Raksha Bandhan Special: डिनर में बनाएं पोटैटो गार्लिक परांठा

बारिश के मौसम में सादा भोजन की अपेक्षा कुछ चटपटा और टेस्टी टेस्टी खाने का मन करता है. दूसरी तरफ बारिश के मौसम में आलस्य भी बहुत आता है जिससे कुछ अधिक बनाने को भी मन नहीं करता. तो क्यों न इस मॉनसूनी मौसम में कुछ ऐसा बनाया जाए जो जल्दी भी बने, टेस्टी भी हो और सबको पसन्द भी आये. इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए आज हम आपको एक ऐसी रेसिपी के बारे में बता रहे हैं जो स्वयं भी सम्पूर्ण भोजन है और सबको बहुत पसंद भी आएगी. तो आइए देखते हैं कि इसे कैसे बनाते हैं-

कितने लोगों के लिए            6

बनने में लगने वाला समय     30 मिनट

मील टाइप                        वेज

सामग्री 

गेहूं का आटा                   1 कप

मैदा                                1/4 कप

उबले आलू                      2

लाल मिर्च पाउडर             1/2 टीस्पून

अमचूर पाउडर                  1/4 टीस्पून

नमक                                1/2 टीस्पून

हरी मिर्च कटी                      4

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कसूरी मैथी                          1 टीस्पून

मक्खन                                1 टेबलस्पून

बारीक कटा लहसुन              8 कली

बारीक कटा हरा धनिया        1 टेबलस्पून

चाट मसाला                       1/2 टीस्पून

तेल पर्याप्त मात्रा में

विधि

आलू को कद्दूकस से ग्रेट कर लें. एक चौड़े मुंह के बाउल में मैदा और गेहूं के आटे को एक साथ छान लें. इस छने आटे में किसें आलू, हरी मिर्च, लाल मिर्च, नमक, अमचूर पाउडर तथा एक टेबलस्पून तेल डालकर अच्छी तरह मिलाएं. इसे पानी की सहायता से रोटी जैसा नरम गूंथकर आधे घण्टे के लिए ढककर रख दें. एक बाउल में बटर, चाट मसाला, लहसुन और हरा धनिया अच्छी तरह मिलाएं. तैयार आटे से छोटी छोटी दो लोई लेकर समान आकार की दो रोटी बेल लें. अब एक रोटी पर चाकू की सहायता से गार्लिक बटर अच्छी तरह लगाएं. इसके ऊपर दूसरी रोटी रखकर किनारों से अच्छी तरह दबा दें. तैयार परांठे को गरम तवे पर घी या तेल लगाकर दोनों तरफ से सुनहरा होने तक सेकें. गर्मागर्म परांठे को आप चटनी, सॉस, दही या किसी भी सब्जी के साथ परोसें.

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10 टिप्स: प्रेग्नेंसी के पहले और बाद में ऐसे रखें अपना ख्याल

गर्भावस्था के दौरान महिला को कई शारीरिक और भावनात्मक बदलावों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में मां और जन्म लेने वाले बच्चे के स्वास्थ्य के लिए जरूरी है कि गर्भधारण करने से पहले ही प्लानिंग कर ली जाए -पूर्व गर्भावस्था, गर्भावस्था के दौरान, प्रसव अवधि और प्रसव के बाद. आइए जानते हैं इन चारों चरणों के दौरान जरूरी सावधानियों के बारे में:

गर्भावस्था से पहले अगर आप मां बनने की योजना बना रही हैं तो सब से पहले किसी स्त्री रोग विशेषज्ञा से मिलें. इस से आप को स्वस्थ प्रैगनैंसी प्लान करने में सहायता मिलेगी.

गर्भधारण करने के 3 महीने पहले से जिसे प्री प्रैगनैंसी पीरियड कहते हैं, डाक्टर के सुझाव अनुसार जीवनशैली में परिवर्तन लाने से न केवल प्रजनन क्षमता सुधरती है, बल्कि गर्भावस्था के दौरान होने वाली समस्याएं भी कम होती हैं और प्रसव के बाद रिकवर होने में भी सहायता मिलती है.

1 सर्वाइकल स्मीयर:

याद करें कि आप ने पिछली बार सर्वाइकल स्मीयर टैस्ट कब करवाया था. यदि अगला टैस्ट आने वाले 1 साल में करवाना बाकी है तो उसे अभी करा लें. स्मीयर जांच सामान्यत: गर्भावस्था में नहीं कराई जाती है, क्योंकि गर्भावस्था की वजह से ग्रीवा में बदलाव आ सकते हैं और सही रिपोर्ट आने में कठिनाई हो सकती है.

2 वजन:

अगर आप का वजन ज्यादा है और बौडी मास इंडैक्स (बीएमआई) 23 या इस से अधिक है, तो डाक्टर आप को वजन कम करने की सलाह देंगे. वजन घटाने से आप के गर्भधारण करने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं और आप अपनी गर्भावस्था की सेहतमंद शुरुआत कर सकती हैं. अगर आप का वजन कम है तो डाक्टर से बीएमआई बढ़ाने के सुरक्षित उपायों के बारे में बात करें. यदि आप का वजन कम है तो माहवारी चक्र अनियमित रहने की भी संभावना अधिक होती है. इस से भी गर्भधारण में समस्याएं आती हैं. आप का बीएमआई 18.5 और 22.9 के बीच होना चाहिए.

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3 गर्भावस्था के दौरान:

द इंस्टिट्यूट औफ मैडिसिन की गाइडलाइंस के अनुसार प्रैगनैंसी के दौरान महिला को अपने बीएमआई के हिसाब से वजन बढ़ाना चाहिए. अंडरवेट वूमन यानी बीएमआई 18.5 से कम हो तो उसे 12 से 18 किलोग्राम तक वजन बढ़ाना चाहिए. नौर्मल वेट वूमन यानी बीएमआई 18.5 से 25 हो तो 11 से 15 किलोग्राम तक वजन बढ़ाएं. महिला ओवर वेट हो यानी 25 से 30 तक बीएमआई हो तो उसे 7 से 11 किलोग्राम तक वजन बढ़ने देना चाहिए. 30 से ज्यादा बीएमआई होने पर 5 से 9 किलोग्राम तक वजन बढ़ाना चाहिए.

4 व्यायाम:

व्यायाम हैल्दी लाइफस्टाइल का अहम हिस्सा है. कोई कौंप्लिकेशन न हो तो प्रैगनैंट वूमन को हैल्दी रहने के लिए नियमित व्यायाम करते रहना चाहिए. कम से कम 30 मिनट का सामान्य व्यायाम जरूर करें. आइस हौकी, किक बौक्सिंग, राइडिंग आदि न करें.

5 संतुलित और पोषक भोजन खाएं:

मैक्स हौस्टिपल, शालीमार बाग, दिल्ली के डाक्टर एसएन बासु कहते हैं कि गर्भावस्था के दौरान संतुलित और पोषण भोजन का सेवन करें ताकि बच्चे के विकास और आप के शरीर में हो रहे बदलावों के लिए आप का शरीर तैयार हो सके. एक मां बनने वाली महिला को आमतौर पर प्रतिदिन 300 अतिरिक्त कैलोरी की आवश्यकता होती है.

6 सप्लिमैंट्स:

गर्भावस्था के दौरान प्रतिदिन कैल्सियम, फौलेट और आयरन की निश्चित मात्रा की निरंतर आवश्यकता होती है. इन की पूर्ति के लिए सप्लिमैंट्स का सेवन करना जरूरी होता है. कैल्सियम-1200 एमएल, फौलेट-600 से 800 एमएल, आयरन-27 एमएल. हर गर्भवती महिला को गर्भावस्था के दौरान 100 एमजी की आयरन की 100 गोलियों का सेवन अवश्य करना चाहिए. ये मां और बच्चे दोनों के लिए जरूरी हैं. प्रैगनैंसी के शुरुआती दिनों में विटामिंस की मेगा डोज बर्थ डिफैक्ट्स की वजह बन सकती है. प्रैगनैंट महिलाओं को अनपाश्चराइज्ड दूध, सौफ्ट चीज और रौ रैड मीट भी नहीं लेना चाहिए. इस से मिसकैरेज और दूसरी समस्याएं पैदा हो सकती है. प्रैगनैंट वूमन को हमेशा फल और सब्जियां अच्छी तरह धो कर खानी चाहिए.

7 पर्याप्त नींद लें:

गर्भवती महिलाओं को पर्याप्त आराम और नींद की जरूरत होती है. उन्हें रात में कम से कम 8 घंटे और दिन में 2 घंटे सोना चाहिए. नींद की कमी के कारण शरीर की लय गड़बड़ा जाती है.

8 शारीरिक रूप से सक्रिय रहें:

गर्भावस्था के दौरान भी अपनी सामान्य दिनचर्या जारी रखें. घर का काम करें. अगर नौकरी करती हैं तो औफिस जाएं, रोज आधा घंटा टहलें. डाक्टर की सलाह के हिसाब से अपना वर्कआउट जारी रखें. ध्यान रखें, इस दौरान रस्सी न कूदें और न ही कोई ऐसा कार्य करें जिस से शरीर को झटका लगे.

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9 भावनात्मक स्वास्थ्य का ध्यान रखें:

गर्भावस्था में भावनात्मक स्वास्थ्य का खयाल रखें. मूड स्विंग अधिक हो तो अवसाद की शिकार हो सकती हैं. अगर 2 सप्ताह तक यह स्थिति बनी रहती है तो डाक्टर से संपर्क करें.

10 प्रसव:

सामान्य प्रसव में रिकवरी जल्दी हो जाती है. 7 से 10 दिनों में शरीर में ऊर्जा का स्तर सामान्य हो जाता है. जबकि आमतौर पर सिजेरियन डिलिवरी के बाद 4 से 6 सप्ताह तक कोई काम न करने की सलाह दी जाती है. अस्पताल से घर आने पर अधिक शारीरिक मेहनत न करें. प्रसव के तुरंत बाद वजन घटाने में जल्दबाजी न करें. संतुलित और पोषक भोजन का सेवन करें. बच्चे को स्तनपान जरूर कराएं.

Social Story In Hindi: सच्चाई सामने आती है पर देर से

नहाते समय कभी ना करें ये गलतियां

आम तौर पर नहाना किसे अच्छा नहीं लगता है और खासकर बात गर्मियों में नहाने की हो तो क्या कहना? लेकिन नहाते समय अगर आप भी करती हैं ऐसी गलतियां तो हो जाइए सावधान क्योंकि नहाते समय होने वाली ये छोटी-छोटी गलतियां आप पर पड़ सकती हैं भारी!

स्वस्थ रहने के लिए सबसे जरुरी चीज होती है साफ-सफाई और गर्मी के मौसम में इंसानों के सबसे बड़े दुश्मन होते हैं पसीने जो ना केवल आपको अनकंफर्ट फील कराते हैं बल्कि बीमार भी कर देते हैं. जिसके चलते कई लोगों को दिन में कई बार नहाने की आदत हो जाती है.

हालांकि शरीर की साफ-सफाई के लिए नहाना बेहद जरूरी होता है लेकिन कुछ बातों का ध्यान रखकर आप नहाने के दौरान होने वाली गलतियों से बच सकते हैं. इसलिए आज हम आपको बता रहे हैं वो बातें जो नहाते समय जरुर याद रखनी चाहिए.

1. ज्यादा देर तक ना नहाएं

आम तौर पर कुछ लोगों को लंबे समय तक नहाना अच्छा लगता है लेकिन आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ये ना केवल आपकी स्किन बल्कि आपके हेल्थ के लिए हार्मफुल होता है.

2. 10 मिनट से ज्यादा पानी में ना रहें

लंबे समय तक पानी में रहने से स्किन में होने वाला नेचुरल औयल खत्म हो जाता है जिससे आपकी स्किन रुखी हो जाती है. इसलिए कभी भी नहाने के दौरान 10 मिनट से ज्यादा समय तक पानी में ना रहें.

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3. किसी और के लुफे से करें परहेज

केवल इतना ही नहीं अगर आप नहाने के दौरान किसी का भी स्क्रबर यानी लुफा यूज करती हैं तो सावधान क्योंकि किसी और का स्क्रबर यूज करना आपके लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है.

4. गंदे स्क्रबर को बदलें

आपका स्क्रबर बहुत पुराना या गंदा हो गया है तो उसे तुरंत बदल दें क्योंकि लंबे समय तक यूज होने से स्क्रबर में बैक्टीरिया और कीटाणु हो जाते हैं.

5. शैंपू साबुन का झाग हटाएं

साथ ही साथ साबुन या शैंपू से नहाते समय इस बात का ध्यान जरुर रखें कि शैंपू या साबुन शरीर पर से अच्छे से छूट गया है या नहीं क्योंकि कई बार ऐसी चीजें स्किन के पोर्स में रह जाती है जिससे बाद में मुंहासे या दाने हो जाते हैं.

6. गर्म पानी से नहाने से बचें

तो वहीं कुछ लोंगो को गर्म पानी से नहाना अधिक पसंद होता है. हालांकि गर्म पानी से नहाने से मांसपेशियों को आराम मिलता है लेकिन बहुत ज्यादा गर्म पानी त्वचा को सीधे तौर पर नुकसान भी पहुंचाता है.

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आपको बता दें कि इससे त्वचा का प्राकृतिक तेल गायब हो जाता है. जिसके चलते कई बार खुजली और रुखापन आ जाता है. इसलिए हल्के गर्म पानी का ही इस्तेमान करें या फिर इतना गर्म हो जितना त्वचा पर कोई नुकसान ना हो.

Travel Special: बरसात में देखें बुंदेलखंड का सौंदर्य

अगर आप उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड के प्राकृतिक सौंदर्य और ऐतिहासिक धरोहर को करीब से देखना चाहती हैं तो बुंदेलखंड में पर्यटन का आनंद मॉनसून में लें. बरसात में बुंदेलखंड का सौंदर्य और भी निखर उठता है. बरसात में यहां की नदियां पानी से भर जाती हैं और नदीयों में उठती लहरें बहुत खूबसूरत लगती हैं.

बरसात के दिनों में झांसी का किला, महोबा की वीर भूमि, चित्रकूट, कालिंजर किला, देवगढ़ और बरुवासागर घूमने के लिए अच्छी जगहें हैं.

झांसी का किला

मौनसून पर्यटन की शुरुआत झांसी से ही करें. रानी लक्ष्मीबाई का किला इस शहर की सब से खास घूमने वाली जगह है. 1857 में आजादी की लड़ाई में अंगरेजों ने जिस किले पर गोले बरसाए थे वह आज भी वैसा का वैसा खड़ा है. बंगरा कीपहाड़ियों पर बना यह किला 1610 में राजा वीर सिंह जूदेव द्वारा बनवाया गया था. 18वीं शताब्दी में झांसी और उस के किले पर मराठों का अधिकार हो गया था. मराठों के अंतिम शासक गंगाधर राव थे, जिनकी 1853 में मृत्यु हो गई थी. इस के बाद रानी लक्ष्मीबाई ने शासन की बागडोर संभाली.

झांसी का किला अपनी अद्भुत कला के लिए जाना जाता है. इस किले में ‘कड़क बिजली’ और ‘भवानी शंकर’ नामक 2 तोपें आज भी रानी लक्ष्मीबाई की वीरता का बखान करती नजर आती हैं.

कालिंजर का किला

झांसी के बाद कालिंजर का किला इतिहास की झलक दिखाता है. यह उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में बना है. चंदेल शासकों के द्वारा बनवाया गए इस किले मुगलों को हमेशा चुनौती दी. बड़ी मुश्किल से अकबर ने इसे जीतने में कामयाबी पाई थी. जीत के बाद अकबर ने इसे बीरबल को दे दिया था. उन के बाद यह किला राजा छत्रसाल के अधीन हो गया. यह किला चारों ओर से ऊंची दीवारों से घिरा था.

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आज भी 3 द्वार कामता द्वार, पन्ना द्वार और रीवां द्वार यहां जस के तस खड़े हैं. विंध्य की पहाड़ियों पर 700 फुट की ऊंचाई पर बने इस किले के अंदर शानदार राजा महल और रानी महल बने हैं. किले में ही नीलकंठ मंदिर बना है. इस के अलावा यहां वनखंडेश्वर महादेव मंदिर भी बना है.

कैसे पहुंचे?

रेल के जरीए कालिंजर पहुंचने के लिए अर्तरा रेलवे स्टेशन है, जो झांसी, बांदा इलाहाबाद रेल लाइन पर पडता है.

वायुमार्ग से आने वालों को यहां से 130 किलोमीटर दूर खजुराहो उतरना होगा. सड़क मार्ग से यहां आना हो तो चित्रकूट, बांदा, इलाहाबाद, सतना, छतरपुर और झांसी से बसें मिलती हैं.

महोबा

महोबा की वीर भूमि आपको रोमांच से भर देगी. महोबा का नाम यहां के रहने वाले आल्हा उदल की वीरतापूर्ण कहानियों के लिए मशहूर है. यहां चंदेल राजाओं का शासन था. चंदेल राजाओं के बाद परिहार राजाओं ने यहां शासन किया. आल्हा उदल यहां के प्रमुख लड़ाके थे. बरसात के दिनों में आज भी गांव-गांव में आल्हा उदल की लड़ाइयों के प्रसंग सुने और गाए जाते हैं. आल्हा गाने वाले लोकगायकों को सरकार की तरफ से प्रोत्साहन मिलता है.

गोरखगिरी पर्वत

गोरखगिरी पर्वत एक खूबसूरत पिकनिक स्पौट है. यहां का सूर्य मंदिर भी आपको बहुत अच्छे एक्सपीरियंस देगा. यह राहिला सागर के पश्चिम दिशा में स्थित है. महोबा से 61 किलोमीटर दूर खजुराहो का विश्वप्रसिद्ध मंदिर है. मौनसून पर्यटन के समय गोरखगिरी पर्वत का हराभरा सौंदर्य मन मोह लेता है.

चित्रकूट

चित्रकूट में आपको अद्भुत सुख और शांति का अनुभव होगा. यह उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की सीमा पर स्थित है. 38 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में बसा चित्रकूट राम के नाम से मशहूर है. यहां वनवास के समय राम ने लंबा समय गुजारा था. इस कारण यहां उन की याद में आज भी तमाम जगहें बनी हैं.

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कैसे पहुंचे?

इलाहाबाद और खजुराहो यहां के करीबी एअरपोर्ट हैं.

रेलमार्ग से यहां पहुंचने वालों को चित्रकूट धाम स्टेशन उतरना होगा.

चित्रकूट में हनुमानधारा प्रमुख दर्शनीय जगह है. यहां पास ही जानकी कुंड और मंदाकिनी नदी का तट है. इस नदी पर 24 घाट बने हैं. चित्रकूट में उत्तर प्रदेश पर्यटक आवास गृह बना है. रामघाट पर शंकर का मंदिर बना है.

स्थानीय मान्यता है कि इसकी स्थापना राम ने ही की थी. चित्रकूट का सब से बड़ा आकर्षण कामदगिरी पर्वत है. यहां दीनदयाल शोध संस्थान भी है जहां प्राकृतिक चिकित्सा की जाती है. चित्रकूट के आसपास ही गुप्त गोदावरी, वाल्मीकि आश्रम, भरतकूप और शरभंग आश्रम जैसी जगहें भी देखने लायक हैं.

Bigg Boss OTT: फैशन के मामले में किसी से कम नही हैं भोजपुरी क्वीन अक्षरा सिंह, देखें फोटोज

करण जौहर (Karan Johar) के रिएलिटी शो बिग बॉस ओटीटी (Bigg Boss OTT) का आगाज हो चुका है. शो के दूसरे दिन कई लड़ाईयां हुई, जिसके चलते दर्शकों को एंटरटेनमेंट देखने को मिला. इसी बीच शो के पहली जोड़ी, जिसमें से फैंस ने फेवरेट जोड़ी का खिताब भोजपुरी एक्ट्रेस अक्षरा सिंह (Akshara Singh) और एक्टर प्रतीक सहजपाल (Pratik Sehajpal) को दिया. लेकिन हम शो की नही बल्कि भोजपुरी क्वीन अक्षरा सिंह के लुक्स की बात करेंगे. आइए आपको बताते हैं अक्षरा सिंह (Akshara Singh) के लुक्स की झलक…

वेस्टर्न लुक्स में लगती हैं खूबसूरत

 

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फ्लावर प्रिंटेड ड्रैसेस इन दिनों ट्रैंड में हैं. बौलीवुड से लेकर टीवी एक्ट्रेस इस ट्रैंड को फौलो कर रही हैं. वहीं भोजपुरी एक्ट्रेस अक्षरा सिंह भी इस ट्रैंड को फौलो करती दिखीं, जिसमें वह बेहद खूबसूरत लग रही थीं. फैंस को उनका ये अंदाज काफी पसंद आ रहा है.

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रेड ड्रैस में छाईं अक्षरा सिंह 

 

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पार्टी हो या कोई सेलिब्रेशन अक्षरा सिंह फैशन के मामले में किसी से कम नही हैं. हाल ही में रेड कलर के आउटफिट में उनका लुक सभी हसीनाओं को टक्कर देता नजर आ रहा है. फैंस उनके उस लुक की तारीफें करते नही थक रहे हैं.

साड़ी थी कमाल

 

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अक्षरा सिंह के लुक्स के फैंस कायल हैं. वहीं नए-नए लुक्स कैरी करते हुए फैंस उन्हें बेहद पसंद करते हैं. इसीलिए वह ट्रैंडी लुक्स ट्राय करना नही भूलतीं. मिकी माउस प्रिंट वाली ये साड़ी भी उनके ट्रैंडी लुक्स के कलेक्शन में से एक है, जिसे फैंस ने काफी पसंद किया है.

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वेडिंग सेलिब्रेशन के लिए बेस्ट है कलेक्शन

 

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अगर आप वेडिंग कलेक्शन ट्राय करना चाहते हैं तो अक्षरा सिंह के ये लुक्स ट्राय करना ना भूलें. हैवी लहंगा हो या सूट. आप इन्हें वेडिंग हो या पार्टी इन लुक्स को ट्राय कर सकती हैं.

 

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Social Story In Hindi: सच्चाई सामने आती है पर देर से- भाग 1

‘‘आप को हर महीने 5 हजार रियाल वेतन, खानापीना और रिहाइश मुफ्त मिलेगी.’’ शानदार ढंग से सजेधजे औफिस में मेज के पीछे बैठे ट्रैवल एजेंट ने कहा.

शाहिदा बानो ने अपने पति की तरफ देखा.

‘‘काम क्या करना होगा?’’ उस के पति अहमद सिराज ने पूछा.

‘‘ब्यूटीपार्लर में आने वाली ग्राहकों को ब्यूटीशियन की सेवाएं.’’ संक्षिप्त सा जवाब दे कर चालाक ट्रैवल एजेंट खामोश हो गया.

शाहिदा बानो दक्ष ब्यूटीशियन थी. उस ने 6 महीने का ब्यूटीशियन का कोर्स किया था. उस के बाद वह अहमदाबाद के पौश इलाके में स्थित एक ब्यूटीपार्लर में काम करने लगी थी. उसे 12 हजार रुपया वेतन मिलता था. उस का पति अहमद सिराज ट्रक ड्राइवर था. उस का वेतन 10 हजार रुपया था. इतनी आमदनी से सात लोगों के परिवार का खर्चा खींचतान कर चलता था.

तीनों बेटियां दिनोंदिन बड़ी हो रही थीं.  उन का निकाह कैसे होगा, पतिपत्नी को चिंता लगी रहती थी.

‘‘तुम खाड़ी देशों में जा कर नौकरी कर लो.’’ एक दिन उस की साथी फरजाना ने कहा.

‘‘वहां तो मजदूरों को काम मिलता है?’’

‘‘नहीं, ब्यूटीशियन का काम भी होता है.’’

‘‘क्या तुझे कभी जौब औफर हुई है?’’

‘‘मेरे शौहर ने बताया कि सऊदी अरब, बहरीन, दुबई से कई कंपनियां वहां के ब्यूटीपार्लरों के लिए ब्यूटीशियन की भरती कर रही हैं.’’

‘‘मगर खाड़ी देशों में अब तक घरेलू नौकरानियों और अन्य छोटेमोटे काम के लिए जनाना लेबर की मांग थी. अब एकदम ब्यूटीशियन की मांग और वो भी सैकड़ों की तादाद में?’’

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‘‘जब किसी ने जौब औफर की है तो काम भी होगा.’’

इस मुद्दे पर दोनों में काफी बातें हुईं तो शाहिदा बानो सोचने लगी. मिलने वाला वेतन भी भारीभरकम था. 5 हजार रियाल यानी करीब 90 हजार रुपया.

खाड़ी देशों में कार्यरत हाउस मेड और अन्य छोटेमोटे काम करने वाली औरतों के यौनशोषण की खबरें यदाकदा सुननेपढ़ने को मिलती थीं, इसलिए शाहिदा बानो को झिझक हो रही थी.

लेकिन आर्थिक परेशानियों से मुक्ति पाने का कोई रास्ता नहीं सूझ रहा था. आखिरकार किसी तरह पासपोर्ट बनवा कर और किराए के पैसों का इंतजाम कर के वह सऊदी अरब के शहर दम्माम जा पहुंची.

कीमती उपकरणों, फरनीचर, बढि़या परफ्यूम और सौंदर्य प्रसाधन सामग्री वाला ब्यूटीपार्लर था. शाहिदा बानो को रिहाइश के लिए वैल फर्नीश्ड फ्लैट मिला, साथ ही आनेजाने के लिए स्कूटर. ब्यूटीपार्लर में दरजन भर औरतें थीं. एकदो कुंवारी लड़कियां थीं. बाकी उसी की तरह विवाहित, बच्चों वाली.

थोड़ेथोड़े अंतराल पर हर ब्यूटीशियन को क्लाइंट के यहां ‘होम सर्विस’ के लिए भेजा जाता था. होम सर्विस का आदेश सुन कर सब खामोश हो जातीं. जो लड़कियां पहले होम सर्विस के लिए नहीं गई थीं, वे उत्सुक रहती थीं.

शाहिदा बानो ने अरब शेखों के बारे में काफी कुछ सुना था. अरब शेखों की ढेर सारी बेगमें, रखैलें, मुताई बेगमें होती हैं. साथ ही अनेकों बांदियां नौकरानियां भी. भारत की भूतपूर्व रियासतों के राजाओं, नवाबों, जागीरदारों की तरह अरब शेखों की हैसियत कम नहीं होती.

‘‘आप को आज रात क्लाइंट के यहां होम सर्विस के लिए जाना है.’’ ब्यूटीपार्लर की संचालिका जो एक अधेड़ अरब महिला थी, ने उसे अपने औफिस में बुला कर कहा.

‘‘क्लाइंट क्या कोई अमीर शेख है?’’ उत्सुकता से शाहिदा बानो ने पूछा.

‘‘हां, हमारे अधिकांश क्लाइंट्स अमीर शेख हैं.’’ संक्षिप्त सा जवाब मिला उसे.

‘‘साथ क्याक्या ले जाना होगा?’’

‘‘एक छोटा सा मेकअप बौक्स. अधिकतर क्लाइंट अपनी प्रसाधन सामग्री और उपकरण रखते हैं. कइयों के यहां तो बहुत बेहतरीन उपकरण और प्रसाधन सामग्री होती है.’’

क्लाइंट्स द्वारा भेजी गाड़ी में सवार हो शाहिदा बानो गंतव्य के लिए रवाना हो गई. सड़क के दोनों तरफ रेत के बड़ेबड़े टिब्बे थे. बीचबीच में कहींकहीं थोड़ी हरियाली भी नजर आती थी.

हरियाली भरे इलाके को नखलिस्तान कहा जाता था. थोड़ीथोड़ी दूरी पर छोटेछोटे किलेनुमा इमारतें थीं. उन को देख कर शाहिदा समझ गई कि सब अमीर शेखों के घर होंगे.

मेहराबदार बड़े गेट को पार कर गाड़ी बड़े पोर्च में रुकी. अरबी वेशभूषा पहने एक दाढ़ी वाले अधेड़ व्यक्ति ने दरवाजा खोला. मेकअप बौक्स थामे शाहिदा बानो गाड़ी से उतरी.

एक बुरकाधारी महिला उस की आगवानी के लिए आई. उस के पीछेपीछे चलती शाहिदा बानो अंदर की तरफ चल दी. चमचमाता फर्श, खुली गैलरी, कुछ पुराने जमाने की शैली कुछ आधुनिक.

एक भूरे रंग के चमचमाते दरवाजे के बाहर रुक उस खातून ने हैंडल घुमा कर दरवाजा खोला. खातून के इशारे पर शाहिदा बानो अंदर दाखिल हुई. उस के अंदर प्रवेश करते ही क्लिक की आवाज के साथ दरवाजा बंद हो गया.

कमरे में चमकती रोशनी, कीमती पेंट से रंगी दीवारें, अरब परिवेश की बड़ी पेंटिंग जिस में अरब वेशभूषा में एक अरबी ऊंट की लगाम थामे रेगिस्तान में खड़ा था.

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‘‘तशरीफ रखिए मोहतरमा.’’ साफसुथरी उर्दू भाषा में एक मरदाना आवाज गूंजी. मरदाना आवाज सुन कर शाहिदा बानो चौंकी. उस ने सिर घुमाया.

उस के सामने अरबी ड्रैस में एक अधेड़ उम्र का आदमी खड़ा था, जिस के सिर के आधे बाल सफेद थे और चेहरे पर नफासत से तराशी हुई दाढ़ी थी. उस की आंखों में लाल डोरे थे. चेहरा लाल भभूका था, जो उस के शराबी या नशेड़ी होने की चुगली कर रहा था.

शाहिदा बानो ने चौंक कर पूछा, ‘‘यहां मुझे किसी खातून के मेकअप के लिए बुलाया गया था.’’

‘‘खातूनें मेरे हरम में हैं. पहले आप मेरे यहां नोश फरमाएं.’’

उस आदमी ने हलके से ताली बजाई. पीछे की तरफ से बंद दरवाजा खुला. एक तश्तरी में कटे फल और शरबत का गिलास थामे चुस्त पजामा और आधी बाजू वाली चोली पहने एक नौजवान लड़की अंदर दाखिल हुई.

उस लड़की को देख कर शाहिदा कुछ आश्वस्त हुई. दीवार के साथ बिछे सोफे पर बैठ कर शाहिदा बानो ने सामने मेज पर रखी तश्तरी से फल का टुकड़ा उठा कर मुंह में रखा और कुतरने लगी. उस का गला प्यास से सूख रहा था.

शरबत का घूंट भरा, तो उस को सनसनाहट महसूस हुई. शरबत ठंडा था. धीरेधीरे चुस्की लेते हुए उस ने सारा गिलास खाली कर दिया. थोड़ी देर बाद उस की आंखें बोझिल हो गईं. हलकीहलकी नींद आतेआते उसे पता भी नहीं चला कि कब लुढ़क कर फर्श पर गिर गई.

शाहिदा बानो को होश आया तो उस ने अपने शरीर पर हाथ फेरा, एक कपड़ा भी नहीं था. वह सकपकाई. बडे़ से डबलबैड पर वह पूर्णतया नग्न अवस्था में लेटी थी. थोड़ी दूर वही अधेड़ अरब पूर्णतया नग्न अवस्था में खड़ा था, एक हाथ में शराब का गिलास थामे. उस के चेहरे पर शरारत नाच रही थी.

‘होम सर्विस’ 5 हजार सऊदी रियाल यानी 90 हजार रुपया महीना. एक ब्यूटीशियन को इतनी मोटी रकम. इस का कारण अब उस की समझ में आ रहा था.

ब्यूटीपार्लर में पहले से कार्यरत दूसरी लड़कियों और महिलाओं के चेहरे पर छाई गंभीरता और मुर्दनी के भाव अब उसे समझ आए. 3 बच्चों की मां को 35 साल की उम्र में इस तरह अपनी इज्जत गंवानी पड़ी थी.

शाहिदा बानो ने अपने कपड़ों के लिए इधरउधर देखा. उस का बुरका, सलवार कमीज, दुपट्टा सब करीने से तह कर के सामने सोफे पर रखे हुए थे. वह उठ कर बैठ गई और अपने वक्षस्थल को अपने बांहों से छिपाने की असफल कोशिश करने लगी.

वह पलंग से उतरने लगी. मगर उस अधेड़ शेख ने उस की बाजू थामते हुए कहा, ‘‘ना ना, अभी नहीं. एक राउंड और…’’

शाहिदा बानो ने अपना शरीर ढीला छोड़ दिया. उस दरिंदे की मजबूत पकड़ से उसे अंदाजा हो गया. उस से छुटकारा पाना आसान नहीं था.

शराब का गिलास खत्म कर अधेड़ उम्र का वह दरिंदा फिर उस पर छा गया. आधापौना घंटा उसे रौंद कर के वह अलग हट गया.

‘‘जाओ.’’

शाहिदा बानो पलंग से उतरी और अपने कपड़े पहनने लगी. बुरका ऊपर डाल कर उस ने अपना मेकअप बौक्स उठाया और दरवाजे की तरफ बढ़ गई.

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‘‘ठहरो. ये लो.’’ पलंग पर अधलेटे पूर्णतया नग्न अधेड़ शेख ने सऊदी अरब की करेंसी का एक पुलिंदा उस की तरफ बढ़ाते हुए कहा.

मगर शाहिदा बानो ने एक हिकारत और नफरत भरी नजर उस पर डाली और दरवाजा खोल कर बाहर निकल गई. बाहर उसे अंदर पहुंचाने वाली खातून खड़ी थी. वह यंत्रचालित ढंग से शाहिदा बानो के आगेआगे चल दी.

उसे मैंशन में लाने वाली कार और शोफर पोर्च में तैयार खड़ा था. खातून ने दरवाजा खोला. शाहिदा बानो यंत्रचालित ढंग से उस में सवार हो गई.

आगे पढ़ें- शाहिदा बानो स्टाफरूम में चली गई….

Social Story In Hindi: सच्चाई सामने आती है पर देर से- भाग 3

जनानखाने के नाम पर एक पुरुष का कमरा और औरत के स्थान पर एक पुरुष.

‘‘तशरीफ रखिए मोहतरमा.’’ महल के शेख मोहम्मद बिन अब्दुल्ला बिन अब्दुल्ला ने कहा.

तभी चुस्त पायजामा और चुस्त चोली पहने एक किशोर उम्र की लड़की एक ट्रे ले कर अंदर आई. उस में शरबत के 2 गिलास और कटे फल रखे थे.

‘‘नोश फरमाइए.’’ अरब शेख ने कहा.

गुलबदन और शाहिदा बानो ने एकदूसरे की तरफ देखा. पहली बार की होम सर्विस का वाकया शाहिदा बानो को याद था. क्या पता इन शरबत के गिलासों में भी नशीला पदार्थ हो.

सकुचातेसकुचाते दोनों ने मेज पर रखी ट्रे से गिलास उठाया और चुस्कियां लेने लगीं.

‘‘शरबते बनफशा  शरीर को ठंडक पहुंचाता है.’’ हुक्के की नली से धुआं खींचते हुए मोहम्मद बिन अब्दुल्ला ने कहा.

सोफे पर बैठी उन दोनों ने शरबत का गिलास खत्म कर के मेज पर रखा ही था कि अरबी वेशभूषा में 4 अधेड़ावस्था के पुरुष कमरे में दाखिल हुए.

इतने पुरुषों को एक साथ देख कर दोनों चौंकीं.

‘‘मोहतरमा, आप के ब्यूटीपार्लर की मैडम कहती हैं कि आप वापस जाना चाहती हैं. बिना पासपोर्ट आप की वापसी संभव नहीं है. आप हमारी एक शर्त पूरी कर दें, आप का पासपोर्ट प्लेन की टिकट सहित वापस हो जाएगा.’’ हुक्के का कश ले कर धुआं छोड़ते हुए अब्दुल्ला बिन अब्दुल्ला ने कहा.

‘‘क्या शर्त है?’’ दोनों ने एक साथ पूछा.

‘‘आप दोनों अपनेअपने जिस्मों का दीदार करवा दें.’’ कुटिल मुसकराहट के साथ अब्दुल्ला ने कहा. उस के साथ बैठे चारों साथी कहकहा लगा कर हंसे.

गुलबदन की अस्मत कई बार लुट चुकी थी. शाहिदा बानो भी खुद को लुटापिटा समझती थी. वापस जा कर अपने शौहर से कैसे नजर मिला सकेगी.

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‘‘इस बात की क्या तसल्ली है कि आप अपना कहा पूरा करोगे?’’ गुलबदन ने पूछा.

‘‘मैं अपनी शर्त पूरी हो जाने पर अपना कहा पूरा करता हूं. मैं चाहूं तो अभी थाने से पुलिस दारोगा को बुला कर तुम दोनों को बदकारी के इलजाम में जेल भिजवा सकता हूं.’’  कहते हुए मोहम्मद बिन अब्दुल्ला ने टेलीफोन का चोंगा उठाया.

दोनों सहम कर सोफे पर सिमट गईं. फिर गुदबदन उठी, उस ने अपने कपड़े उतारने शुरू कर दिए. शाहिदा बानो उसका अनुसरण करने लगी. पूर्णतया… दोनों अपना वक्षस्थल दोनों बांहों से ढांप कर खड़ी हो गईं.

‘‘वल्लाह! सुभान अल्लाह! क्या जिस्म है…’’ शराब का जाम पीते हुए अरब शेखों ने सीत्कारी भरते हुए कहा.

‘‘तुम दोनों मेरी इस बांदी के साथ थोड़ी देर के लिए अरबी डांस कर के दिखा दो फिर तुम दोनों आजाद कर दी जाओगी.’’

साकी बन कर शराब के प्याले भरती किशोर बाला उठ खड़ी हुई और लयबद्ध हो ठुमके लगाती हुई अरब शैली का नृत्य करने लगी. विवशता थी, सो वे दोनों भी उस के साथ नाचने लगीं.

थोड़ी देर बाद शराब पीते 2 अरब शेख उठे और उन्होंने उन दोनों को अपने बाहुपाश में दबोच लिया.

शाम तक उन 5 अरब शेखों ने उन को बारबार रौंदा. लुटीपिटी दोनों चुपचाप ब्यूटीपार्लर लौट आईं. मैडम ने उन को करेंसी से भरे लिफाफे दे कर घर रवाना कर दिया. अपनेअपने फ्लैट में बिस्तर पर लेटी दोनों न रो पा रही थीं और बोल सकती थीं.

‘‘पापा, अम्मी फोन काल का कोई जवाब नहीं दे रही.’’ शाहिदा बानो की बेटी ने अपने पापा को फोन काल का जवाब न मिलने पर कहा.

अहमद सिराज चौंका. मिडल ईस्ट के अरब देशों में नौकरानियों या हाउस मेड के साथ दुर्व्यवहार की खबरें आम थीं. उन्हें कहीं संपर्क करने से भी रोका जाता था. मगर सऊदी अरब के ब्यूटीपार्लर में इस तरह यौनशोषण हो सकता है, इस की उसे कल्पना भी नहीं थी.

‘‘तुम दोनों को आज फिर होम सर्विस के लिए जाना है.’’ मैडम ने फरमान सुनाया.

‘‘ना जाएं तो?’’ शाहिदा बानो ने पलट कर कहा.

‘‘अभी पता चल जाएगा.’’ मैडम ने अपना फोन टच किया. कुछ खुसरफुसर की. थोड़ी देर में गहरे हरे रंग की एक बड़ी जीप ब्यूटीपार्लर के बाहर आ कर रुकी.

हरे रंग की वरदी, पी-कैप पहने कमर में पिस्तौल, चुस्त शरीर का पुलिस इंसपेक्टर.

‘‘सर, ये दोनों बदकारी करती हैं. दूसरी औरतों को भी गलत काम के लिए उकसाती हैं.’’

नक्कारखाने में तूती की आवाज? दोनों चुपचाप जीप में पिछवाड़े बैठ गईं.

डेविड आर्थर एक स्वीडिश नागरिक था. वह फ्रीलांस फोटोग्राफर था. दुनिया भर में घूमताफिरता था. अनेक समाचारपत्रों, टीवी चैनल्स के साथ उस का अनुबंध था.

अपनी साथी सोफिया वारेन के साथ इन दिनों वह सऊदी अरब के भ्रमण पर था. मक्कामदीना में हज करने आए मुसलमानों के फोटो खींचने के बाद वापस लौटते समय दम्माम शहर से गुजर रहा था. उस की गाड़ी के सामने से आ रही एक अन्य गाड़ी ने टक्कर मार दी.

गाड़ी एक शेख की थी. मामला थाने तक पहुंच गया. डेविड आर्थर अपनी साथी के साथ थाने बैठा था. तभी पुलिस जीप दोनों को थाने में ले आई.

2 एशियाई स्त्रियों को थाने आया देख डेविड आर्थर चौंका. हर अलग स्थिति की फोटो खींच कर समाचारपत्रों और टीवी चैनल्स को प्रेषित करने में वह नहीं चूकता था.

‘‘सर, ये दोनों बदकारी करती हैं.’’ ब्यूटीपार्लर से पकड़ कर लाए नौजवान पुलिस अधिकारी ने थाना इंचार्ज के सामने दोनों को पेश करते हुए कहा.

अरबी भाषा का थोड़ाथोड़ा ज्ञान रखने वाली पत्रकार सोफिया वारेन चौंकी. उस ने उन दोनों औरतों की तरफ देखा. विवशता और बेबसी के भाव उन दोनों के चेहरों से साफ दिखते थे.

दोनों को हवालात में बंद कर दिया गया. अरब देशों में मेड, होम हैल्पर से यौनशोषण की खबरें आम थीं. घरेलू दिखती अपने देश से आई अधेड़ावस्था को छू रही दोनों औरतें भला इतनी दूर आ कर बदकारी कैसे कर सकती हैं?

डेविड आर्थर ने अपनी साथी सोफिया वारेन की तरफ देखा. सोफिया वारेन ने नजर बचा कर अपने स्मार्टफोन से हवालात में बंद दोनों की फोटो खींच ली.

‘‘मिस्टर आर्थर, आप राजीनामा कर लें. अगर हम केस दर्ज कर चालान काटते हैं तब आप को अदालत में पेशियां भुगतने आना पड़ेगा.’’ थाना इंचार्ज ने कहा.

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‘‘मगर गलती हमारी नहीं है.’’

‘‘मिस्टर आर्थर यह सऊदी अरब है. आप बाहर से आए हैं. केस दर्ज हो जाने पर आप के खिलाफ दर्जनों गवाह गवाही देने के लिए हाजिर हो जाएंगे. तब आप पर उलटा मामला बनेगा, आप को सजा भी हो सकती है.’’

इस धक्केशाही पर दोनों तिलमिलाए.

‘‘मिस्टर आर्थर, हम चाहें तो आप की इस साथी को बदकारी करने के लिए उकसाने के इलजाम में अंदर कर सकते हैं. दरजन भर गवाह कह देंगे कि आप की यह साथी अश्लील इशारे कर के आतेजाते राहगीरों को फुसला रही थी.’’ थाना इंचार्ज कुटिलता से मुसकराया.

यह सुन कर मिस्टर डेविड आर्थर ने अपनी साथी की तरफ देखा. सोफिया वारेन ने सहमति से सिर हिलाया.

‘‘ओके सर.’’

सादे कागज पर राजीनामा लिखवाने के बाद दोनों थाने से बाहर की ओर चल दिए. एक नजर हवालात में बंद दोनों बेबस स्त्रियों की तरफ देख कर उन्हें आश्वासन देने का मूक इशारा किया. शहिदा बानो ने अपने दोनों हाथ मिला कर सजदा किया.

कार थाने से बाहर निकाल कर डेविड आर्थर ने थोड़ी दूर खड़ी कर दी और फिर अपने शक्तिशाली कैमरे से थाने की इमारत की कुछ फोटो खींचीं.

‘‘इन एशियाई देशों में सब पुलिस वाले एक जैसे हैं. हवालात में बंद दोनों औरतें यौनशोषण के लिए इनकार करने पर बदकारी के झूठे इलजाम में बंद हैं.’’ सोफिया वारेन ने कहा.

‘‘अब हम क्या करें?’’

‘‘आप अपना दिमाग इस्तेमाल करो, मैं अपना. मैं ने अपने स्मार्टफोन के वायस रिकौर्डर में थाने में हुई सारी बातचीत रिकौर्ड कर ली है, साथ ही काफी फोटो भी हैं.’’

शाम होतेहोते विश्व भर के अनेक टीवी चैनलों पर सऊदी अरब के दम्माम शहर के थाने में बंद 2 औरतों की फोटो दिखाई जाने लगीं. साथ ही दुर्घटनाग्रस्त कार की फोटो.

फोटोग्राफर और पत्रकार जोड़ी की स्टेटमेंट और लाइव बयान भी दिखाया जाने लगा. एमनेस्टी इंटरनेशनल के अरेबियन संभाग के अधिकारियों ने तुरंत सऊदी सरकार से संपर्क साधा. भारतीय दूतावास भी सक्रिय हुआ.

मात्र 24 घंटे के अंदर गुलबदन और शाहिदा बानो थाने से मुक्त हो गईं. साथ ही ब्यूटीपार्लर में कार्यरत सभी लड़कियों को भी मुक्त कराया गया.

सऊदी अरब से वापस लौटी शाहिदा बानो हवाईअड्डे पर अपने पति के कंधे से लग कर सुबकसुबक रो रही थी. सब कुछ समझने वाला अहमद सिराज खामोश था.

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Social Story In Hindi: सच्चाई सामने आती है पर देर से- भाग 2

ब्यूटीपार्लर की संचालिका ने एक नजर शाहिदा बानो के चेहरे पर डाली और समझ गई कि कि होम सर्विस की ड्यूटी निपटा आई थी.

शाहिदा बानो स्टाफरूम में चली गई. 5 ब्यूटीशियन लड़कियां चुपचाप इधरउधर बैठी थीं. तभी कमरे में लगा इंटरकौम बजा. एक लड़की ने रिसीवर उठा कर फोन सुना. फिर बाहर चली गई. चंद मिनटों बाद वापस लौटी. उस के हाथ में एक लिफाफा था.

लिफाफा उस ने शाहिदा बानो की तरफ बढ़ाया. प्रश्नवाचक नजरों से शाहिदा बानो ने उस की तरफ देखा.

‘‘मैडम ने कहा है, होम सर्विस के लिए मिली बख्शीश है. इसे ठुकराओ मत. धन सिर्फ धन ही होता है. धन को ठुकराना नहीं चाहिए.’’ उस ने लिफाफा शहिदा बानो के पास रख दिया.

शाहिदा बानो ने पहले लिफाफे की ओर फिर कमरे में बैठी पांचों लड़कियों की तरफ देखा. सब के चेहरे उन की एक जैसी कहानी बयान कर रहे थे.

तभी शाहिदा बानो का सेलफोन बजा. उस के पति का फोन था. रोजाना कभी वह फोन करती थी, कभी उस का पति.

रोज उत्साह से वह अपने पति को उस रोज की गतिविधियों के बारे में बताती कि आज ब्यूटीपार्लर में कितने ग्राहक निपटाए. बच्चे भी अपनी मम्मी से बारीबारी से चैट करते. मगर आज?

सेलफोन अटेंड करते ही शाहिदा बानो को जैसे करेंट लगा.

‘‘हैलो! कैसी हो? अपनी शाहिना ने सारे कालेज में टौप किया है. सारे मोहल्ले से बधाइयां मिल रही हैं. तुम को भी बधाई हो.’’ उस के पति अहमद सिराज का उत्साह भरा स्वर सुनाई दिया.

‘‘आप सब को भी बधाई हो.’’ शाहिदा बानो ने बुझे स्वर में जवाब दिया.

फिर तीनों बेटियों ने भी अपनी मम्मी से बात की. फोन बंद होने के बाद शाहिदा बानो खामोश हो गई. क्या करे? तभी इंटरकौम बजा. एक लड़की ने फोन सुना फिर रिसीवर रख कर शाहिदा बानो की तरफ देखते हुए कहा, ‘‘मैडम, कह रही हैं आप की ड्यूटी खत्म हुई. आप घर जाओ.’’

इस को सुन कर शाहिदा बानो का खून खौलने लगा. मगर वह विवश थी. उस ने अपना पर्स कंधे पर लटकाया और उठ कर बाहर की तरफ बढ़ी, ‘‘तुम्हारा लिफाफा.’’ फोन सुनने वाली अमीना ने मेज पर रखा लिफाफा उठा कर उस की तरफ बढ़ाया.

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शाहिदा बानो ने कशमकश भरी नजरों से लिफाफे की ओर देखा. उस की अस्मत लुटने की कीमत. क्या करे? उस की मन:स्थिति समझ कर अमीना ने उस का पर्स खोला और लिफाफा उस में डाल दिया.

हलकेहलके लड़खड़ाती सी चलती शाहिदा बानो ब्यूटीपार्लर से बाहर चली आई. सारे सपने सारी उम्मीदें एक झटके में खत्म हो गई थीं. ब्यूटीपार्लर द्वारा दिया स्कूटर छूते हुए उसे हाथ में आग सी लग रही थी.

जैसेतैसे फ्लैट में पहुंची. रोजाना उत्साह से खाना बनाती थी. मगर आज पानी भी नहीं पिया जा रहा था. बत्ती बुझा कर बिस्तर पर लेटी. काफी देर बाद पता नहीं कब उस की आंख लग गई.

काफी दिन चढ़े जब उस का सेलफोन थरथराया तो उस की नींद टूटी. उस ने स्क्रीन पर नजर डाली. ब्यूटीपार्लर की संचालिका का फोन था. स्विच औन करते ही मैडम का रौबीला स्वर गूंजा.

‘‘क्या हुआ, अभी तक नहीं आई?’’

‘‘मेरी तबीयत खराब है.’’

‘‘जब अपने शौहर के साथ हमबिस्तर होती हो तब तबीयत खराब नहीं होती?’’

शाहिदा बानो खामोश रही.

‘‘जल्द से जल्द हाजिर होओ वरना…’’ मैडम ने फोन काट दिया.

मैडम के स्वर में धमकी साफ थी. शाहिदा बानो फटाफट तैयार हो कर ब्यूटीपार्लर पहुंची.

‘‘आज दूसरी लड़कियां होम सर्विस को गई हैं. यहां कई क्लाइंट बैठी हैं, उन को अटेंड करो.’’ वेटिंग हाल में बहुत सी खातूनें मौजूद थीं.

शाहिदा बानो सब को बारीबारी से निपटाने लगी. सभी क्लाइंट्स निपट गईं तो शाहिदा बानो कैश काउंटर पर बैठी मैडम के पास पहुंची.

‘‘मेरा पासपोर्ट दे दीजिए और मेरा हिसाब कर दीजिए. मुझे वापस जाना है.’’ उस ने दृढ़ स्वर में कहा.

मैडम की भौंहें तन गईं.

‘‘तुम्हारा कौन्ट्रैक्ट 3 साल का है. मियाद से पहले तुम वापस नहीं जा सकती. चुपचाप काम करो वरना…’’

‘‘आप मेरी तनख्वाह जब्त कर लो, मगर मेरा पासपोर्ट दे दो.’’

‘‘मैं एक फोन करूंगी, 5 मिनट में पुलिस आ जाएगी. तुम्हें बदकारी के इल्जाम में अंदर कर देगी.’’ मैडम के स्वर में साफसाफ धमकी थी.

‘‘बदकारी..? मेरी अस्मत लुटवा कर मुझे बदकार कहती हैं.’’ शाहिदा बानो चिल्लाई.

‘‘यह सऊदी अरब है, तुम्हारा इंडिया नहीं. यहां जिस्मफरोशी सख्त अपराध है. इस की सख्त सजा है, चौराहे पर कोड़े लगाए जाएंगे. कम से कम 3 साल जेल की सजा काटनी पड़ेगी.’’ मैडम किसी वकील की तरह बोल रही थी.

शाहिदा बानो सहम गई. 5 हजार रियाल यानी 90 हजार रुपए महीना. सारे सपने, सारी उमंगें एकदम खत्म हो गईं. ब्यूटीपार्लर की आड़ में जिस्मफरोशी का एक रैकेट था. इस दलदल से, दुष्चक्र से क्या छुटकारा पा सकेगी?

वह खामोश हो कर सर्विस रूम में चली गई. होम सर्विस के लिए गई लड़कियां लौटने लगीं. सब के चेहरे खामोश थे. भुक्तभोगी शाहिदा बानो उन के चेहरे से उन की मन:स्थिति समझ रही थी. सब ने किस्मत और हालात से समझौता कर लिया था. स्टाफरूम में सब खामोश थीं. सब के चेहरे उन की मजबूरी बयान कर रहे थे.

सब अलगअलग देशों से, अलगअलग इलाकों से आई थीं. कई शादीशुदा थीं, कई कुंवारी. बड़ी रकम वाली तनख्वाह के बदले उन को अपना शरीर सौंपना पड़ा था.

आमतौर पर सब में हलकाफुलका वार्तालाप होता था. घरपरिवार की बातें होती थीं. सब के पासपोर्ट और कागजात ब्यूटीपार्लर की संचालिका के पास जमा थे. इकरारनामे की मियाद पूरी होने से पहले किसी को वापस नहीं भेजा जा सकता था.

इस का मतलब था मियाद खत्म होने तक सब को बारबार होम सर्विस के बहाने अपनी अस्मत लुटवानी थी.

सब के दिमाग में एक ही सवाल था, मगर अनजाने भय से सब खामोश थीं. क्या पता स्टाफरूम में कोई टेपरिकौर्डर लगा हो. क्या पता कोई सीसीटीवी कैमरा उन पर नजर रख रहा हो.

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वास्तव में ब्यूटीपार्लर के हर कक्ष में गुप्त कैमरे फिट थे. ब्यूटीपार्लर की संचालिका या मैडम अपनी सीट पर बैठी सामने रखी स्क्रीन पर नजर डाल हर जगह की खबर रखती थी.

शाम का अंधेरा छाया. ब्यूटीपार्लर बंद हुआ. सब अपनीअपनी स्कूटी, स्कूटर पर सवार हो अपने घर चलीं.

होम सर्विस की ड्यूटी भुगते शाहिदा बानो को 4 दिन बीत गए. ब्यूटीपार्लर की असलियत सामने आने पर काम के प्रति सारा उत्साह ठंडा पड़ गया. पार्लर में आने वाले ग्राहकों को अब वह बड़ी फुरती से निपटाती थी.

‘‘गुलबदन…’’ इंटरकौम पर मैडम की आवाज गूंजी.

‘‘जी, फरमाइए.’’

‘‘तुम्हें और शाहिदा बानो को होम सर्विस पर जाना है.’’

‘‘इकट्ठे?’’

‘‘शेख अब्दुल्ला बिन मोहम्मद अब्दुल्ला के यहां बड़ा प्रोग्राम है. कई खातूनें मसाज करवाना चाहती हैं. उन की कार अभी थोड़ी देर में आ रही है.’’

मैडम का फरमान सुन कर गुलबदन खामोश रही. शाहिदा बानो सहम गई. एक दरिंदे को 4 दिन पहले सह चुकी थी. अब पता नहीं क्या होगा.

‘‘अगर मैं ना जाऊं तो?’’ शाहिदा बानो के इस सवाल का जवाब गुलबदन क्या देती. इस से पहले इंटरकौम का बजर बजा. मैडम का स्वर गूंजा, ‘‘इनकार करने की सूरत में थाने से लेडी पुलिस के साथ पुलिस इंसपेक्टर आएगा और तुम्हें बदकारी के इलजाम में हवालात में बंद कर देगा. थाने में भी होम सर्विस करनी पड़ेगी.’’

स्टाफरूम में बैठी सब सहम गईं. ब्यूटीपार्लर के बाहर कार लगते ही शाहिदा बानो और गुलबदन चुपचाप पिछली सीट पर बैठ गईं.

अरब शेख अब्दुल्ला बिन मोहम्मद अब्दुल्ला का विला या महल काफी आलीशान था. एक बुरकाधारी खातून उन को लिवा कर जनानखाना में ले गई.

अधेड़ और नौजवान लड़कियों का समूह उन का इंतजार कर रहा था. किसी पुरुष की जगह औरतों को देख कर दोनों आश्वस्त हुईं.

विला में सभी सुविधाओं से युक्त ब्यूटीपार्लर था. सब औरतें बारीबारी से अपनी सर्विस करवाने लगीं. सब निपट गईं तो दोनों ने राहत की सांस ली. मगर क्या उन की ड्यूटी समाप्त हो गई थी?

सब औरतें चली गईं तब उन को अंदर लिवा लाने वाली खातून ने कहा, ‘‘आप दोनों को अंदर जनानखाने में भी सर्विस करनी है.’’

जनानखाना महल के काफी अंदर एक लंबा गलियारा पार कर के था.

पुराने जमाने के मुसलिम शासकों के महलों की साजसज्जा. बड़ा हाल कमरा सजा था. फर्श पर धवल सफेद गद्दा बिछा था. गावतकिए के सहारे एक अधेड़ अरब शेख जिस के चेहरे पर खिचड़ी दाढ़ी थी, बैठा था.

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उस के हाथ में सुनहरे रंग की नक्काशीदार धुआं खींचने वाली पाइप थी, जिस का दूसरा सिरा एक नक्काशीदार सुनहरे हुक्के से जुड़ा था.

उस के पास अरबी चुस्त पोशाक पायजामा और चोली पहने एक लड़की बैठी थी, जिस के हाथ में एक सुराही थी और एक प्याला.

आगे पढ़ें- जनानखाने के नाम पर एक पुरुष…

चिड़िया चुग गईं खेत: भाग 1- शादीशुदा मनोज के साथ थाईलैंड में क्या हुआ था

कंपनी मीटिंग के लिए थाईलैंड ले जाने वाली कंपनी की बात सुनते ही मनोज और उस के दोस्तों की बाछें खिल गईं. एक तो कंपनी के खर्चे पर विदेश जाने का मौका और वह भी थाईलैंड जैसी जगह, जहां पत्नी और बच्चों का झंझट नहीं. यानी सोने पर सुहागा. मनोज और उस के दोस्त सुरेश और भावेश तैयारियों में लग गए. वे दिन गिनने लगे. जाने के जोश में वे अतिरिक्त उत्साह से काम करने लगे. जाने का दिन भी आ गया. अहमदाबाद से तीनों मुंबई पहुंचे. कंपनी के देशभर के डीलर मुंबई में इकट्ठा होने वाले थे फिर वहां से सब इकट्ठा बैंकौक जाने वाले थे.

रात की फ्लाइट से सब बैंकौक पहुंचे और सुबह बस से पटाया पहुंचे. होटल पहुंच कर सब अपनेअपने कमरों में जा कर आराम करने लगे. मनोज को हफ्तेभर से बहुत मेहनत करनी पड़ रही थी. वह थकान से निढाल हो कर पलंग पर लेट गया. लेटते ही उस को झपकी आ गई. आधे घंटे बाद ही रूम की बेल के बजने से उस की नींद खुल गई. उस ने झल्लाते हुए नींद में ही दरवाजा खोला.

भावेश और सुरेश तेजी से कमरे में आए और चहकते हुए बोले, ‘‘चल यार, थाई मसाज करवा कर आते हैं.’’

‘‘शामवाम को चलेंगे यार, अभी तो थोड़ा सोने दो, बहुत थक गया हूं,’’ मनोज ने पलंग पर लेटते हुए कहा.

‘‘अरे, शाम को तो ओपन शो देखने जाएंगे. मसाज का टाइम तो अभी ही है. फिर आने के बाद नाश्ता करेंगे,’’ सुरेश ने कहा.

‘‘अबे, तू यहां सोने आया है क्या. और थाई मसाज करवाने से तो सारी थकान उतर जाएगी,’’ भावेश ने सुरेश को देख कर आंख मारी.

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‘‘और क्या, होटल के सामने वाली सड़क के उस पार ही तो मसाज पार्लर है,’’ सुरेश ने कहा.

‘‘तुम लोग जरा देर भी सोए नहीं क्या, मसाज पार्लर भी ढूंढ़ आए. गजब हो यारो तुम भी,’’ मनोज आश्चर्य से उठ बैठा.

सोने के लिए तो उम्र पड़ी है. यहां चार दिन तो ऐश कर लें. चलचल उठ जा और चिंता मत कर, हम भाभी को कुछ नहीं बताएंगे,’’ भावेश ने मनोज से चुटकी ली.

मनोज झेंप गया, ‘‘चलो, चलते हैं,’’ कह कर उठ गया.

तीनों होटल से बाहर निकले और रोड क्रौस कर ली. सामने ही रोज मसाज पार्लर था. तीनों पार्लर में चले गए. रिसैप्शन पर भड़कीले और कम कपड़ों में एक थाई लड़की खड़ी थी. उस ने मुसकरा कर तीनों का स्वागत किया. उस ने गहरे गले की शौर्ट ड्रैस पहन रखी थी. उस के आधे उभार ड्रैस से बाहर दिखाई दे रहे थे.

उसे देखते ही सुरेश और भावेश की बाछें खिल गईं. मीठीमीठी बातें कर के उस लड़की ने तीनों का मन जीत लिया. थाई मसाज के उस लड़की ने तीनों से कुल 2,400 भाट रखवा लिए. भाट थाइलैंड की करैंसी है. सुरेश, भावेश ने तो खुशी से पैसे दे दिए लेकिन मनोज को 800 भाट देते हुए थोड़ा बुरा लगा. इतना पैसा सिर्फ मसाज करवाने के लिए. इस से तो दोनों बच्चों के लिए या पत्नी मीरा के लिए अच्छी ड्रैसेज आ जातीं. थोड़ा भारी मन लिए हुए वह मसाज केबिन की ओर बढ़ा. उस के दोनों दोस्त पहले ही खुशी से फड़कते हुए केबिनों में जा चुके थे. मनोज ने भी एक केबिन का दरवाजा खोला और धड़कते हुए दिल से अंदर दाखिल हुआ.

केबिन में बड़ा रहस्यमय और सपनीला सा माहौल था. पीली नारंगी मद्धिम रोशनी. एकतरफ लाल रंग की सुगंधित मोमबत्तियां जल रही थीं. खुशबू और रोशनी का बड़ा दिलकश कौंबिनेशन था. मसाज बैड के पास एक 25-26 साल की खूबसूरत युवती खड़ी थी. वह चटक लाल रंग की शौर्ट बिना बांहों की ड्रैस पहने खड़ी थी. लाल रंग में उस का गोरा रंग गजब का खिला हुआ दिख रहा था. टाइट ड्रैस में से उस के सीने के उभार स्पष्ट दिख रहे थे. मनोज क्षणभर को अपनी सुधबुध खो कर लोलुप दृष्टि से उसे देखता रह गया. लड़की उस की हालत देख कर मुसकरा दी तो मनोज झेंप गया.

मसाज वाली लड़की ने इशारे से उसे कपड़े उतार कर बैड पर लेटने को कहा. मनोज उस के जादू में खोया या यंत्रवत कपड़े एक ओर रख कर बैड पर लेट गया. बैड की चादर मुलायम और मखमली थी. इतनी नर्म चादर मनोज ने अपने जीवन में पहली बार देखी थी. कमरे में मनोज को ऐसा लग रहा था कि वह किसी तिलिस्मी दुनिया में आ गया है. वह एक अनोखी रूमानी दुनिया में पहुंच गया. तभी लड़की ने एक सुगंधित तेल उस की पीठ पर लगा कर मसाज करना शुरू कर दिया.

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लड़की के मादक स्पर्श से वह मदमस्त हो कर एक मादक खुमारी में खो गया. उस पर एक हलका सा नशा छाता जा रहा था. बंद कमरे में एक जवान लड़की के साथ एक रोमांटिक माहौल में मसाज करवाने का यह उस का पहला अनुभव था. 800 भाट खर्च होने का अफसोस जाता रहा. मसाज करीब 1 घंटे तक चला. थोड़ा नशा हलका होने पर जानपहचान बढ़ाने के मकसद से मनोज ने उस लड़की से बातचीत करनी शुरू कर दी. वह लड़की थोड़ीबहुत अंगरेजी बोल पा रही थी. मनोज ने उस से उस का नाम पूछा तो उस ने जूली बताया. मनोज ने उस की शिक्षा और घरपरिवार के बारे में बात की. वह 25 वर्ष की गे्रजुएट लड़की थी. उस का घर पटाया से दूर एक गांव में था. मातापिता बूढ़े थे. वह घर चलाने के लिए पटाया में यह काम कर रही थी.

न जाने उस के चेहरे और स्वर में ऐसी क्या पीड़ा थी, एक दर्द सा झलक रहा था कि मनोज का दिल पिघल गया. यों भी, वह कच्चे मन का भावुक इंसान था.

आगे पढ़ें- मसाज का वक्त खत्म हो गया था. मनोज केबिन से…

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