फिल्मी दुनिया के किसर किंग

बौलीवुड की फिल्मों में किसिंग सीन्स की शुरुआत आज की नहीं है. 1933 में आई फिल्म ‘कर्मा’ में आभिनेत्री देविका रानी और हिमांशु राय का एक लंबा किसिंग सीन शूट किया गया था. तब से ले कर आज तक अधिकांश फिल्मों में मसाले के रूप में इन का उपयोग किया गया.

आजकल फिल्मों में कदम रखने वाले कलाकार तो पहले से ही तैयार हो कर आते हैं और उन्हें इस तरह के इंटीमेट सीन्स, किसिंग सीन्स देने में किसी तरह की कोई मुश्किल नहीं आती. उन्हें भी इस बात का अंदाजा होता है कि इन्हीं सब सीन्स के चलते आज फिल्में बौक्स औफिस पर हिट होती हैं क्योंकि यही सीन्स लोगों को सिनेमाहौल तक खींच कर ले आते हैं. अभी तक बौलीवुड इंडस्ट्री में यों तो इमरान हाशमी को ही बैस्ट किसर कहा जाता था, लेकिन अब इमरान हाशमी को भी टक्कर देने के लिए कई ऐक्टर्स खडे़ हो गए हैं.

मिस्टर परफैक्शनिस्ट आमिर खान ने फिल्म ‘राजा हिंदुस्तानी’ में करिश्मा कपूर के साथ एक लंबा लिपलौक सीन किया था. फिर 2009 में आई फिल्म ‘3 ईडियट्स’  में करिश्मा की छोटी बहन करीना के साथ भी स्मूच सीन किया.

सुशांत राजपूत और परिणिति चोपड़ा की फिल्म ‘शुद्ध देशी रोमांस’ में सुशांत और परिणिति के कई किसिंग सीन्स हैं. सुशांत ने परिणीति के अलावा वाणी कपूर के साथ भी लिपलौक सीन्स किए. इस फिल्म के बाद तो लोग कहने लगे थे कि इमरान के बैस्ट किलर के रिकौर्ड को तोड़ने वाला आ गया है.

आदित्य राय कपूर ने अपनी पहली ही फिल्म ‘आशिकी 2’ में ऐक्ट्रैस श्रद्धा कपूर के साथ किसिंग सीन्स करने में कोई झिझक नहीं दिखाई. अभी तक 3 फिल्में करने वाले अर्जुन कपूर ने आलिया के साथ फिल्म ‘2 स्टेट्स’ में और परिणिति के साथ ‘इशकजादे’ में लंबे लिपलौक सीन किए हैं.

किसिंग किलर में अब फरहान अख्तर का नाम भी जुड़ गया है. फिल्म ‘भाग मिल्खा भाग’ में फरहान ने आस्ट्रेलियन ऐक्ट्रैस रिबैका बीड्स के साथ लंबा स्मूच सीन्स किया है.

इमरान हाशमी बारे में तो सभी जानते हैं कि ये महाशय जिस मूवी में होंगे उस में किस और इंटीमेट सीन्स का क्या आलम होगा. इमरान ने आज तक जितनी भी फिल्में की हैं, उन में उन की पहचान ऐक्टिंग से नहीं उन के ऐक्ट्रैस के साथ फिल्माए गए किसिंग सीन्स होती है.

बेबी डौल की हौट लिस्ट

अपने दम पर या कहें अपने ग्लैमर के दम पर सनी लियोनी ने बौलीवुड में अपनी पहचान बनाई है. कभी पोर्न फिल्मों का बड़ा नाम रहीं हौट बेबी डौल सनी लियोनी ने मीडिया से कहा उन की नजर में बौलीवुड के हौट ऐक्टर रणवीर कपूर और आमिर खान हैं. रणवीर की बौडी और आमिर की क्यूट स्माइल बड़ी हौट व सैक्सी है.

भारतीय फिल्मों में काम करने के बाद सनी ने कहा कि अब वे कभी भी पोर्न फिल्मों में काम नहीं करेंगी. हालांकि उन्हें अपनी पोर्न इमेज से कोई परेशानी नहीं है. न तो उन्हें इस बात से शर्मिंदगी होती है और न ही उन्हें इस बात का अफसोस है.

परदे पर लगेगी किक

साजिद की आने वाली फिल्म ‘किक’ में सलमान खान एक नए अवतार में नजर आएंगे. जब साजिद से सलमान के किरदार के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि सलमान का किरदार फिल्म में एक बुरे शख्स का है. उस का कैरेक्टर ग्रे शेड लिए हुए है, जो बेहद चिड़चिड़ा है. साजिद का यह भी कहना है कि लोगों ने इस से पूर्व सलमान को इस तरह के कैरेक्टर में कभी नहीं देखा होगा. फिल्म में अपने ऐसे कैरेक्टर पर सलमान की प्रतिक्रिया क्या है, इस बारे में जब उन से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह एक डेविल का किरदार जरूर है, लेकिन इस को करने में मजा खूब आ रहा है.

सलमान के अलावा इस फिल्म में मिथुन, रणदीप हुड्डा और नवाजउद्दीन सिद्दकी भी नजर आएंगे. इस फिल्म में जैकलीन भी सल्लू की सलाह पर अपनी आवाज डब करेंगी. दूसरे शब्दों में कहें, तो फिल्म ‘किक’ से जैकलीन अपनी वायस डेब्यू करने वाली हैं. अपने कैरेक्टर के लिए आवाज खुद डब करने का आइडिया जैकलीन को ‘किक’ के लीड ऐक्टर सलमान खान ने दिया और इस के लिए उन्हें कुछ ट्रेनिंग भी दी.

पहला प्यार कभी नहीं भूलता

कहते हैं पहला प्यार हमेशा याद रहता है, चाहे उस का साथ आप को मिला हो या न मिला हो पर यादें कभी भी नहीं मिटतीं. कुछ ऐसा ही आजकल मिस्टर परफैक्शनिस्ट के साथ हो रहा है. ऐंड चैनल ने आमिर की फिल्म ‘लगान’ की मेकिंग पर बनी फिल्म ‘चले चलो’ का प्रीमियर किया था, जिस में फिल्म से जुड़े सभी कलाकारों के साथ आमिर भी अपनी पत्नी किरण राव के साथ मौजूद थे.

जब स्क्रीन पर बारबार रीना का चेहरा सामने आ जाता तो आमिर दांतों में उंगली दबा कर रीना को ध्यान से देखने लगते. उन के इस तरह रीना को देखने को उन की पत्नी किरण गौर से देख रही थीं. रीना आमिर की पहली पत्नी होने के साथ ही उन का फर्स्ट लव भी थीं. जावेद अख्तर के अलावा इस फिल्म की आमिर की क्रिकेट टीम के कलाकारों के साथ इस खास मूवी के डाइरैक्टर भी मौजूद रहे, लेकिन हर किसी की नजर रीना को तलाशती रही. और किसी की बात क्या करें, खुद आमिर खान भी आंखें बिछाए मेन गेट की ओर देख रहे थे. उन्हें देख कर यहीं लग रहा था कि शायद रीना शायद अब आ जाएं. ऐसा हुआ तो नहीं, पर शो के आखिर में आमिर ने रीना का नाम लिया और कुबूल किया कि अगर रीना उस मुश्किल वक्त में उन के साथ न होतीं तो शायद ‘लगान’ कभी नहीं बन पाती.

अंगूर खट्टे हैं

फिल्म ‘वीर’ से सल्लू भाई ने ऐक्ट्रैस जरीन खान की फिल्मों में ऐंट्री कराई थी. वहीं सोनाक्षी की भी ऐंट्री सलमान खान ने ही फिल्म ‘दबंग’ से कराई थी. पर आज के दौर में एक इंड्रस्ट्री का सितारा बन गई है तो दूसरी का कोई अतापता भी नहीं है. इस पर अगर कोई एक दूसरे पर झूठा आरोप लगाए तो क्या उसे गुस्सा नहीं आएगा?

जरीन का कहना है कि सोनाक्षी को यह सफलता उन के फिल्मी बैकग्राउंड की वजह से मिली है. सोनाक्षी को मिली शोहरत में उन के पापा का योगदान ज्यादा है. पर मैडम, आप यह क्यों नहीं देखतीं कि पहली फिल्म के बाद से आज तक आप कितनी हिट फिल्में दे पाई हैं? बौलीवुड में कलाकार अपनी प्रतिभा से जगह बनाता है, अपने बैकग्राउंड से नहीं

अदाकारी की जीतीजागती मिसाल

अपने किरदार के माहिर खिलाड़ी पद्मश्री और पद्मभूषण से सम्मानित नसीरुद्दीन शाह, अभिनय और कला की ऐसी जुगलबंदी हैं जिस का आज तक कोई तोड़ नहीं है. बाराबंकी (उत्तर प्रदेश) में जन्मे  59 वर्षीय नसरुद्दीन शाह की अदाकार बनने की ख्वाहिश जन्मजात थी. उन्होंने इस की बारीकियां जरूर दिल्ली में नैशनल स्कूल औफ ड्रामा से सीखीं, लेकिन नाटकों के प्रति उन का प्रेम बचपन से ही था. एक पढे़लिखे और नामचीन परिवार से होने के कारण नसीरुद्दीन को हमेशा उन की कोशिशों के लिए प्रोत्साहन मिला. सेंट जोसेफ स्कूल, नैनीताल से अपनी स्कूलिंग और अलीगढ़ मुसलिम विश्वविद्यालय से ग्रैजुएशन करने वाले नसीरुद्दीन शाह शुरू से ही मेधावी छात्र रहे. बाद में इसी सेंट जोसेफ स्कूल में उन्होंने अपनी फिल्म ‘मासूम’ की शूटिंग की.

जब एनएसडी में उन का दाखिला हुआ, तभी उन्होंने अपने घर वालों से वादा किया था कि वे एक अभिनेता बन कर ही घर लौटेंगे. वे अपने वादे पर कितने खरे उतरे है उस का अंदाजा आज फिल्मी दुनिया में उन के कद को देख कर लगाया जा सकता है. उन्होंने अपनी अभिनय पारी की शुरुआत समानांतर सिनेमा से की. 1975 में आई उन की फिल्म ‘निशांत’ व इस के बाद ‘आक्रोश’, ‘स्पर्श’ जैसी प्रासंगिक फिल्में.

नसीरुद्दीन शाह की कामयाबी की सब से बड़ी वजह उन का अभिनय रहा है. वे हर किरदार को करने से पहले सोचते हैं कि क्या वे इस के प्रति न्याय कर पाएंगे? फिर जब वे अभिनय करते हैं तो बस उसी के हो जाते हैं. जैसेजैसे उन का फिल्मी सफर आगे बढ़ता गया वैसेवैसे उन का अभिनय सौंदर्य भी निखरता गया. ‘हम पांच’, ‘कर्मा’, ‘इज्जत’ फिल्मों ने उन्हें मुख्यधारा के अभिनेताओं में शामिल कर दिया. बेशक वे एक स्टार छवि के करीब कभी न पहुंचे हों, लेकिन अभिनय की परीक्षा में हमेशा खरे उतरे हैं. नसीर का जादू इंडिया में ही नहीं पाकिस्तान में भी चला. पाकिस्तानी फिल्म ‘जिंदा भाग’ में उन के जीवंत अभिनय को खूब सराहा गया और यह फिल्म औस्कर तक पहुंची. अपनी पहली फिल्म ‘निशांत’ के विश्वम से ले कर ‘डेढ़ इश्किया’ के इफ्तखार तक हिंदी फिल्मों के इस दिग्गज अभिनेता ने 3 से ज्यादा दशकों में पचासों किरदारों को परदे पर जीवंत बनाया और कभी किसी दायरे में नहीं बंधे. बुरा से बुरा और अच्छे से अच्छा, हर किरदार उन की अदाकारी में ढल कर शक्ल लेता गया और अमर होता गया. तालियां बजती रहीं, अवार्ड मिलते रहे. हाल के दिनों में तो उन्होंने ऐसी भूमिकाओं के लिए हां कही है जिस के बारे में दूसरे अभिनेता 10 बार सोचेंगे.

नसीर को बुरे चरित्र निभाना मजा देता है और अच्छे चरित्रों को वे बोरिंग मानते हैं. कहते हैं कि मुझे तो बुरे चरित्र निभाना खूब पसंद है. मैं परदे पर अच्छा इंसान नहीं बनना चाहता क्योंकि यह बहुत उबाऊ है. मेरे पसंदीदा किरदार वे हैं जो मैं ने ‘मिर्च मसाला’ और ‘मोहरा’ में निभाए. ये ऐसे चरित्र हैं, जो मुझ से जुड़े और शुरू से ले कर आखिर तक मैं ने खूब मजा उठाया. नसीर और उन की दूसरी पत्नी रत्ना पाठक शाह ने कई सफल फिल्मों और नाटकों का निर्देशन और मंचन किया. आज विश्वस्तर पर हम नसीरुद्दीन शाह जैसे अभिनेताओं के दम पर ही भारतीय सिनेमा के विश्वस्तरीय होने का दावा करते हैं.

रितिक को नहीं है गम

जब से रितिक और सुजैन कानूनी रूप से अलग हुए हैं तब से रितिक खुल कर जिंदगी ऐंजौय कर रहे हैं. उन का ऐक्टिंग और ऐक्सरसाइज करना और सब से महत्त्वपूर्ण बच्चों के साथ छुट्टियां बिताना, सब कुछ पहले जैसा ही चल रहा है. कुछ दिनों पहले ही दोनों कानूनी रूप से अलग हुए हैं, लेकिन इन दोनों ने कभी भी आम कपल्स की तरह एकदूसरे पर आरोपप्रत्यारोप नहीं लगाए. न ही अलग होने के कारण मीडिया को बताए. दोनों ने 14 वर्ष की कम उम्र से ही एकदूसरे को प्यार किया और लंबी कोर्टशिप के बाद कोई 17 बरस का विवाहित जीवन भी जी चुके हैं. परंतु बिना किसी बाहरी दबाव या बिना कारण ही उन का अलगाव और तलाक हो गया.

मूंछें हों तो विद्या जैसी

बड़ीबड़ी मूंछों पर रोब से ताव देती हुई ये कुड़ी कहीं विद्या बालान तो नहीं है? दरअसल, अपनी आने वाली फिल्म ‘बौबी जासूस’ के प्रमोशनल इवेंट पर विद्या का यही रूप सामने आया. इस फिल्म में वे जासूस का किरदार निभा रही हैं. उन से यह पूछा गया कि आम भारतीय औरतों की तरह उन्होंने कभी अपने पति की जासूसी की है, तो उन का जवाब था कि उन की जासूसी कोई क्या करे. वे तो हद से ज्यादा सीधे इंसान हैं. लेकिन उन का यह भी कहना था कि जासूसी का कीड़ा हर किसी में छिपा होता है. असल जिंदगी में उन्होंने भी छोटीमोटी जासूसी की है.

इस फिल्म में वे अभिनेता अली फैजल के साथ काम कर रही हैं. अली का विद्या के लिए कहना है कि वे बहुत सहज हैं और मुझे ऐसी कोई झिझक नहीं थी कि वे एक विवाहिता और सीनियर अभिनेत्री हैं. शायद यह उस वर्कशौप वजह से था, जो हम ने शूटिंग शुरू होने से पहले साथ में किया था. अली इस फिल्म में विद्या के साथ एक गाने और डांस में भी दिखेंगे.

मल्लिका की राजनीति

राजस्थान की राजनीति में भूचाल लाने वाले बहुचर्चित भंवरी देवी हत्याकांड पर बनी फिल्म ‘डर्टी पौलिटिक्स’ के पोस्टर पर विवाद गहराता जा रहा है. इस में मल्लिका सेहरावत को तिरंगा लपेटे हुए लाल बत्ती कार पर सीडी हाथ में लिए हुए दिखाया है. मल्लिका के इस 3 रंग के साड़ीनुमा कपड़े पर कुछ राजनीतिक दलों को एतराज है. मल्लिका ने इस फिल्म में अनोखी देवी का किरदार निभाया है, जो राजनितिक दांवपेचों में उलझ कर अपना शारीरिक शोषण करवाने पर मजबूर होती है.

फिल्म के निर्देशक के.सी. बोकाडि़या कहते हैं कि राजस्थान की कुछ राजनीतिक पार्टियां मेरे खिलाफ शिकायत दर्ज कराने की योजना बना रही हैं. हमारी फिल्म के पोस्टर का किसी भी राजनीतिक पार्टी से कोई लेनादेना नहीं है. यदि कोई जबरदस्ती अपनी पार्टी को हमारी फिल्म से जोड़ना चाहता है, तो यह हमें स्वीकार्य नहीं होगा. कांग्रेस का दावा है कि उन का पार्टी ध्वज पोस्टर में दिखाए गए झंडे से मिलता है. जबकि कांग्रेस के झंडे में पंजे का निशान है और हमारे पोस्टर में ऐसा कोई निशान नहीं है. यदि झंडे का रंग एक सा है, तो यह हमारी तरफ से इरादतन नहीं है.

पंजाबन कुड़ी बनेगी सोहा

आजकल सोहा अली खान कुणाल खेमू के साथ नहीं अभिनेता वीरदास के साथ लप्पीझप्पी कर रही हैं. दरअसल, सोहा वीरदास के साथ निर्देशक शिवाजी लोतन पाटिल की फिल्म कर रही हैं, जो 1984 के सिक्ख विरोधी दंगों पर आधारित है. इस फिल्म की शूटिंग जालंधर के गांव गंगराना में हुई है. इस फिल्म में एक सिक्ख दंपती की जिंदगी और वह दंगों में कैसे उजड़ गई, इस का यथार्थ चित्रण है. सोहा ने किरदार पर पकड़ बनाने के लिए सब कुछ किया. यही नहीं, उन्होंने अपने किरदार के लिए पंजाबी भी सीखी.

सोहा ने बताया कि हां मैं अपने किरदार के लिए पंजाबी सीख रही हूं और अपने लुक पर भी ध्यान दे रही हूं. जिस से मैं खालिस पंजाबन लगूं.

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