जानिए कैसे शुरू करते हैं नई कंपनी

ज्‍यादातर लोगों कि इच्‍छा होती है कि उनका अपना कोई काम या कारोबार हो और वे खुद अपने बॉस हों. उनके पास ऐशोआराम की वे तमाम सुविधाएं उपलब्‍ध हों, जो देश एवं दुनिया के अमीर लोगों और कारोबारियों के पास होते हैं. ऐसे में यदि आप भी अपनी कंपनी बनाकर खुद का कारोबार शुरू करना चाहते हैं. तो आइए हम बताते हैं कि कंपनी शुरू करने के लिए कौन-कौन सी औपचारिकताएं पूरी करनी पड़ती हैं. इसके साथ ही नई कंपनी रजिस्‍टर्ड कराने के लिए कितना शुल्‍क देना पड़ता है.

नई कंपनी के रजिस्‍ट्रेशन में लगते हैं 14-20 दिन

आमतौर पर किसी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के रजिस्‍ट्रेशन के लिए 14-20 दिन का समय लगता है, लेकिन रजिस्‍ट्रेशन में लगने वाला समय कस्‍टमर के द्वारा संबंधित डॉक्‍यूमेंट को जमा करने और सरकार के द्वारा इसको कितनी जल्‍दी स्‍वीकृति मिलती है, उस पर निर्भर करता है. इसलिए आपको अपनी कंपनी का नाम यूनिक रखना चाहिए और इससे संबंधित डॉक्‍यूमेंट को रजिस्‍ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू होते ही जमा कराना चाहिए

कंपनी में अधिकतम 200 शेयर होल्‍डर्स

एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी खोलने के लिए कम से कम 2 लोगों की जरूरत होती है. प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में कम से कम दो डायरेक्‍टर और अधिक से अधिक 15 डायरेक्‍टर हो सकते हैं. इसमें कम से कम 2 शेयर होल्‍डर्स हो सकते हैं, जबकि आपको ज्‍यादा से ज्‍यादा 200 शेयर होल्‍डर्स रखने की इजाजत कॉरपोरेट अफेयर्स मंत्रालय (एमसीए) देता है.

कंपनी के डायरेक्‍टर बनने की योग्‍यता

आमतौर पर किसी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के डायरेक्‍टर बनने के लिए किसी व्‍यक्ति की आयु कम से कम 18 साल या इससे अधिक होनी चाहिए, जबकि योग्‍यता संबंधी कोई नियम तय नहीं है. इसलिए एक साधारण व्‍यक्ति भी किसी कंपनी का डायरेक्‍टर बन सकता है. इसके अलावा, डायरेक्‍टर बनने के लिए निवास स्‍थान और नागरिकता जैसी कोई बाध्‍यता भी नहीं है.

कंपनी शुरू करने के लिए कैपिटल

यदि आप प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की शुरुआत करने जा रहे हैं, तो कैपिटल मनी के रूप वह राशि कुछ भी हो सकती है. हालांकि कंपनी शुरू करने के लिए सरकार को फीस के तौर पर कम से कम 1 लाख रुपए शेयर के रूप में देना अनिवार्य है. ये पैसे ऑथराइज्‍ड कैपिटल फी के तौर पर कंपनी का रजिस्‍ट्रेशन कराने के दौरान देने होते हैं.

कंपनी खोलने के लिए ऑफिस जरूरी

भारत में कंपनी शुरू करने के लिए एक जगह की आवश्‍यकता होती है, जहां से कंपनी का संचालन होता है और उसी पते पर नई कंपनी रजिस्‍टर्ड भी होती है. यह जगह कमर्शियल, इंडस्ट्रियल और रेजिडेंशियल एरिया के अंदर भी हो सकती है.

रजिस्‍ट्रेशन के लिए अनिवार्य डाक्‍यूमेंट

  • कंपनी का रजिस्‍ट्रेशन कराते समय पहचान पत्र और पते के लिए प्रमाण पत्र प्रस्‍तावित सभी डारयेक्‍टर्स को देना होगा.
  • नई कंपनी के रजिस्‍ट्रेशन में भारतीय नागरिकों के लिए पैन कार्ड का होना भी जरूरी है. 
  • जिस पते पर कंपनी का रजिस्‍ट्रेशन कराया जाना है, उसका प्रमाण पत्र देना होगा.
  • कंपनी के रजिस्‍ट्रेशन के लिए मकान मालिक की ओर से जारी किया गया नो ऑब्‍जेक्‍शन सर्टिफिकेट भी देना अनिवार्य है.
  • जिस व्‍यक्ति के नाम से रजिस्‍ट्रेशन कराया जाना है, उसका पहचान प्रमाण पत्र और पत्राचार प्रमाण पत्र भी देना जरूरी है.
  • जिस पते पर नई कंपनी का रजिस्‍ट्रेशन होना है, उस पते का भी प्रमाण पत्र पेश करना जरूरी है. 

कंपनी की रजिस्‍ट्रेशन प्रक्रिया और फीस

कंपनी का रजिस्‍ट्रेशन कराने के लिए सबसे पहले आपको फॉर्म आईएनसी-29 भरकर जरूरी डॉक्‍यूमेंट के साथ रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज के ऑफिस में जमा कराना होगा. यदि एमसीए द्वारा रजिट्रेशन के लिए प्रस्‍तावित कंपनी के नाम को स्‍वीकार कर लिया जाता है तो वह इनकॉरपोरेशन जारी करेगा. अगर वह नाम को स्‍वीकार नहीं करता है तो आपको नया नाम देना होगा.

शान पर न पड़े कहीं नुकसान भारी

अमीरों के बच्चों के हाथों बड़ी तेज पावरफुल गाडि़यों से निर्दोषों की हत्याओं के मामले बढ़ रहे हैं. अब किस्तों में मर्सिडीज, औडी, जगुआर काफी आसानी से मिलने लगी हैं और नए पैसे वालों के बच्चे इन का मोह छोड़ नहीं पाते और इन्हें सैरसपाटे के लिए निकाल इन की पूरी पावर टैस्ट करने में लग जाते हैं.

हमारे देश में जहां रोड सैंस बिलकुल नहीं, तेज दौड़ती गाड़ी खाली सड़क पर भी खतरा है, क्योंकि कब कहां से कौन बिना देखे रुके निकल जाए, पता नहीं.

‘जौली एलएलबी’ में युवा बेटे के हाथों पटरी पर हुई मौत के से मुकदमे देश भर की अदालतों में चल रहे हैं. राजस्थान में सीकर के विधायक के बेटे ने जयपुर में 3 को बीएमडब्लू से मार डाला. अब वह 1-2 माह जरूर जेल में रहे, पर शानशौकत से मानो बैंगलुरु के जिंदल के स्वास्थ्य केंद्र में आया हो और फिर घरलौट जाएगा.

इस देश में बड़ी गाडि़यां शान के लिए जरूरी हैं स्पीड के लिए नहीं, क्योंकि यहां की सड़कों पर अनुशासन का नामोनिशान नहीं है. सड़कों का प्रबंध करने वाले असल में बिगड़ैल बच्चों से भी ज्यादा बिगड़े हैं और उन्हें कोई दोष नहीं देता.

नई तकनीक के कारण सड़कों की बनावट तो ठीक हो गई है पर उन पर चलने वालों की नहीं. पढ़ेलिखे कार वाले, स्कूटर वाले, अनपढ़ औटोरिकशा वाले, साइकिल वाले सब सड़कों को बेघरों के शौच करने की जगह सा मानते हैं, जहां जो मरजी जैसा मरजी करा जा सके.

इन सड़कों पर वे बच्चे जिन के खून में उबाल हो, दिमाग में मांबाप के पैसे की गरमी हो और हाथ में पावरफुल गाड़ी हो, वे मिनटों में  आपे से बाहर हो जाते हैं. अगर साथ में शराब की बोतल, 2 गर्लफ्रैंड और 2 लड़के हों तो कहने ही क्या.

कानून इस में कुछ नहीं कर सकता. मातापिता भी बेबस से ही होते हैं. इकलौते बच्चे उन के पीछे क्या करते हैं, उस पर उन का जोर बहुत कम होता है. बच्चों के साथियों का प्रैशर इतना होता है कि मौजमस्ती एक वर्ग के लिए पिता की कमाई का सदुपयोग करने का अकेला तरीका बचा है.

यह जिम्मेदारी असल में मातापिता की ही है कि वे अपने बच्चों को अनुशासन में रखें वरना उन्हें ही नुकसान उठाना होगा. यह नुकसान उस शान से कहीं भारी होगा जिस पर वे इतरा रहे होते हैं.

शान के लिए महंगे कपड़े खरीदें, बड़ा मकान बनवाएं, महंगी घड़ी दिलाएं, पर पावरफुल गाड़ी न दें. हो सके तो सरकार को 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ज्यादा तेज चलने वाली गाडि़यां ही न बनने दे.                

सनी लियोनी के खिलाफ शिकायत दर्ज

सनी लियोनी ने जब प्रो-कबड्डी लीग की एक इवेंट में नेशनल एंथम गाया था, तो सोचा भी नहीं होगा, कि उनकी ये कोशिश इतनी कंट्रोवर्सी भी पैदा करेगी. नेशनल एंथम गलत ढंग से गाने के लिए सनी के खिलाफ मुंबई में शिकायत दर्ज हुई है.

ये शिकायत मुंबई के अंधेरी पुलिस स्टेशन में समाजसेवी पृथ्वी म्हास्के ने दर्ज करवाई है. शिकायतकर्ता का आरोप है, कि सनी लियोनी ने देश का राष्ट्रगान गलत तरीके से गाया था.

पृथ्वी म्हस्के का मानना है, कि ये सस्ती पब्लिसिटी पाने के लिए सनी लियोनी का महज एक स्टंट है. इससे पहले दिल्ली के न्यू अशोक नगर थाने में भी नेशनल एंथम गलत ढंग से गाने जाने के आरोप में सनी के खिलाफ मामला दर्ज किया जा चुका है.

आपको बता दें, कि प्रो-कबड्डी लीग के चौथे सीजन में जयपुर पिंक पैंथर्स और दबंग दिल्ली के बीच हुए मुकाबले से पहले सनी ने नेशनल एंथम गाया था. उस वक्त सनी ने इसे खुद के लिए सम्मानजनक बताते हुए कभी ना भूलने वाला लम्हा बाताया था.

इस खान ने छोड़ा दीपिका का साथ

दीपिका पादुकोण संजय लीला भंसाली की अगली फिल्म ‘पद्मावती’ में लॉक हो चुकी हैं. दीपिका के फैंस भी इस खबर से बेहद खुश हैं. बता दें, इस फिल्म में दीपिका के साथ एक बार फिर रणवीर सिंह नजर आएंगे. रणवीर फिल्म में सुल्तान बने हैं.

लेकिन इन दोनों के अलावा भी फिल्म में एक अहम किरदार है. दीपिका पादुकोण के पति का. अफवाहों में था कि बॉलीवुड के हॉट स्टार फवाद खान दीपिका के पति राजा रावल रतन सिंह का किरदार निभाने वाले हैं. फैंस भी इस खबर से बेहद खुश थे.

लेकिन बता दें, फैंस का दिल अब टूटने वाला है, क्योंकि फवाद खान ने इस फिल्म को इंकार कर दिया है. सूत्रों की मानें तो फवाद फिलहाल अपनी पाकिस्तानी प्रोजेक्ट के साथ काफी व्यस्त हैं. साथ ही उन्होंने करण जौहर की धर्मा प्रोडक्शन के साथ भी तीन फिल्मों की डील साइन की हुई है.

लिहाजा, फवाद खान यह डील तोड़कर बीच में संजय लीला भंसाली या किसी और डाइरेक्ट के साथ काम नहीं कर सकते. इसलिए कोई चांस नहीं है कि फवाद खान यह फिल्म कर रहे हैं.

बता दें, पद्मावती के इस किरदार के लिए पहले एक टीवी एक्टर को चुना गया था. लेकिन दीपिका पादुकोण किसी टीवी एक्टर के साथ लवमेकिंग सीन्स करने के लिए तैयार नहीं थी.

दीपिका के अनुसार, फिल्म में दूसरा एक्टर भी रणवीर सिंह के टक्कर का होना चाहिए. दरअसल, फिल्म में दीपिका और रणवीर के किरदार एक बार भी आमने सामने नहीं आएंगे.

टोरंटो फिल्म फेस्टिवल में पीसी बनेंगी जूरी

बॉलीवुड देसी गर्ल प्रियंका चोपड़ा के सितारे इन दिनों बुलंदियों पर हैं. बॉलीवुड में राज करने के साथ ही प्रियंका ने हॉलीवुड में भी अपनी अच्छी पहचान बना ली है. अब प्रियंका टोरंटो फिल्म फेस्टिवल में भी बतौर जूरी सदस्य शामिल होने जा रही हैं.

अमेरिकन सीरीज ‘क्वॉन्टिको’ ने उन्हें ‘पीपल्स चॉइस अवॉर्ड’ का सम्मान दिलाया. विदेशी धरती पर प्रियंका की सफलता की सीरीज में एक और कड़ी जुड़ गई है.

प्रियंका टोरंटो इंटरनैशनल फिल्म फेस्टिवल में बतौर जूरी शिरकत करने जा रही हैं. वह शॉर्ट फिल्म के सेक्शन को जज करती नजर आएंगी. इस पैनल में प्रियंका के साथ हॉलीवुड ऍक्टर जेम्स फ्रैंको, कनाडियन डायरेक्टर जेवियर डोलान शामिल होंगे.

इस सेक्शन में पूरी दुनिया से पार्टिसिपेंट्स अपने इंस्टाग्राम अकाउंट से 60 सेंकंड की शॉर्ट फिल्म बनाकर कॉम्पीटिशन में हिस्सा लेंगे.

अनुष्का पर चढ़ा किसका भूत

आपने ‘पॉकेमन गो’ अब तक खेला नहीं, तो इस बारे में सुना जरूर होगा कि किस कदर इसका जुनून लोगों पर सवार है. इस मामले में बॉलीवुड भी पीछे नहीं है. कम से कम अनुष्का के इस विडियो को देखकर तो यह कहा ही जा सकता है.

जहां बॉलीवुड ऐक्ट्रेस अनुष्का शर्मा के सिर से ‘सुल्तान’ की सफलता का हैंगओवर अभी उतरा भी नहीं है, वहीं उनके सिर पर ‘पॉकेमॉन गो’ का भूत सवार नजर आ रहा है.

बता दें कि हाल ही में लॉन्च हुए इस गेम को लेकर लोगों ने इस कदर दीवानगी दिखाई है, जो उनके जी का जंजाल तक बन गया है. जहां इस गेम की वजह से जापान में कई रोड ऐक्सिडेंट्स हुए, वहीं चेन्नई के एक पार्क में भगदड़ की भी खबर थी.

इतना ही नहीं सुनने में तो यहां तक आया कि इस गेम का जुनून इस कदर हावी है लोगों पर कि वे इसे खेलत-खेलते कब अपने देश की सीमा तक लांघ गए, उन्हें पता भी नहीं चला.

खबर थी कि दो दीवाने ‘पॉकेमॉन गो’ खेलते-खेलते कनाडा से अमेरिका पहुंच गए. वैसे तो पहला पॉकेमॉन गेम साल 1996 में ही लॉन्च किया गया था और इस गेम को लेकर पागलपन उस वक्त से ही है.

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खतरों से खेलने का शौक हैं तो यहां जायें

दुनिया में ऐसी बहुत सारी जगहें हैं जहां घूमने और एक्सप्लोर करने के लिए बहुत कुछ है. वहीं कुछ जगहें ऐसी भी है जहां जाना खतरे से खाली नहीं. तो अगर आप एडवेंचर के शौकिन हैं और साथ ही खतरों से खेलने का शौक भी रखते हैं तो इन जगहों पर जाकर यहां का एक्सपीरियंस लें.

Trolltunga, Norway

नॉर्वे की ट्रॉलटूंगा, दुनिया का सबसे खूबसूरत क्लिफ (चट्टान) है. यहां पत्थर का एक बड़ा टुकड़ा 700 मीटर की ऊंचाई पर लटका है, जो लोगों को खूब भाता है. इन चट्टानों के टॉप तक पहुंचने में कम से कम 8-10 घंटे लग जाते हैं. जून मध्य से सितंबर मध्य के बीच पूरी दुनिया से हाइकर यहां हाइकिंग और एडवेंचर स्पोर्ट्स के लिए आते हैं. यह जगह नॉर्वे की होर्डालैंड काउंटी से सिर्फ 17 किमी दूर है. यहां से नॉर्वे की दूसरी सबसे बड़ी काउंटी- बरजेन की दूरी 190 किमी है. ट्रॉल्स टंग के इर्द-गिर्द कोई रेलिंग नहीं लगाई गई है, ताकि यहां की नेचरल ब्यूटी को महफूज़ रखा जा सके.

Siju Caves, Meghalaya

मेघालय का सीजू केव्स, भारत का पहला नेचुरल लाइमस्टोन(चूना पत्थर) केव है. इसके अलावा यहां दो पहाड़ियों को जोड़ता हुआ रोपवे ब्रिज है जो दिखने में जितना आकर्षक है उस पर चलना उतना ही खतरनाक. लगातार हिलते-डुलते इस पुल के नीचे गहरी खाई है जहां सी भी असावधानी जान के लिए खतरा बन सकती है.

Huayna Picchu

हुआना पिच्चु की ऊंची चोटियों से सालों पहले यहां बसे माचू पिच्चु का सबसे खूबसूरत नजारा दिखाई देता है. लेकिन यहां तक पहुंचना भी आसान नहीं. गहरी खाईयों, टेढ़े-मेढ़े रास्तों और ऊंची-ऊंची सीढ़ियों से होकर गुजरना पड़ता है.

Hussaini Hanging Bridge, Pakistan

पाकिस्तान के उत्तरी भाग में गिलगिट बलिस्तान में बना है हुसैनी ब्रिज. जो हुन्जा को पाकिस्तान से जोड़ता है. सालों पहले बने इस रोपवे ब्रिज पर चलना बहुत ही खतरनाक होता है. इस पर चलते हुए पाएंगे कि बहुत सारे पटरे गायब है. हवा के तेज झोंके से पटरियां हिलती रहती हैं. इतने सारे खतरों के बावजूद भी टूरिस्ट इस एडवेंचर को एन्जॉय करने आते हैं.

Mont Blanc Box, France

12,604 फीट ऊंचाई से यूरोप की खूबसूरती को देखने का अलग ही मजा है. यूरोप की सबसे ऊंची चोटी है ये. ऊंचाई से डरने वाले लोगों के लिए ये जगह खतरनाक साबित हो सकती है वहीं एडवेंचर के शौकिन लोगों का यहां स्वागत है.

Mount Huashan, China

चीन का माउंट हुआशन, एडवेंचर का एक्सपीरियंस लेने के लिए बेहतरीन जगहों में से एक है. पहाड़ों की खड़ी ढ़ालों पर, छोटे-छोटे पत्थरों और लड़की के टुकड़ों पर ट्रैकिंग करने का अलग ही मजा होता है. दोनों तरफ आसमान को छूते पहाड़ और नीचे गहरी खाई इस जगह के रोमांच को और बढ़ाती है.

Moher Cliff, Ireland

आयरलैंड के घुमावदार पहाड़ों में बाइकिंग करना, न सिर्फ यहां के बल्कि बाहर से आने वाले सैलानियों का भी पसंदीदा स्पोर्ट है. महज 4 फीट चौड़ा रास्ता और तेजी से चलती हवाएं, यहां के रोमांच को दोगुना करती हैं.

The Trift Suspension Bridge, Switzerland

स्विस आल्प्स को पार करने के लिए यहां Trift ब्रिज का इस्तेमाल किया जाता है. जिस पर चलना एडवेंचर के साथ ही अलग ही एक्सपीरियंस होता है. 100 मीटर ऊंचे और 170 मीटर लंबे इस पुल पर संभलकर चलना होता है. ब्रिज तक पहुंचने के लिए भी केबल कार का इस्तेमाल किया जाता है.

Phugtal Monastery, Ladakh, India

लद्दाख के जंस्कार में एक अलग ही तरह की मोनेस्ट्री देखने को मिलेगी जो लकड़ियों और मिट्टी से बनी हुई है. पहाड़ों पर बने इस मोनेस्ट्री को नीचे से देखने पर ऐसा लगता है जैसे मधुमक्खी का बड़ा सा छत्ता. यहां पहुंचने के लिए गाड़ी, घुड़सवारी या किसी भी अन्य तरह की सुविधा नहीं मिलती. पैदल ही सफर तय करना होता है.

El Caminito Del Rey, Spain

“Little Pathway of the King” के नाम से मशहूर है ये जगह. जिसे 1905 में बनाया गया था. ताजुब्ब की बात है आज तक इसमें किसी तरह की कोई मरम्मत नहीं हुई. वही पुरानी लकड़ी और पत्थर के टुकड़ों पर चलकर एक कोने से दूसरे कोने तक पहुंचा जाता है.

Devils Pool, Zambia

डेविल पूल को अफ्रीका का सबसे ऊंचा वाटरफॉल माना जाता है. कई सारे सैलानी यहां परफेक्ट शॉट लेने के चक्कर में जान गंवा चुके हैं. फिर भी यहां आने वाले टूरिस्टों की सिक्योरिटी को लेकर किसी तरह के कड़े इंतजाम नहीं किए जा रहे हैं.

क्रिस्पी बेबी फ्रिटर्स

सामग्री

– 2 आलू उबले

– 1/2 कप ब्रैडक्रंब्स

– 2 क्यूब्स चीज

– तलने के लिए पर्याप्त तेल

– 12 स्टिक्स

– 1/2 कप मकई दाना उबला व कटा

– 4 चम्मच बेसन

– अमचूर, लालमिर्च व नमक स्वादानुसार.

विधि

उबले आलू, नमक, मिर्च, मकई व अमचूर को अच्छी तरह मिला कर गोलगोल छोटीछोटी गोलियां बना कर बीच में थोड़ा सा चीज भर कर बीच में स्टिक लगा दें.

एक कटोरी में मैदे का घोल रखें और दूसरी कटोरी में ब्रैडक्रंब्स. पहले गोली को मैदे के घोल में डिप करें, फिर ब्रैडक्रंब्स लपेटें और गरम तेल में सुनहरा होने तक तल लें. सौस के साथ परोसें.

बच्चे बच्चे के हाथ में ऋतिक रोशन

ऋतिक रोशन अब बच्चे बच्चे के हाथ में आने वाले हैं. दरअसल, एक खिलौना कंपनी, ऋतिक रोशन के किरदारों पर आधारित खिलौने मार्केट में लाना चाहती है और ऋतिक इस डील में काफी दिलचस्पी दिखा रहे हैं.

यानि कि अगर ऋतिक ने हां कर दी तो बच्चा बच्चा कृष, धूम 2, बैंग बैंग और जोधा अकबर के किरदारों से खेलता दिखेगा. इस डील में ऋतिक का नया किरदार सरमन जो कि मोहनजोदड़ो का हीरो है, होगा या नहीं होगा, फिलहाल तय नहीं है.

ऋतिक रोशन का कहना है कि सुपरहीरो खिलौने हमेशा से उन्हें काफी पसंद है. अगर लड़कियां गुड़ियों से खेल सकती हैं, तो लड़कों के लिए भी गुड्डे होने चाहिए. तो ऋतिक रोशन अब गुड्डा बनकर बच्चों के बेस्ट फ्रेंड बनना चाहते हैं.

वैसे भी उनकी कृष फ्रेंचाइज़ी बच्चों में काफी लोकप्रिय है. लेकिन फिर भी अगर ऋतिक रोशन के ये खिलौने मार्केट में आए तो उन्हें टक्कर भी लेनी पड़ेगी.

अभी तक बच्चों का फेवरिट छोटा भीम, पिकाचू और डोरीमॉन रहा है. और उनकी पसंद को फिलहाल तो कोई बदल नहीं पाया है. देखते हैं कि ऋतिक इन सुपरहीरो से टक्कर ले पाते हैं या नहीं.

SC: 6 महीने के लिए जेल भेज देना चाहिए

सुप्रीम कोर्ट ने कर्ज लेने से जुड़े मामले में फिल्म अभिनेता राजपाल यादव को जमकर फटकार लगाई. कोर्ट ने उनसे कहा कि वह 29 तारिक तक यह बताएं कि बकाया कर्ज कब तक चुकाएंगे. इसके साथ ही कोर्ट ने सख्त लहजे में कहा कि आपको 6 दिन नहीं, बल्कि 6 महीने के लिए जेल भेज देना चाहिए.

बता दें कि इस मामले में हाल ही में दिल्ली हाई कोर्ट ने राजपाल यादव को 6 दिन के लिए जेल भेजने का आदेश दिया था. इस फैसले को अभि‍नेता ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती थी. लेकिन कर्ज से जुड़े इस मामले में उनके अब तक के बर्ताव को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट खासा नाराज हो गया.

जस्टिस कुरियन जोसफ और रोहिंटन नरीमन की बेंच ने उन्हें आड़े हाथों लेते हुए कहा, ‘आपने न्यायिक प्रक्रिया को मजाक समझ लिया है. हम आपको दिखाएंगे कि कोर्ट की ताकत क्या होती है.’

फिल्म बनाने के लिए कर्ज लिए थे 5 करोड़

दरअसल, राजपाल ने ‘अता पता लापता’ नाम की फिल्म बनाने के लिए मुरली प्रोजेक्ट्स नाम की कंपनी से 5 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था. अभि‍नेता द्वारा कर्ज के पैसे नहीं चुकाने पर कंपनी ने दिल्ली हाई कोर्ट में मुकदमा दायर दिया. राजपाल हाई कोर्ट में बार-बार कर्ज की रकम चुकाने को लेकर टालमटोल करते रहे.

राजपाल में जेल में गुजारे चार दिन

अभि‍नेता ने हाई कोर्ट में नकली दस्तखत वाले झूठे दस्तावेज भी जमा करवाए थे, जिससे नाराज होकर हाई कोर्ट की सिंगल बेंच ने दिसंबर 2013 में उन्हें 10 दिन के लिए जेल भेजने का आदेश दिया था. राजपाल ने 4 दिन जेल में भी गुजारे. इसके बाद डबल बेंच ने उनकी सजा को स्थगित कर दिया.

पैसे चुकाने में कर रहे हैं आनाकानी

बताया जाता है कि तब से अब तक राजपाल यादव पैसे चुकाने में आनाकानी करते रहे हैं. उन्होंने कई बार कर्ज चुकाने को लेकर कोर्ट में वादे किए, लेकिन उन्हें निभाया नहीं. इससे नाराज हाई कोर्ट ने उन्हें पहले की बची 6 दिन की सजा काटने का हुक्म दिया है.

सजा से बचने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचे राजपाल से जजों ने जरा भी सहानुभूति नहीं दिखाई. कोर्ट ने राजपाल यादव को कर्ज चुकाने पर ठोस जानकारी देने के लिए शुक्रवार, 29 जुलाई तक का समय दे दिया.

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