मेरी आईलैशेज काफी कम और छोटी हैं, इनकी ग्रोथ के लिए कोई उपाय बताएं?

सवाल-

मेरी उम्र 30 साल है. मेरी आईलैशेज काफी कम और छोटी हैं. मुझे कोई उपाय बताएं, जिस से उन की ग्रोथ हो सके?

जवाब-

घनी आईलैशेज के लिए अरंडी का तेल काफी फायदेमंद माना जाता है. इस में रिसिनोलिक ऐसिड पाया जाता है. यह बालों की जड़ों में रक्तप्रवाह को बढ़ाता है और पलकों के विकास के लिए उत्तेजित करता है.

अरंडी के तेल से न सिर्फ आप की पलकें घनी होंगी बल्कि यह पलकों को टूटने से भी बचाएगा. इसे लगाने के लिए अपने चेहरे को अच्छी तरह साफ कर लें. ध्यान रहे कि आप की आंखों पर किसी तरह का मेकअप न हो. अब साफ मसकारा ब्रश लें. इस ब्रश को अरंडी के तेल में डुबोएं और पलकों पर लगाएं. इसे रातभर पलकों पर लगा रहने दें और सुबह गुलाबजल या फिर मेकअप वाइप्स की मदद से साफ कर लें.

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कई लड़कियां आंखों की सुंदरता को उभारने के लिए नकली या आर्टिफिशियल पलकों का इस्तेमाल करती हैं. लेकिन जब आप अपनी पलकों को प्राकृतिक रूप से घना बना सकती हैं, तो इतनी तकलीफ उठाने की जरूरत क्या है. लड़कियों की खूबसूरती उन की आंखों से होती है और यदि उन की पलकें घनी हैं तब तो कहने ही क्या.

कई युवतियों की पलकें घनी नहीं होतीं, इसलिए वे अपनी आंखों की सुंदरता को उभारने के लिए नकली या आर्टिफिशियल पलकों का सहारा लेती हैं, जिन्हें ज्यादा समय तक अपनाने से नुकसान भी हो सकता है. आइए, जानते हैं कि किस तरह आप अपनी पलकों को कुदरती तौर पर घना और मोटा बना सकती हैं:

1. कैस्टर तेल

रात को सोते समय हर रोज अपनी पलकों पर इस तेल को लगाएं. चाहें तो तेल को हलका सा गरम भी कर सकती हैं. इस को 2 महीने तक लगाएं और फिर देखिए कि आप की पलकें किस तरह से घनी हो जाती हैं.

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2. विटामिन ई तेल

एक छोटा सा आइलैश ब्रश लें और उसे इस तेल में डुबो कर रोजाना अपनी पलकों पर लगाएं. चाहें तो विटामिन ई की कुछ टैबलेट को क्रश कर इस तेल के साथ मिला कर लगा सकती हैं. अगर आप की पलकों पर खुजली होती है तो वह भी इस तेल को लगाने से खत्म हो जाएगी.

3. वैसलीन

यदि आप किसी प्रकार का तेल नहीं लगाना चाहतीं, तो वैसलीन इस का बेहतर विकल्प है. रोजाना रात को सोने से पहले अपनी पलकों पर वैसलीन लगाएं. उस के बाद सुबह उठते ही पलकों पर हलके गरम पानी से छींटे मार कर साफ करें, वरना पूरे दिन वे चिपचिपाती रहेंगी.

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फेस से ब्लैकहैड्स हटाने का तरीका बताएं?

सवाल-

मेरे चेहरे पर ब्लैकहैड्स हैं जो आसानी से नहीं निकलते हैं. बताएं मैं क्या करूं?

जवाब-

ब्लैकहैड्स को फेस पैक के जरीए निकाल पाना पौसिबल नहीं है क्योंकि वे पोर्स के अंदर होते हैं और पोर्स को खोल कर क्लीन करने के लिए स्क्रब करना जरूरी होता है. इन ब्लैकहैड्स को रिमूव करने के लिए आप किसी अच्छे कौस्मैटिक क्लीनिक से वेज या फ्रूट पील करवा सकती हैं. 15 दिन में एक बार पील करवा लेने से ब्लैकहैड्स व व्हाइट हैड्स रिमूव हो जाएंगे साथ ही चेहरे पर निखार भी आएगा.

इस के साथ ही डेली बेसिस पर अपने फेस को क्लीन करने के लिए स्क्रब बना लें. घर पर बादाम व दलिया खुरदरा पीस कर पाउडर बनाएं और इस में चुटकीभर हलदी और गुलाबजल मिला कर पेस्ट बना लें. इस पेस्ट को अपनी नाक व चेहरे पर लगा कर हलके हाथों से स्क्रब कीजिए और थोड़ी देर बाद सादे पानी से धो लें.

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वातावरण में मौजूद प्रदूषण और चेहरे को नियमित ऐक्सफौलिएट न करने की वजह से चेहरे पर होने वाले दागधब्बे अच्छे नहीं लगते हैं. खासकर नाक और लोअर लिप के नीचे होने वाले ब्लैकहैड्स और व्हाइटहैड्स. दरअसल, सिबेसियस ग्लैंड के द्वारा जरूरत से ज्यादा तेल पैदा करने पर स्किन के पोर्स बंद हो जाते हैं या फिर मृत कोशिकाओं के एकत्रित हो हेयर फौलिकल्स को ब्लौक करने के कारण स्किन तक औक्सीजन नहीं पहुंच पाती और स्किन सांस नहीं ले पाती.

इन्हें ठीक करने के लिए बहुत से उपायों का इस्तेमाल किया जाता है, बावजूद इस के ये बारबार हो जाते हैं. मशहूर कौस्मैटोलौजिस्ट भारती तनेजा इस परेशानी से बचने के लिए नियमित रूप से अपने चेहरे को सैलिसिलिक ऐसिड युक्त क्लींजर से धोने की सलाह देती हैं.

व्हाइटहैड्स के लिए करें ये उपाय

नीम और हलदी पैक:

नीम और हलदी दोनों ही अपने औषधीय गुणों के लिए जाने जाते हैं. इन दोनों में पाए जाने वाले ऐंटीऔक्सीडैंट के कारण ये व्हाइटहैड्स को दूर करने में मदद करते हैं. इस के लिए नीम की कुछ पत्तियां ले कर उन में 1 चुटकी हलदी मिला कर पीस लें. फिर इस पेस्ट को चेहरे पर लगा लें. 10 मिनट लगा रहने के बाद पानी से धो लें. इस से आप को व्हाइटहैड्स से छुटकारा मिल जाएगा.

चने की दाल का स्क्रब:

बेसन स्किन की अंदरूनी सफाई करता है. डैड स्किन की प्रौब्लम दूर करने के साथ ही इस से चेहरे की रंगत भी निखरती है. 1 चम्मच चने की दाल पीस कर उस में 1 चम्मच कच्चा दूध और 2 चम्मच रोजवाटर मिलाएं. अब इस पेस्ट को चेहरे पर 20 मिनट तक लगाए रखें और फिर चेहरा धो लें.

पूरी खबर पढ़ने के लिए- ब्लैकहैड्स और व्हाइटहैड्स को ऐसे करें दूर

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काजल आंखों से फैल जाता है, मैं क्या करुं?

सवाल- 

मु झे काजल लगाना बहुत पसंद है. लेकिन जब भी काजल लगाती हूं वह फैल जाता है. कोई इलाज बताएं जिससे कि मेरा काजल फैले नहीं?

जवाब-

आजकल मार्केट में बहुत अच्छी क्वालिटी के काजल उपलब्ध हैं जो स्मजप्रूफ और वाटरप्रूफ होते हैं. वे जल्दी फैलते नहीं हैं. इस के अलावा आप काजल लगाने के बाद आंखों के नीचे वाटरप्रूफ आईलाइनर की लाइन लगा लें. इस से काजल नहीं फैलता.

काजल लगाने के बाद एक पतले ब्रश से ब्राउन, ब्लैक, पिंक, ग्रीन या ब्लू यानी ड्रैस से मैच करते कौंप्लिमैंटरी कलर के आईशैडो से एक लाइन काजल के नीचेनीचे लगा लें. इस से काजल जल्दी फैलता नहीं. यदि आप हमेशा काजल लगा कर खूबसूरत दिखना चाहती हैं तो प्रौमिनैंट काजल लगवा लें जो 15 साल से भी ज्यादा समय तक टिका रहता है.

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मेकअप करना आसान काम नहीं है . इसमें छोटी से चूक आपकी खूबसूरती को संवारने की बजाय बिगाड़ देती है . जैसे की काजल का फैलना . कजरारी आंखों के बिना खूबसूरती के बारे में सोचा नहीं जा सकता . काजल का इस्तेमाल आप अपनी आंखों की सुंदरता बढ़ाने के लिए करते है . आप और भी  कई तरह से अपनी आंखों को खूबसूरत बनाने के लिए चीजों का इस्तेमाल करते हैं . लेकिन काजल की बात ही कुछ और है .

काजल लगाने से आंखे खूबसूरत लगती है उनमें चमक आती है . लेकिन जब काजल फैल जाता है तो वह देखने में बहुत ही खराब लगता है और आपकी सुन्दरता पर एक धब्बा बन जाता है . लेकिन इस समस्या से भी निपटा जा सकता है . तो यहां कुछ सरल ट्रिक्स हैं जो आपके काजल को फैलने से रोकते हैं .

इन टिप्स से नहीं फैलेगा काजल :

1. चेहरे को अच्छे से करें साफ  –

सबसे पहले अपने चेहरे को अच्छे से साफ करें . काजल लगाने से पहले अपने चेहरे को किसी भी फेस वॉश से धो लें और चेहरा पूरी तरह से सूखने के बाद की काजल को लगाएं.

पूरी खबर पढ़ने के लिए- 10 Tips: काजल को फैलने से कैसे बचाएं

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इन 8 ब्यूटी सीक्रेट्स से पाएं नई पहचान

आजकल का दौर ऐसा है कि हर स्मार्ट लड़की हमेशा चमकते और दमकते रहना चाहती है. और हो भी क्‍यों न, इससे अंदर से कांफिडेंस आता है जिससे आप हंसते-हंसते कई कामों को आसानी से कर सकती हैं. चलिए जानते हैं कि क्‍या हैं वह ब्‍यूटी सीक्रेट्स जो दे सकते हैं आपको एक नई पहचान.

  • काजल और लिपलाइनर हमेशा लगाएं 

8 beauty secrets

 काजल भारतीय स्त्री की खूबसूरती में हमेशा ही चार चांद लगाता है. यह आंखों का आकर्षण बढाने का आसान तरीका है. इसी तरह लिपलाइनर भी लगाना जरूरी होता है, क्योंकि यह लंबे समय तक टिकता है और फैलता भी नहीं है. अगर आप अपनी पसंदीदा लिपस्टिक लगा रही हैं तो साथ में लिपलाइनर लगाना न भूलें

  • सनस्क्रीन जरूर लगाएं 

8 beauty secrets

सनस्‍क्रीन सौंदर्य बढाने में मदद तो नहीं करती बल्कि त्वचा को धूप की तेज अल्ट्रावौयलेट किरणों से सुरक्षा जरुर प्रदान करती है. धूप से बचने के लिए हर चार घंटे में सनस्क्रीन का प्रयोग करना जरूरी है. अगर आप इसका प्रयोग नहीं करेगीं तो संवाली होने का डर भी रहेगा. साथ ही ब्राउन स्पौट और झुर्रियां भी इन्हीं के कारण होती है. इसलिए चाहे घर पर रहे या बाहर निकलें, लेकिन सनस्क्रीन जरूर लगाएं.

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  • हर दूसरे दिन शैंपू: 

8 beauty secrets

भारतीय युवतियों की सबसे आम समस्या है बालों का रूखापन, क्योंकि हर दूसरी स्त्री कामकाजी है और चारों तरफ प्रदूषण का सामना, धूप का प्रकोप, काम का बोझ और स्ट्रेस का सामना करती है. सबसे बडी बात यह कि स्त्री चाहे किसी भी उम्र की हो, मेकअप किया हो या नहीं, लेकिन जिस दिन शैंपू करती है उस दिन वह बेहद सुंदर दिखती है. इसलिए शैंपू करने में कोताही न बरतें.

  • भरपूर नींद

8 beauty secrets

 रोजाना निश्चित समय पर ही सोएं. अगर आप रात में सोएगीं नहीं तो दिन-भर आप थकी-थकी सी रहेगीं. टिश्यू और सेल्स को रेजुवेनेट करने के लिए नींद बहुत जरूरी है. त्वचा को रेजुवेनेट करने के लिए रात में एक अच्छी नाइट क्रीम लगाएं. रेटिनौल बेस्ड क्रीम चुनें जो पिग्मेंटेशन, पोर्स और बारीक लकीरों को कम करने में मदद करते हैं.

  • त्वचा को दमकने दें

8 beauty secrets

 त्‍वचा का एक्सफोलिएशन सबसे जरूरी है. प्रदूषण भरे वातावरण में डेड सेल्स की समस्या आम होती है. एक्सफोलिएट इस्तेमाल करने से त्वचा के मृत कोश भी निकल जाते हैं और त्वचा रेशम सी कोमल और चमकदार हो जाती है.

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  • मेहंदी और औयल ट्रीटमेंट

8 beauty secrets

 रेशमी बाल और चमकदार त्वचा हर स्त्री का गहना होते हैं. इसलिए हफ्ते में एक बार हौट औयल मसाज बेहद जरूरी है. स्कैल्प में तेल जज्ब हो जाए इसलिए मसाज के बाद बालों में गर्म तौलिया लपेटें. मसाज के लिए कोकोनट औयल का ही इस्तेमाल करें. औलिव औयल बालों के लिए हेवी हो सकता है. इसके अलावा महीने में एक बार मेहंदी ट्रीटमेंट भी ले.

  • एक अच्छा हेयर कट

8 beauty secrets

 जब कुछ समझ न आए तो एक अच्छा हेयर कट लें. लेकिन अपनी पर्सनैल्टी और चेहरे पर सूट करने वाला. प्रत्येक दो-चार माह में हेयरकट जरूरी है. बिखरे, उलझे, दो मुंहे, बेजान बाल आपके व्यक्तित्व के आकर्षण को खत्म कर देते हैं. एक अच्छा हेयरकट आपकी पर्सनैल्टी में वॉल्यूम भर देता है.

  • सेहत का रखें खयाल

8 beauty secrets

स्वास्थ्य सही हो तो सौंदर्य दोगुना हो जाता है. स्वास्थ्य तभी सही रह सकता है जब आप अपना खयाल रखें. सही वक्त पर सही, संतुलित एवं पौष्टिक आहार लें. हफ्ते में कम से कम 5 बार 30 से 40 मिनट तक एक्सरसाइज करें. वजन पर नियंत्रण रखने के लिए जंक फूड, औयली चीजें और मिर्च मसालों से दूर रहें. एक्सरसाइज से रक्त संचार बढता है और चेहरे पर ग्लो आता है.

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मेरे फेस पर बहुत सारे पिंपल्स हो रहे हैं, मैं क्या करुं?

सवाल-

मेरी उम्र 18 साल है और मेरे फेस पर बहुत सारे पिंपल्स हो रहे हैं. मु झे घर से बाहर जाना भी अच्छा नहीं लगता. बताएं क्या करूं?

जवाब-

18 साल की उम्र में पिंपल्स होना बहुत कौमन है. घबराने की कोई बात नहीं है. इस उम्र में हारमोनल इंबैलेंस हो जाता है, जिस से स्किन औयली होने लगती है. उस के ऊपर आया औयल, धूलमिट्टी मिल कर ब्लैकहैड्स बना देते हैं, जिन में इन्फैक्शन होने पर वे पिंपल्स में कन्वर्ट हो जाते हैं. अत: आप स्किन की सफाई पर ज्यादा ध्यान दें. दिन में 2-3 बार अलकोहल रहित स्किन टोनर का इस्तेमाल करें. अलकोहल फेस को ड्राई कर देता है, इसलिए अलकोहल वाला स्किन टोनर इस्तेमाल न करें.

1 चम्मच विनेगर में 3 चम्मच पानी डाल लें. फिर इसे कौटन से पिंपल्स पर दिन में 3-4 बार लगाएं. पिंपल्स कम होने लग जाएंगे.

किसी अच्छे क्लीनिक में जा कर दिखाएं. जहां मैडिकल हिस्टरी ली जाए. अगर इंटरनली कोई और प्रौब्लम हो तो उस की दवा लेना भी जरूरी है.

ध्यान रहे औयली खाने को अवौइड करें. बहुत सारा पानी पीएं और बैलेंस डाइट लें. अगर पिंपल्स नौर्मल इलाज से ठीक न हो रहे हैं तो कैमिकल पील भी करा सकती हैं, जिस से पिंपल्स 2-3 सीटिंग्स में ही खत्म हो जाते हैं.

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चेहरे पर आया एक छोटा सा पिंपल हमारा सारा मूड खराब कर देता है. चेहरे के पिंपल को जाने में करीब 4 से 5 दिन लगते हैं, और जब यह जाते हैं तो चहरे पर एक निशान छोड़ जाते हैं. क्‍या आपने कभी पिंपल को एक दिन में हटाने की सोची है? आप सोंच रही होंगी कि यह कैसे हो सकता है. लेकिन ऐसा आइस क्‍यूब के इस्‍तेमाल से मुमकिन है. चलिये जानते हैं फिर वो तरीके जिनसे यह संभव हो सकता है.

स्‍टेप 1: पहले अपने चेहरे को गरम पानी और फेस वाश से धो लें. पिंपल वाले चेहरे पर कभी भी स्‍क्रब का प्रयोग ना करें वरना पिंपल का पस पूरे चेहरे पर फैल जाएगा.

स्‍टेप 2: अब मुल्‍तानी मिट्टी को चंदन पाउडर और नींबू के रस के साथ मिलाएं. इस फेस पैक को 5 मिनट तक के लिये चेहरे पर लगाएं.

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डैंड्रफ से चेहरे को भी होता है नुकसान

डैंड्रफ सिर पर होने वाली एक बेहद आम समस्या है जो बैक्टीरिया या सिर पर फंगल इन्फेक्शन की वजह से होती है. अक्सर सिर की त्वचा ज्‍यादा तैलीय या चिकनाई वाली होने पर यह समस्या हो जाती है. इस समस्या के कारण न सिर्फ बालों की मजबूती पर नकारात्मक असर पड़ता है, बल्कि डैंड्रफ की इस समस्या की वजह से अकसर शर्मिंदगी का सामना भी करना पड़ता है. लेकिन इसके नुकसान सिर्फ इतने ही नहीं हैं, डैंड्रफ के कई अन्‍य साइड इफेक्‍ट्स भी होते हैं. जैसे इससे चेहरे को भी कई नुकसान होते हैं. चलिए जानें डैंड्रफ के कारण चेहरे पर होने वाले नुकसान क्या होते हैं.

मुंहासों की समस्या का कारण

डैंड्रफ की समस्या से प्रभावित लोगों को मुंहासों की समस्या से जूझना पड़ता है. रूसी का सबसे प्रमुख लक्षण रूखी त्वचा के छिलके या पपड़ी जैसा गिरना होता है. इनके कारण रोम छिद्र बंद हो जाते हैं और चेहरे तथा शरीर पर मुंहासे होने लगते हैं. जो लोग पहले से ही मुहांसों की समस्या से जूझ रहे होते हैं उनके लिए डैंड्रफ और भी ज्यादा समस्या का कारण बन सकती है. मुंहासे होने के कारणों में डैंड्रफ भी एक प्रमुख कारण होता है.

चेहरे पर यदि मुंहासे अधिक हो तो मुंहसों के साथ डैंड्रफ का भी उपचार करना चाहिए, क्योंकि जब तक डैंड्रफ साफ नहीं होंगे, तब तक मुंहासों का पूरी तरह उपचार नहीं किया जा सकता है. त्वचा विशेषज्ञों के अनुसार, पीठ पर होने वाले मुंहासे का सबसे बड़ा कारण भी अकसर डैंड्रफ ही होता है. इसलिए पीठ के मुंहासों से छुटकारा पाने के लिए डैंड्रफ को खत्म करना जरूरी है.

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डैंड्रफ के इलाज के तरीके

डैंड्रफ के कारण बोलों व चेहरे आदि को होने वाले नुकसान से बचने के लिए आप इन उपायों को अपना सकती हैं. हफ्ते में कम से कम दो बार एंटी डैंड्रफ शैंपू लगायें और डैंड्रफ प्रभावित क्षेत्र जैसे सिर की त्वचा, कान, चेहरे आदि को भी अच्छे से साफ करें. इसके अलावा बालों को चेहरे से दूर रखें, क्योंकि अगर रूसी वाले बाल आपके चेहरे पर आएंगे तो इसकी वजह से मुंहांसे होने की संभावना भी अधिक हो जाती है.

आप हफ्ते में एक बार बालों की गर्म तेल से मालिश भी करें इसके कारण रूसी व इसके कारण होने वाले मुंहासों से छुटकारा पाया जा सकता है. इससे सिर की त्वचा स्वस्थ रहती है और सिर की त्वचा में रक्त का प्रवाह बेहतर बनता है. साथ ही अपने चेहरे को नियमित तौर पर साफ करें. मुंहासे अधिक होने पर त्वचा रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें.

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क्या आप ऑनलाइन खरीदती हैं कॉस्मेटिक्स? पढ़ें खबर

कॉस्मेटिक शॉपिंग करते वक्त आपके दिमाग में अपनी त्वचा को लेकर कई सवाल आने लगते हैं जैसे, क्या यह क्रीम मेरी स्किन के लिए सही है, कहीं इस लिप्सटिक से कोई ऐलर्जी तो नहीं हो जाएगी, और फिर अगर ऑनलाइन कॉस्मेटिक शॉपिंग हो तो यह रिस्क और बढ़ जाती है, इस रिस्क को कम करने के लिए इन 4 बातों का ध्यान जरूर रखें.

हमेशा विश्वसनीय ऑनलाइन ब्राण्ड से ही शॉपिंग करें

आप हमेशा अच्छे और विश्वसनीय ऑनलाइन ब्राण्ड से ही कॉस्मेटिक सामान की शॉपिंग करें, हो सकता है कॉस्मेटिक सामान एक अच्छे ऑनलाइन ब्राण्ड की तुलना में किसी और ऑनलाइन साइट पर कम दामों में मिल रहा हो पर, एक अच्छे ऑनलाइन ब्राण्ड की क्वालिटी ही अच्छी और विश्वसनीय होती है.

वही चीजे इस्तेमाल करें जिसे आप पहले इस्तेमाल कर चुके हैं

हर ब्राण्ड के लिप्सटिक, मॉश्चराइजर और ब्लश में अलग अलग कैमिकल इस्तेमाल होते हैं, तो जब आप ऑनलाइन कॉस्मेटिक शॉपिंग करें तो उसी ब्राण्ड का सामान खरीदें, जिसे आप पहले भी लगा चुके हैं और जो आपकी त्वचा के लिए सही और अच्छा है.

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कैसे चुनें सही शेड्स और रंग

ऑनलाइन कॉस्मेटिक शॉपिंग करते वक्त ज्यादातर महिलाओं को यह चिंता होती है कि लिप्सटिक, फाउंडेशन, क्रीम, आईलाइनर का कौनसा रंग और शेड स्किन को सूट करेगा, ऑनलाइन शॉपिंग में टैस्टर भी इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं, इसलिए जो सामान आपको लेना है, तो आप किसी दुकान में जाकर उसके अलग अलग शेड आजमाकर देखें, और जो आपको पसंद हो उस चीज का ब्राण्ड और शेड नंबर लिख लें अगर वही सामान आपको ऑनलाइन कम दाम में मिल रहा है, तो उसे ऑनलाइन ऑर्डर करके खरीद लें.

अगर आपका ऑर्डर सील नहीं है, तो उसे रिजेक्ट करें

आप अपना ऑनलाइन कॉस्मेटिक शॉपिंग ऑर्डर लेते समय ध्यान से देखें कि आपका सामान अच्छे से सील है या नहीं, अगर सील खुली है या फिर नहीं है, तो ऑर्डर किया हुआ सामान बिल्कुल न लें.

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इन टिप्स से चमक उठेंगी Armpits

हर महिला के भीतर दर्पण निहारते समय नारी सौष्ठव, चिकनी मुलायम त्वचा और बालों रहित मुलायम बगलों की इच्छा बलवती हो उठती है.

कई बार तो इन छोटीछोटी बातों के कारण रिश्ता भी दरक जाता है. सामने वाला शर्म के चलते यह कह नहीं पाता कि आप के पसीने से बदबू आती है और आप हैं कि यह मानने को तैयार ही नहीं होतीं कि आप के पसीने से बदबू आती है, क्योंकि आप को स्वयं इस बात का एहसास ही नहीं होता.

नियमित साफसफाई

हमारे शरीर में पसीना निकालने वाली अनेक ग्रंथियां हैं, जो शरीर के तापमान को नियंत्रित करने का काम करती हैं. कौस्मैटिक डर्मेटोलौजिस्ट डा. अमरजीत रेखी के अनुसार, पसीने की ये ग्रंथियां शरीर के अन्य भागों के मुकाबले बगलों में कई गुना अधिक होती हैं.

चिलचिलाती गरमी, अनजाना भय, कुतुहल या ऐसी किसी अन्य स्थिति के चलते बगलों से पसीना अधिक निकलने लगता है. घबराहट से चेहरे, हथेलियों, माथे पर भी पसीना आता है, लेकिन बगलों में आने वाले पसीने में बदबू भी आती है.

ऐसे में यदि आर्मपिट्स की ढंग से साफसफाई न हो, तो पसीने में बैक्टीरिया पनपने लगते हैं, जो कई बार फंगस का भी कारण बनते हैं. आर्मपिट्स शरीर के बाकी रंग की जगह गहरी या काली दिखाई देने लगती हैं.

कोलंबिया अस्पताल की डर्मेटोलौजिस्ट डा. नवदीप के अनुसार, बहुत टाइट कपड़े पहनने से पैदा हुई नमी शरीर के इन भागों से निकलते पसीने के वाष्पीकरण में बाधक होती है, जिस से त्वचा में मौजूद बैक्टीरिया पसीने में मिल कर दुर्गंध पैदा करते हैं और बगलों की त्वचा काली होने लगती है.

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दुर्गंधयुक्त पसीना

टोटल हैल्थ की आहार विशेषज्ञा एवं संस्थापिका अंजलि मुखर्जी का कहना है कि आहार में विशेष पौष्टिक तत्त्वों की कमी जैसे मैग्नीशियम या जिंक की कमी से भी पसीने की गंध प्रभावित होती है. जिस प्रकार मधुमेह का रोग या कब्ज कई बार दुर्गंध का कारण भी बनती है, ठीक उसी प्रकार मांसाहारी भोजन के अत्यधिक सेवन के कारण भी पसीना दुर्गंधयुक्त हो जाता है. मांसाहारी पदार्थों में पाए जाने वाले प्रोटीन में कोलीन नामक तत्त्व प्रचुर मात्रा में होता है. यदि किसी व्यक्ति विशेष में विशेष प्रकार का ऐंजाइम मौजूद न हो और वह कोलीन मांसाहारी भोजन का अधिक सेवन करता रहे, तो ऐसे में उस के पसीने के बदबूयुक्त होने की संभावना बढ़ जाती है.

क्या कहते हैं विशेषज्ञ

मोटापे के कारण आर्मपिट्स में सलवटों के कारण, बारबार वैक्सिंग करना, बारबार बगलों की शेव करते रहने या हेयर रिमूवल क्रीम के कैमिकल के कारण, किसी विशेष डियोड्रैंट से, पाउडर के अत्यधिक छिड़काव, मौसम में बदलाव के कारण काफी हद तक आर्मपिट्स काली हो जाती हैं. यह लगभग सभी त्वचा रोग विशेषज्ञों का मानना है.

डाक्टर अमरजीत रेखी के अनुसार, यह कोई रोग नहीं जिस का उपचार न हो सके. निम्न छोटीछोटी बातों को ध्यान रख कर आर्मपिट्स की इस परेशानी से बचा जा सकता है:

– शरीर के हिस्से की साफसफाई का विशेष ध्यान रखें.

– स्नान करते समय लूफ का प्रयोग करें. आर्मपिट्स को उस से अच्छी तरह रगड़ कर धोएं. फिर अच्छी तरह पोंछ लें.

– अंडरआर्म्स को हमेशा किसी अच्छे नैचुरल मौइश्चराइजर से नम रखें.

– टाइट कपड़े न पहनें.

– ज्यादातर सूती कपड़े ही पहनें. पौलिएस्टर, नायलौन, सिंथैटिक कपड़े कम से कम पहनें.

– बाजार में उपलब्ध ग्लाइकोलिक या ऐजेलिक ऐसिड युक्त क्रीम का इस्तेमाल करें.

– बाहर निकलते समय पूरी बाजू के ढीलेढाले कपड़े ही पहनें.

– कौस्मैटिक सर्जरी करवाएं. किसी अच्छे डर्मेटोलौजिस्ट से ट्रीटमैंट लें.

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– परमानैंट लेजर हेयर रिमूवर एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है. यह पसीने की दुर्गंध और कालेपन से छुटकारा दिलवाता है. इस का कोई साइडइफैक्ट भी नहीं होता.

– केसर में त्वचा को साफ करने के गुण मौजूद रहते हैं. केसर की कुछ पत्तियां 2 चम्मच लोशन में मिक्स कर अंडरआर्म्स पर कुछ देर लगाए रखें. कुछ दिनों तक नियमित ऐसा करने पर धीरेधीरे त्वचा का कालापन दूर हो जाएगा और पसीने की बदबू से भी छुटकारा मिलेगा.

– हरे सेब को हलका सा स्टीम कर अच्छी तरह मसल लें. अब इस गूदे को अंडरआर्म्स में कुछ दिन नियमित लगाएं. कालापन धीरेधीरे दूर हो जाएगा.

– सप्ताह में 1 बार औलिव औयल की कुछ बूंदें चीनी में डाल कर उसे अंडरआर्म्स वाले एरिया में फेशियल की तरह लगा कर रगड़ें. नतीजा कुछ ही दिनों में दिखने लगेगा.

– दही का लेप करें. फिर अच्छी तरह रगड़ें और धो कर पोंछ लें.

– बगलों के कालेपन को दूर करने के लिए इमली का पेस्ट भी अच्छा नतीजा देता है.

– खीरे के रस में कुछ बूंदें नीबू का रस डाल कर काली त्वचा पर लगाएं. ध्यान रहे शेविंग या वैक्सिंग करने के पूर्व या बाद में कुछ भी सिट्रिक न लगाएं. कई बार अधिक शेव करने से फौलिक्यूलाइटिस की स्थिति बन जाती है, जिस से त्वचा पर छोटेछोटे दाने उभर आते हैं. इसलिए सिट्रिक ऐसिड से गुरेज करें. शेव या वैक्सिंग से पहले या बाद में नीबू का प्रयोग भी न करें.

– आर्मपिट्स को सुंदर बनाने के लिए सफेद चने के आटे में कुछ बूंदें नीबू का रस, थोड़ी सी हलदी डाल कर पेस्ट बना कर बगलों में लगाएं. निरंतर प्रयोग से फायदा होगा.

– शलगम का रस भी कालापन दूर करता है.

– संतरे के सूखे छिलकों को पीस कर उस पाउडर में गुलाबजल मिला कर पेस्ट बनाएं और अंडरआर्म्स में 10 मिनट लगाए रखें. धीरेधीरे संतरे में मौजूद विटामिन सी त्वचा को ब्लीच कर देगा और आर्मपिट्स नर्ममुलायम हो जाएंगी.

बगलों में दाने, फफोले, खुजली, जलन न हो, इसलिए इन नुसखों के साथ ही शरीर की साफसफाई पर भी पूरा ध्यान दें. साथ ही भोजन की पौष्टिकता का भी ध्यान रखें.

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जब खुबसूरत चेहरे से नजर हटाना हो मुश्किल  

पहले अधिकतर प्लास्टिक सर्जरी फायर वर्क्स या किसी दुर्घटना के शिकार व्यक्तियों के किसी अंग या चेहरे को फिर से नार्मल बनाने के लिए किया जाता था, लेकिन पिछले कुछ सालों से ब्यूटी को एनहांस करने के लिए प्लास्टिक सर्जरी की जाती है. ब्रिटिशएसोसिएशन ऑफ़ एस्थेटिक प्लास्टिक सर्जन्स के अनुसार प्लास्टिक सर्जरी कराने वालों की संख्या बढ़ी है, इसमें वयस्कों से लेकर युवा सभी इसे करवाना चाहते है, क्योंकि उन्हें चमकती, सुरक्षित, स्वस्थ और जवां दिखने वाली त्वचा चाहिए.

ये सही है कि उम्र के बढ़ने के साथ त्वचा भी बेजान और रंगत खोने लगती है, ऐसे में सही तकनीक अपनाकर उसे कुछ हद तक ठीक या रोका जा सकता है. यही वजह है कि आज थोड़ी-थोड़ी दूरी पर एक कॉस्मेटिक सर्जन मिल जाते है, ऐसे में बिना जांच-परख के किसी भी प्लास्टिक सर्जन के पास जाने पर लेने के देने पड़ सकते है. द एस्थेटिक क्लिनिक की डॉ. रिंकी कपूर कहती है कि ये सब ठीक तरह से करवाने के लिए एक सही डॉक्टर के पास जाना जरुरी होता है, क्योंकि बढ़ते तनाव, प्रदूषण और चुनौतीपूर्ण मौसम को देखते हुए भारत में महिलाएं हमेशा अपनी त्वचा की स्थिति में सुधार करना चाहती है और सहायक तकनीकों पर खर्च करने को भी तैयार रहती है. उपभोक्ता आज इस बात की परवाह नहीं करते है कि वे अपने चेहरे पर क्या लगा रहे है, पर वेअच्छी तरह से सोच-समझकर ही विकल्प चुनते है.फेस रिजुविनेशन और सबसे अच्छा दिखने या महसूस करने के लिए विभिन्न तकनीकों का उपयोग किया जा सकता है,जो निम्न है,

बोटॉक्स या फिलर्स

झुर्रियों, रेखाओं, आंखों के नीचे डार्क हिस्से को कम करने और स्किन ऐजको रोकने के लिए प्रयोग किया जाता है. बोटॉक्स मांसपेशियों में उन नर्व सिग्नल्स को ब्लॉक करती है,जहां इसे इंजेक्ट किया जाता है. नर्व सिग्नल्स को बाधित करने पर इंजेक्शन वाली मांसपेशी अस्थायी रूप से ढीली पड़ जाती है. चेहरे पर इन चुनी हुई मांसपेशियों को हिलाए बिना, कुछ झुर्रियों को नरम, कमजोर या हटाया जा सकता है. इंजेक्टेबल डर्मल फिलर्स असल में जेल जैसे पदार्थ होते है, जिनमें हयालूरोनिक एसिड जैसे प्राकृतिक पदार्थ होते है, जिन्हें त्वचा के नीचे इंजेक्ट किया जाता है, ताकि इसकी उपस्थिती में सुधार हो सके. झुर्रियों के लिए ये सबसे लोकप्रिय और मिनिमम इनवेसिव थिरेपी है.डर्मल फिलर्स में ऐसे तत्वहोते है, जो उम्र बढ़ने के कारण पतले या धंसे हुए क्षेत्रों को पहले की तरह बनाते है, जो अधिकतर गालों, होठों और मुंह के चारों तरफ पतले हुए त्वचा की वजह से होते है.

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उल्थेरा

त्वचा में कसाव लाने के लिएयह एक एडवांस, नॉन-सर्जिकल और नॉन-इनवेसिव तकनीक है जो फोकस्ड हाई-पावर अल्ट्रासाउंड की ऊर्जा काप्रयोग करती है, जिसका उद्देश्य चेहरे की विभिन्न गहराई पर स्किन टिश्यू को गर्म करना है. यह थिरेपी नए कोलेजन का गठन करती है जिससे नैचुरल हीलिंग प्रोसेस सक्रिय हो जाती है.इसमें त्वचा की लिफ्टिंग या कसावट का प्रभाव दिखता है, क्योंकि चेहरे, गर्दन और डेकोलेट(लो नेकलाइन )पर त्वचा में  ढीलापन  कम होने के साथ-साथ उसकी इलास्टिसिटी बढ़ जाती है. यह एक सुविधाजनक प्रक्रिया है, क्योंकि यह 30 से 90 मिनट तक ही करनी पड़ती है.इसमें किसी चीरे या जनरल एनेस्थेशिया की आवश्यकता नहीं होती है. बहुत कम तैयारी के साथ इसे किया जाता है और अधिकांश मामलों में मिनिमम या कोई रिकवरी टाइम की जरुरत नहीं पड़ती.

कार्बन डाई ऑक्साइड लेजर

त्वचाको फिर से जवां बनाने के लिएCO2 लेज़र स्किन रिसरफेसिंग एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें कार्बन डाइऑक्साइड लेजर (CO2) स्किन को सतह से हटाने (एब्लेटिव लेज़र) का काम करती है,जैसे किसी प्रकार का निशान, मस्से और गहरी झुर्रियों को दूर करने के साथ-साथ त्वचा में कसावट और स्किन टोन को बैलेंस करने में सहायक होता है.

एब्लेटिव लेज़र्स यानि CO2 लेज़र, त्वचा को लेसिरेट कर काम करती है. यह स्किन की पतली बाहरी परत (एपिडर्मिस) को हटाकर अंदरुनी त्वचा (डर्मिस) को गर्म करता है और नए कोलेजन फाइबर के विकास को बढ़ाता है. एपिडर्मिस ठीक होने और इस थिरेपी के बाद त्वचा साफ, चिकना और टाइट दिखाई देने लगती है.

नॉन-एब्लेटिव लेज़र, पल्स लाइट (IPL) डिवाइस, त्वचा को खराब नहीं करते है, बल्कि कोलेजन वृद्धि को प्रोत्साहित करते है, जिससे त्वचा की टोन और बनावट में सुधार होता है. यह कम इनवेसिव है और इसके ठीक होने में समय भी कम लगता है, लेकिन यह कम प्रभावी होता है. सर्जन इलाज की स्थिति और रोगी के कॉस्मेटिक लक्ष्यों के आधार पर लेजर के प्रकार का चयन करते है.

लेजर पिग्मेंटेशन

लेज़र पिग्मेंटेशन रिमूवल एक ऐसी प्रक्रिया है, जो पिग्मेंटेशन और लालिमा को दूर करने के लिए प्रयोग किया जाता है. इसे लेज़र स्किन रिजुवेनेशन के रूप में भी जाना जाता है. यह उम्र के साथ बनने वाले धब्बे, सनस्पॉट, हाइपरपिग्मेंटेशन, फ्लैट पिग्मेंटेड. बर्थमार्क और झाईयों जैसी त्वचा पर गैरजरूरी पिग्मेंटेशन को दूर करने के लिए सबसे एडवांस ट्रीटमेंट में से एक है. लेज़र गर्म होता है और पिग्मेंट को खत्म कर देता है.फिर पिग्मेंट को आसपास की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाए बिना सतह पर खींच लिया जाता है. एक बार सतह पर खींचे जाने के बाद, पिग्मेंटेशन के घाव हल्के या सूखकर, उस जगह से निकल जाते है,जहां इसका प्रयोग किया गया है, इससे त्वचा समान टोन और रंगत के साथ निखर जाती है.

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मेसोथेरेपी

त्वचा की चमक के लिए मेसोथेरेपी एक प्रक्रिया है, जिसमें त्वचा की सतह पर छोटे इंजेक्शन लगाए जाते है.इन इंजेक्शनों में त्वचा में स्वाभाविक रूप से पाए जाने वाले विटामिन्स, मिनरल्स और अन्य घटकों का कॉम्बिनेशन होता है, मसलन हयालूरोनिक एसिड जो उम्र के साथ कम होता जाता है. मेसोथेरेपी की इस प्रक्रिया में कोलेजन उत्पादन को बढ़ावा देना, झुर्रियों और महीन रेखाओं को कम करना है. इसके अलावा त्वचा की बनावट में सुधार, चेहरे की समरूपता और सेल्युलाईट को टारगेट करता है.इसमें इंजेक्शन अलग-अलग गहराई पर त्वचा में 1 से 4 मिलीमीटर तक दिया जाता है, लेकिन यह व्यक्ति की स्थिति और इलाज की प्रोसेस पर निर्भर करता है. कई बार डॉक्टर सुई को त्वचा में एक एंगल पर रखकर इंजेक्शन लगाते समय अपनी कलाई को फुर्ती से हटा लेता है.असल में प्रत्येक इंजेक्शन से त्वचा में सोल्यूशन की केवल एक ही छोटी बूंद अंदर जाती है.सही रिजल्ट पाने के लिए मेसोथेरेपी की कई सेशंस की आवश्यकता होती है. इसलिए डॉक्टर के पास 3 से 15 बार जाने के बाद ही सही परिणाम दिखता है.

पीलिंग ऑफ़ स्किन

त्वचा को रिजुवीनेट करने के लिएकेमिकल पील सबसे अच्छा प्रोसेस है. यह अधिकतर एजिंग फेस की त्वचा को जवां और बेजान होने से बचाती है.इससे निकलने वाली नयी स्किन आमतौर पर चिकनी और कम झुर्रीदार होती है.इस प्रोसेस का प्रयोग आमतौर पर चेहरे, गर्दन और हाथों पर, मुंह के आसपास और आंखों के नीचे की महीन रेखाएं, झुर्रियां, हल्के निशान, धब्बे आदि के लिए किया जाता है.

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अपनी Skin को बनायें जवां

ओट न सिर्फ एक हेल्‍दी ब्रेकफास्‍ट है बल्कि एक बेहतर ब्यूटी प्रोडक्ट भी है. यह आपकी त्‍वचा के लिए बहुत फायदेमंद है और इससे बने फेसपैक से त्‍वचा को हमेशा के लिए जवां बनाया जा सकता है. इसमें मौजूद एक्सफोलिएटिंग, क्लींजिंग और मॉश्चराइजिंग तत्व इसे आपकी त्‍वचा के लिए बेहतर रेमेडी बना देते हैं. ओट फेस पैक को आसानी से घर पर बना सकते हैं. आइए जानते हैं ओट फेस पैक कैसे बनायें और इसका प्रयोग कैसे करें.

1. ओट मील और एलोवेरा स्क्रब

एलोवेरा का प्रयोग काफी समय से मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए किया जाता रहा है. इसमें मौजूद एंटी-इन्फ्लेमेटरी एलिमेंट मूहांसे, टैनिंग और संक्रमण जैसी त्‍वचा की समस्‍याआं को दूर करता है. ओटमील पाउडर को एलोवेरा जेल में अच्छे से मिलाकर चेहरे पर मसाज करें. 3 से 5 मिनट तक मसाज करने के बाद इसे सूखने दें, उसके बाद पानी से धो लें. इस नैचुरल स्क्रब से त्वचा की अंदरूनी सफाई होती है. इससे डेड स्किन के साथ ही ब्लैक हेड्स और व्हाइट हेड्स की समस्या भी दूर हो जाती है.

2. शहद और ओट फेसपैक

इस मॉश्चराइजिंग और एक्सफोलिएटिंग फेस पैक को बनाने के लिए 2 चम्मच ओट्स में थोड़ा कच्चा दूध और एक चम्‍मच शहद मिलाएं. इसे अच्छे से मिक्स कर लीजिए, फिर इस पेस्‍ट को चेहरे और गले पर लगाएं. जब यह सूख जाये तो इसे पानी से धो लें. ये फेस पैक ड्राई स्किन के लिए अच्छा है और इससे त्‍वचा में निखार आता है.

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3. ओट्स और गुलाबजल

इस फेस पैक को बनाने के लिए 2 चम्मच ओट्स में 1 चम्मच गुलाबजल और 1 चम्मच शहद मिला लीजिए. इनका पेस्ट बना लें. इस पेस्‍ट को चेहरे पर 10 मिनट के लिए लगाएं और फिर चेहरा धो लें. फिर देखिये आपकी त्‍वचा चमक जायेगी.

4. ओटमील, दूध और नींबू

इस फेस पैक को बनाने के लिए 2 चम्मच उबले ओट्स, 2 चम्मच दूध और 4 चम्मच नींबू का रस मिला लें. जब ओट्स ठंडे हो जाएं तो उसे चेहरे पर लगा लें. 20-25 मिनट बाद गुनगुने पानी से चेहरा धो लें. चेहरा निखर जायेगा.

5. ओटमील पैक और योगर्ट

थोड़े ओटमील को पानी में पका लें और इसे ठंडा होने दें. फिर चेहरे पर इसे लगा लें. इसे 15-20 मिनट तक चेहरे पर लगा रहने दें, उसके बाद धो लें. 2 चम्मट ओट्स लें और उसमें दही मिला लें. इसे पूरे चेहरे पर, ख़ासतौर पर रोमछिद्रों वाले हिस्सों पर लगाएं और 20 मिनट तक सूखने दें. फिर ठंडे पानी से धो लें. इससे चेहरे में निखार आयेगा.

त्‍वचा को हेल्‍दी बनाने और उनको निखारने के लिए खानपान और नियमित व्‍यायाम भी बहुत जरूरी है.

ओट न सिर्फ एक हेल्‍दी ब्रेकफास्‍ट है बल्कि एक बेहतर ब्यूटी प्रोडक्ट भी है. यह आपकी त्‍वचा के लिए बहुत फायदेमंद है और इससे बने फेसपैक से त्‍वचा को हमेशा के लिए जवां बनाया जा सकता है. इसमें मौजूद एक्सफोलिएटिंग, क्लींजिंग और मॉश्चराइजिंग तत्व इसे आपकी त्‍वचा के लिए बेहतर रेमेडी बना देते हैं. ओट फेस पैक को आसानी से घर पर बना सकते हैं. आइए जानते हैं ओट फेस पैक कैसे बनायें और इसका प्रयोग कैसे करें.

1. ओट मील और एलोवेरा स्क्रब

एलोवेरा का प्रयोग काफी समय से मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए किया जाता रहा है. इसमें मौजूद एंटी-इन्फ्लेमेटरी एलिमेंट मूहांसे, टैनिंग और संक्रमण जैसी त्‍वचा की समस्‍याआं को दूर करता है. ओटमील पाउडर को एलोवेरा जेल में अच्छे से मिलाकर चेहरे पर मसाज करें. 3 से 5 मिनट तक मसाज करने के बाद इसे सूखने दें, उसके बाद पानी से धो लें. इस नैचुरल स्क्रब से त्वचा की अंदरूनी सफाई होती है. इससे डेड स्किन के साथ ही ब्लैक हेड्स और व्हाइट हेड्स की समस्या भी दूर हो जाती है.

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2. शहद और ओट फेसपैक

इस मॉश्चराइजिंग और एक्सफोलिएटिंग फेस पैक को बनाने के लिए 2 चम्मच ओट्स में थोड़ा कच्चा दूध और एक चम्‍मच शहद मिलाएं. इसे अच्छे से मिक्स कर लीजिए, फिर इस पेस्‍ट को चेहरे और गले पर लगाएं. जब यह सूख जाये तो इसे पानी से धो लें. ये फेस पैक ड्राई स्किन के लिए अच्छा है और इससे त्‍वचा में निखार आता है.

3. ओट्स और गुलाबजल

इस फेस पैक को बनाने के लिए 2 चम्मच ओट्स में 1 चम्मच गुलाबजल और 1 चम्मच शहद मिला लीजिए. इनका पेस्ट बना लें. इस पेस्‍ट को चेहरे पर 10 मिनट के लिए लगाएं और फिर चेहरा धो लें. फिर देखिये आपकी त्‍वचा चमक जायेगी.

4. ओटमील, दूध और नींबू

इस फेस पैक को बनाने के लिए 2 चम्मच उबले ओट्स, 2 चम्मच दूध और 4 चम्मच नींबू का रस मिला लें. जब ओट्स ठंडे हो जाएं तो उसे चेहरे पर लगा लें. 20-25 मिनट बाद गुनगुने पानी से चेहरा धो लें. चेहरा निखर जायेगा.

5. ओटमील पैक और योगर्ट

थोड़े ओटमील को पानी में पका लें और इसे ठंडा होने दें. फिर चेहरे पर इसे लगा लें. इसे 15-20 मिनट तक चेहरे पर लगा रहने दें, उसके बाद धो लें. 2 चम्मट ओट्स लें और उसमें दही मिला लें. इसे पूरे चेहरे पर, ख़ासतौर पर रोमछिद्रों वाले हिस्सों पर लगाएं और 20 मिनट तक सूखने दें. फिर ठंडे पानी से धो लें. इससे चेहरे में निखार आयेगा.

त्‍वचा को हेल्‍दी बनाने और उनको निखारने के लिए खानपान और नियमित व्‍यायाम भी बहुत जरूरी है.

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