ताकि घर से आती रहे भीनी भीनी खूशबू

घर में कई तरह की चीजें होती हैं. पर कुछ चीजों के कारण किचन या घर से बदबू आने लगती है. कई बार रूम फ्रेशनर से भी बदबू नहीं जाती. ऐसे में आपको और आपके घर के लोगों को बहुत परेशानी होती है. जरा सोचिए अगर ऐसे में कोई मेहमान घर आ जाए तो? ऐमबेरेसमेंट के अलावा फिर कुछ नहीं हो सकता.

इन टिप्स को अपनाने से आप मेहमानों के सामने ऐमबैरेस होने से बच सकती हैं-

1. दूर रखें बदबू

घर में डस्टबिन के नीचे ड्राइड कॉफी पाउडर या बाइकार्बोनेट सोडा रखें. ये चीजें बदबू एबसॉर्ब करती हैं. आप एक कटोरे में कॉफी और पानी का पेस्ट बनाकर फ्रिज में भी रख सकती हैं. इससे फ्रिज से बदबू नहीं आएगी. 15-20 दिन में बाउल बदलती रहें.

2. सिंक को दें खास ट्रिटमेंट

आपके किचन के सिंक में न जाने कितनी सारी चीजें जाती हैं, गंदे बर्तन से लेकर, गंदे ऐपलायंस तक. हर दिन, न जाने कितनी बार. इसलिए हफ्ते में कम से कम एक बार सिंक की अच्छे से सफाई करें. किचन के ड्रेन को साफ करने के लिए पहले एक कप बाइकार्बोनेट सोडा डालें उसके बाद एक कप सफेद सिरका डालें. 5 मिनट बाद गर्म पानी डाल दें. सिंक के आस पास की जगह से बदबू नहीं आएगी.

3. जब चाहिए इन्सटेंट फ्रेगनेंस

मेहमानों के आने में थोड़ा समय बाकी है और घर को खूशबूदार बनाना है. इसके लिए एक बर्तन में पानी उबाल लें. इसमें दालचीनी, नींबू या संतरे के छिलके का पाउडर और वैनिला ऐसेंस डालें. आप तुरंत फर्क महसूस करेंगी.

4. खूशबूदार रहे कालीन, रग्स और डोरमैट

बाइकार्बोनेट सोडा और दालचीनी के पाउडर को एक कप में मिक्स कर लें. अब इसे कार्पेट, रग्स और डोरमैट पर छिड़क दें. 1 घंटे के बाद वेक्युम कर लें. अगर आपका कार्पेट सफेद है तो दालचीनी यूज न करें.

5. जूते रहें घर से बाहर

बच्चों के गंदे, बदबूदार जूतों को घर से बाहर रखने में ही भलाई है. अगर आप ऐसा नहीं कर सकती, तो उन्हें समय समय पर साफ करते रहें.

6. मोमबत्ती

मोमबत्ती और सेंटेड कैंडल से घर की बदबू गायब हो जाती है. सेंटेड कैंडल को बिना जलाए हुए अलमारी में रखिए और फर्क देखिए.

7. पौधे

पौधे हवा को शुद्ध करते हैं. कुछ पौधे जैसे रोजमैरी की खूशबू आपको अपने घर में एक अलग ही एहसास देगी.

“अंगूरी भाभी का किरदार निभाना पसंद करूंगी”

टीवी रियलिटी शो ‘भाभी जी घर पर हैं’ हर घर का लोकप्रिय शो बन गया है. हर कोई इसका दीवाना हो रहा है. अब इस लिस्ट में पार्श्वगायिका अलका याज्ञनिक का नाम भी शामिल हो गया है.

पार्श्वगायिका अलका याज्ञनिक ‘भाभी जी घर पर हैं’ में अंगूरी भाभी की भूमिका को साधारण और प्यारा मानती हैं. इस वजह से अगर उन्हें यह किरदार निभाने का मौका मिलेगा, तो वह यह भूमिका जरूर निभाना चाहेंगी. अलका जल्द ही इस शो में दिखाई देंगी.

उन्होंने कहा, मैं भाभी जी घर पर हैं देखती हूं और मेरा पूरा परिवार इसका बहुत बड़ा प्रशंसक है. मुझे इसके सभी किरदार पसंद हैं, लेकिन सही पकड़े हैं संवाद ने सबको आकर्षित किया है. इसलिए मैं अंगूरी की फैन हूं. वह बहुत ही साधारण, प्यारी और नरमी से बोलने वाली हैं.

सनी लियोन लॉन्च करेंगी अपना एप

बॉलीवुड की हॉट एक्ट्रेस सनी लियोनी के दुनिया भर में लाखों फैन्स हैं जो उन्हें बहुत चाहते हैं, इसलिए सनी अब अपने फैन्स को एक तोहफा देने वाली हैं. बता दें कि वो तोहफा ये है कि सनी का एक एप लॉन्च होने वाला है.

जी हां, सनी ने ट्विटर के जरिए खुद इस बात की जानकारी दी है. पहले सनी ने ट्वीट किया, ‘मैं ये बताते हुए बहुत उत्साहित महसूस कर रही हूं कि 6 दिनों के अंदर मैं खुद का एप लॉन्च करने जा रही हूं. एक्सक्लूसिव कंटेंट के लिए इसे अभी प्री-रजिस्टर करें’.

इसके बाद उन्होंने फिर ट्वीट किया और लिखा, ‘मेरा ऑफिशयल एप लॉन्च होने में 5 दिन बचे हैं. क्या आपने अभी तक रजिस्टरेशन किया?’

बता दें कि सनी ने इससे पहले भी सनी ने साल 2014 में अपना एप लॉन्च किया था. सनी के उस एप को काफी पंसद भी किया गया था.

मुझे सिद्धार्थ से प्यार हैः आलिया

कुछ दिनों पहले खबर आई कि आलिया भट्ट और सिद्धार्थ मल्होत्रा का ‘ब्रेकअप’ हो गया है. हालांकि आलिया और सिद्धार्थ में से किसी ने भी अभी तक यह नहीं कबूला था कि वो रिलेशनशिप में हैं. लेकिन आखिरकार आलिया भट्ट ने कह ही दिया कि उन्हें सिद्धार्थ मल्होत्रा से प्यार है.

आलिया और सिद्धार्थ ने एक ही फिल्म ‘स्टूडेंट ऑफ द ईयर’ से बॉलीवुड में कदम रखे थे. तभी से यह सुनने को मिल रहा था कि ये दोनों रिलेशनशिप में हैं. लेकिन पिछले दिनों खबर आ रही थी कि आलिया-सिद्धार्थ अब अलग हो गए हैं. कुछ प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आलिया ने सिद्धार्थ से जुड़े सवालों को अनदेखा कर दिया. इससे भी लगा कि इन दोनों के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. लेकिन एक अंग्रेजी वेबसाइट को दिए हालिया इंटरव्यू के दौरान आलिया ने एक चौंकानेवाला कबूलनामा किया है.

हालांकि आलिया ने एक गेम के दौरान ही सही, लेकिन यह मान लिया कि उन्हें सिद्धार्थ से प्यार है. दरअसल, यहां आलिया से ऐसे सवाल किए गए, जो उनसे सर्च इंजन गूगल पर पूछे गए हैं. इनमें से एक सवाल यह भी था कि क्या आलिया को सिद्धार्थ से प्यार है? इस पर आलिया ने बिना कुछ सोचे बोल दिया, ‘हां मुझे सिद्धार्थ मल्होत्रा से प्यार है.’

वैसे बता दें कि आलिया इन दिनों अपनी फिल्म ‘डियर जिंदगी’ को लेकर चर्चा में हैं, जिसे बॉक्स ऑफिस पर अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है. आलिया के साथ इस फिल्म में पहली बार शाहरुख खान स्क्रीन शेयर करते हुए नजर आ रहे हैं.

कहीं आपके मुंह से बदबू तो नहीं आती?

खान-पान में परहेज न करने, सोते समय दांत साफ न करने, पेट साफ न रहने व कब्ज रहने से मुंह से बदबू आती है. कई बार भरपूर पानी न पीने से भी मुंह से बदबू आती है. कुछ लोगों के मुंह से बदबू आना प्राकृतिक भी रहता है. आपके मुंह से बदबू आने पर आपके साथ बात करने वाले आपको हीन नजर से देखते हैं और आपसे दूर रहने का प्रयास करते हैं.

आप इन परिस्थितियों से गुजर रहे हैं तो यहां दिए जा रहे टिप्स पर गौर फरमाएं, ये आपको अपने मुंह से आने वाली बदबू से छुटकारा दिलाएंगे.

– नीम या बबूल की नरम डाली का ब्रश बनाकर दांत साफ करने से दुर्गंध दूर होती है.

– 5 ग्राम सौंफ या धनिया या इलायची चबाने से मुख शुद्धि होती है.

– इलायची और पुदीना डालकर पान चबाना लाभकर है.

– इलायची, दालचीनी तथा सूखी पुदीना पत्ती डालकर बनाए गए घोल से गरारे करना दुर्गंध मिटाता है.

– इलायची चबाना भी दुर्गंध रोकता है.

– एक कप पानी में जीरे के तेल की 2-3 बूंदें डालकर गरारे करने से लाभ होता है.

– छुआरे की गुठली के चूर्ण से मंजन करने से सांस की दुर्गंध मिटती है.

और सबसे महत्वपूर्ण है, सोने से पहले मंजन करें, पानी भरपूर पिएं, दोनों समय शौच जाएं, जल्द हजम होने वाला भोजन करें तथा किसी से भी बात करें तो दो फीट की दूरी से बात करें.

पिंकाथन एम्बेसेडर मिलिंद सोमन से बातचीत

उम्र के 5 दशक पार कर चुके मिलिंद सोमन एक सुपर मॉडल, अभिनेता, फिल्म निर्माता, स्पोर्टस पर्सन हैं और फिटनेस को प्रमोट करते हैं. महाराष्ट्र के मिलिंद सोमन को फिल्मों के अलावा स्पोर्ट्स भी काफी पसंद हैं. 10 साल की उम्र से ही उन्होंने महाराष्ट्र को राष्ट्रीय स्तर पर रिप्रेजेंट करना शुरू कर दिया था. उन्होंने 4 साल तक लगातार नेशनल सीनियर स्विमिंग चैम्पियनशिप जीती है. 30 दिनों में 1500 किलोमीटर दौड़कर उन्होंने अपना नाम लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज करवाया है. इसके अलावा उन्होंने ‘आयरन मैन’ चैलेंज को पहली ही कोशिश में 15 घंटे और 19 मिनट में पूरा किया है. इसमें साइकिलिंग, स्विमिंग और रनिंग शामिल हैं.

समय मिलने पर वे आज भी 10 से 12 किलोमीटर दौड़ते हैं और फिटनेस के लिए सबको प्रोत्साहित भी करते हैं. इस समय वे महिलाओं की मैराथन दौड़ ‘पिंकाथन’ के ब्रांड एम्बेसेडर हैं. ये उनका 5वां सत्र है जो 18 दिसम्बर को होने वाला है. हर बार मैराथन में भाग लेने वाली महिलाओं की बढ़ती संख्या को देखकर वे काफी खुश हैं. उनसे हुई बातचीत के कुछ अंश.

प्र. अच्छी हेल्थ के लिए फिटनेस कितनी जरुरी है?

फिट रहने से केवल शरीर ही नहीं बल्कि मानसिक अवस्था भी अच्छी रहती है. आमतौर पर महिलाएं कुछ न कुछ बहाना बनाकर फिटनेस से भागती हैं. ऐसे में इस तरह की दौड़ उनके लिए काफी आकर्षक होती है. हमारे समाज में कुछ पुरुषों का ही कहना है कि महिलायें दौड़ नहीं सकती, यही वजह है कि मैं ‘पिंकाथन’ से जुड़ा हूं. अधिकतर महिलायें घरेलू होती हैं और उन्हें इसकी जानकारी नहीं है इसलिए आज मैं महिलाओं को अपने लिए, अपने हेल्थ के लिए दौड़ने के लिए कह रहा हूं. मेरे ख्याल से एक महिला जो सोचती है वह कर सकती है. कुछ महिलायें तो ऐसी हैं कि शादी से पहले अपने लिए सबकुछ करती हैं और शादी के बाद सब छोड़ कर घर परिवार में जुट जाती हैं, ऐसे में वे एक अच्छी सेहत को जी नहीं पाती. उनका स्ट्रेस लेवेल भी बढ़ता रहता है.

प्र. इतने सालों में महिलाओं का झुकाव इस ओर कितना बढ़ा है?

महिलाओं में अवेयरनेस बढ़ रही है. पहले हम केवल 8 शहरों में इस दौड़ का आयोजन करते थे. अब छोटे-बड़े अनेक शहरों जैसे विशाखापत्तनम, विजयवाड़ा, नागपुर आदि जगहों से भी लोग हमें बुला रहे हैं. मैंने इन छोटे-बड़े शहरों के लिए एक दूसरा इवेंट ‘इंडिया गोईंग पिंक’ भी ऑरगेनाइज किया है, इस इवेंट से जुड़े लोग सबको गाइड करते हैं और दौड़ का आयोजन करते हैं. इस बार 14 शहरों में ये दौड़ होगी. मुंबई के पहले मैराथन में केवल दो हजार महिलाओं ने भाग लिया था. पिछले साल 11 हजार महिलाओं ने भाग लिया और इस बार तो ये संख्या लाखों में होने की संभावना है.

प्र. दौड़ या फिटनेस से महिला के जीवन में कौन से खास बदलाव आते हैं?

मैं तो सबको लेकर दौड़ता हूं. अंदर जो बदलाव आते हैं यह उन्हें ही पता चलता है. उनके अंदर आत्मविश्वास बढ़ता है कि वह जो चाहे वो कर सकती हैं. वे अच्छा फील करती हैं. हमारे देश में पिछले कुछ सालों से ही महिलाएं दौड़ती हैं, जबकि अमेरिका में 40-45 साल पहले ही यह ट्रेंड शुरू हो गया था. लेकिन तब केवल प्रतियोगिता के लिए ही लोग दौड़ते थे. जिनमें अधिकतर पुरुष ही होते थे. हेल्थ या रिक्रिएशन के लिए कोई भी नहीं दौड़ता था. अभी अमेरिका में हर सप्ताह 30 मिलियन लोग दौड़ते हैं, क्योंकि उन्हें इसके फायदे पता चल चुके हैं. वहां स्पोर्ट्स कल्चर है. पर अपने देश में ऐसा नहीं है.

महिलायें तो स्पोर्ट्स के मामले में और भी पीछे हैं. लेकिन अब हर स्कूल, गांव, शहर, क्लब आदि जगहों पर रनिंग के इवेंट कराये जा रहे हैं. लोग भाग भी ले रहे हैं. इस तरह सभी एक दूसरे से प्रेरित हो रहे हैं, यह एक अच्छी बात है. महिलाओं को लगता है कि हम अगर मन बना ले तो कुछ भी कर सकते हैं. उनकी झिझक दूर हो रही है उनके भाव खुल रहे हैं. अब उन्हें फिटनेस की गुणवत्ता समझ में आ रही है. इससे उनका स्ट्रेस दूर होता है और साथ ही कई सारी बिमारियां भी कम हो रही हैं.

स्ट्रेस को भगाना मुश्किल नहीं अगर हम अपने दैनिक रूटीन में दौड़, टहलना, व्यायाम आदि को शामिल करें. बड़े शहरों में महिलाएं सुबह से शाम तक दौड़ती रहती हैं, फिर भी बीमार रहती हैं. उन्हें लगता है कि वे काफी कसरत कर रही हैं. लेकिन वे सारा काम स्ट्रेस के साथ करती हैं. उन्हें अपने लिए थोड़ा समय निकाल कर व्यायाम या जो भी अच्छा लगे करना चाहिए. महिलाओं को अपने व्यायाम की समय सीमा खुद ही तय करनी चाहिए कि कितना वर्कआउट करने से वे अच्छा फील करती हैं. महिलाओं का सेल्फ अवेयर होना बहुत जरूरी है.

नील निभाएंगे संजय गांधी का किरदार

फिल्मों के जरिए समाज को आईना दिखाने के लिए मशहूर डायरेक्टर मधुर भंडारकर जल्द ही अपनी नई फिल्म ‘इंदु सरकार’ की शूटिंग शुरू करने वाले हैं. इस फिल्म में एक्टर नील नितिन मुकेश पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बेटे संजय गांधी की भूमिका निभाते नजर आएंगे.

हालांकि, मधुर ने अपनी फिल्म में नील के किरदार के बारे में तो अभी ज्यादा खुलासा नहीं किया है, मगर उन्होंने ट्विटर के जरिए यह खबर जरूर दी है कि वह एक बार फिर नील के साथ काम करने जा रहे हैं और इस बार भी नील उनकी फिल्म में एक बेहद अहम किरदार में नजर आएंगे.

हाल ही में एक इंटरव्यू में इस फिल्म की लीड ऐक्ट्रेस कीर्ति कुल्हारी ने कहा था कि फिल्म की कहानी तो काल्पनिक है, मगर फिल्म का प्लॉट 1975 में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कार्यकाल में पूरे देश में लगाई गई इमर्जेंसी और उस दौरान घटी घटनाओं पर आधारित है. यही वजह है कि इस फिल्म के लिए मधुर ने खासी रिसर्च भी की है.

बहुचर्चित फिल्म ‘पिंक’ में फलक अली का किरदार निभाकर चर्चा में आईं कीर्ति कुल्हारी इस फिल्म में ‘इंदु सरकार’ की भूमिका निभा रही हैं, जबकि इंदु के पति की भूमिका बंगाली फिल्मों के मशहूर एक्टर तोता राय चौधरी निभा रहे हैं.

अब इस फिल्म से जुड़कर नील भी बेहद खुश नजर आ रहे हैं. गौरतलब है कि नील ने मधुर भंडारकर की फिल्म ‘जेल’ में एक बेहद अहम किरदार निभाया था. ऐसे में अब यह देखना दिलचस्प होगा कि संजय गांधी के रोल में वह कितने दमदार नजर आते हैं. नील का मानना है कि बतौर एक्टर उनके लिए यह एक बड़ा चैलेंज है. ‘इंदु सरकार’ की शूटिंग अगले महीने से शुरू हो रही है और जनवरी के अंत तक शूटिंग खत्म भी हो जाएगी.

मेहमानों के कमरे को दें नया लुक

खास मेहमानों का कमरा भी कुछ खास होना चाहिए. ये टिप्स अपनाकर आप मेहमानों का दिल आसानी से जीत सकती हैं. मित्र हो या रिश्तेदार, वो आप के घर बार-बार मिलने आयेंगे और आपको मिलेंगी ढेर सारी तारीफें. मेहमानों का कमरा हर तरह से आरामदायक होना चाहिए क्योंकि हर मेहमान एडजस्टिंग स्वभाव के नहीं होते.

मेहमानों का कमरा सजाने के टिप्स-

1. कमरे में हल्के और न्युट्रल रंगों का प्रयोग करे जैसे ऑफ व्हाइट, बीज, क्रीम, लाइट ब्ल्यू, कूल पेस्टल टोन आदि. वाइब्रेंट वार्म कलर्स जैसे ब्राइट रेड का प्रयोग न करें क्योंकि ऐसे रंग थके होने पर आंखों को चुभते हैं और मेहमान को रिलेक्स फील करने नहीं देते.

2. मिलते-जुलते रंगों के फर्नीचर, दीवारें और परदे कमरे को आकर्षक लुक देती है. कमरा सजाते वक्त कलर कांबीनेशन का ध्यान रखें.

3. कमरे को कुछ इस तरह सजाएं कि वह होटल के किसी कमरे की तरह न लगे. इस बात का ध्यान जरूर रखें कि फर्नीचर बहुत ज्यादा भरा न हो जिससे कि कमरे में चलने-फिरने में आसानी हो.

4. एक किंग या क्वीन साइज बैड से बेहतर है दो बैड लगाना. इससे गेस्ट अलग भी सो सकते हैं और दोनों बैड को जोड़कर एक साथ भी. आप कमरे में मल्टीपर्पस फर्नीचर भी लगा सकती हैं.

5. बेड के बगल में लैम्प शेड लगायें. सीलिंग पर लगी लाइटों का तो जवाब नहीं क्योंकि ये पूरा कमरा रौशन कर देती हैं. पर बैड के बगल में लगे स्वीच को बुझाना, दरवाजे के बगल में लगे स्वीच को बुझाने से ज्यादा आसान है. रात के वक्त नींद में आपके गेस्ट फर्नीचर से टकरा भी सकते हैं, इसलिए बेड लैम्प अच्छा ऑपशन है.

6. कमरे में एक बड़ा सा मिरर लगाना न भूलें. आपके गेस्ट को भी तो तैयार होना है. डेकोरेशन के लिए छोटे मिरर का इस्तेमाल कर सकती हैं.

7. गेस्ट को कपड़े और दूसरे सामान रखने के लिए एक अलमारी जरूर होनी चाहिए. इसलिए कमरे में एक अलमारी भी ध्यान से रखें. अलमारी के नीचे के दराजों में कंबल, तौलिए आदि सामान रखें.

8. अगर आपने हार्डवुड से फ्लोरिंग करवाई है तो कारपेट बिछाना मत भूलिएगा. इससे मेहमानों को सर्दी भी नहीं लगेगी. उन्हें घर जैसी फिलींग आएगी.

9. अगर कमरे में पर्याप्त स्पेस है तो आप बीन बैग, चेयर्स और काफी टेबल भी लगा सकती हैं. अगर गेस्ट को लेटने की इच्छा न हो तो वह यहां आराम से बैठकर किताबें या मैगजीन पढ़ सकते हैं.

10. मेहमानों के कमरे में घड़ी लगाना न भूलें. बैड टेबल पर डीजिटल क्लाक एक अच्छा आपशन है. इससे मेहमान आसानी से अलार्म भी लगा सकेंगे.

11. गेस्ट रूम को स्टोरेज रूम में भी तब्दील न करें, घर की कोई भी पुरानी चीज या फिर बेकार पड़े सामान को इस कमरे की अपेक्षा स्टोर रूम में ही रखें. 

12. आप कमरे में डस्टबिन के साथ साथ ताजे फूलों का फूलदान भी रख सकती हैं. इससे भी आपके घर आने वाले मेहमानों को फ्रेश फिल होगा.

विष्‍णु ने जीता मिस्टर इंडिया 2016 का खिताब

मॉडल विष्‍णु राज मेनन ने पीटर इंग्लैंड मिस्टर इंडिया 2016 का खिताब जीत लिया है. इस मौके पर बॉलीवुड स्टार रितिक रौशन और कई फैशन डिजाइनर मौजूद थे. रितिक रौशन ने विष्‍णु को मिस्‍टर ‌इंडिया 2016 घोषित कर उन्हें क्राउन पहनाया.

साथ ही वीरेन बरमन को फर्स्ट रनरअप और अल्तमश फराज को सेकेंड रनरअप चुना गया. फैशन डायरेक्टर निवेदिता सबू और हेयर आर्टिस्ट माल्कोम फर्नांडिस ने तीनों कंटेस्टेंट के साथ फोटो शूट करवाया. ये कॉन्टेस्ट क्लोदिंग कंपनी पीटर इंग्लैंड की ओर से आयोजित किया गया था.

इस कॉन्टेस्ट में मिस्टर इंडिया 2015 प्रतीक गुजराल और रितिक रौशन को सेलेब्रिटी गेस्ट के तौर पर आए थे. इसका आयोजन मुंबई के प्ले ब्वॉय क्लब में हुआ. रितिक और प्रतीक के अलावा यहां कई नामचीन हस्तियों ने भी शिरकत की.

क्राउन सेरेमनी के बाद दोनों रनरअप अल्तमश फराज और वीरेन बर्मन ने भी मीडिया के लिए फोटोशूट करवाया. इस कॉन्टेस्ट में मिस्टर इंडिया 2015 के ‌फर्स्ट रनरअप राहुल राजेशखरन को भी इनवाइट किया गया था.

मिस्टर इंडिया 2016 विनर विष्‍णु राज मेनन को 50 हजार रुपए दिए गए. वहीं फर्स्ट रनरअप वीरेन बर्मन को 40 हजार और सेकेंड रनरअप अल्तमश फराज को 30 हजार रुपए की इनामी राशि दी गई. ये तीनों अब पीटर इंग्लैंड ब्रांड के नए चेहरे होंगे.

“लोग मेरी फिगर व बोलचाल का मजाक उड़ाते थे”

‘क्वीन’ फिल्म से चर्चा में आने वाली अभिनेत्री कंगना रनौत आज बॉलीवुड की क्वीन कही जाती हैं. बेहद स्पष्ट भाषी और बोल्ड स्वभाव की कंगना ने फिल्मी दुनिया में गॉडफादर न होने के बावजूद अपने अभिनय के बल पर अपनी मंजिल पाईं. थिएटर से फिल्मों की ओर रुख करने वाली कंगना को बचपन से ही अभिनय का शौक था. उनके इस सफर में काफी मुश्किलें आईं, पर उन्होंने उन्हें दरकिनार कर अपना रास्ता तय किया.

शुरुआत में कई बार उनकी ईमानदारी, बोलने के लहजे और शरीर के आकार को ले कर काफी आलोचना की गई. लेकिन कंगना ने इस सब को नजरअंदाज किया. हिमाचल प्रदेश के एक छोटे से गांव की कंगना ने ‘गैंगस्टर’ फिल्म से अपने करियर की शुरुआत की थी. ‘क्वीन’ फिल्म उनके जीवन का टर्निंग प्वाइंट थी, जहां से वे फिल्म इंडस्ट्री में छा गईं.

अपने काम और उस की सफलता को ले कर वे अधिक चिंतित नहीं रहतीं, क्योंकि उन्हें हमेशा अभिनय करते रहना पसंद है. वे एकमात्र ऐसी अभिनेत्री हैं, जिसने ‘बी ग्रेड’ फिल्मों में भी काम किया है. चेतन भगत के नॉवल ‘वन इंडियन गर्ल’ के विमोचन पर उनसे हुई बातचीत के कुछ अंश पेश हैं.

इस किताब की कोई ऐसी घटना, जिस से आप अपनेआप को रिलेट कर सकती हैं?

यह एक सैंसिटिव किताब है जिस की कई घटनाएं मुझ से जुड़ी हुई हैं खासकर कामकाजी महिलाओं से मैं अपने आप को जोड़ सकती हूं. मैंने कई जगह देखा है कि अगर कोई महिला पुरुष से सफल होती है तो उसकी वैल्यू कम हो जाती है.

अधिकतर पुरुष महिला को अपने से कमतर देखना चाहते हैं. वे आगे बढ़ने पर उसे कुछ न कुछ बात कह कर यह प्रूव करना चाहते हैं कि उनकी सोच सही नहीं. ऐसा मेरे साथ भी हुआ. इस से मुझ में और अधिक मेहनत करने की प्रेरणा जगी. दरअसल, किसी पुरुष की सफलता को महिला सब से अधिक सैलिब्रेट करती है. मुझे याद है कि मेरा रिलेशनशिप पार्टनर हमेशा मेरे विरुद्ध रहा.

जब मैं सफल नहीं थी, उस ने साथ दिया और ज्यों ही मैं सफल हुई, मेरा पार्टनर मुझ से ईर्ष्या करने लगा. उस का विश्वास मुझ से उठ गया और मेरा रिश्ता टूट गया. मैं बहुत दुखी हुई पर कोई चारा नहीं था, क्योंकि मैं अब पीछे नहीं जा सकती थी.

अभी आप एक सफल और सब से अधिक मेहनताना पाने वाली अभिनेत्री बन चुकी हैं. ऐसे में आप क्या कुछ खो रही हैं?

जीवन में सफलता के साथ प्यार जरूरी है और यह हर महिला के लिए आवश्यक है, जो मुझे नहीं मिला. जब मैं सफल हुई मुझ से मेरा प्यार छूट गया. मैंने हमेशा एक अच्छे जीवनसाथी की कल्पना की थी, जो मेरी सफलता को ऐंजौय करे, जो मुझे नहीं मिल पाया. ऐसे कम पुरुष होते हैं जो महिलाओं को सहयोग देते हैं. आज ऐसे पुरुषों की परिवार में आवश्यकता है. मुझे याद आता है जब मुझे पहली बार अवार्ड मिलने पर मैं ने एक पार्टी रखी तो मेरा बौयफ्रैंड खुश होने के बजाय अजीब नजर आया.

आप अपनी जर्नी को कैसे देखती हैं?

मैं ने जो करना चाहा, किया. मुझे इस बात का दुख नहीं कि मैं ने ‘बी ग्रेड’ फिल्में की हैं. मुझे जो फिल्म उत्साहित करे, उसे करती हूं. कोई मानदंड मैं ने अपने लिए तैयार नहीं किया है. मैं आगे बढ़ना चाहती हूं, इस में जो फिल्म मिल जाए उसे करती हूं. हर फिल्म मेरे लिए एक चुनौती ले कर आती है और जब फिल्म सफल होती है तो खुशी मिलती है.

एक आउटसाइडर को किसी फिल्म को न कहने का हक नहीं होता. यही वजह है कि आज मैं सफल अभिनेत्री बन पाई. फिल्म ‘गैंगस्टर’, ‘फैशन,’ ‘वो लम्हे,’ ‘तनु वैड्स मनु,’ ‘क्वीन,’ ‘कृष’ आदि सभी फिल्मों के द्वारा मेरी पहचान बनी. पहले लोगों ने मेरे पहनावे, बोलचाल और फिगर को ले कर मेरा काफी मजाक उड़ाया, पर मैं ने उसे नजरअंदाज किया. आज मेरे पहनावे की सब तारीफ करते हैं.

आप ऋतिक के साथ हुई कंट्रोवर्सी को कैसे लेती हैं?

मुझे बहुत अजीब लगता है कि 43 साल के बेटे को बचाने उस के पिता हमेशा क्यों आगे आते हैं. सारे बड़े नाम वाले पिता अपने बेटों को कितना अपने पीछे छिपा कर रखेंगे. उन का बेटा एडल्ट है. अपनी समस्या खुद सुलझा सकता है. वह मेरे सामने आए, मैं उस के किसी भी प्रश्न  का उत्तर देने के लिए तैयार हूं.

अगर आप को सुपर पावर मिले तो क्या बदलना चाहेंगी?

मैं पुरुष और समाज की सोच को बदलना चाहती हूं ताकि महिलाओं को अपनी इच्छानुसार सब कुछ करने का मौका मिले. उन की दखलंदाजी महिलाओं के जीवन में न हो.

आप के सपनों का राजकुमार कैसा होगा?

ऐसा इनसान जो मेरी सफलता से खुश हो, पर मिलना मुश्किल है. जब आप सफल नहीं होते तब आप का कोई मोल नहीं होता और सफल होने पर एक कंपीटिशन का सामना हमेशा करना पड़ता है. जब मैं सफल नहीं थी तो मैं क्या पहनूं, ड्रैस का मूल्य कितना है, कब सैक्स करूं, यह सब उस की मरजी पर निर्भर था. पर जब सफल हुई तो ‘ईगो’ सामने आया. इसलिए अब मैं सतर्क हो चुकी हूं और अपने काम पर ध्यान दे रही हूं.

क्या आप फैमिनिस्ट हैं?

नहीं, मैं नारीवादी हूं. मैं इसे ह्यूमनिज्म कहूंगी, जो एक पुरुष में होना चाहिए, जो बिना किसी शर्त के महिलाओं का साथ दे. सालों से महिलाएं त्याग के नाम पर प्रताडि़त की जा रही हैं. परिवार में बच्चों की देखभाल को एक जिम्मेदारी का नाम दिया जाता है. परिवार संभालने का काम कम नहीं होता. महिलाएं एक भविष्य का निर्माण कर रही हैं. मेरे हिसाब से एक हाउसवाइफ को मानसम्मान नहीं मिलता और करियर औरिऐंटेड महिला को प्यार और विश्वास नहीं मिलता. आधुनिक महिलाओं को ऐसी परिस्थिति से गुजरना पड़ रहा है.

आगे कौन सी फिल्में कर रही हैं?

कई फिल्में हैं. अभी मैं ‘सिमरन’ फिल्म की शूटिंग कर रही हूं, जिस में मैं एक तलाकशुदा महिला की भूमिका निभा रही हूं.

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