कुछ दिनों तक मोबाइल पर बातचीत के बाद मुलाकात तय हुई. वे तीनों होटल में गए जहां पर पर्सी ने जम कर लेस्बियन कल्चर की सपोर्ट में भाषणबाजी करी.
अब तक पर्सी समझ चुकी थी कि उसे क्या करना है, ‘‘तो लेस्बियन इतने अच्छे हैं तो आ जाओ न हमारे साथ,’’ कहते हुए अपने होंठ शांति के होंठों से चिपका दिए पर्सी ने. शांति ने अपने पूरे शरीर को ढीला छोड़ दिया. इस समय उस के शरीर पर पर्सी और बीहू अपना सारा प्रेम निछावर कर रही थीं.
शांति ने चरम सुख एक बार नहीं बल्कि 2-2 बार अनुभव किया. प्यासी धरती आज पानी की बूंदों से तृप्त हो रही थी.
उस दिन शर्म की दीवार क्या गिरी फिर तो आए दिन का खेल ही हो गया. अब तीनों जब भी मिलते, जवानी का मजा लेते और बदले में शांति बीहू और पर्सी को पैसे भी दे कर जाती. शांति को बीहू और पर्सी का साथ बहुत अच्छा लग रहा था और अब शांति पहले से ज्यादा खुश नजर आ रही थी पर उस की यह खुशी ज्यादा दिन तक नजर नहीं आई जब एक दिन पर्सी ने घबराते हुए शांति को बताया कि जिस होटल में वे तीनों मजा करने जाते थे वहां के कमरे में शायद स्पाई कैमरा लगा हुआ था और उस कैमरे में हमारी सभी की सैक्स करते समय के न्यूड वीडियो कैद हो गए हैं और अब उस होटल का मालिक हमे ब्लैकमेल कर रहा है और वीडियो को इंटरनैट पर लीक न करने के 2 लाख रुपए मांग रहा है.
‘‘पर कैसा वीडियो है वह और हैं कहां?’’ शांति ने पूछा तो पर्सी ने उसे अपने मोबाइल पर एक अनजान नंबर से आया वीडियो दिखाया जिस में शांति पूरी तरह से नग्न हो कर बिस्तर पर लेटी हुई है जबकि बीहू उस के पैरों को सहला रही है.
शांति दंग रह गई थी. वह किसी भी हालत में यह नहीं चाहती थी कि उस के चरित्र पर कोई लांछन लगा सके पर यहां तो उस का पूरा वीडियो ही बना हुआ है.
शांति ने बीहू को मिलने के लिए बुलाया और एक ही सांस में सारी घटना कह सुनाई. पर्सी भी साथ में थी.
‘‘पर इस बात की क्या गारंटी है कि ब्लैकमेलर एक बार हम से पैसा ले कर दोबारा हम से पैसे नहीं मांगेगा?’’ शांति ने कुछ सोचते हुए कहा.
पर्सी के चेहरे पर बड़ा आत्मविश्वास सा दिखाई दिया जब उस ने कहा कि एक बार पैसे मांगने के बाद वह दोबारा पैसे नहीं मांगेगा.
वैसे तो बीहू जानती थी कि आए दिन लड़केलड़कियों के सैक्स स्कैंडल
इंटरनैट पर अपलोड होते रहते हैं पर फिर भी किसी तरह की बदनामी न हो इसलिए वह भी यही चाहती थी कि बात रफादफा कर दी जाए हालांकि 2 लाख रुपए की रकम छोटी नहीं होती पर फिर मरता क्या न करता.
शांति और बीहू ने 2 लाख रुपए मिल कर किसी तरह पर्सी को दिए ताकि वह उस होटल के मकानमालिक अर्थात उस ब्लैकमेलर को दे सके. फिर कई हफ्तों तक उन लोगों में कोई मुलाकात करना ठीक नहीं समझ.
अभी 6 महीने ही गुजरे थे कि पर्सी ने एक बार फिर से घबराए स्वर में शांति को बताया कि वह ब्लैकमेलर मुझे फोन कर के फिर से पैसे मांग रहा है.
इस बार शांति को पर्सी की बात पर थोड़ा शक हुआ, ‘‘पर उस का फोन बारबार तुम्हारे पास ही क्यों आ रहा है हम में से किसी के पास क्यों नहीं आता.’’
शांति के इस सवाल से सकपका गई पर्सी. उसे इस प्रश्न की आशा न थी, इसलिए उस ने बात बदलते हुए कहा कि हमें जल्द ही कुछ करना चाहिए वरना हम सब बदनाम हो जाएंगे.
आखिर बीहू और शांति के पास कोई पैसों का पेड़ तो था नहीं. वे दोनों परेशान दिखी पर न जाने क्यों शांति को पर्सी की बात पर शक हो रहा था. उस ने शाम को पर्सी से फिर से उस के कमरे पर मिलने को कहा और यह भी कहा कि उसे अपनी इज्जत तो बचानी ही है. अत: कैसे भी हो वह पैसे ले कर आएगी.
शाम को पर्सी, बीहू और शांति एकसाथ थीं. शांति अपने साथ 2 लाख रुपए बैग में ले कर आई थी और बहुत परेशान हो रही थी कि कहीं यह ब्लैकमेलर उस का वीडियो वायरल न कर दे.
पर्सी ने पैसे देख कर उसे भरोसा दिलाया कि वह घबराए नहीं. पैसे दे देंगे तो वह कुछ नहीं करेगा.
शांति के आग्रह पर अपनी टैंशन कम करने के नाते तीनों ने जम कर शराब पी और
पार्टी करी. शराब पी कर सब से पहले पर्सी लुढ़क गई क्योंकि शांति ने चुपके से सिर्फ पर्सी की शराब में ही नींद की गोलियां मिलाई थीं और खुद बीहू और शांति सिर्फ नशे में होने का नाटक भर कर रही थीं. उन दोनों ने पर्सी की उंगली की बायोमीट्रिक छाप से पर्सी का मोबाइल अनलौक किया और उस की छानबीन करी, उस के चैट्स खंगाले और जो समाने आया उस से वे दोनों दंग रह गईं.
पर्सी के अनेक लड़कों और लड़कियों से संबंध थे. वह लेस्बियन होने का दिखावा करती और फिर लड़कियों को अपने जाल में फंसा कर उन के आपसी संबंध का न्यूड वीडियो बना कर बाद में उन्हीं को ब्लैकमेल करती.
शांति को उसी दिन शक हो गया था जब उस के सवाल पर पर्सी के चेहरे का रंग उड़ गया था. तभी उस ने अपने मन की बात बीहू से शेयर करी और तभी दोनों ने मिल कर पूरी प्लानिंग से पार्टी वाला प्रोग्राम बनाया.
बीहू और शांति ने पर्सी को बैड के सिरहाने से बांध दिया और उस के मोबाइल से ही पुलिस को फोन कर के पर्सी के बारे में सबकुछ बता दिया. पर्सी का पता भी बता दिया. पुलिस द्वारा फोन करने वाले की पहचान पूछे जाने पर सिर्फ ‘एक पीडि़त’ कह कर फोन काट दिया.
बीहू को पर्सी ने धोखे में रखा और अपने जाल में फंसाया. बीहू कभी पर्सी को माफ नहीं करेगी और अब शायद किसी अनजाने पर इतनी जल्दी भरोसा भी नहीं कर पाएगी.
‘‘तुम चाहो तो मुझ पर भरोसा कर सकती हो क्योंकि मैं भी एक सताई हुई औरत हूं,’’ शांति ने जैसे बीहू के मन की बात पढ़ ली थी.
बीहू के चेहरे पर मुसकराहट थी. उस ने कमरे से अपना सारा सामान उठाया और शांति के साथ एक अनजान शहर की ओर जाने वाली बस में बैठ गई.
अब बीहू को किसी ड्रामा स्कूल से नाटक के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं थी. अपने अनुभवों से वह जान चुकी थी कि यहां पर सब तरफ एक नाटक चल रहा है जिस में लोग अपना असली चेहरा छिपाए रहते हैं और नकली चेहरा जनता को दिखाते हैं.
बीहू और शांति बाकी का जीवन एकदूसरे के असली चेहरे के साथ बिताएंगी जबकि दुनिया के सामने उन का नकली चेहरा ही होगा.
पुरुषों द्वारा किसी न किसी रूप में पीडि़त महिलाएं आज आजाद हो चुकी थीं. समाज उन के रिश्ते को ‘अननैचुरल’ भी कह सकता है पर सच तो यह था कि अब बीहू को शांति मिल चुकी थी और अब शांति के साथ बीहू थी.