जानें मील प्लानिंग करने के 10 टिप्स

नाश्ता, लंच और डिनर में ऐसा क्या बनाया जाए जो सबको पसन्द आये यह हर महिला की एक आम परेशानी होती है जिससे उसे हर दिन दो चार होना पड़ता है क्योंकि परिवार के सभी सदस्यों की पसन्द अलग अलग होती है और हर एक की पसन्द का हर दिन बनाना सम्भव नहीं होता, इस समस्या का ही समाधान है ‘”मील प्लानिंग” हर दिन ब्रेकफास्ट से लेकर डिनर तक बनाये जाने वाले भोजन की प्लानिंग कर लेना इससे जहां एक ओर घर के प्रत्येक सदस्य की पसन्द का ध्यान भी रखा जा सकता है वहीं आपके लिए भोजन बनाने में लगने वाली सामग्री को मैनेज करना भी आसान हो जाता है. यहां पर प्रस्तुत हैं मील प्लानिंग के लिए कुछ उपयोगी टिप्स-

-मील प्लानिंग के ऐसे दिन या समय को चुनें जब परिवार के सभी सदस्य उपस्थित हों ताकि सबकी पसन्द नापसन्द का ध्यान रखा जा सके.

-एक डायरी में चार कॉलम बनाएं, पहले कालम में खाद्य वस्तु का नाम, दूसरे में उससे बनने वाली डिशेज के नाम, तीसरे में दिन और चौथे में टाइम अर्थात लंच, डिनर या ब्रेकफास्ट जिसमें उसे बनाया जाना है.

-तैयार डे वाइज मेन्यू को एक प्लेन पेपर पर लिखकर किचन या ऐसी जगह पर लगाएं जहां पर सुगमता से आपकी नजर पड़ती रहे.

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-मील प्लानिंग करते समय पौष्टिकता पर विशेष ध्यान देने के साथ साथ  सप्ताह में एक दिन ही तले भुने को प्राथमिकता दें. पैक्ड और रेडी टू ईट के स्थान पर ताजे खाद्य पदार्थों का ही प्रयोग करें.

-भोजन की प्लानिंग इस प्रकार से करें कि आप कम से कम समय में विविध अनाज, फाइबर और सब्जियों से भरपूर खाद्य पदार्थ परिवार के सदस्यों को खिला सकें.

-प्रतिदिन उतना ही भोजन बनाएं कि वह बचे न, एक दिन बनाकर चार पांच दिन फ्रिज में रखकर खाने से बचें क्योंकि फ्रिज में रखे भोजन की समस्त पौष्टिकता समाप्त हो जाती है.

-मील प्लानिंग करते समय घर के बुजुर्गों की पसन्द नापसन्द का भी विशेष ध्यान रखें.

-मील प्लानिंग सन्डे के स्थान पर फ्राइडे को करें ताकि आगामी सप्ताह में भोजन में प्रयोग होने वाली खाद्य सामग्री को आप रविवार को खरीद सकें.

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-यदि आप कामकाजी हैं तो रविवार को चटनी, सॉसेज, पेस्ट आदि को बनाकर फ्रिज में स्टोर कर लें.

-सब्जियों को भी धोकर साफ सूती कपड़े से पोंछकर बारीक काटकर फ्रिज में रखें ताकि आवश्यकता पड़ने पर आप उनका उपयोग कर सकें.

‘फ्रेंडशिप डे’ पर अपने दोस्तों को दें ये ट्रेंडी गिफ्टस

दोस्ती हर किसी की लाइफ में एक अहम महत्व रखता है. माता-पिता के बिना जैसे लाइफ अधूरी होती है उसी तरह दोस्तों के साथ लाइफ के मजे लेना भी जरूरी है. इसीलिए साल में दोस्ती के लिए एक दिन मनाते हैं ‘फ्रेंडशिप डे’. इस दिन हर कोई अपनी लाइफ में मौजूद खास दोस्तों के लिए कुछ न कुछ करता है या गिफ्ट देता है, लेकिन दोस्त को गिफ्ट क्या दें ये भी जानना जरूरी हैं. लड़का हो या लड़की दोनों के लिए अलग-अलग गिफ्ट देना सही रहता है. आज हम आपको ट्रैंडी गिफ्ट्स के लिए कुछ टिप्स बताएंगे, जिसे आप ‘फ्रेंडशिप डे’ पर अपने खास दोस्तों को देकर उनकी अपनी लाइफ में अहमियत के बारे में बता सकते है.

1. लड़कियों के लिए ज्वैलरी है खास

आजकल ज्वैलरी के मामले में लड़कियों को ट्रेंडी या हल्की ज्वैलरी पहनना ज्यादा पसंद आता है. अगर आप भी अपनी किसी लड़की दोस्त को कुछ गिफ्ट करना चाहते हैं तो ऐसी ज्वैलरी आपके लिए बेस्ट औप्शन रहेगा. हल्की होने की वजह से ये डेली लाइफस्टाइल में आसानी से पहना जा सकता है.

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2. परफ्यूम है ट्रेंडी गिफ्ट

डेली लाइफस्टाइल में आजकल लोगों को परफ्यूम की जरूरत ज्यादा पड़ती है. पार्टी हो या औफिस परफ्यूम लगाए बिना कोई नही निकलता. परफ्यूम एक ट्रेंडी गिफ्ट है जो लड़का हो या लड़की हर किसा को पसंद आता है.

3. लड़कियों को दें पर्स

 

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अगर आप अपनी किसी लड़की को कुछ ऐसा गिफ्ट देना चाहते हैं जो वह डेली इस्तेमाल करें तो बैग्स बेस्ट औप्शन रहेगा. ये ऐसा गिफ्ट है जिसे आपकी दोस्त रोजाना इस्तेमाल के साथ-साथ आपकी दोस्ती को याद रखेगी.

4. हेल्थ वौच रखेगा आपके दोस्त का ख्याल

 

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अगर आप भी अपने दोस्त की हेल्थ की फिक्र करते हैं तो हेल्थ वौच एक बेस्ट औप्शन है. हेल्थ वौच ट्रेंडी गिफ्ट है, जिससे आप अपने दोस्त के साथ जिंदगीभर बिना किसी बीमारी के बिता सकते हैं.

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5. ईयर फोन है बेस्ट औप्शन

आजकल हर कोई सफर हो या घर पर गाने सुनना हर किसी को पसंद आता है. इसीलिए हर किसी लाइफ में ईयरफोन जरूरी होता है. अगर आप भी अपने दोस्त को कुछ ट्रेंडी देना चाहते हैं तो ये गिफ्ट आपके लिए बेस्ट औप्शन होगा.

Monsoon Special: नाश्ते में फैमिली को खिलाएं पनीर चीला

पनीर हेल्थ के लिए फायदेमंद होता है. लेकिन अगर आप पनीर की एक हेल्दी और टेस्टी रेसिपी ट्राय करना चाहते हैं तो पनीर चीला आपके लिए बेस्ट औप्शन साबित होगा. आइए आपको बताते हैं पूरी रेसिपी…

सामग्री :

– बेसन ( 200 ग्राम)

– पनीर (75 ग्राम)

– प्याज (2बारीक कटा हुआ)

– लहसुन ( 6-7 कली बारीक कटा हुआ)

– हरी मिर्च  (4 बारीक कटी हुई)

– हरा धनिया (01 छोटा चम्मच)

– अदरक (01 छोटा चम्मच)

– लाल मिर्च ( 01 छोटा चम्मच)

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– सौंफ (01 छोटा चम्मच)

– अजवायन (01 छोटा चम्मच)

– तेल  (सेंकने के लिये)

– नमक (स्वादानुसार)

पनीर चीला बनाने की विधि :

– सबसे पहले पनीर को कद्दूकस कर लें.

– इसके बाद बेसन को छान लें.

– फिर उसमें पनीर के साथ सारी सामग्री मिला लें.

– अब मिश्रण में थोड़ा-थोड़ा पानी डालते हुए उसका घोल बना लें.

– यह घोल पकौड़ी के घोल जैसा होना चाहिए, न ज्यादा पतला, न ज्यादा गाढ़ा.

– घोल को अच्छी तरह से फेंट लें और फिर उसे 15 मिनट के लिए ढ़क कर रख दें.

– अब एक नौन स्टिक तवा गरम करें.

– तवा गरम होने पर 1/2 छोटा चम्मच तेल तवा पर डालें और उसे पूरी सतह पर फैला दें.

– ध्यान रहे तेल सिर्फ तवा को चिकना करने के लिये इस्तेमाल करना है.

– अगर तवा पर तेल ज्यादा लगे, तो उसे तवा से पोंछ दें.

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– तवा गरम होने पर आंच कम कर दें और 2-3 बड़े चम्मच घोल तवा पर डालें और गोलाई में बराबर से         फैला दें.

– चीला की नीचे की सतह सुनहरी होने पर उसे पलट दें और उसे सेंक लें.

– इसी तरह सारे चीले सेंक लें.

– अब आपका स्वादिष्ट पनीर का चीला तैयार हैं.

सीरियल बंद होने की खबरों के बीच छाया रुबीना दिलैक का नया फोटोशूट लुक, फोटोज वायरल

टीवी एक्ट्रेस रुबीना दिलैक (Rubina Dilaik) इन दिनों सुर्खियों में हैं. जहां एक तरफ उनका पौपुलर सीरियल शक्ति अस्तित्व के एहसास की बंद होने की खबरों के चलते फैंस के बीच छाया हुआ है. तो वहीं रुबीना दिलैक का एक के एक नया फोटोशूट फैंस का दिल जीत रहा है. इसी बीच रुबीना दिलैक का नया फोटोशूट सोशलमीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसे देखकर कुमार सानू के बेट यानी बिग बौस फेम जान कुमार भी दिल दे बैठे हैं. आइए आपको दिखाते हैं रुबीना दिलैक के लुक्स की झलक…

लुक से जीता फैंस का दिल

 

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टीवी एक्ट्रेस रुबीना दिलैक जल्द ही फिल्म ‘अर्ध’ से बड़े पर्दे (Rubina Dilaik) पर डेब्यू करने जा रही हैं, जिसके चलते वह फैंस के साथ अपने नए-नए लुक्स शेयर कर रही हैं. इसी बीच उन्होंने एक ग्लैमरस फोटोशूट (Rubina Dilaik photoshoot) करवाया है, जिसमें वह रफल स्कर्ट और क्रॉप टॉप पहने दिख रही हैं. फैंस को उनका लुक काफी पसंद आ रहा है.

 

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वेस्टर्न लुक में दिखाईं अदाएं

 

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रुबीना दिलैक को फैंस बौस के नाम से बुलाते हैं. वहीं हाल ही में एक फोटोशूट में उनका बौस लुक देखने को मिला. ब्लैक कलर के औवरसाइज्ड कोट के साथ यूनिक ज्वैलरी उनके लुक पर चार चांद लगा रहा था. फैंस को उनका ये लुक काफी पसंद आ रहा है.

साड़ी को देती हैं नया लुक

 

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सीरियल शक्ति अस्तित्व के एहसास की में न्यू लुक में नजर आ रही एक्ट्रेस रुबीना दिलैक के साड़ी अंदाज का हर कोई दीवाना है. उनके नए-नए लुक फैंस को पसंद आते हैं. वहीं साड़ी फ्यूजन लुक से वह फैंस का दिल जीतती हैं.

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गाउन में गिराई थी बिजलियां

 

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पिछले दिनों रुबीना दिलैक औफ शोल्डर गाउन में नजर आईं थीं, जिसे देखकर फैंस के होश उड़ गए थे. वहीं कई लोग उनके फैशन की तारीफें भी करते हुए नजर आए थे.

‘मेक इन इण्डिया’ और ‘डिफेंस काॅरिडोर’ आत्मनिर्भर बनाने में सहायक सिद्ध होगा : मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की ‘मेक इन इण्डिया’ संकल्पना को साकार करने में उत्तर प्रदेश डिफेंस इण्डस्ट्रियल काॅरिडोर की महत्वपूर्ण भूमिका है. यह काॅरिडोर रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाने में सहायक सिद्ध होगा. उत्तर प्रदेश डिफेंस इण्डस्ट्रियल काॅरिडोर एक ग्रीन-फील्ड परियोजना है. यह परियोजना डिफेंस तथा एयरोस्पेस उद्योग के लिए ही नहीं, अपितु परियोजना क्षेत्र में स्थापित, रक्षा क्षेत्र से सम्बन्ध न रखने वाली एमएसएमई इकाइयों तथा स्टार्टअप के लिए भी लाभकारी होगी.

मुख्यमंत्री जी आज सीआईआई-इण्डिजेनाइजेशन समिट ऑन डिफेंस एण्ड एयरोस्पेस-2021 (सीआईआई-आईएसडीए-2021) को वर्चुअल माध्यम से सम्बोधित कर रहे थे. उन्होंने विश्वास जताया कि इस समिट के माध्यम से ऐसे उपयोगी सुझाव प्राप्त होंगे, जो आदरणीय प्रधानमंत्री जी की भावना के अनुरूप रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में उपयोगी सिद्ध होंगे. ‘इण्डिया मार्चिंग टुवड्र्स सेल्फ-रिलायन्स इन डिफेंस एण्ड एयरोस्पेस’ थीम पर आधारित इस समिट का आयोजन सीआईआई, यूपीडा तथा सोसाइटी आॅफ इण्डियन डिफेंस मैन्युफैक्चरर्स (एसआईडीएम) द्वारा संयुक्त रूप से 28 जुलाई से 31 जुलाई, 2021 तक किया गया है.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री जी के विकास के माॅडल को पूरी प्रतिबद्धता से लागू किया है. विगत 4 वर्ष के दौरान प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा व मार्गदर्शन में राज्य सरकार ने जो पहल की है, उसने देश व दुनिया में उत्तर प्रदेश के सम्बन्ध में लोगों की धारणा में परिवर्तन किया है. अपराध और भ्रष्टाचार के प्रति राज्य सरकार की जीरो टाॅलरेन्स नीति से उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था का सुदृढ़ीकरण हुआ है.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2018 के केन्द्रीय बजट में देश में 02 डिफेंस काॅरिडोर स्थापित किये जाने की घोषणा की गयी थी. फरवरी, 2018 में आदरणीय प्रधानमंत्री जी द्वारा लखनऊ में ‘उत्तर प्रदेश इन्वेस्टर्स समिट’ का शुभारम्भ किया गया था. इस अवसर पर प्रधानमंत्री जी द्वारा उत्तर प्रदेश में डिफेंस इण्डस्ट्रियल काॅरिडोर की स्थापना की घोषणा की गयी थी. इन्वेस्टर्स समिट में प्राप्त 4.68 लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्तावों में से 03 लाख करोड़ रुपए के एमओयू क्रियान्वयन के विभिन्न चरणों में हैं.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि डिफेंस इण्डस्ट्रियल काॅरिडोर में निवेश प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार ने ‘उत्तर प्रदेश रक्षा तथा एयरोस्पेस इकाई एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति-2018’ लागू की. इस नीति को और अधिक आकर्षक बनाने के लिए माह दिसम्बर, 2019 में कई महत्वपूर्ण संशोधन किये गये. उत्तर प्रदेश डिफेंस इण्डस्ट्रियल काॅरिडोर में निवेश के प्रोत्साहन के लिए नीतियों के अन्तर्गत प्रदान की जा रहीं अनेक प्रकार की छूट एवं सब्सिडी से, उत्तर प्रदेश सरकार देश में मार्गदर्शक की भूमिका निभा रही है.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश डिफेंस इण्डस्ट्रियल काॅरिडोर के तहत आगरा, अलीगढ़, चित्रकूट, झांसी, कानपुर तथा लखनऊ में 06 नोड चिन्हित किये गये हैं. सभी 06 नोड्स में लगभग 1500 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहीत की जा चुकी है. इस परियोजना के प्रति निवेशकों एवं उद्यमियों के उत्साह को देखते हुए निर्देश दिये गये हैं कि जहां पर भूमि की मांग अधिक है, वहां भूमि क्रय की जाए. अलीगढ़ नोड में सड़क, बिजली एवं पानी की सुविधा विकसित करने की प्रक्रिया गतिमान है. अलीगढ़ नोड में लगभग 74 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहीत की गयी है, जिसका लगभग पूर्ण रूप से आवंटन 19 इकाइयों में हो चुका है. इनके माध्यम से कुल 1500 करोड़ रुपये का निवेश सम्भावित है. अलीगढ़ नोड का शिलान्यास अगस्त, 2021 में प्रस्तावित है.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश डिफेंस इण्डस्ट्रियल काॅरिडोर के विकास में प्रधानमंत्री जी तथा रक्षा मंत्री जी का निरन्तर मार्गदर्शन प्राप्त हो रहा है. फरवरी, 2020 में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में डिफेंस एक्सपो का 11वां संस्करण सफलतापूर्वक आयोजित किया गया. यह एक यूनीक इवेन्ट थी. डिफेंस एक्सपो-2020 अपनी श्रेणी का अब तक का सबसे वृहद एवं सफलतम आयोजन रहा है. इसके माध्यम से डिफेंस इण्डस्ट्री से जुड़े पूरी दुनिया के प्रतिष्ठित उद्यमियों, कम्पनियों एवं निवेशकों को राज्य के डिफेंस इण्डस्ट्रियल काॅरिडोर की विस्तृत जानकारी मिली. राज्य सरकार उन्हें यह अवगत कराने में सफल रही कि उत्तर प्रदेश में भारत का सबसे बड़ा एमएसएमई का बेस उपलब्ध है.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में एमएसएमई क्षेत्र की इकाइयों की संख्या सर्वाधिक है. राज्य में एमएसएमई सेक्टर में प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 03 करोड़ लोग कार्यरत हैं. राज्य सरकार द्वारा एमएसएमई सेक्टर को पुनर्जीवित करने के लिए ‘एक जनपद-एक उत्पाद’ योजना तथा ‘विश्वकर्मा श्रम सम्मान’ योजना लागू की गई है. इन योजनाओं के उत्साहजनक परिणाम मिल रहे हैं. प्रदेश की अर्थव्यवस्था में एमएसएमई सेक्टर के महत्व को देखते हुए राज्य सरकार निरन्तर इस सेक्टर को सुदृढ़ कर रही है. वर्तमान सरकार द्वारा बैंकों से समन्वय करते हुए अब तक 70 लाख 69 हजार से अधिक एमएसएमई इकाइयों को 02 लाख 17 हजार करोड़ रुपये से अधिक धनराशि का ऋण उपलब्ध कराया गया है.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि डिफेंस एक्सपो के आयोजन से रक्षा उद्योग व एयरोस्पेस सेक्टर में उत्तर प्रदेश में भारी निवेश को बल मिला. उत्तर प्रदेश डिफेंस इण्डस्ट्रियल काॅरिडोर के तहत अभी तक 41 अनुबन्ध किये गये हैं. इनमें से 23 निवेशक कम्पनियों के साथ 50 हजार करोड़ रुपए के निवेश के एमओयू डिफेंस एक्सपो-2020 के दौरान हस्ताक्षरित हुए. भारत सरकार के उपक्रम ओएफबी, एचएएल तथा बीईएल द्वारा आने वाले 05 वर्षाें में 2,317 करोड़ रुपये के निवेश की उद्घोषणा की गयी है. ओएफबी तथा एचएएल द्वारा लगभग 820 करोड़ रुपये का निवेश किया जा चुका है. इसके अलावा, निजी कम्पनियों का निवेश भी प्राविधानित है.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार तथा उत्तर प्रदेश सरकार ने डिफेंस टेस्टिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर स्कीम के अन्तर्गत डिफेंस काॅरिडोर में प्रयोगशालाएं स्थापित करने का निर्णय लिया है. इससे उद्योग जगत, एमएसएमई इकाइयों तथा स्टार्ट-अप को टेक्नोलाॅजी परीक्षण, प्रोटोटाइपिंग, डिजाइन और डेवलपमेण्ट में सुविधा होगी. काॅमन फैसिलिटी सेण्टर की स्थापना के लिए देश की अग्रणी संस्थाओं से वार्ता की प्रक्रिया अन्तिम चरण में है. इन प्रतिष्ठानों में टाटा टेक्नोलाॅजी, सीमेन्स और दासाॅल्ट सिस्टम शामिल हैं.

प्रदेश के डिफेंस इण्डस्ट्रियल काॅरिडोर से भारतीय नौसेना के जुड़ाव को गौरवपूर्ण बताते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि गत वर्ष भारतीय नौसेना तथा डिफेंस इण्डस्ट्रियल काॅरिडोर की कार्यदायी संस्था यूपीडा के मध्य एक एमओयू हस्ताक्षरित हुआ. राज्य सरकार ने आईआईटी, बीएचयू तथा आईआईटी, कानपुर में ‘सेण्टर ऑफ एक्सिलेंस’ स्थापित किये हैं, जो भारतीय नौसेना के साथ मिलकर कार्य करेंगे. यह ‘सेण्टर ऑफ एक्सीलेंस’ इण्डस्ट्रीज और एकेडमियों के बीच समन्वय करते हुए उद्यमियों एवं निवेशकों की जरूरतों के अनुरूप तकनीकी समाधान उपलब्ध कराएंगे. प्रदेश सरकार द्वारा इन संस्थाओं को अनुसंधान एवं विकास के लिए अग्रिम ग्राण्ट की प्रथम किश्त दी जा चुकी है. द्वितीय किश्त हेतु प्रस्ताव विचाराधीन है. आदरणीय प्रधानमंत्री जी ने ‘आत्मनिर्भर भारत’ के अपने विजन में नवाचार और स्वदेशीकरण पर बल दिया है. इसके दृष्टिगत यह ‘सेण्टर आॅफ एक्सीलेंस’ महत्वपूर्ण योगदान करेंगे.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने भारत की अर्थव्यवस्था को 05 ट्रिलियन डाॅलर का बनाने का लक्ष्य रखा है. इस लक्ष्य को प्राप्त करने में प्रदेश की बड़ी भूमिका है. राज्य सरकार का लक्ष्य प्रदेश को 01 ट्रिलियन डाॅलर अर्थव्यवस्था के रूप में विकसित करना है. राज्य सरकार ने इस दिशा में निरन्तर प्रयास किये. परिणामस्वरूप न केवल ‘ईज आॅफ डूइंग बिजनेस’ में प्रदेश की रैंकिंग बढ़कर दूसरी हो गयी है, बल्कि राज्य देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है. राज्य सरकार विकास और समृद्धि की गति को और तेज करते हुए वर्ष 2017 की तुलना में वर्ष 2021-22 तक प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय को दोगुनी करने के लिए प्रयत्नशील है.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश में निवेश का उत्तम वातावरण सृजित करने के लिए योजनाबद्ध ढंग से कार्य किया है. नई औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति (2017) के साथ 20 से अधिक क्षेत्र-विशिष्ट निवेशोन्मुखी नीतियों के पारदर्शी कार्यान्वयन से, राज्य सरकार रोजगार सृजन के लिए निवेश और ‘मेक इन यूपी’ को बढ़ावा दे रही है. निवेश प्रोत्साहन में गतिशीलता लाने के लिए प्रदेश का ‘निवेश मित्र’ पोर्टल उद्यमियों को सेवाएं प्रदान कर रहा है. यह पोर्टल भारत के सबसे विशाल एवं व्यापक डिजिटल सिंगल विण्डो क्लीयरेंस प्लेटफाॅम्र्स में से एक है.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार सम्पूर्ण राज्य में मैन्युफैक्चरिंग केन्द्रों की सुविधा के लिए विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचे और त्वरित कनेक्टिविटी का विकास करा रही है. पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे तथा बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे का निर्माण कराया जा रहा है. गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे भी निर्माणाधीन है. यह परियोजनाएं शीघ्र पूरी हो जाएंगी. राज्य सरकार ने मेरठ से प्रयागराज तक गंगा एक्सप्रेस-वे के निर्माण का भी निर्णय लिया है. यह भारत के सबसे लम्बे एक्सप्रेस-वे में से एक होगा.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में लखनऊ, वाराणसी तथा कुशीनगर में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के हवाई अड्डे हैं. जेवर एवं अयोध्या में बनने वाले अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों को सम्मिलित करते हुए राज्य में अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों की संख्या बढ़कर 05 हो जाएगी. प्रदेश में वर्ष 2017 में मात्र 04 एयरपोर्ट लखनऊ, वाराणसी, गोरखपुर तथा आगरा क्रियाशील थे तथा कुल 25 गंतव्य स्थान हवाई सेवाओं से जुड़े थे. वर्तमान में 08 एयरपोर्ट लखनऊ, वाराणसी, गोरखपुर, आगरा, प्रयागराज, कानपुर नगर, हिंडन, बरेली क्रियाशील हैं, जिनसे कुल 71 गंतव्य स्थानों के लिए हवाई सेवाएं उपलब्ध हैं. ‘उड़ान योजना’ के तहत विभिन्न जनपदों में हवाई अड्डों का विकास कराया जा रहा है.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट काॅरिडोर तथा वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट काॅरिडोर उत्तर प्रदेश से गुजरते हैं. राज्य में दादरी, बोराकी तथा वाराणसी में मल्टीमोडल लाॅजिस्टिक/ट्रांसपोर्ट हब की स्थापना की जा रही है. वाराणसी से हल्दिया के बीच देश का पहला राष्ट्रीय जलमार्ग क्रियाशील है. रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम के तहत प्रदेश में दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ काॅरिडोर का निर्माण कार्य प्रगति पर है. कानपुर तथा आगरा जनपदों में मेट्रो रेल परियोजना का कार्य तेजी से चल रहा है.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार ने उद्योगों को निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए प्रभावी कदम उठाए हैं. लैण्ड बैंक में वृद्धि के लिए अनेक सुधार लागू किए गए. औद्योगिक भूमि के लिए एफआर को बढ़ाकर 3.5 कर दिया गया है. सभी औद्योगिक विकास प्राधिकरणों को मेगा एवं इससे उच्च श्रेणी के उद्योगों को, आवेदन की तिथि से 15 दिन के भीतर भूमि प्रदान करने के लिए निर्देशित किया गया है.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोविड काल खण्ड की परिस्थितियों को ध्यान में रखकर राज्य सरकार ने अनेक नई नीतियां घोषित की हैं. प्रदेश में 250 मेगावाॅट क्षमता के डाटा सेण्टर उद्योग में 20,000 करोड़ रुपए के निवेश के लक्ष्य के साथ डाटा सेण्टर नीति-2021 घोषित की गई है. इसी प्रकार, गैर-आईटी आधारित स्टार्ट अप्स को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने नई स्टार्ट अप नीति-2020 घोषित की है. इलेक्ट्राॅनिक्स सिस्टम डेवलपमेण्ट एण्ड मेनटेनेन्स और कम्पोनेण्ट निर्माताओं को प्रोत्साहित करने के लिए नई इलेक्ट्राॅनिक नीति-2020 के अन्तर्गत नवीनीकृत प्लाण्ट और मशीनरी पर स्थिर पूंजीगत निवेश के 40 प्रतिशत तक प्रोत्साहन प्रदान करने जैसे नीतिगत निर्णय लिए गए हैं.

समिट को अपर मुख्य सचिव गृह एवं यूपीडा के सीईओ श्री अवनीश कुमार अवस्थी, एसआईडीएम के प्रेसिडेंट श्री जयन्त पाटिल, एसआईडीएम यूपी चैप्टर के चेयरमैन श्री सचिन अग्रवाल, सीआईआई नाॅर्दर्न रीजन कमेटी आॅन डिफेंस एण्ड एयरोस्पेस के चेयरमैन श्री मनोज गुप्ता एवं को-चेयरमैन सुश्री अमिता सेठी ने भी सम्बोधित किया.

इस अवसर पर अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त श्री संजीव मित्तल, अपर मुख्य सचिव एमएसएमई एवं सूचना श्री नवनीत सहगल, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एवं सूचना श्री संजय प्रसाद, विशेष सचिव मुख्यमंत्री श्री अमित सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.

नीना गुप्ता की बेटी मसाबा गुप्ता के ‘‘लेबल हाउस ऑफ मसाबा’’ के 12 साल हुए पूरे, पढ़ें खबर

नीना गुप्ता की बेटी व फैशन डिजायनर मसाबा गुप्ता चांद पर है. आखिरकार उनके दिमाग की उपज, उनका लेबल ‘हाउस ऑफ मसाबा’ने सफलता के 12 वर्ष पूरे कर लिए हैं. मसाबा ने अपने इंस्टाग्राम पेज पर पिछले 12 वर्षों की अपनी कुछ सबसे बड़ी उपलब्धियों की कुछ तस्वीरें पोस्ट की और एक लंबा संदेश भी पोस्ट किया जिसमें बताया गया कि यात्रा कैसी रही है.

मसाबा ने लिखा, ‘‘मेरा लेबल ‘हाउस आफ मासाबा’’ आज 12 वषर्् ा का हो गया है. पहली तस्वीर 19 साल की उम्र में मेरे डेब्यू शो की है. 12 साल की मुस्कान, खुशी, डर, असफलता, सफलता, छोड़ने की चाहत और कभी हार न मानने की चाहत. सब एक ही सांस में.काश मेरे पास एक ब्रांड बनाने और उससे जुड़ी हर चीज के बारे में आपके साथ साझा करने के लिए 12 पाठ होते. लेकिन मेरे पास एक है और यह अच्छे दिनों और बुरे दिनों के लिए क्या काम करता है! – ‘आप क्या करते हैं और कैसे करते हैं, इस बारे में अनुशासित रहें‘.

 

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मुझे नहीं लगता कि मैं अपने कई समकालीनो की तुलना में आधी प्रतिभाशाली हूं, लेकिन जो मेरे पास प्रतिभा की कमी है, उसे मैं कड़ी मेहनत से पूरा करने में लगतार जुटी रहती हूं. आपका अनुशासन और आपकी कड़ी मेहनत आपका गोला-बारूद है, इसका अच्छी तरह से उपयोग करें.

और मुझे इस ब्रांड ने मुझे दिए गए सभी तनाव प्रेरित मुँहासे के लिए जन्मदिन की शुभकामनाएं दे.

मसाबा ने युवा उद्यमियों और फैशन डिजाइनरों को कुछ सुझाव भी दिए और उनसे कहा कि वह क्या करते हैं और कैसे करते हैं, इसके बारे में अनुशासित रहें. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि किस तरह अनुशासन और कड़ी मेहनत हर व्यक्ति का हथियार है और उन्हें इसका अच्छी तरह से इस्तेमाल करना चाहिए.

इंस्टाग्राम पर उनके प्रशंसक  मसाबा को सालगिरह की शुभकामनाएं देने के साथ ही उनकी 12 वर्ष की कड़ी मेहनत और उनके ब्रांड ‘हाउस ऑफ मसाबा’ को भारत के शीर्ष लेबलों में से एक बनने पर सराह भी रहे है.

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रुबीना दिलैक के सीरियल समेत इन 5 टीवी सीरियल्स पर लगेगा ताला! पढ़ें खबर

साल 2020 से अब तक टीवी इंडस्ट्री में बदलाव देखने को मिले हैं. जहां कई सितारों ने दुनिया को अलविदा कहा है तो वहीं कई सीरियल्स लौकडाउन के कारण बंद हो गए हैं. इसी बीच खबर हैं कि जुलाई में 5 और सीरियल्स बंद होने वाले हैं, जिसमें रुबीना दिलैक के शो का नाम भी शामिल है. आइए आपको दिखाते हैं पूरी खबर…

रुबीना के शो पर गिरी गाज

 

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कलर्स का रियलिटी शो बिग बॉस 15 (Bigg Boss 15) जल्द ही शुरू होने वाला है, जिसका हाल ही में प्रोमो भी रिलीज किया गया था. इसी बीच खबरे हैं कि मेकर्स रुबीना दिलाइक के शो  ‘शक्ति अस्तित्व के एहसास की’ (Shakti Astitva Ke Ehsaas Ki) की जगह बिग बौस 15 को देना चाहते हैं, जिसके कारण सीरियल को बंद करने की बात कही जा रही है.

एक महीने का मिला था कुर्बान हुआ को टाइम

https://www.youtube.com/watch?v=NMloEecA_wE

बीते दिनों Zee TV के सीरियल कुर्बान हुआ (Qurbaan Hua) को कम टीआरपी के चलते बंद करने की खबरें आईं थीं. हालांकि औडियंस का शो के लिए प्यार देखने के बाद मेकर्स ने सीरियल को एक महीने के लिए बढ़ा दिया था. लेकिन अब मेकर्स ने शो को बंद करने का मन बना लिया है.

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तेरा यार हूं मैं

https://www.youtube.com/watch?v=9rGxCTV2jHc

टीवी एक्टर सुदीप साहिर और सयंतनी घोष का सीरियल तेरा यार हूं मैं (Tera Yaar Hoon Main) भी बंद होने वाला है. हालांकि यह सीरियल पिछले साल अगस्त में लॉन्च किया गया था. लेकिन कम टीआरपी के चलते खबरे हैं कि इस शो पर भी ताला लगने वाला है.

कांटेलाल एंड संस

सोनी टीवी का सीरियल कांटेलाल एंड संस (Kaantelal and Sons) भी कम बजट के चलते बंद करने का फैसला लिया गया है. हालांकि शो की टीआरपी भी कम थी. वहीं औडियंस भी सीरियल को ज्यादा पसंद नही कर रही थी.

 हीरो गायब मोड ऑन

सिद्धार्थ निगम और अभिषेक निगम स्टारर शो हीरो गायब मोड ऑन (Hero Gayab Mode On) के भी बंद करने की खबरें इन दिनों छाई हुई हैं. वहीं कुछ महीनों पहले शुरु हुए इस सीरियल की टीआरपी भी कम ही है.

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जानें बच्चे को कितना दें जेब खर्च

मृणालिनी अपने दोनों बच्चों को हर सप्ताह 10 रूपये जेब खर्च देती थी और बच्चे उस दिन खुशी-खुशी स्कूल जाते थे, लेकिन कई बार कुछ बच्चों के पेरेंट्स उन्हें अधिक पैसे देते है, जिससे उनके बच्चों को ख़राब लगता था, कई बार तो उसने अपने पैसे जेब से निकाले नहीं और कह दिया माँ ने आज जेब खर्च नहीं दिया, शायद भूल गयी होगी. बच्चे ने ये बात माँ को कभी नहीं बताया. अगली सप्ताह फिर 10 रुपये जोड़कर जब 20 रुपये होते, तो वे पैसे निकाल कर स्कूल कैंटीन से कुछ खा लेते थे. एक दिन माँ की नजर सोनू की बैग साफ़ करते-करते 10 रुपये पर पड़ी, उन्होंने बेटे से इसकी वजह पूछी, क्योंकि जेब खर्च वाले दिन मृणालिनी अपने बच्चों को टिफिन न देकर फ्रूट्स देती थी. इस पर 8 साल का सोनू रोने लगा,उसकी दीदी मिताली ने सारी बात बताई. तब माँ ने दोनों को किसी बात को उनसे न छुपाने की सलाह दी और अगले सप्ताह से माँ ने हर सप्ताह 20 रुपये देना शुरू कर दिया.

रखे नजर खर्च पर

जेब खर्च बच्चे को दिया जाय या नहीं, इसे लेकर वैज्ञानिक, समाजशात्री और मनोचिकित्सक की राय अलग-अलग है. कुछ के अनुसार पॉकेट मनी से बच्चे को पैसे की कीमत सिखाना आसान होता है. इससेबच्चा किसी भी चीज को खरीदते समय पैसे के बदले में वस्तु लेने के लायक है या नहीं उसकी परख कर पाताहै. यहींचीजें उसको भविष्य में बचत करने की जरुरत को समझने में सहायक होता है. जबकि कुछ मानते है कि इससे बच्चे में पैसे की लालच बढ़ जाती है और उतने पैसे न मिलने पर कुछ गलत कर बैठते है. देखा जाय तो जेब खर्च बच्चे को बना और बिगाड़ भी सकती है. इसलिए बच्चे को सोच-समझ कर जेब खर्च देना चाहिए और बच्चा किस पर उस पैसे को खर्च करता है, उसकी जानकारी पेरेंट्स को होनी चाहिए. कई बार बच्चे के पास अधिक पैसे न होने पर किसी दूसरे बच्चे के बैग से या माता-पिता की अलमारी से भी निकालते हुए पाया गया है, ऐसा होने परबच्चे के साथ माता-पिता का सीधा संवाद होना चाहिए. छोटे बच्चे अधिकतर जो भी गलत करते है, डर की वजह से बता देते है, लेकिन थोड़े बड़े बच्चे ऐसा नहीं करते. इसलिए व्यस्त होने पर भी बच्चे के साथ रोज कुछ क्वालिटी समय बिताएं.

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समझाएं पैसे का महत्व

इस बारें में मुंबई की मनोचिकित्सक डॉ. हरीश शेट्टी कहते है कि बच्चे को जेब खर्च देते समय कुछ बातों का ख़ास ध्यान रखना चाहिए, जो निम्न है,

  • परिवार की आमदनी जितनी भी हो, उसमे पारदर्शिता का होना, अर्थात् बच्चे को भी उसके बारें में जानकारी होना,
  • परिवार में किसी लक्ज़री सामान को खरीदते समय लिए गए निर्णय में बच्चों की भागीदारीका होना, इससे बच्चे को अपने भविष्य में किसी वस्तु को खरीदते समय निर्णय लेने में आसान होना,
  • बचत की इच्छा का विकसित होना,
  • वित्तीय ज्ञान होनाआदि है.

पेरेंट्स न करें गलतियाँ

कुछ पेरेंट्स के पास कमाई का जरिया अधिक होता है, जिससे वे अपनी झूठी शान दिखाने के लिए कुछ ऐसी गलतियां कर बैठते है, जिसका पछतावा उन्हें बाद में होता है,इसलिए कुछ बातों को बच्चों के साथ शेयर न करना ही अच्छा होता है. सुझाव निम्न है,

  • बचपन में पेरेंट्स को जेब खर्च का न मिलना,
  • खुद के बच्चे की सारी इच्छाएं पूरी करना,
  • बच्चे को शांति से बैठने के लिए भी उनकी पसंद की वस्तु देना,
  • बच्चे की जिद को पहले पूरा करने के लिए आपस में कॉम्पिटीशन करना आदि कई है.
  • पैसे की मात्रा आपसी समझ के आधार पर दें,
  • बच्चे को हमेशा अस्तित्व, एहसास और पर्यावरण का ज्ञान होने की जरुरत,
  • पैसा देते समय हमेशा पेरेंट्स को बच्चे के व्यवहार को ध्यान दें, जिससे बच्चा अपनी शान किसी के आगे न दिखाएं, उसे नीचा न समझे, किसी के लिए भी सम्मान उसके व्यवहार में होना जरुरी है.

दें रिवॉर्ड गलत व्यवहार के लिए

इसके आगे डॉ. हरीश कहते है कि अगर बच्चा कही से पैसा निकाला है तो उसकी जरुरत क्या है, उसे पेरेंट्स को देखना है. मेरे पास अधिकतर बच्चे फ़ोन को लेकर आते है जैसे किसी के पास आई फ़ोन है, लेकिन मेरे पास नहीं. इस तरह की समस्या से पेरेंट्स परेशान रहते है, बच्चे के हिसाब से ये चीजे अगर किसी के पास है, तो उसका आत्मविश्वास उससे अधिक बढ़ जाता है. ऐसे बच्चों को माता-पिता सामने बैठाकर आत्मविश्वास के बारें में समझाना जरुरी है.

अपने अनुभव के बारें में मनोचिकित्सक कहते है कि एक परिवार में केवल 20 रूपये मिसिंग था. महिला ने अपने मेड को शक किया, उसके मना करने पर उन्होंने बच्चों से पूछा, बच्चों ने पहले मना किया, फिर छोटा बच्चा बड़े को बाथरूम में ले गया और उससे अपनी गलती बताने को कहा. बड़े ने कहा, तुम भी तो मेरे साथ बड़ा पाव खाए हो, तो तुम्ही बता दो. माँ के कान में ये बात पड़ने पर माँ ने इसका रिवॉर्ड उन दोनों के लिए एक सप्ताह टीवी न चलाने का रखा, इससे दोनों रोने और कूदने लगे, जैसे कुछ गंभीर बात हो, पर माँ अपनी बात पर अटल रही, इससे फॅमिली के बीच संवाद बढ़ा और माँ की इस रिवार्ड से बच्चों ने फिर कभी अनुपयुक्त काम नहीं किया.

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इसके अलावा एक टीनेजर बच्चे ने 50 हजार रूपये अलमारी से निकाल कर उड़ा दिया और खुद माँ के साथ जाकर पुलिस स्टेशन में कंप्लेन किया. पुलिस ने पडोसी और घरवालों से पूछताछ की, लेकिन कुछ पता नहीं चला. शक के आधार पर पुलिस उस बच्चे को पकड़ी और थोड़ी जोर लगाकर बात करने पर उसने बताया कि माँ के घर से जाने पर वह पड़ोस से चाभी लेकर पैसा निकाला था. डॉक्टर के अनुसार ऐसे बच्चों को सुधारना आसान होता है. पैरेंट्स को घबराना नहीं चाहिए. मेरा सभी माता-पिता से कहना है कि बच्चों को इमोशनल सेफ्टी अवश्य दें. कुछ गलत करने पर माता-पिता और स्कूल उसे सही करें.

जानें क्या हैं अरोमा थेरेपी मसाज के फायदे

पूरे हफ्ते में काम कर कर के आप बहुत थक जाती हैं और हफ्ते के अंत तक आते आते आपकी सारी एनर्जी खत्म हो जाती है. आपके हफ्ते में या महीने में एक दिन ऐसा होना चाहिए जिस दिन आप पूरी तरह रिलैक्स रहें और आप फोन आदि इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स से दूर रहें, जिसमें आप थोड़ा समय खुद के साथ बिता सकें. लेकिन आप ऐसा क्या कर सकती हैं जिससे आप पूरी तरह से रिलैक्स हो सकें और आपके अंदर एक रीसेट हो सके ताकि आप दुबारा से उसी एनर्जी के साथ काम कर सकें जिसके साथ आपने शुरू किया था. अगर आप ऐसा कुछ खोज रही हैं तो आप अरोमा थेरेपी मसाज ले सकती हैं. यह आपको महीने में एक बार तो अवश्य लेनी चाहिए और इसके बहुत सारे लाभ भी होते हैं जो आपको इसका आदी बना देंगे. तो आइए जानते हैं अरोमा मैजिक थेरेपी क्या होती है और इसके आपको क्या क्या लाभ मिल सकते हैं?

 क्या होती है अरोमा थेरेपी?

अरोमा थेरेपी एक प्रकार की मसाज होती है. इसके दौरान विभिन्न प्रकार के अलग अलग एसेंशियल ऑयल का प्रयोग किया जाता है ताकि आपको अलग अलग तरह की अरोमा का अनुभव प्रदान किया जा सके. जैसे यूक्लेप्टस आपको डिटॉक्स करने में मदद करता है, कैफ़ीन आपके अंदर एनर्जी भरता है और लेवेंडर आपको अच्छी नींद आने में मदद करता है. आप जिस जगह से मसाज ले रहे हैं उनसे आप एसेंशियल ऑयल के बारे में बात कर सकते हैं कि वह किस किस ऑयल का प्रयोग करेंगे और उनके क्या क्या लाभ होते हैं. यह अलग अलग तरह से जैसे डिटॉक्स मसाज, बॉडी रैप मसाज आदि तरह से होती है.

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 अरोमा थेरेपी मसाज के लाभ

-यह आपकी बॉडी की सेल्स को डिटॉक्स करती है.

-आपके दिमाग को पूरी तरह से रिफ्रेश कर देती है.

-आपके अंदर एक शांति पैदा करती है.

-आपके शरीर को मस्तिष्क को रिजूविनेट करती है.

-आपकी एक्सफोलिएट होने वाली स्किन को एसेंशियल ऑयल हाइड्रेट करते हैं.

-आपके ब्लड सर्कुलेशन को इंप्रूव करती है.

-इस थेरेपी को लेने के बाद आपकी स्किन स्मूथ हो जाती है और अच्छे से पोषण को अब्जॉर्ब कर पाती है.

 खुद को इस थेरेपी के लिए कैसा तैयार करें?

एक्सपर्ट्स के मुताबिक मसाज लेने से पहले यह सुनिश्चित करें कि आप अपने आप को पानी पी कर अच्छे से हाइड्रेट कर लें. आपके शरीर का कोई भी भाग सेंसिटिव नहीं होना चाहिए. इसके अलावा किसी भी अन्य मसाज की तरह यह मसाज लें और खुद को अधिक से अधिक रिलैक्स करने की कोशिश करें.

 अरोमा थेरेपी मसाज के दौरान आप क्या एक्सपेक्ट कर सकती हैं?

इसके अलग अलग प्रकार होते हैं और अगर आप डिटॉक्स रैप ट्रीटमेंट का चयन करती हैं तो सबसे पहले ड्राई बॉडी ब्रशिंग की जाती है. जिसमें आपका शरीर एक्सफोलिएट होता है. स्क्रब को उतारने के लिए एक बॉडी मास्क का प्रयोग किया जाता है. यह आपकी स्किन को ब्राइट और रिफाइन करता है. इसके बाद आपको ऑयल की एक अच्छी मसाज दी जाती है. मसाज अगर आप पहली बार करवा रही हैं तो इसमें आपके सारे शरीर की मूवमेंट होने के कारण आपकी स्किन थोड़ी लाल पड़ सकती है और आपको इसकी आदत होने में थोड़ा समय लग सकता है लेकिन यह पूरी तरह से नॉर्मल है.

 क्या इस मसाज के कोई साइड इफेक्ट्स भी हैं?

मसाज के बाद आपका अधिक आराम करने का मन करेगा क्योंकि आपकी एनर्जी में एक बढ़ोतरी होती है. ऐसा 12 से 24 घंटे के लिए हो सकता है और यह आपके पाचन को स्टिमुलेट करता है और आपके अंदर एक डायरेटिक प्रभाव पैदा करता है.

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 मसाज के बाद क्या क्या करना चाहिए?

आपको मसाज लेने के बाद अधिक से अधिक पानी पीना चाहिए ताकि आपके शरीर से सारे टॉक्सिंस फ्लश हो सकें. अपने आप के साथ थोड़ी जेंटल रहें. अपने शरीर और मस्तिष्क को इस उपचार का अच्छा असर देने के लिए थोड़ा समय दें.

शुरू में आपको लगेगा की यह मसाज नॉर्मल तरह की है लेकिन बाद में आपको इसके नतीजे देखने को मिलेंगे और यह एक्जैक्ट रूप से वही करती है जो इसमें दावा किया जाता है.

पैनक्रियाटिक रोगों की बड़ी वजह है अल्कोहल सेवन, धूम्रपान और गॉल ब्लॉडर स्टोन

बदलती तकनीकों से आसान हो गया है पैनक्रियाटिक रोगों का इलाज, अब न्यूनतम शल्यक्रिया एंडोस्कोपिक तकनीक होने लगी है ज्यादा कारगर और लोकप्रिय युवा कामकाजी प्रोफेशनल्स में अल्कोहल सेवन, धूम्रपान के बढ़ते चलन और गॉल स्टोन के स्टोन के कारण पैनक्रियाटिक रोगों के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. पैनक्रियाज से जुड़ी बीमारियों में एक्यूट पैनक्रियाटाइटिस, क्रोनिक पैनक्रियाटाइटिस और पैनक्रियाटिक कैंसर के मामले ज्यादा हैं. लेकिन आधुनिक एंडोस्कोपिक पैनक्रियाटिक प्रक्रियाओं की उपलब्धता और इस बीमारी की बेहतर समझ और अनुभव रखने वाली विशेष पैनक्रियाटिक केयर टीमों की बदौलत इससे जुड़े गंभीर रोगों पर भी अब आसानी से काबू पाया जा सकता है.

आधुनिक पैनक्रियाटिक उपचार न्यूनतम शल्यक्रिया तकनीक के सिद्धांत पर आधारित है और इसे मरीजों के लिए सुरक्षित और स्वीकार्य इलाज माना जाता है.

पेट के पीछे ऊपरी हिस्से में मौजूद पैनक्रियाज पाचन एंजाइम और हार्मोन्स (ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने वाले इंसुलिन सहित) को संचित रखता है. पैनक्रियाज का मुख्य कार्य शक्तिशाली पाचन एंजाइम को छोटी आंत में संचित रखते हुए पाचन में सहयोग करना होता है. लेकिन स्रावित होने से पहले ही जब पाचन एंजाइम सक्रिय हो जाते हैं तो ये पैनक्रियाज को नुकसान पहुंचाने लगते हैं जिनसे पैनक्रियाज में सूजन यानी पैनक्रियाटाइटिस की स्थिति बन जाती है.

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एक्यूट पैनक्रियाटाइटिस इनमें सबसे आम बीमारी है जो गॉलस्टोन, प्रतिदिन 50 ग्राम से ज्यादा अल्कोहल सेवन, खून में अधिक वसा और कैल्सियम होने, कुछ दवाइयों के सेवन, पेट के ऊपरी हिस्से में चोट, वायरल संक्रमण और पैनक्रियाटिक ट्यूमर के कारण होती है. गॉल ब्लाडर में पथरी पित्त वाहिनी तक पहुंच सकती है और इससे पैनक्रियाज नली में रुकावट आ सकती है जिस कारण एक्यूट पैनक्रियाटाइटिस होता है. बुजुर्गोंं में ट्यूमर ही इसका बड़ा कारण है. इसमें पेट के ऊपरी हिस्से से दर्द बढ़ते हुए पीठ के ऊपरी हिस्से तक पहुंच जाता है. कुछ गंभीर मरीजों को सांस लेने में तकलीफ और पेशाब करने में भी दिक्कत आने लगती है.

इस बीमारी का पता लगने पर ज्यादातर मरीजों को इलाज के लिए अस्पताल में रहना पड़ता है. मामूली पैनक्रियाटाइटिस आम तौर पर एनलजेसिक और इंट्रावेनस दवाइयों से ही ठीक हो जाती है. लेकिन थोड़ा गंभीर और एक्यूट पैनक्रियाटाइटिस जानलेवा भी बन सकती है और इसमें मरीजों को लगातार निगरानी और सपोर्टिव केयर में रखना पड़ता है. ऐसी स्थिति में मरीज को नाक के जरिये ट्यूब डालकर भोजन पहुंचाया जाता है. पैनक्रियाज के आसपास की नलियों से संक्रमित द्रव को  कई बार एंडोस्कोपिक तरीके से या ड्रेन ट्यूब के जरिये बाहर निकाला जाता है. उचित इलाज और विशेषज्ञों की देखरेख में एक्यूट पैनक्रियाटाइटिस से पीड़ित ज्यादातर मरीज जल्दी स्वस्थ हो जाते हैं. इस बीमारी की पुनरावृत्ति से बचने के लिए अल्कोहल का सेवन छोड़ देना चाहिए और गॉल ब्लाडर सर्जरी के जरिये पथरी निकलवा लेनी चाहिए. लिपिड या कैल्सियम लेवल को दवाइयों से नियंत्रित किया जा सकता है.

इसके अलावा क्रोनिक पैनक्रियाटाइटिस की डायनोसिस और इलाज में एंडोस्कोपिक स्कारलेस प्रक्रियाओं की अहम भूमिका होती है. इसमें मरीज को लगातार दर्द या पेट के ऊपरी हिस्से में बार—बार दर्द होता है. लंबे समय तक बीमार रहने पर भोजन पचाने के लिए जरूरी पैनक्रियाटिक एंजाइम की कमी और इंसुलिन के अभाव में डायबिटीज होने के कारण डायरिया की शिकायत हो जाती है. पैनक्रियाज और इसकी नली की जांच के लिए इसमें एमआरसीपी और एंडोस्कोपिक अल्ट्रासाउंड जैसे टेस्ट कराने पड़ते हैं.

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पैनक्रियाटिक ट्यूमर भी धूम्रपान, डायबिटीज मेलिटस, क्रोनिक पैनक्रियाटाइटिस और मोटापे के कारण होता है. इसके लक्षणों में पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द, पीलिया, भूख की कमी और वजन कम होना है. ऐसे मरीजों का सबसे पहले सीटी स्कैन किया जाता है. इसके बाद जरूरत पड़ने पर ईयूएस और टिश्यू सैंपलिंग कराई जाती है. इसमें लगभग 20 फीसदी कैंसर का पता लगते ही सर्जरी कराई जाती है, बाकी मरीजों को कीमोथेरापी दी जाती है. कीमोथेरापी के बाद बहुत कम  जख्म रह जाता है और फिर मरीज की सर्जरी की जाती है. कीमोथेरापी से पहले मरीज के पीलिया के इलाज के लिए कई बार ईआरसीपी और स्टेंटिंग भी कराई जाती है. ईआरसीपी के दौरान पित्त वाहिनी में स्टेंट डाला जाता है ताकि ट्यूमर के कारण आए अवरोध को दूर किया जा सके. पैनक्रियाटिक कैंसर से पीड़ित कुछ मरीजों को तेज दर्द भी हो सकता है, ऐसे में उन्हें दर्द से निजात दिलाने के लिए ईयूएस गाइडेड सीपीएन (सेलियक प्लेक्सस न्यूरोलिसिस) कराया जाता है.

डॉ. विकास सिंगला, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी के निदेशक और प्रमुख, मैक्स सुपर स्पेशियल्टी हॉस्पिटल, साकेत, नई दिल्ली से बातचीत पर आधारित.

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