छेना से बनाएं ये टेस्टी मिठाइयां

दूध को फाड़ने के बाद पानी से अलग हुए पदार्थ को छेना कहा जाता है. पहले जहां दूध का फटना एक सामान्य बात हुआ करती थी वहीं अब हर घर में फ्रिज होने से दूध फटता तो नहीं है परन्तु हां आप स्वयं पनीर या छेना बनाने के लिए वेनेगर, या नीबू के रस की मदद से दूध को फाड़ती हैं. कई बार घर में दूध बहुत अधिक बच जाता है ऐसे में आप उसे फाड़कर छेना बना सकतीं हैं. छेने को जब गर्म में ही कपड़े में बांधकर किसी भारी बर्तन से दबा दिया जाता है तो वह पनीर बन जाता है. आज हम आपको छेने से बहुत टेस्टी मिठाइयां बनाना बताएगें जिन्हें बनाना बहुत आसान है और जो खाने में बहुत टेस्टी भी हैं. फटे दूध को एक सूती कपड़े में डालकर उसका पानी हाथ  से दबाकर अच्छी तरह निचोड़ दें और फिर ये मिठाइयां बनाइए तो आइये देखते हैं कि इन्हें कैसे बनाया जाता है-

-छेना पोडा

कितने लोगों के लिए                6

बनने में लगने वाला समय           50 मिनट

मील टाईप                        वेज

सामग्री

तैयार छेना                                 250 ग्राम

शकर                                     1/2 कप

इलायची पाउडर                     1/4 टीस्पून

बारीक कटी मेवा                   1 टेबलस्पून

सूजी या रवा                        1 टीस्पून

बेकिंग सोडा                         1 चुटकी

तेल                                    1/4 टीस्पून

नमक                                      1 चुटकी

पत्तल या दोने के पत्ते              4

विधि

छेना को एक प्लेट में डालकर हल्का सा मैश कर लें. अब रवा, मेवा, नमक, बेकिंग सोडा  और शकर डालकर अच्छी तरह मसलें यदि सूखापन लगे तो थोडा सा छेने का पानी मिलाएं. एक बेकिंग डिश को तेल से ग्रीस करके पत्तल या दोने के पत्ते खोलकर तले में बिछाएं. अब इसमें तैयार छेने का मिश्रण डालें. कुकर में नमक की लेयर डालकर बेकिंग डिश रखकर एकदम धीमी आंच पर 40 मिनट तक पकाएं. माइक्रोवेब में 50 मिनट तक 180 डिग्री पर बेक करें, अंत के 20 मिनट में तापमान 220 डिग्री कर दें ताकि छेना पोडा का रंग गहरा हो जाये. जब एकदम ठंडा हो जाये तो काटकर सर्व करें.

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-छेना बाईट

कितने लोगों के लिए                         6

बनने में लगने वाला समय                     25 मिनट

मील टाईप                                   वेज

सामग्री

तैयार छेना                                 250 ग्राम

मिल्क पाउडर                               250 ग्राम

मावा                                     250 ग्राम

पीसी शकर                                200 ग्राम

घी                                       1 टीस्पून

इलायची पाउडर                             1 टीस्पून

पिस्ता कतरन                              1 टीस्पून

विधि

एक पैन में घी गर्म करके इलायची पाउडर डालकर समस्त सामग्री को एक एक करके डाल दें. मद्धिम आंच पर लगातार चलाते हुए मिश्रण के गाढ़ा होने तक पकाएं. जब मिश्रण पैन के किनारे छोड़कर बीच में इकट्ठा होने लगे तो गैस बंद कर दें. मिश्रण को चिकनाई लगी ट्रे में जमा दें. उपर से पिस्ता कतरन डालकर एक कटोरी से हल्का सा दबा दें ताकि कतरन अच्छी तरह चिपक जाये. ठंडा होने पर छोटे छोटे बाईट में काटें. सिल्वर फॉयल में रैप करके बाईट तैयार करें. आप चाहें तो इसे माइक्रोवेब में भी बना सकतीं हैं.

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घर पर ही पायें सैलून लुक

अगर आप हेयर स्टाइल करना चाहती हैं तो इसका मतलब यह नहीं है कि आपके बाल हीट की वजह से खराब होंगे. डायसन एक्सपर्ट के अनुसार एयर रैप की मदद से आप अपनी मर्जी से तापमान और हीट को सेट कर सकती हैं. अधिक हीट डेमेज से बचने के लिए लो हीट सेटिंग्स कर सकती हैं.

इसकी मदद से आप अपने बालों में कर्ल, वेव, रफ बालों को स्मूद करना और एक नेचुरल फिनिश पाने जैसे हेयर स्टाइल प्राप्त कर सकती हैं. अपने हेयर टाइप, लंबाई, स्टाइल और अपनी मर्जी के हिसाब से आप इसकी सेटिंग कर सकती हैं और बालों के स्टाइल को कस्टमाइज कर सकती हैं.

स्टाइलिंग : लुक बुक

लो बन

घर पर रहने के कारण बहुत सी महिलाएं बहुत दिनों तक बालों को धोती नहीं हैं जिस कारण सिर में काफी नेचुरल ऑयल इकठ्ठे हो जाते हैं. इन नेचुरल ऑयल को एक क्रिएटिव हेयर स्टाइल में तब्दील कर एक खूबसूरत लुक क्रिएट किया जा सकता है. आप लो बन बना सकती हैं. इसके लिए भी एयर रैप का प्रयोग कर सकती हैं. सिर धोने के बीच में आप बालों में वेव, कर्ल आदि करके बालों का अच्छा स्टाइल बना सकती हैं. इस लुक को प्राप्त करने के लिए निम्न स्टेप्स का प्रयोग करें

सबसे पहले उठे हुए बालों को थोड़ा पानी के साथ भिगो लें.

बालों को फ्रिज मुक्त बनाने के लिए और कर्ल्स में थोड़ा खिंचाव लाने के लिए एयर रैप का प्रयोग करें.

एक इलास्टिक बैंड लें और बालों को गर्दन से भी नीचे की पोनी टेल में सिक्योर कर लें ताकि बाल स्मूद हो सकें.

अब बालों को थोड़ा सा मोड़ कर एक बन बना लें और इसके बाद थोड़ा हेयर स्प्रे छिड़क लें.

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बैंग और फ्रिंजेस

अगर आपने बैंग और फ्रिंज वाला हेयर स्टाइल चुना है तो समय-समय पर हेयर ड्रेसर के पास न जाने के कारण बाल काफी अन इवन तरीके से उगने लगते हैं. जो काफी बिखरे बिखरे और भद्दे लगने लगते हैं. फ्रिंज को निम्न प्रकार मेंटेन करके रख सकती हैं.

बाल धोने के बाद हमेशा फ्रिंज को ब्लो ड्राई करके रखें. प्राकृतिक रूप से बाल सुखाने से बाल थोड़े अलग अलग स्ट्रीक में निकलने लगते हैं जिससे मेसी हेयर हो जाते हैं.

ब्लो ड्राइंग करते समय ब्रश की मदद से बालों को ऊपर करें ताकि बाल पूरी तरह से सूख सकें. इससे बालों में थोड़ी वॉल्यूम भी एड होगी. इसके लिए आप सुपर सोनिक हेयर ड्रायर या फिर एयर रैप का प्रयोग कर सकते हैं.

अगर आप बालों में कोई स्टाइल एड करना चाहती हैं तो फ्रिंज को पहले अपने माथे के आगे से हटाना पड़ता है. एयर स्ट्रेटनर लें और बालों को पीछे लेकर जाते हुए स्ट्रेट करें ताकि वह चेहरे से पीछे हट जाएं.

इसके अलावा एयर रैप से आप आगे पड़े बालों को थोड़ा कर्ल भी कर सकती हैं.

स्मूद एंड स्लीक

इस समय हम सभी अपनी सेहत और स्किन की काफी केयर कर रहे हैं. लेकिन बालों की केयर करना भी काफी जरूरी होता है. अगर आप बालों में अधिक हीट का प्रयोग किए बिना ही स्टाइल करना चाहती हैं तो इसके कोराल स्ट्रेटनर का प्रयोग कर सकती हैं. इसकी यूनिक फ्लेक्सिंग प्लेट तकनीक बालों को सीधा करने में मदद करती है और इससे नुकसान भी बाकी हेयर स्टाइलिंग टूल्स के मुकाबले आधा होता है. अगर स्ट्रेट बाल चाहिए तो इस टूल की मदद से आसनी से प्राप्त कर सकती हैं.

सिर धोने के बाद बालों में स्टाइल क्रीम लगाएं और आराम आराम से ब्लो ड्राई कर लें.

इसके लिए एयर रैप की स्मूदनिंग ब्रश अटैचमेंट का प्रयोग कर सकती हैं. इससे बालों की स्मूदनेस बढ़ जायेगी जिससे हेयर स्टाइल लंबे समय तक टिका रहेगा.

अब इस स्ट्रेटनर का प्रयोग करके अपने बालों को स्ट्रेट करना शुरू करें.

मीडियम स्पीड के साथ बालों के छोटे छोटे सेक्शन ले और उन्हें स्टाइल करें.

हेयर लाइन सेक्शंस के लिए हीट सेटिंग को कम कर दें.

बाल स्ट्रेट होने के बाद अपनी मर्जी से उन्हें अरेंज करें.

कर्ल्स और वेव

अगर आपके बाल थोड़े घुंघराले हैं और आप उन्हें स्ट्रेट करने की बजाए थोड़ा नेचुरल लुक पसंद करती हैं तो आप उनमें थोड़ी-थोड़ी वेव्स या फिर कर्ल्स एड कर सकती हैं. डिफ्यूसर अटैचमेंट के साथ डायसन के सुपर सॉनिक हेयर ड्रायर की मदद से आप अपने बालों में वेव या फिर कर्ल्स एड कर सकती हैं और इस काम में ज्यादा मेहनत और समय भी नहीं लगने वाला है. इसके लिए निम्न स्टेप्स का पालन करें :

बाल धोने के बाद उससे सारा पानी निचोड़ दें. इसके लिए या तो तौलिया या फिर टी शर्ट का प्रयोग करें.

अपने बालों की नेचुरल वेव को बरकरार रखने के लिए और इन्हें स्मूद रखने के लिए एक मॉइश्चराइजिंग क्रीम लगाएं.

अब बालों में कंघी करने के बाद हेयर ड्रायर का लो एयर फ्लेम पर प्रयोग करें. अपने बालों के हिसाब से ड्रायर की सेटिंग्स तय करें.

अब बालों का एक एक सेक्शन लें और उसे डिफ्यूजर में डाल दें. इसे जब तक दोहराएं जब तक बाल पूरी तरह से न सुख जाएं. बालों के स्टाइल होने के बाद हेयर सीरम लगाएं.

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टेक्सचर एंड कॉल्स

इस हेयर स्टाइल को प्राप्त करने के लिए  सुपर सोनिक ड्रायर का प्रयोग कर सकती हैं. इसके लिए निम्न स्टेप्स फॉलो करें :

सबसे पहले बालों को धो लें और धोने के बाद उन्हें मीडियम सेक्शंस में बांट दें. इसके बाद कंडीशनर अप्लाई करें.

अगर बालों में उलझनें हैं तो एक वाइड टूथ कॉम्ब की मदद से बालों में कंघी कर लें और सारी उलझनों को निकाल दें.

इसके बाद भी बालों में थोड़ा लीव इन कंडीशनर लगाएं और अगर जरूरत पड़े तो बालों में पानी भी छिड़क लें.

अब हेयर ड्रायर लें और बालों को स्ट्रेच और लूज करती जाएं.

अगर बाल ज्यादा लंबे हैं तो अधिक स्ट्रेच न करें.

इस प्रक्रिया को सारे बालों में दोहराएं.

पूरी प्रक्रिया होने के बाद कर्ल्स को अपने मुताबिक अरेंज करने के लिए वाइड टूथ कंघी का प्रयोग करें और स्टाइल को एक फाइनल टच दे.

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जानें एक्ट्रेस फ्लोरा सैनी के फिटनेस मंत्र

हिंदी, तमिल, तेलगू, कन्नड़ फिल्मों में काम करने के अलावा ऑल्ट बालाजी की सबसे बोल्ड वेब सीरीज ‘गंदी बात’ के 5वें सीजन से धमाल मचाने वाली ग्लैमरस एक्ट्रेस फ्लोरा सैनी सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती है. अक्सर अपनी बोल्ड और सेक्सी फोटोज शेयर करती रहती है. हाल ही में उन्होंने वीमेंस डे के मौके पर महिलाओं को फिट रहने के अपने पर्सनल सीक्रेट्स शेयर किए है. उनके फिट रहने का राज क्या है बताते है उन्ही की जुबानी.

एक्ट्रेस फ्लोरा सैनी का फिटनेस मंत्र-

1.वीमेंस डे आने वाला है इस मौके पर महिलाओं को क्या संदेश देना चाहती है?

मैं ये ही कहना चाहती हूं महिलाएं बहुत ही स्ट्रांग है , सुपर वीमेंस है. अपने आप को किसी के कहने पर कभी कम मत समझना, सारे आदमियों की जितनी भी पोस्ट है उन पर कब्जा करना, सबको दिखा देना आप कितना अच्छा कर सकती हो. यंग लड़कियों के लिए इंस्प्रेशन बनना. महिलाओं के लिए वर्क लाइफ और प्रोफेशनल लाइफ दोंनो को बैलेंस करना आसान नही है बिग सेल्यूट आल द वीमेंस.

2.आपकी नजर में महिलाओं के लिए हेल्थ अवेरनेस होना कितना जरूरी है?

मेरे नजरिए में महिलाओं, पुरुषों और बच्चों , सभी के लिए हेल्थ अवेरनेस होना जरूरी है. पहले  हमारे समय में प्ले ग्राउंड होते थे उस समय बच्चे खेलते थे. पर अब सब चेंज हो चुका है. आजकल के बच्चे अपना  समय मोबाइल या फिर गेम पर ज्यादा बिताते  है. इसलिए  बहुत जरूरी है कि बच्चों को अधिक से अधिक एक्टिवेटी में शामिल करें. महिलाएं अगर अपने लिए टाइम नहीं निकाल पा रहीं हैं तो वह घर के काम करके भी अपने को फिट रख सकती हैं. अपने घर को साफ करके जो वर्क आउट होता है उससे बढ़िया कुछ हो ही नहीं सकता.

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3.महिलाओं को ऐसी कौन सी 5 चीजें स्ट्रांग बनाती है?

मुझे 5 चीजे तो नही पता बट महिलाएं, आदमियों के मुकाबले ज्यादा स्ट्रांग है. मेरी मम्मी कहती है आदमियों को जब स्ट्रेस होता है तो उन्हें कुछ न कुछ सहारे की जरूरत होती है वो स्ट्रेस में सिगरेट और शराब का सहारा लेते है लेकिन महिलाओं को इन सब चीजों की जरूरत नहीं होती है. हमारी नानी, दादी, मां और बहनों ने कम पैसों में भी घर चलाया है. बहुत सारे बच्चों को एक साथ एजुकेट किया है. महिलाएं बनी ही स्ट्रांग है. जो अपने अंदर से एक बच्चे को निकाल सकती है वो कुछ भी कर सकती है. उसकी लाइफ में कुछ भी हो जाए वो दोबारा उसे फिर से शुरू कर सकती है. महिलाओं की स्ट्रेंथ ही उसकी खूबसूरती है.

4- लॉक डाउन बहुत लंबा सफर रहा जिसका असर मानसिक स्वास्थ्य पर बहुत पड़ा है आप इससे बाहर कैसे निकली?

लॉक डाउन लंबा सफर जरूर था थैंकफुली मैं अपना ऐप चला रही थी तो मैं मेंटली काफी बिजी थी. मैंने बहुत सारे लोगों को एडवाइज जरूर दी जिन्हें डिप्रेशन हुआ, अकेलापन महसूस हुआ. आजकल की लाइफ डिजिटल ज्यादा हो गई है लोग आपस में कम मिलते है डिजिटली फोन पर सोशल मीडिया के जरिए ज्यादा टच में रहते है तो लॉक डाउन एक क्रेच कोर्स था. हमें ये रिलाइज करने के लिए की ह्यूमेन इमोशन को मत भूले एक दूसरे से मिलना, गले लगाना सिंपल सी चीज है इसमें कितनी हीलिंग है.

मेरी 3 चीजे जो लॉक डाउन से रिलेटेड है जिससे आपको जिंदगी में किसी भी चीज से मेंटल स्ट्रेस नही होगा. एक तो मीठा खाएं, मीठा खा कर अपना गम भूल जाएं, जो मीठा खाता है तो हैप्पी हार्मोन्स आते है. दूसरा अच्छा गाना लगाएं तो आटोमेटेकली आपको लगेगा कि अच्छे गाने पर डांस करू और जो आदमी डांस करेगा तो वह बिना स्माइल किये रहेगा नही,  उसे डिप्रेशन होएगा नही और तीसरा अच्छे दोस्तों से बात करना यानी खुशमिजाज दोस्त जो पॉजिटिव वाइवज वाले हो, आज के समय मैं हंसी, ख़ुशी और मुस्कुराहट ही सबसे बड़ा खजाना है जिससे आपके दिमाग में निगेटिव ख्याल ही नही आते है.

5.बॉडी को फिट रखने के लिए दिन की शुरुआत किस तरह करतीं है?

मेरे दिन की शुरुआत बुलेट कॉफी से होती है. आप भी सोच रहें होंगे कि आख़िर  बुलेट कॉफी है क्या? तो मैं आपको बता दूं कि ये नॉर्मल ब्लैक कॉफी का

थोड़ा हाईटेक वर्जन है, जिसमें घी और कोकोनेट  ऑयल डाला जाता है . ये पीने में बहुत टेस्टी होता है. मैं इसे अपने तरीके से टेस्टी बनाती हूं. इसको पीने के बाद काफी देर तक भूख नहीं लगती क्योंकि ये हैवी होती है.पर  मैं जब शूट पर होती हूं तो एक कड़क मसाला चाय पीती हूं.

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6.योग या एक्सरसाइज में क्या करना पसंद करती है?

ये मेरे मूड पर डिपेंड करता है उस समय स्ट्रेसफुल डे है कैसा दिन है. मुझे डांस करना पसंद है. अगर मैं  शूट पर होती हूं तो शॉट के बीच में डायलॉग याद करते हुए चलती रहती हूं इससे मेरी वॉक होती रहती है.

7- फिट रहने के लिए रुटीन फालो करने के क्या नियम है?

फिट रहने के लिए रूटीन को फॉलो करना बहुत जरूरी होता है पर लोग ऐसा नहीं कर पाते. अकसर देखने को  मिलता है कि न्यू ईयर पर लोग फिट रहने का रेसलूशन लेते हैं पर थोड़े दिन बाद ब्रेक हो जाता है. ऐसा ना हो इसके लिये बहुत जरूरी है कि रूटीन को ब्रेक ना होने दें.

8.आप वेजिटेरियन है या नॉन वेजिटेरियन डाइट में क्या लेती है. डाइट प्लान क्या है?

वैसे तो मैं नॉन वेजिटेरियन हूं मगर मुझे वेजिटेरियन खाना बहुत पसंद है. अगर मुझे ऑप्शन दिया जाए तो मैं वेजिटेरियन खाना ही पसंद करती हूं. मुझे लगता है कि यह बहुत कंपलीट खाना है. वैसे अभी तो मैं स्ट्रिक्ट डाइट पर हूं तो चिकन और सैलिड बहुत जरूरी है मेरी डाइट में. वेजिटेरियन में अगर  मुझे ऑप्शन दिया जाए तो मैं इडली की बहुत बड़ी फैन हूं.

जब शौहर का मिजाज हो आशिकाना

रंगीन, आशिकमिजाज पति पाना भला किस औरत की दिली तमन्ना न होगी? अपने ‘वे’ इश्क और मुहब्बत के रीतिरिवाजों से वाकिफ हों, दिल में चाहत की धड़कन हो, होंठों पर धड़कन का मचलता इजहार रहे, तो इस से ज्यादा एक औरत को और क्या चाहिए? शादी के बाद तो इन्हें अपनी बीवी लैला लगती है, उस का चेहरा चौदहवीं का चांद, जुल्फें सावन की घटाएं और आंखें मयखाने के प्याले लगते हैं. लेकिन कुछ साल बाद ही ऐसी बीवियां कुछ घबराईघबराई सी, अपने उन से कुछ रूठीरूठी सी रहने लगती हैं. वजह पति की रंगीनमिजाजी का रंग बाहर वाली पर बरसने लगता है.

यही करना था तो मुझ से शादी क्यों की

शादी से पहले विनय और रमा की जोड़ी को लोग मेड फौर ईचअदर कहते थे. शादी के बाद भी दोनों आदर्श पतिपत्नी लगते थे. लेकिन वक्त गुजरने के साथसाथ विनय की आंखों में पहले वाला मुग्ध भाव गायब होने लगा. राह चलते कोई सुंदरी दिख जाती, तो विनय की आंखें उधर घूम जातीं. रमा जलभुन कर खाक हो जाती. जब उस से सहा न जाता, तो फफक पड़ती कि यही सब करना था, तो मुझ से शादी ही क्यों की? क्यों मुझे ठगते रहते हो?

तब विनय जवाब देता कि अरे भई, मैं तुम से प्यार नहीं करता हूं. यह तुम ने कैसे मान लिया? तुम्हीं तो मेरे दिल की रानी हो.

सच यही था कि विनय को औफिस की एक लड़की आकर्षित कर रही थी. खुशमिजाज, खिलखिलाती, बेबाक मंजू का साथ उसे बहुत भाने लगा था. उस के साथ उसे अपने कालेज के दिन याद आ जाते. मंजू की शरारती आंखों के लुकतेछिपते निमंत्रण उस की मर्दानगी को चुनौती सी देते लगते और उस के सामने रमा की संजीदा, भावुक सूरत दिल पर बोझ लगती. रमा को वह प्यार करता था, अपनी जिंदगी का एक हिस्सा जरूर मानता था, लेकिन रोमांस के इस दूसरे चांस को दरकिनार कर देना उस के बस की बात न थी.

ये मेरे पति हैं

इसी तरह इंदिरा भी पति की आशिकाना हरकतों से परेशान रहती थी. उस का बस चलता तो देबू को 7 तालों में बंद कर के रखती. वह अपनी सहेलियों के बीच भी पति को ले जाते डरती थी. हर वक्त उस पर कड़ी निगाह रखती. किसी पार्टी में उस का मन न लगता. देबू का व्यक्तित्व और बातचीत का अंदाज कुछ ऐसा था कि जहां भी खड़ा होता कहकहों का घेरा बन जाता. महिलाओं में तो वह खास लोकप्रिय था. किसी के कान में एक शेर फुसफुसा देता, तो किसी के सामने एक गीत की पंक्ति ऐसे गुनगुनाता जैसे वहां उन दोनों के सिवा कोई है ही नहीं. उस की गुस्ताख अदाओं, गुस्ताख नजरों पर लड़कियों का भोला मन कुरबान हो जाने को तैयार हो जाता. उधर इंदिरा का मन करता कि देबू के गले में एक तख्ती लटका दे, जिस पर लिख दे कि ये मेरे पति हैं, ये शादीशुदा हैं, इन से दूर रहो.

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बेवफा होने का मन तो हर मर्द का चाहता है

घर में अच्छीखासी पत्नी होते हुए भी आखिर कुछ पति क्यों इस तरह भटकते हैं? यह सवाल मनोवैज्ञानिक एवं मैरिज काउंसलर से पूछा गया, तो उन्होंने एक ऐसी बात बताई, जिसे सुन कर आप को गुस्सा तो आएगा, लेकिन साथसाथ मर्दों के बारे में एक जरूरी व रोचक जानकारी भी प्राप्त होगी. उन का कहना था कि मर्दों के दिलोदिमाग व खून में ही कुछ ऐसे तत्त्व होते हैं, जो उन के व्यवहार के लिए बुनियादी तौर पर काफी हद तक जिम्मेदार होते हैं यानी कुदरत की तरफ से ही उन्हें यह बेवफाई करने की शह मिलती है.

इस का मतलब यह भी निकलता है कि बेवफा होने का मन तो हर मर्द का चाहता है, पर किसी की हिम्मत पड़ती है किसी की नहीं. किसी को मौका मिल जाता है, किसी को नहीं. किसी की पत्नी ही उसे इतना लुभा लेती है कि उसे उसी में नित नई प्रेमिका दिखती है, तो कुछ में आरामतलबी का मद्दा इतना ज्यादा होता है कि वे यही सोच कर तोबा कर लेते हैं कि कौन इश्कविश्क का लफड़ा मोल ले.

अब सवाल उठता है कि सामाजिक सभ्यता के इस दौर में आखिर कुछ पति ही इन चक्करों में क्यों पड़ते हैं? लीजिए, इस प्रश्न का उत्तर भी मनोवैज्ञानिकों के पास हाजिर है. जरा गौर करें:

पत्नी से आपेक्षित संतोष न मिलना

अकसर इन पतियों के अंदर एक अव्यक्त अतृप्ति छिपी रहती है. सामाजिक रीतिरिवाजों का अनुसरण कर के वे शादी तो कर लेते हैं, गृहस्थ जीवन के दौरान पत्नी से प्रेम करते हैं, फिर भी कहीं कोई हूक मन में रह जाती है. या तो पत्नी से वे तनमन की पूर्ण संतुष्टि नहीं पा पाते या फिर रोमांस की रंगीनी की हूक मन को कचोटती रहती है. जहां पत्नी से अपेक्षित संतोष नहीं मिलता, वहां बेवफाई का कुछ गहरा रंग इख्तियार करने का खतरा रहता है. कभीकभी इस में पत्नी का दोष होता है, तो कभी नहीं.

माफ भी नहीं किया जा सकता

रवींद्रनाथ टैगोर की एक कहानी का यहां उदाहरण दिया जा सकता है. हालांकि पत्नी नीरू के अंधे होने का कारण पति ही होता है, फिर भी पति एक अन्य स्त्री से चुपचाप विवाह करने की योजना बना डालता है. वह पत्नी नीरू से प्यार तो करता है, लेकिन फिर भी कहीं कुछ कमी है. जब पति की बेवफाई का पता नीरू को चलता है, तो वह तड़प कर पूछती है, ‘‘क्यों तुम ने ऐसा सोचा?’’

तब वह सरलता से मन की बात कह देता है, ‘‘नीरू, मैं तुम से डरता हूं. तुम एक आदर्श नारी हो. मुझे चाहिए एक साधारण औरत, जिस से मैं झगड़ सकूं, बिगड़ सकूं, जिस से एक साधारण पुरुष की तरह प्यार कर सकूं.’’

नीरू का इस में कोई दोष न था, लेकिन पति के व्यवहार को माफ भी नहीं किया जा सकता. हां, मजबूरी जरूर समझी जा सकती है. मगर सब पत्नियां नीरू जैसी तो नहीं होतीं.

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औरतें इतनी खूबसूरत क्यों होती हैं

‘‘पत्नी तो हमारी ही हस्ती का हिस्सा हो जाती है भई,’’ कहते हैं एक युवा शायर, ‘‘अब अपने को कोई कितना चाहे? कुदरत ने दुनिया में इतनी खूबसूरत औरतें बनाई ही क्यों हैं? किसी की सुंदरता को सराहना, उस से मिलना चाहना, उस के करीब आने की हसरत में बुराई क्या है?’’

इन शायर साहब की बात आप मानें या न मानें, यह तो मानना ही पड़ेगा कि रोमांस और रोमानी धड़कनें जिंदगी को रंगीन जरूर बनाती हैं. कुछ पति ऐसे ही होते हैं यानी उन्हें एकतरफा प्यार भी रास आता है.

सुबह का वक्त है. निखिलजी दफ्तर जाने की तैयारी में लगे हैं. सामने सड़क पर सुबह की ताजा किरण सी खूबसूरत एक लड़की गुजरती है. मुड़ कर इत्तफाकन वह निखिलजी के कमरे की ओर देखती है और निखिलजी चेहरे पर साबुन मलतेमलते खयालों में खो जाते हैं.

पत्नी चाय ले कर आती है, तो देखती है कि निखिलजी बाहर ग्रिल से चिपके गुनगुना रहे हैं, ‘जाइए आप कहां जाएंगे…’

‘‘अरे कौन चला गया?’’ पत्नी पूछती है.

तब बड़ी धृष्टता से बता भी देते हैं, ‘‘अरे कितनी सुंदर परी अभी इधर से गई.’’

‘‘अच्छाअच्छा अब जल्दी करो, कल पहले से तैयार हो कर बैठना,’’ और हंसती हुई अंदर चली जाती है.

यही बात निखिलजी को अपनी पत्नी की पसंद आती है. ‘‘लाखों में एक है,’’  कहते हैं वे उस के बारे में, ‘‘खूब जानती है कहां ढील देनी है और कहां डोर कस कर पकड़नी है.’’

लेकिन वे नहीं जानते कि इस हंसी को हासिल करने के लिए पत्नी को किस दौर से गुजरना पड़ा है. शादी के लगभग 2 साल बाद ही जब निखिलजी अन्य लड़कियों की प्रशंसा करने लगे थे, तो मन ही मन कुढ़ गई थी वह. जब वे पत्रिकाओं में लड़कियों की तसवीरें मजे लेले कर दिखाते तो घृणा हो जाती थी उसे. कैसा आदमी है यह? प्रेम को आखिर क्या समझता है यह? लेकिन फिर धीरेधीरे दोस्तों से, छोटे देवरों से निखिलजी की इस आदत का पता चला था उसे.

‘‘अरे, ये तो ऐसे ही हैं भाभी.’’

दोस्त कहते, ‘‘इसे हर लड़की खूबसूरत लगती है. हर लड़की को ले कर स्वप्न देखता है, पर करता कुछ नहीं.’’

और धीरेधीरे वह भी हंसना सीख गई थी, क्योंकि जान गई थी कि प्रेम निखिल उसी  से करते हैं बाकी सब कुछ बस रंगीनमिजाजी  की गुदगुदी है.

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औरत एक पहेली: संदीप और विनीता के बीच कैसी थी दोस्ती- भाग 3

दरवाजे पर लहराता परदा एक ओर खिसका कर मैं ने अंदर प्रवेश किया तो सभी शब्द मेरे हलक में ही सूख गए. सामने कुरसी पर एक ऐसा इनसान बैठा हुआ था, जिस की कमर के नीचे दोनों टांग गायब थीं. उसे इनसान न कह कर सिर्फ एक धड़ कहा जाए तो बेहतर होगा.

‘‘आ जाओ, रेखा, मुझे विश्वास था  जीवन में दोबारा तुम से मुलाकात अवश्य होगी,’’ एक दर्दीला चिरपरिचित स्वर गूंज उठा.

उस पुरुष को पहचान कर मेरा रोंआरोंआ सिहर उठा था. पैरों तले जमीन खिसकती जा रही थी.

यह कोई और नहीं, मेरे भूतपूर्व पति सूरज थे. इन से वर्षों पहले मेरा तलाक हो चुका था. फिर मैं ने संदीप के साथ नई दुनिया बसा ली थी और संदीप को अपने अतीत से हमेशा अनभिज्ञ रखा था.

अब सूरज को देख कर मेरे कड़वे अतीत का वह काला पन्ना फिर से उजागर हो गया था, जिस की यादें मेरे मन की गहराइयों में दफन हो चुकी थीं.

वर्षों पहले मांबाप ने बड़ी धूमधाम से मेरा विवाह सूरज के साथ किया था. सूरज एक कुशल वास्तुकार थे. घर भी संपन्न था. विवाह के प्रथम वर्ष में ही मैं एक सुंदर, स्वस्थ बेटे की मां बन गई थी.

फिर हमारी खुशियों पर एकाएक वज्रपात हुआ. एक सड़क दुर्घटना में सूरज की दोनों टांगों की हड्डियां टूट कर चूरचूर हो गई थीं. जान बचाने हेतु डाक्टरों को उन की टांगें काट देनी पड़ी थीं.

एक अपाहिज पति को मेरा मन स्वीकार नहीं कर पाया. मैं खिन्न हो उठी. बातबात पर लड़ने, चिड़चिड़ाने लगी. मन का असंतोष अधिक बढ़ गया तो मैं सूरज को छोड़ कर मायके  में जा कर रहने लगी थी.

मायके वालों के प्रयासों के बाद भी मैं ससुराल जाने को तैयार नहीं हो पाई तो सब ने मुझे दुखी देख कर मेरा तलाक कराने के लिए कचहरी में प्रार्थनापत्र दिलवा दिया. मैं सूरज से छुटकारा पा कर किसी समर्थ पूर्ण पुरुष से विवाह करने के लिए अत्यंत इच्छुक थी.

एक दिन हमेशा के लिए हमारा संबंधविच्छेद हो गया. कानून ने सूरज की विकलांगता के कारण हमारे बेटे विक्की को मेरी सुपुर्दगी में दे दिया.

विक्की की वजह से मेरे पुनर्विवाह में अड़चनें आने लगीं. बच्चे वाली स्त्री से विवाह करने के लिए कौन पुरुष तैयार हो सकता था. मेरे मायके वाले भी विक्की की जिम्मेदारी अपने कंधों पर लादने के लिए तैयार नहीं हो पाए.

इन सब बातों की जानकारी हो जाने पर एक दिन सूरज की माताजी मेरे मायके आ पहुंचीं. उन्होंने रोरो कर विक्की को मुझ से ले लिया.

सूरज की माताजी प्रसन्न मन से वापस लौट आईं. मेरा बोझ हलका हो गया था. विक्की की जुदाई के गम से अधिक मुझे दूसरे विवाह की अभिलाषा थी.

एक दिन मेरा विवाह संदीप से संपन्न हो गया. हम दोनों का यह दूसरा विवाह था. संदीप विधुर थे. विवाह की पहली रात ही हम दोनों ने अपनेअपने अतीत को हमेशा के लिए भुला देने की प्रतिज्ञा कर ली थी.

फिर एक दिन मायके जाने पर मुझे मालूम हुआ कि सूरज की माताजी सूरज और विक्की को ले कर किसी अन्य शहर में चली गई हैं.

‘‘बैठो, रेखा. खड़ी क्यों हो? लगता है, मुझे अचानक देख कर हैरान रह गई हो. तुम ने तो समझ लिया होगा मैं कहीं मरखप गया होऊंगा.’’

‘‘नहीं, सूरज, ऐसा मत कहो. सभी को जीवित रहने का पूरापूरा अधिकार है,’’ मेरे मुंह से अचानक निकल गया और मैं एक कुरसी पर निढाल सी बैठ गई.

‘‘मेरे जीवित रहने का अधिकार तो तुम छीन कर ले गई थीं. रेखा, तुम छोड़ कर चली गईं तो मैं लाश बन कर रह गया था. अगर विनीता का सहारा नहीं मिलता तो मैं अब तक अवश्य मर चुका होता. आज विनीता की बदौलत ही मैं इतनी बड़ी फर्म का मालिक बना बैठा हूं.’’

बहुत प्रयत्न करने के बाद भी मेरे आंसू रुक नहीं पाए. मैं ने मुंह फेर कर रूमाल से अपना चेहरा साफ किया.

सूरज कहते जा रहे थे, ‘‘तुम्हें वह नर्स याद है जो मेरी देखभाल के लिए मां ने घर में रखी थी. वह शर्मीली सी छुईमुई लड़की विनी.’’

‘ओह, अब मैं समझी कि मुझे विनीताजी का चेहरा इतना जानापहचाना क्यों लग रहा था.’

‘‘तुम विनी को नहीं पहचान पाईं, परंतु विनी ने पहली बार देख कर ही तुम्हें पहचान लिया था. उस ने मुझे तुम्हारे बारे में, तुम्हारी आर्थिक स्थिति और रहनसहन के बारे में सभी कुछ बतला दिया था. मैं तुम्हारी यथासंभव सहायता करने के लिए तुरंत तैयार हो गया था. मेरे आग्रह पर विनीता ने कदमकदम पर तुम्हारी और तुम्हारे पति की मदद की थी.

‘‘मेरे पैर मौजूद होते तो मैं खुद चल कर तुम्हारे घर आता. तुम्हारे सामने दौलत के ढेर लगा कर कहता, ‘जितनी दौलत की आवश्यकता हो, ले कर अपनी भूख मिटा लो. तुम इसी वजह से मुझे छोड़ कर गई थीं कि मैं अपाहिज हूं. दौलत पैदा करने में असमर्थ हूं…तुम्हें पूर्ण शारीरिक सुख नहीं दे पाऊंगा…’’ कहतेकहते सूरज का गला भर आया था.

‘‘बस, रहने दो सूरज, मैं और अधिक नहीं सुन सकूंगी,’’ मैं रो पड़ी, ‘‘एक जहरीली चुभती हुई यादगार ही तो हूं, भुला क्यों नहीं दिया मुझे.’’

‘‘कैसे भुला पाता कि मेरे विक्की की तुम मां हो…’’

‘‘विक्की कहां है, सूरज? वह कैसा है, क्या मैं उसे देख सकती हूं,’’ मैं व्यग्र हो कर कुरसी से उठ कर खड़ी हो गई.

सूरज अपनेआप को संयत कर चुके थे, ‘‘विक्की यानी विकास से तुम विनीता के दफ्तर में मिल चुकी हो. वह विनीता के बराबर वाली कुरसी पर बैठ कर दफ्तर के कामों में उस का हाथ बंटाता है. अब वह एक प्रसिद्ध वास्तुकार है. तुम्हारे मकान का नक्शा उसी ने तैयार किया था.’’

‘‘सच, वही मेरा विक्की है,’’ हर्ष व उत्तेजना से मैं गद्गद हो उठी. मेरी आंखों के सामने वह गोरा, स्वस्थ युवक घूम गया, जिस से मैं कई बार मिल चुकी थी, बातें कर चुकी थी. मेरे मकान के मुहूर्त पर वह विनीता के साथ मेरे घर भी आया था.

अचानक मेरे मन में एक अनजाना डर उभर आया, ‘‘क्या विक्की जानता है कि मैं उस की मां हूं?’’

‘‘नहीं, वह उस मां से नफरत करता है जो उस के अपाहिज पिता को छोड़ कर सुख की तलाश में अन्यत्र चली गई थी. वह विनीता को ही अपनी सगी मां मानता है. जानती हो रेखा, वह मुझे कितना चाहता है, मेरे बिना भोजन भी नहीं करता.’’

‘‘सूरज, मेरी एक बात मानोगे.’’

‘‘कहो, रेखा.’’

‘‘विक्की से कभी मत कहना कि मैं उस की मां हूं. यही कहना कि विनीता ही उस की असली मां है,’’ रोती हुई मैं सूरज के कमरे से बाहर निकल आई.

जिस पौधे को मैं उजाड़ कर चली गई थी, विनीता ने उसे जीवनदान दे कर हराभरा कर दिया था, मैं सोचती रह गई कि स्वार्थी विनीता है या मैं. कितना गलत समझ बैठी थी मैं विनीता को. इस महान नारी ने 2 बार मेरा घर बसाया था. एक बार अपाहिज सूरज और मासूम बेसहारा विक्की को अपनाकर और दूसरी बार मेरा मकान बनवा कर.

मैं सीढि़यां उतर कर नीचे आ गई.

घर वापस लौटी तो मेरे चेहरे की उड़ी हुई रंगत देख कर बच्चे और संदीप सब सोच में पड़ गए. एकसाथ ही मुझ से कारण पूछने लगे. मैं ने एक गिलास पानी पिया और इत्मीनान से बिस्तर पर बैठ कर संदीप से कहने लगी, ‘‘सुनो, तुम विनीताजी के दफ्तर में जा कर उन्हें और उन के पूरे परिवार को रात के खाने के लिए आमंत्रित कर आओ. उन्होंने हमारे लिए इतना सब किया है, हमारा भी तो उन के प्रति कुछ फर्ज है.’’

बच्चे हैरानी से एकदूसरे का मुंह ताकते रह गए. संदीप मेरी ओर ऐसे देखने लगे, जैसे कह रहे हों, ‘औरत सचमुच एक पहेली होती है. उसे समझ पाना असंभव है.

कपड़ों के साथ-साथ फुटवियर का भी रखें ध्यान

कपड़े हमारे व्यक्तित्व को निखारने का काम करते हैं. वही दूसरी और आपने अगर अपने कपड़ों के अनुसार अपने फूटवियर का चुनाव नहीं किया है तो यह आपके पूरे लूक को खराब कर देता है. सूट हो या साड़ी चाहें वो कितनी भी महंगी और डिज़ाइनर क्यों न पहन ली जाए लेकिन अगर उसके संग पहना जाने वाला फूटवियर सही नहीं है तो वह आपकी महंगी साड़ी या सूट की चमक को फीका कर देता है इसलिए अपने पहनावे के साथ साथ आपको अपने पैरों पर भी खास ध्यान देना चाहिए.

1. कारीगरी काली जूती

काला रंग लगभग हर तरह के कपड़ों के साथ मैच कर जाता है इसलिए काले रंग की जूती बहू-उपयोगी होती है. इसे आमतौर पर सूट के संग पहना जाता है. काला रंग होने के कारण यह आपके लगभग हर रंग के सूट पर अच्छी दिखाई देती है.

2. कोल्हापुरी चप्पल

कोल्हापूरी चप्पल सिर्फ आरामदायक ही नहीं बल्कि खूबसूरत भी दिखाई देती है. कोल्हापुरी चप्पल को आप अपनी साड़ी और सूट दोनों के संग पहन सकती हैं. यह पैरों में ही जितना सुंदर दिखता है उतना ही पैरों के लिए भी आरामदायक होता है. अंगूठे पर कवर होने के कारण इसकी फिटिंग भी सही होती है और चलते वक़्त इसके पैरों से निकल जाने का डर भी नहीं होता.

 

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3. हैंडीक्राफ्ट सैंडल

हील्स वाली सैंडल लड़कियों की पहली पसंद मानी जाती है. क्योंकि ये न सिर्फ खूबसूरत हैं बल्कि इससे आपकी लंबाई में भी बढ़ोतरी होती है. खास साड़ियों पर पहनने के लिए इस तरह की कारीगरी वाली हील्स बेहद आकर्षक दिखाई देती हैं.

4. स्लिंग बैक फ्लैट्स 

यह एक ऐसी फ्लेट सैंडल है जिसे आप ऑफिस या पार्टी में लंबे समय तक आराम से पहन सकती हैं. यह क्लासिक और स्टायलिश लूक देने वाली यह सैंडल आपके प्रिंटेड सूट और साड़ियों पर सुंदर दिखाई देगी.

5. एम्ब्रॉयडरी मोल्स

जैसे किसी भी खास फंक्शन के लिए हम सूट या साड़ी खरीदती हैं तब उसमें रेशमी धागों की कारीगरी ज्यादा की हुई होती है. इस तरह की साड़ी या सूट पर एम्ब्रॉयडरी  कारीगरी वाली सैंडल्स खूब जँचेगी.

6. रेशमी टाई अप जूती

मार्केट में जूती डिज़ाइन में आपको  इस तरह का न्यू स्टाइल देखने को मिल जाएगा. इस बांधने के लिए दी हुई डोरी इसकी फिटिंग को पर्फेक्ट बनाती है और इसे एक नया लूक भी देती है. जिसे आप शॉट्स वन पीस ड्रेस के साथ खूबसूरती से कैरी कर सकती है.

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भारी पड़ रही गौपूजा

आवारा पशुओं को ले कर उत्तर प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में बहुत रोष है. उत्तर प्रदेश के पश्चिमी इलाकों में दूध के लिए लोग भैंस ज्यादा पालते हैं पर पूर्वी उत्तर प्रदेश में गाय पाली जाती है क्योंकि वहां अभी भी बैंलगाड़ी भी चलती है जिस के लिए बैल चाहिए होते हैं. जब से ङ्क्षहदू धर्म के नाम पर बेकार गायों को और बैलों को मारना और काटना बंद हो गया है तब से राज्यभर में सांड, गाय और बछड़े घुट्टे घूम रहे हैं और किसानों के खेतों में घुस रहे हैं. गौपूजा इस तरह भारी पड़ेगी, यह ग्वालों को नहीं मालूम था.

गाय का प्रकोप शहरों में भी कम नहीं है. हर गली सडक़ पर गायों के झुंड दिख जाएंगे जिन के गोवर और पंजाब से चारों और गंद फैली रहती है. कितनी ही दुर्घटनाएं से गायों से गाडिय़ों के टकराने से होती हैं. कोई भी गृहिणी घर के बाहर 2 पेड़ नहीं लगा सकती क्योंकि न जाने कब आवारा गाय आ कर खा जाए.

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गाय को देवी का रूप इसलिए माना गया है कि ग्रहस्थ की यह ऐसी संपत्ति थी जिसे दान में पुरोहित कोर्ई भी धार्मिक रस्म कराने के बाद आराम से ले जाता था. गाय दुधारी ही दी जाती थी और पुरोहित तब तक रखता जब तक दूध देती थी. भक्त कभी यह नहीं पूछते कि गौदान में मिली गाएं आखिर पुरोहितों के घरों में क्यों नहीं है. आम लोगों को कहा जाता है कि गौमाता की सेवा अपनी माता की तरह करो पर भई अपनी माता का दान तो नहीं किया जाता.

अब एक पार्टी जो गौमाता और राम मंदिर के नाम पर जीत कर आई पशोटीम में है कि इस समस्या के हल ब्या करों. नरेंद्र मोदी जी 10 मार्च, 2022 के बाद हल बताएंगे पर उन के वायदों थे क्या? तब तक हर किसान और हर शहरी गोबर और पेशाब को भी सहता रहे और खेतों में सडक़ों पर उन को सहता रहे.

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फ्रिज ऑर्गेनाइजेशन के 14 टिप्स

फ्रिज आज की सबसे बड़ी जरूरत है. आज सभी घरों में फ्रिज अनिवार्य रूप से होता ही है. फ्रिज मूलतः ठंडे पानी, बर्फ और खाद्य पदार्थों, फल और सब्जियों को खराब होने से बचाने के लिए होता है क्योंकि फ्रिज में जिस तापमान पर हम खाद्य पदार्थ को रखते हैं फ्रिज उसे उसी तापमान पर सुरक्षित करने का काम करता है. अक्सर फ्रिज को लोग एक अलमारी की भांति प्रयोग करते हैं जिसमें बस खाद्य पदार्थ ठुंसे रहते हैं. जब कि फ्रिज में कम से कम सामान बहुत व्यवस्थित तरीके से रखा जाना चाहिए ताकि प्रयोग करते समय आसानी रहे साथ ही बिजली का कंजम्पशन भी कम रहे क्योंकि फ्रिज में जितना अधिक सामान रहेगा उतना अधिक उस पर लोड रहेगा और बिजली की खपत भी अधिक होगी.

अक्सर फ्रिज में लोग सामान को रखने की जगह छोटी छोटी कटोरियों में बचे खाद्य पदार्थ, मसाले मेवा आदि से भर देते हैं जब कि यदि फ्रिज में सामान को व्यवस्थित ढंग से रखा जाए तो फ्रिज देखने में भी  अच्छा लगेगा और उपयोग करने में भी आसानी रहेगी. आज हम आपको फ्रिज को ऑर्गेनाइज करने के कुछ टिप्स बता रहे हैं जिन्हें अपनाकर आप भी अपने फ्रिज को व्यवस्थित कर सकतीं हैं-

1. सिंगल, डबल या ट्रिपल डोर कैसा भी फ्रिज हो सभी में बीच में तीन भाग होते ही हैं इनमें आप कोई भी प्लास्टिक शीट या डायनिंग टेबल मेट्स अवश्य बिछाएं इससे  फ्रिज साफ रहता है और हर समय पूरे फ्रिज की अपेक्षा आप मेट को पोंछकर भी फ्रिज की सफ़ाई कर सकतीं हैं.

2. तीन भाग में से एक भाग को आप बचे खाने, दूध और दही के लिए सुनिश्चित करके परिवार के सभी सदस्यों को बता दें इससे आपकी अनुपस्थिति में भी परिवार के सदस्य बचे खाने का उपयोग कर सकेंगे.

3. इसी प्रकार एक अन्य भाग आप गूंथे आटे, कटी सब्जियां आदि के लिए तय कर लें इससे आपको एक ही जगह पर सब मिल जाएगा.

4. एक खाने में एक बास्केट रखें जिसमें जैम, चटनी, अचार, मुरब्बा की शीशियां और डिब्बे आदि रखें इससे आपका फ्रिज भी व्यवस्थित रहेगा और आपको खोजने में भी परेशानी नहीं होगी.

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5. दूध की मलाई निकालकर एक जग में भरकर रखें ताकि बच्चे आसानी से दूध ले सकें.

6. यदि आपका फ्रिज छोटा है तो आप बाजार से फ्रिज में हैंग हो जाने वाली रेक्स मंगवा लें जिनमें आप नीबू, हरी मिर्च, हरा धनिया अदरक आदि रख सकतीं हैं.

7. फ्रिज में सभी खाद्य पदार्थ ढककर रखें, 1-2 चम्मच बची सब्जी और दूध आदि रखने से बचें क्योंकि एक बार फ्रिज में जाने के बाद इनका उपयोग हो ही नहीं पाता.

8. आजकल पार्टीशन वाले विविध प्रकार के बॉक्सेज बाजार में उपलब्ध हैं आप इन्हें खरीदकर इनका उपयोग कटी सब्जियां, फल और मेवा आदि रखने में कर सकतीं हैं.

9. चटनी, अदरक, लहसुन, हरी मिर्च पेस्ट,पिसे भुने मसाले आदि को प्लास्टिक के बजाए कांच के एयरटाइट जार में भरकर रखें इससे वे अधिक समय तक सुरक्षित रहते हैं.

10. वेजिटेबल बॉक्स में सभी सब्जियों को धोकर सुखाकर नेट या सिंपल पॉलिथीन बैग्स में डालकर रखें ताकि वे आपको दिखतीं रहें और समय रहते आप उनका उपयोग कर सकें.

11. प्रति सप्ताह फ्रिज की सफाई अवश्य करें ताकि सप्ताह भर से फ्रिज में बेकार ही पड़े खाद्य पदार्थों को हटाया जा सके.

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12. फ्रीजर में इमली, आम, नीबू, टमाटर आदि के क्यूब्स को जिप लॉक बैग्स में डालकर रखें इससे कम जगह में ही इन्हें रखा जा सकता है.

13. कई बार फ्रिज में अजीब सी गन्ध आने लगती है इससे बचने के लिए आधा नीबू काटकर फ्रिज के बीच वाले भाग में रखें.

14. ठंडे पानी के लिए प्लास्टिक की वाटर बॉटल्स के स्थान पर स्टील या कांच की बॉटल्स का प्रयोग करें क्योंकि पलास्टिक सेहत के लिए नुकसानदेह होती है.

Anupama बनेगी दुल्हन! अनुज-अनु की शादी देखने को तैयार फैंस

सीरियल अनुपमा (Anupama) में जल्द ही नया मोड़ आने वाला है. जहां वनराज (Sudhanshu Pandey), मालविका को अपने जाल में फंसाएगा तो वहीं अनुपमा (Rupali Ganguly) और अनुज (Gaurav Khanna) अपनी नई जिंदगी की शुरुआत करेंगे. इसी बीच सीरियल के नए प्रोमों में अनुपमा दुल्हन (Anupama Anuj Wedding)  बने नजर आ रही हैं. आइए आपको बताते हैं पूरी खबर…

वनराज पर बरसी अनुपमा

 

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अब तक आपने देखा कि अनुपमा, वनराज के पास जाकर उसे खरी खोटी सुनाती है, जिसके चलते वनराज का पारा बढ़ जाता है. वहीं समर, पाखी, किंजल और बापूजी, अनुपमा के 45वें जन्मदिन की खास तैयारी करते हुए नजर आते हैं. हालांकि बा इस बात से नाखुश नजर आती हैं.

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दुल्हन बनीं अनुपमा!

 

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अपकमिंग एपिसोड में आप देखेंगे कि अनुपमा के इजहार से खुश अनुज अपनी शादी का सपना देखेगा. साथ ही वह अपने हाथ में हीरे की अंगूठी लेकर ख्याल करेगा कि सामने लगी टीवी स्क्रीन पर अनुपमा दुल्हन बनकर हाथ में जयमाला डालने को तैयार है. हालांकि यह सिर्फ अनुज का सपना साबित होगा.

 

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अनुज और शाह परिवार को लगेगा झटका

 

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दूसरी तरफ, वनराज के भड़काने के बावजूद मालविका को अपनी गलती का एहसास होगा और वह अनुज से मिलने पहुंचेगी और कहेगी कि उसे अपने भाई के लिए स्टैंड लेना चाहिए था. लेकिन अनुपमा ने अनुज के लिए झगड़ा किया. वहीं कहेगी कि अब वह वनराज को कोई चाल नहीं चलने देगी और उसकी बातों में नहीं आएगी. इसी के साथ महाएपिसोड में दर्शकों को नया बवाल देखने को भी मिलेगा. दरअसल, जहां अनुपमा का बर्थडे सेलिब्रेट होगा तो वहीं एक खबर देखकर अनुज को झटका लगेगा.

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फिजिकल vs केमिकल सनस्क्रीन 

गर्मियों का मौसम आने तो है, ऐसे में जहां हमारे आउटफिट्स मौसम के अनुसार पूरी तरह से बदल जाएंगे, ठीक उसी तरह हमारे स्किनकेयर प्रोडक्ट्स में भी काफी बदलाव होगा. क्योंकि अब हमें अपनी स्किन को सूर्य की हार्श किरणों से बचाने के लिए सनस्क्रीन को आवश्यक रूप से  अपने स्किनकेयर रूटीन में शामिल जो करना होगा. वैसे तो सनस्क्रीन हर मौसम में जरूरी होता है, लेकिन इसकी खास तौर पर जरूरत गर्मियों में महसूस होती है. वरना इसके अभाव में स्किन टेन होने से लेकर स्किन डेमेज तक हो सकती है. यहां तक की स्किन कैंसर का भी डर बना रहता है. लेकिन सवाल ये उठता है कि मार्केट में तो ढेरों सनस्क्रींस मिलते हैं , ऐसे में हम अपनी स्किन के लिए फिजिकल या केमिकल किस सनस्क्रीन का चुनाव करें. तो आइए जानते हैं इस संबंध में .

क्या है सनस्क्रीन 

जिस तरह से पानी हमारी बोडी को हाइड्रेट रखकर हमें सुरक्षा प्रदान करता है, ठीक उसी तरह सनस्क्रीन हमारी स्किन के लिए सुरक्षा कवच का काम करता है. ये खतरनाक अल्ट्रावायलेट किरणों से स्किन को बचाता है, जिससे स्किन टेन होने से बचने के साथसाथ स्किन एलर्जी, स्किन रेडनेस जैसी समस्याओं से भी निजात मिलता है. क्योंकि सनस्क्रीन में एसपीएफ यानि सन प्रोटेक्शन फैक्टर जो होता है. जैसे अगर आपकी स्किन धूप में निकलते ही आपको टेनिंग या जलन जैसा फील होने लगे तो इसका मतलब आपकी स्किन धूप के संपर्क में आते ही जलने लगती है . इसलिए जरूरी है आपके लिए 25 या फिर 30 एसपीएफ युक्त सनस्क्रीन का चयन करने की. क्योंकि ये आपको 5 – 6 घंटे सुरक्षा प्रदान करने का काम जो करेगा.

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केमिकल सनस्क्रीन 

जान लें कि जिस सनस्क्रीन में जितना ज्यादा एसपीएफ होगा , उसमें उतने ज्यादा केमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता है. इसमें सूर्य की किरणों को अवशोषित करने के लिए ऐसे केमिकल इंग्रीडिएंट्स का इस्तेमाल किया जाता है , जो इसे हीट में बदल देती है, फिर वो हीट स्किन के माध्यम से बाहर निकलती है. अमेरिकन एकेडमी ऑफ़ डर्मेटोलॉजी के अनुसार, केमिकल सनस्क्रीन में ऑक्सीबेंजोन,  एवोबेंजोन, होमोसोलटे , ओक्टिनोसेट नामक इंग्रीडिएंट्स होते हैं , जो स्किन को नुकसान पहुंचाने का काम करते हैं. खासकर के एक्ने व सेंसिटिव स्किन को. इन सनस्क्रीन्स में अल्कोहल, खुशबू व प्रीसरवेटिव्स का बहुत ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है. इसलिए एलर्जी व सेंसिटिव स्किन वालों को इसके इस्तेमाल से दूर रहना चाहिए. ये लाइट होने के कारण स्किन में आसानी से एब्सॉर्ब भी हो जाते हैं.

फिजिकल सनस्क्रीन 

इसे अगर सनब्लॉक भी कहा जाए तो गलत नहीं होगा. क्योंकि ये दोनों यूवीए व यूवीबी किरणों से स्किन का बचाव करने का काम करते हैं . इसमें मिनरल बेस्ड इंग्रीडिएंट्स जैसे टाइटेनियम डाइऑक्साइड, जिंक ऑक्साइड वगैरा का इस्तेमाल किया जाता है. ये त्वचा के ऊपर रहकर हानिकारक यूवी किरणों को स्किन से दूर रखने का काम करते हैं . इसकी खास बात यह है कि इसे लगाते ही आपकी स्किन को सूर्य की किरणों से बचाव हो जाता है. और आपको बाहर जाने से पहले इंतजार करने की जरूरत भी नहीं होती है. बता दें कि फिजिकल सनस्क्रीन सेंसिटिव व एक्ने प्रोन स्किन के लिए काफी अच्छे माने जाते हैं.

जब चुनें सनस्क्रीन 

टाइप का ध्यान रखें 

मार्केट में आपको लोशन, स्प्रे,  जैल , क्रीम, स्टिक कई फॉर्म में सनस्क्रीन मिल जाएंगे. लेकिन आप अपनी स्किन टाइप व कंफर्ट को देखते हुए ही सनस्क्रीन का चयन करें. जैसे अगर आपकी स्किन ड्राई है तो आप क्रीम बेस्ड सनस्क्रीन का चयन करें, जो आपकी स्किन की डॉयनेस को दूर करके आपको एजिंग से दूर रखने का तो काम करेगा ही, साथ ही स्किन को यूवी किरणों से भी बचाएगा. वहीं अगर आपकी एक्ने प्रोन स्किन है तो आप जैल बेस सनस्क्रीन का चयन करें, क्योंकि इसका नोन ग्रीसी फार्मूला आपकी स्किन को क्लियर बनाने के साथ एक्सेस आयल को भी रिमूव करके आपकी स्किन की डबल केयर करने का काम करता है.

चुनें ब्रॉड स्पेक्ट्रम सनस्क्रीन 

ये ऐसे सनस्क्रीन होते हैं , जो यूवीए व  यूवीबी दोनों तरह की किरणों से स्किन को प्रोटेक्शन देने में मदद करते हैं. क्योंकि ये न सिर्फ स्किन को टेन होने से बचाने का काम करते हैं , बल्कि स्किन कैंसर से भी बचाते हैं. जबकि अधिकतर सनस्क्रीन यूवीबी किरणों से स्किन को बचाते हैं. लेकिन इनसे एजिंग को रोकने में मदद नहीं मिलती है. इसलिए जब भी सनस्क्रीन खरीदें तो लेबल देखकर ही खरीदें, ताकि आपकी स्किन की दोनों किरणों से रक्षा हो सके.

एसपीएफ जरूर देखें 

सिर्फ सनस्क्रीन को देखकर मार्केट से सनस्क्रीन को खरीद लेना उचित नहीं है, बल्कि आप अपनी जरूरत के हिसाब से सनस्क्रीन में एसपीएफ को जरूर चेक करें. जैसे अगर आपको गर्मियों में बाहर ज्यादा देर तक रहना पड़ता है, तभी आप 40 – 50 एसपीएफ वाले सनस्क्रीन का चयन करें , वरना आप कम से कम एसपीएफ का इस्तेमाल करके अपनी स्किन को केमिकल्स से बचाएं. क्योंकि जितना ज्यादा एसपीएफ उतना ज्यादा केमिकल.

पहले हाथ पर चेक जरूर करें

जब भी आप कोई नया सनस्क्रीन खरीदें, तो उसे सबसे पहले डायरेक्ट स्किन पर अप्लाई न करें , बल्कि 1 – 2 बार उसे हाथ पर चेक करके जरूर देखें. इससे अगर आपको सनस्क्रीन से किसी भी तरह की कोई एलर्जी होगी, जैसे स्किन का लाल पड़ जाना, जलन, खुजली, स्किन कलर का अलग दिखना तो समझ जाएं कि ये सनस्क्रीन आपकी स्किन के लिए सही नहीं है. और अगर परफेक्ट है तो फिर आप उसे बिना सोचेसमझें  चेहरे पर अप्लाई कर सकते हैं.

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इंग्रीडिएंट्स इन सनस्क्रीन 

हमेशा  इंग्रीडिएंट्स देखकर ही सनस्क्रीन को खरीदना चाहिए. जैसे अगर सनस्क्रीन में टाइटेनियम डाइऑक्साइड व जिंक ऑक्साइड जैसे इंग्रीडिएंट्स हैं तो आप उस सनस्क्रीन का चयन करें. क्योंकि जहां जिंक ऑक्साइड आपको यूवीए व  यूवीबी दोनों किरणों से बचाता है और साथ ही सनबर्न व झुर्रियों के खतरे को भी काफी कम कर देता है, वहीं टाइटेनियम डाइऑक्साइड सनस्क्रीन में यूवी फ़िल्टरिंग घटक के रूप में काम करता है. जो स्किन में यूवी किरणों को अब्सोर्ब होने से रोकता है. जबकि केमिकल इंग्रीडिएंट्स स्किन में एब्सॉर्ब होने के कारण ये स्किन कैंसर का भी कारण बनते हैं. और हमेशा एक्सपायरी चेक करके ही प्रोडक्ट को खरीदें.

बेस्ट मिनरल बेस्ड सनस्क्रीन 

जेड ब्लाक 25% जिंकऑक्साइड सनस्क्रीन जैल 

ये  25% जिंकऑक्साइड से बना होने के कारण स्किन की यूवीए व  यूवीबी किरणों से प्रोटेक्शन करने का काम करता है. इसका सिलिकोन टेक्सचर होने के कारण आप इसे प्राइमर की तरह भी इस्तेमाल कर सकते हैं. ये चेहरे पर ग्लो व वेलवेट फिनिश देने के साथ हानिकारक केमिकल्स से फ्री है.

एरोमा मैजिक एलोवीरा सनस्क्रीन जैल 

इसमें जिंकऑक्साइड की मौजूदगी , जो यूवी फिल्टर का काम करती है, साथ ही ये स्किन को मैट फिनिश देने का भी काम करता है. अगर आपकी एक्ने प्रोन स्किन है तो आप बिना सोचेसमझें इसका इस्तेमाल कर सकते हैं. क्योंकि ये हार्मफुल केमिकल्स से मुक्त जो है.

न्यूट्रोजिना शीर जिंक सनस्क्रीन 

ये 100 पर्सेंट मिनरल बेस्ड है, इसमें जिंक ऑक्साइड होने के कारण ये हार्मफुल रेज़ से स्किन की सुरक्षा करता है.  ये स्किन पर सोफ्ट मैट फिनिश तो देता ही है, साथ ही पेराबीन , फ्रेग्रेन्स व डाई से रहित होने के कारण पूरी तरह से सेफ है.

डर्मा को प्योर जिंक सनस्क्रीन जैल 

लाइटवेट मिनरल सनस्क्रीन 100% नेचुरल जिंक ऑक्साइड से बना होने के कारण ये इंडियन स्किन के लिए परफेक्ट है. ये स्किन पर ग्रीसी इफ़ेक्ट नहीं देता है.

कुरेज मिनरल सनस्क्रीन 

ये एलोवीरा , विटामिन इ जैसे नेचुरल इंग्रेडिएंट्स से बना होने के कारण आपकी स्किन को नौरिश करने के साथ स्किन को प्रोटेक्ट व क्लियर बनाने का भी काम करता है. आप इन्हें अपनी सुविधानुसार ऑफलाइन व ऑनलाइन कहीं से भी खरीद सकते हैं.

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