ब्राइड्स अब हाई हील्स में नहीं स्निकर शूज में ले रहीं ऐंट्री, जानिए क्यों है यह ट्रैंड में

Bridal Shoes : आज की लड़कियां ब्राइडल लुक को खास बनाने के लिए कई तरह की तैयारियां करती हैं, जिस में खास होता है उन का पहनावा, ज्वैलरी, मेकअप और अंत में आता है फुटवियर, जो आज की ब्राइड्स के लिए काफी महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि शादी के दौरान हाई हील्स के साथ डांस करना, काफी देर तक खड़े रहना काफी पैनफुल होता है। ऐसे में आरामदायक फुटवियर से चेहरे की ग्लो और मुसकान अंत तक बनी रहती है.

आज की दुलहनें मौजमस्ती को अधिक महत्त्व देती हैं, ऐसे में भारीभरकम लहंगे के साथ हाई हील्स पहनना उन के बस की बात नहीं होती. कई बार तो ऐसे अनुष्ठानों पर दुलहनें नंगे पैर ही डांस करती हुई दिखाई देती हैं.

असल में आजकल सोशल मीडिया और औनलाइन पर तरहतरह के ब्राइडल शूज देखने को मिलते हैं, जिस में स्निकर शूज का प्रचलन अधिक देखा जा रहा है. इन शूज को ब्राइडल ड्रैस के अनुसार कस्टमाइज भी किया जाता है, जो दिखने में ऐलिगैंट और स्टाइलिश लगते हैं.

पर्ल वाले ब्राइडल शूज

अगर आप कलरफुल शूज का चयन कर रही हैं, तो ड्रैस के अनुसार शूज को कलर कर उस में ग्लू के जरीए कलरफुल मोती चिपका दिया जाता है। इन शूज की कीमत बाजार में ₹5 हजार से ₹7 हजार तक होती है। लेकिन अगर आप के पास समय है और कुछ क्रिऐटिव करने की शौकीन हैं, तो खुद भी कर सकती हैं.

इस तरह के ब्राइडल शूज आप जरकन वर्क या फ्लोरल वर्क के आउटफिट के साथ कैरी कर सकती हैं. शू बाइट से बचने के लिए पैरों की सैंसिटिव जगहों पर बैंडेज का प्रयोग कर करें.

सलमासितारों वाले शूज

मोनोक्रोम पहनावे यानि एक ही रंगों के पहनावे को स्टाइल करने के लिए इस तरीके के ब्राइडल शूज को चुन सकती हैं. शादी के अन्य फंक्शन जैसे कौकटेल के लिए भी इस तरह के शूज स्टाइल कर सकती हैं. इस तरह के शूज आप को करीब ₹4 हजार से ले कर ₹5 हजार तक में आसानी से मिल जाते हैं. इस में आउटफिट में भी सलमासितारे हों, तो उस के साथ इस तरह के शूज को मैच कर सकती हैं.

बोहो स्टाइल के शूज

बोहो स्टाइल के शूज दिखने में काफी कलरफुल और सुंदर नजर आते हैं. अगर आप अपनी शादी के लिए बोहो लुक चुन रही हैं, तो इस तरह के शूज को आप कस्टमाइज करवा सकती हैं. इस में आप को कई अन्य डिजाइन और कलर भी आसानी से मिल जाते हैं.

इस तरह के शूज को हलदी या मेहंदी के फंक्शन के लिए ट्राई कर सकती हैं, क्योंकि ये शूज दिखने में काफी कलरफुल नजर आते हैं और हर तरह के फंक्शन के लिए अच्छा रहता है.

सिंपल स्निकर्स को बनाएं खास

आप चाहें तो किसी साधारण स्नीकर्स का चयन कर उस पर अपनी शादी की तारीख या जोड़े का नाम लिखवा सकती हैं। इस से यह काफी स्पैशल बन जाता है. इसे आप शादी के शुरुआत के फंक्शन में पहन सकती हैं.

सगाई की झलक सफेद शूज से

सफेद रंग के जूतों पर आप सगाई की झलक दिखा सकती हैं। सफेद जूतों पर आउटफिट के अनुसार कढ़ाई और सजावट देखने में खूबसूरत लगेगा, जो सगाई की झलक दिखाती है. कढ़ाई वाले शूज
सिंपल रंगीन स्निकर्स जूतों पर अलगअलग धागों की कढ़ाई कर गोल्डन रंग का गोटा लगवाने पर खूबसूरत दिखता है। इसे अपने आउटफिट के अनुसार सजा कर शादी के संगीत सेरेमनी पर पहन सकती हैं.

मिरर वर्क वाले शूज

स्पोर्ट्स शूज पर मिरर वर्क करवाने पर ये खास और सुंदर बन जाते हैं, क्योंकि ये देखने में क्लासी और स्टाइलिश लगते हैं। इन्हें जारदोजी और मिरर वर्क वाले पोशाक के साथ पहनना अच्छा रहता है.

इस प्रकार आज की दुलहन अपने लिए आउटफिट हो या बैग या फिर शूज, हर छोटीबड़ी बातों पर ध्यान देती हैं, ताकि उन की शादी यादगार और अनोखी हो.

इस में वे सैलिब्रिटीज को भी फौलो करने में पीछे नहीं हटतीं. आप को बता दें कि क्रिश्चियन लुबोटिन और सब्यसाची मुखर्जी ने अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा की शादी के दिन लाल रंग की शूज को कढ़ाई के साथ कस्टमाइज किया, जो दिसंबर, 2018 में उदयपुर में उन्होंने वैडिंग के दिन लहंगे के साथ पहनी थी.

डिजाइनर जोड़ी ने दीपिका पादुकोण के लिए भी कढ़ाई वाली जूतियां बनाईं, जो उन की शादी के लहंगे के लिए फिट बैठती थी.

असल में दर्जी द्वारा बनाए गए जूते भी एक पुरानी व शाही परंपरा रही है. वर्ष 2010 में केट मिडल्टन ने
प्रिंस विलियम से शादी की, तो उन्होंने भी यही किया. डचेस औफ कैंब्रिज ने ड्रैस की डिटेलिंग के अनुसार लेस से सजे कस्टमाइज्ड अलेक्जैंडर मैक्वीन के जूते पहने थे.

खुद को सुरक्षित रखने के लिए किचन हाइजीन भी है जरूरी, जानें कैसे ?

रसोई (Kitchen Hygiene)  हमारे घर का जरूरी कक्ष है. यदि इस में सफाई तथा सुरक्षा के नियम नजरअंदाज किए जाते हैं तो यह बीमारी की वजह बन सकता है. अत: अपनी रसोई को जितना साफ और व्यवस्थित रखेंगे उतना ही लाभ है. यहां गैस भी होती है इसलिए यहां पर जागरूक हो कर ही काम किया जाना चाहिए.

इस खास स्थान को जितना साफ और व्यवस्थित रखना जरूरी है, उतना ही जरूरी है इसे सुरक्षित रखना भी. दरअसल, रसोई में आग और बिजली से चलने वाले कई उपकरण मौजूद होते हैं. इन के अलावा नुकीली वस्तुएं जैसे चाकू, मिक्सर के ब्लेड आदि भी होते हैं. ये उपकरण काम को सरल तो करते हैं लेकिन साथ ही कहीं न कहीं खतरनाक भी साबित हो सकते हैं. बच्चों के साथसाथ बड़ों के लिए भी. ऐसे में रसोई को सुरक्षित बनाने की कोशिश करें.

रसोई में खाना बनता है इसलिए यहां भरपूर रोशनी होना बहुत जरूरी है खासतौर पर उस जगह जहां चूल्हा रखा हो ताकि खाना पकाते समय सब साफसाफ नजर आए. इस बात का भी ध्यान रखें कि लाइट इस तरह लगी होनी चाहिए कि किसी भी हिस्से में परछाईं न पड़े. ऐसा करने से दुर्घटना होने की आशंका कम होगी.

फर्श की फिसलन करें दूर

रसोई का फर्श चिकना न हो यह भी सुनिश्चित करें क्योंकि इस से फिसलने का डर रहता है. ऐसे में फर्श को स्लिप रिजिस्टैंट बनवाएं. इस में टाइल्स चिकनी न हो कर डिजाइनदार होनी चाहिए जो फिसलन से बचाती हैं. अगर फर्श बदल नहीं सकते तो स्लिप रिजिस्टैंट मैट रख सकते हैं या पूरे फर्श पर चिपका सकते हैं. खासतौर पर रसोई में उस जगह जरूर लगाएं जहां फर्श का गीले रहना तय है और वहां खड़े हो कर खाना बनाया जाता हो.

बिजली से चलने वाले उपकरण जैसे फ्रिज, मिक्सर आदि को पानी वाली जगह से दूर रखें. जहां पीने का पानी रखा हो, फिल्टर लगा है या सिंक है, वहां बिजली के उपकरण न रखें. इस से शौर्ट सर्किट होने की आशंका हो सकती है. इसी तरह कभी गीले हाथों से किसी उपकरण का इस्तेमाल न करें और न ही प्लग छुएं. इस से करंट लग सकता है. नुकीला सामान दूर रखें चाकू, फोर्क या नोक वाले बड़े चम्मच ऐसे स्थान पर रखें जहां बच्चे आसानी से न पहुंच सकें. इन्हें किसी अलमारी या बंद रैक में रखें. बच्चों के साथसाथ बड़ों को भी इन से हानि पहुंच सकती है. इन से टकराने या हाथ लगने पर चोट लग सकती है. इस के अलावा अगर प्लेटफौर्म या रसोई में रखी अलमारी और टेबल की किनारी गोल करवा लें या इन में प्रोटैक्टर लगा दें.

रास्ते में सामान न रखें

रसोई के प्रवेशद्वार पर या किनारे पर कोई भी सामान न रखें. रसोई का रास्ता साफ होना चाहिए ताकि कोई टकराए नहीं. दरवाजे पर रखे सामान से कोई भी टकरा सकता है और गिर सकता है जिस से चोट लग सकती है. ऐसे में इस बात का ध्यान रखें. अग्निशामक यंत्र रखें.

रसोई के प्रवेशद्वार की दीवार पर एक छोटा अग्निशामक यंत्र भी रख सकते हैं. अगर कभी आग या शौर्ट सर्किट होने की आशंका हुई तो यह सुरक्षा में काम आएगा. रसोई में कम से कम 3 सूखे तौलिए हमेशा होने चाहिए.

रसोई में खिड़की के चारों तरफ सुरक्षा की सील बहुत जरूरी है. खाद्यपदार्थ की महक से कीट तथा चूहे यहां प्रवेश कर सकते हैं. रसोई में सरसों तेल, दूध या सिंक के कारण आने वाली दुर्गंध से बचने के लिए कभीकभी दालचीनी उबाल कर उस का छिड़काव करना चाहिए. इस तरह अपनी उपयोगी रसोई की थोड़ी सी देखभाल के अनेक लाभ हैं.

किडनी की बीमारी के क्या लक्षण हैं, कृपया बताएं

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है, तो ये लेख अंत तक जरूर पढ़ें…

डा. विकास जैन, डाइरैक्टर ऐंड यूनिट हैड, डिपार्टमैंट औफ यूरोलौजी, फोर्टिस हौस्पिटल, दिल्ली.

सवाल

कौन से लक्षण हैं जिन से हम पहचानें कि हमारी किडनियां सही काम कर रही हैं या बीमार हैं?

जवाब

‘इंटरनैशनल सोसायटी औफ नैफ्रोलौजी’ के अनुसार विश्व की 10त्न जनसंख्या किडनियों से संबंधित मामूली या गंभीर समस्याओं से जूझ रही है. ऐसे में आप इन 7 लक्षणों से अपनी किडनियों की सेहत को जान सकते हैं और उन्हें ठीक रखने के लिए जरूरी कदम उठा सकते हैं:

1.  लगातार उर्जा की कमी और थकान महसूस होना. 2. शरीर के विशेष भागों (विशेष कर पैरों और टखनों) में सूजन आना. 3. यूरीन से संबंधित समस्याएं शुरू होना जैसे सामान्य से अधिक या कम यूरिन पास करना, यूरिन का टैक्स्चर बदल जाना. 4. लगातार रक्तदाब अधिक बना रहना. 5. यूरिन ऐल्बुमिन टू क्रिएटनिन रेशो (जूएसीआर) बढ़ा हुआ होना. यूरिन में ऐल्बुमिन की मात्रा अधिक होना, किडनी के क्षतिग्रस्त होने का प्रारंभिक संकेत है. 6. ग्लोमेरूलर फिल्ट्रेशन रेट (जीएफआर) टैस्ट, जीएफआर सामान्य न होना किडनियों के बीमार होने का संकेत है. 7. सीरम क्रिएटनिन टैस्ट में रक्त में क्रिएटनिन का बढ़ना किडनियां ठीक प्रकार से काम नहीं करने का संकेत है.

सवाल

डायबिटीज के मरीजों में किडनियों से संबंधित समस्याओं का खतरा अधिक क्यों रहता है?

जवाब

दरअसल, डायबिटीज केवल एक रोग नहीं मैटाबोलिक सिंड्रोम है, जिस का प्रभाव किडनियों सहित शरीर के प्रत्येक अंग और उस की कार्यप्रणाली पर पड़ता है. हाथों, टखनों और पैरों के पंजों में सूजन की समस्या डायबिटिक नैफ्रोपैथी के कारण हो सकती है. डायबिटीज से पीडि़त 30-40त्न लोगों में डायबिटिक नैफ्रोपैथी के कारण किडनियां खराब हो जाती हैं. आप अपनी यूरिन की जांच कराएं. यूरिन में ऐल्बुमिन का आना और शरीर में क्रिएटिनिन बढ़ना डायबिटिक नैफ्रोपैथी के संकेत हैं. अगर यूरिन में माइक्रो ऐल्बुमिन नहीं आ रहा है तो किडनियों पर असर नहीं हुआ है. डायबिटिक नैफ्रोपैथी को ठीक नहीं किया जा सकता है लेकिन उपचार के द्वारा इस के गंभीर होने की प्रक्रिया को बंद या धीमा किया जा सकता है. उपचार में रक्त में शुगर के स्तर और रक्तदाब को जीवनशैली में परिवर्तन ला कर और दवाइयों से नियंत्रित रखा जाता है.

व्हाट्सऐप मैसेज या व्हाट्सऐप औडियो से अपनी समस्या इस नम्बर 8588843415 पर  भेजें. 

या हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- sampadak@delhipress.biz सब्जेक्ट में लिखे…  गृहशोभा-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

आजादी: राधिका का आखिर क्या था कुसूर

फैमिली कोर्ट की सीढि़यां उतरते हुए पीछे से आती हुई आवाज सुन कर वह ठिठक कर वहीं रुक गई. उस ने पीछे मुड़ कर देखा. वहां होते कोलाहल के बीच लोगों की भीड़ को चीरता हुआ नीरज उस की तरफ तेज कदमों से चला आ रहा था.

‘‘थैंक्स राधिका,’’ उस के नजदीक पहुंच नीरज ने अपने मुंह से जब आभार के दो शब्द निकाले तो राधिका का चेहरा एक अनचाही पीड़ा के दर्द से तन गया. उस ने नीरज के चेहरे पर नजर डाली. उस की आंखों में उसे मुक्ति की चमक दिखाई दे रही थी. अभी चंद मिनटों पहले ही तो एक साइन कर वह एक रिश्ते के भार को टेबल पर रखे कागज पर छोड़ आगे बढ़ गई थी.

‘‘थैंक्स राधिका टू डू फेवर. मुझे तो डर था कि कहीं तुम सभी के सामने सचाई जाहिर कर मुझे जीने लायक भी न छोड़ोगी,’’ राधिका को चुप पा कर नीरज ने आगे कहा.

राधिका ने एक बार फिर ध्यान से नीरज के चेहरे को देखा और बिना कुछ कहे आगे बढ़ गई. फैमिली कोर्ट के बाहर से रिकशा ले कर वह सीधे औफिस ही पहुंच गई. उस के मन में था कि औफिस के कामों में अपने को व्यस्त रख कर मन में उठ रही टीस को वह कम कर पाएगी. लेकिन वहां पहुंच कर भी उस का मन किसी भी काम में नहीं लगा. उस ने घड़ी पर नजर डाली. एक बज रहा था. औफिस में आए उसे अभी एक घंटा ही हुआ था. अपनी तबीयत ठीक न होने का बहाना कर उस ने हाफडे लीव को फुल डे सिकलीव में कन्वर्ट करवा लिया और औफिस से निकल कर सीधे घर जाने के लिए रिकशा पकड़ लिया.

सोसाइटी कंपाउंड में प्रवेश कर उस ने लिफ्ट का बटन दबाया, पर सहसा याद आया कि आज सुबह से बिजली बंद है और शाम 5 बजे के बाद ही सप्लाई वापस चालू होगी. बुझे मन से वह सीढि़यां चढ़ कर तीसरी मंजिल पर आई. फ्लैट नंबर सी-302 का ताला खोल कर अंदर से दरवाजा बंद कर वह सीधे जा कर बिस्तर पर पसर गई.

कुछ देर पहले बरस कर थम चुकी बारिश की वजह से वातावरण में ठंडक छा गई थी. लेकिन उस का मन अंदर से एक आग की तपिश से जला जा रहा था. नेहा अपने बौस के साथ बिजनैस टूर पर गई हुई थी और कल सुबह से पहले नहीं आने वाली थी वरना मन में उठ रही टीस उस के संग बांट कर अपने को कुछ हलका कर लेती. बैडरूम में उसे घबराहट होने लगी, तो वह उठ कर हौल में आ कर सोफे पर सिर टिका कर बैठ गई. उस की आंखों के आगे जिंदगी के पिछले 4 साल घूमने लगे…

‘चलो अच्छा ही है 2 दोस्तों के बच्चे अब शादी की गांठ से बंध जाएंगे तो दोस्ती अब रिश्तेदारी में बदल कर और पक्की हो जाएगी,’ राधिका के नीरज से शादी के लिए हां कहते ही जैसे पूरे घर में खुशियां छा गई थीं. राधिका के पिता ने अपने दोस्त का मुंह मीठा करवाया और गले से लगा लिया.

राधिका ने अपने सामने बैठे नीरज को चोरीछिपे नजरें उठा कर देखा. वह शरमाता हुआ नीची नजरें किए हुए चुपचाप बैठा था. न्यूजर्सी से अपनी पढ़ाई पूरी कर अभी कुछ महीने पहले ही आया नीरज शायद यहां के माहौल में अपनेआप को फिर से पूरी तरह से एडजस्ट नहीं कर पाया. यही सोच कर राधिका उस वक्त उस के चेहरे के भाव नहीं पढ़ पाई. अपने पापा के दोस्त दीनानाथजी को वह बचपन से जानती थी लेकिन नीरज से उस की मुलाकात इस रिश्ते की नींव बनने से पहले कभीकभी ही हुई थी. 12वीं पास करने के बाद नीरज 5 साल के लिए स्टूडैंट वीजा पर न्यूजर्सी चला गया था और जब वापस आया तो पहली ही मुलाकात में चंद घंटों की बातों के बाद उन की शादी का फैसला हो गया.

‘‘नीरज, मैं तुम्हें पसंद तो हूं न?’’ बगीचे में नीरज का हाथ थाम कर चलती राधिका ने पूछा.

‘‘हां. लेकिन क्यों ऐसा पूछ रही हो?’’ उस की बात का जवाब देते हुए नीरज ने पूछा.

‘बस ऐसे ही. अगले महीने हमारी शादी होने वाली है. पर तुम्हारे चेहरे पर कोई उत्साह न देख कर मुझे डर सा लगता है. कहीं तुम ने किसी दबाव में आ कर तो इस शादी के लिए हां नहीं की न?’ पास ही लगी बैंच पर बैठते हुए राधिका ने नीरज को देखा.

‘वैल. अपना बिजनैस सैट करने की थोड़ी टैंशन है. इसी उलझन में रहता हूं कि कहीं शादी का यह फैसला जल्दी तो नहीं ले लिया,’ कहते हुए नीरज ने अपनी पैंट की जेब से रूमाल निकाला और माथे पर उभर आई पसीने की बूंदों को पोंछ डाला.

‘इस में टैंशन लेने वाली बात ही क्या है? शादी तो समय पर हो ही जानी चाहिए. वैसे भी, जीने के लिए पैसा नहीं, अपने लोगों के पास होने की जरूरत होती है,’ कहती हुई राधिका ने नीरज के कंधे पर अपना सिर टिका दिया.

‘बात तो सच है तुम्हारी पर फिर भी हर वक्त एक डर सा बना रहता है,’ नीरज ने अपने हाथ में अभी भी रूमाल पकड़ रखा था.

‘छोड़ो भी अब यह डर और कोई रोमांटिक बात करो न मुझ से,’ कहती हुई राधिका ने आसपास नजर दौड़ाई. बगीचे में अधिकांश जोड़े अपनी ही मस्ती में खोए हुए थे. सहसा राधिका नीरज के और करीब आ गई और उस के हाथ की उंगलियां उस की छाती पर हरकत करने लगीं.

‘यह क्या हरकत है राधिका?’ कहते हुए नीरज ने एक झटके से राधिका को अपने से दूर कर दिया और अपनी जगह से खड़ा हो गया. राधिका के लिए नीरज का यह व्यवहार अप्रत्याशित था. वह नीरज की इस हरकत से सहम गई. तभी दरवाजे की घंटी बज उठी. राधिका अपनी यादों से बाहर निकल कर खड़ी हुई और दरवाजा खोला.

‘‘नेहा प्रधान हैं?’’

दरवाजे पर कूरियर वाला खड़ा था. ‘‘जी, इस वक्त वह घर पर नहीं है. लाइए मैं साइन कर देती हूं,’’ राधिका ने पैकेट लेने के लिए अपना हाथ आगे बढ़ाया.

पैकेट दे कर कूरियर वाला चला गया. दरवाजा बंद करती हुई राधिका ने पैकेट को देख कर उस के अंदर कोई पुस्तक होने का अंदाजा लगाया. नेहा अकसर कोई न कोई पुस्तक मंगाती रहती थी. उस ने पैकेट टेबल पर रख दिया और वापस सोफे पर बैठ गई.

4 वर्षों का साथ आज यों ही एक झटके में तो नहीं टूट गया था. उस के पीछे की भूमिका तो शायद शादी के पहले से ही बन चुकी थी. पर नीरज का मौन राधिका की जिंदगी भी दांव पर लगा गया. नीरज के बारे में और सोचते हुए उस का चेहरा तन गया.

‘नीरज,  तुम्हारे मन में आखिर चल क्या रहा है? हमारी शादी हुए एक महीने से ज्यादा हो गया और 10 दिनों के अच्छेखासे हनीमून के बाद भी तुम्हारे चेहरे पर नईनई शादी वाली खुशी नदारद सी है. बात क्या है? मुझ से तो खुल कर कहो,’ पूरे हनीमून के दौरान राधिका ने महसूस किया कि नीरज हमेशा उस से एक सीमित अंतर बना कर रह रहा है. रात के हसीन पल भी उसे रोमांचित नहीं कर पा रहे थे. वह, बस, शादी के बाद की रातों को एक जिम्मेदारी मान कर जैसेतैसे निभा ही रहा था. हनीमून से लौट कर आने के बाद राधिका के चेहरे पर अतृप्ति के भाव छाए हुए थे.

‘कुछ नहीं राधिका. मुझे लगता है हम ने शादी करने में जल्दबाजी कर दी है,’ राधिका की बात सुन कर नीरज इतना ही बोल पाया.

‘जनाब, अब ये सब बातें सोचने का समय बीत चुका है. बेहतर होगा हम मिल कर अपनी शादी का जश्न पूरे मन से मनाएं,’ राधिका ने नीरज की बात सुन कर कहा.

‘तुम नहीं समझ पाओगी राधिका और मैं तुम्हें अपनी समस्या समझ भी नहीं पाऊंगा,’ कह कर नीरज राधिका की प्रतिक्रिया की परवा किए बिना ही कमरे से बाहर चला गया.

अकेले बैठी हुई राधिका का मन बारबार पिछली बातों में जा कर अटक रहा था. लाइट भी नहीं थी जो टीवी औन कर अपना मन बहला पाती. तभी उस के मन में कुछ कौंधा और उस ने नेहा के नाम से अभी आया पैकेट खोल लिया. उस के हाथों में किसी नवोदित लेखक की पुस्तक थी. पुस्तक के कवर पर एक स्त्री की एक पुरुष के साथ हाथों में हाथ डाले हुए मनमोहक छवि थी और उस के ऊपर पुस्तक का शीर्षक छपा हुआ था- ‘उस के हिस्से का प्यार’. कहानियों की इस पुस्तक की विषय सूची पर नजर डालते हुए उस ने एक के बाद एक कुछ कहानियां पढ़नी शुरू कर दीं. बच्चे के यौन उत्पीड़न और फिर उस को ले कर वैवाहिक जीवन में आने वाली समस्या को ले कर लिखी गई एक कहानी पढ़ कर वह फिर से नीरज की यादों में खो गई.

उस दिन नीरज बेहद खुश था. वह घर खाने पर अपने किसी विदेशी दोस्त को ले कर आया था.

‘राधिका, 2 दिनों पहले मैं अपने जिस दोस्त की बात कर रहा था वह यह माइक है. न्यूजर्सी में हम दोनों रूममेट थे और साथ ही पढ़ते थे,’ नीरज ने राधिका को माइक का परिचय देते हुए कहा.

राधिका ने अपने पति की बाजू में खड़े उस श्वेतवर्णी स्निग्ध त्वचा वाले लंबे व छरहरे युवक पर नजर डाली. राधिका को पहली ही नजर में नीरज का यह दोस्त बिलकुल पसंद नहीं आया. उस का क्लीनशेव्ड नाजुक चेहरा और उस पर सिर पर थोड़े लंबे बालों को बांध कर बनाई गई छोटी सी चोटी देख कर राधिका को आश्चर्य हो रहा था कि ऐसा लड़का नीरज का दोस्त कैसे हो सकता है. नीरज तो खुद अपने पहनावे और लुक को ले कर काफी कौन्शियस रहता है. उस वक्त इस बात को नजरअंदाज कर वह इस बात पर ज्यादा कुछ न सोचते हुए खाना बनाने में जुट गई.

उसी रात नीरज ने जब राधिका से सीधेसीधे तलाक लेने की बात छेड़ी तो राधिका के पैरोंतले जमीन खिसक गई.

‘लेकिन बात क्या हुई नीरज? न हमारे बीच कोई झगड़ा है न कोई परेशानी. सबकुछ तो बराबर चल रहा है. कहीं तुम्हारा किसी के संग अफेयर तो…’ रिश्तों को बांधे रखने की दुहाई देते हुए सहसा उस का मन एक आशंका से भर गया.

‘अफेयर ही समझ लो. अब तुम से मैं आगे कुछ और नहीं छिपाऊंगा,’ कहते हुए नीरज चुप हो गया. राधिका ने नीरज के चेहरे को देखते हुए उस की आंखों में अजीब सी मदहोशी महसूस की.

‘तुम कहना क्या चाहते हो नीरज?’ राधिका नीरज की अधूरी छोड़ी बात पूरी सुनना चाहती थी. उस के बाद नीरज ने जो कुछ उस से कहा, उन में से आधी बात तो वह ठीक से सुन ही नहीं पाई.

‘तुम्हारे संग मेरी शादी मेरे लिए एक जुआ ही थी. मैं अपनी सारी जिंदगी इसी तरह कशमकश में गुजार देता पर अब यह कुछ नामुमकिन सा लगता है राधिका. बेहतर होगा हम अपनेअपने रास्ते अलगअलग ही तय करें,’ नीरज से शादी टूटने से पहले कहे गए आखिरी वाक्य उस के दिमाग में बारबार कौंधने लगे.

राधिका ने कमरे की लाइट बंद कर दी और चुपचाप लेट कर सारी रात अपनी बरबादी पर आंसू बहाती रही.

अब एक ही घर में नीरज के साथ रहते हुए वह अपनेआप को एक अजनबी महसूस कर रही थी. अपने मन की बात राधिका को जता कर जैसे नीरज के मन का भार हलका हो चुका था लेकिन राधिका जैसे मन पर एक अनचाहा भार ले कर जी रही थी. जब उस के मन का भार असहनीय हो गया तो वह नीरज के घर की दहलीज छोड़ कर अपने पिता के घर आ गई.

फिर जो हुआ वह आज के दिन में परिणत हो कर उस के सामने खड़ा था. कानूनी तौर पर वह भले ही नीरज से अलग हो चुकी थी लेकिन नीरज की सचाई और उस के द्वारा दी गई अनचाही पीड़ा अब भी उस के मन के कोने में कैद थी जिसे वह चाह कर भी किसी से बयान नहीं कर सकती थी. घर में बैठेबैठे अकेले घुटन होने से वह घर लौक कर बाहर निकल गई और एमजी रोड पर स्थित मौल में दिल बहलाने के लिए चक्कर लगाने लगी.

रात देर से नींद आने की वजह से सुबह उस की नींद देर से ही खुली. वैसे भी आज उस का वीकली औफ होने से औफिस जाने का कोई झंझट न था. उस ने उठ कर समाचार सुनने के लिए टीवी औन ही किया था कि डोरबेल बज उठी.

‘‘हाय राधिका. हाऊ आर यू?’’ दरवाजा खोलते ही नेहा राधिका से लिपट गई.

‘‘मैं ठीक हूं. तेरा टूर कैसा रहा?’’ राधिका के चेहरे पर एक फीकी सी मुसकान तैर गई.

‘‘बौस के साथ टूर हमेशा ही मजेदार रहता है. वैसे भी अब जिंदगी ऐसे मोड़ तक पहुंच गई है जहां से वापस लौटना संभव ही नहीं. यह टूर तो एक बहाना होता है एकांत पाने का,’’ कहती हुई नेहा सोफे पर पसर गई.

राधिका ने रिमोट उठा कर चुपचाप न्यूज चैनल शुरू कर दिया.

‘‘सुन, कल तेरी आखिरी सुनवाई थी न फैमिली कोर्ट में. क्या फैसला आया?’’ नेहा ने राधिका को अपने पास खींचते हुए उस से पूछा.

‘‘फैसला तो पहले से ही तय था. बस, साइन ही करने तो जाना था,’’ राधिका ने बुझेमन से जवाब दिया.

‘‘लेकिन तू ने अभी तक नहीं बताया कि आखिर ऐसा क्या हुआ जो तू ने नीरज से अलग होने का फैसला ले लिया?’’ पिछले एक साल से साथ रहने के बावजूद राधिका ने अपनी जिंदगी का एक अधूरा सच नेहा से अब तक छिपाए रखा था.

‘भारत की न्याय प्रणाली में एक ऐतिहासिक फैसला सैक्शन 377 के तहत अब गे और लैस्बियन संबंध वैध.’

तभी टीवी स्क्रीन पर आती ब्रैकिंग न्यूज देख कर राधिका असहज हो गई.

‘‘स्ट्रैंज,’’ नेहा ने न्यूज पर अपनी छोटी सी प्रतिक्रिया जताते हुए राधिका से फिर से पूछा, ‘‘तू ने बताया नहीं राधिका? कुछ कारण तो रहा होगा न?’’

‘‘बस, समझ ले कल उसे एक अनचाहे रिश्ते से कानूनीतौर पर मुक्ति मिली और आज उस मुक्ति की खुशी मनाने का मौका भी उसी कानून ने उसे दे दिया,’’ राधिका की नजरें अभी भी टीवी स्क्रीन पर जमी हुई थीं. लेकिन नेहा उस की नम हो चुकी आंखों में तैर रही खामोशी को पढ़ चुकी थी. द्य

गलतफहमी: क्या था रिया का जवाब

आज नौकरी का पहला दिन था. रिया ने सुबह उठ कर तैयारी की और औफिस के लिए निकल पड़ी. पिताजी के गुजरने के बाद घर की सारी जिम्मेदारी उस पर ही थी. इंजीनियरिंग कालेज में अकसर अव्वल रहने वाली रिया के बड़ेबड़े सपने थे. लेकिन परिस्थितिवश उसे इस राह पर चलना पड़ा था. इस के पहले छोटी नौकरी में घर की जिम्मेदारियां पूरी न हो पाती थीं. ऐसे में एक दिन औनलाइन इंटरव्यू के इश्तिहार पर उस का ध्यान गया. उस ने फौर्म भर दिया और उस कंपनी में उसे चुन लिया गया.

रिया जब औफिस में पहुंची तो औफिस के कुछ कर्मी थोड़े समय से थोड़ा पहले ही आ गए थे. वहीं, रिसैप्शन पर बैठी अंजली ने रिया से पूछा, ‘‘गुडमौर्निंग मैडम, आप को किस से मिलना है?’’

‘‘मैं इस कंपनी में औनलाइन इंटरव्यू से चुनी गईर् हूं. आज से मु झे औफिस जौइन करने लिए कहा गया था, यह लैटर…’’

‘‘ओके, कौंग्रेट्स. आप का इस कंपनी में स्वागत है. थोड़ी देर बैठिए. मैं मैनेजर साहब से पूछ कर आप को बताती हूं.’’

रिया वहीं बैठ कर कंपनी का निरीक्षण करने लगी. उसी वक्त कंपनी में काफी जगह लगा हुआ आर जे का लोगो उस का बारबार ध्यान खींच रहा था. उतने में अंजली आई, ‘‘आप को मैनेजर साहब ने बुलाया है. वे आप को आगे का प्रोसीजर बताएंगे.’’

‘‘अंजली मैडम, एक सवाल पूछूं? कंपनी में जगहजगह आर जे लोगो क्यों लगाया गया है?’’

‘‘आर जे लोगो कंपनी के सर्वेसर्वा मजूमदार साहब के एकलौते सुपुत्र के नाम के अक्षर हैं. औनलाइन इंटरव्यू उन का ही आइडिया था. आज उन का भी कंपनी में पहला दिन है. चलो, अब हम अपने काम की ओर ध्यान दें.’’

‘‘हां, बिलकुल, चलो.’’

कंपनी के मैनेजर, सुलझे हुए इंसान थे. उन की बातों से और काम सम झाने के तरीके से रिया के मन का तनाव काफी कम हुआ. उस ने सबकुछ समझ लिया और काम शुरू कर लिया. शुरू के कुछ दिनों में ही रिया ने अपने हंसमुख स्वभाव से और काम के प्रति ईमानदारी से सब को अपना बना लिया. लेकिन अभी तक उस की कंपनी के मालिक आर जे सर से मुलाकात नहीं हुई थी. कंपनी की मीटिंग हो या और कोई अवसर, जहां पर उस की आर जे सर के साथ मुलाकात होने की गुंजाइश थी, वहां उसे जानबू झ कर इग्नोर किया जा रहा था. ऐसा क्यों, यह बात उस के लिए पहेली थी.

एक दिन रोज की फाइल्स देखते समय चपरासी ने संदेश दिया, ‘‘मैनेजर साहब, आप को बुला रहे हैं.’’

‘‘आइए, रिया मैडम, आप से काम के बारे में बात करनी थी. आज आप को इस कंपनी में आए कितने दिन हुए?’’

‘‘क्यों, क्या हुआ सर? मैं ने कुछ गलत किया क्या?’’

‘‘गलत हुआ, ऐसा मैं नहीं कह सकता, मगर अपने काम की गति बढ़ाइए और हां, इस जगह हम काम करने की तनख्वाह देते हैं, गपशप की नहीं. यह ध्यान में रखिए. जाइए आप.’’

रिया के मन को यह बात बहुत बुरी लगी. वैसे तो मैनेजर साहब ने कभी भी उस के साथ इस तरीके से बात नहीं की थी लेकिन वह कुछ नहीं बोल सकी. अपनी जगह पर वापस आ गई.

थोड़ी देर में चपरासी ने उस के विभाग की सारी फाइलें उस की टेबल पर रख दीं. ‘‘इस में जो सुधार करने के लिए कहे हैं वे आज ही पूरे करने हैं, ऐसा साहब ने कहा है.’’

‘‘लेकिन यह काम एक दिन में कैसे पूरा होगा?’’

‘‘बड़े साहब ने यही कहा है.’’

‘‘बड़े साहब…?’’

‘‘हां मैडम, बड़े साहब यानी अपने आर जे साहब, आप को नहीं मालूम?’’

अब रिया को सारी बातें ध्यान में आईं. उस के किए हुए काम में आर जे सर ने गलतियां निकाली थीं, हालांकि वह अब तक उन से मिली भी नहीं थी. फिर वे ऐसा बरताव क्यों कर रहे थे, यह सवाल रिया को परेशान कर रहा था.

उस ने मन के सारे विचारों को  झटक दिया और काम शुरू किया. औफिस का वक्त खत्म होने को था, फिर भी रिया का काम खत्म नहीं हुआ था. उस ने एक बार मैनेजर साहब से पूछा, मगर उन्होंने आज ही काम पूरा करने की कड़ी चेतावनी दी. बाकी सारा स्टाफ चला गया. अब औफिस में रिया, चपरासी और आर जे सर के केबिन की लाइट जल रही थी यानी वे भी औफिस में ही थे. काम पूरा करतेकरते रिया को काफी वक्त लगा.

उस दिन के बाद रिया को तकरीबन हर दिन ज्यादा काम करना पड़ता था. उस की बरदाश्त करने की ताकत अब खत्म हो रही थी. एक दिन उस ने तय किया कि आज अगर उसे हमेशा की तरह ज्यादा काम मिला तो सीधे जा कर आर जे सर से मिलेगी. हुआ भी वैसा ही. उसे आज भी काम के लिए रुकना था. उस ने काम बंद किया और आर जे सर के केबिन की ओर जाने लगी. चपरासी ने उसे रोका, मगर वह सीधे केबिन में घुस गई.

‘‘सौरी सर, मैं बिना पूछे आप से मिलने चली आई. क्या आप मु झे बता सकेंगे कि निश्चितरूप से मेरा कौन सा काम आप को गलत लगता है? मैं कहां गलत कर रही हूं? एक बार बता दीजिए. मैं उस के मुताबिक काम करूंगी, मगर बारबार ऐसा…’’

रिया के आगे के लफ्ज मुंह में ही रह गए क्योंकि रिया केबिन में आई थी तब आर जे सर कुरसी पर उस की ओर पीठ कर के बैठे थे. उन्होंने रिया के शुरुआती लफ्ज सुन लिए थे. बाद में उन की कुरसी रिया की ओर मुड़ी ‘‘सर…आप…तुम…राज…कैसे मुमकिन है? तुम यहां कैसे?’’ रिया हैरान रह गई. उस का अतीत अचानक उस के सामने आएगा, ऐसी कल्पना भी उस ने नहीं की थी. उसे लगने लगा कि वह चक्कर खा कर वहीं गिर जाएगी.

‘‘हां, बोलिए रिया मैडम, क्या तकलीफ है आप को?’’

राज के इस सवाल से वह अतीत से बाहर आई और चुपचाप केबिन के बाहर चली गई. उस का अतीत ऐसे अचानक उस के सामने आएगा, यह उस ने सोचा भी नहीं था.

आर जे सर कोई और नहीं उस का नजदीकी दोस्त राज था. उस दोस्ती में प्यार के धागे कब बुन गए, यह दोनों सम झे नहीं थे. रिया को वह कालेज का पहला दिन याद आया. कालेज के गेट के पास ही सीनियर लड़कों के एक गैंग ने उसे रोका था.

‘आइए मैडम, कहां जा रही हो? कालेज के नए छात्र को अपनी पहचान देनी होती है. उस के बाद आगे बढि़ए.’

रिया पहली बार गांव से पढ़ाई के लिए शहर आई थी और आते ही इस सामने आए संकट से वह घबरा गई.

‘अरे हीरो, तू कहां जा रहा है? तु झे दिख नहीं रहा यहां पहचान परेड चल रही है. चल, ऐसा कर ये मैडम जरा ज्यादा ही घबरा गई हैं. तू इन्हें प्रपोज कर. उन का डर भी चला जाएगा.’

अभीअभी आया राज जरा भी घबराया नहीं. उस ने तुरंत रिया की ओर देखा. एक स्माइल दे कर बोला. ‘हाय, मैं राज. घबराओ मत. बड़ेबड़े शहरों में ऐसी छोटीछोटी बातें होती रहती हैं.’

रिया उसे देखती ही रह गई.

‘आज हमारे कालेज का पहला दिन है. इस वर्षा ऋतु के साक्षी से मेरी दोस्ती को स्वीकार करोगी.’ रिया के मुंह से अनजाने में कब ‘हां’ निकल गई यह वह सम झ ही नहीं पाई. उस के हामी भरने से सीनियर गैंग  झूम उठा.

‘वाह, क्या बात है. यह है रियल हीरो. तुम से मोहब्बत के लैसंस लेने पड़ेंगे.’

‘बिलकुल… कभी भी…’

रिया की ओर एक नजर डाल कर राज कालेज की भीड़ में कब गुम हुआ, यह उसे मालूम ही नहीं हुआ. एक ही कालेज में, एक ही कक्षा में होने की वजह से वे बारबार मिलते थे. राज अपने स्वभाव के कारण सब को अच्छा लगता था. कालेज की हर लड़की उस से बात करने के लिए बेताब रहती थी. मगर राज किसी दूसरे ही रिश्ते में उल झ रहा था.

यह रिश्ता रिया के साथ जुड़ा था. एक अव्यक्त रिश्ता. उस का शांत स्वभाव, उस का मनमोहता रूप जिसे शहर की हवा छू भी नहीं पाई थी. उस का यही निरालापन राज को उस की ओर खींचता था.

एक दिन दोनों कालेज कैंटीन में बैठे थे. तब राज ने कहा, ‘रिया, तुम कितनी अलग हो. हमारा कालेज का तीसरा साल शुरू है. लेकिन तुम्हें यहां के लटके झटके अभी भी नहीं आते…’

‘मैं ऐसी ही ठीक हूं. वैसे भी मैं कालेज में पढ़ने आई हूं. पढ़ाई पूरी करने के बाद मु झे नौकरी कर के अपने पिताजी का सपना पूरा करना है. उन्होंने मेरे लिए काफी कष्ट उठाए हैं.’

रिया की बातें सुन कर राज को रिया के प्रति प्रेम के साथ आदर भी महसूस हुआ. तीसरे साल के आखिरी पेपर के समय राज ने रिया को बताया, ‘मु झे तुम्हें कुछ बताना है. शाम को मिलते हैं.’ हालांकि उस की आंखें ही सब बोल रही थीं. रिया भी इसी पल का बेसब्री से इंतजार कर रही थी. इसी खुशी में वह होस्टल आई. मगर तभी मैट्रन ने बताया, ‘तुम्हारे घर से फोन था. तुम्हें तुरंत घर बुलाया है.’

रिया ने सामान बांधा और गांव की ओर निकल पड़ी. घर में क्या हुआ होगा, इस सोच में वह परेशान थी. इन सब बातों में वह राज को भूल गई. घर पहुंची तो सामने पिताजी का शव, उस सदमे से बेहोश पड़ी मां और रोता हुआ छोटा भाई. अब किसे संभाले, खुद की भावनाओं पर कैसे काबू पाए, यह उस की सम झ में नहीं आ रहा था. एक ऐक्सिडैंट में उस के पिताजी का देहांत हो गया था. घर में सब से बड़ी होने की वजह से उस ने अपनी भावनाओं पर बहुत ही मुश्किल से काबू पाया.

इस घटना के बाद उस ने पढ़ाई आधी ही छोड़ दी और एक छोटी नौकरी कर घर की जिम्मेदारी संभाली.

इधर राज बेचैन हो गया. सारी रात रिया का इंतजार करता रहा. मगर वह आई नहीं. उस ने कालेज, होस्टल सब जगह ढूंढ़ा मगर उस का कुछ पता नहीं चला. रिया ने ही ऐसी व्यवस्था कर रखी थी. वह राज पर बो झ नहीं बनना चाहती थी. पर राज इस सब से अनजान था. उस के दिल को ठेस पहुंची थी. इसलिए उस ने भी कालेज छोड़ दिया और आगे की पढ़ाई के लिए अमेरिका चला गया.

‘‘मैडम, आप का काम हो गया क्या? मु झे औफिस बंद करना है. बड़े साहब कब के चले गए.’’

चपरासी की आवाज से रिया यादों की दुनिया से बाहर आई. उस ने सब सामान इकट्ठा किया और घर के लिए निकल पड़ी. उस के मन में एक ही खयाल था कि राज की गलतफहमी कैसे दूर करे. उसे उस का कहना रास आएगा या नहीं? वह नौकरी भी छोड़ नहीं सकती. क्या करे. इन खयालों में वह पूरी रात जागती रही.

दूसरे दिन औफिस में अंजली ने रिसैप्शन पर ही रिया से पूछा, ‘‘अरे रिया, क्या हुआ? तुम्हारी आंखें ऐसी क्यों लग रही हैं? खैरियत तो है न?’’

‘‘अरे कुछ नहीं, थोड़ी थकान महसूस कर रही हूं, बस. आज का शैड्यूल क्या है?’’

‘‘आज अपनी कंपनी को एक बड़ा प्रोजैक्ट मिला है. इसलिए कल पूरे स्टाफ के लिए आर जे सर ने पार्टी रखी है. हरेक को पार्टी में आना ही है.’’

‘‘हां, आऊंगी.’’

दू सरे दिन शाम को पार्टी शुरू हुई. रिया बस केवल हाजिरी लगा कर निकलने की सोच रही थी. राज का पूरा ध्यान उसी पर था. अचानक उसे एक परिचित  आवाज आई.

‘‘हाय राज, तुम यहां कैसे? कितने दिनों बाद मिल रहे हो. मगर तुम्हारी हमेशा की मुसकराहट किधर गई?’’

‘‘ओ मेरी मां, हांहां, कितने सवाल पूछोगी. स्नेहल तुम तो बिलकुल नहीं बदलीं. कालेज में जैसी थीं वैसी ही हो, सवालों की खदान. अच्छा, तुम यहां कैसे…?’’

‘‘अरे, मैं अपने पति के साथ आई हूं. आज उन के आर जे सर ने पूरे स्टाफ को परिवार सहित बुलाया है. इसलिए मैं आई. तुम किस के साथ आए हो?’’

‘‘मैं अकेला ही आया हूं. मैं ही तुम्हारे पति का आर जे सर हूं.’’

‘‘सच, क्या कह रहे हो. तुम ने तो मु झे हैरान कर दिया. अरे हां, रिया भी इसी कंपनी में है न. तुम लोगों की सब गलतफहमियां दूर हो गईं न.’’

‘‘गलतफहमी? कौन सी गलतफहमी?’’

‘‘अरे, रिया अचानक कालेज छोड़ कर क्यों गई, उस के पिताजी का ऐक्सिडैंट में देहांत हो गया था, ये सब…’’

‘‘क्या, मैं तो ये सब जानता ही नहीं.’’

स्नेहल रिया और राज की कालेज की सहेली थी. उन दोनों की दोस्ती, प्यार, दूरी इन सब घटनाओं की साक्षी थी. उसे रिया के बारे में सब मालूम हुआ था. उस ने ये सब राज को बताया.

राज को यह सब सुन कर बहुत दुख हुआ. उस ने रिया के बारे में कितना गलत सोचा था. हालांकि, उस की इस में कुछ भी गलती नहीं थी. अब उस की नजर पार्टी में रिया को ढूंढ़ने लगी. मगर तब तक रिया वहां से निकल चुकी थी.

वह उसे ढूंढ़ने बसस्टौप की ओर भागा.

बारिश के दिन थे. रिया एक पेड़ के नीचे खड़ी थी. उस ने दूर से ही रिया को आवाज लगाई.

‘‘रिया…रिया…’’

‘‘क्या हुआ सर? आप यहां क्यों आए? आप को कुछ काम था क्या?’’

‘‘नहीं, सर मत पुकारो, मैं तुम्हारा पहले का राज ही हूं. अभीअभी मु झे स्नेहल ने सबकुछ बताया. मु झे माफ कर दो, रिया.’’

‘‘नहीं राज, इस में तुम्हारी कोई गलती नहीं है. उस समय हालात ही ऐसे थे.’’

‘‘रिया, आज मैं तुम से पूछता हूं, क्या मेरे प्यार को स्वीकार करोगी?’’

रिया की आंसूभरी आंखों से राज को जवाब मिल गया.

राज ने उसे अपनी बांहों में भर लिया. उन के इस मिलन में बारिश भी उन का साथ दे रही थी. इस बारिश की  झड़ी में उन के बीच की दूरियां, गलतफहमियां पूरी तरह बह गई थीं.

Diwali Special: क्विक मेकअप से सजें कुछ ऐसे

आप मेकअप के लिए पहले से कुछ ऐसे ब्यूटी प्रोडक्ट्स को चुनें और खरीदें जिन्हें आप को प्रयोग करना है. उन सब को इकट्ठा कर के अपनी मेकअप किट में रखें, क्योंकि जरूरत के समय किसी भी चीज का न मिलना आप का मेकअप और मूड दोनों ही बिगाड़ सकता है.

 कैसी हो मेकअप किट: आप की मेकअप किट ऐसी हो जिस में अधिक से अधिक ब्यूटी प्रोडक्ट्स आ जाएं. इस के लिए बड़ी मेकअप किट ही लें, जिस में छोटीछोटी चीजें भी आसानी से नजर आएं.

आप अपनी मेकअप किट को ऐसे तैयार करें जिस से हर चीज समय पर मिल जाए. इस के लिए छोटी से छोटी चीजें आप को एक लिस्ट बना कर पहले से ही डालनी पड़ेंगी.

 मेकअप किट हो खास: अपने रूप को निखारने के लिए अपनी किट में ऐसे ब्रैंडेड ब्यूटी प्रोडक्ट्स रखें, जो आप की स्किन के अनुरूप हों. साथ ही वे चीजें भी जो जरूरी हों जैसे क्लींजर, टोनर, मौइश्चराइजर, कौटन का बंडल, स्पौंज, पफ, मेकअप ब्रश सैट, अल्ट्रा बेस, डार्क बेस फाउंडेशन, फेस पाउडर, डस्क पाउडर, पैनकेक, कंसीलर फेस सीरम, लिक्विड पाउडर बेस, ग्लौसी आईशैडो, आईशिमर, कलर्ड मसकारा, कलर्ड काजल पैंसिल, कलरफुल आईलाइनर जिस में शिमर, ग्लिटर हो. इस के अलावा आईब्रो फिलर, काजल, ग्लौसी लिपस्टिक, औरेंज, रैड, पर्पल या बेरी के शेड्स, पिंक व पीच शाइनी कलर का ब्लशर, मेकअप रिमूवर, नेल रिमूवर, नेल फाइलर व कटर, सिंदूर, नेल पेंट स्पार्कलिंग, हाई ग्लौस नेल पेंट, मेहंदी, सेफ्टी पिन, बौल पिन, टिश्यू पेपर, स्पे्र बौटल आदि. 

मेकअप करने के क्विक टिप्स: फैस्टिवल सीजन के दौरान खूबसूरत दिखने के लिए अपनाएं कुछ ऐसे टिप्स, जिन से आप कम समय में भी खूबसूरत दिख सकती हैं.

क्विक फेस मेकअप: इस के लिए सब से पहले अपने फेस को पानी से अच्छी तरह से धो लें. फिर फेस पर क्लींजर, टोनर व मौइश्चराइजर लगाएं. अगर फेस पर डार्क सर्कल हैं, तो उंगलियों की टिप से उन पर कंसीलर लगाएं. फिर अच्छे ब्रैंड का अपनी स्किन के अनुसार फाउंडेशन या पैनकेक लगाएं. पैनकेक गीले स्पौंज से लगाएं. फिर आई मेकअप शुरू कर दें.

आई मेकअप: आई मेकअप के लिए 3 शेड्स का चुनाव करें. एक लाइट बेस जिसे पूरी आईलिड पर लगाएं. यह बेस कोट होगा. फिर मीडियम शेड को आईलिड पर लगाएं. फिर ग्लौसी आईशैडो लगाएं और अंत में हाईलाइटर से हाईलाइट करें. फिर कलर वाटरपू्रफ पैंसिल से आईलाइनर लगाएं. फिर काजल लगा कर मसकारा का एक कोट आईलैशेज पर लगाएं. आईलैशेज को थिक दिखाने के लिए आईशैडो ब्रश से ट्रांसल्यूसैंट पाउडर लैशेज पर लगाएं. फिर मसकारा का एक कोट और लगाएं. आंखों के वाटरलाइन एरिया में व्हाइट लाइनर लगाएं. इस से आंखें बड़ी दिखेंगी.

गालों के लिए: सब से पहले क्रीम बेस ब्लशर लगाएं. उस के ऊपर पाउडर ब्लशर लगा कर चीकबोंस की तरफ ऊपर की ओर ब्लैंड करें. इस से यह अधिक समय तक टिका रहेगा. ब्लशर पीच या पिंक ही शिमर वाला लगाएं.

लिप्स के लिए: होंठों पर मौइश्चराइजर या प्राइमर लगाएं. अब कलर्ड पैंसिल से होंठों की आउटलाइन बनाएं और पैंसिल से ही लिप पर बेस बनाएं. फिर इस पर ग्लौसी औरेंज या रैड लिपस्टिक लगा दें. ये दोनों देर तक टिकी रहेंगी. बेस लगा होने से अगर ग्लौसी लिपस्टिक हट भी जाएगी, तो लिप का बेस कलर नैचुरल लुक देगा. लिप के मिडल पार्ट में लिप शाइनी ग्लौस लगाएं. अब पूरे चेहरे पर शिमर पाउडर का प्रयोग करें और चेहरे को दें एक नई चमक.

– मेकअप ऐक्सपर्ट रेनू महेश्वरी से आभा द्वारा की गई बातचीत पर आधारित

मुझे अपनी पत्नी पर शक है कि उसका कोई बौयफ्रैंड है…

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है, तो ये लेख अंत तक जरूर पढ़ें…

सवाल

मैं 30 वर्षीय विवाहित युवक हूं. हमारा दांपत्य सुखद है. हम दोनों एकदूसरे से बहुत प्यार करते हैं. पर कुछ समय से पत्नी की हरकतों से संदेह होने लगा है कि शायद उस का मेरे अलावा भी किसी से चक्कर चल रहा है.

मैं ने उस से साफसाफ पूछा नहीं है. डरता हूं कि यदि मैं ने उस से इस विषय में बात की तो वह इस बात से आहत न हो जाए कि मैं उस पर भरोसा नहीं करता. बताएं क्या करूं?

जवाब

आप मानते हैं कि आप की पत्नी आप से प्रेम करती है, बावजूद इस के आप शंकित हैं कि उसका किसी से चक्कर चल रहा है. आप को बेवजह शक नहीं करना चाहिए जब तक कि कोई पुख्ता सुबूत नहीं मिलता.

यदि आप का शक बेबुनियाद हुआ तो इस से आप की पत्नी का आहत होना स्वाभाविक है. इस से आप का दांपत्य जीवन भी प्रभावित होगा. इसलिए सोचसमझ कर ही कोई कदम उठाएं.

ये भी पढ़ें…

पति पत्नी के रिश्ते में हैवान बनता शक

शक एक ऐसी लाइलाज बीमारी होती है जिसका कोई इलाज नहीं, अगर एक बार यह किसी को खास कर पतिपत्नी में से किसी को अपनी चपेट में ले ले तो  वह इंसान को हैवान बना सकती है. हाल ही में कुछ ऐसी ही घटना हैदराबाद में देखने को मिली जहां अवैध संबंधों के शक पर एक महिला ने अपने पति को ऐसी सजा दी जिसका दर्द शायद वह अपनी जिन्दगी में कभी नही भुला पाएगा. आप यह जानकर दंग रह जाएंगे की ३० साल की इस आरोपी महिला ने पति से विवाद होने पर चाकू से उसका प्राइवेट पार्ट काटने की कोशिश की जिसके चलते उसके पति को काफी गंभीर चोटें आर्इं.

ऐसा ही एक अन्य मामला दिल्ली के निहाल विहार इलाके में भी सामने आया जहाँ  पति ने ही अपनी पत्नी का मर्डर कर दिया. पकड़े जाने पर पति ने सारी बातें पुलिस के सामने खोल दीं. उसने साफ किया कि उसे अपनी पत्नी के चरित्र पर उसे शक था.आपको जानकार हैरानी होगी कि दोनों ने लव मैरिज की थी, लेकिन पति को लगता था कि उसकी पत्नी की दोस्ती कई लड़कों से है. इस बात को लेकर अक्सर दोनों में झगड़ा होता था.

टूटते परिवार बिखरते रिश्ते

शक न जाने कितने हँसते खेलते परिवारों को तबाह कर देता है. दांपत्य जीवन जो विश्वास की बुनियाद पर टिका होता है. उसमे शक की आहट जहर घोल देती है हाल के दिनों में अवैध संबंधों के शक में लाइफ पार्टनर पर हमले और हत्या करने की घटनाएं बढ़ रही हैं. मनोवैज्ञानिक इसके पीछे संयुक्त परिवारों के बिखरने को एक बड़ा कारण मानते हैं.

दरअसल, संयुक्त परिवारों में जब पति पत्नी के बीच कोई भी मन मुटाव होता था तो घर के बड़े उसे आपसी बातचीत से सुलझा देते थे, या बड़ों की उपस्थिति में पतिपत्नी का झगडा बड़ा रूप नहीं ले पाता था जबकि आज की स्थिति में जहाँ पति पत्नी अकेले रहते है आपसी झगड़ों में वे एक दूसरे पर हावी होने की कोशिश करते हैं वहां उनके आपसी सम्बन्धों  में शक की दीवार को हटाने वाला कोई नहीं होता. ऐसे में शक गहराने के कारण पति-पत्नी के रिश्ते दम तोड़ने लगते हैं वर्तमान लाइफस्टाइल जहाँ जहाँ पति पत्नी दोनों कामकाजी हैं और दिन के आधे  से ज्यादा समय वे घर से बाहर रहते हैं घर से बाहर  उनका विपरीत  सेक्स के साथ उठाना बैठना होता है. ज्यादा समय साथ रहने से उनके बीच आकर्षण जन्म लेता है और ऐसे में वे बाहरी सम्बन्ध दोनों के बीच शक का आधार बनते हैं. ऐसे में पति पत्नी दोनों को एक दूसरे पर विश्वास रखना  होगा और सामने वाले को उस विश्वास को कायम रखना होगा.

बिजी लाइफ स्टाइल

शादी के बाद जहां वैवाहिक रिश्ते को बनाए रखने में पति और पत्नी दोनों की जिम्मेदारी होती है वहीं  इसके खत्म करने में भी दोनों का हाथ होता है. शादी के कुछ वर्षों बाद जब दोनों अपनी रूटीन लाइफ से बोर होकर और जिम्मेदारियों से बचने के लिए किसी तीसरे की तरफ आकर्षित होने लगते हैं, यानी एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर रखते हैं, तो वैवाहिक रिश्ते का अंत शक से शुरू हो कर एक दूसरे को शारीरिक नुकसान पहुंचाने और हत्या तक पहुंच जाता है.

कई बार परिवार की जिम्मेदारियों के बीच फंसे होने के कारण  जब पति पत्नी  जिंदगी की उलझनों को  सुलझा नहीं पाते तो उनके बीच अनबन होने लगती है और उस के लिए वे बाहरी संबंधों को जिम्मेदार ठहराने लगते हैं. उनके दिमाग में  शक  घर करने लगता है. धीरे-धीरे शक गहराता है और झगड़े बढ़ जाते हैं. यदि कोई उन्हें समझाए तो शक और सारी समस्याएं खत्म हो सकती हैं, लेकिन, एकल परिवार में उन्हें समझाने वाला कोई नहीं होता. इस कारण हालात मारपीट, हमले और हत्या तक पहुंच जाते हैं.

तुम सिर्फ मेरे हो वाली सोच

लाइफ पार्टनर के प्रति अधिक  पजेसिव होना भी शक का बडा कारण  बनता है. आज के माहौल में जहां महिलाएं और पुरुष ऑफिस में साथ में बड़ी बड़ी जिम्मेदारियां संभालते हैं ऐसे में उनका आपसी मेलजोल होना स्वाभाविक है . ऐसे में पति या पत्नी में से जब भी कोई एक दुसरे को किसी बाहरी व्यक्ति से मेलजोल बढ़ाते देखता है तो उस पर शक करने लगता है और उसे  यह बर्दाश्त नहीं होता कि उसका लाइफ पार्टनर जिसे वह प्यार करता है वह किसी और के साथ मिले जुले या बात भी करे क्योंकि वह उस पर सिर्फ अपना अधिकार समझता है. इस  तरह की मानसिकता संबंधों में कडवाहट भर देती है. पति या पत्नी जब फ़ोन पर किसी अन्य महिला  या पुरुष का मेसेज या कॉल देखते हैं तो एक दुसरे पर शक करने लगते हैं. भले ही वास्तविकता कुछ और ही हो लेकिन शक का बीज दोनों के सम्बन्ध में दरार डाल देता है जिसका अंत मारपीट और हत्या जैसी घटनाओं से होता है.

जासूसी का जरिया बनते एप्स

पति पत्नी के रिश्ते में दूरियां लाने में स्मार्टफ़ोन भी कम जिम्मेदार नहीं हैं. जहां सोशल मीडिया ने वैवाहिक जोड़ों को शादी के बंधन से अलग किसी और के  साथ प्यार की पींगें बढ़ने का मौका दिया है, वहीं स्मार्ट फ़ोन में ऐसे एप्स आ गए हैं, जो पति पत्नी को एक दूसरे की जासूसी करने  का पूरा अवसर देते हैं. इन एप्स द्वारा पति या पत्नी जान सकते हैं कि उनका लाइफ पार्टनर उनके अतिरिक्त किस से फोन पर सबसे ज्यादा बातें करता है यानी किस से आजकल उसकी नजदीकियां बढ़ रही  हैं , उनके बीच क्या बातें होती है , वे कौन सी इमेजेज या वीडियोज शेयर करते हैं, यानी लाइफ पार्टनर के फ़ोन पर कंट्रोल करने का पूरा इन्तजाम है. ये एप्स लाइफ पार्टनर की हर एक्टिविटी पर नजर रखने का पूरा मौका देते हैं. इन एप्स की मदद से आपके लाइफ पार्टनर का फोन पूरी तरह आपका हो सकता है.

अब यह आप पर निर्भर करता है कि आप तकनीक का सदुपयोग आपसी रिश्तों में नज़दीकी लाने में करें या इन्हें रिश्तों में दूरियां बनाने का कारण बनायें? फैसला आपका है.

व्हाट्सऐप मैसेज या व्हाट्सऐप औडियो से अपनी समस्या इस नम्बर 8588843415 पर  भेजें. 

या हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- sampadak@delhipress.biz सब्जेक्ट में लिखे…  गृहशोभा-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

ब्रैकफास्ट में बनाएं Cheese ऐंड मशरूम Sandwich, जानें बनाने की आसान रेसिपी

अगर आप फैमिली के लिए नाश्ते में कुछ टेस्टी और हेल्दी बनाना चाहते हैं तो Cheese ऐंड मशरूम Sandwich की रेसिपी जरुर ट्राई करें.

सामग्री

1 बड़ा चम्मच तेल या मक्खन,

1 छोटा चम्मच लहसुन पेस्ट,

1/2 पैकेट मशरूम कटी,

1 प्याज कटा हुआ,

1 छोटा चम्मच मिक्स हर्ब्स,

1/4 छोटा चम्मच कालीमिर्च,

थोड़ा सा चीज कसा हुआ,

कुछ ब्रैडस्लाइस, नमक स्वादानुसार.

विधि

पैन में तेल गरम कर प्याज व लहसुन पेस्ट भूनें. फिर पैन में मशरूम, नमक, कालीमिर्च और हर्ब्स डाल कर अच्छी तरह मिलाएं. इस मिश्रण को अलग रख दें. अब ब्रैडस्लाइस पर मशरूम मिश्रण रखें. ऊपर से चीज डालें. दूसरे ब्रैडस्लाइस से कवर कर टोस्ट करें और टोमैटो कैचअप के साथ सर्व करें.

30 की उम्र में Skin की ऐसे करें देखभाल, हमेशा नजर आएंगी जवां

Writer- Monika Aggarwal 

उम्र बढने के साथ ही शरीर में कई तरह के बदलाव देखने को मिलते हैं. इसमें बाहरी से लेकर अंदरूनी समस्याएं भी होती हैं. सबसे ज्यादा आसानी से लोग आपकी स्किन या स्किन को देखकर अंदाजा लगाते है. ऐसे में जरूरी है कि आप अपनी स्किन का ध्यान रखें और खुद को काॅन्फिडेंट महसूस करें.

एक्सपर्ट सौमाली अधिकारी ब्यूटी एंड लाइफ़स्टाइल एक्सपर्ट की मानें तो 30 के बाद स्किन पर ये समस्याएं दिखने लगती हैं.

सुस्त स्किन (स्किन डलनेस)

फाइन लाइंस

अर्ली एजिंग (जल्दी बुढापा)

झाइयां

झुर्रियां

मौइश्चराइजर लगाएं

यदि आप भी इन समस्याओं से परेशान हैं तो सबसे पहले स्किन को पहचानें कि ये ऑयली है या ड्राई. घर से बाहर या धूप में निकलने से पहले स्किन के हिसाब से फेसवॉश चुनें. इसके बाद मॉइश्चराइजर लगाएं. मॉइश्चराइजर के बाद चाहें तो आप अपनी पसंद की कोई भी क्रीम लगा सकती हैं. मॉइश्चराइजर लगाने से स्किन को नमी मिलती है. इससे झु्र्रियां कम दिखाई देती है. विटामिन सी और बायो-ऑयल्स से भरे मॉइश्चराजर का इस्तेमाल करने से स्किन सॉफ्ट बनी रहेगी.

आंखों की देखभाल सबसे ज्यादा जरूरी

उम्र बढने के साथ ही सबसे पहले आंखों के आसपास वाली स्किन पर असर दिखने लगता है. बहुत बारीक रेखाएं इसके आसपास दिखने लगती है, जो उम्र बढने का संकेत देती हैं. इसीलिए आंखों की क्रीम का इस्तेमाल करें, इससे आंखों के आसपास मौजूद स्किन हमेशा नम रहेगी और इससे आंखों की थकान भी दूर होगी. साथ ही ध्यान रखें कि आंखों को बार-बार न रगड़ें और न ही बार-बार पानी का छींटा मारें. इससे आंखों को नुकसान पहुंचने का खतरा रहता है.

रात में भी देखभाल की जरूरत

स्किन में जान डालने के लिए रात में भी रूटीन बेसिस पर स्किन की देखभाल करनी होती है. इसके लिए रात में सोने से पहले मेकअप को हटाएं.

पाल्यूशन और डस्ट से बचाव

प्रदूषण हर तरफ है और आप भी इससे खुद को बचा नहीं सकतीं, लेकिन कुछ सावधानियां लेकर आप अपनी स्किन की सही देखभाल कर सकती हैं. जब भी आप घर से बाहर निकलें चेहरे को कॉटन कपड़े से कवर कर लें. इससे धूल मिट्टी से आप आपने चेहरे को बचा सकेंगी. दरअसल स्किन के स्वस्थ रहने के लिए उनके पोर्स का खुला रहना बहुत जरूरी है. मगर धूल मिट्टी के पोर्स में घुसने से स्किन इन्फेक्शन का खतरा हो सकता है. इसलिए धूल मिट्टी से बच कर रहें तो ज्यादा अच्छा रहेगा.

डाॅक्टर की सलाह

घर पर ध्यान देने और खानपान होने के बाद भी स्किन में कोई दिक्कत हो रही है और अर्ली एजिंग के साइन दिख रहे हैं तो आपको अच्छे डॉक्टर से मिलकर जरूर सलाह लेनी चाहिए. इन समस्याओं को दूर करने के लिए डॉक्टर अपने हिसाब से इलाज करते हैं, जिससे आपके चेहरे और स्किन पर रौनक लौट आती है.

घरेलू उपचार से खिल उठेगा चेहरा

खानपान पर ध्यान

खाने-पीने का ध्यान हर उम्र में रखना चाहिए. खासकर 30 के बाद स्किन के लिए डाइट का खास ख्याल रखना होता है. टोफु, मेवे, मछली एवाकाडो और सोयाबीन से स्किन सौफ्ट और हेल्दी रहेगा.

खाने में सलाद जरूर हो.

नींबू पानी और नारियल पानी से भी आपको फायदा होगा.

ज्यादा देर तक भूखा न रहें और समय-समय पर हल्का खाना लेते रहें. इससे भी स्किन में निखार आता है.

इन टिप्स को अपनाकर आप खुद को अच्छा फील करने के साथ ही काॅन्फिडेंट भी महसूस करेंगी.

आंखों की तकलीफ से गुजर रहे हैं Shahrukh Khan, अमेरिका में कराएंगे इलाज

शाहरुख खान ( Shahrukh Khan) फिलहाल अपनी आंखों की परेशानी को लेकर बहुत ज्यादा परेशान हैं. जिसके चलते शाहरुख खान को अमेरिका के लिए रवाना होना पड़ा. खबरों के अनुसार पिछले कुछ महीने पहले शाहरुख खान को आंखों में मोतियाबिंदु की बीमारी हुई थी . जिनका औपरेशन उन्होंने मुंबई में करवाया था. लेकिन औपरेशन के बावजूद किंग खान की आंखों की समस्या दूर नहीं हुई.

जैसा इलाज वह चाहते थे वैसा बिल्कुल भी नहीं मिला. आंखों की समस्या ज्यादा बढ़ाने की वजह से शाहरुख खान ने अमेरिका जाकर इलाज करने का फैसला किया. हालांकि शाहरुख खान की आंखों में क्या प्रौब्लम हुई है इसका खुलासा नहीं हो पाया लेकिन इतना पक्का है कि मोतियाबिंद के औपरेशन के बावजूद शाहरुख खान की हालत ठीक नहीं थी.

यही वजह है कि उनको मुंबई से अमेरिका के लिए रवाना होना पड़ा. गौरतलब है इससे पहले शाहरुख खान को अहमदाबाद के केडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था . क्योंकि वह अपनी टीम कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए आईपीएल मैच के दौरान हीट स्ट्रोक का शिकार हो गए थे. जिसके चलते शाहरुख खान को कथित तौर पर निर्जलीकरण के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था. हालांकि मोतियाबिंद की बीमारी एक आम बीमारी है जो बड़ी उम्र में ज्यादातर लोगो को हो जाती है. 60 उम्र के पास पहुंचने वाले शाहरुख खान भी इसी के चलते मोतियाबिंद का शिकार हो गए हैं.

जिससे वह अब जल्द से जल्द छुटकारा पाना चाहते हैं. ताकि वह अपनी अगली फिल्मों की शूटिंग का काम शुरू कर सके. ऐसे में यह कहना गलत ना होगा कि सारे Khans हीरो का टाइम खराब चल रहा है . जहां एक ओर सलमान खान जान से मारने की धमकी को लेकर परेशान हैं. वही शाहरुख खान अपनी खराब तबियत को लेकर परेशान हैं. शाहरुख खान के फैंस तो यही चाहते हैं कि वह इंडिया में इलाज कराएं अमेरिका में बस उनकी आंखें जल्दी से ठीक हो जाए.

अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिएसब्सक्राइब करें