दादी अम्मा : भाग 4- आखिर कहां चली गई थी दादी अम्मा

लेखक- असलम कोहरा

जब नर्सिंग होम से डिस्चार्ज होने का समय आया तो दादी अम्मा ने दोनों से कहा, ‘बेटा, अब मुझे घर छोड़ आओ और तुम भी अपना घर देखो. तुम ने मुझ पर बहुत बड़ा एहसान किया है.’

‘यह क्या कह रही हैं, अम्मा. हम दोनों के मांबाप तो रहे नहीं. आप की खिदमत से लगा जैसे उन की कमी दूर हो गई,’ मेहनाज ने कहा.

अम्मा उस के सिर पर हाथ फिराने लगीं. लेकिन अम्मा को आरजू और पोतेपोतियों की याद सता रही थी. इसलिए साजिद और मेहनाज को आगे कभी उन के साथ रहने की तसल्ली दे कर अपने घर आ गईं. उन के आने पर कुछ दिन तक तो बेटेबहुएं उन के आसपास रहे, लेकिन फिर उन का रवैया पहले जैसा हो गया, अम्मा के प्रति उपेक्षित व्यवहार. वे फिर अपनी मौजमस्ती में डूब गए.

कुछ समय बीता तो दादी अम्मा की तबीयत फिर बिगड़ने लगी. अब कौन उन की देखभाल करेगा. वे जबरदस्ती अपने बेटों पर बोझ नहीं बनना चाहती थीं. एक दिन दादी अम्मा ने घर छोड़ दिया. किसी को बता कर नहीं गईं कि कहां जा रही हैं.

आज उन्हें घर छोड़े हुए 1 महीने से ऊपर हो चला था. सभी रिश्तेदारों के बीच खोजा, लेकिन कहीं पता नहीं चला. जब पूरा घर सूना और उजड़ा सा लगा तो बेटों को उन की अहमियत का पता चला. अब वे चाह रहे थे कि किसी भी तरह अम्मा घर वापस आ जाएं. इसीलिए हाजी फुरकान के आगे वे दुखड़ा रो रहे थे.

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दूसरे दिन हाजी फुरकान, गफूर मियां, जाबिर मियां और मजहबी कार्यक्रमों के नाम पर चंदा उगाहने वाले रशीद अली को ले कर रेहान के घर पर पहुंच गए. आंगन में दरी बिछा कर उस पर कालीन डाल दी गई और बीच में हुक्का व पानदान रख दिया गया.

‘‘बताओ मियां, क्या परेशानी है?’’ थोड़ी देर हुक्का गुड़गुड़ाने के बाद राशिद अली ने पूछा.

‘‘अम्मा का कुछ पता नहीं चल रहा है. पता नहीं किस हाल में हैं. दुनिया में हैं भी या नहीं?’’ रेहान ने बुझी आवाज में कहा.

‘‘देखो मियां, घबराओ नहीं, हम अपने इलम से अभी पता लगा लेते हैं,’’ जाबिर मियां ने तसल्ली दी, फिर सब से बोले, ‘‘सब लोग खामोश रहें. हमें अपना काम करने दें.’’

वे कुछ देर तक आंखें बंद कर के मुंह ऊपर उठा कर बुदबुदाते रहे. फिर धीरे से बोले, ‘‘बेटा, सब्र से काम लेना. हम ने पता लगा लिया है. तुम्हारी अम्मा अब इस दुनिया में नहीं हैं.’’

‘‘आप ने कैसे पता लगाया?’’ जुबैर ने जिज्ञासावश पूछना चाहा कि गफूर मियां ने उसे बीच में ही झिड़क दिया, ‘‘देखो बेटे, या तो हम पर यकीन करो या फिर हमें बुलाते ही नहीं.’’ फिर हाजी फुरकान पर बिगड़ते हुए बोले, ‘‘मियां, कैसे दीन से फिरे हुए लोगों के घर ले आए हमें. चलो, जाबिर मियां. यहां रुकना अब ठीक नहीं है.’’

इस पर हाजी फुरकान ने जुबैर को डांटना शुरू कर दिया, ‘‘तुम लोग क्या जाबिर मियां को ऐसावैसा समझ रहे हो. बड़े पहुंचे हुए हैं. अपने कब्जे में की हुई रूहानी ताकतों से वे सात समंदर पार की खबर निकाल लेते हैं, यह तो फिर भी यहीं का मामला है. और सुनो, मेरे कहने से तो आ भी गए, वरना ऐसीवैसी जगह तो वैसे भी ये लोग हाथ नहीं डालते हैं,’’ फिर गफूर मियां और जाबिर मियां को समझाते हुए बोले, ‘‘बच्चा है, गलती से पूछ बैठा. आप कहीं मत जाइए, आप की जो खिदमत करनी होगी, उस के लिए ये लोग तैयार हैं. मैं गारंटी लेता हूं.’’

थोड़ी देर तक नाकभौं सिकोड़ने के बाद जाबिर मियां दाढ़ी पर हाथ फेरते हुए रेहान से बोले, ‘‘देखो बेटे, आप की वालिदा को तो कोई वापस ला नहीं सकता, अलबत्ता उन को शांति मिले, इस के लिए काफी कुछ किया जा सकता है.’’

‘‘वह कैसे?’’ रेहान ने पूछा.

‘‘उन के जीतेजी जो ख्वाहिशें अधूरी रह गई हैं उन्हें पूरा कर के उन को सुकून मिल सकता है. बताओ, क्याक्या ख्वाहिशें थीं उन की? फिर हम ऐसे उपाय बताएंगे कि अम्मा को शांति मिल जाएगी और आप लोगों का प्रायश्चित्त भी हो जाएगा,’ जाबिर मियां उगलदान में पान की पीक थूकने के बाद बोले.

‘‘चचाजान, अम्मा को खीर, पान, रसगुल्ले, फल और मुरब्बे बहुत पसंद थे. बिरयानी भी चाव से खाती थीं,’’ फैजान ने बताया.

‘‘अजी मियां, ये दोचार बातें क्या बता रहे हो, हम ने अपने इलम से पता लगा लिया है कि उन्हें क्याक्या पसंद था,’’ जाबिर मियां हुक्का गुड़गुड़ाने के बाद बोले, ‘‘देखो बेटे, तुम्हारी अम्मा को जो पसंद था, उस की लिस्ट हम दे देते हैं. ये सारा सामान ले आओ, जब तक हम और साथियों को बुला लेते हैं.’’

रेहान ने जब लिस्ट देखी तो उस के होश उड़ गए. उस में 40 मुल्लाओं को धार्मिक अनुष्ठान के मौके पर मुर्गमुसल्लम, पुलाव, खीर, फल और मिठाई मिला कर 25 व्यंजन खिलाने और कपड़े दिए जाने के अलावा गफूर मियां और रशीद अली को अलग से 11-11 हजार रुपए दिए जाने की हिदायत दे डाली थी जाबिर मियां ने.

इन कठमुल्लों के फरमान को टालना तीनों भाइयों के बस की बात नहीं थी. फिर भी थोड़ी देर के लिए वे सोच में पड़ गए.

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उन्हें चुप देख कर हाजी फुरकान ने व्यंग्यात्मक शब्दों की तोप दागी, ‘‘मियां, ये लोग तो समझो मुफ्त में परेशानी दूर कर रहे हैं, वरना इस नेक काम के तो लाखों लेते हैं. और यह भी समझो कि अगर इन से आप लोगों का रिश्ता बना रहा तो अपनी रूहानी ताकत और तावीजगंडों से आगे भी इस घर को बुरी हवा से बचाए रखेंगे.’’

इस से आगे बढ़ कर गफूर मियां ने और डरा दिया, ‘‘बेटा, सोच लो, अगर मजहब की परंपराओं को भुला दिया तो इस घर को बरबाद होने से कोई नहीं बचा सकेगा, समझे. हमारा क्या, यहां नहीं तो दूसरों के दुखदर्द दूर करेंगे.’’

‘‘आप नाराज मत होइए. कल अम्मा का चालीसवां है. हम सारा इंतजाम कर देंगे. बस, आप दुआएं देते रहें, आप ही सहारा हैं,’’ रेहान उन के आगे गिड़गिड़ाने लगा.

दूसरे दिन सुबह से ही रेहान, जुबैर और फैजान व उन की पत्नियां चालीसवें के धार्मिक अनुष्ठान की तैयारी में जुट गए. घर के आंगन में बड़ी सी दरी बिछ गई, भट्ठियों पर देगें चढ़ा दी गईं और कठमुल्लों के प्रवचनों के लिए छत के कोनों पर लाउडस्पीकर लगा दिए गए.

दोपहर होतेहोते कठमुल्लों की भीड़ आंगन में इकट्ठी हो गई. जाबिर मियां के आदेश पर दरी के बीच में अम्मा की पसंद का नाम ले कर तरहतरह के पकवान सजा दिए गए. आरजू यह सब देख कर दुखी हो रही थी. वह खुले विचारों की थी और रूढि़यों व मजहब के नाम पर धंधेबाजों से उसे नफरत थी.

वह सोच रही थी कि मुसलिम समाज में कितना ढकोसला है. जब दादी अम्मा जीवित थीं तो ये बेटे उन को 2 रोटी और 1 कटोरी दालसब्जी नहीं देते थे और अब उन की मृत्यु हो जाने पर कितने पकवान उन के नाम पर बना रहे हैं, जिन्हें वे स्वयं ही खाएंगे. उसे जब इस ढकोसले से चिढ़ होने लगी तो कमरे में चली गई.

थोड़ी देर बाद जाबिर मियां ने प्रवचन शुरू किया. उन्होंने संबोधन के कुछ शब्द ही बोले थे कि दरवाजा खटखटाने की आवाज आई. कमरे से निकल कर आरजू ने जब दरवाजा खोला तो सामने दादी अम्मा खड़ी थीं, साथ में साजिद और मेहनाज भी थे.

कुछ पल के लिए आरजू चौंकी, फिर ‘दादी अम्मा’ कहते हुए उन से लिपट कर रोने लगी. जब दादी अम्मा आंगन में आईं तो उन्हें जिंदा देख कर अफरातफरी मच गई. तीनों बेटे और बहुएं उन्हें भय व आश्चर्य से देखने लगे.

‘‘घबराओ नहीं, अम्मा जिंदा हैं. लेकिन तुम लोगों ने तो इन्हें जीतेजी मार ही दिया था. जब इन्हें रोटी और कपड़ों की जरूरत थी तो पूछा नहीं और अब पकवानों व कपड़ों के ढेर लगा रहे हो. और ये लोग प्रवचन कर रहे हैं, इन की झूठी मौत का बहाना बना कर कमाई कर रहे हैं,’’ साजिद ने अपने दिल की भड़ास निकाल डाली.

आंगन में सन्नाटा सा छा गया. हाजी फुरकान और उन के साथ आए कठमुल्लों की सिट्टीपिट्टी गुम हो गई. उन्होंने वहां से खिसकने में ही भलाई समझी. कठमुल्लों के जाने के बाद सारे बच्चे अम्मा से लिपट गए.

‘‘कहां चली गई थीं, दादी अम्मा, मुझे छोड़ कर?’’ आरजू ने आंसू पोंछते हुए पूछा.

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‘‘मैं बताता हूं,’’ साजिद ने कहा. और फिर साजिद ने जो बताया उसे सुन कर बेटे और बहुएं शर्म से गड़ गए.

दरअसल, पिछली बार जब दादी अम्मा बीमार पड़ीं तो वे लापरवाह बेटों व बहुओं पर बोझ बनने और अपनी देखभाल न हो पाने के दुख से बचने के लिए दूसरे शहर में बुजुर्गों की देखभाल करने वाले संस्थान में चली गईं, ताकि बाकी जिंदगी वहीं काट सकें. वे साजिद और मेहनाज के पास भी यह सोच कर नहीं गईं कि जब सगे बेटेबहुएं अपने नहीं हुए तो दूर के रिश्तेदार पर बोझ क्यों बना जाए. इस की जानकारी होने पर साजिद और मेहनाज ने तमाम दौड़धूप के बाद उन का पता लगाया और किसी तरह उन्हें वापस घर आने के लिए राजी किया.

‘‘अम्मा, हमें माफ कर दो. हम से बड़ी भूल हो गई. अब हम कभी ऐसा नहीं करेंगे. हमें एक मौका दे दो,’’ कहते हुए तीनों बेटे और बहुएं दादी अम्मा के पास आ गए. उन्होंने एकएक कर के सब को गले लगाया. ऐसा करते उन की आंखों में खुशी के आंसू छलक आए.

दिशा परमार से लेकर चारू आसोपा तक, इन 7 हसीनाओं के Karva Chauth Look ने जीता फैंस का दिल

बीते दिन शादीशुदा महिलाओं ने Karva Chauth मनाया. वहीं सेलेब्स ने भी खास अंदाज में सजधजकर अपना व्रत तोड़ा, जिसकी फोटोज सोशलमीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है. आइए आपको दिखाते हैं टीवी हसीनाओं के Karva Chauth के सेलिब्रेशन की खास फोटोज…

दिशा परमार और राहुल वैद्य ने मनाया करवाचौथ

साल 2021 में शादी के बंधन में बंधने वाले दिशा परमार (Disha Parmar) और राहुल वैद्य ने अपना पहला करवाचौथ सेलिब्रेट किया. दोनों की फोटोज सोशलमीडिया पर फैंस का दिल जीत रहे हैं.

माही विज ने इस तरह मनाया करवाचौथ

रियलिटी शो बिग बौस में इन दिनों नजर आ रहे जय भानुशाली की वाइफ माही विज  (Mahhi Vij) ने भी पति के लिए व्रत रखा. हालांकि उन्होंने बेटी तारा के हाथों अपना व्रत खोला, जिसकी वीडियो माही विज ने अपने फैंस के साथ शेयर की.

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रुबीना दिलाइक ने भी किया सेलिब्रेट

 

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Bigg Boss 14 विनर रुबीना दिलाइक  (Rubina Dilaik) ने इस बार हिमाचल में जाकर करवाचौथ सेलीब्रेट किया है. इस दौरान जहां रुबीना दिलाइक ने अपनी मां के हाथ पर मेहंदी लगाई. तो वहीं अभिनव संग अपनी फोटोज फैंस के साथ शेयर की है.

चारू असोपा ने प्रैग्नेंसी में भी सेलिब्रेट किया करवाचौथ

 

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सुष्मिता सेन की भाभी चारू असोपा (Charu Asopa)ने प्रेग्नेंट होने के बावजूद करवाचौथ का व्रत रखा, जिसकी फोटोज उन्होंने अपने पति राजीव सेन के साथ शेयर की. फैंस दोनों की फोटोज शेयर पर प्यार लुटा रहे हैं.

धीरज धूपर और विन्नी धूपर ने मनाया करवाचौथ

कुंजली भाग्य एक्टर धीरज धूपर ने अपनी पत्नी विन्नी धूपर (Vinny Dhoopar) के साथ अपना एक और करवाचौथ सेलिब्रेट किया. इस दौरान उनका लुक देखकर फैंस तारीफें करते नहीं थक रहे हैं.

काम्या पंजाबी ने मनाया सेलिब्रेशन

 

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शक्ति अस्तित्व के एहसास की एक्ट्रेस काम्या पंजाबी  (Kamya Panjabi)ने अपने करवाचौथ सेलिब्रेशन की फोटोज शेयर की. इस दौरान वह रेड कलर की जगह पिंक कलर से फैंस का दिल जीतती नजर आए.

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फेस्टिव सीजन में करें Top Trends की शौपिंग, Amazon Fashion & Beauty

साल का सबसे रोमांचक समय आ गया है क्योंकि Amazon India का एक महीने तक चलने वाला Great Indian Festival 3 अक्टूबर से सभी के लिए लाइव हो गया है. अब फैस्टिव सीजन में घर बैठे ही खरीदे कपड़ों से लेकर मेकअप प्रोड्क्ट, एक्सेसरीज़, स्किनकेयर, फुटवियर, बैग और ज्वैलरी. फैशन और ब्यूटी से जुड़े सारे सामान के साथ 40 लाख+ स्टाइलिश प्रोडक्ट और 1000+ बड़े ब्रांड्स पर भारी छूट के साथ हर मौके के लिए Amazon.in की मुफ्त और फास्ट डिलीवरी, जो आपके घर तक सुरक्षित रूप से पहुंचाई जाएंगी.

इसी के साथ आप के पास है कुछ पॉकेट फ्रेंडली डील्स, जिनका फायदा आप Great Indian Festival के दौरान उठा सकते हैं. नीचे देखें पूरी रेंज….

कपड़ों पर पाएं 70% तक की छूट:

महिलाओं के एथनिक वियर:

फेस्टिव सीज़न एथनिक वियर पहनने का सबसे अच्छा समय है. चाहे एम्ब्रॉयडर्ड और एम्बेलिश्ड कुर्ता सेट हो या इवनिंग फेस्टिव पार्टी के लिए सिल्क साड़ियां या सिंपल मोनोटोन या फिर डे पार्टी में के लिए कॉन्ट्रास्ट मिक्स-एंड मैच-कुर्ता और स्ट्रेट-कट पैंट्स. सब कुछ मिलेगा किफायती दाम में.

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Men’s फॉर्मल्स:

स्मार्ट नेहरू जैकेट चुनकर फेस्टिव सीजन में अपने स्टाइल को चार चांद लगाएं. वहीं इस लुक को फॉर्मल शर्ट और ट्राउजर के साथ पेयर करें. अलग-अलग कलर और सुंदर पैटर्न में जैकेट ढूंढे, जिन्हें आप डेनिम के साथ भी कैरी कर सकते हैं.

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किड्स स्मार्ट एथनिक:

फेस्टिव सीजन में अपने बच्चों के लिए खरीदे एक से बढ़कर एक एथनिक वियर. आरामदायक कपड़ों के साथ ही चुने फैशनेबल कपड़े, ताकि उन्हें पहनकर बच्चे फेस्टिव सीजन का लुत्फ उठा सकें.

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मेकअप:

Contouring, स्मोकी आईज और परफेक्ट बेस के साथ इस फेस्टिव सीजन में अपने लुक को लेटेस्ट मेकअप प्रौडक्ट से सजाएं. लिपस्टिक, लिप कलर्स और आई शैडो के साथ ऐसा प्राइमर चुनना न भूलें जो आपके सभी लुक्स को और खूबसूरत बनाएगा.

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मेन्स ग्रूमिंग:

फैस्टिव सीजन में लड़को के लिए भी एक अच्छा लुक होना बेहद जरुरी है. इसके लिए आपके पास होने चाहिए सही टूल्स और ग्रूमिंग किट, जो आपके लुक को बैलेंस करने का काम करेगा. साथ ही डेली क्लींजर और मॉइस्चराइजर के साथ एक बेसिक स्किनकेयर रूटीन देगा आपको परफेक्ट लुक.

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एक्सेसरीज पर पाएं 40% तक की छूट:

महिलाओं के ज्वैलरी:

किसी आउटफिट को बैलेंस लुक देने के लिए सबसे ज्यादा समय मैचिंग एक्सेसरीज ढूंढने में लगता है. इस फैस्टिव सीजन कुछ औप्शन्स को ट्राय करना ना भूलें, जैसे- ऑक्सीडाइज़्ड डैंगलर्स और चूड़ियां, एक परफेक्ट कुंदन सेट और एक जोड़ी पायल और कुछ गोल्ड प्लेटेड ज्वैलरी, जो आपके लुक को चार चांद लगा देगें.

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मैन्स और वूमन्स के लिए Leather की सैंडल:

फेस्टिव सीजन में अगर आपको चाहिए फुटवियर का स्मार्ट कलेक्शन हैं तो ये लेदर सैंडल और शूज चुन सकते हैं. Leather के सैंडल आपके लगभग सभी लुक के साथ मैच हो सकते हैं. चाहे वह कैज़ुअल हो या ट्रेडिशनल या ऑफिस वियर.

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Anupama को ताले में बंद करेगा वनराज!अनुज की खातिर हर दीवार को पार करेगी अनु

टीआरपी चार्ट्स में नंबर 1 पर बना टीवी शो अनुपमा में इन दिनों मेकर्स कई ट्विस्ट ला रहे हैं. दरअसल, जहां एक तरफ बा और वनराज, अनुज के साथ अनुपमा की दोस्ती के खिलाफ हैं तो वहीं बापूजी और समर, अनुपमा को उसके दिल की बात सुनने को कह रहे हैं. इसी बीच सीरियल की कहानी में नए मोड़ आने वाले हैं. आइए आपको बताते हैं क्या होगा शो में आगे…

अनुपमा के चरित्र पर उठे सवाल

 

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अब तक आपने देखा कि दशहरा सेलिब्रेशन में अनुज और अनुपमा साथ डांस करते हैं, जिसे देखकर मोहल्‍ले के लोग बातें बनाते हैं. दरअसल, लोग कहेंगे कि जहां समर की मां अनुपमा एक अमीर बिजनेस टाइकून अनुज को डेट कर रही हैं. तो वहीं समर अपने से बड़ी उम्र की लड़की के साथ रिश्ता बना रहा है. इसी बात का पता बा को पता चल जाएगा और वह वनराज को पूरी बात बताएगी.

 

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काव्या करेगी हद पार

 

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अपकमिंग एपिसोड में आप देखेंगे कि काव्या अपनी नौकरी के पहले दिन औफिस जाएगी और बिना खटखटाए अनुज के कैबिन में घुस जाएगी, जिसके चलते अनुज, काव्या को वौर्निंग देगा. लेकिन काव्या अपनी हरकतों से बाज नहीं आएगी और औफिस के लोगों को अनुपमा के खिलाफ भड़काएगी. लेकिन अनुज, काव्या की पूरी बात सुन लेगा और पूरे औफिस के सामने काव्या को नौकरी से निकाल देगा, जिसके कारण गुस्से में काव्या, अनुज और अनुपमा के रिश्ते पर सवाल उठाएगी और बुरा भला कहेगी हालांकि अनुपमा उसे थप्पड़ मारने की वौर्निंग देगी.

 

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अनुपमा उठाएगी ये कदम

दूसरी तरफ, हर बार की तरह वनराज, एक बार फिर अनुपमा पर बरसेगा और उसका अपमान करेगा. लेकिन अनुपमा अपने कानों से कॉटन बॉल निकालेगी और कहेगी वह उसकी बात नहीं सुनेगी इसलिए गुस्सा करना और बीपी बढ़ाना बंद करने के लिए ताना मारेगी. इसी तरह अगली सुबह वनराज, अनु को घर से निकलने से रोकने के लिए गेट बंद कर देगा. लेकिन वह वनराज के सामने दीवार पर चढ़ जाएगी और बाहर निकल जाएगी और अनुज के साथ कार में चली जाएगी, जिसे देखकर वनराज गुस्से में आ जाएगा.

 

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Diwali Special: अनूठे उपहार बढ़ाएं पति- पत्नी और परिवार में प्यार

उपहारों का लेनदेन दीवाली की परंपरा का अटूट हिस्सा है. उपहारों के लेनदेन से रिश्तों में नजदीकियां बढ़ती हैं और अपनेपन का एहसास होता है. ऐसे में आप

अपने खास रिश्ते यानी अपनी प्यारी पत्नी को भला कैसे भूल सकते हैं? वैसे उपहार तो आप ने कई बार दिया होगा, लेकिन इस दीवाली अपनी बैटर हाफ को दीजिए कुछ ऐसे उपहार जिन से आप की दीवाली हो जाए रिश्तों के अटूट बंधन से रोशन.

आभूषण: सोने और चांदी के जेवर तो छोटेबड़े अवसरों पर आप पत्नी को तोहफे में देते ही होंगे. इस बार व्हाइट गोल्ड, प्लैटिनम, डायमंड या पर्ल सैट उपहार में दें. इस से अपने ज्वैलरी कलैक्शन में नई तरह की स्टाइलिश व ट्रैंडी ज्वैलरी बढ़ने से आप की लाइफ पार्टनर की मुसकान खिल उठेगी. और फिर आभूषण तो महिलाओं की पहली पसंद हैं ही.

ट्रेडमिल

अगर आप अपनी लाइफपार्टनर को फिटनैस व हैल्थ का उपहार देना चाहते हैं, तो यह एक बेहतर औप्शन है. ट्रेडमिल पर वर्कआउट करने से उन्हें अनेक फायदे होंगे. ट्रेडमिल पर वर्कआउट से स्ट्रैस से मुक्ति मिलती है और औक्सीजन की मात्रा बढ़ जाती है. ट्रेडमिल पर दौड़ना उन के दिल को भी दुरुस्त रखेगा. ट्रेडमिल पर वर्कआउट करने से पसीना आता है, जिस से त्वचा के पोर्स खुल जाते हैं और त्वचा के टौक्सिंस बाहर निकल जाते हैं. इस से त्वचा चमकदार हो जाती है. बौडी के अतिरिक्त फैट को बर्न करने में भी 10-15 मिनट का ट्रेडमिल वर्कआउट काफी है. इस पर वर्कआउट शरीर के मैटाबोलिज्म को भी बढ़ाता है, जिस से आप की पत्नी हमेशा ऐनर्जेटिक रहेंगी.

ट्रेडमिल खरीदते समय ध्यान रखें

– वह मोटराइज्ड हो.

– बर्न होने वाली कैलोरी उस के मौनिटर पर दिखे.

– शौकर सिस्टम की क्वालिटी अच्छी हो.

– स्टैबलाइजर कनैक्टेड हो ताकि लाइट जाने पर वह एकदम से बंद न हो.

– बैल्ट व बैल्ट को मूव कराने वाला डैक अच्छे मैटीरियल का हो.

– साइड बार्स हों ताकि बैलेंस बिगड़ने पर सपोर्ट मिल सके.

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स्कूटी

इस दीवाली पर आप अपनी पत्नी को स्कूटी का यूनीक गिफ्ट भी दे सकते हैं. स्कूटी से न केवल उन का आत्मविश्वास बढ़ेगा, बल्कि वे आत्मनिर्भर भी बनेंगी. बच्चों को स्कूल से लाना, ले जाना हो या ब्यूटीपार्लर जाना हो या फिर घर के अन्य कई काम निबटाने हों, आप का यह यूनीक गिफ्ट उन के बहुत काम आएगा. फिर जबजब वे स्कूटी का प्रयोग करेंगी मन ही मन आप को धन्यवाद देंगी.

वेइंग मशीन

अगर आप चाहते हैं कि आप की पत्नी स्लिमट्रिम व मौडलों जैसी दिखें तो इस दीवाली पर उन्हें बतौर गिफ्ट दीजिए वेइंग मशीन ताकि उस के प्रयोग से वे अपने घटतेबढ़ते वजन पर नजर रख स्लिमट्रिम बनी रहें. बाजार में औटो औन ऐंड औफ फैसिलिटी वाली प्लास्टिक और ग्लास प्लेटफौर्म की अनेक वेइंग मशीनें मौजूद हैं, जिन में एलईडी इंडिकेटर लाइट, मैक्सिमम वेट कैपैसिटी, डिजिटल एलसीडी डिस्प्ले जैसी खूबियां हैं. इन से वजन पर नियंत्रण रखा जा सकता है व बीएमआई का निर्धारण कर के डाइट प्लान बनाया जा सकता है. इस उपहार का प्रयोग कर के आप की पत्नी दिखेंगी हमेशा हैल्दी ऐंड फिट.

एअरकंडीशनर

जब बाहर का मौसम गरम हो तो बैडरूम के मिजाज को ठंडा करने के लिए आप अपनी पत्नी को एसी गिफ्ट कर सकते हैं. इस दीवाली आप का उपहार के रूप में दिया गया यह एसी जून की तपती गरमी में उन के मूड को फ्रैश रखेगा और वे हमेशा खिलीखिली रहेंगी, जिस का पूरा क्रैडिट आप को जाएगा. बाजार में विंडो एसी और स्प्लिट एसी के अनेक औप्शन मौजूद हैं और जहां तक विंडो एसी की बात है, तो वे 1 टन से 1.5 टन के वैरिऐट्स में मिलते हैं. साथ ही इस समय बाजार में 2 स्टार से 5 स्टार+ तक के एसी मौजूद हैं, जो परफैक्ट कूलिंग देने के साथसाथ पावर सेवर्स का काम भी करते हैं. वे आप की पत्नी को भी कंफर्टेबल व हैल्दी माहौल देंगे.

किचन टैलीविजन

इस दीवाली अपनी पत्नी को दीजिए किचन में आप की मनपसंद डिशेज बनाते वक्त अपनी मनपसंद मूवीज व कार्यक्रमों को देखने का मौका. ऐसा आप उन्हें किचन टैलीविजन का गिफ्ट दे कर कर सकते हैं. यकीन मानिए यह उन के लिए एक सुखद सरप्राइज होगा. बाजार में एलईडी, एचडी, एलसीडी, 15 इंच, 16 इंच आदि अनेक साइजों के टैलीविजन मौजूद हैं. खाना बनाते हुए उन से किसी भी धारावाहिक का ऐपिसोड मिस नहीं होगा और इस के लिए वे हमेशा आप की आभारी रहेंगी. यह आप दोनों के बीच के प्यार की कैमिस्ट्री को और स्ट्रौंग करेगा.

सिक्योरिटी सिस्टम

आप की जिंदगी में आप की पत्नी से महत्त्वपूर्ण भला और क्या होगा? तो फिर आप उन की सुरक्षा की अनदेखी भला कैसे कर सकते हैं? इस दीवाली अपनी प्यारी पत्नी को दीजिए सुरक्षा का तोहफा यानी सिक्योरिटी सिस्टम का गिफ्ट. यह सिक्योरिटी सिस्टम सिक्योरिटी गार्ड से बेहतर आप की पत्नी की सुरक्षा करेगा. इस सिक्योरिटी सिस्टम को लगवा कर आप टैंशन फ्री रह सकते हैं. स्मोक इंडिकेटर, फायर से सुरक्षा, अनजान लोगों को पहचानने के बाद घर में ऐंट्री वाले इन सिक्योरिटी सिस्टम्स में फिंगर प्रिंट लौक्स, बिना चाबी के दरवाजा खोलने की सुविधा यानी डुप्लीकेट चाबी बनाने का औप्शन ही नहीं, वीडियो डोर फोन, टू वे कम्युनिकेशन, स्पीकर सिस्टम, अंदर से इलैक्ट्रौनिक लौक खोलने की सुविधा आदि बहुत कुछ होता है. यानी आप की ‘जान’ की जान की सुरक्षा का सर्वोत्तम उपहार. इस से उपयोगी उपहार भला और कोई हो सकता है?

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आईटी गैजेट्स

क्या आप की भी ख्वाहिश है कि आप की पत्नी टैक्नोसेवी हों, टैक्नोलौजी के नएनए गैजेट्स से वे अपडेटेड रहें तो इस के लिए इस दीवाली आप उन्हें आईटी गैजेट्स का तोहफा उपहार स्वरूप दे सकते हैं. आईटी गैजेट्स में गिफ्टिंग के अनेक औप्शन मौजूद हैं. मसलन, स्मार्टफोन, आईपैड, आईपौड, टैबलेट, लैपटौप, हैंडीकैम, जीपीएस फिटनैस ट्रेनर जैसे गैजेट्स मार्केट में हैं. अगर आप हसीन पलों को संजो कर रखना चाहते हैं तो हैंडीकैम एक अच्छा गिफ्ट औप्शन हो सकता है.

जीपीएस फिटनैस ट्रैकर

इस गैजेट में स्मार्ट एमपी3 प्लेयर है, जो स्वैटप्रूफ व स्टाइलिश है. इस में जीपीएस हार्ट रेट कैपेबिलिटी है. यह ऐंड्रौयड बेस है. यह आप की रनिंग ऐक्टिविटी और इस का जीपीएस आप की दूरी को नापने का काम करता है. यह गैजेट आप की पत्नी को फिट रखने में मदद करेगा.

आप चाहें तो अपनी पत्नी को आईपौड का भी उपहार दे सकते हैं जिस में उन की पसंद का गीतसंगीत हो. पक्की बात है यह गिफ्ट पा कर वे अवश्य रोमानी हो जाएंगी.

इस के अलावा आप उन्हें स्मार्टफोन या टैबलेट भी उपहारस्वरूप दे सकते हैं, जिस से न केवल आप दोनों के बीच की दूरी कम होगी वरन आप वैल कनैक्टेड भी रहेंगे. साथ ही आप की पत्नी औनलाइन बैंकिंग व इन्वैस्टमैंट जैसे फंडों को भी समझ कर आप की मदद कर सकेंगी.

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Diwali Special: मेकअप से दिखें परफेक्ट

दिवाली के त्यौहार आने में कुछ ही समय बाकि है और इस दिन भला खूबसूरत दिखने की चाहत किसकी नहीं होगी. लेकिन त्योहार पर सजने-संवरने और खूबसूरत दिखने की होड़ में अक्सर हम कुछ ऐसी गलतियां कर बैठते हैं जिससे हमारी सारी तैयारी फीकी पड़ जाती है.

अगर इस अवसर पर आप भी परफेक्ट दिखना चाहती हैं तो दिवाली पर मेकअप के दौरान इन बातों का जरूर रखें ध्यान.

न लगें आउटडेटेड

मेकअप करते समय सबसे बड़ी गलती जो हम लोग अक्सर कर जाते हैं वह ये कि हम लोग फेस्टिव सीजन के हिसाब से अपनी ड्रेस सेलेक्ट नहीं करते. इसके अलावा, बहुत डार्क और हेवी मेकअप कर लेते हैं. सबसे अहम व महत्वपूर्ण बात यह है कि मेकअप करते समय उसके लेटेस्ट ट्रेंड को जरूर जानें और मेकअप हमेशा ट्रेंड के हिसाब से ही करें.

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स्किन के मुताबिक करें मेकअप

यदि आपकी त्वचा ड्राइ है तो फेस क्लीनिंग के लिए हमेशा क्लींजिंग मिल्क का प्रयोग करें. साथ ही मेकअप के लिए क्रीमी प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल कर सकतें हैं. जबकि औयली सिकन वालों को फेस क्लीन करने के लिए एसिट्रंजेंट का प्रयोग करना चाहिए और मेकअप के लिए वाटर बेस्ड प्रोडक्ट इस्तेमाल करें.

आइशैडो को पाउडर फार्म में ही लगाना चाहिए. ड्राइ त्वचा पर क्रीमी ब्लशर और औयली पर पाउडर वाला ब्लशर इस्तेमाल कर सकते हैं. मैट लिपसिटक की बजाय यदि क्रीमी लिपस्टिक का प्रयोग करेंगे तो बेहतर होगा.

आंखों के लिए न्यूड मेकअप

लेटेस्ट ट्रेंड की यदि बात की जाएं तो इस समय आंखों पर न्यूड मेकअप का चलन है. आंखों को बिल्कुल लाइट रखने के लिए ब्रौन्ज, सिल्वरिश गोल्ड, कौपर या लाइट ब्राउन कलर के आइशैडो लगाएं. आंखों के कोनों पर डार्क ब्राउन कलर का आइशैडो लगाएं.

नाइट पार्टी के मेकअप में एक लाइन स्पार्कल की आइब्रोज के नीचे लगाकर हाइलाइट कर सकती हैं. आइलाइनर ब्लैक या ब्राउन कलर का सेलेक्ट कर सकती हैं और पलकों को घनी व खूबसूरत बनाने के लिए आइलैशज को आइलैश कर्लर से कर्ल करके लांग-लैश या मैजिक मस्कारा लगाएं. कंप्लीट लुक के लिए काजल जरूर लगाएं.

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Healthcare Tips: कोविड के इस मुश्किल समय में ख़ुद को कैसे सुरक्षित रखें?

त्योहारों का मौसम आ गया है और लोग छुट्टियों के मूड में आ चुके हैं. दीपावली की तैयारियां जोरों पर हैं, ऐसे में इस बात की जानकारी होना जरूरी है कि इस त्योहार को सुरक्षित, स्वस्थ और जिम्मेदार तरीके से कैसे मनाया जाए.

पारस हॉस्पिटल, गुरुग्राम के पल्मोनोलॉजी प्रमुख तथा सीनियर कंसल्टेंट डॉ अरुणेश कुमार ने इस पर अपनी राय देते हुए कहा, “चूंकि दिवाली सभी कम्यूनिटी को एक साथ लाती है, लेकिन महामारी की तीसरी लहर की शुरुआत अभी भी एक बड़ी चिंता का विषय बनी हुई है.  इसलिए स्वास्थ्य या सुरक्षा से समझौता किए बिना रोशनी का त्योहार मनाने के लिए उचित सावधानी और सावधानी बरतना ज़रूरी है.  दिवाली के दौरान किसी भी प्रकार की दुर्घटना या स्वास्थ्य पर नुक़सान से बचने के लिए कुछ सामान्य एहतियाती उपाय करना भी ज़रूरी है. ”

मैग्नेटो क्लीनटेक के सीईओ श्री हिमांशु अग्रवाल ने कहा, “दिवाली नजदीक आने से हमें प्रदूषण के स्तर में बढ़ोत्तरी होने से सावधान रहना चाहिए, यह प्रदूषण घर के अंदर और बाहर दोनों जगह मौजूद है और इसलिए खुद को उसी के अनुसार तैयार करें.  वैसे देखा गया है कि मुख्य रूप से बाहरी स्थानों में प्रदूषण पर ध्यान केंद्रित किया जाता है, हमें यह याद रखने की जरूरत है कि हमारे घरों के अंदर प्रदूषण का स्तर 5 गुना ज्यादा हो सकता है और यह हमारे रेस्पिरेटरी सिस्टम, हार्ट और इम्यूनिटी सिस्टम के लिए खतरनाक है.  वर्तमान समय में वायु प्रदूषण और भी खतरनाक है क्योंकि इससे कोरोनावायरस फैलने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है.  दिवाली पर पटाखों से दूरी बनाए रखना नामुमकिन है, इसलिए  प्रदूषण रहित दिवाली उत्सव की वस्तुओं जैसे हरे और पर्यावरण के अनुकूल पटाखे और दीयों का विकल्प चुनना चाहिए.  चूंकि हम भी कुछ पटाखे घर के अंदर ही फोड़ते हैं, इसलिए हमें ऐसा करने से बचना चाहिए.  अपने घरों के अंदर धार्मिक गतिविधियों के लिए इको फ्रेंडली अगरबत्ती जलानी चाहिए.  जितना संभव हो सके घर में वेंटिलेशन में सुधार करना चाहिए.  हालांकि सबसे अच्छा विकल्प यह है कि अपने घरों में एक हाई क्वालिटी  वाला एयर प्यूरीफायर  उपकरण स्थापित किया जाए, जो न केवल हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक दिवाली से संबंधित प्रदूषकों का खात्मा कर सकें, बल्कि यह भी सुनिश्चित कर सके कि हम दिवाली के बाद अपने घरों में भी स्वस्थ शुद्ध हवा में सांस लेते रहें. ”

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हेल्थकेयर विशेषज्ञों दुवारा पूरे उत्साह के साथ दिवाली का आनंद लेने के लिए 8 महत्वपूर्ण टिप्स दिए गए हैं.

फिजिकल डिस्टेंसिग बनाए रखें

दिवाली का त्योहार न केवल बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है बल्कि यह लोगों के रिश्तों को मजबूत करने के लिए उन्हे एक साथ लाता है.  हालाँकि इस दिवाली, चाहे कोई भी मज़ा और उत्साह हो, फिजिकल डिस्टेंसिग बनाए रखना महत्वपूर्ण है क्योंकि कोरोनावायरस की तीसरी लहर के खतरे को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता है.  फिजिकल डिस्टेंसिगदूरी कोविड-19 के फैलाव को कम करने में मदद करती है.  इसका मतलब है कि एक दूसरे से कम से कम 1 मीटर की दूरी बनाए रखना और भीड़-भाड़ वाली जगहों पर समय बिताने से बचना चाहिए.

मोमबत्ती या दीया जलाने से पहले सैनिटाइजर के इस्तेमाल से बचें

मोमबत्ती या दीया जलाने के दौरान विशेष रूप से अल्कोहल वाला सैनिटाइज़र का उपयोग नहीं करना चाहिए.  सैनिटाइज़र बहुत ज्वलनशील होता हैं और तुरंत आग पकड़ सकते हैं जिससे गंभीर आग का खतरा हो सकता है.  मोमबत्ती या दीया जलाने से पहले हमेशा हाथों को अच्छी तरह से धोना चाहिए.

मास्क लगाए रखें

कोविड-19 के फैलाव को रोकने के लिए एहतियाती उपाय बरतने के अलावा दिवाली के दौरान मास्क का उपयोग करना बहुत जरूरी है.  पटाखों के जलने से निकलने वाला धुंआ सांस की समस्या से जूझ रहे मरीजों को गंभीर समस्या पैदा कर सकता है और घरघराहट, खांसी या आंखों में जलन जैसे सांस संबंधी समस्याएं पैदा कर सकता है.

कपड़े ढंग से पहनें

दिवाली के दौरान लोग भव्य रूप से तैयार होते है, लेकिन सुरक्षित रूप से तैयार होना हमेशा महत्वपूर्ण होता है.  शिफॉन, जॉर्जेट, साटन और रेशमी कपड़े ऐसे ट्रेंडिंग कपड़े हैं जो त्योहारों के दौरान पहनना हर किसी को पसंद होता है, लेकिन ऐसे रेशों में आग लगने की आशंका ज्यादा होती है.  इसके बजाय सूती रेशम, सूती या जूट के कपड़ों को पहनना ज्यादा बेहतर होता है.  दिवाली समारोह के दौरान ढीले-ढाले कपड़ों से भी बचना चाहिए.

पोषणयुक्त और स्वस्थ भोजन खाएं

दिवाली में अक्सर मिठाई, स्नैक्स और अन्य आकर्षक चीज़ें बहुत खाई जाती  है.  इन चीज़ों को बहुत ज्यादा खाने से पेट खराब हो सकता है, गैस बन सकती है और हार्ट बर्न हो सकता है.  इसलिए पेट पर अनावश्यक दबाव डाले बिना दिन भर में थोड़ा थोड़ा भोजन करना  अच्छा होता है.  स्वस्थ, पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थ, फल और मेवे खाएं.  खुद को हाइड्रेट और ऊर्जावान बनाए रखने के लिए खूब पानी पिएं.  साथ ही नाश्ता और दोपहर का भोजन मिस न करें और हर तरह  की शारीरिक गतिविधि में भाग लें.

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पटाखे न जलाएं

भारत में दुनिया का सबसे ज्यादा वायु प्रदूषण है और दुनिया के 30 सबसे प्रदूषित शहरों में से 22 शहर भारत के हैं.  दिवाली के दौरान किसी भी प्रकार के पटाखे या कचरा जलाने से स्थिति और ख़तरनाक हो जायेगी.  पटाखे फोड़ने से निकलने वाले कार्बन के कण पहले से मौजूद एलर्जी को बढ़ा सकते हैं.  इसके अलावा वाष्प के कण लंबे समय तक नथुने से चिपके रह सकते हैं जो एलर्जिक राइनाइटिस की संभावना को बढ़ा सकते हैं और यहां तक ​​कि अस्थमा और ब्रोंकाइटिस के अटैक को भी बढ़ा सकते हैं.  साथ ही जश्न के नाम पर पटाखे फोड़ने से कोविड संक्रमित मरीजों की हालत और खराब हो सकती है.  प्रदूषण रेस्पिरेटरी सिस्टम को प्रभावित करता है और  कोरोनावायरस से भी सांस लेने में समस्या होती है.  कहा जाता है कि फेफड़ों के संक्रमण वाले लोगों में कोविड -19 के लिए प्री मोर्बिड कंडीशन होती है और उनके वायरस से संक्रमित होने की संभावना होती है.  इसलिए, इस कोविड में धुआं पैदा करने वाले पटाखों का फोड़ना विनाशकारी हो सकता है.

अपनी दवाओं को नियमित रूप से खाएं

दिवाली का त्यौहार अधिकांश परिवारों के लिए एक व्यस्त समय हो सकता है, यह महत्वपूर्ण है कि रोजमर्रा के कामों को न भूलें और समय पर दवाएं लेना याद रखें.  दवा खाने के लिए लोग अपने मोबाइल फोन पर रिमाइंडर भी सेट कर सकते हैं या रिमाइंडर नोट लिख सकते हैं और इसे बाथरूम के पीछे, सामने के दरवाजे या किसी अन्य जगह पर चिपका सकते हैं जहां यह ठीक से दिखाई दे.  अगर कोई व्यक्ति दवा लेना भूल जाता है, तो बेहतर होगा कि यथाशीघ्र दवा को खाएं  और तुरन्त अपने डॉक्टर से सलाह लें.

कोविड वैक्सीन लगवाएं

आपको चाहे कोविड हुआ हो या नहीं, आपको कोविड की वैक्सीन लगवानी बहुत ज़रूरी है.  इस बात के सबूत मिले हैं कि लोगों को पूरी तरह से टीका लगवाने से कोविड से बेहतर सुरक्षा मिलती है.  कोविड-19 की वैक्सीन किसी व्यक्ति को गंभीर रूप से बीमार होने से बचाने में भी मदद करती हैं.  वैक्सीन  लगवाने से अन्य लोगों को भी सुरक्षा  हो सकती है.

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नई सुबह : कौनसा हादसा हुआ था शीला के साथ

लेखक- राजेंद्र देवांगन

शीला का अंगअंग दुख रहा था. ऐसा लग रहा था कि वह उठ ही नहीं पाएगी. बेरहमों ने कीमत से कई गुना ज्यादा वसूल लिया था उस से. वह तो एक के साथ आई थी, पर उस ने अपने एक और साथी को बुला लिया था. फिर वे दोनों टूट पड़े थे उस पर जानवरों की तरह. वह दर्द से कराहती रही, पर उन लोगों ने तभी छोड़ा, जब उन की हसरत पूरी हो गई.

शीला ने दूसरे आदमी को मना भी किया था, पर नोट फेंक कर उसे मजबूर कर दिया गया था. ये कमबख्त नोट भी कितना मजबूर कर देते हैं.

जहां शीला लाश की तरह पड़ी थी, वह एक खंडहरनुमा घर था, जो शहर से अलग था. वह किसी तरह उठी, उस ने अपनी साड़ी को ठीक किया और ग्राहकों के फेंके सौसौ रुपए के नोटों को ब्लाउज में खोंस कर खंडहर से बाहर निकल आई. वह सुनसान इलाका था. दूर पगडंडी के रास्ते कुछ लोग जा रहे थे.

शीला से चला नहीं जा रहा था. अब समस्या थी कि घर जाए तो कैसे? वह ग्राहक के साथ मोटरसाइकिल पर बैठ कर आई थी. उसे बूढ़ी सास की चिंता थी कि बेचारी उस का इंतजार कर रही होगी. वह जाएगी, तब खाना बनेगा. तब दोनों खाएंगी.

शीला भी क्या करती. शौक से तो नहीं आई थी इस धंधे में. उस के पति ने उसे तनहा छोड़ कर किसी और से शादी कर ली थी. काश, उस की शादी नवीन के साथ हुई होती. नवीन कितना अच्छा लड़का था. वह उस से बहुत प्यार करता था. वह यादों के गलियारों में भटकते हुए धीरेधीरे आगे बढ़ने लगी.

शीला अपने मांबाप की एकलौती बेटी थी. गरीबी की वजह से उसे 10वीं जमात के बाद पढ़ाई छोड़नी पड़ी थी. उस के पिता नहीं थे. उस की मां बसस्टैंड पर ठेला लगा कर फल बेचा करती थी.

घर संभालना, सब्जी बाजार से सब्जी लाना और किराने की दुकान से राशन लाना शीला की जिम्मेदारी थी. वह अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाती थी. साइकिल पकड़ती और निकल पड़ती. लोग उसे लड़की नहीं, लड़का कहते थे.

एक दिन शीला सब्जी बाजार से सब्जी खरीद कर साइकिल से आ रही थी कि मोड़ के पास अचानक एक मोटरसाइकिल से टकरा कर गिर गई. मोटरसाइकिल वाला एक खूबसूरत नौजवान था. उस के बाल घुंघराले थे. उस ने आंखों पर धूप का रंगीन चश्मा पहन रखा था. उस ने तुरंत अपनी मोटरसाइकिल खड़ी की और शीला को उठाने लगा और बोला, ‘माफ करना, मेरी वजह से आप गिर गईं.’ ‘माफी तो मुझे मांगनी चाहिए. मैं ने ही अचानक साइकिल मोड़ दी थी,’ शीला बोली.

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‘नहीं, ऐसी कोई बात नहीं. आप को कहीं चोट तो नहीं आई?’

‘नहीं, मैं ठीक हूं,’ शीला उठ कर साइकिल उठाने को हुई, पर उस नौजवान ने खुद साइकिल उठा कर खड़ी कर दी.

वह नौजवान अपनी मोटरसाइकिल पर सवार हो गया और स्टार्ट कर के बोला, ‘‘क्या मैं आप का नाम जान सकता हूं?’’

‘शीला… और आप का?’

‘नवीन… अच्छा चलता हूं.’

इस घटना के 4 दिन बाद फिर दोनों की सब्जी बाजार में मुलाकात हो गई.

‘अरे, शीलाजी आप…’ नवीन चहका, ‘सब्जी ले रही हो?’

‘हां, मैं तो हर दूसरेतीसरे दिन सब्जी खरीदने आती हूं. आप भी आते हैं…?’

‘नहीं, सच कहूं, तो मैं यह सोच कर आया था कि शायद आप से फिर मुलाकात हो जाए…’ कह कर नवीन मुसकराने लगा, ‘अगर आप बुरा न मानें, तो क्या मेरे साथ चाय पी सकती हैं?’

‘चाय तो पीऊंगी… लेकिन यहां नहीं. कभी मेरे घर आइए, वहीं पीएंगे,’ कह कर शीला ने उसे घर का पता दे दिया.शीला आज सुबह से नवीन का इंतजार कर रही थी. उसे पूरा यकीन था कि नवीन जरूर आएगा. वह घर पर अकेली थी. उस की मां ठेला ले कर जा चुकी थी, तभी मोटरसाइकिल के रुकने की आवाज आई. वह दौड़ कर बाहर आ गई. नवीन को देख कर उस का मन खिल उठा, ‘आइए… आइए न…’

नवीन ने शीला के झोंपड़ी जैसे कच्चे मकान को गौर से देखा और फिर भीतर दाखिल हो गया. शीला ने बैठने के लिए लकड़ी की एक पुरानी कुरसी आगे बढ़ा दी और चाय बनाने के लिए चूल्हा फूंकने लगी.

‘रहने दो… क्यों तकलीफ करती हो. चाय तो आप के साथ कुछ पल बिताने का बहाना है. आइए, पास बैठिए कुछ बातें करते हैं.’

दोनों बातों में खो गए. नवीन के पिता सरकारी नौकरी में थे. घर में मां, दादी और बहन से भरापूरा परिवार था. वह एक दलित नौजवान था और शीला पिछड़े तबके से ताल्लुक रखती थी. पर जिन्हें प्यार हो जाता है, वे जातिधर्म नहीं देखते.

इस बात की खबर जब शीला की मां को हुई, तो उस ने आसमान सिर पर उठा लिया. दोनों के बीच जाति की दीवार खड़ी हो गई. शीला का घर से निकलना बंद कर दिया गया. शीला के मामाजी को बुला लिया गया और शीला की शादी बीड़ी कारखाने के मुनीम श्यामलाल से कर दी गई.

शीला की शादी होने की खबर जब नवीन को हुई, तो वह तड़प कर रह गया. उसे अफसोस इस बात का रहा कि वे दोनों भाग कर शादी नहीं कर पाए. सुहागरात को न चाहते हुए भी शीला को पति का इंतजार करना पड़ रहा था. उस का छोटा परिवार था. पति और उस की दादी मां. मांबाप किसी हादसे का शिकार हो कर गुजर गए थे.

श्यामलाल आया, तो शराब की बदबू से शीला को घुटन होने लगी, पर श्यामलाल को कोई फर्क नहीं पड़ना था, न पड़ा. आते ही उस ने शीला को ऐसे दबोच लिया मानो वह शेर हो और शीला बकरी. शीला सिसकने लगी. उसे ऐसा लग रहा था, जैसे आज उस की सुहागरात नहीं, बल्कि वह एक वहशी दरिंदे की हवस का शिकार हो गई हो.

सुबह दादी की अनुभवी आंखों ने ताड़ लिया कि शीला के साथ क्या हुआ है. उस ने शीला को हिम्मत दी कि सब ठीक हो जाएगा. श्यामलाल आदत से लाचार है, पर दिल का बुरा नहीं है. शीला को दादी मां की बातों से थोड़ी राहत मिली.

एक दिन शाम को श्यामलाल काम से लौटा, तो हमेशा की तरह शराब के नशे में धुत्त था. उस ने आते ही शीला को मारनापीटना शुरू कर दिया, ‘बेहया, तू ने मुझे धोखा दिया है. शादी से पहले तेरा किसी के साथ नाजायज संबंध था.’

‘नहीं…नहीं…’ शीला रोने लगी, ‘यह झूठ है.’

‘तो क्या मैं गलत हूं. मुझे सब पता चल गया है,’ कह कर वह शीला पर लातें बरसाने लगा. वह तो शायद आज उसे मार ही डालता, अगर बीच में दादी न आई होतीं, ‘श्याम, तू पागल हो गया है क्या? क्यों बहू को मार रहा है?’

‘दादी, शादी से पहले इस का किसी के साथ नाजायज संबंध था.’

‘चुप कर…’ दादी मां ने कहा, तो श्यामलाल खिसिया कर वहां से चला गया.

‘बहू, यह श्यामलाल क्या कह रहा था कि तुम्हारा किसी के साथ…’

‘नहीं दादी मां, यह सब झूठ है. यह बात सच है कि मैं किसी और से प्यार करती थी और उसी से शादी करना चाहती थी. मेरा विश्वास करो दादी, मैं ने कोई गलत काम नहीं किया.’

‘मैं जानती हूं बहू, तुम गलत नहीं हो. समय आने पर श्याम भी समझ जाएगा.’ और एक दिन ऐसी घटना घटी, जिस की कल्पना किसी ने नहीं की थी. श्यामलाल ने दूसरी शादी कर ली थी और अलग जगह रहने लगा था.

श्यामलाल की कमाई से किसी तरह घर चल रहा था. उस के जाने के बाद घर में भुखमरी छा गई. शीला मायके में कभी काम पर नहीं गई थी, ससुराल में किस के साथ जाती, कहां जाती. घर का राशन खत्म हो गया था.

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दादी के कहने पर शीला राशन लाने महल्ले की लाला की किराने की दुकान पर पहुंच गई. लाला ने चश्मा लगा कर उसे ऊपर से नीचे तक घूर कर देखा, फिर उस की ललचाई आंखें शीला के उभारों पर जा टिकीं. ‘मुझे कुछ राशन चाहिए. दादी ने भेजा है,’ शीला को कहने में संकोच हो रहा था.

‘मिल जाएगा, आखिर हम दुकान खोल कर बैठे क्यों हैं? पैसे लाई हो?’

शीला चुप हो गई. ‘मुझे पता था कि तुम उधार मांगोगी. अपना भी परिवार है. पत्नी है, बच्चे हैं. उधारी दूंगा, तो परिवार कैसे पालूंगा? वैसे भी तुम्हारे पति ने पहले का उधार नहीं दिया है. अब और उधार कैसे दूं?’

शीला निराश हो कर जाने लगी.

‘सुनो…’

‘जी, लालाजी.’

‘एक शर्त पर राशन मिल सकता है.’

‘बोलो लालाजी, क्या शर्त है?’

‘अगर तुम मुझे खुश कर दो तो…’

‘लाला…’ शीला बिफरी, ‘पागल हो गए हो क्या? शर्म नहीं आती ऐसी बात करते हुए.’

लाला को भी गुस्सा आ गया, ‘निकलो यहां से. पैसे ले कर आते नहीं हैं. उधार में चाहिए. जाओ कहीं और से ले लो…’

शीला को खाली हाथ देख कर दादी ने पूछा, ‘क्यों बहू, लाला ने राशन नहीं दिया क्या?’

‘नहीं दादी…’

‘मुझ से अब भूख और बरदाश्त नहीं हो रही है. बहू, घर में कुछ तो होगा? ले आओ. ऐसा लग रहा है, मैं मर जाऊंगी.’

शीला तड़प उठी. मन ही मन शीला ने एक फैसला लिया और दादी मां से बोली, ‘दादी, मैं एक बार और कोशिश करती हूं. शायद इस बार लाला राशन दे दे.’

‘लाला, तुम्हें मेरा शरीर चाहिए न… अपनी इच्छा पूरी कर ले और मुझे राशन दे दे…’ लाला के होंठों पर कुटिल मुसकान तैर गई, ‘यह हुई न बात.’

लाला उसे दुकान के पिछवाड़े में ले गया और अपनी हवस मिटा कर उसे कुछ राशन दे दिया. इस के बाद शीला को जब भी राशन की जरूरत होती, वह लाला के पास पहुंच जाती. एक दिन हमेशा की तरह शीला लाला की दुकान पर पहुंची, पर लाला की जगह उस के बेटे को देख कर ठिठक गई.

‘‘क्या हुआ… अंदर आ जाओ.’’

‘लालाजी नहीं हैं क्या?’

‘पिताजी नहीं हैं तो क्या हुआ. मैं तो हूं न. तुम्हें राशन चाहिए और मुझे उस का दाम.’

‘इस का मतलब?’

‘मुझे सब पता है,’ कह कर शीला को दुकान के पिछवाड़े में जाने का इशारा किया. अब तो आएदिन बापबेटा दोनों शीला के शरीर से खेलने लगे. इस की खबर शीला के महल्ले के एक लड़के को हुई, तो वह उस के पीछे पड़ गया.

शीला बोली, ‘पैसे दे तो तेरी भी इच्छा पूरी कर दूं.’ यहीं से शीला ने अपना शरीर बेचना शुरू कर दिया था. एक से दूसरे, दूसरे से तीसरे. इस तरह वह कई लोगों के साथ सो कर दाम वसूल कर चुकी थी. उस की दादी को इस बात की खबर थी, पर वह बूढ़ी जान भी क्या करती.

शीला अब यादों से बाहर निकल आई थी. दर्द सहते, लंगड़ाते हुए वह भीड़भाड़ वाले इलाके तक आ गई थी. उस ने रिकशा रोका और बैठ गई अपने घर की तरफ जाने के लिए.

एक दिन हमेशा की तरह शीला चौक में खड़े हो कर ग्राहक का इंतजार कर रही थी कि तभी उसे किसी ने पुकारा, ‘शीला…’

शीला ग्राहक समझ कर पलटी, लेकिन सामने नवीन को देख कर हैरान रह गई. वह अपनी मोटरसाइकिल पर था. ‘‘तुम यहां क्या कर रही हो?’’ नवीन ने पूछा.

शीला हड़बड़ा गई, ‘‘मैं… मैं अपनी सहेली का इंतजार कर रही थी.’’

‘‘शीला, मैं तुम से कुछ बात करना चाहता हूं.’’

‘‘बोलो…’’

‘‘यहां नहीं… चलो, कहीं बैठ कर चाय पीते हैं. वहीं बात करेंगे.’’

शीला नवीन के साथ नजदीक के एक रैस्टोरैंट में चली गई.

‘‘शीला,’’ नवीन ने बात की शुरुआत की, ‘‘मैं ने तुम से शादी करने के लिए अपने मांपापा को मना लिया था, लेकिन तुम्हारे परिवार वालों की नापसंद के चलते हम एक होने से रह गए.’’ ‘‘नवीन, मैं ने भी बहुत कोशिश की थी, लेकिन हम दोनों के बीच जाति की एक मजबूत दीवार खड़ी हो गई.’’

‘‘खैर, अब इन बातों का कोई मतलब नहीं. वैसे, तुम खुश तो हो न? क्या करता है तुम्हारा पति? कितने बच्चे हैं तुम्हारे?’’

शीला थोड़ी देर चुप रही, फिर सिसकने लगी, ‘‘नवीन, मेरे पति ने दूसरी शादी कर ली है,’’ शीला ने अपनी आपबीती सुना दी.

‘‘तुम्हारे साथ तो बहुत बुरा हुआ,’’ नवीन ने कहा.

‘‘तुम अपनी सुनाओ. शादी किस से की? कितने बच्चे हैं?’’ शीला ने पूछा.

‘‘एक भी नहीं. मैं ने अब तक शादी नहीं की.’’

‘‘क्यों?’’

‘‘क्योंकि मुझे तुम जैसी कोई लड़की नहीं मिली.’’

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शीला एक बार फिर तड़प उठी.

‘‘शीला, मेरी जिंदगी में अभी भी जगह खाली है. क्या तुम मेरी पत्नी…’’

‘‘नहीं… नवीन, यह मुमकिन नहीं है. मैं पहली वाली शीला नहीं रही. मैं बहुत गंदी हो गई हूं. मेरा दामन मैला हो चुका है. मैं तुम्हारे लायक नहीं रह गई हूं.’’

‘‘मैं जानता हूं कि तुम गलत राह पर चल रही हो. पर, इस में तुम्हारा क्या कुसूर है? तुम्हें हालात ने इस रास्ते पर चलने को मजबूर कर दिया है. तुम चाहो, तो इस राह को अभी भी छोड़ सकती हो. मुझे कोई जल्दी नहीं है. तुम सोचसमझ कर जवाब देना.’’

इस के बाद नवीन ने चाय के पैसे काउंटर पर जमा कए और बाहर आ गया. शीला भी नवीन के पीछे हो ली.नवीन ने मोटरसाइकिल स्टार्ट कर के कहा, ‘‘मुझे तुम्हारे जवाब का इंतजार रहेगा. उम्मीद है कि तुम निराश नहीं करोगी,’’ कह कर नवीन आगे बढ़ गया.

शीला के पैर जमीन पर नहीं पड़ रहे थे. उस ने तो सपने में भी नहीं सोचा था कि वक्त उसे दलदल से निकलने का एक और मौका देगा. अभी शीला आगे बढ़ी ही थी कि एक नौजवान ने उस के सामने अपनी मोटरसाइकिल रोक दी, ‘‘चलेगी क्या?’’

‘‘हट पीछे, नहीं तो चप्पल उतार कर मारूंगी…’’ शीला गुस्से से बोली और इठलातीइतराती अपने घर की तरफ बढ़ गई.

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सर्दी के मौसम में ऐसे पाएं झड़ते बालों से छुटकारा

सर्दी जल्द ही दस्तक देने वाली है. लेकिन इसके साथ ही कई प्रौब्लम्स की भी शुरुआत होने वाली है. इस मौसम में बेजान और गिरते बालों की प्रौब्लम सबसे ज्यादा होती है, जिससे छुटाकरा पाने के लिए मार्केट में कई औप्शन मौजूद हैं. लेकिन क्या आपने इस समस्या के लिए कभी कोई आयुर्वेदिक इलाज ट्राय किया है. अगर नहीं तो आज हम आपको बताएंगे सर्दियों में झड़ते बालों की प्रौब्लम और उससे छुटकारा पाने के लिए आयुर्वेदिक इलाज के बारे में….

सर्दियों में बाल गिरने के कारण

सर्दियों में बालों से जुड़ी प्रौब्लम होना आम बात है और इसके कई कारण हो सकते हैं, जैसे- स्किन ड्राय होने के कारण रूसी यानी डैंड्रफ की परेशानी. वहीं कई लोग बालों को सही ढंग से सुखाते नहीं हैं, जिसके कारण भी बालों के टूटने की समस्या होती है. इसके अलावा बहुत ज्यादा शैम्पू और कैमिकल वाले प्रौडक्ट का इस्तेमाल करने से भी बाल झड़ने लगते हैं.

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Kesh king से करें बालों के झड़ने का इलाज

तेजी से झड़ते बालों की प्रौब्लम से छुटकारा पाने के लिए औयलिंग और मसाज सबसे अच्छा औप्शन है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि हफ्ते में 2 से 3 बार ऑइलिंग जरुर करनी चाहिए ताकि झड़ते बालों से छुटकारा मिल सके.

वहीं केश किंग तेल में मौजूद भृगराज, आंवला और ब्राह्मी जैसी आयुर्वेदिक जड़ी बूटियां बालों से जुड़ी कई समस्याओं से छुटकारा पाने में मदद करती है. साथ ही यह बिना किसी कैमिकल के बालों को मजबूत बनाने का काम भी करती है. ये तेल इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट द्वारा सर्टिफाइड है और इससे लाखों लोगों को फायदा मिला है.

सर्दियों में झडते बालों की प्रौब्लम से बचने के लिए आप इस तेल का इस्तेमाल करें. इस बात का ध्यान रखें कि ये तेल जितना आपके बालों की जड़ों तक पहुंचेगा, उतने ही आपके बाल मजबूत होंगे, जिससे सर्दियों में आपको घने और शाइनी बाल मिल सकेंगे. आप इस तेल को अच्छे से जड़ों तक पहुंचाने के लिए डीप रुट कॉम्ब का इस्तेमाल करें.

औयल मसाज के बाद शैम्पू और कंडिशनर का करें इस्तेमाल

Oil मसाज करने के बाद आप इसके शैम्पू से बालों को धोएं औऱ कंडिशनर से बालों की कंडीशनिंग करें. क्योंकि इसमें हैं एलोवेरा और 21 आयुर्वेदिक हर्ब्स की खूबियां जो आपके बालों को फ्रिज़ीनेस से बचाने के साथ उन्हें मुलायम व खूबसूरत बनाने का काम करती है. इन प्रौडक्ट्स की खास बात ये है कि ये केमिकल्स से फ्री है , जिससे आपके बाल पूरी तरह से सेफ हैं. इसे हर उम्र की महिला इस्तेमाल कर सकती हैं.

बालों की ऐसे करें एक्स्ट्रा केयर
– गीले बालों में कंघी न करें, इससे बाल कमजोर हो जाते है.
–हल्के गीले बालों में सीरम लगाएं, सीरम बालों को स्मूद करता है, इससे बाल उड़े-उड़े नहीं लगते. यदि आपके बाल ड्राई, फ्रीजी या घूंगराले है तो आप हेयर सीरम का इस्तेमाल जरूर करें. फर्क आपको दिख जाएगा.

– बाल धोने के लिए ज्यादा गरम पानी का इस्तेमाल न करें.

– महीने में 2 बार स्पा जरूर लें. यदि पार्लर नही जा सकती तो घर पर ही स्पा कर लें.

– बालों को स्टीम जरूर दें. अगर आपके पास स्टीमर नहीं है तो आप हौट टौवल से भी बालो को स्टीम दें सकती है.

– बालों में इस्तेमाल होने वाले प्रौडक्ट्स की क्वालिटी का ध्यान रखें.

Diwali Special: फर्नीचर चमके तो घर दमके

मौका दीवाली का हो, घर को खूबसूरत दिखाने की बात हो तो फर्नीचर की साफसफाई को भला कैसे अनदेखा किया जा सकता है. इस दीवाली अपने घर के फर्नीचर को सही साफसफाई से कैसे दें नए जैसा लुक, बता रही हैं अनुराधा गुप्ता.

प्रकाशोत्सव के नजदीक आते ही हर कोई अपने आशियाने की साफसफाई में जुट जाता है. दीवारों पर रंगरोगन के साथ ही लोग घर के फर्नीचर की सफाई कर उसे ब्रैंड न्यू लुक देने की कोशिश करते हैं. लेकिन इस कोशिश में वे अकसर अपने फर्नीचर की सूरत बिगाड़ लेते हैं. इस बाबत दिल्ली के लक्ष्मीनगर स्थित वुड विला फर्नीचर ऐंड इंटीरियर के मालिक अशोक कहते हैं, ‘‘हर घर में तरहतरह का फर्नीचर होता है. यदि फर्नीचर की सफाई सही तरीके से न की जाए तो वह कम समय में ही पुराना सा लगने लगता है.’’

आइए जानें इस दीवाली पर विभिन्न प्रकार के फर्नीचर की सफाई किस तरह करें कि वह नयानया सा लगने लगे.

लैदर फर्नीचर

लैदर फर्नीचर दिखने में जितना अच्छा लगता है, उस की देखभाल करना उतना ही कठिन होता है. खास बात यह है कि लैदर फर्नीचर की उचित देखभाल न करने से वह जगहजगह से क्रैक हो जाता है.

फर्नीचर पर किसी तरह का तरल पदार्थ गिर जाए तो उसे तुरंत साफ कर दें क्योंकि लैदर पर किसी भी चीज का दाग चढ़ते देर नहीं लगती. यहां तक कि पानी की 2 बूंद से भी लैदर पर सफेद निशान बन जाते हैं. फर्नीचर को किसी भी तरह के तेल के संपर्क में न आने दें, क्योंकि इस से फर्नीचर की चमक तो खत्म होती ही है, साथ ही उस में दरारें भी पड़ने लगती हैं.

फर्नीचर की रोज डस्टिंग करें जिस से वह लंबे समय तक सहीसलामत रहे. फर्नीचर को सूर्य की रोशनी और एअरकंडीशनर से दूर रखें. इस से फर्नीचर फेडिंग और क्रैकिंग से बचा रहेगा.फर्नीचर को कभी भी बेबी वाइप्स से साफ न करें, इस से उस की चमक चली जाती है.

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वुडन फर्नीचर

वुडन फर्नीचर की साफसफाई में अकसर लोग लापरवाही बरतते हैं जिस से वह खराब हो जाता है. ध्यान से फर्नीचर की सफाई की जाए तो उस में नई सी चमक आ जाती है. महीने में एक बार अगर नीबू के रस से फर्नीचर की सफाई की जाए तो उस में नई चमक आ जाती है. पुराने फर्नीचर को आप मिनरल औयल से पेंट कर के भी नया बना सकते हैं और अगर चाहें तो पानी में हलका सा बरतन धोने वाला साबुन मिला कर उस से फर्नीचर को साफ कर सकते हैं.

लकड़ी के फर्नीचर में अकसर वैक्स जम जाता है जिसे साफ करने के लिए सब से अच्छा विकल्प है कि उसे स्टील के स्क्रबर से रगड़ें और मुलायम कपड़े से पोंछ दें. कई बार बच्चे लकड़ी पर के्रयोन कलर्स लगा देते हैं. इन रंगों का वैक्स तो स्टील के स्क्रबर से रगड़ने से मिट जाता है लेकिन रंग नहीं जाता. ऐसे में बाजार में उपलब्ध ड्राई लौंडरी स्टार्च को पानी में मिला कर पेंटब्रश से दाग लगे हुए स्थान पर लगाएं और सूखने के बाद गीले कपड़े से पोंछ दें.

माइक्रोफाइबर फर्नीचर

माइक्रोफाइबर फर्नीचर को साफ करने से पहले उस पर लगे देखभाल के नियमों के टैग को देखना बेहद जरूरी है. क्योंकि कुछ टैग्स पर डब्लू लिखा होता है. यदि टैग पर डब्लू लिखा है तो इस का मतलब है कि उसे पानी से साफ किया जा सकता है और जिस पर नहीं लिखा है उस का मतलब है कि अगर फर्नीचर को पानी से धोया गया तो उस पर पानी का दाग पड़ सकता है. सब से सौफ्ट ब्रश से माइक्रोफाइबर फर्नीचर की पहले डस्ंिटग करें.

इस के बाद ठंडे पानी में साबुन घोलें और तौलिए से फर्नीचर की सफाई करें. ध्यान रखें कि तौलिए को अच्छे से निचोड़ कर ही फर्नीचर की सफाई करें ताकि ज्यादा पानी से फर्नीचर गीला न हो. तौलिए से पोंछने के बाद तुरंत साफ किए गए स्थान को हेयरड्रायर से सुखा दें.सुखाने के बाद उस स्थान पर हलका ब्रश चलाएं ताकि वह पहली जैसी स्थिति में आ सके.बेकिंग सोडा में पानी मिला कर गाढ़ा सा घोल बना लें. अब इस घोल को दाग लगे हुए स्थान पर लगा कर कुछ देर के लिए छोड़ दें. फिर उसे हलके से पोंछ दें.फर्नीचर पर लगे दाग को पानी से साफ करने के स्थान पर बेबी वाइप्स से साफ करें. ध्यान रखें कि दाग लगे स्थान को ज्यादा रगड़ें नहीं.

यदि फर्नीचर पर ग्रीस जैसा जिद्दी दाग लग जाए तो उसे हटाने के लिए बरतन धोने वाला साबुन और पानी का घोल बनाएं और दाग वाले स्थान पर स्प्रे करें. कुछ देर बाद गीले कपडे़ से उस स्थान को पोंछ दें.

प्लास्टिक फर्नीचर

अकसर देखा गया है कि जब बात प्लास्टिक के फर्नीचर को साफ करने की आती है तो उसे या तो स्टोररूम का रास्ता दिखा दिया जाता है या फिर कबाड़ में बेच दिया जाता है. लेकिन वास्तव में अगर प्लास्टिक के फर्नीचर की सही तरह से सफाई की जाए तो उसे भी चमकाया जा सकता है. ब्लीच और पानी बराबरबराबर मिला कर एक बोतल में भर लें और फर्नीचर पर लगे दागों पर स्प्रे करें. स्प्रे करने के बाद फर्नीचर को 5 से 10 मिनट के लिए धूप में रख दें.

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ट्यूब और टाइल क्लीनर से भी प्लास्टिक का फर्नीचर चमकाया जा सकता है. इस के लिए ज्यादा कुछ नहीं, बस दाग लगी जगह पर स्प्रे कर के 5 मिनट बाद पानी से धो दें. दाग साफ हो जाएंगे.

बरतन धोने वाला डिटरजैंट भी प्लास्टिक के फर्नीचर में लगे दाग को छुड़ाने में सहायक होता है. इस के लिए 1:4 के अनुपात में डिटरजैंट और पानी का घोल बना लें. इस घोल को फर्नीचर पर स्प्रे कर के 5 से 10 मिनट के लिए छोड़ दें. इस के बाद कपड़े से फर्नीचर को पोंछें. नई चमक आ जाएगी.

प्लास्टिक पर लगे हलके दागों को बेकिंग सोडा से भी धोया जा सकता है. इस के लिए स्पंज को बेकिंग सोडा में डिप कर के दाग वाली जगह पर गोलाई में रगड़ें. दाग हलका हो जाएगा.

नौन जैल टूथपेस्ट से प्लास्टिक फर्नीचर पर पड़े स्क्रैच मार्क्स हटाए जा सकते हैं.

यह सच है कि घर की रंगाईपुताई तब तक अधूरी ही लगती है जब तक घर के फर्नीचर साफसुथरे न दिखें. उपरोक्त तरीकों से घर के सभी प्रकार के फर्नीचर को चमका लिया जाए तो दीवाली की खुशियों का मजा कहीं ज्यादा हो जाएगा.

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