दूसरी शादी पहली से ज्यादा सुखद

फिल्म अभिनेत्री रानी मुखर्जी ने फिल्ममेकर आदित्य चोपड़ा से शादी कर ली. इटली में हुई इस शादी में दोनों ही परिवारों के करीबी लोग शामिल हुए. आदित्य और रानी एकदूसरे को काफी समय से जानसमझ रहे थे. फिल्मी दुनिया में इस युगल के प्यार की चर्चा काफी समय से हो रही थी. इस चर्चा पर रोक तब लगी जब यशराज फिल्म्स ने इन दोनों की शादी की घोषणा करते हुए कहा, ‘‘हमें यह घोषणा करते हुए बहुत खुशी हो रही है कि आदित्य चोपड़ा और रानी मुखर्जी 21 अप्रैल, 2014 को इटली में शादी के बंधन में बंध गए.’’

36 साल की रानी मुखर्जी ने 42 साल के आदित्य चोपड़ा से शादी करने के बाद कहा, ‘‘आज मुझे यश अंकल की सब से ज्यादा याद आ रही है.’’

यश अंकल यानी यशराज चोपड़ा आदित्य चोपड़ा के पिता थे. कुछ अरसा पहले उन का देहांत हो गया था. रानी मुखर्जी ने यश चोपड़ा की कई फिल्मों में काम किया है. वे उन की बहुत इज्जत करती थीं. आदित्य चोपड़ा और रानी के बीच रोमांस की खबरें बहुत पहले से उठ रही थीं. यह रानी की पहली और आदित्य चोपड़ा की दूसरी शादी है. आदित्य का पहली पत्नी पायल खन्ना से 2009 में तलाक हो चुका है. रानी मुखर्जी अभी भी फिल्में कर रही हैं. उन की 2 फिल्में ‘किल दिल’ और ‘मर्दानी’ आने वाली हैं.

फिल्म अभिनेत्रियां पहले कैरियर खत्म होने के बाद ही ऐसी शादी करती थीं. रानी ने जिस तरह से अपने कैरियर के बीच में यह फैसला किया उस से साफ है कि अब उन के प्रशंसक इस तरह की शादियों को ले कर अपना पुराना दकियानूसी नजरिया बदलने लगे हैं. यही वजह है कि ऐसी शादियां करने के बाद भी हीरोइनों की फिल्में खूब पसंद की जा रही हैं.

रानी मुखर्जी की ही तरह अपने कैरियर के उत्थान में ही करीना कपूर ने भी तलाकशुदा सैफ अली खान से शादी की. सैफ और करीना की उम्र में काफी अंतर है. सैफ ने 2004 में अमृता सिंह से तलाक लिया था. इस के बाद 2012 में करीना और सैफ ने शादी की. करीना कपूर और सैफ अली खान दोनों के परिवार फिल्मी दुनिया के बहुत मशहूर परिवार हैं. करीना कपूर का शाहिद कपूर के साथ लंबे समय तक रोमांस चला और उन की कई फिल्में हिट रहीं. लेकिन करीना ने जब शादी करने का फैसला किया तो सैफ अली खान को ही पसंद किया. सैफ हीरो और प्रोड्यूसर हैं. शादी के बाद दोनों के कैरियर में किसी तरह की रुकावट नहीं आई.

फिल्म अभिनेत्री विद्या बालन अपने गंभीर किस्म के अभिनय के चलते कई बड़े पुरस्कार जीत चुकी हैं. उन की अदाकारी को देख कर कोई उन से नासमझी की उम्मीद भी नहीं कर सकता है. विद्या ने शादी के लिए सही आदमी का चुनाव करते समय यू टीवी फिल्म्स के सीईओ सिद्धार्थ राय कपूर से शादी करने का फैसला किया. सिद्धार्थ राय कपूर पहले से शादीशुदा थे. विद्या बालन को सैकंड वाइफ बनने में इस बात को ले कर कोई परेशानी नहीं आई. विद्या बालन के प्रशंसकों को भी इस बात से कोई मतलब नहीं है कि उन्होंने किस से शादी की. विद्या बालन ने जिस समय शादी करने का फैसला किया उस समय वे फिल्मी दुनिया की टौप हीरोइनों में शुमार होती थीं. वे कहानीप्रधान फिल्मों में भूमिकाएं निभाना पसंद करती हैं.

सफल हो रहा कैरियर

फिल्मी दुनिया में दूसरी शादी करने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. दूसरी शादी के बाद भी ये लोग अपने कैरियर में सफल हो रहे हैं. दूसरी शादी इन के कैरियर में बाधा नहीं बन रही है. फिल्म अभिनेता आमिर खान ने 2002 में अपनी पहली पत्नी रीना दत्ता को तलाक दे कर किरण राव से दूसरी शादी की. किरण राव फिल्म डाइरैक्शन से जुड़ी हैं. आमिर खान से शादी के बाद किरण ने कई अच्छी फिल्में बनाईं. दूसरी शादी के बाद आमिर खान ने खुद कई फिल्में और टीवी शो किए हैं.

श्रीदेवी और बोनी कपूर की शादी भी किसी उदाहरण से कम नहीं है. इस बेमेल सी दिखने वाली जोड़ी ने अपनी शादी का फैसला बहुत सोचसमझ कर किया. बोनी कपूर से शादी करने के बाद श्रीदेवी ने फिर से फिल्मों में काम किया. दर्शकों ने उन की फिल्म ‘इंगलिश विंगलिश’ को खूब पसंद किया. बोनी कपूर की पहली पत्नी मोना कपूर की मृत्यु हो चुकी है.

जूही चावला ने शाहरुख खान और आमिर खान के साथ कई हिट फिल्में दी हैं. उन्होंने अपनी उम्र से बड़े जय मेहता के साथ शादी की. जय मेहता बिजनैसमैन हैं. वे आईपीएल क्रिकेट में खेलने वाली कोलकाता नाइट राइडर के कोपार्टनर भी हैं. शादी के बाद भी जूही चावला का फिल्मी कैरियर चल रहा है.

रवीना टंडन का नाम भी जानीमानी हीरोइनों में लिया जाता है. अभिनेता अक्षय कुमार के साथ उन का नाम खूब चर्चा में रहता था. रवीना ने शादी का फैसला अनिल थडानी के साथ किया. अनिल थडानी फिल्म डिस्ट्रीब्यूटर का काम करते हैं. उन का पहली पत्नी नताशा से तलाक हो चुका है.

रवीना की ही तरह शिल्पा शेट्टी ने भी फिल्मी दुनिया के बाहर बिजनैसमैन राज कुंद्रा से शादी की. राज कुंद्रा का अपनी पहली पत्नी कविता से तलाक हो चुका है. राज कुंद्रा से शादी करने के बाद शिल्पा शेट्टी का कैरियर चल रहा है. शिल्पा शेट्टी का अक्षय कुमार के साथ लंबा प्रेमप्रसंग चला था. जब अक्षय ने ट्विंकल के साथ शादी कर ली तो शिल्पा ने भी राज कुंद्रा के साथ शादी करने का फैसला कर लिया.

शादीशुदा मर्दों से शादी करने वाली अभिनेत्रियों की लिस्ट लंबी है. कल्की कोचलीन ने फिल्म निदेशक अनुराग कश्यप से शादी की. अनुराग ने पहले आरती बजाज से शादी की थी. आरती से तलाक लेने के बाद अनुराग कश्यप ने कई हिट फिल्में दीं. फिल्म अभिनेत्री करिश्मा कपूर ने उद्योगपति संजय कपूर से शादी की. संजय कपूर अपनी पहली पत्नी नंदिता से तलाक ले चुके हैं. नंदिता फैशन डिजाइनर के रूप में अपना काम कर रही थीं. फिल्म अभिनेत्री लारा दत्ता ने स्पोर्ट्समैन महेश भूपति के साथ शादी की. महेश की पहली शादी सविता जयशंकर के साथ हुई थी. वे मौडल थीं.

फिल्मी दुनिया में हीरोहीरोइन के प्रेमप्रसंग पहले भी होते थे. कई मामले काफी गंभीर भी हो जाते थे. लेकिन उस समय दूसरी शादी वहां पर भी प्रचलित नहीं थी. इस का सब से बड़ा उदाहरण अभिनेता अमिताभ बच्चन और रेखा का है. दोनों के बीच प्रेम संबंध बहुत दिनों तक चर्चा में रहे. इस के बाद भी दोनों की शादी नहीं हो पाई. शत्रुघ्न सिन्हा व जितेंद्र भी ऐसे ही कलाकार हैं, जिन के नाम तमाम हीरोइनों के साथ जुड़े पर बात प्रेमप्रसंग से आगे नहीं बढ़ सकी. अपवादस्वरूप कुछ पुराने हीरोहीरोइनों के नाम लिए जा सकते हैं. इन में धर्मेंद्र हेमामालिनी का नाम सब से ऊपर रखा जा सकता है. लेकिन धर्मेंद्र हेमा की शादी में सब कुछ सामान्य पहले भी नहीं था और आज भी नहीं है. धर्मेंद्र की पहली पत्नी और उन के बच्चों ने हेमा को अभी तक नहीं अपनाया है. हेमा अलग रहती हैं. जिन की पहली पत्नी सुजाता बिड़ला थीं.

बदल गई फिल्मी दुनिया

आज का दौर बदल गया है. अब हीरोइनें बड़ी संख्या में शादीशुदा मर्दों के साथ शादी कर रही हैं. हंसीखुशी सामान्यतौर पर अपना जीवन गुजरबसर कर रही हैं. समाज भी इन की शादी को सही तरह से लेने लगा है.

समाजशास्त्री डाक्टर मधु पाठक कहती हैं, ‘‘पहले फिल्मी कलाकारों के चाहने वाले उन से ऐसी उम्मीद नहीं करते थे. शायद दूसरी शादी करने वाले ऐसे कई कलाकारों का फिल्मी कैरियर खत्म हो चुका है. अब समाज खुद बदल रहा है. ऐसे में वह फिल्मी कलाकारों की दूसरी शादियों को बहुत महत्त्व नहीं देता है. फिर समाज में भी ऐसे लोगों की संख्या बढ़ने लगी है. ऐसे लोग अपनी कहानी लोगों के सामने नहीं लाना चाहते पर उन की तादाद दिनबदिन बढ़ती जा रही है.’’

दूसरी शादी के बाद सामान्य जीवन

लखनऊ की रहने वाली मेनका की शादी 18 साल की उम्र में हो गई थी. शादी के 1 साल में ही मेनका का अपने पति नारायण के साथ जिंदगी गुजरबसर करना मुश्किल हो गया. वे पति का घर छोड़ कर अपने पिता के घर चली आईं. समाज में इस बात को ले कर कुछ चर्चा शुरू हुई. मेनका के घर वालों ने इस बात को कोई तवज्जो नहीं दी. मेनका ने अपनी पढ़ाई पूरी की. वे फैशन कोरियोग्राफर बन कर लड़केलड़कियों का कैरियर संवारने लगीं. मेनका का 1 छोटा भाई और 1 बहन है. मेनका ने दूसरी शादी न करने का फैसला किया था. इस बीच उस के परिवार वालों ने छोटे भाईबहन की शादी कर दी. कुछ साल बीत गए. उस समय मेनका की उम्र 34 साल हो चुकी थी. मेनका को अरुण का साथ मिला. अरुण अपनी पत्नी से तलाक ले चुके थे. मेनका और अरुण के बीच बातचीत और तालमेल शुरू हो गया.

2 साल के बाद मेनका और अरुण ने शादी कर ली. अब दोनों ने 1 बच्चा गोद ले कर अपनी जिंदगी को नए सिरे से संवारना शुरू कर दिया है. वे कहते हैं, ‘‘दूसरी शादी केवल फिल्मी दुनिया की बातें नहीं रह गई है. बहुत सारे लोग तलाक लेने के बाद दूसरी शादी कर के सामान्य जीवन गुजार रहे हैं. यह बात जरूर है कि समाज का बड़ा हिस्सा अभी भी रूढिवादी सोच और दकियानूसी विचारों के साथ जी रहा है. ऐसे लोग कहीं भी हो सकते हैं. इस कारण हम खुल कर सामने नहीं आना चाहते. यह बात जरूर है कि हमें जाननेसमझने वाले लोग हमारे जीवन पर कोई टिप्पणी नहीं करते. हमारे साथ सामान्य व्यवहार करते हैं.’’

शादी की उम्र बढ़ने का असर

शादी की उम्र बढ़ने का भी इस पर बड़ा असर हो रहा है. अब सामान्य तौर पर शादी 25 से 30 साल के बीच होती है. कई बार 35 साल तक शादी होती है. ऐसे में लड़कियां अपनी पसंद का पति चुन लेती हैं. कई बार वे तलाकशुदा को ही अपना जीवनसाथी मान लेती हैं. फिल्मी दुनिया से दूर समाज में इस के कई उदाहरण मिलते हैं. लड़कियां शादी करने से पहले हर तरह से परिपक्व व्यक्ति को ही अपना जीवनसाथी चुनना चाहती हैं. फिल्मों और राजनीति में ऐसे लोगों के सामने आने से सामान्य समाज में रहने वालों का हौसला बढ़ा है. ऐसी ही शादी कर चुकी कविता कहती हैं, ‘‘पहले यह लगता था कि दूसरी शादी के बाद घरपरिवार और समाज के बीच तालमेल बैठाना मुश्किल होता है. अब ऐसा नहीं है. लड़कियां परिपक्व होती हैं. लड़के भी ऐसा ही नजरिया रखते हैं. लड़कियों को अब पति के रूप में ऐसा साथी पसंद आता है जो उन के साथ कदम से कदम मिला कर चल सके.’’

लड़कियों का नजरिया ही नहीं बदला है, कानून भी बदल रहा है. आज तलाक लेना पहले से सरल हो गया है. ऐसे में संबंध न निभाने की हालत में लड़कालड़की दोनों अलग हो कर दोबारा अपना जीवन गुजरबसर करने लगे हैं. फैमिली कोर्ट में ऐसे मसलों को देखने वाले वकील वीरेंद्र त्रिपाठी कहते हैं, ‘‘तलाक लेते समय पहले लोग एकदूसरे से अलग हो कर सामान्य जीवन शुरू करने की बात कम सोचते थे. वे सोचते थे कि सामने वाले को कितना परेशान किया जाए. ऐसे में वे दहेज कानून की गंभीर से गंभीर धाराओं का उपयोग करते थे. पर अब ऐसा कम होने लगा है. लोग आते हैं तो यही मांग करते हैं कि जल्दी से जल्दी एकदूसरे से छुटकारा मिल जाए. वे जल्द से जल्द तलाक ले कर अपना नया जीवन शुरू करने की योजना में रहते हैं. तलाक को लोग अपने दामन पर दाग न मान कर जिंदगी का एक गलत फैसला मान कर आगे बढ़ना पसंद करने लगे हैं.’’

वैवाहिक परेशानियां बढ़ाती हैं अपराध

वीरेंद्र त्रिपाठी यह भी कहते हैं, ‘‘अगर कानून तलाक को ले कर थोड़ा और सरल हो जाए तो तलाक ले कर दूसरी शादी करने वालों को यह कार्य थोड़ा सहज हो जाएगा. विवाह को अगर कानून में बांध कर जीवन गुजरबसर करने को कहा जाएगा तो अपराध बढ़ने लगते हैं. अपराध की बहुत सारी ऐसी घटनाएं सामने आती हैं, जिन में लोग कोई रास्ता न देख कर हत्या तक करने का कदम उठा लेते हैं.’’

मनोचिकित्सक डाक्टर मधु पाठक कहती हैं, ‘‘वैवाहिक संबंधों में आई परेशानियां जब खत्म नहीं होती दिखतीं तो लोग अपराध जैसे घातक कदम उठा लेते हैं. अपराध की घटनाओं को कम करने के लिए कानून और समाज दोनों को विवाह के प्रति अपना नजरिया बदलना होगा.’’

तलाक के बाद भी दूसरी जिंदगी शुरू हो सकती है. समाज में दूसरी शादी के बाद भी चलाफिरा जा सकता है. यह बात जब लोगों को सरल लगने लगेगी तो इस से जुड़े तमाम तरह के अपराध खत्म हो जाएंगे. कुछ लोग तर्क देते हैं कि इस तरह की सोच बनने के साथ अवैध रिश्तों की तादाद बढ़ जाएगी. लेकिन सचाई यह है कि अवैध रिश्तों की शुरुआत तब होती है जब पतिपत्नी के बीच भरोसे और विश्वास की दीवार गिर जाती है. किसी रिश्ते को बांध कर नहीं रखा जा सकता. ऐसे में खुले नजरिए और नई हवा के साथ संबंध और रिश्तों को स्वीकार करने में ही समाज का भला है. फिल्मी दुनिया और राजनीति में आ रहे बदलाव से यह बात साफ होने लगी है. समाज में जिन लोगों ने इस बदलाव को स्वीकार करना शुरू किया है उन की संख्या बढ़ने लगी है, जिस से यह उम्मीद बलवती हो रही है कि समाज में आ रहे बदलाव को महसूस कर कानून में भी बदलाव हो सकेगा.

ककड़ी व सूजी की पैटी

सामग्री

1/2 कप ककड़ी छिली व कद्दूकस की, 75 ग्राम पनीर कद्दूकस किया, 2 बड़े चम्मच सूजी बारीक, 2 बड़े चम्मच दही, 1/2 छोटा चम्मच अजवाइन,1 बड़ा चम्मच बादाम पाउडर, 2 बड़े चम्मच धनियापत्ती बारीक कटी, 1 बड़ा चम्मच भुने चनों का पाउडर, 1 फ्रैश ब्रैड के ब्रैडक्रंब्स, 1 छोटा चम्मच अदरक कटा, 1 छोटा चम्मच हरीमिर्च कटी, 1/2 छोटा चम्मच चाटमसाला, 1/2 छोटा चम्मच गरममसाला, 1/2 चम्मच नीबू का रस, 1 बड़ा चम्मच कौर्नफ्लोर, नमक स्वादानुसार, पैटीज पर लगाने के लिए 2 फ्रैश ब्रैड के ब्रैडक्रंब्स, 2 बड़े चम्मच रिफाइंड औयल.

विधि

एक नौनस्टिक पैन में 1/2 छोटा चम्मच तेल गरम करें. उस में अजवाइन का तड़का लगा कर सूजी को अच्छी तरह भूनें. इस में दही डाल कर मिश्रण के सूखने तक भूनें. अब इस में ककड़ी पैटीज की सारी सामग्री मिला दें. मनपसंद आकार की पैटीज बनाएं. ब्रैडक्रंब्स में लपेट कर नौनस्टिक तवे पर करारी होने तक सेंकें. सौस या चटनी के साथ सर्व करें.

खीरे का क्रंची अचार

सामग्री

3 कप खीरा छिला व गोल टुकड़ों में कटा,3/4 कप सफेद सिरका, 1/2 कप चीनी, 1/2 कप प्याज लंबाई में कटा, 1 हरी शिमलामिर्च बीजरहित लंबाई में कटी, 1 लाल शिमलामिर्च लंबाई में कटी, 1 छोटा चम्मच मस्टर्ड पाउडर, 1/4 छोटा चम्मच कालीमिर्च चूर्ण, नमक स्वादानुसार.

विधि

एक सौसपैन में सिरका, नमक और चीनी डाल कर आंच पर उबालें. उबाल आने पर आंच धीमी कर 10 मिनट पकाएं. एक कांच के बड़े बाउल में बाकी सारी सामग्री मिक्स कर सिरके व चीनी वाला मिश्रण डालें. चम्मच से अच्छी तरह मिक्स कर के कांच के जार में भरें. ठंडा होने पर फ्रिज में रख दें. जब इच्छा हो तब खाएं.

आम खीरे का सालसा

सामग्री

1 कप आम पका, छिला व छोटे क्यूब्स में कटा, 1 कप और्गेनिक खीरा छिलके सहित छोटे क्यूब्स में कटा, 1 हरीमिर्च बारीक कटी, 1/2 कप प्याज छोटे टुकड़ों में कटा, 1/4 कप लाल शिमलामिर्च छोटे क्यूब्स में कटी, 1 बड़ा चम्मच नीबू का रस, 1 बड़ा चम्मच पुदीनापत्ती बारीक कटी, नमक स्वादानुसार.

विधि

नमक को छोड़ कर बाकी सारी सामग्री को मिक्स कर 2 घंटे फ्रिज में ठंडा करें. फिर सर्व करते समय नमक डालें.

वीना कुमारावेल

हर महिला चाहती है कि वह सब से खूबसूरत लगे. महिलाओं की इस चाहत को पूरा करने के मकसद से वीना कुमारावेल ने भारत के नंबर वन हेयर ऐंड ब्यूटी सैलून, नैचुरल्स की नींव रखी थी. आज इस की शाखाएं न सिर्फ भारत वरन विदेशों में भी हैं. यही नहीं, उन्होंने महिला व्यवसायियों की भी मदद की. उन्हें नई राह दिखाई है.

पेश हैं, गंभीरतापूर्वक अपनी जिम्मेदारियां निभाने वाली नैचुरल्स सैलून की संस्थापिका, वीना कुमारावेल से हुई बातचीत के कुछ अहम अंश:

सब से पहले अपने बारे में बताएं?

करीब 14 साल पहले मैं ने एक बिजनैस शुरू करने का फैसला लिया. उस वक्त मेरे बच्चों ने स्कूल जाना शुरू कर दिया था. मैं किसी भी क्षेत्र में अपना अलग मुकाम पाना चाहती थी. 2000 में, चैन्नई के नुंगम व बाक्कम कादर नवाज के खान रोड में मैं ने नैचुरल्स सैलून की स्थापना की. उस वक्त मध्यवर्गीय परिवारों के लिए अलग ब्यूटीपार्लर्स, स्पा वगैरह न होना भी इसे शुरू करने की खास वजह रही. फिलहाल इस समय हमारे 350 आउटलैट्स हैं.

वूमन ऐंटरप्रेन्योर्स एवं नैचुरल्स के बारे में बताएं?

अब तक करीब 185 महिला व्यवसायियों ने हमारी फ्रैंचाइजी ली है. इस के लिए हम इंडियन ओवरसीज बैंक के साथ जुड़ कर उन्हें आसानी से लोन दिलाने में मदद कर रहे हैं.

चैन्नई, कोट्टुरपुरम के आईएसटीई प्रोफैशनल सैंटर के बारे में बताएं?

यहां भारत के कई राज्यों के स्त्रीपुरुषों को कौस्मैटोलौजी, हेयर कटिंग आदि की टे्रनिंग दी जाती है. इस के बाद या तो हम स्वयं ही उन्हें जौब दे देते हैं या फिर वे जहां चाहें काम कर सकते हैं.

आप अपने परिवार और बिजनैस दोनों को एकसाथ कैसे संभालती हैं?

वक्त को सही ढंग से मैनेज किया जाए तो सब कुछ संभव है. मैं भी इसे ही फौलो कर रही हैं. मेरे पति कुमारावेल मेरा साथ दे रहे हैं. परिवार के बाकी लोग भी मेरी मदद करते हैं. यही मेरी सफलता का राज है.

नैचुरल्स डब्ल्यू के बारे में बताएं?

यह ब्राइडल स्टूडियो है. इस में भारत के हर क्षेत्र की ब्राइडल का मेकअप किया जाता है. इस में कई तरह की सिटिंग्स होती हैं जैसे 6 माह की या फिर शौर्ट टर्म की भी.

अपने आउटलैट्स के बारे में बताएं.

अब तक भारत में हमारे 350 आउटलेट्स हैं. हाल ही में कोलंबो में भी एक आउटलैट की शुरुआत की है. जल्द ही यूके, दुबई जैसे देशों में भी इस की शुरुआत करने वाले हैं. इस वर्ष के अंत तक कुल 650 आउटलैट्स खोलने और 2017 तक 3,000 आउटलैट्स खोलने, 1,000 वूमन ऐंटरप्रेन्योर और 5,000 लोगों को नौकरी मुहैया कराने का हमारा लक्ष्य है. हाल ही में हम ने बौलीवुड ब्यूटी करीना कपूर को नैचुरल्स का ब्रैंड ऐंबैसेडर बनाया है.

आजकल युवतियों के बीच कौन सा हेयरस्टाइल फैशन में है?

पहले स्ट्रेटनिंग बहुत फेमस था. ट्रैडिशनल टच हेयरस्टाइल भी मशहूर रहा. अब यंग गर्ल्स, कर्ल्स को बहुत पसंद कर रही हैं.

गरमी के मौसम के लिए क्या ब्यूटी टिप्स देना चाहेंगी?

गरमी में हलका मेकअप ही सही रहता है. इस के अलावा वाटरबेस्ड प्रोडक्ट्स और पेस्टल शेड्स का प्रयोग अधिक करना चाहिए. सनस्क्रीन का प्रयोग भी अनिवार्य है.

शाइनी दोषी

आहमदाबाद की शाइनी के पिता उन्हें डाक्टर बनाना चाहते थे क्योंकि वे खुद भी डाक्टर थे. मगर ग्रैजुएशन के बाद शाइनी की रुचि फैशन क्षेत्र में बढ़ गई और उन्होंने नैशनल इंस्टिट्यूट औफ फैशन डिजाइनिंग में दाखिला ले लिया.

शुरुआत में पहले तो उन्होंने मौडलिंग में हाथ आजमाया फिर धीरेधीरे ऐक्टिंग में हाथ आजमाना शुरू कर दिया अब शाइनी टीवी दुनिया का एक जानामाना नाम बन गई हैं. पेश हैं, उन से हुई बातचीत के प्रमुख अंश:

ऐक्टिंग में थी रुचि

मुझे ऐक्टिंग में हमेशा से रुचि थी. ‘सरस्वतीचंद्र’ में कुसुम की भूमिका दे कर स्टार ने मुझे बहुत बड़ा बे्रक दिया. मैं ने हालांकि टीवी में ऐक्टिंग के बारे में नहीं सोचा था, लेकिन मुझे यह कौंसैप्ट बहुत रोचक लगा.

ब्यूटी सीक्रेट

मैं हफ्ते में 3-4 बार केश धोती हूं और कंडीशनर का प्रयोग करती हूं. केश धोने से पहले लगातार तेल का प्रयोग करती हूं. काम खत्म होते ही मैं अपना मेकअप उतार देती हूं और अपनी स्किन पर मौइश्चराइजर का प्रयोग करती हूं.

यादगार पल

जिस दिन मेरे मांबाप ने मेरा नाम शाइनी रखा वह दिन मेरी यादों में हमेशा रहेगा. मुझे लगता है कि उन्हें पता था कि मैं अपने नाम की तरह ही चमकूंगी.

स्टाइल मंत्रा

ड्रैस चाहें इंडियन हो या वैस्टर्न, अपनी पर्सनैलिटी के हिसाब से ही चुनें. जो स्टाइल आप को हमेशा सूट करता हो उसी के अनुसार ड्रैसेज का चुनाव करेंगी तो सहज महसूस करेंगी.

खुद को वक्त दें

यों तो मैं इंडस्ट्री में कई लोगों को जानती हूं पर मैं अपने सब से करीब अपने काम को ही मानती हूं क्योंकि आज मैं जो कुछ भी हूं वह अपने काम की वजह से ही हूं. इस के अलावा जब भी मुझे खाली वक्त मिलता है तो वह मैं खुद के साथ बिताना पसंद करती हूं. आराम और शौपिंग भी करती हूं.

खानपान पर ध्यान

शाइनी को मुंबई की चौपाटी की चाट बेहद पसंद है. वे शारीरिक फिटनैस पर खासा ध्यान देती हैं. वे कहती हैं कि शरीर की उचित देखभाल के लिए खानपान पर ध्यान देने के साथसाथ फिटनैस पर भी ध्यान देना जरूरी है. वे मैडिटेशन और कसरत के लिए भी वक्त जरूर निकालती हैं.              

मुसकान है जरूरी

मैं हमेशा मुसकराती रहती हूं और मेरी कोशिश रहती है कि मेरे आसपास के लोग भी मुसकराते रहें. यह आप की सकारात्मकता को प्रदर्शित करता है और आप जिस से भी मिलते हैं उस पर भी उस का असर होता है. मांबाप ने मेरा नाम शायद शाइनी इसीलिए रखा होगा कि उन्हें पता था कि मैं अपने नाम की तरह ही चमकूंगी.

प्रीति चौधरी

टीवी धारावाहिक ‘हम लड़कियां’ से अभिनय कैरियर का आगाज करने वाली प्रीति का नाम किसी परिचय का मुहताज नहीं. स्वभाव से सरल प्रीति अभिनय के हर क्षेत्र को छूना चाहती हैं. उन्हें एक अच्छे कौमेडी रोल की भी तलाश है. पेश हैं, उन से हुई बातचीत के प्रमुख अंश:

अभिनेत्री ही बनना था

मैं ने जब से होश संभाला तब से मेरी अभिनेत्री बनने की ही इच्छा रही. मैं ने यहां आने के लिए संघर्ष किया है. मैं थोड़े पुराने खयालात के परिवार से ताल्लुक रखती हूं, इसलिए उन्हें इस बात पर राजी करना थोड़ा कठिन काम था. लेकिन अब वे ‘दीया और बाती हम’ देखते हैं तो मेरे काम पर गर्व महसूस करते हैं.

फिट रहें खूबसूरत दिखें

मैं सप्ताह में 3 दिन अपने केशों में तेल लगाती हूं. हरी सब्जियां खाती हूं. अपने केशों की देखभाल के लिए मैं नियमित तौर पर स्पा भी जाती हूं. मैं थोड़ी आलसी हूं इसलिए बस पानी पीने का और नियमित तौर पर क्लीनअप के लिए जाने का ध्यान रखती हूं.

यादगार पल

धारावाहिक ‘कैरी’ में फर्स्ट लीड पाना मेरी जिंदगी का खुशनुमा पल था और अब मैं धारावाहिक ‘दीया और बाती हम’ में एकदम अलग तरह की भूमिका निभा रही हूं, जिस से मुझे काफी उम्मीदें हैं. मेरे काम पर मेरे मांबाप को गर्व है और जब मांबाप आप पर गर्व करते हैं तो यह एहसास बहुत खूबसूरत होता है.

स्टाइल मंत्रा

मुझे लगता है कि किसी भी मामले में आप का एटीट्यूड आप को औरों से अलग करता है. आप चाहें किसी भी ट्रैंड या स्टाइल की ड्रैस पहनें, जब तक उसे सही तरह से कैरी नहीं करेंगी वह आप की पर्सनैलिटी को बिलकुल सूट नहीं करेगी.

निजी जिंदगी

मुझे दोस्त बनाना बेहद पसंद है. धारावाहिक ‘महाभारत’ में सुभद्रा की भूमिका निभा रही विभा आनंद मेरी करीबी दोस्त है. मैं फिल्मों की दीवानी हूं. जब भी मुझे वक्त मिलता है मैं फिल्म देखती हूं और मैं एक कमरे में सिर्फ टीवी के साथ बंद रह सकती हूं. यानी मैं लगातार टीवी देख सकती हूं.

मैं खानेपीने की शौकीन हूं और स्ट्रीट फूड में पानीपूरी और दही चाट मेरे फैवरेट हैं. जब भी मुझे तनाव होता है तो मैं संगीत और डांस में मन लगाती हूं. मेरी नजर में इस से अच्छा स्ट्रैस बस्टर कोई नहीं.

मुसकान से पौजिटिव एनर्जी

मैं हमेशा मुसकराती रहती हूं और मेरी कोशिश रहती है कि मेरे आसपास के लोग भी मुसकराते रहें. यह आप की सकारात्मकता को प्रदर्शित करता है और आप जिस से भी मिलते हैं उस पर भी उस का असर होता है. मेरे काम पर मेरे मांबाप को बहुत गर्व होता है. मेरे लिए यह एहसास बहुत खूबसूरत होता है.

फरनाज शेट्टी

मुंबई में जन्मीं और पलीबढ़ी फरनाज थोड़ी रिजर्व नेचर की हैं पर मौका मिलने पर अपनी बात लोगों के सामने जरूर रखती हैं. अभिनय में कैरियर बना कर वे अपनी मां का सपना पूरा कर रही हैं. पेश हैं, उन से हुई बातचीत के कुछ अंश:

अभिनय नहीं करना था

मुझे ऐक्टिंग में कोई दिलचस्पी नहीं थी. 12वीं करने के बाद मुझे कुछ औफर मिले, लेकिन मैं ने ध्यान नहीं दिया, क्योंकि मैं अपनी पढ़ाई पर ध्यान दे रही थी. लेकिन ग्रैजुएशन करने के बाद मुझे महसूस हुआ कि मुझे अपने कैरियर के बारे में सोचना चाहिए और मैं ने ऐक्टिंग के बारे में सोचा. मैं ने अपनी शुरुआत धारावाहिक ‘दिल की नजर से खूबसूरत’ से की फिर मेरी यात्रा शुरू हो गई. धारावाहिक ‘वीरा’ में गुंजन की भूमिका अपनेआप मेरे पास आ गई. मैं इस किरदार के हर रंग का आनंद ले रही हूं.

ब्यूटी फंडा

मैं अपने केशों की बहुत देखभाल करती हूं और यह ‘वीरा’ के किरदार के लिए बहुत जरूरी है. फिर अपने लुक के हिसाब से भी केशों का खूबसूरत दिखना बहुत जरूरी है. मैं सप्ताह में 2-3 बार अपने केशों में तेल लगाती हूं और उन्हें प्रदूषण और धूल से बचाती हूं.

अच्छी स्किन के लिए मेकअप अच्छी तरह उतारना बहुत जरूरी है. मैं मेकअप उतारने के लिए फेसवाश करती हूं, जिस के लिए मैं सामान्य पानी या फिर कोकोनट वाटर प्रयोग करती हूं.

जिंदगी का खुशनुमा पल

धारावाहिक ‘वीरा’ का प्रस्ताव मिलना मेरे लिए एक बहुत बड़ा पल था और यह अब भी मुझे बहुत संतुष्टि देता है. इस किरदार को निभाना मेरी जिंदगी में हुई सब से खूबसूरत बातों में से एक है. दिल्ली में मैं अपने बहुत से प्रशंसकों से मिली जो मेरे काम की तारीफ कर रहे थे, यह बहुत सुकून भरा एहसास था.

स्टाइल मंत्रा

मेरा अपना खुद का स्टाइल है जिस में मैं सहज महसूस करती हूं. मैं ट्रैंड के हिसाब से नहीं चलती. मैं जिन ड्रैसेज को आत्मविश्वास के साथ कैरी कर सकूं वही चुनती हूं.

मेरी रियल लाइफ

मैं अपनी रील लाइफ मां बनसारी के बहुत करीब हूं जिस की भूमिका विश्वप्रीत कौर निभा रही हैं. मैं अपने खाली समय में पेंटिंग करना और अपने परिवार और करीबी दोस्तों के साथ अच्छा वक्त बिताना पसंद करती हूं. मुझे उबला स्वीट कौर्न ढेर सारे मसाले के साथ पसंद है. चिकन कोरमा भी मेरी पसंदीदा डिश है.

मैं अपने काम का आनंद लेती हूं जिस से मेरे ऊपर कभी थकान हावी नहीं होती. लेकिन जब मानसिक तनाव होता है, तो मैं संगीत सुन कर खुद को सुकून देने की कोशिश करती हूं.

मुसकराते रहें मस्त रहें

असल जिंदगी में मैं बहुत मस्त लड़की हूं, जो लोगों को खुश करने और खुशियां बिखेरने में विश्वास करती है. सैट पर जब हर कोई थक जाता है, तो मैं सब के चेहरे पर मुसकान लाने की कोशिश करती हूं.

दिशा परमार

दिशा का जन्म असम के नागांव में हुआ. दिशा ने राजश्री प्रोडक्शन के टीवी धारावाहिक ‘प्यार का दर्द है मीठामीठा प्याराप्यारा’ से अपने अभिनय कैरियर की शुरुआत की. उन से हुई बातचीत काफी रोचक रही:

ग्लैमर वर्ल्ड में आना था

मैं 12वीं में पढ़ती थी जब मुझे ‘प्यार का दर्द है मीठामीठा प्याराप्यारा’ में प्रमुख भूमिका निभाने को मिली और इस मौके को मैं ने झपट लिया. हर कोई ग्लैमर वर्ल्ड में अपना नाम बनाना चाहता है और मैं कोई अलग नहीं. मैं ने टीवी सीरियल्स में काम करने के लिए अपनी पढ़ाई छोड़ दी. मेरे परिवार ने पहले मेरे इस फैसले का विरोध किया, क्योंकि वे चाहते थे कि मैं अपनी पढ़ाई पूरी करूं. लेकिन जब मैं मुंबई आ गई तो उन्होंने मेरे फैसले को अपना समर्थन दिया.

सुंदरता की देखभाल

मैं अलगअलग तरह के हेयर औयल का प्रयोग करती हूं और हफ्ते में 2 बार अपने केशों की मसाज करती हूं, क्योंकि धारावाहिक के लिए मुझे अपने केशों को लगातार मजबूत करने की जरूरत होती है. उन की देखभाल करना मेरे लिए ज्यादा जरूरी हो गया है.

मैं अपनी स्किन के लिए हमेशा अच्छे ब्रैंड के उत्पाद इस्तेमाल करती हूं. चाहे वह मौइश्चराइजर हो या फिर फेसवाश.

खुशनुमा पल

मेरी जिंदगी का सब से खुशनुमा पल है जब मुझे स्टार प्लस पर राजश्री प्रोडक्शन की ‘प्यार का दर्द है…’ मिली. किसी भी लड़की के लिए यह ड्रीम लौंच हो सकता है.

स्टाइल मंत्रा

मैं फैशन ट्रैंड पर नजर रखती हूं और अपडेट रहती हूं. ट्रैंड में रहना ही मेरा स्टाइल मंत्रा है. मैं कुछ भी नहीं पहन सकती. मैं ऐसे कपड़े पहनती हूं जिन में सहज महसूस कर सकूं.

मैं रोज बहुत ज्यादा समय अपने साथी कलाकारों के साथ बिताती हूं, इसलिए कि वे सभी मेरे दोस्त हैं. एक तरह से हम एक बड़े और खुशहाल परिवार के सदस्यों की तरह हैं.

जब शूटिंग नहीं कर रही होती तो सोना पसंद करती हूं. इस के अलावा मुझे शौपिंग करना भी पसंद है.

पसंदीदा फूड

मेरा पसंदीदा स्ट्रीट फूड गोलगप्पे हैं. मैं इन के लिए कुछ भी कर सकती हूं.

तनाव दूर करने के लिए मैं कभीकभी खरीदारी करने भी निकल जाती हूं. मुझे फुटवियर खरीदने का बहुत शौक है. मेरे पास जूतों की 30-40 जोडि़यां हैं.

मुसकान ही जिंदगी

मेरा मानना है कि अगर आप के चेहरे पर मुसकराहट है तो आप इसे किसी दूसरे के चेहरे पर भी ला सकते हैं. इसलिए मुसकराना और पूरी तरह से जिंदगी का आनंद लेना बहुत जरूरी है. राजश्री प्रोडक्शन में पहला ब्रेक मिलना मेरे लिए बेहतरीन मुसकराने का पल था.

पूजा सिंह

मैनेजमैंट की पढ़ाई पूरी कर के मल्टीनैशनल कंपनी में नौकरी करने की चाह रखने वाली पूजा अपनी मां की इच्छा पूरी करने के लिए अभिनय क्षेत्र में आईं. अब वे अपने काम को ऐंजौय कर रही हैं. पेश हैं, उन से हुई बातचीत के खास अंश:

मां के सपने ने बनाया अभिनेत्री

मेरी मां को अभिनय में बहुत रुचि थी और वे चाहती थीं कि मैं ऐक्टिंग में आऊं लेकिन मेरी इच्छा थी कि मैं एमबीए कर के किसी अच्छी कंपनी में नौकरी करूं.

मैं पुणे में पढ़ाई कर रही थी लेकिन मां की इच्छा की वजह से औडिशन के लिए मुंबई आतीजाती रहती थी. बिना किसी योजना मैं ने काफी पहले स्टार प्लस में औडिशन दिया था और अचानक एक दिन मुझे ‘दीया और बाती हम’ में एमिली की भूमिका के लिए बुलाया गया.

मैं इतना ही कह सकती हूं कि यह सब बिना किसी योजना के होता चला गया.

खूबसूरती का फंडा

मेरे केश लंबे हैं और मुझे बहुत पसंद हैं. मैं इन्हें नैचुरल रखना पसंद करती हूं. फिर एमिली की भूमिका के लिए भी मुझे अपने केश पूरे रखने थे. मैं जैल या हेयरस्प्रे इस्तेमाल नहीं करती, बल्कि मैं अपने केशों में नियमित तौर पर तेल लगाती हूं, धोती हूं और कंडीशनिंग करती हूं.

मेकअप उतारने और सोने जाने से पहले मैं अपने चेहरे पर बेबी औयल लगाती हूं. उसे अच्छी तरह मौइश्चराइज करती हूं और खूब सारा पानी पीती हूं.

खुशनुमा पल

जब मैं ‘दीया और बाती हम’ में आई तो यह पहले से ही नं. 1 पर था. फिर भी मैं ने इस में अपनी अलग पहचान बनाई जो मेरे खुशनुमा पलों में से एक है.

मुझे लोगों से इतना प्यार और तारीफें मिलती हैं कि क्या कहूं.

स्टाइल मंत्रा

मेरा मानना है कि आप जैसे हैं वैसे ही रहें. बदलते ट्रैंड को बेशक अपनाएं पर अपनी पहचान को खोए बगैर. आप उन्हीं कपड़ों में स्मार्ट और स्टाइलिश दिखेंगे जिन में सहज महसूस करेंगे.

बिंदास रहती हूं

मैं खाली वक्त खुद पर खर्च करती हूं. मैं घर पर टीवी देखती हूं, घर की देखभाल करती हूं, शौपिंग करने चली जाती हूं या फिर आराम करती हूं.

इंडस्ट्री में मेरे दोस्त तो कई हैं, लेकिन ऐसा कोई करीबी नहीं है.

जब मैं तनाव में होती हूं तो चुपचाप अपने कमरे में जा कर मैडिटेशन करती हूं. मां से बात करना भी मेरा तनाव दूर करता है. 

मुसकराना है जरूरी

मेरा मानना है कि आप जैसे हैं वैसे ही रहें. बदलते ट्रैंड को बेशक अपनाएं पर अपनी पहचान खोएं नहीं. मुझे लोगों से इतना प्यार और तारीफें मिलती हैं कि मैं बिना मुसकराए नहीं रह पाती.

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