 3 वजहों से सर्दियों में जरूर करना चाहिए पालक का सेवन

लेखिका- दीप्ति गुप्ता

पालक एक हरी पत्तेदार सब्जी  है, जो न केवल हेल्दी और टेस्टी होती  है, बल्कि सबसे आसान साइड डिश के रूप में भी पॉपुलर है. इसे वैज्ञानिक रूप से स्पिनेशिया ओलेरासिया के नाम में जाना जाता है. यह एमोरैंथ फैमिली से संबंधित  है. पालक विटामिन ए, सी और के , पोटेशियम, मैग्नीशियम, कैल्शियम, फोलेट आयरन जैसे पोषक तत्वों से भरपूर है. पालक जैसी हरी सब्जियों में जिंक भी अच्छी मात्रा में होता है, जो किसी भी आहार में होना बहुत जरूरी है. इसमें थोड़ी मात्रा में डायट्री फाइबर भी पाया जाता है, जो आंत के स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा है. वैसे तो बहुत कम लोगों को ही पालक पसंद होती  है, लेकिन अगर आप अपने स्वास्थ्य के साथ समझौता नहीं करना चाहते, तो सर्दी के दिनों में जमकर इस पत्तेदार सब्जी का सेवन करें. यहां ऐसी 3 मुख्य वजह हैं, जो बताएंगी कि आपको पालक को अपने दैनिक आहार का हिस्सा क्यों बनाना चाहिए.

1. स्वस्थ हड्डियों के लिए पालक-

सर्दी के दिनों में लोग अक्सर जॉइंट पेन और हड्डियों से जुड़ी समस्याओं की शिकायत करते हैं. इन सबसे बचने के लिए सबसे अच्छा तरीका है पालक खाना. पालक विटामिन के का एक समृद्ध स्त्रोत है, जो ऑस्टियोकैल्क नाम के प्रोटीन के उत्पादन को बढ़ावा देता है. यह प्रोटीन हड्डियों में कैल्शियम को स्थिर करने के लिए जिम्मेदार है. विटामिन के से भरपूर होने के अलावा पालक कैल्शियम और विटामिन डी , डायट्री फाइबर , पोटेशियश्म, मैग् नीशियम और विटामिन सी का बेहतरीन स्त्रोत है. ये सभी पोषक तत्व हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए बहुत अच्छे हैं.

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2. दिल के स्वास्थ्य को बढ़ावा दे-

ऐसे में इस खतरे को रोकने के लिए सर्दियों में जितना हो सके, पालक का सेवन करें.  पालक में मौजूद विटामिन -सी झुर्रियों को रोकने, आंखों की बीमारियों और ह्दय रोगों से बचाने की क्षमता के लिए जाना जाता है. वहीं ल्यूटिन की मौजूदगी धमनियों की दीवारों को मोटा होने से रोकती हैं. इस प्रकार दिल के दौरे का जोखिम काफी हद तक कम हो जाता है. इसके अलावा पालक प्राकृतिक रूप से नाइट्रेटस नामक  यौगिकों से भरपूर  है. कुछ अध्ययन बताते हैं कि पालक जैसे नाइट्रेटयुक्त खाद्य पदार्थ भी दिल के दौरे से बचाने में मदद करते हैं.

3. आंखों की रक्षा करे-

पालक हमारी आंखों के लिए वरदान है. दरअसल, इसमें अच्छी मात्रा में बीटा कैरोटीन, जैक्सेंथिन , क्लोरोफिल  और ल्यूटिन होता है , जो आपकी दृष्टि में सुधार  करता है. ल्यूटिन और जैक्सेंथिन मैक्युला में जमा हो जाते हैं, जो रेटिना का एक हिस्सा है. ये प्राकृतिक सनब्लॉक के रूप में काम करता है, जिससे आपकी आंखों को हानिकारक प्रकाश से बचाया जा सके. कई अध्ययन बताते हैं कि ल्यूटिन और जैक्सेंथिन जैसे दोनों एंटीऑक्सीडेंट मैक्यूलर डिजनरेशन और मोतियाबिंद को रोकने का काम करते हैं, जो अंधेपन का मुख्य कारण हैं. इसलिए आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए लोगों को सबसे पहले  यह हरे पत्तेदार साग खाने की सलाह दी जाती है.

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पालक को अपने आहार में शामिल करने के आसान तरीके-

– पालक को सलाद के रूप में आहार में शामिल करना बहुत अच्छा तरीका है. इसमें अंगूर, छोले, सेब के क्यूब्स और कटे हुए अजमोद के पत्ते डालकर नियमित रूप से भोजन के साथ साइड डिश के रूप में खाएं. स्वास्थ्य को बहुत फायदा होगा.

– अपने वर्कआउट के बाद न्यूट्रिशनल बेनिफिट्स हासिल करने के लिए पालक बेरी स्मूदी का सेवन करें. इसे बनाने के लिए 300मिली पानी, पालक, ब्लूबेरी, रसबरी, दही का एक स्कूप, एक बड़ा चम्मच प्रोटीन पाउडर एक चम्मच शहद डालें और चिकना होने तक मिलाएं. इसके अलावा आप चाहें, तो कम तेल में पालक के पराठे और सब्जी बनाकर भी खा सकते हैं.

तो आखिर पालक हमें अपने आहार में क्यों शामिल करना चाहिए , ये तो आप जान ही गए हैं. तो अब सोचिए नहीं, बल्कि आज से ही अपने दिल, आंखों और हड्डियों को स्वस्थ रखने के लिए पालक का सेवन शुरू कर दीजिए.

Anupama: अनुज को मालविका से दूर करेगा वनराज, करेगा ये काम

सीरियल अनुपमा में जहां अनुज की एंट्री के बाद फैंस काफी खुश हुए थे तो वहीं इन दिनों अनुज की बहन मालविका की एंट्री के बाद दर्शक निराश नजर आ रहे हैं. वहीं सोशलमीडिया पर मालविका के रोल में नजर आने वाली अनेरी वजानी को ट्रोल कर रहे हैं. हालांकि मेकर्स ने अनुपमा और अनुज की कहानी को नया मोड़ देने की ठान ली है. आइए आपको बताते हैं क्या होगा शो में आगे….

मालविका की हुई शाह हाउस में एंट्री

 

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अब तक आपने देखा कि मालविका शाह हाउस में रहने का फैसला करती है. वहीं अनुपमा और वनराज इस बात के लिए मान जाते हैं. लेकिन अनुज इस बात से बिल्कुल खुश नहीं होता. हालांकि अनुपमा, अनुज से पूछती है कि क्या उसकी वजह से कुछ हुआ है. वह कहता है कि उसकी वजह से नहीं बल्कि अपनी गलती के कारण ऐसा हुआ है. इस बीच मालविका के शाह हाउस आने से काव्या को जलन महसूस होती है क्योंकि वो पूरे शाह परिवार के साथ घुल मिल गई है.

 

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अनुज होगा परेशान

 

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अपकमिंग एपिसोड में आप देखेंगे कि अनुज औफिस जाएगा. जहां अनुपमा और वह हसी मजाक करते नजर आएंगे. इस बीच अनुज, अनुपमा को बताएगा कि वह मालविका के केबिन को सजाने के लिए कुछ सामान लाया है. वहीं अनुज, अनुपमा से मालविका को बिजनेस की सीख देने की बात कहते हुए दुखी होता है औऱ कहता है कि उसने अपने बिजनेस पार्टनर के लिए वनराज को चुना. लेकिन अनु उससे सवाल पूछती है कि क्या उसे लगता है कि मुक्कू ने सही साथी नहीं चुना.

वनराज पूछेगा सवाल

 

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आप देखेंगे कि मालविका, अनुज को बताएगी कि उसने अपनी कंपनी के प्रोजेक्ट खाते में 50 लाख रुपए ट्रांसफर किए हैं, जिसे सुनकर वह चौंक जाएगा और उससे कहेगा कि यह सवाल नहीं है कि उसने पैसे क्यों ट्रांसफर किए. लेकिन मालविका पूछेगी कि क्या उसे वनराज को पैसे देने में प्रौब्लम है. वहीं वनराज भी अनुज से पूछेगा कि वह भी जानना चाहते हैं कि उन्हें इससे प्रौब्लम क्यों है. इसके अलावा अनुपमा और अनुज क्रिसमस और न्यू ईयर की तैयारी करते नजर आएंगें. इसी बीच मालविका, अनुपमा से नाराज नजर आएगी. वहीं वनराज इस बात का फायदा उठाकर अनुज और मालविका के बीच दूरियां लाने का काम करेगा.

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