इन 5 healthy foods से एनर्जी को करें बूस्ट 

आज ये बहुत कॉमन प्रोब्लम हो गई है कि लोग खुद को हर समय थकाथका सा महसूस करने लगे हैं. जिसके कारण छोटेछोटे टास्क भी उन्हें बोझिल से लगने लगे हैं , जो सीधे तौर पर उनकी प्रोडक्टिविटी पर असर डालने का काम कर रहा है. अकसर हम थकान को सीधे तौर पर बढ़ती उम्र से जोड़कर देखने लगते हैं , जबकि इसके लिए हर बार उम्र को जिम्मेदार ठहराना ठीक नहीं है. क्योंकि थकान , कमजोरी का सीधा संबंध हमारे खानपान से जुड़ा हुआ है, जो हमारे एनर्जी लेवल को भी डाउन करने का काम करता है. इसलिए शरीर की ईंधन संबंधित जरूरतों की पूर्ति के लिए हैल्दी फूड के ओप्शन को अपनाना बहुत जरूरी है. जो हमारी काम के प्रति अलर्टनेस व फोकस को बढ़ाने के साथसाथ हमारे एनर्जी लेवल को बढ़ाता है. तो आइए जानते हैं इस संबंध में, हेआ बूस्टर्स की फाउंडर एंड सीईओ झूमर सिन्हा से.

सब्जियां फल 

सब्जियां व फल सभी जरूरी न्यूट्रिएंट्स में हाई होने के कारण ये हैल्दी मेटाबोलिज़म को मैंटेन करने के साथ हमारे एनर्जी लेवल को बूस्ट करने का काम करते हैं. साथ ही इसमें मैक्रोन्यूट्रिएंट्स जैसे कार्ब्स व गुड फैट्स का हैल्दी बैलेंस होता है , जो शरीर को फ्यूल प्रदान करने का काम करते हैं , साथ ही एनर्जी में बदल कर हमें पूरे दिन ऊर्जावान बनाए रखने का काम करते हैं.  साथ ही ये फाइबर के अच्छे स्रोत्र होने के कारण ये पाचन तंत्र के लिए भी काफी अच्छे माने जाते हैं. लेकिन फलों में चीनी की मात्रा का ध्यान रखना भी बहुत जरूरी है. क्योंकि रोजाना अगर आप जरूरत से ज्यादा फलों का सेवन करते हैं तो ये आपकी रक्त में सकरा की मात्रा को बड़ा सकता है, जो आपके एनर्जी लेवल को डाउन करने का काम करेगा. इसलिए अगर आपको डायबिटीज की शिकायत है तो आप रोजाना एक फल ही खाएं. और आपके लिए इन फलों को शामिल करना होगा ज्यादा फायदेमंद.

– एक मीडियम साइज के एप्पल में कार्ब्स व कैलोरीज बहुत कम होती है. और ये ढेरों न्यूट्रिएंट्स फाइबर, विटामिन सी व एन्टिओक्सीडैंट्स से भरा होता है.

– एक कीवी में 10 ग्राम कार्ब्स व 42 कैलोरीज होने के कारण आप इसे स्मार्टली डायबिटीज डाइट में शामिल कर सकते हैं. इसमें फाइबर, पोटेशियम, विटामिन सी बड़ी मात्रा में होता है, जो सेहत के लिए फायदेमंद होता है.

– एक मीडियम साइज के ऑरेंज से आप एक दिन में 70 पर्सेंट के करीब विटामिन सी प्राप्त कर सकते हैं. साथ ही इसमें फोलेट , पोटैशियम व विटामिन सी होने के कारण ये आपको हैल्दी रखने के साथसाथ आपके ब्लड प्रेशर को भी कंट्रोल में रखने में मदद करता है.

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– स्ट्रॉबेरी डायबिटीज के लिए सुपरफूड माना जाता है. क्योंकि ये एन्टिओक्सीडैंट्स व फाइबर में रिच जो होता है.

2. मशरूम 

मशरूम को अगर ऊर्जा का पावरहाउस कहा जाए तो गलत नहीं होगा. ये फोलेट और विटामिन बी जैसे राइबोफ्लेविन, नियासिन और पैंटोथेनिक एसिड में रिच होता है, जो शरीर को हमारे द्वारा खाए जाने वाले भोजन से ऊर्जा प्रदान करने में मदद करता है. ये माइटोकांड्रिया को फ्यूल देने में मदद करता है, जो सेल्स के पावरहाउस कहलाते हैं और साथ ही रेड ब्लड सेल्स के उत्पादन में भी मदद करता है. आप इसे सब्जी , सलाद, सैंडविच या फिर इसे स्नैक के रूप में शामिल करके खुद को हैल्दी रख सकते हैं.

न्यूट्रिशन वैल्यू इन वन बाउल रो मशरूम 

– आयरन- 0.4 मिलीग्राम

– फैट- 0.2 ग्राम

– कार्ब्स- 2.3 ग्राम

– फाइबर – 0.7 ग्राम

– प्रोटीन- 2.2 ग्राम

– पोटेशियम- 223 मिलीग्राम

– कॉपर- 0.2 मिलीग्राम

3. शकरकंद

जब शारीरिक कार्यों को बनाए रखने के लिए  उत्कृष्ट कार्ब्स की बात आती है तो शकरकंद को आलू से बेहतर व स्वस्थ ओप्शन माना जाता है. क्योंकि न सिर्फ ये स्वाद में बेहतर होता है बल्कि ये फाइबर व पोटेशियम से भरपूर होता है. बता दें कि पोटेशियम इलेक्ट्रोलाइट के संतुलन को बनाए रखने व ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद करता है, जो आपके तनाव व थकावट को कम करके आपको रिलैक्स फील करवाने का काम करता है.

न्यूट्रिशन वैल्यू इन वन बिग साइज शकरकंद

– सोडियम- 69 मिलीग्राम

– कार्ब्स- 25  ग्राम

– फाइबर- 3.2 ग्राम

– पोटेशियम – 438 मिलीग्राम

– प्रोटीन- 3.6 ग्राम

– 100 ग्राम शकरकंद में 400 फीसदी से अधिक विटामिन ए पाया जाता है.

4. अंडा 

बता दें कि एक अंडे में उच्च गुणवत्ता का प्रोटीन व हैल्दी फैट्स होते हैं , जो हमें फुल रखने के साथसाथ लंबे समय तक ऊर्जा प्रदान करने का काम करते हैं. अंडे में पाए जाने वाले कुछ विटामिन्स व मिनरल्स में शामिल हैं , आयरन, कोलाइन , विटामिन डी व बी – 12. अंडे का पीला भाग सबसे ज्यादा फायदेमंद व न्यूट्रिएंट्स से भरा होता है. इसलिए रोजाना 1 या 2 उबले हुए अंडे जरूर खाने चाहिए.  ये शरीर की सारी थकान को भी दूर करने का काम करता है.

न्यूट्रिशन वैल्यू इन वन बोयल एग 

– प्रोटीन – 12 ग्राम के करीब

– फास्फोरस – 90 मिलीग्राम

–  सेलेनियम- 20 माइक्रोग्राम

– कार्ब्स- 0.5 ग्राम

5. पालक 

पालक एक ऐसी हरी पत्तेदार सब्जी है, जो आयरन, मैग्नीशियम और पोटेशियम में रिच होती है. साथ ही आयरन एक महत्वपूर्ण खनिज है, जो फेफड़ों से शरीर के बाकी हिस्सों में स्वस्थ तरीके से ओक्सीजन पहुंचाने में मदद करता है. परिवहन का ये प्रभावी तरीका आपके शरीर में ऊर्जा के बेहतर स्तर और एकाग्रता को बनाए रखने में सहायता कर सकता है. शरीर के आयरन के क्या फायदे होते हैं ये अकसर लोग तब जानते हैं , जब उनके शरीर में इसकी कमी हो जाती है. इसलिए शरीर में भरपूर आयरन के लिए पालक को अपनी डाइट में जरूर शामिल करें.

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100 ग्राम पालक में न्यूट्रिशन वैल्यू 

– आयरन- 0.81 ग्राम

– मैग्नीशियम – 24 मिलीग्राम

– पोटेशियम – 150 मिलीग्राम

– फाइबर – 2.4 ग्राम

– प्रोटीन- 2.5 ग्राम

– कैल्शियम- 30 मिलीग्राम

टिप्स 

– आपका शरीर सही ढंग से कार्य करे , इसके लिए जरूरी है कि आप पर्याप्त मात्रा में पानी पियें. पानी कैलोरी के रूप में ऊर्जा नहीं देता है, लेकिन ये शरीर में ऊर्जा के उत्पादन में सहायता प्रदान करता है. दिनभर खूब पानी पिएं , लेकिन सोडा, कॉफ़ी व अन्य कैफीनयुक्त पेय से बचें.

– कैफीन ड्रिंक शार्ट टर्म एनर्जी बूस्टर होती है. इसलिए इससे जितना हो सके दूरी बनाकर ही रहें.

– प्रोसेस्ड फ़ूड आसानी से उपलब्ध होने के कारण जब मन करे खा सकते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इनमें बहुत सारे प्रीज़रवेटिव्स , नमक , ट्रांस फैट्स और अर्टिफिशियल केमिकल्स को डाला जाता है, जो आपके मेटाबोलिज़म को कमजोर बनाने के साथ आपके एनर्जी लेवल को भी डाउन करने का काम करते हैं.

– जब भी प्रोसेस्ड फ़ूड खाने का मन करें तो उसकी बजाय आप मुट्ठी भर कर ड्राईफ्रूट्स खा लें , क्योंकि ये आपके एनर्जी लेवल को बढ़ाने के साथसाथ आपकी भूख को भी शांत करने का काम करता है. जिससे आप अपनी फिटनेस का भी खास खयाल रख सकते हैं.

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New Year 2022: फिरनी का स्वाद, सदा रहेगा याद

खास त्योहारों पर बनाई जाने वाली फिरनी अब खाने के बाद की सब से ज्यादा पसंद की जाने वाली मीठी डिश बन गई है. छोटेबड़े सभी किस्म के होटलों और रेस्त्राओं में इस को बनाया जा रहा है.

फिरनी एक मीठा व्यंजन है. इसे बहुत ही कम समय में बनाया जा सकता है. चावल की खीर की जगह यह खाने में बहुत अलग होती है. फिरनी खाने में जितनी स्वादिष्ठ लगती है, इसे बनाना उतना ही आसान है.

बच्चों को भी ये डिश बहुत पसंद आती है. फिरनी पंजाबी लोग बहुत पसंद करते हैं. अब यह धीरेधीरे हर जगह के लोगों को पसंद आने लगी है. जिस समय नया चावल बाजार में आता है, उस समय बहुत सारे लोग खुशी में फिरनी बनाते और खाते हैं. अलगअलग स्वाद के लिए कभी पिस्ता फिरनी, तो कभी मैंगो फिरनी भी तैयार की जाती है. इस से फिरनी के साथ मेवों और ताजा फलों के स्वाद का भी एहसास मिलता है.

लखनऊ के गोमतीनगर इलाके में चल रहे करीम रेस्त्रां में फिरनी को बहुत ही अच्छी तरह से बनाया जाता है. अनुराग सिंह और श्वेता सिंह बताते हैं कि वैसे यहां आने वाले करीम के नानवेज व्यंजन सब से ज्यादा पसंद करते हैं. खाने के बाद मिठाई के रूप में फिरनी लोगों को खूब पसंद आती है. फिरनी को मिट्टी की छोटी सी कटोरी में रख कर दिया जाता है. जो खाने के स्वाद को और भी बढ़ा देती है.

खाने से पहले इसे फ्रिज में रख कर ठंडा किया जाता है. फिरनी में पड़े मेवे इसे और भी खास बना देते हैं. खोए की जगह इस में दूध का इस्तेमाल किया जाता है. ऐसे में यह अलग किस्म का स्वाद देती है, जो ताजगी का एहसास कराता है.

फिरनी बनाने की सामग्री

फुल क्रीम दूध 1 लीटर

चावल 100 ग्राम

चीनी 1 मध्यम कटोरी,

काजू 50 ग्राम

बादाम 50 ग्राम किशमिश 25 ग्राम

छोटी इलायची 2

पिसा नारियल 20 से 30 ग्राम

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विधि

फिरनी बनाने के लिए सब से पहले चावल को 30 मिनट के लिए भिगो कर रख दें. दूध को उबाल कर थोड़ा गाढ़ा कर लें और उस में चीनी डाल कर धीरेधीरे मिलाएं. काजू, बादाम को छोटेछोटे टुकड़ों में काट लें.

अब उबलते हुए दूध में काजू, बादाम, छोटी इलायची, किशमिश और पिसा नारियल डाल दें. इस में पिस्ता और केसर भी डाल सकते हैं.

सब कुछ डालने के बाद दूध को अच्छे से मिला लें और दूध को उबलने दें. अब जो चावल भिगो कर रखा था, उसे थोड़ा सा पानी डाल कर पीस लें. पिसे हुए चावल को दूध के मिक्सचर में धीरेधीरे डालें, ध्यान रखें कि इसे लगातार चलाते रहें, नहीं तो इस में गांठ पड़ जाएगी.

जब दूध गाढ़ा हो जाए, तो गैस की आंच बंद कर दें. ध्यान रखें, फिरनी सूखे नहीं. अब फिरनी को थोड़ा ठंडा होने दें. जब फिरनी ठंडी हो जाए, तो बाउल में डाल कर काजू, किशमिश, बादाम और पिसे गोले से सजा दें. अब इस बाउल को 5 से 10 मिनट के लिए फ्रिज में ठंडा होने के लिए रख दें. जब फिरनी ठंडी हो जाए, तो सर्व करें. फिरनी को ठंडा ही खाया जाता है. अगर फिरनी ज्यादा सूख जाए, तो इसे पतला करने के लिए ठंडा दूध डाल कर मिला लें.

फिरनी के फायदे

चावल में कार्बोहाइड्रेट होता है, जो इंस्टेंट एनर्जी देता है. फिरनी में काजू डालते हैं, जो शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है. काजू दिल के मरीजों के लिए बहुत फायदेमंद होता है. काजू ब्लडप्रेशर को कम करने में मदद करता है. काजू हमारी हड्डियों को मजबूत बनाता है. काजू वजन कम करने में मदद करता है. ऐसे में फिरनी खाने से शरीर को लाभ होता है. यह दूसरी मिठाइयों की तरह नुकसान नहीं करती है.

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Year Ender 2021: 46 की उम्र में तो कोई शादी के 10 साल बाद बनें पेरेंट्स, पढ़ें खबर

Celebs Pregnancy 2021: साल 2021 की शुरुआत में कई सेलेब्स ने जहां अपने रिश्ते को पति पत्नी का नाम दिया तो वहीं कई सेलेब्स के घर नन्हे मेहमान ने दस्तक दी. साल 2021में एक्ट्रेस अनुष्का शर्मा से लेकर एक्ट्रेस प्रीति जिंटा ने अपने पेरेंट्स बनने की घोषणा ने फैंस को चौंका दिया. वहीं कुछ सेलेब्स की प्रैग्नेंसी कौंट्रवर्सी भी बन गई. इसीलिए आज हम आपको 10 बॉलीवुड और टीवी सेलेब्स के बारे में बताएंगे, जो इस साल माता-पिता बने. आइए आपको बताते हैं पूरी खबर…

1. अनुष्का शर्मा और विराट कोहली

 

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बीते साल 2020 में अपनी प्रैग्नेंसी का ऐलान करने वाली एक्ट्रेस अनुष्का शर्मा और क्रिकेटर विराट कोहली 11 जनवरी 2021 में बेटी वामिका के पिता बने. हालांकि दोनों ने अपनी बेटी की फोटोज को शेयर नही किया क्योंकि वह बेटी की फोटो को इंटरनेट पर नहीं देखना चाहते थे. वहीं मीडिया ने उनके इस फैसले का सम्मान करती नजर आईं.

 

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2. नेहा धूपिया और अंगद बेदी

 

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एक्ट्रेस नेहा धूपिया और एक्टर अंगद बेदी साल 2018 में एक बेटी मेहर के पेरेंट्स बनें, जिसके बाद साल 2021 में 3 अक्टूबर को दूसरे बच्चे का स्वागत किया. हालांकि वह अपने दोनों बच्चों को लाइमलाइट से दूर रखने की कोशिश करती नजर आती है.

 

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3. दीया मिर्जा और साहिल सांगा

 

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एक्ट्रेस दीया मिर्जा की शादी ने फैंस को हैरान कर दिया था. फरवरी में व्यवसायी साहिल सांगा से शादी करने वाली दीया मिर्जा ने कुछ ही महीने बाद अपनी प्रैग्नेंसी का ऐलान किया. वहीं शादी रचाने ने भी के तुरंत बाद अपने बच्चे का स्वागत किया. साथ ही फैंस के साथ पोस्ट शेयर करते हुए दीया मिर्जा ने बताया कि उनके बेटे, अव्यान का जन्म 14 मई को सी सेक्शन डिलीवरी के जरिए हुआ था. वहीं फैंस और सेलेब्स उन्हें बधाई देते नजर आए थे.

4. प्रीति जिंटा

 

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बौलीवुड एक्ट्रेस प्रीति जिंटा और उनके पति जीन गुडइनफ बीते महीने 18 नवंबर को सरोगेसी के माध्यम से जुड़वां बच्चों के पेरेंट्स बने हैं. वहीं फैंस के साथ वह लगातार फोटोज शेयर करती रहती हैं और अपने मदरहुड को एंजौय करती नजर आती हैं.

5. श्रेया घोषाल

 

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बौलीवुड की कामयाब सिंगर श्रेया घोषाल और बिजनेसमैन शिलादित्य मुखोपाध्याय साल 21 में मई 22 को बेटे देवयान मुखोपाध्याय के पेरेंट्स बने हैं. वहीं फैंस के साथ वह अपने बेटे की कई फोटोज शेयर करती नजर आती हैं.

6. कपिल शर्मा

 

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कौमेडी किंग कपिल शर्मा और उनकी पत्नी गिन्नी चतरथ दूसरी बार फरवरी 2021 में पेरेंट्स बने हैं. बेटी अनायरा के बाद बेटे त्रिशान के जन्म की खुशखबरी वह फैंस के साथ शेयर कर चुके हैं. वहीं उनके बच्चों की फोटोज अक्सर सोशलमीडिया पर वायरल होती रहती है.

7. अनीता हसनंदानी

 

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एक्ट्रेस अनीता हसनंदानी और एक्टर रोहित रेड्डी 9 फरवरी, 2021 में बेटे आरव के पेरेंट्स बने हैं. वहीं सोशलमीडिया पर वह अक्सर बेटे आरव संग मस्ती करती नजर आती रहती हैं.

8. शाहिर शेख

 

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इन दिनों पवित्र रिश्ता 2 में मानव के रोल में नजर आ रहे पौपुलर एक्टर शाहिर शेख हाल ही में पेरेंट्स बने हैं. वहीं सोशलमीडिया पर वह भी अपनी बेटी का चेहर फैंस के साथ शेयर करते नजर आते. लेकिन मस्ती करते हुए वीडियो शेयर करते हैं.

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9. किश्वर मर्चेंट

 

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एक्ट्रेस किश्वर मर्चेंट और एक्टर सुयश राय ने अगस्त 2021 में एक बेटे निरवैर राय का वेलकम किया.

10. नकुल मेहता और जानकी पारेख

 

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शादी के 9 साल बाद एक्टर नकुल मेहता और जानकी पारेख ने 2021 में पहले बच्चे का स्वागत किया. बेटे का नाम सूफी रखकर एक्टर ने फैंस के साथ फोटोज शेयर की हैं. वहीं फैंस को उनके बेटे की फोटोज काफी पसंद आ रही हैं.

जब चुनें मेकअप आर्टिस्ट

जितने शादी के लिए आउटफिट्स जरूरी होते हैं, उतना ही मेकअप आर्टिस्ट क्योंकि वही हमारे चेहरे को महका कर आउटफिट्स में चारचांद लगाने का काम करती है. लेकिन अगर इस के चयन में गलती हो गई, फिर तो आप के इतने यादगार दिन का खराब होना तय है ही. ऐसे में जब भी आप मेकअप आर्टिस्ट का चयन करें तो अच्छे से रिसर्च करें.

ब्यूटी ऐक्सपर्ट पूजा नागदेव का कहना है कि इस के लिए आप अपने फ्रैंड्स, फेसबुक, इंस्ट्राग्राम, वैबसाइट की मदद से उन के कौंटैक्ट नंबर ले कर उन से अपौइंटमैंट ले कर उन से सीधे बात करें. उन्होंने पिछले कुछ समय में किस तरह का मेकअप किया है, उस के बारे में भी डिटेल में जानकारी लें. इस से आप को अंदाजा लग जाएगा कि स्पैशल डे पर किस तरह का मेकअप किया जाएगा.

मेकअप ट्रैंड्स की हो जानकारी

मेकअप आर्टिस्ट होना बड़ी बात नहीं, लेकिन खुद को मेकअप में अपडेट रखना यह हर किसी मेकअप आर्टिस्ट के बस में नहीं और आज वही इस फील्ड में खुद को जमा पा रही है, जो मेकअप की नइनई तकनीकों को अपनाने के साथसाथ खुद को भी अप टू डेट रखती है. ऐसे में जब भी आप अपने लिए मेकअप आर्टिस्ट का चयन करें तो सब से पहले उन से जानने की कोशिश करें कि उन्हें लेटैस्ट मेकअप ट्रैंड्स की कितनी जानकारी है.

इस के लिए आप को भी रिसर्च करनी होगी. जैसे वह इस स्पैशल डे पर आप के फेस पर कौन सा मेकअप करने वाली हैं. आज कई तरह के मेकअप ट्रैंड्स में हैं, लेकिन हर तरह की स्किन के लिए अलगअलग हैं. इस बारे में पूछ लें कि उन्हें इस की जानकारी है या नहीं जैसे:

हाई डैफिनिशन मेकअप: ये मेकअप आप को नैचुरल लुक देने का काम करता है. यह आप की स्किन को भद्दा व शाइनी बनाए बिना स्किन पर दागधब्बों को छिपा कर उसे नैचुरल लुक देने का काम करता है. जब चेहरा शाइन करते हुए नैचुरल दिखता है तो फोटो भी काफी अच्छा क्लिक होता है और यही तो हर ब्राइड की कामना होती है. तभी तो सैलिब्रिटीज व मेकअप आर्टिस्ट इस तरह के मेकअप को ज्यादा तवज्जो देती हैं.

एयरब्रश मेकअप: अगर बात करें फ्लालैस व हैल्दी स्किन की, तो एयरब्रश मेकअप से बैस्ट कुछ नहीं क्योंकि इस में एयर गन की मदद से प्रोडक्ट्स को चेहरे पर स्प्रैड किया जाता है, जिस में हाइजीन का भी खास ध्यान रखा जाता है. इस में प्रोडक्ट्स की पतली लेयर लगाई जाती है, जिस से चेहरे को शेप मिलने के साथसाथ पोर्स व दागधब्बे भी आसानी से कवर हो जाते हैं. यह आप की स्किन पर लौंगलास्टिंग वाटरपू्रफ इफैक्ट देने का काम करता है.

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मिनरल मेकअप: यह मेकअप चेहरे को लिपापुता दिखाने के बजाय उसे नैचुरल लुक देने का काम करता है. मिनरल तत्त्वों से बनी क्रीम्स में विटामिंस व मिनरल्स होते हैं, जो एक नैचुरल क्लींजर का काम करते हैं. ये चेहरे के रोमछिद्रों को ब्लौक होने से रोकने के साथसाथ वाटरप्रूफ भी होते हैं. अगर इसे एक्ने प्रोन स्किन व सैंसिटिव स्किन के लिए बैस्ट कहा जाए तो गलत नहीं होगा.

नैचुरल मेकअप: ये मेकअप हर स्किन टाइप पर सूट करता है क्योंकि इस में फेस को लाउड बनाए बिना फीचर्स को उभारने की कोशिश की जाती है. इस में कम से कम प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल कर के बेहतर रिजल्ट देने की कोशिश की जाती है. अगर कोई ब्राइडल नैचुरल लुक चाहती है तो इस तरह के मेकअप से भी उस के चेहरे को उभारने की कोशिश की जाती है.

हाई शाइन मेकअप: अकसर ज्यादा ड्राई व हाई शाइन मेकअप की डिमांड करने वालों पर इस तरह का मेकअप किया जाता है. क्योंकि इसमें ज्यादा ग्लोस व शाइन जो होती है. जो फेस को एकदम से हाईलाइट करने का काम करती है.

मैट मेकअप: यह मेकअप चेहरे को पूरी तरह से कंफर्ट फील करवाते हुए मैट लुक देने का काम करता है. यह अकसर उन ब्राइड्स पर टाई किया जाता है उन में औयली होती है. इस मेकअप में जिन प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल किया जाता है, उस में औयल नहीं होता है. बस वे प्रोडक्ट्स चेहरे के दागधब्बों को छिपाते हुए स्किन को ग्लोइंग बनाने का काम करते हैं. जब भी आप मेकअप आर्टिस्ट का चयन करें तो उसे पूछ लें कि उसे इस सब की जानकारी है या नहीं.

जानपहचान में हो

हो सकता है कि आप ने कुछ महीनों पहले अपने किसी करीबी या दोस्त की शादी अटैंड की हो और आप को उस का मेकअप बहुत ज्यादा पसंद आया हो. अब मौका आप का है तो आप के लिए बहुत अच्छा मौका है कि आप खुद के लिए किसी नई मेकअप आर्टिस्ट को चुनने से बेहतर अपनी फ्रैंड की मेकअप आर्टिस्ट का ही खुद के लिए चयन करें क्योंकि आप को पता है कि वह किस तरह का मेकअप करती है और आप उस के मेकअप से कैसी दिखने वाली हैं.

ट्रायल मेकअप करेगा आप की मदद

आजकल औनलाइन आप ने यह तो सुना ही होगा ट्राई ऐंड बाय. तो फिर आप इसे मेकअप रूल में भी फौलो कर के इस का फायदा उठाएं. आप जिस भी मेकअप आर्टिस्ट का चयन करना चाहती हैं, उस से पहले ट्रायल मेकअप जरूर लें और हो सके तो ऐसी मेकअप आर्टिस्ट का ही चयन करें, जो फाइनल मेकअप से पहले ट्रायल मेकअप जरूर दे क्योंकि इस से आप को पता भी चल जाएगा कि वह किस तरह का मेकअप करती है. अगर आप को उस का किया मेकअप पसंद न आए तो आप के पास दूसरी मेकअप आर्टिस्ट चुनने का भी औप्शन रहता है.

प्रोडक्ट्स के बारे में जानकारी लें

हो सकता है कि आप जिस मेकअप आर्टिस्ट का चयन कर रही हों, उसे ट्रैंड की जानकारी तो भलीभांति हो, लेकिन वह प्रोडक्ट्स हमेशा लोकल ही इस्तेमाल करती हो. ऐसे में जब भी आप मेकअप आर्टिस्ट का चयन करें तो यह पूछने में बिलकुल भी हिचकिचाएं नहीं कि वह मेकअप के दौरान कौन से प्रोडक्ट्स इस्तेमाल करती है क्योंकि सिर्फ सुंदर दिखना ही मकसद नहीं है, बल्कि स्किन का सवाल भी है. ऐसे में आप सुंदरता के चलते प्रोडक्ट्स के साथ समझता नहीं कर सकतीं. आप खुद ही उस के प्रोडक्ट्स, मेकअप किट की जांचपड़ताल करें. इस से भी आप को काफी हद तक अंदाजा हो जाएगा कि किस तरह के प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करने के साथसाथ प्रोडक्ट्स के हाइजीन का भी कितना ध्यान रखती है.

2-3 मेकअप आर्टिस्ट के प्राइस चैक करें

जब भी आप अपने खास दिन के लिए मेकअप आर्टिस्ट का चयन करें, तो सिर्फ एक मेकअप आर्टिस्ट से बात करने के आधार पर ही फाइनल न कर लें, बल्कि 2-3 मेकअप आर्टिस्ट से बात करें. वे किस तरह के पैकेज देती हैं, कौन सा मेकअप करती हैं, कौन से प्रोडक्ट्स इस्तेमाल में लाती हैं, इस के आधार पर ही आप तुलना कर के मेकअप आर्टिस्ट का चयन करें. इस से आप को सही मेकअप आर्टिस्ट का चयन करने में भी आसानी होगी, साथ ही आप अपने बजट का भी ध्यान रख पाएंगी.

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सोशल मीडिया पर ऐक्टिव है या नहीं

आज अधिकांश लोग सोशल मीडिया पर ऐक्टिव हैं और इसी की मदद से खुद को व अपने बिजनैस को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं. ऐसे में आप को भी इस प्लेटफौर्म के जरीए काफी मदद मिल सकती है जैसे पैकेज के बारे डिटेल, लोगों के रिव्यूज और ब्राइडल फोटोज इत्यादि. इस से आप को मेकअप आर्टिस्ट का चयन करने में आसानी होगी.

ओटीटी प्लेटफॉर्म का प्रभाव

बीते पिछले कुछ सालों में ऑनलाइन मनोरंजन इंडस्ट्री में बहुत ज्यादा वृद्धि देखी गयी है. नेटफ्लिक्स, अमेज़ॅन प्राइम, डिज़नी होस्टस्टार, आदि जैसी ऑनलाइन स्ट्रीमिंग सेवाओं के मिलने और तेज़, सस्ती इंटरनेट सेवाओं की शुरूआत होने से भारत में ओटीटी कंटेंट की बहुत बड़ी मात्रा खपत हो रही है. डॉ. प्रकृति पोद्दार, मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ, निदेशक पोद्दार वेलनेस के मुताबिक यहाँ पर बहुत सारे लोग ओटीटी कंटेंट के उपयोगकर्ता  बन गए है. पीडब्ल्यूसी के मीडिया एंड एंटरटेनमेंट आउटलुक 2020 के अनुसार भारत का ओटीटी बाजार 2024 तक दुनिया का छठा सबसे बड़ा बाजार बनने की ओर अग्रसर है.

 ओटीटी प्लेटफॉर्म पर डार्क और वायलेंट शो लोगों के मानसिक स्वास्थ्य को किस प्रकार प्रभावित कर रहे हैं?

जबकि ओटीटी प्लेटफार्मों की बाजार हिस्सेदारी में भी बढ़ोत्तरी जारी है. इन स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्मों की मुख्य समस्या इनका डार्क और वायलेंट कंटेंट रहा है. यह दर्शकों के मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है. स्क्वीड गेम, हाउस ऑफ सीक्रेट्स, यू और अन्य जैसे वेब सीरीज शो लोगों के बीच कौतुहल का विषय बने हुए हैं, लेकिन वे हिंसा, ड्रग्स, सेक्स और अपराध की संवेदनशीलता को बढ़ा रहे हैं जिससे लोगों का मानसिक स्वास्थ्य नकारात्मक रूप से प्रभावित हो रहा है और सोशल स्किल में गिरावट हो रही हैं.

वायलेंट (हिंसक) और डार्क शो से नस्लीय हिंसक व्यवहार

ओटीटी प्लेटफॉर्म की लोकप्रियता के पीछे सबसे बड़ा कारण मनोरंजन है. स्मार्टफोन, लैपटॉप आदि जैसे गैजेट्स की उपलब्धता और इंटरनेट सेवाओं की पहुंच आसान होने से ओटीटी कंटेंट को कभी भी, कहीं भी देखने की सुविधा मिल जाती है. युवा, विशेष रूप से फ्रेश कंटेंट, दिलचस्प प्लॉट्स और किरदारों और परिस्थितियों की यथार्थवादी प्रस्तुतियों (रियल रिप्रजेंटेशन) के प्रतिनिधित्व से ओटीटी कंटेंट को ज्यादा देख रहे हैं, इन कंटेंट के साथ वे खुद को जोड़ कर देखते हैं. जबकि कुछ कंटेंट शिक्षित और सूचनात्मक है, कुछ हिंसक, अश्लील सामग्री को इस तरह से दिखाया जा रहा है जो दर्शकों के मानसिक स्वास्थ्य को गहराई से प्रभावित कर रहे है.

जब लोग सामूहिक गोलीबारी और अन्य हिंसा के हिंसक वीडियो देखते हैं, तो उनमे प्रत्यक्ष रूप से ट्रामा के होने की संभावना बढ़ जाती हैं. इससे एंग्जाइटी, डिप्रेशन, क्रोनिक स्ट्रेस और अनिद्रा की संभावना बढ़ जाती है. जिन लोगों को PTSD है, उनके लिए इन वीडियो को देखने से फ्लैशबैक जैसे लक्षणों में वृद्धि हो सकती है.

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क्रूर, हिंसक शो या फिल्मों को बार-बार देखने से दर्शकों में भय और चिंता बढ़ सकती है, और यहां तक कि इससे लोगों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी हो सकती हैं. अध्ययनों के अनुसार आपदाओं, विशेष रूप से आतंकवाद को देखने से PTSD, डिप्रेशन, स्ट्रेस, एन्ग्जाईटी और यहां तक कि नशीलें पदार्थों के सेवन के मामलों में वृद्धि हो सकती है.

युवाओं और बच्चों में किसी के व्यवहार को खुद में नकल करने की ज्यादा संभावना होती है क्योंकि वे आसानी से ऑनलाइन वेब शो और अन्य वीडियो सामग्री पर दिखाई जाने वाली चीज़ों से जुड़े हो सकते हैं. इसका असर यह हो रहा है कि आज के युवाओं में बहुत सारे व्यवहार परिवर्तन लक्षण पैदा हो रहे है. यह न केवल उन्हें उनके व्यवहार और उनके विचारों दोनों में आक्रामक बनाता है, बल्कि उनमे धूम्रपान, शराब पीने, ड्रग्स, न्यूडिटी और अश्लीलता जैसी नियमित रूप से देखी गई चीज़ों से भी प्रभावित होने की संभावना को बढ़ा देता है. ये सब चीजें कई ऑनलाइन वेब शो में अक्सर दिखाए जाते हैं. ये कंटेंट आगे चलकर कम उम्र के लोगों में अस्वस्थ आदतों को विकसित कर सकते हैं.

कई स्टडी में पाया गया है कि हिंसक शो देखने और बच्चों द्वारा हिंसक व्यवहार में वृद्धि के बीच संबंध है. इस बात की पुष्टि 1000 से ज्यादा अध्ययनो में हो चुकी है. बहुत ज्यादा हिंसक चीजें देखने से व्यवहार आक्रामक हो जाता है, यह चीजें खासकर लड़कों में ज्यादा देखने को मिलती है.

बिंज-वाचिंग (किसी कंटेंट को लगातार देखना) से चिंता बढ़ जाती है

बिंज-वाचिंग अपेक्षाकृत एक नई घटना है, लेकिन निश्चित रूप से पिछले कुछ सालों में ओटीटी दर्शकों के बीच यह एक लोकप्रिय ट्रेंड बन गया है. कई स्टडी से पता चला है कि जो लोग बिंज-वाचिंग करते हैं, उनमें ख़राब वाली नींद और अनिद्रा से पीड़ित होने की संभावना ज्यादा होती है. बिंज-वाचिंग करना सर्कैडियन लय को बाधित कर सकता है, जिससे सोना मुश्किल हो जाता है.

मनोवैज्ञानिक रूप से एक वेब सीरीज एक व्यक्ति को घंटों तक बांधे रह सकती है, इस दौरान वह व्यक्ति सोना भी भूल  सकता है. ओटीटी शोज के ड्रामा, टेंशन, सस्पेंस और एक्शन को लोग खूब एन्जॉय करते हैं, लेकिन ये हार्ट रेट रुकने, ब्लडप्रेशर और एड्रेनालाईन को भी बढ़ाते हैं. जब कोई व्यक्ति इन्हे देखने के बाद सोने की कोशिश करता है तो यह अनुभव  एक तनावपूर्ण या हल्का दर्दनाक जैसा महसूस हो सकता है, जो सोने में परेशानी पैदा कर सकता है. नींद में यह व्यवधान व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है.

कई अध्ययनों में पाया गया है कि नींद की कमी की समस्या ध्यान, काम करने की याददाश्त और भावनात्मक व्यवहार जैसे मानसिक कामों को आसानी से नुक़सान पहुंचा सकते है. लंबे समय तक अनिद्रा से पीड़ित रहने पर  डिप्रेशन और एंग्जाइटी डिसऑर्डर का ज्यादा खतरा पैदा हो सकता है. बहुत ज्यादा बैठे रहना और स्नैकिंग भी मोटापे और इससे संबंधित समस्याओं जैसे डायबिटीज और हृदय की बीमारियों के खतरे को बढ़ाता है.

 सावधानी और निष्कर्ष

कोई भी जॉनर (शैली) का कंटेंट सबसे उपयुक्त की श्रेणी में नहीं आता है, लोगों को ऐसे किसी भी कंटेंट को देखने से बचना चाहिए जो उन्हें ट्रिगर करने वाला लगे और उन्हें समाज से अलग रखने को प्रेरित करें. एक व्यक्ति को यह समझने की जरूरत है कि कंटेंट को देखने के लिए कोई प्रिसक्रिप्शन (नुस्खा) नहीं है. एक संतुलित जीवन जीने के लिए सही नुस्खा डिजिटल चीजों को ज्यादा देखना नहीं है. जो लोग डिजिटल कंटेंट को ज्यादा देखते हैं, उनके लिए जीवन और काम के बीच संतुलन नहीं रह पाता है इससे उनका स्वास्थ्य नकारात्मक रूप से प्रभावित होता है. दरअसल बार-बार डिजिटल डिटॉक्स करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है, जितना एक्सरसाइज, कला या सामाजिककरण होता है.

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‘दयाबेन’ के बाद ‘जेठालाल’ कहेंगे Taarak Mehta Ka Ooltah Chashmah को अलविदा! जानें क्या है सच

13 सालों से दर्शकों के दिल पर राज कह रहा शो ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ (Taarak Mehta Ka Ooltah Chashmah) के सितारे घर घर में अपने किरदार के नाम से फेमस हैं. हालांकि कुछ कलाकारों के शो को अलविदा कहने से बीते दिनों दर्शक बड़े निराश थे. वहीं अब खबरें हैं कि दयाबेन के बाद जेठालाल का किरदार निभाने वाले एक्टर दिलीप जोशी (Dilip Joshi)भी शो को अलविदा कहने वाले हैं. आइए आपको बताते हैं पूरी खबर…

शो छोड़ने पर कही ये बात

 

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दरअसल, पिछले दिनों ‘टप्पू’ का रोल निभाने वाले राज अनादकट के शो को अलविदा कहने की खबरों ने दर्शकों को निराश कर दिया था. वहीं अब जेठालाल (Jethalal) यानी दिलीप जोशी (Dilip Joshi) के शो छोड़ने की खबरों ने दर्शकों को हैरान कर दिया है. लेकिन इन खबरों को अफवाह बताते हुए एक्टर दिलीप जोशी ने एक इंटरव्यू में कहा कि ‘मेरा शो एक कॉमेडी शो है और इसका हिस्सा बनना मजेदार है. इसलिए जब मैं इसे एन्जॉय कर रहा हूं, तब तक इसे करूंगा, जिस दिन मुझे लगेगा कि मैं खुश नही हूं, उस दिन मैं आगे बढ़ जाऊंगा.’ वहीं दिलीप इन खबरों को केवल अफवाह बताया है.

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बेटी के चलते बटोरी सुर्खियां

 

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बौलीवुड से लेकर टीवी इंडस्ट्री का हिस्सा रहे एक्टर दिलीप जोशी पिछले दिनों अपनी बेटी की शादी के चलते सुर्खियों मे रहे. दरअसल, दिलीप जोशी की बेटी नियति जोशी की फिल्म राइटर अशोक मिश्रा के बेटे यशोवर्धन मिश्रा से हाल ही में शादी हुई थी, जिसमें उनके ग्रे हेयर ने फैंस का दिल जीत लिया था. वहीं उनके इस कदम से काफी सराहना भी मिली थी. वहीं दिलीप जोशी ने अपनी बेटी नियति की शादी की फोटोज फैंस के साथ शेयर करते हुए एक प्यारा सा मैसेज भी शेयर किया था.

 

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Anupama-Anuj की शादी के लिए मानेंगे बापूजी, देखें वीडियो

स्टार प्लस का सीरियल अनुपमा एक बार फिर टीआरपी चार्ट्स में धमाल मचा रहा है. रुपाली गांगुली स्टारर सीरियल पहले नंबर पर बना हुआ है. वहीं अब मेकर्स सीरियल में नई लवस्टोरी की शुरुआत करने में लग गए हैं, जिसकी पहल मालविका की एंट्री से हो गई है. आइए आपको बताते हैं क्या होगा शो में आगे…

मालविका ने किया शाह परिवार को हैरान

अपकमिंग एपिसोड में आप देखेंगे कि पूरा परिवार क्रिसमस सेलिब्रेशन के लिए तैयार होगा. वहीं मालविका के कहने पर अनुपमा गाजर का केक भी बनाएगी, जिससे मालविका बेहद खुश होगी और बापूजी से अनुज और अनुपमा के रिश्ते की बात कहेगी. मालविका की बात सुनकर हैरान बापूजी उसे बाद में ये बात कहने के लिए कहेंगे. लेकिन मालविका अपनी बात पर अड़ी रहेगी, जिसे देखकर अनुपमा उसे चुप रहने के लिए कहेगी, वहीं अनुपमा की बात सुनकर वह गुस्से में पार्टी से चली जाएगी. हालांकि अनुपमा उसे मनाती हुई नजर आएगी.

 

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अनुपमा से बापूजी कहेंगे ये बात

 

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दूसरी तरफ आप देखेंगे कि बापूजी और जीके, अनुपमा को अनुज के लिए अपने प्यार को स्वीकार करने के लिए कहेंगे. जहां मालविका और पाखी साथ में फैमिली के साथ डांस करते नजर आएंगे. वहीं अनुपमा का पल्लू अनुज के स्लीवस पर फंस जाएगा. इसी बीच अनुपमा, अनुज से कहेगी कि वह उसके गले में ही माला डालेगी. हालांकि अनुज कहेगी कि उसने अपना दिल उसे बहुत पहले दिया था, अब वह क्या मांगना चाहती है.

अनुज देखता है सपना

 

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अब तक आपने देखा कि अनुज, अनुपमा के प्यार का इजहार करने का सपना देखता है. हालांकि वह कहता है कि ऐसा नहीं हो सकता. दूसरी तरफ काव्या की मालविका के लिए जलन बढ़ती जा रही है, जिसके चलते वह उसे ताने मान रही है. लेकिन वनराज पूरी कोशिश कर रहा है कि मालविका को काव्या के तानों से बचा सके.

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रसोई को जर्म फ्री रखेंगे ये 8 टिप्स

अक्सर हम सेहत को लेकर बहुत फिक्रमंद रहते हैं, और अच्छी सेहत के लिए योग, व्यायाम और हैल्दी डाइट को फॉलो करते हैं. पर क्या आप जानते हैं कि घर में सर्वाधिक संक्रमण का स्थान हमारा रसोईघर होता है क्योंकि यहां पर हम हरदिन काम करते हैं. रसोईघर में बने भोजन को प्रतिदिन कम से कम तीन से चार बार घर के सभी सदस्य खाते हैं. आमतौर पर घर के ड्राइंग रूम और लिविंग रूम की तरफ तो हम हर रोज ध्यान देते हैं, उसे व्यवस्थित करते हैं पर रसोईघर की साफ सफाई की तरफ बहुत कम ध्यान दिया जाता है. भोजन का सीधा सम्बन्ध हमारे स्वास्थ्य से होता है इसलिए इस ओर ध्यान देना अत्यंत आवश्यक है ताकि घर के सभी सदस्य स्वस्थ रहें. आज हम आपको कुछ बिंदु बता रहे हैं जिनका ध्यान रखकर आप अपनी रसोई को कीटाणुमुक्त रख सकतीं है-

1. स्वस्थ हो शरीर

आप अथवा आपकी मेड शरीर के किसी भी हिस्से में फोड़ा, फुंसी अथवा कटे फटे होने पर खाना न बनाएं क्योंकि खाना बनाते समय इनमें लगे अति सूक्ष्मजीवी कीटाणु भोजन को संक्रमित करके आपको भी बीमार कर सकते हैं. यदि आपको सर्दी खांसी या जुकाम है तो मुंह पर कपड़ा या मास्क लगाकर किचिन में काम करें.

2. बर्तन हों स्वच्छ

खाना पकाने और सर्व करने वाले बर्तन को ठीक से धोकर पोंछकर ही प्रयोग करें क्योंकि कई बार इनमें छोटी छोटी मकड़ी या कॉकरोच चिपके रहते हैं जो आपके भोजन को विषाक्त कर सकते हैं. धुले बर्तनों को पूरी तरह सूख जाने पर ही शेल्फ में जमाएं, शेल्फ को कम से कम माह में एक बार धो पोंछकर जमाएं.

3. हैल्दी हों बर्तन

खाना पकाए जाने वाले बर्तन भोजन में बहुत अहमियत रखते हैं. हमारी दादी नानी भोजन पकाने के लिए लोहा, पीतल, कांसा और तांबे के बर्तनों का प्रयोग करतीं थीं जिसका प्रमुख कारण था कि खाना पकने के दौरान उन धातुओं के तत्व भोजन में मिलकर उसकी पौष्टिकता को बढ़ा देते थे परन्तु आजकल स्टील, कांच और एल्युमिनियम के बर्तनों का प्रयोग किया जाने लगा है जिससे भोजन को बर्तनों का कोई पौष्टिक तत्व नहीं मिल पाता. जहां तक सम्भव हो सब्जी बनाने के लिए लोहे की कढ़ाई का प्रयोग करना चाहिए ताकि उसमें निहित आयरन आपको प्राप्त हो सके.

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4. सुरक्षित हों नॉनस्टिक बर्तन

आजकल घरों में नॉनस्टिक बर्तन बहुतायत में पाये जाते हैं. नॉनस्टिक बर्तन को बहुत ध्यान से प्रयोग करना पड़ता है क्योंकि यदि इनमें जरा भी स्कैच हो जाता है तो इसकी कोटिंग निकलना प्रारम्भ हो जाती है जो हमारे भोजन में जाकर उसे विषाक्त कर देती है. खरोंच लगे अथवा कोटिंग निकले नॉनस्टिक बर्तनों का प्रयोग करने से बचना  चाहिए.

5. गूंजा और ब्रश हों साफ सुथरे

बर्तन  साफ करने वाले गूंजा, ब्रश, प्लेटफॉर्म के कपड़े आदि को प्रतिसप्ताह गर्म पानी में बेकिंग सोडा डालकर उबालकर धूप में सुखाएं ताकि वे कीटाणुमुक्त हो जाएं.

6. कीटाणुमुक्त हो चोपर

सब्जी काटने के लिए आजकल चॉपर का प्रयोग किया जाता है, इनकी दरदरी सर्फेस में गंदगी भर जाती है, और सब्जी काटते समय यह गन्दगी सब्जी में ही समा जाती है इससे बचने के लिए रोज धोने के अतिरिक्त प्रतिसप्ताह किसी अच्छे कीटनाशक के पानी से धोना चाहिए. इसके अतिरिक्त बहुत अधिक स्क्रैच हो जाने पर बदल ही देना चाहिए.

7. साफ हो डस्टबिन

जहां तक सम्भव हो किचिन में साफ सुधरे ढक्कन दार डस्टबिन का प्रयोग करना चाहिए. सूखा और गीला कचरा अलग रखनेके साथ साथ इसके अंदर प्रतिदिन साफसुथरी थैली लगाएं.

8. चिमनी भी है अहम

आजकल की रसोई में चिमनी भी  बहुत महत्वपूर्ण होती है आमतौर पर इन्हें सब्जी छौंकने के दौरान उत्पन्न चिकने धुंए की निकासी के लिए लगाया जाता है परन्तु यदि इनकी नियमित सफाई न की जाए तो इनमें जाले और मिट्टी भर जाती है जो गैस पर रखे भोजन में गिरकर उसे खराब कर सकती है. यदि आपकी चिमनी में ऑटोमेटिक फंक्शन है तो माह में एक बार उसे चलाकर साफ करें, साथ ही वर्ष में एक बार किसी मैकेनिक से पूरी सफाई भी करवाएं.

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क्या सी सैक्शन डिलिवरी की आशंका को कम किया जा सकता है?

सवाल-

मैं 3 महीने की गर्भवती हूं. मुझे सी सैक्शन डिलिवरी का नाम सुन कर ही डर लगता है. क्या कोई ऐसे उपाय है, जिस से सी सैक्शन डिलिवरी की आशंका को कम किया जा सकता है?

जवाब-

मां बनना हर महिला के लिए जीवन का सब से सुखद अनुभव होता है. लेकिन जैसेजैसे प्रसव का समय नजदीक आने लगता है, उसे इस बात की चिंता सताने लगती है कि प्रसव सामान्य होगा या सी सैक्शन. वैसे तो पहले से कुछ कहा नहीं जा सकता, लेकिन कुछ बातें हैं जिन का ध्यान रख कर आप सामान्य प्रसव की संभावना को बढ़ा सकती हैं. अपने खानपान का विशेषतौर पर ध्यान रखें, पर्याप्त मात्रा में पानी पीएं, तनाव से दूर रहें, मानसिक शांति के लिए ध्यान करें. सही डाक्टर का चुनाव करें. नियमित रूप से ऐक्सरसाइज करें. उपयुक्त व्यायाम करने से आप का शरीर सामान्य प्रसव की पीड़ा को सहने के लिए तैयार होता है. लेकिन ऐक्सरसाइज हमेशा अपने डाक्टर की सलाह से करें.

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गर्भावस्था की कुछ सामान्य जटिलताएं मोटी महिलाओं के स्वास्थ्य से जुड़ी होती हैं, जिन में सम्मिलित हैं- गर्भपात. जैस्टेशनल डायबिटीज, उच्च रक्त दाब (इसे जैस्टेशनल हाइपरटैंशन भी कहा जाता है), प्रीऐक्लैंप्सिया, प्रसव के दौरान सामान्य से अधिक रक्तस्राव आदि. हालांकि ये समस्याएं किसी भी गर्भवती महिला को हो सकती हैं. इस से कोई फर्क नहीं पड़ता कि वह मोटापे की शिकार है या नहीं, लेकिन बीएमआई (बौडी मास इन्डैक्स) अधिक होने से खतरा बढ़ जाता है.

मोटापे का डायग्नोसिस बीएमआई की गणना कर के किया जाता है, जो वजन और लंबाई पर आधारित होता है. बीएमआई 30 या उस से अधिक होना यकीनन मोटापे को परिभाषित करता है.

बीएमआई जितना अधिक होगा, उतना ही गर्भावस्था के दौरान जटिलताएं होने का खतरा अधिक होगा. अगर किसी महिला का बीएमआई 30 या उस से अधिक है, तो इस की संभावना है कि उसे प्रसव पीड़ा के लिए प्रेरित करना पड़ेगा या उसे सिजेरियन सैक्शन का विकल्प चुनना होगा. अगर किसी महिला का बीएमआई 40 से अधिक है, तो डाक्टरों के लिए बच्चे के विकास के बारे में जानकारी प्राप्त करना कठिन हो जाएगा.

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अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz   सब्जेक्ट में लिखे…  गृहशोभा-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

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