Winter Special: 17 ब्राइडल हेयर केयर टिप्स

किसी के लिए भी शादी का दिन उस की जिंदगी का सब से बड़ा दिन होता है. खास कर लड़कियों के लिए क्योंकि उस दिन उन्हें सब से खूबसूरत दिखना होता है. भावी दुलहन के शृंगार में खूबसूरत बालों का योगदान काफी ज्यादा होता है. अगर आप भी जाड़े के इस मौसम में शादी के बंधन में बंधने वाली हैं, लेकिन बालों में किसी तरह की समस्या से परेशान हैं या फिर अपने बालों को ज्यादा आकर्षक, हैल्दी और चमकदार बनाना चाहती हैं तो इन बातों का खयाल रखें:

1. शादी से कुछ समय पहले से भावी दुलहनें काफी नर्वस हो जाती हैं. उन्हें टैंशन भी होती है. टैंशन और स्ट्रैस लेने से हेयर फौल की समस्या होती है और स्कैल्प भी कमजोर होती है. ऐसे में स्ट्रैस को कम करने के उपाय करें. मौर्निंग वाक पर जाएं और नियमित व्यायाम करें.

2. शादी की शौपिंग के लिए भावी दुलहन को अकसर बाहर जाना पड़ता है जिस से धूल और प्रदूषण से बाल कमजोर और डैमेज होने लगते हैं. इस के अलावा देर तक धूप में रहने से भी बालों से नमी चली जाती है जिस से उन में हेयर फौल के साथसाथ और भी समस्याएं होती हैं. बेहतर है कि आप तेज धूप में न निकलें. निकलना ही हो तो सिर पर स्कार्फ बांध कर निकलें.

3. शादी के दिन और उस से पहले भी कई तरह की रश्में होती हैं. इस दौरान दुलहन को तरहतरह के हेयरस्टाइल बनवाने होते हैं. हेयरस्टाइलिंग के लिए यूज होने वाले हेयर ड्रायर, हौट रोलर्स, फ्लैट आयरन और कर्लिंग टौंग्स के इस्तेमाल से भी बाल डैमेज हो जाते हैं. बारबार कलर ट्रीटमैंट से भी बालों पर बुरा असर पड़ता हैं क्योंकि इस में मौजूद कैमिकल्स बालों को नुकसान पहुंचाते हैं. इसलिए हेयरस्टाइलिंग टूल्स का इस्तेमाल कम से कम करने का प्रयास करें. आप किसी भी तरह के हेयरस्टाइलिंग टूल्स को लगाने से पहले और्गन औयल भी लगा सकती हैं जो एक अच्छे हेयर सीरम का काम करता है. यह हीट प्रोटैक्टैंट की तरह काम कर के बालों को अनावश्यक नुकसान से बचाता है.

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4. अपनी बौडी को हाइड्रेट रखें. इस से बाल मजबूत और हैल्दी रहेंगे. खूब पानी पीएं.

5. बालों में नमी बनाए रखने के लिए डीप कंडीशनिंग ट्रीटमैंट और हेयर फौल से बचने के लिए ऐंटीब्रोकरेज ट्रीटमैंट लेती रहें.

6. बालों की सेहत का सीधा संबंध हमारे खानपान से होता है. मजबूत और स्वस्थ बालों के लिए विटामिन बी12, ओमेगा 3 फैटी एसिड्स और जिंक की भरपूर मात्रा आप की डाइट में होनी चाहिए. जिंक से असमय बालों में सफेदी नहीं आती और बालों का झाड़ना भी रुकता है. टौक्सिन को बाहर निकालने के लिए पानी का सेवन बढ़ाएं. यह बालों और स्कैल्प को हाइड्रेटेड रखने में मदद करता है. अधिक फल खाएं क्योंकि ये विटामिन और अन्य आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं.

7. बालों को सुखाने के लिए ड्रायर का इस्तेमाल कम से कम करें. उन्हें प्राकृतिक रूप से सूखने दें. तौलिए की मदद से या थोड़ी देर धूप में बैठ कर बालों को सुखाना सब से आसान और सही तरीका है. हेयर ड्रायर के इस्तेमाल से बालों को सुखाना हो तो उस से पहले उन पर सीरम जरूर लगाएं.

8. तेल बालों के पोषण के लिए बहुत जरूरी होता है. बालों की ग्रोथ के लिए नियमित रूप से उन में तेल लगाना असरदार होता है. इस से ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाने में भी मदद मिलती है और बाल प्राकृतिक रूप से चमकदार भी बनते हैं.

9. गीले बालों में कंघी करने से बचें वरना ऐसा करने से काफी बाल टूट जाते हैं.

10. बालों की सेहत सही रखने के लिए हेयर पैक्स का इस्तेमाल कर सकती हैं. इस के लिए बालों में मेहंदी लगाएं या फिर अंडे और दही को मिला कर हेयर पैक तैयार करें और बालों में लगाएं. इस से डैंड्रफ खत्म होता है और बालों के टूटने की रफ्तार भी घट जाती है.

11. शादी से लगभग 1 महीना पहले ही बालों में अच्छी तरह से मेहंदी लगाएं.

12. सही खानपान रखें ताकि बाल कमजोर न हों.

13. जाड़े में रूसी की समस्या हो सकती है. अगर बालों में रूसी बहुत ज्यादा हो तो ऐंटीडैंड्रफ शैंपू का इस्तेमाल करें या फिर नीबू का रस आदि लगा कर रूसी दूर करने का प्रयास करें. रूसी बालों को बहुत नुकसान पहुंचाती है.

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14. शादी से पहले बालों के मामले में किसी भी तरह की ढिलाई न बरतें. सप्ताह में कम से कम 3 बार शैंपू करें. शैंपू के बाद कंडीशनर भी लगाएं. प्रोटीन युक्त शैंपू का इस्तेमाल करें.

15. गीले बालों को न बांधें और न ही सुलझाएं. हेयर मसाज करवाएं.

16. बालों में तेल के साथसाथ ऐलोवेरा लगाएं. इस से स्कैल्प पर मसाज करें. यह बालों के रोमों को हाइड्रेट करता है. इसे 30 मिनट तक लगा रहने दें. इस के बाद माइल्ड शैंपू से धो लें.

17. बालों को धोने या गीला करने के लिए कभी भी अधिक गरम पानी का इस्तेमाल न करें क्योंकि इस से बालों को नुकसान पहुंचता है.

Imlie के सामने होगी आदित्य-मालिनी की शादी, देखें वीडियो

सीरियल इमली (Imlie) में आदित्य (Gashmeer Mahajani) और मालिनी (Mayuri Deshmukh) की शादी के फंक्शन देखने को मिल रहे हैं. जहां मालिनी की मां अनु पूरी कोशिश कर रही है कि कदम कदम पर इमली (Sumbul Tauqeer Khan) की बेइज्जती कर सके. लेकिन आर्यन (Fehmaan Khan) उसकी हर एक चाल को नाकामयाब करता नजर आ रहा है. इसी बीच सीरियल में नया ट्विस्ट आने वाला है. आइए आपको बताते हैं क्या होगा शो में आगे (Imlie Serial Update)…

इमली का टूटता है दिल

 

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अब तक आपने देखा कि इमली, आदित्य और मालिनी के शादी का मंडप देखकर टूट जाती है और वहां से जाने की कोशिश करती है कि अपर्णा उसे रोककर आदित्य को समझाने के लिए कहती है. लेकिन इमली नहीं मानती और वह घर छोड़कर चली जाती है. वहीं आर्यन, इमली के साथ नजर आता है.

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आदित्य ने कही मालिनी से ये बात

 

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दूसरी तरफ पिता की बात समझकर आदित्य, मालिनी से मिलता है और उससे कहता है कि वह अपने फायदे के लिए उसका इस्तेमाल नहीं कर सकता, जिसे सुनकर मालिनी कहती है कि उसे इमली से माफी मांगनी चाहिए क्योंकि उसने हमेशा इमली को इन सबका दोष दिया, जबकि इसमें दोनों की ही गलती थी. वहीं मालिनी कहती है कि अब वह जो करना चाहता है वह करे और अब वो भी अपना फैसला करेगी.

मालिनी और आदित्य की होगी शादी

 

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अपकमिंग एपिसोड में आप देखेंगे कि अनु अपनी बेटी की शादी करवाने के लिए इमली को कार में बंद कर देगी. वहीं इमली कार से निकलने की पूरी कोशिश करेगी. लेकिन आर्यन उसकी मदद करता नजर आएगा. दूसरी तरफ  आदित्य और मालिनी सात फेरे करते नजर आएंगे. जबकि इमली घर की ओर भागेगी ताकि वह शादी रोक सके. लेकिन वह जैसे ही मंडप में पहुंचेगी तो देखेगी कि मालिनी और आदित्य की शादी हो चुकी होगी.

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Anupama करेगी अनुज से प्यार का इजहार, मालविका बापूजी से करेगी दोनों की शादी की बात

सीरियल अनुपमा (Anupama) में जल्द ही नया ट्विस्ट आने वाला है. मालविका (Aneri Vajani) की एंट्री से जहां अनुज (Gaurav Khanna) और अनुपमा (Rupali Ganguly) एक-दूसरे के करीब आ रहे हैं तो वहीं वनराज (Sudhanshu Panday) और काव्या (Madalsa Sharma) के बीच दूरियां बढ़ रही हैं. इसी बीच मालविका का एक कदम अनुपमा समेत पूरे शाह परिवार को हैरान करने वाला है. आइए आपको बताते हैं क्या होगा शो में आगे (Anupama Serial Update)…

वनराज पर भरोसा करता है अनुज

अब तक आपने देखा कि अनुपमा और वनराज एक दूसरे से बात करते हैं जहां अनुपमा उसे अनुज के बारे में अपने दिल की बात बताने वाली होती है. लेकिन वह बता नहीं पाती. वहीं अनुज, मालविका के बिजनेस के फैसले से खुश नही होता. हालांकि मालविका और अनुपमा के लिए वह वनराज पर भरोसा करने के लिए मान जाता है.

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अनुज को इजहार करने के लिए कहेगी मालविका

अपकमिंग एपिसोड में आप देखेंगे कि मालविका शाह हाउस में क्रिसमस पार्टी का आयोजन करेगी. जहां वह अनुज और अनुपमा को निमंत्रण देगी. वहीं घर जाते समय अनुज से पूछेगी कि जब वह अनु से प्यार करता है, तो उसने उसे अभी तक प्रपोज क्यों नहीं किया, जिसे सुनकर अनुज और अनुपमा हैरान रह जाएंगे.

 

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मालविका मांगेगी बापूजी से अनुपमा का हाथ

 

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इसी के साथ आप देखेंगे कि अनुज और अनुपमा एक दूसरे के साथ क्वालिटी टाइम बिताएंगे. जहां पर अनुज, अनुपमा से पूछेगा कि क्या वह उससे प्यार करती है. वहीं अनुज की बात सुनते ही अनुपमा शर्माते हुए हां कहेगी, जिसे सुनकर अनुज बेहद खुश होगा. दूसरी तरफ क्रिसमस के सेलिब्रेशन में मालविका, बापूजी से अनुपमा और अनुज की शादी कराने का अनुरोध करेगी, जिसे सुनकर बा, बापूज समेत पूरा परिवार हैरान रह जाएगा. लेकिन देखना होगा कि क्या मालविका, अनुज और अनुपमा की शादी करवा पाएगी.

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बेबस औरत का दर्द

जीवनसाथी के अचानक चले जाने का गम तो हरेक को होता है और कोविड-19 के कारण लाखों मौतों ने एकदम बहुतों को बिना साथी के समझौते करने पर मजबूर कर दिया है पर उस औरत की त्रासदी का तो कोई अंत ही नहीं है, जिस के पति का पता ही नहीं कि वह मौत के आगोश में गया तो कब और कहां. दिल्ली की एक औरत महिला आयोग के दरवाजे खटखटा रही है कि दिल्ली पुलिस और अस्पताल बता तो दें कि उस के पति की कब कहां मृत्यु हुई या वह कहीं आज भी जिंदा है.

अप्रैल में पुलिस के अनुसार उस के पति को सड़क के किनारे कहीं बेहोश पड़ा पाया गया था और एक अस्पताल में भरती करा दिया गया था. वहां से उसे दूसरे अस्पताल भेजा गया जहां कोई रिकौर्ड नहीं है और अब पत्नी को नहीं मालूम कि उन का क्या हुआ. खुद कैंसर की मरीज पत्नी पति की मृत्यु का प्रमाणपत्र पाने के लिए भटक रही है.

जीवनसाथी के चले जाने के बाद भी उस के हिसाबकिताब करने के लिए बहुत से प्रमाणों की जरूरत होती है. मृत्यु प्रमाणपत्र इस देश में बहुत जरूरी है. उस के बिना तो विरासत का कानून चालू ही नहीं हो सकता. धर्मभीरुओं को लगता है कि वे अगर सारे पाखंड वाले रीतिरिवाज नहीं करेंगे तो मृतक को स्वर्ग नहीं मिलेगा और आत्मा भटकती रहेगी. बहुत मामलों में घर वाले जब तक मृतक का शव न देख लें, यह स्वीकार करने को तैयार ही नहीं होते कि मौत हो चुकी है.

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जैसे उत्तर प्रदेश, बिहार में बहुत से लोगों के मृत्यु प्रमाणपत्र उन के जिंदा रहते जारी कर दिए जाते हैं और वे अपने को जिंदा होने का प्रमाणपत्र खोजते दफ्तरों के चक्कर काटते रहते हैं, वैसे ही जो मर गया उसे खोया गया मान कर कुछ अधूरा मान लिया जाता है जो अपनेआप में एक बहुत ही दुखद स्थिति होती है.

कोविड-19 के भयंकर प्रहार के दिनों में लोगों को अपने प्रियजन का शव देखने तक का अवसर नहीं मिला था पर उन्हें प्रमाणपत्र मिल गया था इसलिए संतोष कर लिया गया. इस मामले में जीवनसाथी

का अभाव, अपनी बीमारी और कागजी काररवाई सरकारी लापरवाही के कारण पूरी न होने के कारण तीहरा दुख सरकार एक बेबस औरत को दे रही है.

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Coronavirus: सावधानी अभी भी जरूरी

लंबे समय तक कोविड-19 की दहशत की वजह से सबकुछ बंद रहा. लोगों की रोजीरोटी पर ताला लग गया. गरीबों के लिए खाने के लाले पड़ गए. बहुतों की नौकरी छूट गई तो कितनों ने अपनों को खोया. जिंदगी जैसे थम सी गई थी. पर फिर समय के साथ लोग रोजगार के लिए घर से निकलने लगे.

इधर कोविड की भयावहता कुछ कम हुई तो सरकार ने भी धीरेधीरे कर लौकडाउन हटा दिया. जिंदगी पुरानी दिनचर्या पर लौट आई. लोगों के दिलों से कोविड का डर चला गया और वे पहले की तरह बेफिक्र घूमने और खानेपीने लगे.

मगर क्या यह सही है? क्या सच में कोविड-19 का संकट चला गया? बिलकुल नहीं. ऐसा सोचना भी बेमानी है वरना कई देशों में पहले की तरह फिर से लौकडाउन न लगाना पड़ता.

आम जनता के लिए यह बात समझनी जरूरी है कि कोविड का संकट खत्म नहीं हुआ है. यह नएनए वैरिएंट्स के साथ अभी भी हमें अपने आगोश में लेने को तत्पर है. हाल ही में इस के नए वैरिएंट ओमीक्रोन का पता चला है. इसलिए हमें अभी भी हर कदम बहुत फूंकफूंक कर चलना चाहिए. जरूरी काम हो तो ही निकलना सही है.

कोविड नियमों की अनदेखी पड़ेगी भारी

लोगों को मौका मिलना चाहिए. कभी त्योहारी सीजन तो कभी रिश्तेदारियां निभाने की जुगत और कभी जरूरी काम का बहाना, लोग कोरोना नियमों के प्रति लापरवाही करते नजर आते हैं, जबकि ये सावधानियां उन के खुद के भले के लिए जरूरी हैं. जिंदगी में स्वस्थ बने रहने से जरूरी कुछ नहीं होता.

मगर लोग कई बार अपनी इसी सेहत को नजरअंदाज कर देते हैं. कभी जान कर और कभी अनजाने में, कभी अज्ञानता में और कभी विवशता में वे ऐसा करते जाते हैं और बाद में पछताते हैं.

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कोरोना के मामलों में कमी को कई लोग इस का समाप्त होना ही मान बैठे हैं. यही वजह है कि यहांवहां लोग बिना मास्क निकल जाते हैं और भीड़ का हिस्सा भी बनते हैं. इस त्योहारी सीजन के दौरान भी लोगों ने घंटों भीड़ में रह कर शौपिंग की. वे यह भूल गए कि बिना मास्क और भीड़ में खड़े हो कर वे कोरोना संक्रमण को फिर से न्योता देने लगे हैं.

याद रखिए वैक्सीन यकीनन कोरोना वायरस से लड़ने के लिए बड़ा हथियार है, लेकिन कोविड हमें चपेट में नहीं लेगा, यह सोचना बिलकुल गलत है. बस कुछ ऐसी ही सोच के बाद कई लोग वैक्सीन की दोनों डोज ले कर बाजार में बिना मास्क और शारीरिक दूरी बनाए बिना घूम रहे हैं जो अपनी और दूसरों की जान को जोखिम में डाल रहे हैं.

भीड़ में जाने की जरूरत क्या है

शाम से रात तक के समय में बाजारों में भीड़ बहुत ज्यादा रहती है. अभी के समय में उस भीड़ में जा कर खरीदारी करना सुरक्षित नहीं है क्योंकि उस धक्कामुक्की वाली भीड़ में 2 गज क्या 2 इंच की भी दूरी नहीं रह जाती. फिर भी लोग इसी समय घर से निकलते हैं. दरअसल, औफिस जाने वालों को शाम के बाद ही निकलने का समय मिलता है.

जो महिलाएं घर पर रहती हैं वे भी सोचती हैं कि शाम में पति आ जाएं तो मिल कर शौपिंग करेंगे. वैसे भी लोग शाम में ही फ्री होते हैं वरना दिन में कभी बच्चों की पढ़ाई, कभी रिश्तेदारों का आना और कभी घर के कामों में महिलाएं व्यस्त रहती हैं. शाम में मौसम भी अच्छा हो जाता है और बाहर निकलना सुविधाजनक लगता है. यही वजह है कि सब को वही समय सूट करता है. मगर याद रखिए भीड़ में जाना कुछ इस तरह खतरनाक हो सकता है.

महिलाएं अकसर बच्चों को साथ ले कर बाजार जाती हैं. छोटे बच्चे मास्क नीचे खिसका कर इधरउधर चीजें छूते हैं और कई बार उन्हें मुंह में भी डाल लेते हैं. वे अपने हाथों से भी बारबार दुकान के सामान, गेट, दरवाजे या दूसरी चीजों को छूते हैं और फिर उन्हीं हाथों को आंखों या मुंह से लगा लेते हैं.

महिलाएं खुद भी सावधान नहीं रह पातीं. कई दफा वे मास्क भूल जाती हैं तो दुपट्टे से मुंह ढकने का प्रयास करती हैं. कोई सहेली मिल जाए तो दूरी बरकरार रखना छोड़ गले मिल लेती हैं या बारबार दूसरे के हाथों को, कपड़ों या दूसरी चीजों को छूने लगती हैं.

भीड़ में न चाहते हुए भी लोग एकदूसरे से टच होते ही रहते हैं. ऐसे में आप को पता भी नहीं चलता कि किस ने वायरस की सौगात आप को दे दी.

बीमार न कर दे यह शौक

कई महिलाएं बाजार जाती हैं तो गोलगप्पे, समोसे, चाट जैसी आइटम्स खाए बिना नहीं रह पातीं. उन की यह आदत अब भी नहीं छूटी है. भीड़ लगा कर ठेले वालों से गोलगप्पे खाने के चक्कर में वे किस आफत को गले लगा रही है उन्हें इस का एहसास भी नहीं होता.

जब आप भीड़ के समय निकलती हैं तो पब्लिक ट्रांसपोर्ट की हालत भी बुरी रहती है. आप के पास अपनी गाड़ी है तब तो ठीक है, मगर जब आप बाजार जाने के लिए बस, मैट्रो औटो आदि का इस्तेमाल करते हैं तो भीड़ के समय खास सावधानी की जरूरत होती है. बाहर खानेपीने का शौक सब को होता है. रैस्टोरैंट्स खुल चुके हैं. दूसरों को बाहर खाता देख आप भी खुद को रोक नहीं पाते. मगर यह शौक आप को बीमार कर सकता है.

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महिलाएं घर की धुरी होती हैं. उन्हें ही सारा घर संभालना होता है. खाना बनाना होता है और बच्चों की देखभाल भी करनी होती है. ऐसे में अगर वे कोविड-19 का शिकार होती हैं तो पूरा घर उस की चपेट में आ जाएगा. इसलिए बहुत जरूरी है कि वे अपना खयाल रखें. ज्यादा बाहर निकलने से बचें और खुद और परिवार को सुरक्षित रखें.

सावधानी रखें

– बेहतर होगा कि भीड़ के समय निकलना अवौइड करें.

– बच्चों को साथ ले कर न जाएं और जितना हो सके अपने वाहन का इस्तेमाल करें. कोविड के डर को अभी अपने मन में जिंदा रखें.

– अगर बच्चे जिद कर रहे हैं तो भी अभिभावक भीड़भाड़ को बिलकुल अनदेखा न करें.

– कोशिश करें कि दोपहर में ही खरीदारी के सारे काम निबटा लें. वैसे भी उस वक्त सारा काम कम समय में आसानी से हो जाता है. देर शाम भीड़भाड़ में न निकलें.

– केवल 1 मास्क पहनना काफी नहीं है बल्कि डबल मास्क का इस्तेमाल करें.

– बाहर निकलते समय साथ में सैनिटाइजर जरूर रखें और समयसमय पर उस का इस्तेमाल जरूर करें.

– खुली जगहों पर जाएं और 1-2 घंटों के भीतर लौट आएं. बच्चों पर विशेष ध्यान दें. 10 साल से नीचे की उम्र के बच्चों को साथ ले कर न जाएं.

– फिलहाल खुली जगह पर खानेपीने से बचें.

– गैरजरूरी चीजों की खरीदारी न करें तो ही बेहतर होगा.

– अलगअलग जगहों से ज्यादा खरीदारी करनी हो तो दस्तानों का इस्तेमाल जरूर करें.

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Winter Special: सेहत के लिए वरदान है बाजरा

छोटे छोटे ग्रे रंग के दानों  वाला बाजरा पोटेशियम, मैग्नीशियम, एंटी ऑक्सीडेंट, फायबर और विटामिन सी से भरपूर होता है. इसमें फायबर भरपूर मात्रा में होता है जो लंबे समय तक पेट को भरा रखने के साथ साथ पाचन तंत्र को भी दुरुस्त रखने में सहायक होता है. इसकी तासीर काफी गर्म होती है इसलिए सर्दियों में इसका सेवन अवश्य करना चाहिए. इसका सर्वाधिक उत्पादन राजस्थान में किया जाता है. बाजरे को रोटी के साथ साथ खिचड़ी, परांठा और कटलेट के स्वरूप में भी हम अपने भोजन में शामिल कर सकते हैं. आज हम आपको बाजरे से बनने वाले कुछ व्यंजन बता रहे हैं जिन्हें बनाकर आप आसानी से बाजरे को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं तो आइए देखते हैं कि इन्हें कैसे बनाया जाता है-

-बाजरा दलिया

कितने लोगों के लिए          6

बनने में लगने वाला समय     30 मिनट

मील टाइप                         वेज

सामग्री

बाजरे का दलिया              1 कप

कटी गाजर                      1

कटी शिमला मिर्च             1

हरी मटर के दाने               1 कप

कटा पनीर                       1/2 कप

कटी हरी मिर्च                   3

बारीक कटा प्याज             1

बारीक कटा आलू              1

बारीक कटे टमाटर             2

नमक                              स्वादानुसार

लाल मिर्च पाउडर             1/2 टीस्पून

गरम मसाला                   1/2 टीस्पून

जीरा                             1/4 टीस्पून

नीबू का रस                     1 टीस्पून

हल्दी पाउडर                   1/4 टीस्पून

बारीक कटा हरा धनिया     1 टेबलस्पून

घी                                  1 टेबलस्पून

पानी                               3 कप

विधि

बाजरे के दलिये को भूनकर 1 कप पानी में 2 घण्टे के लिए भिगो दें. अब एक प्रेशर कुकर में घी डालकर प्याज और हरी मिर्च भून लें. जीरा व हल्दी डालकर कटे टमाटर डालकर अच्छी तरह चलाएं. जब टमाटर गल जाएं तो सभी सब्जियां, पनीर, नमक और सभी मसाले डालकर चलाएं. भीगा दलिया और बचा 2 कप पानी डालकर प्रेशर कुकर का ढक्कन बंद कर दें. एक सीटी तेज आंच पर लेकर 5 सीटी धीमी आंच पर लेकर गैस बंद कर दें. कुकर का प्रेशर निकल जाने पर नीबू का रस और धनिया डालकर चलाएं. टेस्टी और पौष्टिक दलिये को अचार और दही के साथ खाएं.

-बाजरा के पुए

कितने लोगों के लिए             6

बनने में लगने वाला समय      30 मिनट

मील टाइप                         वेज

सामग्री

बाजरे का आटा                   1 कप

गुड़                                    1/2 कप

तिल                                   1/2 कप

जायफल पाउडर                  1/4 टीस्पून

इलायची पाउडर                   1/4 टीस्पून

तलने के लिए पर्याप्त में तेल अथवा घी

विधि

गुड़ को किसकर 1/4 कप पानी में आधे घण्टे के लिए भिगो दें. बाजरे के आटे में इलायची और जायफल  पाउडर मिला लें. अब बाजरे के आटे में गुड़ का पानी मिलाकर मसल मसलकर कड़ा गूंथ लें. तैयार आटे को 6 भागों में विभाजित कर लें. हाथों को चिकना करके कटी लोई को हथेली में दबाकर चपटा कर लें. एक प्लेट में तिल को फैला दें. आटे की चपटी लोई को प्लेट में रखकर दोनों तरफ तिल चिपकाएं. अब इसे गरम तेल में डालकर मंदी आंच पर सुनहरा होने तक तलें. बटर पेपर पर निकालकर एयरटाइट जार में भरकर रखकर सप्ताह भर तक प्रयोग करें.

-बाजरा आलू परांठा

कितने लोगों के लिए             4

बनने में लगने वाला समय      20 मिनट

मील टाइप                         वेज

सामग्री

बाजरे का आटा                 1 कप

उबले आलू                      2

उबली मटर                    1/2 कप

पालक प्यूरी                  1/2 कप

बारीक कटा प्याज          1

बारीक कटी हरी मिर्च       3

बारीक कटी हरी धनिया     1 टेबल स्पून

नमक                               स्वादानुसार

अमचूर पाउडर                1/2 टीस्पून

गर्म मसाला                   1/4 टीस्पून

सेंकने के लिए तेल         पर्याप्त मात्रा में

विधि

बाजरे के आटे में समस्त सामग्री को मिला लें. अब 1/2 कप गुनगुने पानी को धीरे धीरे आटे में मिलाते हुए आटे में मिला लें. तैयार आटे में से छोटी सी लोई लेकर तवे पर रखकर उंगलियों से चपटा करें. दोनों तरफ तेल या घी लगाकर मंदी आंच पर सुनहरा होने तक सेकें. तैयार आटे को चटनी या अचार के साथ सर्व करें.

3 बार अबौर्शन होने के बाद क्या मैं मां बन सकती हूं?

सवाल-

मेरी शादी को 5 साल हो गए हैं. इस दौरान मेरा 3 बार गर्भपात हो चुका है. क्या मैं कभी मां नहीं बन पाऊंगी?

जवाब-

बारबार गर्भपात होने का मतलब कभी भी बांझपन नहीं होता है. आप मां बन सकती हैं. गर्भपात होने के कई कारण होते हैं जैसे आनुवंशिक समस्याएं, हारमोन असंतुलन, संक्रमण, भू्रण निर्माण में विकृति और इम्युनोलौजिकल व पर्यावरणीय कारक. कारणों का पता कर के, सही जीवनशैली अपना कर और सही उपचार के द्वारा आप मां बन सकती हैं.

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जुलाई की सुबह थी. नाश्ते के दौरान प्रिंस हैरी की पत्नी, डचेस औफ़ ससेक्स मेगन मर्केल अपने डेढ़ वर्षीय पुत्र आर्ची का डायपर बदल रही थीं. तभी पेट में ऐंठन हुई और वे आर्ची को बांहों में लिए हुए ही गिर गईं. इस से उन के दूसरे बच्चे का अबौर्शन हो गया था.

39 वर्षीया पूर्व अमेरिकन ऐक्ट्रेस मेगन ने अपने इस दर्द को ‘द लूजेस, वी शेयर’ टाइटल से लेख लिखते हुए शेयर किया है. वे लिखती हैं, ”गिरते ही असहनीय दर्द के दौरान मैं समझ गई थी कि मैं ने पेट में पल रहे अपने दूसरे बच्चे को खो दिया है. कुछ समय बाद मैं हौस्पिटल में थी और जब मुझे होश आया तो प्रिंस हैरी मेरा हाथ थामे हुए थे. एक बच्चा खोने का मतलब है असहनीय दुख जिसे बहुत सी महिलाओं ने अनुभव किया है, लेकिन इस दर्द को बहुत कम ने शेयर किया है. जब मैं हौस्पिटल में लेटी हुई थी तब मेरी और मेरे पति की आंखों में आंसू थे. हौस्पिटल में सौ से अधिक महिलाएं थीं जिन में तकरीबन 20 महिलाएं अबौर्शन का दर्द सह रही थीं.‘’

अबौर्शन ऐसा शब्द है जिस का शाब्दिक अर्थ तो सब जानते हैं लेकिन इस का असली मतलब सिर्फ वही महिलाएं जानती हैं जो इसे झेल चुकी हैं. 35 साल की भारती अनचाहे अबौर्शन का दर्द अच्छी तरह समझती हैं. उन की मीठी आवाज में अपने अजन्मे बच्चे को खोने का दर्द साफ़ झलकने लगता है. वे बताती हैं, ”मैं ने अपने बच्चे का नाम भी सोच लिया था. उस की हलचल भी महसूस करने लगी थी. मन ही मन बच्चे से बातें भी करती रहती थी. शादी के 4 वर्षों बाद वह मेरी पहली प्रैग्नैंसी थी. मेरे पेट में जुड़वां बच्चे थे. मगर वे सहीसलामत इस दुनिया में नहीं आ पाए. मैं ने औफिस के काम से छुट्टी ले ली थी और अपना पूरा ध्यान रख रही थी. सब ठीक चल रहा था.

सर्दियों में भी Skin के लिए जरूरी है Sunscreen, होते हैं ये 6 फायदे

लेखिका- दीप्ति गुप्ता

घर के बाहर निकलने से पहले गर्मियों में सनस्क्रीन लगाना बहुत मायने रखता है. आखिरकार गर्मी के महीनों में तेज धूप आपकी त्वचा को झुलसा जो देती है. ऐसे में सनस्क्रीन त्वचा को सनबर्न, टैनिंग और यूवी रेज से बचाता है. इसलिए गर्मियों में हमेशा 15 एसपीएफ वाला सनस्क्रीन लगाने की सलाह दी जाती है. हालांकि, सनस्क्रीन के बारे में कई तरह के भ्रम फैले हुए हैं कि घर के अंदर इनकी जरूरत नहीं होती या सर्दियों में इन्हें लगाना जरूरी नहीं होता. लेकिन ऐसा नहीं है. हर मौसम में त्वचा पर सनस्क्रीन का इस्तेमाल बेहद जरूरी है. एक गाढ़ा और क्रीमी मॉइश्चराइजर के बाद सनस्क्रीन लगाना आपके विंटर स्किनकेयर रूटीन का हिस्सा होना चाहिए. विशेषज्ञों के अनुसार, यह न केवल त्वचा को कवर करता है, बल्कि इसे स्वस्थ और जवां भी बनाए रखता है. फिर भी आप सोच रहे हैं कि ऐसा क्यों हैं, तो यहां हम आपको बताएंगे कि सर्दियों में सनस्क्रीन लगाने के क्या फायदे होते हैं.

1. नमी का स्तर बनाए रखे-

सर्दियों के दौरान कम नमी और तेज हवाओं के चलते त्वचा रूखी हो जाती है. जिससे त्वचा में दरारें, झुर्रियां और संक्रमण बढ़ जाता है. ऐसे में सनस्क्रीन का प्रयोग त्वचा की नमी के स्तर को बनाए रखने में मदद करता है.

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2. सर्दियों में ओजोन लेयर सबसे पतली होती है –

सर्दी के महीनों में ओजोन लेयर बहुत पतली हो जाती है. जिसका मतलब है कि यह कम अल्ट्रावायलेट रेज को अवशोषित करती है . मतलब यह कि भले ही सर्दियों में सूरज इतना गर्म महसूस न हो, लेकिन आप वास्तव में ज्यादा तीव्रता वाली यूवी रेज के संपर्क में रहते हैं .यह रेडिएशन त्वचा को नुकसान पहुंचाती है और समय से पहले चेहरे पर बुढ़ापा, झुर्रियां और पिगमेंटेशन का कारण बनती हैं. इसलिए हाई SPF वाला सनस्क्रीन सर्दियों के दौरान लगाना बहुत अच्छा विकल्प है.

3. कैंसर का रिस्क कम करे-

सर्दियों में दिनों में यूवी किरणों का एक्सपोजर बहुत ज्यादा होता है. जिससे सनबर्न और स्पॉट का खतरा बढ़ जाता है इसलिए स्किन कैंसर की संभावना भी बढ़ सकती है. बता दें कि यूवी एक्सपोजर मेलेनोमा से जुड़ा है, जो स्किन कैंसर का सबसे घातक रूप है. सनस्क्रीन की मोटी लेयर लगाने से इन जोखिमों को काफी हद तक कम किया जा सकता है.

4. जलन दूर करे-

सर्दियों में त्वचा पर जलन और लाली की समस्या बहुत लोगों में देखी जाती है. ऐसा इसलिए क्योंकि इन दिनों में त्वचा पानी बनाए रखने की क्षमता खो देती है , जिससे ड्रायनेस बढ़ जाती है. ऐसे में अगर सनस्क्रीन का उपयोग न किया जाए, तो त्वचा पर जलन का अहसास होने लगता है.

5. गैजेट्स की नीली रोशनी से सुरक्षा दे-

न केवल घर के बाहर बल्कि हमारी त्वचा घर के अंदर भी हानिकारक गैजेट्स की ब्लृू लाइट के संपर्क में आती है. इसलिए चाहे धूप हो या न हो, त्वचा को ब्लू लाइट से बचाने के लिए स्किन पर सनस्क्रीन जरूर अप्लाई करना चाहिए.

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6. उम्र बढ़ने के संकेतों को रोके-

सूरज और नीली रोशनी के लंबे समय तक संपर्क में रहने के कारण त्वचा को फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान का सामना करना पड़ता है, जिस कारण चेहरे पर समय से पहले बुढ़ापा झलकने लगता है. ऐसे में सनस्क्रीन उम्र बढऩे के शुरूआती लक्षणों को कम करने में मदद करता है.

अगर आप भी उन लोगों में से हैं, जो सर्दियों में त्वचा पर सनस्क्रीन लगाना जरूरी नहीं समझते , तो यहां इसे लगाने के फायदे जरूर जान लीजिए और इसे अपने विंटर स्किनकेयर रूटीन का हिस्सा बना लीजिए.

‘महाराष्ट्राची गिरीशिखरे अवार्ड’ से नवाजे गए ये सेलेब्स, पढ़ें खबर

लंबे समय तक चले आंदोलन के बाद एक मई 1960 को मराठी भाषा के आधार पर ‘महाराष् ट्’राज्य का गठन हुआ था. अब साठ वर्ष पूरे होने पर ‘‘पीपुल्स आर्ट सेंटर’ की तरफ से हर क्षेत्र से चुनी गयी चालिस मराठी भाषी हस्तियों को ‘‘महाराष्ट्रची गिरी शिखरे पुरस्कार’’से नवाजा गया.मुंबई में बांदरा स्थित रंग शारदा सभागृह में 26 दिसंबर को महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने सुरेश वाडेकर, उषा मंगेशकर, डॉ मीरा बोरवणकर, रोहिणी हतंगिड़ी, तेजस्विनी सावंत, भीमराव पंचाले, अशोक पतकी, अनंत कुलकर्णी,शशिकांत गरवारे,डॉ.आर के शेट्टी, माधव पवार आशा खाडिलकर सहित काफी हस्तियों को महाराष्ट्राची गिरीशिखरे अवार्ड से नवाजा.

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इन हस्तियों को अपने हाथों से ट्रॉफी देने के बाद राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने सम्बोधित करते हुए कहा-‘‘मैं यहाँ सभी पुरस्कृत हस्तियों को बधाई देता हूँ.यह सभी अपने अपने क्षेत्रों के दिग्गज लोग हैं.जिन्हें भी सम्मानित किया गया न सिर्फ महाराष्ट्र बल्कि पूरा देश आप सभी पर गर्व महसूस करता है. समाज के कुछ लोग ऐसे होते हैं जो दूसरों के लिए उदाहरण पेश करते हैं. ऐसे ही लोगों को आज यह सम्मान दिया गया.पुरस्कार से प्रोत्साहन मिलता है.इसलिए समाज में अच्छा काम करने वालों का समय समय पर सम्मान किया जाना जरूरी होता है.  हम सब भारत माता की संतान हैं और अपने देश का नाम ऊंचा करने की दिशा में हम सबको कार्य करना चाहिए.पीपल स आर्ट सेंटर से जुड़े तमाम लोगों का मैं अभिनंदन करता हूँ.‘‘

1 मई 1960 को कोंकण, पश्चिमी महाराष्ट्र, विदर्भ और मराठवाड़ा के एक बहुभाषी राज्य मराठी भाषी लोगों के रूप में महाराष्ट्र के गठन तक लगभग डेढ़ दशक तक महाराष्ट्र का एक बहुमुखी इतिहास रहा है.इस शानदार कार्यक्रम में शास्त्रीय और लोक कलाकारों द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी पेश किए गए.

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