शरद केलकर के नए हेयरकट में एमएस धोनी की दिखी झलक, फैंस ने ये किरदार निभाने की लिए कीं गुजारिश

स्मौल स्क्रीन से लेकर बिग स्क्रीन तक अपना जलवा कायम रखने वाले एक्टर शरद केलकर किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं. स्क्रीन पर अपने किरदार में खुद को आसानी से ढाल लेने वाले शरद के लिए उनके फैंस ने अगला रोल चुन लिया है. जैसे ही शरद ने सोशल मीडिया पर अपना नया हेयरस्टाइल दिखाया, फैंस ने तुरंत उनके और इंडियन क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के लुक के बीच समानताएं बताईं.

हेयरस्टाइल की तुलना धोनी से-

ऐक्टर के पोस्ट पर उनके हेयरस्टाइल की तुलना धोनी से करने वाले कमेंट्स की बाढ़ आ गई. इतना ही नहीं, कई फैन्स ने एक्टर से उनकी बायोपिक के दूसरे पार्ट में क्रिकेटर का किरदार निभाने का अनुरोध किया. धोनी के जीवन पर 2016 में एमएस धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी नाम से एक फिल्म बनाई गई थी, जिसमें सुशांत सिंह राजपूत मुख्य भूमिका में थे.

फैंस के कमैंट्स-

शरद के नए लुक को देखने के बाद एक फैन ने कमेंट किया, “आपको एमएसडी की बायोपिक जरूर करनी चाहिए. थाला का 2.0,” जबकि एक अन्य यूजर ने कहा, “सुशांत सिंह के बाद, आप धोनी का किरदार निभा सकते हैं.” एक और प्रशंसक ने कहा, “धोनी लुक, धोनी पार्ट 2 की तैयारी.” ऐसा लगता है कि दर्शकों ने अभिनेता को भारत के सबसे पसंदीदा खिलाड़ियों में से एक की भूमिका निभाते हुए देखने की इच्छा व्यक्त की है. उनके असाधारण अभिनय कौशल के साथ, इसे वास्तविक रूप से होते देखना वाकई रोमांचक होगा.

छोटे पर्दे से बड़े पर्दे की ओर-

आपको बता दे शरद केलकर ने सीरियल में काम करने के बाद बौलीवुड में कदम रखा. उन्होंने आक्रोश, भाभी, सीआईडी, सिंदूर, सात फेरे जैसे सीरियलों में काम किया. सीरियल “सात फेरे” से शरद को टेलीविजन इंडस्ट्री में पहचान मिली थी. इसके अलावा शरद ने हलचल, 1920, गलियों की रासलीला, तानाजी, जैसी हिट फिल्मों में काम करके अपनी एक्टिंग का जलवा दिखाया. उन्होंने हिंदी फिल्मों के अलावा मराठी और तेलुगू फिल्मों में भी काम किया है.

शरद की फिटनेस-

शरद केलकर अपनी फिटनेस को लेकर भी चर्चाओं में रहे, उन्होंने कौलेज की पढ़ाई खत्म करने के बाद स्पोर्ट्स टीचर के तौर पर एक कौलेज में काम करना शुरू कर दिया था. 6 फिट 1 इंच लंबे शरद स्टाइल के मामले में किसी से कम नहीं है.

”सिंघम अगेन” के बाद अजय देवगन की अवेटेड एक्शन थ्रिलर फिल्म “नाम” का ट्रेलर हुआ रिलीज

अपने गंभीर किरदारों के लिए जाने जाने वाले ऐक्शन ऐक्टर अजय देवगन ने “नाम” में एक अलग अवतार में वापसी की है, जो दर्शकों को मंत्रमुग्ध करने का वादा करता है. रूंगटा एंटरटेनमेंट और स्नीगधा मूवीज प्राइवेट लिमिटेड ने आधिकारिक रूप से “नाम” का धमाकेदार ट्रेलर रिलीज किया है, जिसमें अजय देवगन मुख्य भूमिका में हैं और इसे अनीस बज्मी ने निर्देशित किया है.

एक्शन, थ्रिलर फिल्म-

यह एक्शन थ्रिलर 22 नवंबर 2024 को सिनेमाघरों में आने वाली है. “नाम” एक ऐसा सिनेमाई अनुभव लेकर आ रही है जो धमाकेदार एक्शन और एक दमदार कथा को मिलाकर दर्शकों को सीट से बांधकर रखने का वादा करती है.

अजय देवगन की नए अवतार में वापसी

“सिंघम अगेन” की ब्लौकबस्टर सफलता के बाद देवगन की बड़े पर्दे पर वापसी का इंतजार कर रहे प्रशंसकों के बीच “नाम” के ट्रेलर ने देशभर में उत्साह पैदा कर दिया है. अपने गंभीर किरदारों के लिए जाने वाले अजय देवगन ने “नाम” में एक नए अवतार में वापसी की है, जो दर्शकों को मंत्रमुग्ध करने का वादा करता है. बज्मी के निर्देशन में बनी यह फिल्म सस्पेंस, थ्रिल और एक्शन के अनोखे संयोजन के साथ उनके खास अंदाज को प्रस्तुत करती है.

अनोखा सस्पेंस और स्टाइल

हाल ही में जारी किए गए ट्रेलर में एक ऐसे संसार की झलक देखने को मिलती है जो कच्चा और वास्तविक है, जो “नाम” की उच्चदांव वाली कहानी को सामने लाती है. दमदार संवादों और तेजतर्रार ऐक्शन दृश्यों के साथ यह ट्रेलर एक चमकदार और स्टाइलिश थ्रिलर की ओर इशारा करता है जो दर्शकों को अनुमान लगाते रहने पर मजबूर कर देगा. बज्मी का निर्देशन एक अनोखे सस्पेंस और शैली का अहसास कराता है, जबकि देवगन का शानदार प्रदर्शन एक्शन प्रेमियों के लिए एक सिनेमाई अनुभव बनने का आश्वासन देता है.

शानदार संगीत

फिल्म का संगीत, जिसे हिमेश रेशमिया और साजिद-वाजिद की जोड़ी ने तैयार किया है, जो इसके रोमांचक माहौल को और बढ़ा देता है और इसका साउंडट्रैक क्रेडिट्स के बाद भी दर्शकों के दिलों में गूंजता रहेगा.

बेमिसाल स्क्रीन प्रजेंस

“नाम एक्शन, ड्रामा और सस्पेंस का एक संपूर्ण मिश्रण है,” अनिल रूंगटा, निर्माता, ने कहा. “अजय देवगन की बेमिसाल स्क्रीन प्रजेंस और अनीस बज्मी की कहानी कहने की कला के साथ, हम सिनेमा प्रेमियों के लिए एक नया अनुभव लाने के लिए उत्साहित हैं. हमें विश्वास है कि ‘नाम’ न केवल मनोरंजन करेगा बल्कि दर्शकों पर एक स्थायी प्रभाव छोड़ेगा.”

“नाम” का प्रीमियर 22 नवंबर 2024 को पूरे देश में सिनेमाघरों में होगा. फिल्म का ट्रेलर पहले से ही दर्शकों में उत्साह जगा चुका है, जिससे यह तय है कि यह वर्ष की एक महत्वपूर्ण रिलीज साबित होगी.

हाई-एनर्जी वाली फिल्म

अजय देवगन के प्रशंसकों और बज्मी के निर्देशन के फॉलोअर्स के लिए, “नाम” एक हाई-एनर्जी देखने का अनुभव बनने का वादा करती है. यह फिल्म तेज एक्शन, एक स्ट्रांग खलनायकी और इंटरेस्टिंग मोड़ से भरपूर है.

Veer Zara के 20 साल पूरे होने पर 600 से अधिक स्क्रीन पर होगी फिर से रिलीज, विदेश में भी चलेंगे शो

यशराज फिल्म्स की वैश्विक ब्लौकबस्टर वीर जारा, जिसे दिग्गज फिल्मकार यश चोपड़ा ने निर्देशित किया है, अपनी 20वीं वर्षगांठ के मौके पर 7 नवंबर से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर 600 स्क्रीन्स पर फिर से रिलीज की जा रही है. इस खास मौके पर यह फिल्म पहली बार सऊदी अरब, ओमान और कतर में भी प्रदर्शित होगी.
शाहरुख खान, प्रीति जिंटा और रानी मुखर्जी अभिनीत वीर जारा भारतीय सिनेमा की सबसे आइकौनिक फिल्मों में से एक है. अपनी रिलीज के समय यह फिल्म भारत में, विदेशों में और दुनियाभर में सबसे ज्यादा कमाई करने वाली भारतीय फिल्म थी.

फिल्म के इस री-रिलीज में अमेरिका, कनाडा, यूएई, सऊदी अरब, ओमान, कतर, बहरीन, कुवैत, यूके, आयरलैंड, जर्मनी, आस्ट्रिया, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, फिजी, सिंगापुर, मलेशिया और दक्षिण अफ्रीका जैसे कई बड़े बाजारों में फिर से रिलीज किया जाएगा. फिल्म के इस संस्करण में पहली बार ‘ये हम आ गए हैं कहां’ गाना भी जोड़ा गया है, जो पहले डिलीट कर दिया गया था. यह पहली बार है कि यह गाना फिल्म का हिस्सा बनेगा.

अंतर्राष्ट्रीय वितरण,उपाध्यक्ष

नेल्सन डिसूजा के अनुसार “वीर जारा” फिल्म की दुनिया भर में एक बड़ी फैन फौलोइंग है और इसकी 20वीं वर्षगांठ पर हम इसे फिर से रिलीज कर रहे हैं. ताकि फैंस एक बार फिर से इस प्रेम कहानी का आनंद ले सकें. फिल्म के 20वें साल में हमें महसूस हुआ कि दुनियाभर के फैंस इसे फिर से बड़े पर्दे पर देखना चाहते हैं. सोशल मीडिया पर बढ़ते उत्साह और दुनियाभर से आए फैन रिक्वेस्ट को देखते हुए, हमने यह कदम उठाने का फैसला किया है. यशराज फिल्म्स की ओर से यह हमारे फैंस को एक विशेष तोहफा है.

इकलौती बेटी: मीना को ससुराल वापस लाने का क्या था लालाजी का तोड़

‘‘किस का पत्र है, उमा?’’ सास ने पूछा.

‘‘पिताजी का पत्र है, मांजी. गृहप्रवेश के लिए उत्सव का आयोजन कर रहे हैं. मुझे भी बुलाया है,’’ उस ने उत्तर दिया.

‘‘जाना चाहती हो क्या?’’ पति ने प्रश्न किया.

‘‘कहीं जाने का प्रश्न ही नहीं उठता. बबलू की परीक्षा है. फिर मुझे भी तो छुट्टी नहीं मिलेगी. वैसे भी हम इतने स्वतंत्र थोड़े ही हैं कि जब मन आया अटैची उठा कर चल पड़ें,’’ उमा व्यंग्य से मुसकराते हुए बोली. उस की बात सुन कर पति भी मुसकरा कर रह गए. मां दूसरी ओर देखने लगीं पर मीना तिलमिला कर रह गई. पुरानी घटनाएं तेजी से उस की आंखों के सामने घूमने लगीं.

घड़ी में समय देखते हुए मीना अपने पति मनोज से बोली थी, ‘कितनी देर कर दी? गाड़ी छूटने में केवल 1 घंटा रह गया है. मैं ने तुम्हारे कार्यालय में कई बार फोन किया था. कहां चले गए थे?’

‘क्यों, कहां जाना है? क्या मुझे और कोई काम नहीं है जो सदा तुम्हारी ही हाजिरी में खड़ा रहूं,’ मनोज सुनते ही झुंझला गया था.

‘कितनी जल्दी भूल जाते हो तुम? सुबह ही तो बताया था कि मां का फोन आया है,’ मीना ने याद दिलाया.

‘सहारनपुर से आए हुए कितने दिन हुए हैं? पिछले सप्ताह ही तो लौटी हो. अब फिर जाने की तैयारी कर ली?’

‘अरे, तो क्या हो गया, बेटी हूं उन की, बुलाएंगे तो क्या जाऊंगी नहीं? तुम क्या जानो, मातापिता अपनी संतान से कितना प्यार करते हैं,’ मीना नाटकीय अंदाज में बोली.

‘तुम्हारे कुछ ज्यादा ही करते हैं, मेरे भी मातापिता हैं. 1 वर्ष हो गया विवाह को…कितनी बार गया हूं मैं?’

‘पुरुषों की बात दूसरी है, तुम तो पिछले 10 वर्ष से छात्रावास में ही रहते आए हो, अब भला उन्हें तुम से कितना लगाव होगा. तुम तो परिवार के साथ रहते हुए अधिकतर मित्रों के साथ ही घूमते रहते हो. इसीलिए तो तुम्हारे मातापिता तुम्हें याद नहीं करते.’

‘व्यर्थ की बातें करने की आवश्यकता नहीं है…मांजी का फिर फोन आए तो कह देना, अभी आना संभव नहीं है. यहां मेरे मातापिता भी आने वाले हैं.’

‘क्या?’

‘हां, आज ही पत्र आया है,’ मनोज ने एक अंतर्देशीयपत्र निकाल कर सामने रख दिया था.

‘तब तो और भी आसान है, मांजी आ जाएंगी तो तुम्हें खानेपीने की भी सुविधा हो जाएगी और अकेलापन भी नहीं अखरेगा,’ मीना ने छोटी बच्ची की तरह प्रसन्न हो कर कहा.

‘जरा सोचो, विवाह के बाद पहली बार वे लोग आ रहे हैं. तुम चली जाओगी तो उन के मन को कितनी ठेस पहुंचेगी,’ मनोज ने समझाने का प्रयत्न किया.

‘मेरे मातापिता की भावनाओं की भी कुछ चिंता है तुम्हें? मैं उन की इकलौती बेटी हूं. कजरी तीज का व्रत बड़ी धूमधाम से मनाते हैं हम लोग…3 दिन तक उत्सव चलता है. मैं नहीं गई तो मां कितना बुरा मानेंगी,’ मीना तैश में आ गई.

‘हर बार मैं तुम्हारी बात मानता हूं. इस बार मेरी बात मान लो. विवाह की वर्षगांठ आ रही है, सब साथ रहेंगे तो कितना अच्छा लगेगा,’ मनोज ने मिन्नत की.

‘देखो, ट्रेन का समय हो रहा है, व्यर्थ के तर्कवितर्क में उलझने का समय नहीं है. यदि तुम यह समझते होगे कि तुम जोर दे कर मुझे रोक लोगे तो यह बात भूल जाओ. तुम मेरे साथ नहीं चले तो मैं स्वयं ही चली जाऊंगी. स्टेशन तक का मार्ग मुझे भी मालूम है,’ मीना का उत्तर था.

‘तो ठीक है, चली क्यों नहीं जातीं. मेरी भी जान छूटे. मातापिता से इतना ही प्यार था तो विवाह क्यों किया था?’ मनोज क्रोध में इतनी जोर से चीखा कि मीना एक क्षण को तो स्तंभित रह गई. किंतु दूसरे ही क्षण चेहरा क्रोध से लाल हो गया और वह फूटफूट कर रो पड़ी.

2 दिन तक दोनों के बीच मौन छाया रहा. मीना ने खानापीना छोड़ रखा था. मनोज ने मनाने का प्रयत्न किया तो वह और बिफर पड़ी.

‘ठीक है, पहले खाना खा लो. तुम जाना ही चाहती हो तो छोड़ आऊंगा. किसी को जबरदस्ती यहां रोक कर रखने का मेरा कोई इरादा नहीं है और उस से लाभ ही क्या है,’ अंतत: मनोज ने दुखी हो कर हथियार डाल ही दिए थे और मीना सहारनपुर आ गई थी.

6 महीने बीत गए थे. मनोज ने मीना की सुधि नहीं ली थी और मीना को भी जिद थी कि वह बिना बुलाए जाएगी नहीं. किंतु आज उमा भाभी का व्यंग्य उस के सीने को चीरता निकल गया था. वह इतनी नादान भी नहीं थी कि इतनी सी बात भी न समझ पाती. वह फिर सोचने लगी… भाभी की बात सुन कर मां भी चुप रह गई थीं, इस बात ने उसे और अधिक आहत किया था.

पहले भी मां कई बार मीना को खोदखोद कर पूछ चुकी थीं कि इतने दिन बीत गए हैं, मनोज का कोई पत्र क्यों नहीं आया?

‘उन्हें पत्र लिखने की आदत नहीं है, मां,’ वह हंसने का प्रयत्न करती पर हंस न पाती.

किंतु आज इस घटना ने उसे पूर्णत: उद्वेलित कर दिया था. अपने कमरे में वह अकेली बैठी चुपचाप आंसू बहाती रही.

‘‘अरे, मीना, क्या बात है? शाम होने को आई, अभी तक सो रही हो,’’ अचानक उमा ने आ कर कमरे की बत्ती जलाई तो वह चौंक कर उठ बैठी और वर्तमान में आ गई. रोतेरोते कब आंख लग गई थी, वह समझ ही न पाई.

‘‘तबीयत ठीक नहीं है भाभी, बत्ती बुझा दो,’’ वह बोली.

‘‘बुखार तो नहीं है?’’ भाभी ने माथा छूते हुए कहा.

‘‘नहीं, बुखार नहीं, सिर में तेज दर्द है.’’

‘‘सिरदर्द में भी भला कोई इस तरह बिस्तर पर पड़ा रहता है? चलो, एक गोली खा लो और चाय पी लो, दर्द ठीक हो जाएगा. आज तुम्हारी चचेरी बहन सुधा का विवाह है, वहां भी तो जाना है. उठो, तैयार हो जाओ,’’ उमा ने कहा.

‘‘मेरी ओर से सुधा से माफी मांग लेना भाभी. मैं नहीं जा सकूंगी. जी बिलकुल अच्छा नहीं है,’’ मीना की आंखें डबडबा आईं.

‘‘मीना, तुम्हारे सिरदर्द का कारण मैं जानती हूं. सुबह की मेरी बात पर नाराज हो न? उसी समय तुम्हारा चेहरा देख कर मैं अपने मुंह से निकले उस व्यंग्य पर पश्चात्ताप से भर उठी थी. पर क्या करूं, कमान से निकले तीर की तरह मुंह से निकली इस बात को मैं लौटा तो नहीं सकती पर क्या अब तुम यह चाहती हो कि मैं बड़ी हो कर तुम से माफी मांगूं?’’ उमा दुखी स्वर में बोली.

‘‘कैसी बातें करती हो, भाभी. मैं भला तुम्हारी बात का बुरा क्यों मानूंगी?’’ मीना उदास स्वर में बोली.

‘‘क्या तुम सचमुच सोचती हो कि तुम्हारा यहां रहना मुझे बिलकुल अच्छा नहीं लगता?’’ उमा ने कहा.

‘‘मैं ने ऐसा कब कहा, भाभी?’’

‘‘मीना, तुम यहां रहती हो तो घर ज्यादा भराभरा लगता है, पर तुम शायद नहीं जानतीं कि खून का रिश्ता न होते हुए भी मैं तुम्हें हमेशा सुखी देखना चाहती हूं. तुम्हारे चेहरे पर घिरती दुख की छाया अब पूरे परिवार को भी घेरने लगी है.’’

‘‘तो क्या तुम चाहती हो कि मैं जा कर मनोज के पैर पकड़ं ू?’’

‘‘पैर मत पकड़ो, पर कम से कम उस की कुशलता जानने के लिए फोन तो कर सकती हो, पत्र तो लिख सकती हो, उसे भी तो लगे कि उस की पत्नी को उस की चिंता है.’’

‘‘मुझे यहां आए 6 माह हो गए, किसी ने मेरी चिंता की?’’

‘‘किसी न किसी को पहल करनी ही पड़ेगी, मीना. सच बताना, तुम मनोज से लड़ कर आई थीं न?’’

‘‘हां,’’ मीना ने सिर हिलाते हुए आंखें झुका लीं.

‘‘मैं तो उसी दिन तुम्हारा उतरा चेहरा देख कर समझ गई थी और मैं नहीं सोचती कि मां या पिताजी की अनुभवी आंखों से यह तथ्य छिपा रहा होगा. इसीलिए तो लोग कहते हैं कि विवाह के बाद बेटी पराई हो जाती है. सबकुछ जानते हुए भी वे तुम से कुछ नहीं कह सकते और मनोज से संपर्क करने को शायद उन का अहं आड़े आ जाता है,’’ उमा बोली.

‘‘मैं क्या करूं, मेरी तो कुछ समझ में नहीं आ रहा.’’

‘‘मेरी मानो तो इस बात को प्रतिष्ठा का प्रश्न मत बनाओ. ये छोटीछोटी बातें ही वैवाहिक जीवन में विष घोल देती हैं. मनोज और उस के परिवार के लोग भले हैं, पर वे भी शायद हम लोगों की तरह पहल नहीं करना चाहते. अब तो तुम्हें ही निर्णय लेना है कि तुम क्या चाहती हो,’’ उमा ने समझाते हुए कहा.

‘‘तुम दोनों यहां छिपी बैठी हो और मैं सारे घर में ढूंढ़ आई,’’ तभी मांजी आ गईं और दोनों की बातचीत बीच में ही रह गई.

‘‘मीना की तबीयत ठीक नहीं है, मांजी. वह विवाह में नहीं जाना चाहती,’’ उमा ने सास की ओर देखा.

‘‘क्यों, क्या हुआ?’’

‘‘सिर में दर्द है.’’

‘‘अरे, इस का तो चेहरा उतरा हुआ है. ठीक है, तुम्हीं चली जाओ, इसे आराम करने दो.’’

‘‘मैं अकेली नहीं जाऊंगी, मीना नहीं जा रही तो आप चलिए,’’ उमा बोली.

‘‘ठीक है, चलो, मैं चलती हूं. जल्दी तैयार हो जाओ, देर हो रही है.’’

सब के जाते ही मीना उठी. उमा भाभी से बातचीत कर के उस का मन काफी हलका हो गया था. वह दिल्ली मनोज को फोन करने का प्रयत्न करने लगी. पर जब बहुत देर तक संपर्क नहीं हुआ तो उस का मन अजीब सी आशंका से भर उठा. तभी उसे याद आया कि मनोज के पड़ोसी लाल भाई का फोन नंबर उस के पास है. अत: उस ने उन से संपर्क करने का निश्चय किया.

‘‘नमस्ते भाभीजी, मैं मीना बोल रही हूं…मनोज कैसे हैं? काफी दिनों से कोई समाचार नहीं मिला,’’ मीना लाल भाई की पत्नी की आवाज पहचान कर बोली.

‘‘अरे, मीना बोल रही हो? क्या हो गया तुम्हें…इस बार तो मायके जा कर जम ही गईं. यहां आने का नाम ही नहीं ले रहीं?’’

एक क्षण को मीना मौन खड़ी रह गई. किस मुंह से कहे कि वह मनोज की प्रतीक्षा में आंखें बिछाए बैठी है.

‘‘हैलो…’’ लाल भाई की पत्नी पुन: बोलीं.

‘‘जी हां, मैं बोल रही हूं. आवश्यक कार्यवश नहीं आ सकी. बहुत देर से मनोज को फोन करने का प्रयत्न कर रही थी पर मिला ही नहीं…वे कैसे हैं?’’

‘‘कैसे होंगे…तुम्हारी अनुपस्थिति में रंगरलियां मना रहे हैं…हर दूसरे दिन नई लड़की के साथ घूमते नजर आते हैं. मैं ने तो समझाया भी पर कौन सुनता है. तुम ने फोन किया तो मैं ने बता दिया परंतु मेरा नाम मत लेना, व्यर्थ ही मनोज बुरा मानेगा,’’ वे बोलीं.

घर के सदस्य विवाह से लौटे तो मीना अस्तव्यस्त दशा में बैठी थी. चेहरा आंसुओं में भीगा था.

‘‘क्या हुआ, मीना?’’ देखते ही सब ने समवेत स्वर में पूछा.

‘‘मुझे दिल्ली जाना है,’’ वह शून्य में देखती हुई बोली.

‘‘अब इस समय? रात के 12 बजे हैं,’’ भैया आश्चर्यचकित हो बोले.

‘‘पर क्या हुआ?’’ मां उलझन भरे स्वर में बोलीं.

‘‘मुझे यहां भेज कर मनोज रंगरलियां मना रहा है.’’

‘‘तुम्हें कैसे मालूम?’’ पिताजी ने पूछा.

‘‘उन की पड़ोसिन ने बताया. मैं ने फोन किया था.’’

‘‘सुबह चली जाना…इतनी देर में कुछ नहीं बिगड़ेगा. तुम्हारे भैया जा कर छोड़ आएंगे,’’ पिताजी बोले.

वह रात बच्चों को छोड़ कर सब ने आंखों में ही काटी. दूसरे दिन सूर्योदय से पूर्व ही मीना पहली बस पकड़ कर भैया के साथ दिल्ली रवाना हो गई.

दोनों भाईबहन घर पहुंचे तो मनोज तो नहीं था पर उस की मां वहां थीं.

‘‘आप कब आईं, मांजी,’’ अभिवादन के बाद भैया ने पूछा.

‘‘मैं तो 4 महीने से पूरे परिवार को छोड़ कर यहां पड़ी हूं. सोचा था मनोज का विवाह हो गया तो उस की चिंता करने की आवश्यकता नहीं है. पर वह लगभग 4 महीने पहले बहुत बीमार हो गया था और मीना सहारनपुर जा कर ऐसी बैठी कि अपने परिवार को भूल ही गई,’’ मनोज की मां शिकायत भरे स्वर में बोलीं.

‘‘सचमुच गलती मीना की है, मांजी. पर इस बार क्षमा कर दीजिए, नासमझ है. आगे से ऐसी भूल नहीं होगी,’’ भैया बोले.

‘‘कैसी बातें करते हो बेटा. मैं तो प्रसन्न हूं कि घर की लक्ष्मी घर आ गई है. अब अपना घर संभाले और मुझे मुक्ति दे,’’ वे बोलीं.

मनोज काफी रात गए घर लौटा, वह मीना को देख हैरान हो गया.

‘‘यह कोई घर आने का समय है?’’ मीना एकांत पाते ही बोली.

उत्तर में मनोज अपनी हंसी न रोक सका.

‘‘इस में हंसने की क्या बात है?’’ मीना ने नाराजगी से कहा.

‘‘नहीं, हंसने की कोई बात नहीं है पर अब तो रोज ही मुझे इस प्रश्न का उत्तर देने के लिए तैयार रहना पड़ेगा,’’ मनोज बोला.

‘‘मुझे लाल भाई की पत्नी ने सब बता दिया है,’’ मीना ने आंखें तरेरते हुए कहा.

‘‘मुझे भी उन्होंने आज सुबह सब बताया था.’’

‘‘क्या?’’

‘‘यही कि अब तुम्हारे लौटने में अधिक देर नहीं है.’’

‘‘यानी कि उन्होंने सब झूठ कहा था.’’

‘‘यह तो तुम उन्हीं से पूछो.’’

‘‘मैं बिना बुलाए आ गई इसलिए अपनी विजय पर इठला रहे हो.’’

‘‘कैसी बातें कर रही हो मीना, हम दोनों क्या अलग हैं, जो मैं अपमान और सम्मान जैसी ओछी बातें सोचूंगा. तुम अपने घर आई हो, इस में शर्म कैसी? रही बात मेरे वहां आने की तो एक बार लिखा होता या फोन ही कर दिया होता तो मैं सिर के बल दौड़ा आता.’’

‘‘मुझ पर अपना जरा सा भी अधिकार समझते हो तो बिना बुलाए आ सकते थे.’’

‘‘आ सकता था पर सच कहूं?’’

‘‘कहो.’’

‘‘तुम ठहरीं इकलौती बेटी. याद है, मेरे मना करने पर तुम कितने क्रोध में यहां से गई थीं. वहां जाने पर तुम मेरा अपमान कर देतीं और मेरे साथ न आतीं तो शायद मैं सह न पाता.’’

मीना सोच रही थी कि मनोज के विचार कितने सुलझे हुए हैं और एक वह है जिस ने अपनी हठधर्मी के कारण सब के जीवन में विष घोल दिया. वह तो उमा भाभी ने बचा लिया, नहीं तो शायद पछतावे के अतिरिक्त कुछ भी हाथ न लगता.

Yeh Rishta Kya Kehlata Hai : अपने बच्चे के खोने के गम में बौखलाएगी रूही, लेगी खुद की जान?

टीवी सीरियल ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ (Yeh Rishta Kya Kehlata Hai) अपने नए ट्विस्ट एंड टर्न से दर्शकों को अपनी तरफ आकर्षित कर रहा है, शो की कहानी में फिलहाल अभिरा और रूही का ट्रैक चल रहा है. पोद्दार फैमिली में जश्न का महौल है, वे लोग आने वाले बच्चे का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं.

शो के बिते एपिसोड में अब तक आपने देखा कि कावेरी अभिरा और रूही के बेबी शावर का आयोजन करती है.दूसरी तरफ अरमान इतना ऐक्साइटेड है कि वह अपने भाई के साथ बच्चों के डायपर बदलना सीखता है.

गुस्से में रूही के साथ होगा बड़ा हादसा

शो में ये भी दिखाया गया इसी बीच अभिरा की तबियत खराब हो जाती है. परिवार के सभी लोग अभिरा का ख्याल रखने में लग जाते हैं, दूसरी तरफ रूही ये सब देखकर आगबबूला हो जाती है और वह घर छोड़कर चली जाती है. इतना ही नहीं रूही ये भी फैसला करती है कि वह अपने बच्चे की डिलीवरी अकेले करवाएगी. इसी बीच रूही के साथ एक हादसा होगा.

इलाज के दौरान अपने बच्चे को खो देगी रूही

ये रिश्ता क्या कहलाता है (Yeh Rishta Kya Kehlata Hai) के अपकमिंग एपिसोड में आप देखेंगे कि रास्ते में रूही का एक्सीडेंट हो जाएगा और गंभीर हालत में उसे अस्पताल में भर्ती करवाया जाएगा. इलाज के दौरान रूही अपने बच्चे को खो देगी.

सीरियल में आएगा जनरेशन लीप?

जैसे उसे अपने बच्चे की मरने की बात पता चलेगी. वह बुरी तरह टूट जाएगी और परिवार को बड़ा झटका लगेगा. अपने बच्चे को खोने के बाद रूही अपनी जिंदगी खत्म करने का फैसला लेगी. तो दूसरी तरफ मां बनने के बाद अभिरा काफी इमोशनल हो जाएगी. अरमान अभिरा का बहुत ख्याल रखेगे. सीरियल गौसिप के अनुसार शो के मेकर्स अभिरा की कहानी को खत्म करने वाले हैं. रिपोर्ट्स के अनुसार, इस सीरियल में जनरेशन लीप देखने को मिलेगा.

‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ के पिछले एपिसोड में दिखाया गया कि अभिरा की प्रेग्नेंसी की खबर से परिवार वाले बहुत खुश हैं. अरमान की मां विद्दा अपने बेटे और अभिरा की सलामती के लिए  दुआ करती है. वह अभिरा के आने वाले बच्चे के लिए चोरीछिपे एक स्वैटर भी बनाती है. दूसरी तरफ रूही अपने हरकतों से बाज नहीं आती और गुस्से में स्वैटर को बर्बाद कर देती है. इसके बाद वह अपने पति से भी झगड़ा करती है.

कोने वाली टेबल: क्या सुमित को मिली उसकी चाहत

ठाणे में सब से बड़ा मौल है, विवियाना मौल. काफी बड़ा और सुंदर. एक से एक ब्रैंडेड शोरूम हैं. जब से यह मौल बना है, ठाणे में रहने वालों को हाई क्लास शौपिंग के लिए बांद्रा नहीं भागना पड़ता. वीकैंड में टाइम पास करने वालों की यह प्रिय जगह है. थर्डफ्लोर पर बढ़िया फ़ूड कोर्ट है. वैसे, हर फ्लोर पर बहुत ही क्लासी रैस्त्रां हैं, उन में से एक है, येलो चिल्ली. यह मशहूर सैलिब्रिटी शेफ संजीव कपूर की फ़ूडचेन का पार्ट है.

येलो चिल्ली की कोने वाली टेबल पर 30 वर्षीया लकी बहुत देर से बैठी फ्रैश लाइम वाटर पी रही है. उसे इंतज़ार है सुमित का. बस फोटो ही देखी है उस ने सुमित की. अपने घर वालों के कहने पर दोनों आज पहली बार अकेले मिल रहे हैं. सुमित अंदर आया, लकी ध्यान से सुमित को देख रही थी.

सुमित ने इधरउधर देखा, सीधा लकी के पास आ कर ‘हैलो’ बोला और अपना बैग दूसरी खाली पड़ी चेयर पर रखता हुआ बैठ गया. पूछ लिया, “आप इतने ध्यान से क्या देखने की कोशिश कर रही हैं?”

“देख रही हूं, टौल, डार्क एंड हैंडसम वाले कौन्सैप्ट पर कितना फिट बैठते हो.”

सुमित हंस पड़ा, तो क्या देखासुना-

“सब बकवास है, पता नहीं किस ने यह लाइन बना दी. लड़कियां फ़ालतू में टौल, डार्क एंड हैंडसम लड़कों की कल्पना करकर के अपना टाइम खराब करती हैं. अरे, क्या फर्क पड़ जाएगा अगर लड़का गोरा हो गया तो, या न हो लंबा? क्या करना है, सब अमिताभ बच्चन हो सकते हैं क्या? और हैंडसम होने की परिभाषा तो सब की अपनीअपनी अलग होती है न…

सुमित बहुत ही ध्यान से लकी को देखने लगा, लड़की है या तोप का गोला, किस बात पर इतनी भरी बैठी है. अभी तो आ कर बैठा ही हूं और यह तो शुरू हो गई. लकी अब मैन्यू कार्ड देखने लगी थी.

सुमित को लगा यही मौका है इसे ध्यान से देख लूं. वाइट जंप सूट में पोनीटेल बनाए, सुंदर सा चेहरा, अच्छा लग रहा था.

लकी ने कहा, “पहले और्डर दे दें? मुझे भूख लगी है, भूख के आगे मुझे कुछ नहीं सूझता. मेरा पेट भरा होना चाहिए, तभी मुझ से ठीक से बात हो पाती है.’’

सुमित ने कहा, “हां, हां, और्डर करते हैं, बताओ, क्या खाओगी?”

आप अपनी पसंद बताएं, मुझे यहां के छोलेभठूरे अच्छे लगते हैं, जब भी आती हूं, वही खाती हूं.’’

“मैं भी वही खा लूंगा.”

“क्यों, अपनी कोई पसंद नहीं आप की?”

“मैं तो सबकुछ खा लेता हूं, जो सामने दोस्त खा रहे होते हैं, मैं उस में खुश हो जाता हूं.”

“मुझे आप ने दोस्त मान लिया, पहली बार तो मिले हैं?”

सुमित चुप रहा, वेटर आया तो लकी ने कहा, “एक प्लेट छोलेभठूरे, एक प्लेट दहीकबाब, एक प्लेट पनीरटिक्का.”

वेटर के जाने के बाद सुमित ने हैरानी से कहा, “क्याक्या मंगवा लिया?”

लकी ने मुसकरा कर कहा, “मुझे बहुत सारी चीजें और्डर करना अच्छा लगता है, फिर एकदूसरे के साथ शेयर कर के ज्यादा चीजें खाई जा सकती हैं. असल में, आई एम अ बिग फूडी. नहीं तो अभी एकएक प्लेट छोलेभठूरे ही खा पाते, अब और भी चीजें खा सकते हैं. यह ठीक रहता है न.”

“लकी जी, मैं ने कभी और्डर को ले कर इतना सोचा नहीं.”

“आप कितने साल के हैं? सही वाली उम्र बताना, सर्टिफिकेट वाली नहीं.”

“30’’

“मैं भी 30. तो फिर बात करते हुए ये आप, आप, जी, लगाना बंद करें क्या? बोरिंग हो रहा है.’’

“अच्छा रहेगा.’’

“सुनो, तुम सचमुच शादी करना चाहते हो?”

“अभी नहीं, पर घर वाले बहुत जोर डाल रहे हैं.’’

“मेरे साथ भी यही प्रौब्लम है. अभी तो जौब में सेट हुई हूं, सोचा था थोड़ा घूमूंगी, फिरूंगी. मुझे नईनई जगहें देखने का बहुत शौक है. पर एक तो घर वाले और ऊपर से रिश्तेदार, चैन नहीं लेने दे रहे. और मुझे लगता है मेरी किसी से बनेगी भी नहीं, गलत बात किसी की जरा भी सहन नहीं होती, झगड़ा हो जाता है. मुझे गुस्सा भी बहुत आता है. तुम बताओ, क्यों कर रहे हो शादी? तुम तो लड़के हो, तुम्हें तो इतने फायदे हैं, कुछ भी कह सकते हो?”

“बस, मम्मीपापा ने रट लगा रखी है कि तुम शादी करो तो छोटे भाई का नंबर आए.”

“पर तुम्हारे शादी न करने की क्या वजह है?”

“बस, अभी मूड नहीं है.’’

“कोई अफेयर चल रहा है या ब्रेकअप हुआ है?”

“ब्रेकअप हुआ है.’’

“तो उस का गम मनाना चाहते हो?”

“नहीं, अब क्या गम मनाना, 2 महीने हो गए इस बात को.’’

“ब्रेकअप क्यों हुआ?”

इतने में वेटर ने खाना ला कर रखा तो लकी ने कहा, “चलो, खाने पर टूट पड़ती हूं, तुम्हारी सैड स्टोरी बाद में सुनती हूं, टैस्टी चीजों का मजा खराब नहीं करना चाहती.’’

सुमित मुसकरा दिया तो लकी ने कहा, “तुम कम बोलते हो क्या या ब्रेकअप के बाद लड़की से बात करने का कौन्फिडैंस ख़त्म हो गया?”

“हां, हो सकता है, जरा मूड कम ही होता है हंसनेबोलने का.”

“क्या बढ़िया छोले बने हैं, वाह, मजा आ गया. मेरी मम्मी भी छोले बनाती तो हैं अच्छे, पर यहां जैसे थोड़े ही बनते हैं घर पर, है न?”

“हां, अच्छा लग रहा है खाना.”

“तुम्हें पता है जब भी मैं विवियाना आती हूं, चाहे टाइम जो भी हो रहा हो, ये दहीकबाब जरूर खाती हूं. तुम नौनवेज खाते हो?”

“हां, तुम?”

“बाहर दोस्तों के साथ खाती हूं, घर वालों को नहीं पता है. तुम सिगरेट पीते हो?”

“हां, कभीकभी. तुम भी पीती हो क्या?”

“एकदो बार पी, मजा नहीं आया, फिर नहीं पी. शराब?”

“घर वालों को नहीं पता, कभीकभी किसी पार्टी में पीता हूं और फिर किसी दोस्त के घर पर ही रुक जाता हूं.”

“सुनो, एक काम करोगे, अपने घर वालों से कह देना कि मैं मिलने आई ही नहीं थी, मुझे नहीं करनी शादी अभी. अपने घर वालों से मैं निबट लूंगी. उन्हें पता चलना चाहिए कि जबरदस्ती करेंगे तो मैं किसी लड़के से मिलने जाऊंगी ही नहीं. मैं ने पहले 2 लड़कों को तो दूर से देखते ही रास्ता बदल लिया था, मिलने ही नहीं गई थी. मेरे घर वाले भी थकते नहीं मेरी बदतमीजी से.’’

“तो, आज मुझ से क्यों मिलीं?”

“बोर हो रही थी, यहां लंच का मूड हो गया.’’

“कोई बौयफ्रैंड है?”

“अभी तो नहीं है.’’

“कब था?”

“एक साल पहले.’’

“ब्रेकअप क्यों हुआ?”

“अपनी ज्यादा चलाता था, हर बात में रोकटोक करने लगा था, फिर मेरे गुस्से को झेल नहीं पाया. तुम्हें बताया न, कि मुझे बहुत गुस्सा आता है.’’

खाना हो चुका था. लकी ने वेटर को बिल लाने का इशारा किया. सुमित अपना वौलेट निकालने लगा तो लकी ने कहा, “मैं पे करूंगी.’’

“प्लीज, मुझे करने दो.’’

“क्यों?”

“मुझे अच्छा नहीं लगेगा, मुझे करने दो.’’

“नहीं, मेरा मन है.’’

“ओके, अगली बार करने दोगी?”

“हम मिल रहे हैं दोबारा?”

“तुम बताओ?’’

“मुश्किल है.’’

“अच्छा, ठीक है, जैसे तुम्हारी मरजी.’’

खाना खा कर दोनों बाहर निकले, तो लकी ने कहा, “जल्दी है जाने की?”

“नहीं, कुछ काम है?”

“बस, एक ब्लैक पैंट लेनी है ज़ारा से. ले लूं, फिर साथ ही निकलते हैं,” ग्राउंडफ्लोर तक आतेआते लकी ने पूछा, “अरे, तुम ने बताया नहीं, तुम्हारा ब्रेकअप क्यों हुआ था?”

“वह बहुत शक्की थी. किसी से भी बात करता, कहीं भी मैं जाता, बहुत सारे सवालों के साथ शक करती. फिर चैक करती कि कहीं मैं ने झूठ तो नहीं बोला. पूछताछ करती सब से. मुझे लगा, जब रिश्ते में विश्वास ही नहीं तो सब बेकार है.”

“औफिस कहां है तुम्हारा?”

“अंधेरी में.’’

“और तुम्हारा?”

“अंधेरी.’’

“अरे, वाह, कैसे जाती हो?”

“एसी बस से. तुम कैसे जाते हो?”

“कार से.”

“बढ़िया.’’

‘ज़ारा’ शोरूम में अपना बैग सुमित को पकड़ा लकी ने जल्दी से पैंट ट्राई कर के ले ली, तो सुमित ने हंसते हुए कहा-

“इतनी जल्दी ले ली? लड़कियां तो शौपिंग में बहुत टाइम लगाने के लिए मशहूर हैं?’’

“मुझे शौपिंग में टाइम खराब करना पसंद नहीं. काम की चीजें लेती हूं और निकलती हूं, ट्रायल रूम की भीड़ से तबीयत घबरा जाती है मेरी. चलो, निकलते हैं, अब. अच्छा लगा मिल कर.”

“हां, अच्छा तो लगा मुझे भी, कैसे आई हो?”

“औटो से. वैसे, मैं ने कार ले ली है, एकदो दिन में डिलीवरी होने वाली है. मैं बहुत एक्ससाइटेड हूं अपनी कार के लिए.”

“यह तो बड़ी ख़ुशी की बात है. अपनी कार की एक पार्टी तो बनती है,” सुमित सचमुच बहुत खुश हुआ था सुन कर.

“पार्टी चाहिए तुम्हें कार की?’’

“तुम्हारा मन हो तो मैं दूं तुम्हें तुम्हारी कार की पार्टी? जब कार आ जाए तो तुम्हारी कार से मरीन ड्राइव चलेंगे. वहीं पिज़्ज़ा एक्सप्रैस में पिज़्ज़ा खिलाऊंगा तुम्हें? बोलो, चलोगी?”

“प्रोग्राम तो अच्छा सोच रहे हो तुम? कहीं तुम्हें मैं पसंद तो नहीं आ गई? देखो, मेरा शादी का कोई मूड नहीं है अभी.”

“अरे बाबा, मुझे भी नहीं करनी है शादी, इसलिए तुम्हारे साथ थोड़ा ठीक लग रहा है.’’

“ठीक है, लाओ फोन नंबर दो अपना, कार आने पर तुम्हें फोन करूंगी, चलेंगे घूमने. और याद रखना, अपने घर वालों को कहना कि मैं मिली ही नहीं.”

“ठीक है.’’

अपने घर से थोड़ा दूर ही सुमित की कार से उतरते हुए लकी ने कहा, “अरे, यह तो बताओ, तुम्हारा अपनी गर्लफ्रैंडफ्रेंड के साथ सैक्स भी चलता था?”

“हां, और तुम्हारा?”

“हां, चलो, बाय, मिलते हैं फिर, कार आने पर.’’

घर जा कर दोनों ने झूठ बोल दिया कि वे आपस में मिले ही नहीं, लकी डांट खाती रही, सुमित के घरवाले दूसरी लड़कियों के बारे में अपनी राय देने लगे. लकी और सुमित ने फोन नंबर होने पर भी एकदूसरे से कोई बात न की, न कोई मैसेज भेजा. जिस दिन लकी की कार आई, लकी ने सुमित को फोन किया, “मरीन ड्राइव चलना है?”

“हां, संडे को शाम 5 बजे निकलेंगे. अपना ऐड्रेस भेज रहा हूं, मुझे लेने आ जाना.’’

संडे तक का टाइम दोनों ने वैसा ही बिताया जैसा दोनों का रूटीन था. संडे शाम को सुमित वर्तक नगर की नीलकंठ सोसाइटी में अपनी बिल्डिंग के बाहर ही मिल गया, सीट बेल्ट बांधते हुए सुमित ने कहा, “कलर सुंदर है कार का, ब्लू कलर मुझे भी पसंद है. कैसा लग रहा है अपनी कार चलाना?”

“बढ़िया. मैं कार चला रही हूं, तुम्हारी मेल ईगो तो नहीं हर्ट हो रही है?”

“नहीं, आराम मिल रहा है, थक जाता हूं रोज ड्राइविंग से, आज मजे से बैठ कर जाऊंगा.’’

शाम बहुत सुंदर लगी आज दोनों को. जाने कितनी बातें होती रहीं. दोनों हैरान से एक किनारे साथ घूमते हुए बीचबीच में समुद्र की लहरें देखने के लिए खड़े हो जाते, हलकेहलके सुरमई से अंधेरे में समुद्र किनारे बनी चट्टानों के पास की दीवारों पर बैठे युवा जोड़े चहक रहे थे. कुछ एकदूसरे की कमर में हाथ डाले एकदूसरे में यों खोए थे कि जैसे किसी बात का उन पर असर नहीं. चाहे उन्हें कोई भी देख रहा हो, चाहे कोई कुछ भी सोच रहा हो. मुंबई में इन जगहों में ये सीन बहुत ही आम हैं. बाहर से आए लोग जल्दी इन सीन को हजम नहीं कर पाते. ऐसे प्रेमियों को बेशर्मों का तमगा तुरंत थमा दिया जाता है.

पिज़्ज़ा एक्सप्रैस में पिज़्ज़ा खाते हुए लकी ने कहा, “सुनो, तुम मुझे वैसे तो ठीक ही लग रहे हो, क्या कहते हो, एकदो बार और टाइम साथ बिताते हैं. दिल हां कर रहा हो, तो शादी कर ही लें क्या?”

सुमित हंसा, बोला, “इतनी जल्दी मूड चेंज हो गया?”

“हां, सोच रही हूं, कर ही लूं. साथ की लड़कियों की भी शादी हो गई है. अकेले ऐसी जगह घूमना छूटता जा रहा है. आज कई दिनों बाद ऐसे शाम बिताई, अच्छा लगा. कोई बौयफ्रैंड फिर बनाऊं, न पटे तो फिर ब्रेकअप हो. फिर मूड खराब हो, इस से अच्छा है कि तुम से शादी कर लूं, साथ घूमने वाला साथी भी मिल जाएगा. बोलो, क्या कहते हो?”

“मैं भी सोच रहा हूं कि तुम से ही कर लूं शादी. तुम कार चलाया करोगी तो मुझे भी आराम हो जाएगा. तुम शौपिंग में बोर भी नहीं करोगी. सो, तुम भी मुझे लग तो ठीक ही रही हो. ठीक है, थोड़ा और मिलते हैं, फिर कर ही लेते हैं शादी.”

दोनों जोर से हंस दिए. फिर वही हुआ जो दोनों ने बिलकुल भी नहीं सोचा था. अगले महीने ही दोनों की शादी हो गई, धूमधाम से. और दोनों अकसर विवियाना मौल में येलो चिल्ली की उसी कोने वाली टेबल पर डिनर करने जरूर जाते हैं. दोनों को ही उस कोने वाली टेबल से कुछ इश्क सा हो गया है!

लिप्स ही नहीं, आई मेकअप रिमूवर के लिए भी कर सकती हैं वैसलीन का इस्तेमाल, जानें कैसे?

लेखिका- दीप्ति गुप्ता

पेट्रोलियम जेली यानी वैसलीन के बारे में तो आप सभी जानते होंगे. यह अलगअलग वैक्स और मिनरल औयल का मिश्रण है, जो शरीर के तापमान पर पिघलता और नमी को बरकरार रखता है. वैसे तो आमतौर पर वैसलीन को ठंड के दिनों में रूखी त्वचा , फटे होठों के लिए सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन क्या आपने कभी अपने मेकअप रूटीन में वैसलीन का इस्तेमाल किया है. अगर नहीं, तो हम आपको बता दें कि वैसलीन का उपयोग आप एक आई मेकअप रिमूवर के तौर पर भी कर सकते हैं. जी  हां, वैसलीन में वे सभी हाइड्रेटिंग गुण हैं, जे हमारे होठों को चमकाने से लेकर भौहों और पलकों को आकर्षक लुक दे सकते हैं. यह न केवल आंखों का मेकअप हटाने में मदद करती है , बल्कि त्वचा को हाइड्रेट रखने के भी कामआती है. वैसलीन उन महिलाओं के लिए सबसे अच्छा ऑप्शन है, जो सुंदर तो दिखना चाहती हैं, लेकिन ऐसा करने के लिए बहुत ज्यादा खर्च करने पर यकीन नहीं करतीं. तो आइए हम आपको बताते हैं कि आप अपनी आंखों के मेकअप के लिए वैसलीन का इस्तेमाल आखिर कैसे कर सकते हैं.

वैसलीन से आंखों का मेकअप हटाना-

– अपने मेकअप की गलती को ठीक करने के लिए कॉटन बॉल्स पर वैसलीन की एक पतली परत लगाएं और आंखों का मेकअप मिटा दें.

– आंखों का मेकअप पूरी तरह से हटाने के लिए अपनी उंगली पर थोड़ी सी वैसलीन  लें और आंखों के क्षेत्र में तब तक मालिश करें जब तक की सारा मेकअप उतर ना जाए.

आई मेकअप रिमूवर के रूप में वैसलीन का उपयोग क्यों करना चाहिए-

– हाइड्रेशन की जरूरत वाले लोगों के लिए यह सस्ती जैल आपकी आंखों यहां तक की आपकी त्वचा को मॉइस्चराइज, मुलायम और चिकना करने में मदद कर सकती है. इतना ही नहीं वैसलीन आपकी आंखों अकी नमी को बरकरार  रखते हुए उम्र को बढऩे से रोकती है.

– बाजार में आसानी से मिलने वाली वैसलीन की वजह से त्वचा में किसी भी प्रकार का रिएक्शन होने के चांसेस बहुत कम होते हैं.

– वॉटरप्रूफ सहित सभी आंखों का मेकअप इसका उपयोग करके आसानी से हटाया जा सकता है.

– अगर आप इसे रोजाना अपनी पलकों पर लगाएंगे, तो वैसलीन आपकी पलकों को घना बना सकती है.

आईमेकअप के रूप में वैसलीन का उपयोग कैसे करें-

– अपने पाउडर आईशैडो को क्रीमी बनाने के लिए पाउडर को थोड़ी मात्रा में पेट्रोलियम जेली के साथ मिलाएं.

– अपनी आंखों के नीचे मॉइस्चरइज करें. किसी भी जगह पर वैस्लीन लगाने के बाद अपनी आंखों के नीचे भी एक लेयर लगा लें.

– पलकों पर वैसलीन की थोड़ी मात्रा लगाकर देखें. यह आपकी आंखों को हाईलाइट करने में मदद करेगी.

– परफेक्ट वेट आई मेकअप लुक पाने के लिए आई प्राइमर लगाने से पहले बहुत कम मात्रा में वैसलीन लगा लें.

– अपना आईशैडो लगाने से पहले अपनी पलकों पर वैसलीन की बहुत कम मात्रा फैलाएं. आपकी आंखों का लुक बहुत  रिच और वाइब्रेंट दिखेगा.

– बोहों को मोटा और लंबा दिखाने के लिए भी आप वैसलीन का इस्तेमाल आईमेकअप के रूप में कर सकते हैं.

– यदि आप अपनी आंखों का मकेअप करने के बाद ज्यादा नेचुरल दिखना चाहते हैं , तो अपने आईशैडो के रूप में वैसलीन का उपयोग करना चाहिए. कलरलेस होने के कारण वैसलीन एक ओस जैसी चमक देती है.

बिना किसी साइड इफेक्ट के और इतनी कम कीमत पर वैसलीन वास्तव में सबसे अच्छे आईमेकअप रिमूवर में से एक  है. वैसलीन के ढेरों फायदे तो आपके यहां जान लिए, लेकिन इसे लगाते वक्त ध्यान रखें कि यह आपकी आंखों में न जाने पाए. अगर गलती से यह आपकी आंखों में चली भी जाए तो तुरंत गर्म पानी से धो लें.

जब वर्जिन हो गर्लफ्रैंड, तो रखें कुछ खास बातों का ख्याल

नेहा और सोहन की दोस्ती को अभी 2 महीने ही हुए थे कि सोहन उसे बातबात में टच करने की कोशिश करता. जब उसे यह बात पता चली कि नेहा वर्जिन है, तो वह उसे बहाने से एकांत में, होटल वगैरा में ले जा कर सैक्स करने को उत्तेजित करता.

सोहन की यह बात नेहा को पसंद न आई औैर उस ने साफ कह दिया कि मेरे लिए सैक्स शादी के बाद ही उचित है. यह बात सुन सोहन भड़क उठा, क्योंकि उस के दोस्त भी उस का मजाक बनाते थे कि यार तू कैसा लड़का है जो अपनी गर्लफ्रैंड को इतने समय में भी सैक्स के लिए राजी नहीं कर पाया. ऐसे में उस ने बिना सोचेसमझे नेहा से ब्रेकअप कर लिया.

ऐसा सिर्फ नेहा औैर सोहन के साथ ही नहीं बल्कि अधिकांश युवकों के साथ होता है, क्योंकि उन के लिए प्यार के माने गर्लफ्रैंड से सैक्स है. ऐसे में जब आप को पता चले कि आप की गर्लफ्रैंड वर्जिन है तो उस पर जबरदस्ती वर्जिनिटी तोड़ने का दबाव न डालें औैर न ही खुद किसी दबाव में आएं बल्कि संयम बरतते हुए उसे वक्त दें ताकि वह तैयार हो जाए, आपसी सहमति से रिलेशन बनाने के लिए.

जब गर्लफ्रैंड हो वर्जिन

रखें खुद पर संयम

गर्लफ्रैंड वर्जिन हो और आप का खुद पर कंट्रोल मुश्किल हो रहा हो तो भी आप को संयम बरतना होगा. ऐसा न हो कि मौका मिलते ही चालू हो जाएं. भले ही आप के लिए यह पहला मौका नहीं है लेकिन आप की गर्लफ्रैंड का यह पहला चांस है. ऐसे में उसे चीजों को समझने में वक्त लगेगा और आप को भी उस की फीलिंग्स की कद्र करनी पडे़गी, तभी यह रिश्ता लंबे समय तक चल पाएगा.

बातोंबातों में प्यार दें

अपनी गर्लफ्रैंड को कभी प्यार से हग करें तो कभी उस के गालों पर किस करें, जब वह आप के प्रति करीबी महसूस करने लगे तो उसे समझाएं कि यह भी खूबसूरत एहसास है.

वर्जिन गर्लफ्रैंड से न करें सैक्स

वर्जिन गर्लफ्रैंड के साथ सैक्स करने में उसे हर्ट हो सकता है, जिस कारण वह दोबारा कभी सैक्स करने की हिम्मत नहीं जुटा पाएगी. अत: गर्लफ्रैंड के साथ सैक्स करने की जिद न करें.

वर्जिन गर्लफ्रैंड को न समझें दब्बू

बातबात पर उसे यह कह कर नीचा दिखाने की कोशिश न करें कि यार तेरे तो कुछ बस का ही नहीं है, तभी तो तू आज तक वर्जिन है. हर समय डरती रहती है. तू तो मुझे खुश करने के लिए कुछ भी नहीं करती जबकि रेखा को देख वह अपने बौयफ्रैंड के लिए कुछ भी करने को तैयार रहती है. तू तो हमेशा ऐसे ही ढीलीढाली बनी रहेगी.

आप की ऐसी बातें सुन कर जहां वह दुखी होगी वहीं आप से दूरी भी बना लेगी.

ड्रिंक पिला कर न करें जबरदस्ती

आप की गर्लफ्रैंड अभी रिलेशन बनाने के मूड में नहीं है, लेकिन आप उस पर बारबार दबाव डाल रहे हैं. ऐसे में अपने ऐंजौयमैंट के लिए आप नशीला ड्रिंक पिला कर उस के साथ जबरदस्ती करने लगेंगे तो इस से भले ही आप को कुछ पल का मजा मिल जाए, लेकिन यह मजा आप के लिए हमेशा की सजा भी बन जाएगा. इसलिए भूल कर भी यह गलती न करें.

वर्जिनिटी को न बनाएं इश्यू

आप की गर्लफ्रैंड वर्जिन नहीं है तो इस का अर्थ यह नहीं कि सैक्स के दौरान ब्रेकअप कर बैठें, जो ठीक नहीं है.

वर्जिनिटी की तय दकियानूसी बातें जैसे झिल्ली फटना आज के संदर्भ में महत्त्व नहीं रखतीं. आज युवतियां हर तरह के इवैंट्स में भाग लेती हैं. उन्हें स्वयं ही पता नहीं चलता कि कब उन की झिल्ली फट गई. इसलिए इन बातों को आधार बना कर अपनी प्रेम लाइफ को कष्टकारी न बनाएं.

वर्जिनिटी न पड़ जाए भारी

आप किसी पार्टी में गए हुए हैं और वहां आप की मुलाकात किसी ऐसी युवती से हो जाए जो वर्जिन हो. यह बात आप को उस से बात करने के दौरान पता चले औैर यह सुन कर ही आप उस से इंप्रैस हो कर उसे अपनी गर्लफ्रैंड बनाने का औफर दे डालें तो यह आप की सब से बड़ी भूल होगी.

हो सकता है कि वह अपने वर्जिन होने के ढोंग से आप को अपनी ओर आकर्षित करना चाह रही हो, जबकि इस के पीछे मकसद आप को फंसाना हो.

पोर्न वीडियोज देख कर न हों उत्तेजित

भले ही आप को सैक्स के बारे में नौलेज नहीं है, लेकिन बौयफ्रैंड को इंप्रैस करने के चक्कर में यदि आप पोर्न वीडियोज देखने लगें, तो इस का आप पर भी गलत प्रभाव पड़ेगा, क्योंकि इस में पार्टनर के साथ दिखाए गए अधिकांश ऐक्शंस वास्तविक नहीं होते, लेकिन अगर आप इन्हें अपनी वास्तविक सैक्स लाइफ में अप्लाई करेंगे तो इन से आप को नुकसान उठाना पड़ सकता है.

युवतियां वर्जिनिटी को न बनाएं पार्टनर की कमजोरी

बातबात पर पार्टनर को यह कहना कि तुम्हें मुझ जैसी वर्जिन गर्लफ्रैंड कभी नहीं मिलेगी औैर यह कह कर हर बार फरमाइशों की लिस्ट उस के सामने न रख दें. ऐसे में आप का बौयफ्रैंड भले ही थोड़े समय के लिए आप की मांगों को पूरा कर दे लेकिन एक वक्त ऐसा आएगा जब वह आप से दूर जाने में ही भलाई समझेगा. इसलिए अगर आप का पार्टनर आप से सच्चे दिल से प्यार करता है तो उस की कद्र करें न कि उसे अपनी वर्जिनिटी से ब्लैकमेल करने की कोशिश करें.

Winter Special : स्वाद के साथ सेहत से भरपूर है अंडे, फटाफट तैयार करें इससे टैस्टी Sandwich

सुबह का खाना यानी ब्रेकफास्ट करना बेहद जरूरी है लेकिन यह अक्सर मिस हो जाता है क्योंकि सुबह-सुबह इतना टाइम नहीं मिल पाता. हम आपको बताने जा रहे हैं, झट से तैयार होने वाले हेल्दी टेस्टी ऐग सैंडविच की रेसिपी…

सामग्री (2 सैन्डविच बनाने के लिए)

ब्रेड स्लाइस- 4 (ब्राउन ब्रेड भी ले सकते हैं)

उबले हुए अंडे- 2 अच्छी तरह से चॉप किए गए

मेयोनिज या बटर- 4 टेबलस्पून

रेड चिली फ्लेक्स- 1/2 टेबलस्पून

स्वादानुसार नमक

स्वादानुसार काली मिर्च पाउडर

घी

हरी मिर्च (बारीक कटी हुई)

सलाद

टमाटर- 1( पतली स्लाइस)

हरा प्याज- 1/4 (बारीक कटा हुआ)

प्याज- 1 (पतली स्लाइस)

बनाने की विधि

– उबले अंडे, मेयोनिज, रेड चिली फ्लेक्स, स्वादानुसार नमक, हरी मिर्च (अगर आपको तीखा पसंद है) और स्वादानुसार काली मिर्च पाउडर को एक बोल में डालकर मिक्स कर लें.

– इस मसाले को 2 ब्रेड स्लाइसेस पर फैलाएं

– स्टफिंग के ऊपर टमाटर, प्याज और हरे प्याज की स्लाइस लगाएं.

– अब दूसरी स्लाइस से स्टफिंग को कवर कर लें.

– मंद आंच पर तवा गर्म करिए

– सैन्डविच को तवे पर रखिए और किनारों पर हल्का सा घी लगाएं.

– 30 सेकंड के लिए कुक करें और फिर प्लेट में रख लें.

आपका टेस्टी ऐग सैन्डविच तैयार है.

Winter Special: सर्दियों में महिलाएं रखें अपनी सेहत का ख्याल, शरीर को दें बेहतर पोषण

लेखिका- दीप्ति गुप्ता

सर्दियों का मौसम हमारी दिनचर्या में कई तरह के बदलाव लेकर आता है. खाने-पीने से लेकर हमारी सोने तक का रूटीन बहुत गड़बड़ा जाता है, जिसका असर हमारे स्वास्थ्य पर पड़ता है. अगर आप एक महिला हैं, तो सर्दियों के मौसम में आपको अपने परिवार के साथ खुद की देखभाल करने की भी जरूरत है. दरअसल, इस मौसम में महिलाएं अपने पोषण पर ध्यान नहीं देती . विशेषज्ञ कहते हैं कि किसी व्यक्ति की पोषण संबंधी जरूरतें मौसम के आधार पर अलग होती हैं. इसलिए शरीर को हर मौसम में हर तरह के पोषक तत्व प्रदान करना आपकी जिम्मेदारी है. इसलिए अपने आहार में ऐसे खाद्य पदार्थों को शामिल करना चाहिए, जो पोषक तत्वों से भरपूर हों. यहां हम आपको ऐसे पोषण संबंधी टिप्स बता रहे हैं, जिससे शरीर में पोषण की कमी दूर हो जाएगी और आप एक खुश और स्वस्थ सर्दी का आनंद ले सकेंगे.

विटामिन -सी का सेवन करें

यह जादुई विटामिन अपनी एंटीऑक्सीडेंट गुणों के लिए जाना जाता है, जो सर्दियों के लिए जरूरी भी है. खट्टे फल जैसे संतरे, नींबू , कीवी, पपीता, अमरूद में पाया जाने वाला विटामिन सी हमारी त्वचा को स्वस्थ और चमकदार बनाए रखने में मदद करता है. इस वंडर विटामिन का एक और फायदा यह है कि यह हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है. इस मौसम में बीमारियों से बचने के लिए अपने आहार में विटामिन -सी का सेवन बढ़ाएं.

हरी सब्जियां खाएं

सर्दियों का मौसम हरी पत्तेदार सब्जियों के लिए जाना जाता है. हरी सब्जियां कई एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन से भरपूर होती हैं. यह हमारे शरीर के कार्य के लिए बहुत जरूरी हैं. इसमें मौजूद प्रोटीन, विटामिन, मिनरल और आयरन कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का घरेलू उपचार हैं. इसलिए इन दिनों में महिलाओं को अपने आहार में हरी सब्जियों को जरूर शामिल करना चाहिए.

दूध और चाय में करें मसालों का उपयोग

केसर, हल्दी, दालचीनी और इलायची जैसे भारतीय मसाले सर्दियों के लिए बहुत अच्छे माने जाते हैं. इन सभी मसालों की तासीर गर्म होती है, जिसके सेवन से शरीर को गर्माहट मिलती है. इसके अलावा सर्दी और फ्लू जैसी सामान्य मौसमी बीमारियों से बचने के लिए इन मसालों का सेवन जरूरी है. इनका इस्तेमाल आप चाय या हल्दी के दूध में मिलाकर कर सकते हैं.

सूखे मेवे खाएं-

सूखे मेवे भी ठंड और शुष्क मौसम में गर्मी पाने करने का बेहतरीन तरीका है. वैसे खजूर और अंजीर भारत में सर्दियों में सबसे ज्यादा खाए जाते हैं. इन दोनों में कैल्शियम और आयरन भरपूर मात्रा में पाया जाता है. ये सर्दियों में सुस्त हो रहे शरीर में ऊर्जा के स्तर को बढ़ाने में मदद करते हैं. वैसे गर्म दूध के साथ इनका सेवन करना अचछा माना जाता है.

आहार में शामिल करें घी –

कड़ाके की ठंड हमारी त्वचा और बालों को बेजान और सूखा बना देती है. इसलिए शरीर को भीतर से पोषण देने के लिए उपाय करना जरूरी है. खुद को भीतर से पोषित रखने के लिए ठंड के दिनों में रोजाना घी का अच्छा सेवन करना चाहिए. घी इस मौसम में आपके शरीर को गर्माहट देता है. इसलिए हो सके, तो इसे अपने आहार में जरूर शामिल करें.

यहां बताए गए खाद्य पदार्थों के सेवन न केवल शरीर में पोषक तत्वों की कमी दूर होगी, बल्कि अपनी सेहत को अनदेखा करने वाली महिलाएं बिना बीमार पड़े सर्दियों का आनंद ले पाएंगी.

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