सोशल मीडिया की भूमिका और महत्व को आज शायद ही कम करके आंका या अनदेखा किया जा सकता है, इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि हर कोई सोशल मीडिआ प्लेटफार्म के ज़रिये अपनी बहुत अच्छी इमेज सामने रखना चाहता है और इमेज कॉन्शीयसनेस के दौर में हर कोई इस बात का भी ध्यान रखना चाहता है की वो किस तरह खुद के ओपिनियन सोशल मीडिया के ज़रिये रखते हैं और या फिर खुद को प्रेजेंट करते हैं. आये दिन हमें ऐसे भी किस्से देखने को मिलते हैं जब किसी पुरुष द्वारा सोशल मीडिया पर किसी महिला फ्रेंड की लुक्स या फिर व्यक्तित्व पर जाने अनजाने में की गयी टिप्पड़ी या तो किसी अप्रिय घटनाक्रम और या फिर अलग ही प्रतिस्पर्धा को पैदा कर देती हैं और या फिर एक विचित्र स्थिति उत्पन्न कर देते हैं.

सावधानियाऔर एटिकेट्स का ध्यान

इसके अतिरिक्त कई और ऐसी सावधानिया हैं और एटिकेट्स हैं जिनका ध्यान हमें रख कर कई बार हम अपने सोशल मीडिया पर किए गए व्यवहार और तालमेल से भी अपनी छवि खराब कर लेते हैं. हम जो भी छवि अपनी बनाते हैं, उसका असर हमारे आत्मसम्मान पर भी पड़ता है. सोशल मीडिया खासकर जेंडर बुलिंग पर धमकाना आज के दौर में आम बात हो गई है और सोशल मीडिया पर व्यक्त भावनाओं का मजाक सिर्फ इमोजी के जरिए ही उड़ाया जा सकता है. सोशल मीडिया पर की गयी शरारते, अनुचित व्यवहार, अवांछित टैगिंग, कमेंट्स, हैकिंग आदि के मामले भी सामने आ रहे हैं, जेंडर बुलिंग एक ऐसी समस्या है जो एक महिला के लिए ही नहीं बल्कि पुरुषों के लिए भी परेशान करने वाली है.

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