7 Tips: रिश्ते की गहराई को नापें

अगर आप दोनों अलग अलग रह रहे हैं तो हो सकता है आपके कभी कभार झगड़े होते हों और ज्यादातर समय आप एक दूसरे के साथ कुछ इस तरह रहते हों मानो हर चीज परफेक्ट है. लेकिन आपके रिश्ते का असली टेस्ट तब होता है जब आप एक साथ रहते हैं. इस दौरान आपको एक दूसरे की कमियों का पता चलता है और यह सब बातें पता लगती हैं कि आपको किन किन चीजों पर काम करने की आवश्यकता है. अगर आप पहले से ही इन चीजों को जान लेंगे तो आपको शादी के बाद अधिक परेशानियां नहीं होंगी. इसलिए अगर आप एक दूसरे के साथ लिव इन में रहने की सोच रहे हैं तो यह एक बुरा आइडिया नहीं है. आइए जानते हैं किन किन तरीकों से आप अपने रिलेशनशिप को टेस्ट कर सकते हैं.

1. सोचें क्या आप सच में ही खुश हैं :

जब आप एक साथ रहते हैं तो आपको अपने पार्टनर की बुरी आदतों के बारे में पता चलेगा और आप उनकी बहुत से चीजों को नोटिस करना शुरू कर देंगे चाहे वह चीजें आपको बुरी ही क्यों न लगती हों. इन चीजों को देख कर अगर आप खुद को खुश महसूस नहीं कर रहे हैं तो उन्हें यह आदतें बदलने के लिए बोलें और इससे पता लगेगा कि वह आपके लिए सही है या नहीं.

2. पार्टनर आपको कितनी अटेंशन देता है:

एक साथ रहते समय आपको यह पता चलेगा कि आपके पार्टनर अपनी अधिक अटेंशन किसे देते हैं और वह आपको कितना समय दे पाते हैं. अगर वह आपकी ओर जरा भी ध्यान नही देते हैं तो समझ जाएं वह आपके लिए सही नहीं हैं.

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3. क्या मुश्किलों का सामना कर सकता है-

अगर कल को कोई चुनौती का सामना करना पड़ जाए तो आपके पार्टनर किस तरह रिएक्ट करेंगे यह भी आप साथ रहते समय बहुत सी बातों में नोट कर सकते हैं. उनकी इन्हीं छोटी छोटी बातों पर आपको ध्यान रखना है.

4. वह घर के कामों में कितनी जिम्मेदारी लेते हैं :

अगर आप चाहती हैं कि आपके पार्टनर आपके साथ मिल कर सारा काम करें तो आपको पहले यह देखना होता है कि वह आपकी काम में कितनी मदद करते हैं और कितने आलसी हैं. क्या वह किसी काम की जिम्मेदारी लेते हैं या उनसे बच कर भागते हैं?

5. कितने लंबे समय तक चलेगा रिश्ता :

ज्यादातर रिश्तों के खत्म होने का यही कारण होता है कि पार्टनर्स एक दूसरे से बोर हो जाते हैं. जब आप साथ रहेंगे तो वह आपकी सभी आदतों को देखेंगे और इस दौरान अगर वह आपसे इंप्रेस रहते हैं और आपमें अधिक रुचि दिखाते हैं तो इसका मतलब है वह आपके साथ लंबे समय तक रहने वाले हैं.

6. आप अपनी खुशियों को पा रहे हैं :

अगर आपको उनके साथ रहने से या समय बिताने से ऐसा लगता है कि अब आप और अधिक खुश रहने लगे हैं या आपके अंदर की खुशियां बाहर आने लगी हैं तो वह व्यक्ति आपके लिए बिल्कुल सही हैं.

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7. यह आपकी मानसिक सेहत का भी एक टेस्ट है :

अगर उनके साथ रहने से आपकी मेंटल हेल्थ स्थिर रहती है और आपके मन को शांति मिलती है तो वह आपके लिए सही है लेकिन अगर उनकी वजह से आपके दिमाग में हर समय चिंता और स्ट्रेस रहती है तो वह आपकी मानसिक सेहत से खिलवाड़ कर रहे हैं.

अगर आपके पार्टनर में ऊपर लिखित टेस्टों को पास कर दिया है तो आप उन्हें अपना होने वाला पति या पत्नी मान सकते हैं और यह समझ सकते हैं कि आपकी पसंद सच में ही बहुत अच्छी है लेकिन अगर वह आधे से अधिक टेस्टों में फेल हो जाते हैं तो आपको थोड़ा चौकन्ना होने की आवश्यकता है क्योंकि ऐसे व्यक्ति भविष्य में अपनी जिम्मेदारियों से भाग सकते हैं या आप अगर उनके साथ शादी करते हैं तो थोड़े दुखी रह सकते हैं. इसलिए अपना निर्णय सोच समझ कर ही लें.

सहमति से बना संबंध जब रेप में बदल जाए

योंतो आए दिन रेप के मामले लगातार सामने आते रहते हैं, लेकिन कई बार ऐसे मामले भी सामने आते हैं, जिन में प्रेमिका ने अपने प्रेमी पर रेप का इलजाम लगाया. ऐसे मामले सच में चौंका देने वाले होते हैं.

प्रयागराज से दिल्ली आए विशाल की कहानी भी कुछ ऐसी ही चौंका देने वाली है. विशाल दिल्ली में अपनी गर्लफ्रैंड कंचन के साथ एक ही फ्लैट में रहता था. दोनों साथ में रह कर सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे थे. साथ कोचिंग जानाआना था. दोनों ज्यादातर वक्त एकदूसरे के साथ ही बिताते थे.

विशाल अपने कैरियर को ले कर बहुत सीरियस था, जबकि कंचन अपने कैरियर से ज्यादा विशाल को ले कर सीरियस थी या यों कह लीजिए कंचन विशाल के साथ अपना भविष्य देखने लगी थी.

यूपी के बलिया की रहने वाली कंचन का स्वभाव थोड़ा जिद्दी और गुस्से वाला था. दिल्ली आने के बाद उस में काफी बदलाव आया. विशाल और कंचन की मुलाकात दिल्ली में हुई. देखते ही देखते दोनों एकदूसरे के करीब आने लगे.

ये नजदीकियां विशाल के लिए खतरनाक साबित होंगी इस का उसे अंदाजा भी नहीं था. एक ही फ्लैट में रहने के बावजूद विशाल ने कभी कंचन के साथ सैक्स संबंध बनाने की कोशिश नहीं की. दोनों एकदूसरे के नजदीक तो आए, लेकिन एक दायरे में रह कर.

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विशाल अपने परिवार का अकेला बेटा था और उस के पेरैंट्स चाहते थे कि वह जल्दी शादी कर ले. इधर विशाल की परीक्षा शुरू होने वाली थी और दूसरी तरफ शादी का दबाव. विशाल ने अपने परिवार वालों से गुस्से में बोल दिया कि अगर उस की परीक्षा क्लीयर हो गई तो वह जल्द ही शादी कर लेगा.

2 महीने बाद विशाल का रिजल्ट आया, जिसे देख कंचन के पैरों तले की जमीन खिसक गई. विशाल ने परीक्षा क्लीयर कर ली थी.

अब कंचन को डर था कि विशाल उस से दूर हो जाएगा. विशाल बहुत खुश नजर आ रहा था. आखिर उस की मेहनत रंग जो लाई थी. उस के घर वाले भी बहुत खुश थे.

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उधर कंचन के व्यवहार में बदलाव दिखने लगा था. हर बात पर गुस्सा, चिड़चिड़ापन. विशाल ये सब देख रहा था, लेकिन उस ने कंचन से कुछ कहा नहीं. रिश्ते की शुरुआत में ही विशाल ने कंचन को बोल दिया था कि वह उस से शादी नहीं कर सकता और इस बात पर कंचन भी विशाल से सहमत थी. लेकिन अब वह उस पर अपना हक जमाने लगी थी. विशाल कंचन की इन हरकतों को नजरअंदाज कर देता था.

कुछ समय बाद विशाल ने फैसला किया कि अब उसे अलग हो जाना चाहिए. अत: वह कुछ दिनों के लिए प्रयागराज चला गया. प्रयागराज जाते ही कुछ दिनों बाद उस की सगाई हो गई. यह बात जब विशाल ने कंचन को बताई तो वह उस पर चिल्लाने लगी. धमकियां देने लगी कि अगर विशाल ने उस से शादी नहीं की तो वह मर जाएगी, उसे बरबाद कर देगी

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विशाल ने कंचन को बहुत समझाने की कोशिश की पर वह तो अपनी जिद्द पर अड़ी थी. सगाई के बाद जब विशाल दिल्ली अपने फ्लैट सामान लेने आया तो उस दिन कंचन फ्लैट में ही थी. विशाल के आने पर कंचन फूटफूट कर रोने लगी और उस से शादी के लिए बोलने लगी. विशाल उसे समझा रहा था. तभी कंचन उस के घर वालों को भी उलटासीधा सुनाने लगी. विशाल से यह सहन न हुआ तो वह उसी वक्त वहां से गुस्से में निकल गया.

पूरी रात विशाल परेशान था. उस रात विशाल अपने एक दोस्त के घर रुका. उसे परेशान देख दोस्त ने उस से परेशानी की वजह पूछी. लेकिन विशाल चुप रहा. अगली सुबह जब विशाल उठा तो सबकुछ बदल चुका था. पुलिस उस के सामने थी. उस के दोस्त के घर वाले उसे गुस्से में देख रहे थे. उस की समझ में नहीं आ रहा था कि ये सब क्या हो रहा है. दरअसल, मामला यह था कि कंचन ने विशाल पर जबरदस्ती यानी रेप का आरोप लगाया था. यह बात सुनते ही विशाल हक्काबक्का रह गया. उसे यकीन ही नहीं हो रहा था कि कंचन ऐसा इलजाम भी उस पर लगा सकती है. कंचन के द्वारा विशाल पर झूठा रेप का इलजाम लगाने से विशाल की पूरी दुनिया तहसनहस हो गई.

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आखिर क्यों होता है ऐसा

दरअसल, एकदूसरे के टच में रहते हुए यानी लंबे समय तक साथ रहते हुए पार्टनर के साथ इमोशनल जुड़ाव हो जाता है. यह जुड़ाव इतना गहरा होता है कि किसी एक का जुदा होना दूसरे को बरदाश्त नहीं होता. ऐसे में जब किसी एक की तरफ से नकारात्मक प्रतिक्रिया होती है तो दूसरा कुछ भी करने पर उतारू हो जाता है.

इस बारे में मनोचिकित्सक अमित कुमार का कहना है, ‘‘जब हम किसी के साथ ज्यादा वक्त बिताते हैं फिर चाहे वह कोई पशु हो या इंसान हम धीरेधीरे उस से क्लोज हो जाते हैं और फिर इस बात का एहसास हमें तब होता है जब वह दूर चला जाता है.’’

अगर हम रिलेशनशिप की बात करें तो एक ही रूम में एक व्यक्ति के साथ रहना, सारा वक्त साथ बिताना, छोटी से छोटी बातें भी शेयर करना ये सब हमारी जिंदगी का हिस्सा बन जाता है. दरअसल, हमें इस की आदत हो जाती है और जब ऐसा न हो तो गुस्सा आना स्वाभाविक है.

मगर जरूरत से ज्यादा गुस्सा आना, हर बात पर लड़ना यह तभी होता है जब सामने वाले की जिंदगी में वैसा नहीं होता जैसा वह चाहता है. आप देखेंगे ऐसे व्यक्ति तुरंत गुस्सा करने लगते हैं तो कभी शांत रहते हैं. इन का यह व्यवहार इन्हें डिप्रैशन की ओर ले जाता है. डिप्रैशन से पीडि़त व्यक्ति हर वक्त खुद में खोया नजर आएगा. ऐसे लोग जिद में आ कर कुछ भी कर सकते हैं.

मगर ऐसे भी लोग हैं जो ऐसे घिनौने इलजाम अपने फायदे के लिए लालच में आ कर लगाते हैं.

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कैसे बचें रेप के झूठे इलजाम से रेप एक जघन्य अपराध है, इस में कोई दो राय नहीं, पर जब सहमति से संबंध बनें और बाद में लड़की रेप का झूठा इलजाम लगा दे तो यह कानून का बेजा इस्तेमाल ही कहलाएगा.

कई बार लड़की के मातापिता ही ऐसा इलजाम लगा देते हैं और वह भी सिर्फ कुछ रुपयों, कुछ दिनों की सुखसुविधा के लिए. यह कहां की समझदारी है? शायद वे भूल जाते हैं कि इस से उन की बेटी के जीवन पर क्या प्रभाव पड़ेगा?

यदि कोई किसी पर रेप का झूठा आरोप लगाता है और वह झूठा साबित होता है तो हमारे कानून के अनुसार इलजाम लगाने वाले को 10 साल की सजा के साथसाथ जुरमाना भी देना पड़ सकता है.

मुद्दे की बात यह है कि आखिर कैसे इन निर्दोष पीडि़तों को रेप के झूठे आरोप से बचाया जाए? न जाने आज कितने निर्दोष व्यक्ति कालकोठरी में इस कलंक के साथ घुटघुट कर जिंदगी जी रहे हैं.

कुछ सुझाव

इस पूरे मामले पर एडवोकेट सुमित शर्मा कहते हैं कि जैसा हम जानते हैं आजकल किसी भी महिला या पुरुष की दोस्ती के बाद शारीरिक संबंध बनाना कोई बड़ी बात नहीं है. ऐसे में बहुत सी लड़कियां पुरुष को शादी के लिए या ठगने के लिए उस पर रेप का आरोप लगा देती हैं. यदि कोई पुरुष शादी का झांसा दे कर शारीरिक संबंध बनाता है तो यह रेप की श्रेणी में आता है. लेकिन कई बार लड़का निर्दोष होता है और लड़की के जाल में फंस जाता है. ऐसे में लड़कों को इन सुझावों को अपनाना चाहिए:

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– यदि रेप करने का कोई ठोस सुबूत नहीं है तो आप लड़की से शारीरिक संबंध नकार सकते हैं तथा मैडिकल टैस्ट में टू फिंगर टैस्ट की रिपोर्ट पर जोर दे कर लड़की को गलत साबित कर सकते हैं.

– अगर लड़की ने कभी शारीरिक संबंध के लिए अप्रोच किया है और उस का कोई सुबूत आप के पास है तो आप उसे कोर्ट में पेश कर सकते हैं.

– यदि शारीरिक संबंधों की रिपोर्ट फोरेंसिंक रिपोर्ट या वीडियो अथवा फोटो में है तो आप संबंध बनाना स्वीकार करें तथा संबंध धोखे

से नहीं बनाए यह साबित करें. लेकिन ध्यान रखें यह तभी कारगर है जब लड़की की उम्र 18 वर्ष हो.

– मैडिकल रिपोर्ट की कमियां देखें व उन्हें हथियार के तौर पर इस्तेमाल करें.

– यदि केस ज्यादा गंभीर हो तो चार्जशीट जल्दी फाइल करवाने की कोशिश करें.

गंदी बात नहीं औरत का और्गेज्म

हाल ही में दूसरे देशों में नैशनल और्गेज्म डे मनाया गया और वहां इस से जुड़ी बातें लोग खुले तौर पर करते भी रहते हैं. वहीं भारत में सैक्स और और्गेज्म पर बात करने से लोग मुंह छिपाने लगते हैं. यहां तक कि ज्यादातर लोग अपने ही साथी या पार्टनर से भी इस पर बात नहीं कर पाते. एक बेहद दिलचस्प बात यह भी है कि हिंदी में और्गेज्म का मतलब तृप्ति है जो इस शब्द का सही अर्थ नहीं है.

महिला और पुरुष दोनों एकदूसरे से शारीरिक तौर पर बेहद अलग हैं और दोनों पर धर्म से नियंत्रित समाज का नजरिया और भी अलग है. जहां पुरुषों को सभी प्रकार की छूट बचपन से ही भेंट में मिल जाती है, वहीं महिलाओं को बचपन से ही अलग तरीकों से पाला जाता है. उन के लिए तमाम तरह के नियमबंधन बनाए जाते हैं. उन के बचपन से वयस्क होने की दहलीज तक आते आते उन्हें इस तरह की शिक्षा दी जाती है कि वे अपने शरीर से जुड़ी बातें चाह कर भी नहीं कर पाती हैं.

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जो पुरुषों के लिए वह महिलाओं के लिए गलत क्यों:

अगर एक महिला बिना पुरुष के साथ संबंध बनाए शारीरिक सुख प्राप्त करने में सक्षम है तो इस बात को यह पूरा समाज हजम नहीं कर पाता. हम यहां सीधे तौर पर मास्टरबेशन यानी हस्तमैथुन पर बात कर रहे हैं, जिस के बारे में ज्यादातर लड़के 10-12 साल की उम्र में ही जान लेते हैं, पर लड़कियों को वयस्क होने तक भी इस बात की पूरी जानकारी नहीं होती है. अगर वे बिना किसी पुरुष के साथ संबंध बनाए शारीरिक सुख प्राप्त करती हैं तो उसे वे अपने दोस्तों में स्वीकार नहीं कर पातीं. समाज में यह धारणा जो बना दी गई है कि पुरुषों के लिए मास्टरबेशन ठीक है पर महिलाओं के लिए गलत है.

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मास्टरबेशन सही तो और्गेज्म गलत क्यों…

इसी तरह मास्टरबेशन पर बात करना एक पुरुष के लिए बेहद साधारण बात है पर एक महिला के लिए ऐसा मसला है जो उस का होते हुए भी उस का नहीं है. जबकि ऐसे मुद्दों पर बात करना बेहद जरूरी है. यह जितनी आसानी से पुरुष के लिए स्वीकार्य है, उतना ही एक औरत के लिए भी होना जरूरी है.

लड़कियां तो अगर अपनी सब से सामान्य चीजों जैसे पीरियड्स और ब्रा जैसी चीजों पर भी बात करने का साहस जुटाती हैं, तो उन्हें पब्लिकली ट्रोल किया जाता है, शेम किया जाता है. ऐसे में और्गेज्म और वह भी लड़कियों के और्गेज्म पर बात करना तो कल्पना से भी परे की बात है.

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बौलीवुड ने शुरू की कोशिश…

‘वीरे दी वैडिंग’ और ‘लस्ट स्टोरीज’ ऐसी फिल्में हैं जिन में महिला से जुड़े शारीरिक सुख के मुद्दे पर थोड़ी रोशनी डालने का प्रयास किया गया, लेकिन भारतीय मर्दों ने खुल कर उस पर बातचीत करने के बजाय इन फिल्मों की और इन की हीरोइनों को ही ट्रोल किया.

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मर्दों को यह पता ही नहीं:

ज्यादातर भारतीय मर्द नहीं जानते कि महिलाओं का भी और्गेज्म उतना ही मैटर करता है, जितना उन का. दरअसल, इंटरकोर्स यानी शारीरिक संबंध के वक्त उन को इस बारे में खयाल ही न आना एक तरह से पितृसत्ता का हावी होना ही बताता है.

इस पर जयपुरिया अस्पताल, जयपुर की अधीक्षक विमला जैन का कहना है, ‘‘भारतीय पुरुष लड़कियों के मास्टरबेशन को इसलिए भी हजम नहीं कर पाते, क्योंकि उन्हें अपनी सत्ता, मर्द होने की धमक पर यह हमले जैसा लगता है, जबकि कई ऐसी रिसर्च बताती हैं कि 62% महिलाओं को और्गेज्म मास्टरबेशन के वक्त ही होता है. यह भी दूसरी सामान्य और प्राकृतिक प्रक्रियाओं का ही एक हिस्सा है. स्वास्थ्य पर इस का सीधा असर होता है, लेकिन भारतीय मर्द यह शायद ही समझें. उन्हें लगता है कि और्गेज्म पुरुषों के अधिकार क्षेत्र का ही मसला है, सामाजिक टैबू है.’’

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इन मुद्दों पर यौन शिक्षा से जुड़े पहलुओं पर खुल कर बात हो ताकि एक स्वस्थ और बराबरी वाला समाज बनाया जा सके. घरों में औरतें हर समय खीजी सी और तनाव में न रहें या उन्हें अछूतपन न लगे और वे अन्य रिस्क न लें इस के लिए जरूरी है कि इन बातों को कम से कम लड़कियां तो आपस में खुल कर कर सकें.                                   –

फिर अकेले हैं कहीं…

शादी के बाद पतिपत्नी के जीवन में एक अलग सी चाहत होती है. एकदूसरे के साथ अधिक से अधिक समय तक करीब रहना, एकदूसरे को छूना, उत्तेजित हो जाना, सैक्स के लिए पोर्न फिल्में देखना, उसी तरह की चाहत रखना सामान्य बातें होती हैं. यही वजह है कि शादी के निजी पलों को खुल कर जीने के लिए लोग हनीमून के लिए जाते हैं. शादी के बाद का सा आनंद जीवन में दोबारा तब आता है जब बच्चे होस्टल चले जाते हैं. पतिपत्नी के जीवन में आने वाला यह एकांत उन को बहका देता है.

कई कपल्स तो ऐसे मौके का लाभ उठा कर सैकंड हनीमून तक प्लान कर लेते हैं. ऐसे में कई बार वैसी ही गड़बडि़यां हो जाती हैं जैसी शादी के बाद होती हैं. शादी के बाद अबौर्शन संभव हो जाता था पर सैकंड हनीमून के बाद ऐसी गड़बड़ी भारी पड़ सकती है. इसलिए जरूरी है कि गर्भधारण से बचने वाले उपाय व साधनों का प्रयोग करें.

महिला रोग विशेषज्ञ डाक्टर नमिता चंद्रा कहती हैं, ‘‘कंडोम और पिल्स सब से अहम उपाय हैं. महिलाएं गर्भ रोकने के लिए पिल्स का प्रयोग डाक्टर की राय से करें. गर्भनिरोधक गोलियां कई बार बौडी के हार्मोंस को प्रभावित करती हैं. इन के लगातार प्रयोग से जिस्म में कैल्शियम भी प्रभावित होता है. कुछ औरतों में जल्दी मेनोपौज की शुरुआत हो जाती है. जिस से कई बार मासिकधर्म अनियमित हो जाता है. ऐसे में यह भ्रम हो जाता है कि माहवारी बंद है तो गर्भधारण कैसे हो सकता है?

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‘‘कई मामलों में देखा गया कि माहवारी बंद होने के बाद भी गर्भधारण हो गया. कई बार माहवारी न होने का कारण मेनोपौज को समझ लिया जाता है, जबकि माहवारी न होने का कारण गर्भधारण होता है. इस का पता तब चलता है जब पेट में दर्द या दूसरे कारण दिखाई देते हैं. देर से पता चलने के कारण गर्भपात कराना संभव नहीं रह जाता और बच्चा पैदा करने के बाद तमाम तरह की सामाजिक व शारीरिक परेशानियों का सामना करना पड़ जाता है.’’

भ्रांतियों का शिकार न हों आज के दौर में 40 से 50 वर्ष की उम्र वाली महिलाओं का मुकाबला 20 से 30 वर्ष की महिलाओं के साथ किया जा सकता है. दोनों ही उम्र में सैक्स को ले कर कुछ भ्रांतियां होती हैं. आमतौर पर पुरुष इस उम्र में कंडोम का इस्तेमाल पसंद नहीं करते. इस का कारण यह होता है कि कई बार उन में इरैक्शन को ले कर परेशानियां होती हैं.

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ऐसे में महिला को पिल्स का सेवन करना चाहिए. वैसे गर्भनिरोधक पिल्स के साथ ही साथ इमरजैंसी पिल्स का भी प्रयोग कर सकती हैं. इमरजैंसी पिल्स का प्रयोग सैक्स संबंध बनने के बाद जितनी जल्दी हो सके कर लें. कई बार इरैक्शन के शिकार व्यक्ति का डिस्चार्ज योनि के बाहर ही हो जाता है. वह सोचता है कि डिस्चार्ज योनि के बाहर होने से गर्भधारण का खतरा नहीं रहता. यह भी एक तरह की भ्रांति है. पुरुष का वीर्य अगर किसी भी तरह से योनि के अंदर पहुंच गया तो गर्भधारण हो सकता है. ऐसे में किसी भी तरह से वीर्यस्खलन होने पर सावधान रहें. अगर ऐसा हो जाता है तो सावधानी बरतें. गर्भधारण से बचने के लिए उचित डाक्टरी सलाह व प्रैग्नैंसी टैस्ट किट की मदद लें.

मंगेतर शादी से पहले संबंध बनाना चाहता है, मैं क्या करुं?

सवाल-

मैं 25 वर्षीय युवती हूं. 2-3 महीने बाद मेरी शादी होने वाली है. मंगेतर एक बड़ी कंपनी में अच्छे ओहदे पर कार्यरत है. मगर इस के बावजूद एक चिंता भी है. दरअसल, मंगेतर शादी से पहले संबंध बनाना चाहता है. इतना ही नहीं वह मोबाइल पर पोर्न वीडियो भी भेजता रहता है और जब भी बात करो तो सैक्स पर बातचीत अधिक करना चाहता है. वीडियो कौल के दौरान वह मुझे न्यूड होने के लिए भी बोलता है. कहीं मेरा मंगेतर किसी मानसिक विकृति का शिकार तो नहीं है? मुझे क्या करना चाहिए, कृपया सलाह दें?

जवाब

शादी से पहले सैक्स संबंध बनाना कतई उचित नहीं है. अगर आप का मंगेतर आप पर इस के लिए दबाव डाल रहा है, तो उसे साफ मना कर दें. रही बात उस के किसी मानसिक विकृति से ग्रस्त होने की तो यह तभी जाना जा सकता है जब कोई उस के नजदीक रहे.

अगर आप का मंगेतर सिर्फ सैक्स की ही बात करता है, पोर्न फिल्में देखने का शौकीन है, तो जाहिर है यह एक विकृति ही है, जिसे सैक्स ऐडिक्शन कहते हैं.

सैक्स ऐडिक्शन यानी सैक्स की लत एक मानसिक रोग है, जो न सिर्फ मानसिक स्वास्थ्य, बल्कि कैरियर के साथसाथ रिश्तों को भी प्रभावित करता है.

शोधकर्ता मानते हैं कि इस से पीडि़त व्यक्ति सैक्स फैंटेसी में खोया रहता है और उसे सैक्स पर बातें करना, पोर्न मूवी देखना, सैक्स करना अच्छा लगता है.

शोधकर्ताओं का मानना है कि सैक्स के मामले में खुद पर काबू नहीं रखने वाले लोग अपने साथसाथ दूसरों की जिंदगी भी प्रभावित कर देते हैं. यदि ऐसा व्यक्ति खुद को परेशान या तनाव में महसूस करता है तो वह बारबार सैक्स करना चाहता है ताकि उस का तनाव यानी स्ट्रैस कम हो सके.

आप का मंगेतर सैक्स ऐडिक्शन से पीडि़त है, यह तभी जाना जा सकता है जब वह खुद बताए या उस का कोई नजदीकी.

आप जो भी करें सोचसमझ कर और सावधानीपूर्वक. शादी गुड्डेगुडि़यों का खेल नहीं है. अगर आप को मंगेतर के व्यवहार से किसी विकृति का पता लग रहा हो तो आप यह खुद निर्णय लें कि आप को उस के साथ शादी करनी है अथवा नहीं.

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अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz
 
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Ex से भी हो सकती दोस्ती

जिस किसी का भी कभी ब्रेकअप हुआ है, वह यह बात जानता है कि ब्रेकअप करना आसान नहीं होता. मगर कभीकभी जब दोनों समझदार होते हैं, तो ऐक्स होने के बाद भी आपस में दोस्ती रखी जा सकती है. यदि रिश्ते में सब ठीक से न चल रहा हो तो कपल्स को अकसर ब्रेकअप करने का फैसला लेना पड़ता है. यह दुख की बात होती है जो व्यक्ति आप को अभी तक सब से प्रिय था, अब आप उस से अपने सुखदुख शेयर नहीं कर पाएंगे. पर यह बहुत अच्छी बात है कि आज की पीढ़ी काफी व्यावहारिक है और इस बात पर अलग तरह से सोचती है. कोई भी रिश्ता किसी भी कारण खत्म हो सकता है.

बदल रही सोच

कोई आप की लाइफ में एक रोल में फिट नहीं हुआ तो इस का मतलब यह भी नहीं कि वह दूसरे रोल में भी फिट नहीं होगा.

26 वर्षीय रूही अपने ऐक्स से इतनी कंफर्टेबल है कि अपनी कई बातें आज भी उस से शेयर करती है. उसे अपनी किसी भी प्रौब्लम में वही याद आता है. यहां तक कि उस के ऐक्स की नई गर्लफ्रैंड इसे खुशी से ऐक्सैप्ट करती है.

रूही कहती है, ‘‘हमारा ब्रेकअप हो गया. कुछ चीजें नहीं चलीं, पर मुझे पता है कि वह मुझे हमेशा सही सलाह देगा, मुझे उस के सामने किसी भी बात में असहजता नहीं होती. वह मेरा अच्छा व सच्चा दोस्त है. मेरी फैमिली को उस पर आज भी भरोसा है.’’

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यों बनाएं ऐक्स को दोस्त

फिल्म इंडस्ट्री में तो ऐक्स के साथ दोस्ती के कितने ही उदाहरण दिखाई दे जाते हैं. भले ही आप का ब्रेकअप हो गया हो, आप फिर भी उस के दोस्त बन कर रह सकते हैं, जिसे आप ने लंबे समय तक प्यार किया हो, उस की केयर की हो. यह मुश्किल हो सकता है पर कुछ तरीके हैं, जिन पर चल कर आप अपने ऐक्स के दोस्त बन कर रह सकते हैं और यह आप को अजीब भी नहीं लगेगा. जैसे:

– ब्रेकअप का कारण हमेशा यह नहीं होता कि आप ने गलतियां कीं. कभीकभी कुछ ऐसा होता है कि रिश्ता नहीं चल पाता. जो रिश्ता चल न पा रहा हो उसे जाने देना सीखें. एकदूसरे की गलतियां न बताएं. जो हो गया उसे भूल जाएं, एकदूसरे को माफ करें. यदि आप ब्रेकअप की डिस्कशन के समय बहस करेंगे तो स्थिति और खराब होगी. आप दोनों के बीच कड़वाहट और बढ़ेगी.

– रिश्तों को बनाए रखने में मेहनत लगती ही है. ब्रेकअप के बाद यही न सोचते रहें कि आप ने इस रिश्ते को बचाने के लिए कितना टाइम वेस्ट किया, कितनी ऐनर्जी वेस्ट की. इस से आप को बुरा ही लगेगा. एकदूसरे को अब दोस्त तो जरूर समझें. आप एकदूसरे को जानते तो हैं ही. एकदूसरे की मुश्किलों में एकदूसरे को सपोर्ट करना न छोड़ें.

– ब्रेकअप होते ही तुरंत दोस्ती की गाड़ी में सवार न हो जाएं. खुद को कुछ समय दें. अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रख कर महत्त्वपूर्ण चीजों पर फोकस करना शुरू करें और उसी कंधे पर सिर रख कर फिर न रोएं, क्योंकि शेक्सपियर ने भी कहा है कि आशा सारे दुखों की जड़ है.

– रिश्ता खत्म हुआ है, आप दुखी हैं, दुखी हो लें, जितना शोक मनाना है मना लें. जब तक रोना आए, रो लें. उस के बाद अपने दोस्तों के साथ बाहर जाएं और ब्रेकअप पर कोई भी बात न करें. अपने ऐक्स को न कोई टैक्स्ट करें, न फोन करें.

– फौरन जल्दबाजी में कोई बौयफ्रैंड या गर्लफ्रैंड न ढूंढ़ लें. सैंसिबल और मैच्योर सोच रखें.

– अपनेआप को उन ऐक्टिविटीज में व्यस्त करें, जिन्हें आप करना चाहते थे पर इस रिश्ते के कारण नहीं कर पाते थे.

– क्या आप ऐक्स के साथ दोस्ती करने की दुविधा में हैं? यह बड़ा कदम उठाने से पहले आप अच्छी तरह सोच लें कि आप अपने ऐक्स के साथ दोस्ती क्यों करना चाहते हैं. एक ही फ्रैंड सर्किल के लिए या कालेज में एक ही क्लास के लिए?

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– यदि आप की कैमिस्ट्री अपने ऐक्स के साथ वैसी नहीं है जैसी यह रिश्ता शुरू करने के पहले थी तो इस दोस्ती जैसी भावना को पनपने देने के लिए ज्यादा न सोचें. रहने ही दें. यह कोशिश आप को कुछ और चीजों में हर्ट कर सकती है वह भी तब जब आप टूटे हुए रिश्ते से बाहर आ ही रहे हैं.

– यदि वह और लोगों के साथ बाहर जा रही है तो इस बात की रिस्पैक्ट करते हुए जीवन में खुद भी आगे बढ़ने की कोशिश करें. सिर्फ उस के डेटिंग पैटर्न पर नजर रखने के लिए उस का दोस्त बनना आप को दुख देगा. इसलिए पौजिटिव रहें और खुद भी लाइफ ऐंजौय करने की कोशिश करें.

लव या लस्ट: 5 आसान तरीकों से जानें अपने रिश्ते का सच

चलिए आपको पहली नजर का पहला प्यार हो गया है. दिन-रात रोमांस और करवटें बदलने में गुजर रहे हैं. उन्हें हर दिन देखने के लिए इंतजार करना मुश्किल हो रहा है. आपके दिल और दिमाग में घर चुके उस प्यार को अब जीवनसाथी बना ही लिया जाए, ऐसा सोच रही हैं.

लेकिन जरा अपने दिमाग के रोमांटिक घोड़े को लगाम दीजिये और यह तो चेक कर लीजिए कि जिसे आप प्यार करती या करते हैं वो भी आपको love करता है या फिर आप उसके Lust (वासना) का सामान मात्र ही हैं.

यानी जब उसे सेक्स करना हो तभी आपकी याद आती हो ऐसा तो नहीं. हो भी सकता है और नहीं भी. क्योंकि लव और लस्ट में फर्क करना आसान नहीं होता. उलटे कई बार तो लस्ट में डूबा पार्टनर असली लवर से भी ज्यादा सीरियस रिएक्शन देता है.

इसलिए आप का प्यार भी कहीं प्यार और वासना के बीच उलझन में तो नहीं है, यह जानने के 5 आसान तरीके हैं. इन्हें अपने पार्टनर पर आजमा कर देखिये और लस्ट का लस्ट और लव का लव कर डालिए.

1. जब अंखियों में न झांके सैयां

पहली नजर का प्यार आंखों से ही शुरु होता है और लस्टबाज लवर की पकड़ भी आंखों से ही होती है. अगर आपको लगता है कि आपका प्यारा प्यार आपकी आंखों में झांकने में फेल हो जाता हो तो समझ जाइये उसे आपसे नहीं आपके फिगर और सेक्सुअल परफौर्मेंस से प्यार है.

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दरअसल रिलेशनशिप एक्सपर्ट मानते हैं कि आंखें किसी की नीयत समझने के लिए खिड़की जैसी होती हैं. जब कोई आपको प्यार करता है, तो वे आपको आंखों में निसंकोच देखेगा और अपनी दिल की बातें/भावनाएं जाहिर कर देगा, लेकिन अगर आंख में देखने के बजाए उसकी नजर आपके शरीर के अन्य हिस्सों जैसे स्तन, नितम्ब, जांघ पर केंद्रित है तो आप उसके लव नहीं बल्कि यौन रूचि पूरी करने का आसान रास्ता भर है. सो बी अलर्ट.

2. दोस्ती नहीं तो Sex Slave हैं आप….

दोस्ती प्रेम पर आधारित हर रिलेशनशिप की बहुत मजबूत नींव होती है, जब आप किसी से प्यार करते हैं, तो आप उसके दोस्त जरूर होते हैं. दोस्तों की तरह अपने लव पार्टनर के साथ हैंग आउट करना पसंद करते हैं. उसके साथ जोक्स शेयर करते हैं. जरूरत पड़ने पर एक-दूसरे के लिए हमेशा खड़े होते हैं और आपसी मतभेदों का सम्मान करते हैं. अगर आपके लव रिलेशनशिप से दोस्ती के पहलू को हटा दें तो फिर आपका सबंध उसके साथ मास्टर-स्लेव सरीखा हो जाता है.

जहां मालिक की इच्छा पूर्ति ही आपका इकलौता योगदान होता है रिलेशनशिप के नाम पर. अगर आपका पार्टनर आपसे दोस्त की तरह पेश नहीं आता और लव के नाम पर आपसे सेक्स करता है तो समझ जाइए कि आपका रिश्ता लस्ट की नींव पर टिका है. जो कभी भी भरभरा कर गिर सकता है.

3. सेक्स का 2.0  तो नहीं

जब दो लोग प्यार करते हैं, सेक्स सिर्फ एक फिजिकल एक्ट होता है. असली रिश्ता उसके बाद शुरू होता है और आपको इसका एहसास उसके स्पर्श करने के तरीके, बाहों में भरने और चुंबन के अंदाज से हो जाता है. सेक्स ही हो तो यह एक यांत्रिक यानी रोबोटिक रिलेशन बनकर रह जाता है जहाँ हम मशीनी कमांड की तरह सिर्फ सेक्स को ही तरजीह देते हैं. इसलिए प्यार अगर मशीनी होता जा रहा है तो चिंता की बात है.

साथ ही वह आपकी राय सम्मान करता है या नहीं? आप को भी सेक्सुअल प्लेज़र देने में दिलचस्पी रखता है? सिर्फ अपनी ही भूख मिटाता है? सेक्स के क्षणों में ही उत्साहित या आपके साथ हंसकर पेश आता है? जैसे फैक्टर भी तय करते हैं कि वह आपसे लव करता है लस्ट. सेक्स एक्सपर्ट मानते हैं कि सेक्सुअल एक्ट के बाद अगर आपका पार्टनर आपकी जिदगी से जुड़े असली मुद्दों पर ध्यान नहीं देता है और क्षणिक संतुष्टि पर फोकस रखता है तो ऐसे रिश्ते का कोई भविष्य नहीं होता.

4. फ से फ्यूचर…

यदि आपका रिश्ता पूरी तरह से वासना पर आधारित है, तो आपका पार्टनर भविष्य के बारे में कोई भी बात करने से बचेगा. जैसे पेरेंट्स से कब और कैसे मिलना है, उन्हें शादी के लिए कैसे मनाना है, शादी कब, कैसे करेंगे, घर कहां लेंगे, बच्चों के नाम क्या होंगे आदि.

दरअसल जो प्यार करते हैं वे एक एक-दूसरे के साथ भविष्य के सपने बुनते हैं. बिना फ्यूचर टाक के कोई भी रिश्ता टिकाऊ नहीं हो सकता है. यदि आपको भी उस से सेक्स से ही मतलब है तब कोई बात नहीं लेकिन अगर आपको उसके साथ अपना फ्यूचर नजर आता है जरा फिर से सोचिए. क्योंकि फ से फ्यूचर आपके लिए हो सकता है उसके लिए तो F से कुछ और ही होगा.

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5. तू किसी और से मिलके तो देख…

जो सिर्फ आपके शरीर से प्यार करते हैं और इस रिश्ते को लेकर गंभीर नहीं वे अक्सर आपको अकेले में ही मिलने के लिए फ़ोर्स करेंगे. यानी जब सेक्स की चाह होगी तो मिलेंगे लेकिन आपको अपने दोस्तों और परिवार से मिलाने से परहेज करेंगे. हमेशा कोई न कोई बहाना बनाकर अपने और आपके घरवालों से मिलने से बचेंगे. सब कुछ रहस्यजनक रहेगा. रिश्ते को निजी रखने की कोशिश का दिखावा कर आपको सब से अलग रखेंगे और सेक्स का आनंद लेंगे. इसलिए, अगर आपका साथी आपके सामने अपने परिवार और दोस्तों की बात नहीं करता तो यह प्यार नहीं है, बल्कि वासना है. दरअसल उनकी भावनाएं वासना की ओर हैं, वे सिर्फ आपके शरीर से प्यार करते हैं और कोई भावनात्मक कनेक्शन फील नहीं करते.

उम्मीद है इशारा समझ रहे होंगे और अगर 5 ट्रिक्स पढ़ ली हैं तो काफी हद तक अनुमान भी लगा लिया होगा कि आपका पार्टनर Lover है या Luster.

सुरक्षित शारीरिक संबंध बनाने के बाद भी दर्द का कारण क्या है?

सवाल

मैं 23 साल की युवती हूं. कुछ दिनों पहले अपने बौयफ्रैंड के साथ शारीरिक संबंध स्थापित किया. हालांकि इस दौरान बौयफ्रैंड ने कंडोम का प्रयोग कर सैक्स किया पर दूसरे दिन सुबह मेरे यूटरस में दर्द होने लगा और मु झे बुखार भी हो गया. अत: बताएं कि सुरक्षित संबंध बनाने के बाद भी दर्द क्यों हुआ?

जवाब-

सैक्स संबंध हमेशा सुरक्षित ही बनाना चाहिए. सैक्स क्रिया में कंडोम एक सरल व सहज गर्भनिरोधक है, जिस से अनचाहे गर्भधारण से बचा जा सकता है.

यूटरस में दर्द और बुखार होने का सुरक्षित सैक्स संबंध बनाने से कोई वास्ता नहीं है. संभव है कि आप के साथ कोई अंदरूनी वजह रही होगी. बेहतर होगा कि आप अपने डाक्टर से मिल कर सलाह लें.

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महान मनौवेज्ञानिक सिगमंड फ्रौयेड ने कहा था, ‘कोई महिला-पुरुष जब आपस में शारीरिक सम्बन्ध बनाते हैं, तो उन दोनों के दिमाग में 2 और व्यक्ति मौजूद रहते हैं. जो उसी लम्हे में हमबिस्तर हो रहे होते हैं.’ इस बात को पढ़ते हुए मैं अचरज में था कि क्या ऐसा सच में होता है? अगर होता है तो ऐसा क्यों होता है?

यह साल था 2007. मैं उस वक्त 15 साल का टीनेज था और 9वीं क्लास में पढ़ रहा था. मुझे आज भी याद है, पहली बार क्लास में मेराएक क्लासमैटएक ‘पीले साहित्य की किताब’ ले कर आया था. जिस के कवर पेज पर एक जवान नग्न महिला की तस्वीर थी. किसी महिला को इस तरह नग्न देखना शायद मेरा पहला अनुभव था. जिसे देख कर उत्तेजना के साथ घबराहट भी होने लगी थी. आज के नवयुवक पीला साहित्य से परिचित नहीं हों तो उन्हें बता दूं यह आज के विसुअल पोर्न का प्रिंटेड वर्जन था.

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क्या कोरोना में ओरल और वैजाइनल सैक्स करना सेफ है?

सवाल-

मैं 26 साल की युवती हूं. मेरा बौयफ्रैंड 28 साल का है और हमारी दोस्ती पिछले कई सालों से है. वह मेरे साथ सुरक्षित यौन संबंध बनाना चाहता है. मैं यह जानना चाहती हूं कि अभी जबकि कोरोना का कहर है क्या ओरल और वैजाइनल सैक्स करना सेफ है? इस के अलावा अगर वैजाइना के अंदर ही कंडोम फट जाए तो क्या गर्भधारण हो सकता है? अगर हम सिर्फ ओरल सैक्स ही करें  तो इस के लिए सही कंडोम कौन सा हो सकता है?

जवाब-

विवाहपूर्व सैक्स संबंध बनाना कतई उचित नहीं होता मगर यदि इस में दोनों पार्टनर की सहमति हो तो संबंध बनाने से पहले जरूरी ऐहतियात जरूर बरतें.

यों सैक्स संबंध में कंडोम जरूरी सुरक्षा देने में सस्ता और बेहतर विकल्प जरूर है मगर कंडोम हमेशा ब्रैंडेड ही खरीदना सही रहता है. ब्रैंडेड कंडोम अधिक समय तक साथ देता है और जल्द फटता भी नहीं.

रही बात कोरोनाकाल में सैक्स संबंध को ले कर, तो अगर आप व आप का बौयफ्रैंड पिछले कई दिनों से शारीरिक रूप से स्वस्थ हैं, सर्दी, खांसी या बुखार नहीं है तो सैक्स संबंध बनाने में कोई हरज नहीं.

रही बात ओरल सैक्स के दौरान कंडोम की, तो आजकल बाजार में कई फ्लैवर्स में कंडोम्स उपलब्ध हैं जो सैक्स को अधिक जोशिला और रोमांच देने में सक्षम हैं.

मगर जो भी करें सोचसमझ कर व आपसी रजामंदी से ही. जोश में चूक हो जाए और फिर पछताना पङे इस के लिए आप और आप का बौयफ्रैंड दोनों ही सचेत रहें तो ज्यादा बेहतर है.

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4साल की लंबी कोर्टशिप के बाद जब नेहा और शेखर ने अचानक अपनी दोस्ती खत्म कर ली तो सभी को बहुत आश्चर्य हुआ. ‘‘हम सब तो उन की शादी के निमंत्रण की प्रतीक्षा में थे. आखिर ऐसा क्या घटा उन दोनों में जो बात बनतेबनते बिगड़ गई?’’ जब नेहा से पूछा तो वह बिफर पड़ी, ‘‘सब लड़के एक जैसे ही होते हैं. पिछले 2 साल से वह मुझे शादी के लिए टाल रहा है. कहता है, इसी तरह दोस्ती बनाए रखने में क्या हरज है? असल में वह जिम्मेदारियों से दूर भागने वाला, बस, मौजमस्ती करने वाला एक प्लेबौय किस्म का इनसान है. आखिर मुझे भी तो कोई सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा चाहिए.’’

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मैं एक युवक से 4 साल से प्यार करती हूं?

सवाल

मैं एक युवक से 4 साल से प्यार करती हूं. पहले वह भी मुझ से बहुत प्यार करता था हमारे बीच सबकुछ हो चुका है. पहले वह बारबार मिलने आता था पर अब झूठ बोल कर मना करता है. क्या करूं?

जवाब

आप का रिलेशन 4 साल से है और आप अभी तक उसे नहीं समझ पाईं, हैरानी की बात है. आप ने बताया कि आप के बीच सबकुछ हो चुका है. अकसर प्रेमी शारीरिक संबंध बनाने के बाद विमुख हो जाते हैं कहीं आप के मामले में भी ऐसा ही तो नहीं?

याद कीजिए कि वह सबकुछ होने के बाद कटना शुरू हुआ या पहले से. उस के कटने की वजह जानने की कोशिश कीजिए. अगर अपने में सुधार लाने की आवश्यकता हो तो सुधार कीजिए. अगर उस की कोई कमी है तो उसे बताइए. आप का प्यार है प्यार से मनाइए मान जाएगा.

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पहले सेक्स करने के ये हैं फायदे

आपको इस नए रिश्ते में अभी कुछ ही महीने हुए हैं. अभी तक आप लोग एक दूसरे को ढंग से जान भी नहीं पाए हैं कि अचानक ही एक मुलाकात में आप दोनों की चर्चा इस दिशा में बढ़ जाती है कि पूर्व में आप दोनों के कितने रिश्ते रहे हैं. ना सिर्फ आपको अतीत में रहे आपकी गर्लफ्रेंड के बौयफ्रेंडों की संख्या जानकर आश्चर्य होता है, आपकी साथी की प्रतिक्रिया भी आपके पुराने रिश्तों के बारे में जानकर कुछ अजीब ही होती है.

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कई बार देखा गया है कि जब भी कोई नया रिश्ता शुरू होता है तो दोनों ही साथियो के पूर्व में शारीरिक सम्बन्ध भी रहे होते हैं. फिर चाहे वो सम्बन्ध गंभीर रिश्तों के दौरान बने हो या फिर वो एक रात के रिश्ते हो. ऐसा हो सकता है कि होने वाले साथी के पूर्व में रहे रिश्तों के बारे में जानना किसी के लिए कामोत्तेजक हो या फिर यह भी हो सकता है कि किसी को इस बारे में जानकर बिलकुल भी अच्छा नहीं लगे. लेकिन शोधकर्ता अभी भी निश्चित रूप से किसी नतीजे पर नहीं पहुंचे हैं कि स्पष्ट रूप से कह सकें कि आखिरकार अपने साथी के पूर्व में रहे रिश्तों के बारे में जानकर लोगों को कैसा लगता है.

सेक्स का अनुभव – कितना फायदेमंद?

यूके के शोधकर्ताओं के एक समूह ने इस बारे में जानने के लिए 18 से 35 साल के 188 युवाओं को इकठ्ठा किया. उन्हें कुछ काल्पनिक लोगों की एक सूची दी गयी जिनके पूर्व में शून्य से लेकर 60 तक या उससे ज्यादा रिश्ते रहे थे. फिर उनसे पूछा गया कि वो उन लोगों के साथ रिश्ता जोड़ने में कितने तैयार होंगे. उन्हें अपने जवाब में 1 से लेकर 9 तक अंक देने थे.

जो लंबे चलने वाले रिश्ते चाहते थे उनकी नजर में वो लोग पहली पसंद थे जिनके पूर्व में दो साथी रहे थे. ऐसे लोगों की औसतन उम्र 21 साल थी. जब सूचना को अलग तरीके से आयोजित किया गया तो यह साफ हो गया कि अधिक उम्र के सहभागियों की नजर में आदर्श साथी वो था जिसके पूर्व में दो से ज्यादा रिश्ते रहे थे.

लेकिन उम्र पर ध्यान दिए बिना गौर किया गया तो एक बात स्पष्ट हो गयी थी, खासकर यूके के नागरिकों के लिए. लोगों को यह तो अच्छा लगता है कि उनके संभावित साथी के पास थोड़ा बहुत यौनिक अनुभव हो, लेकिन अगर किसी के पूर्व में बहुत ज्यादा साथी रहे हों तो यह बात ज्यादातर लोगों को आकर्षित नहीं करती और यह अध्ययन में हिस्सा लेने आये पुरुषों और महिलाओं, दोनों के ही जवाबों से स्पष्ट थी.

लेकिन जब बात हो लघु अवधि के रोमांस के लिए साथी ढूंढने की तो पुरुष और महिलाओं के जवाबों में असमानता पायी गयी. पुरुषों को वो महिलाएं पसंद आयी जिनके पूर्व में दो से लेकर 10 साथी रहे हों, जबकि दूसरी और महिलाएं उन पुरुषों के साथ रिश्ता बनाने की इच्छुक थी जिनके पूर्व में दो से लेकर पांच महिलाओं के साथ शारीरिक सम्बंध रहे हों.

सेक्स और संस्कृति

तो पुरुषों और महिलाओं को दीर्घ-कालिक रिश्तों के लिए ऐसे साथी क्यों पसंद आते हैं जिनको सेक्स का बहुत ज्यादा नहीं, बस थोड़ा बहुत अनुभव हो?

शोधकर्ताओं का कहना था कि अध्ययन से निकले निष्कर्ष उन्हीं संस्कृतियों के लिए उपयुक्त होंगे जहाँ शादी से पहले सेक्स करना स्वीकार्य है. जाहिर सी बात है कि विश्व के उन हिस्सों में जहां शादी से पहले सेक्स को गलत समझा जाता है, वहां एक प्रतिबद्ध रिश्ते से पहले किसी भी प्रकार के यौनिक अनुभव का होना कतई वांछनीय नहीं है.

लेकिन शोधकर्ता यह भी कहते हैं कि ब्रिटैन जैसी कुछ उदार संस्कृतियों में बिलकुल भी यौन अनुभव नया होने का अर्थ यह निकाला जा सकता है कि शायद उस व्यक्ति में सामाजिक कौशल और रिश्तों की समझ की कमी है. अगर आपका अभी तक कोई बॉयफ्रेंड या गर्लफ्रेंड नहीं है तो हो सकता है कि आप में कोई कमी है!

इसके साथ-साथ कई बार यह भी देखा गया है कि लोग दूसरो के प्रति सिर्फ इसलिए आकर्षित हो जाते हैं क्योंकि और लोग भी उनकी तरफ आकर्षित हैं. इसे ‘मेट-चॉइस कोपयिन्ग’ का नाम दिया गया है. आपके पास यौन अनुभव है तो इसका मतलब है कि लोग आपको पसंद करते हैं और इसलिए किसी को आप अच्छे लग सकते हैं.

धोखेबाज?

संस्कृति चाहे कोई भी हो, शोधकर्ताओं को लगता है कि जिन लोगों के पूर्व में बहुत सारे प्रेमी रहे हैं, वो उन लोगों की पहली पसंद कभी नहीं बन पाते जो अपने साथी के साथ दीर्घ-कालिक रिश्ता बनाना चाहते हैं. शायद उन्हें यह लगता हो कि जिस व्यक्ति के इतने सारे साथी हो उससे यौन संक्रमण का ख़तरा हो सकता है. शोधकर्ता कहते हैं कि आंकड़ों पर नज़र डालें तो जिस व्यक्ति के कई साथी रहे हों, उसके लिए किसी दीर्घकालिक रिश्ते में रहना या किसी रिश्ते में ईमानदार रहना मुश्किल हो सकता है.

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