Holi 2024: राधेश्याम नाई- बेटे का क्या था फैसला

कहानी- रमेश कुमार

‘‘अरे भाई, यह तो राधेश्याम नाई का सैलून है. लोग इस की दिलचस्प बातें सुनने के लिए ही इस की छोटी सी दुकान पर कटिंग कराने या दाढ़ी बनवाने आते हैं. ये बड़ा जीनियस व्यक्ति है. इस की दुकान रसिक एवं कलाप्रेमी ग्राहकों से लबालब होती है, जबकि यहां आसपास के सैलून ज्यादा नहीं चलते. राधेश्याम का रेट भी सारे शहर के सैलूनों से सस्ता है. राधेश्याम के बारे में यहां के अखबारों में काफी कुछ छप चुका है.’’

राजेश तो राधेश्याम का गुण गाए जा रहा था और मुझे उस का यह राग जरा भी पसंद नहीं आ रहा था क्योंकि गगन टायर कंपनी वालों ने मुझे राधेश्याम का परिचय कुछ अलग ही अंदाज से दिया था.

गगन टायर का शोरूम राधेश्याम की दुकान के ठीक सामने सड़क पार कर के था. मैं उन के यहां 5 दिनों से बतौर चार्टर्ड अकाउंटेंट बहीखातों का निरीक्षण अपने सहयोगियों के साथ कर रहा था. कंपनी के अधिकारियों ने इस नाई के बारे में कहा था कि यह दिमाग से जरा खिसका हुआ है. अपनी ऊलजलूल हरकतों से यह बाजार का माहौल खराब करता है. चीखचिल्ला कर ड्रामा करता है और टोकने पर पड़ोसियों से लड़ता है.

इन 5 दिनों में राधेश्याम मुझे किसी से लड़ते हुए तो दिखा नहीं, पर लंच के समय मैं अपने कमरे की खिड़की से उस की हरकतें जरूर देख रहा था. उस की दुकान से लोगों की जोरदार हंसी और ठहाकों की आवाज मेरे लंच रूम तक पहुंचती थी.

इस कंपनी में मेरे निरीक्षण कार्य का अंतिम दिन था. मैं ने अपनी फाइनल रिपोर्ट तैयार कर के स्टेनो को दे दी थी. फोन कर के राजेश को बुलाया था. मुझे राजेश के साथ उस के घर लंच के लिए जाना था. राजेश मेरा मित्र था और मैं उस के  यहां ही ठहरा था.

राजेश मुझे लेने आया तो रिपोर्ट टाइप हो रही थी. अत: वह मेरे पास बैठ गया. राधेश्याम के बारे में राजेश के विचार सुन कर लगा जैसे मैं आसमान से नीचे गिरा हूं. तो क्या मैं अपनी आंखों से 5 दिनों तक जो कुछ देख रहा था वह भ्रम था.

पिछले दिनों काम करते हुए मेरा ध्यान नाई की दुकान की ओर बंट जाता तो मैं लावणी की तर्ज पर चलने वाले तमाशे को देखने लगता. तब एक दिन भल्ला साहब बोले थे, ‘साहब, मसखर नाई की एक्ंिटग क्या देख रहे हो, अपना जरूरी काम निबटा लो. यहां तो मटरगश्ती करने वाले लोग दिन भर बैठे रहते हैं.’

‘ऐसे लोगों के अड्डे की शिकायत पुलिस से करो,’ मैं ने सुझाव दिया.

‘हम ने सब प्रयास कर लिए,’ भल्ला साहब बोले, ‘इस की शिकायत पुलिस और यहां तक कि स्थानीय प्रशासन और मंत्री तक से कर दी है, पर इस उस्तरे वाले का बाल भी बांका नहीं होता. मीडिया के लोगों और स्थानीय नेताओं ने इस को सिर पर बैठा रखा है.’

अब राजेश ने तो मानो पासा ही पलट दिया था. रास्ते में राजेश को मैं ने टायर कंपनी के अधिकारियों की राय राधेश्याम के बारे में बताई. राजेश हंस कर बोला, ‘‘तुम इस शहर में नए हो न, इसलिए ये लोग बात को तोड़मरोड़ कर पेश कर रहे थे. दरअसल, राधेश्याम की चलती दुकान से उस के कई पड़ोसी दुकानदारों को ईर्ष्या है. वे राधेश्याम की दुकान हथिया कर वहां शोरूम खोलना चाहते हैं. अरे भई, बड़ी मछली छोटी मछली को खा जाती है, यह कहावत तो तुम ने सुन रखी है न?’’

गाड़ी चलाते हुए राजेश ने एक पल को मुझे देखा फिर कहने लगा, ‘‘टायर कंपनी वालों ने पहले तो उसे रुपयों का भारी लालच दिया. जब वह उन की बातों में नहीं आया तो उस पर तरहतरह के आरोप लगा कर सरकारी महकमों और पुलिस में उस की शिकायत की और इस पर भी बात न बनी तो अब उस के खिलाफ जहर उगलते रहते हैं.’’

‘‘इस का मतलब यह हुआ कि वह नाई बहुत बड़ी तोप है?’’

‘‘नहीं…नहीं…पर नगर का बुद्धिजीवी वर्ग उस के साथ है.’’

‘‘परंतु राजेश, मुझे उस अनपढ़ नाई की हरकतें बिलकुल भी अच्छी नहीं लगीं,’’ मैं ने उत्तर दिया.

‘‘तुम तो अभी इस शहर में 2 महीने और ठहरोगे. किसी दिन उस की दुकान पर ग्राहक बन कर जाना और स्वयं उस के स्वभाव को परखना,’’ राजेश ने चुनौती भरे स्वर में कहा.

मैं चुप हो गया. राजेश को क्या जवाब देता? मैं कभी ऐसी छोटी सी दुकान पर कटिंग कराने के लिए नहीं गया. दिल्ली के मशहूर सैलून में जा कर मैं अपने बाल कटवाता था.

राजेश ने मुझे अपनी कार घूमनेफिरने और काम पर जाने के लिए सौंपी हुई थी. मैं भी राजेश की कंपनी का लेखा कार्य निशुल्क करता था. एक दिन मैं कार से नेहरू मार्ग से गुजर रहा था कि अचानक ही कार झटके लेने लगी और थोड़ी दूर तक चलने के बाद आखिरी झटका ले कर बंद हो गई. मैं ने खिड़की के बाहर झांक कर देखा तो गगन टायर कंपनी का शोरूम ठीक सामने था. मैं ने इस कंपनी का काम किया था, सोचा मदद मिलेगी. उन के दफ्तर में पहुंचा तो जी.एम. साहब नहीं थे. दूसरे कर्मचारी अपने कार्य में व्यस्त थे. एक कर्मचारी से मैं ने पूछा, ‘‘यहां पर कार मैकेनिक की दुकान कहां है?’’ उस ने बताया कि मैकेनिक की दुकान आधा किलोमीटर दूर है. मैं ने उस से कहा, ‘‘2-3 लड़के कार में धक्का लगाने के लिए चाहिए.’’

‘‘लेकिन सर, अभी तो लंच का समय चल रहा है. 1 घंटे बाद लड़के मिलेंगे. मैं भी लंच पर जा रहा हूं,’’ कह कर वह रफूचक्कर हो गया.

सड़क पर जाम लगता देख कर मैं ने किसी तरह अकेले ही गाड़ी को ठेल कर किनारे लगा दिया. इस के बाद पसीना सुखाने के लिए खड़ा हुआ तो देखता हूं कि राधेश्याम नाई की दुकान के आगे खड़ा हूं.

दुकान के ऊपर बड़े से बोर्ड पर लिखा था, ‘राधेश्याम नाई.’ इस के बाद नीचे 2 पंक्तियों का शेर था :

‘जाते हो कहां को, देखते हो किधर,

राधेश्याम की दुकान, प्यारे है इधर.’

मेरी निगाहें बरबस दुकान के अंदर चली गईं. 3-4 ग्राहक बेंच पर बैठे थे और बड़े से आईने के सामने रखी कुरसी पर बैठे एक ग्राहक की दाढ़ी राधेश्याम बना रहा था. आपस में हमारी आंखें मिलीं तो राधेश्याम एकदम से बोल पड़ा, ‘‘सेवा बताइए साहब, कोई काम है हम से क्या? यदि कटिंग करवानी है तो 1 घंटा इंतजार करना पड़ेगा.’’

‘‘कटिंग तो फिर कभी करवाएंगे, राधेश्यामजी. अभी तो मेरी कार खराब हो गई है और मैकेनिक की दुकान तक इसे पहुंचाना है, क्या करें,’’ मैं परेशान सा बोला.

‘‘गाड़ी कहां है?’’ राधेश्याम बोले.

‘‘वो रही,’’ मैं ने उंगली के इशारे से बताया.

‘‘आप जरा ठहर जाओ,’’ फिर दुकान से नीचे कूद कर, आसपास के लड़कों को नाम ले कर राधेश्याम ने आवाज लगाई तो 3-4 लड़के वहां जमा हो गए.

उन की ओर मुखातिब हो कर राधेश्याम गायक किशोर कुमार वाले अंदाज में बोला, ‘‘छोरां, मेरा 6 रुपैया 12 आना मत देना पर इन साहब की गाड़ी को धक्का मारते हुए इस्माइल मिस्त्री के पास ले जाओ. उस से कहना, राधेश्याम ने गाड़ी भेजी है, ज्यादा पैसे चार्ज न करे. और हां, गाड़ी पहुंचा कर वापस आओगे तो गरमागरम समोसे खिलाऊंगा.’’

राधेश्याम का अंदाज और संवाद मुझे पसंद आया. मैं ने 50 का नोट राधेश्याम के आगे बढ़ाया, ‘‘धन्यवाद, राधेश्यामजी… लड़कों के लिए समोसे मेरी तरफ से.’’

‘‘ये लड़के मेरे हैं साहब…समोसे भी मैं ही खिलाऊंगा. इन पैसों को रख लीजिए और अभी तो इस्माइल मैकेनिक के पास पहुंचिए. फिर कभी दाढ़ी बनवाने आएंगे तब हिसाब बराबर करेंगे,’’ राधेश्याम गंवई अंदाज में मुसकराते हुए बोला.

मेरी एक न चली. मैं मैकेनिक के पास पहुंचा. बोनट खोलने पर मालूम हुआ कि बैटरी से तार का कनेक्शन टूट गया था. उस ने तार जोड़ दिया पर पैसे नहीं लिए.

राधेश्याम से यह मेरी पहली मुलाकात थी जो मेरे हृदय पर छाप छोड़ गई थी. मैं ने शाम को राजेश से यह घटना बताई तो वह भी खूब हंसा और बोला, ‘‘राधेश्याम वक्त पर काम आने वाला व्यक्ति है.’’

मेरे मन का अहम कुछ छंटने लगा था इसलिए मैं ने मन में तय किया कि राधेश्याम की दुकान पर दाढ़ी बनवाने जरूर जाऊंगा.

रविवार के दिन राधेश्याम की दुकान पर मैं सुबह ही पहुंच गया. उस समय दुकान पर संयोग से कोई ग्राहक नहीं था. उस ने मुसकरा कर मेरा स्वागत किया, ‘‘आइए साहब, लगता है कि आप दाढ़ी बनवाने आए हैं.’’

‘‘तुम्हें कैसे पता?’’ मैं ने परीक्षा लेने वाले अंदाज में पूछा.

‘‘क्योंकि हर बार तो आप की कार खराब नहीं हो सकती न,’’ वह हंसने लगा.

‘‘राधेश्यामजी, पिछले दिनों मेरी कार में धक्का लगवाने के लिए शुक्रिया, पर मैं ने भी आप के यहां दाढ़ी बनवाने का अपना वादा निभाया,’’ मैं ने बात शुरू की.

‘‘बहुतबहुत शुक्रिया, हुजूर. खाकसार की दालरोटी आप जैसे कद्रदानों की बदौलत ही चल रही है. हुजूर, देखना, मैं आप की दाढ़ी कितनी मुलायम बनाता हूं. आप के गाल इतने चिकने हो जाएंगे कि इन गालों का बोसा आप की घरवाली बारबार लेना चाहेगी.’’

‘‘अरे, राधेश्यामजी अभी तो मेरी शादी ही नहीं हुई. घरवाली बोसा कैसे लेगी.’’

‘‘हुजूर, राधेश्याम से दाढ़ी बनवाते रहोगे तो इन गालों पर फिसलने वाली कोई दिलरुबा जल्दी ही मिल जाएगी.’’

‘‘हुजूर, खाकसार जानना चाहता है कि आप कहां रहते हैं, जिंसी, अनाज मंडी, छावनी या ग्वाल टोला…’’ राधेश्याम लगातार बोले जा रहा था.

‘‘मैं जूता फैक्टरी के मालिक राजेश वर्मा का मित्र हूं और उन्हीं के यहां ठहरा हूं.’’

‘‘तब तो आप इस खाकसार के भी मेहमान हुए हुजूर. राजेश बाबूजी ने आप को बताया नहीं कि मुझ से आप अपने सिर की चंपी जरूर करवाएं. दिलीप कुमार और देव आनंद तो जवानी में मुझ से ही चंपी करवाते थे,’’ यह बताते हुए राधेश्याम ने मेरे गालों पर झागदार क्रीम मलनी शुरू कर दी थी.

फिर राधेश्याम बोला, ‘‘किशोर दा, अहा, क्या गाते थे. आज भी उन की यादों को भुलाना मुश्किल है. मैं ने किशोर कुमार और अशोक कुमार की भी चंपी की है.’’

‘‘आप शायद मेरी बात को झूठ समझ रहे हैं. मैं ने फिल्मी दुनिया की बड़ी खाक छानी है और गुनगुनाना भी वहीं से सीखा है,’’ कहते हए वह ऊंचे स्वर में गाने लगा :

‘ओ मेरे मांझी, ले चल पार,

मैं इस पार, तू उस पार

ओ मेरे मांझी, अब की बार ले चल पार…’

मुझे लगा कि मेरे गालों पर लगाया साबुन सूख जाएगा अगर यह आदमी इसी तरह से गाता रहा. आखिर मैं ने उसे टोका, ‘‘राधेश्याम, पहले दाढ़ी बनाओ.’’

‘‘हां…हां… हुजूर साहब,’’ और इसी के साथ वह मेरे गालों पर उस्तरा चलाने लगा. पर अधिक देर तक चुप न रह सका. बोल ही पड़ा, ‘‘सर, आप को पता है कि आप की दाढ़ी में कितने बाल हैं?’’

‘‘नहीं,’’ मैं ने इनकार में सिर हिला दिया.

‘‘इसी तरह इस देश में कितनी कारें होंगी. किसी भी आम आदमी को नहीं पता. सड़कों पर चाहे पैदल चलने के लिए जगह न हो पर कर्ज ले कर लोग प्रतिदिन हजारों कारें खरीद रहे हैं और वातावरण को खराब कर रहे हैं,’’ राधेश्याम ने पहेली बूझी और मैं हंस पड़ा.

इस के बाद राधेश्याम अपने हाथ का उस्तरा मुझे दिखा कर बोला, ‘‘ये उस्तरा नाई के अलावा किसकिस के हाथ में है, पता है?’’

‘‘नहीं…’’ मैं अब की बार मुसकरा कर बोला.

‘‘सब से तेज धार वाला उस्तरा हमारी सरकार के हाथ में है. नित नए टैक्स लगा कर आम आदमी की जेब काटने में लगी हुई है,’’ राधेश्याम बोला.

अब तक राधेश्याम मेरी शेव एक बार बना चुका था. दूसरी बार क्रीम वाला साबुन मेरे गालों पर लगाते हुए बोला, ‘‘यह क्रीम जो आप की दाढ़ी पर लगा रहे हैं, इस का मतलब समझे हैं आप?’’

‘‘नहीं,’’ मैं बोला.

‘‘लोग आजकल बहुत चालाक और चापलूस हो गए हैं. जब अपना मतलब होता है तो इस क्रीम की तरह चिकना मस्का लगा कर दूसरों को खुश कर देते हैं किंतु जब मतलब निकल जाता है तो पहचानते भी नहीं,’’ राधेश्याम अपनी बात पर खुद ही ठहाका लगाने लगा.

मुझे राधेश्याम की इस तरह की उपमाएं बहुत पसंद आईं. वह एक खुशदिल इनसान लगा. मैं ने अपनी आंखें बंद कर लीं पर राधेश्याम चालू रहा और बताने लगा कि उस के घर में उस की बूढ़ी मां, पत्नी, 2 पुत्र और 1 पुत्री हैं.

पुत्री की वह शादी कर चुका था. उस का बड़ा बेटा एम.काम. कर चुका था और छोटा बी.ए. सेकंड ईयर में था. पर राधेश्याम को दुख इस बात का था कि उस का बड़ा बेटा एम.काम. करने के बाद भी पिछले 2 वर्षों से बेरोजगार था. वह सरकारी नौकरी का इच्छुक था पर उसे सरकारी नौकरी बेहद प्रयासों के बावजूद भी नहीं मिली.

अपनी दुकान से 5-6 हजार रुपए महीना राधेश्याम कमा रहा था. उस ने बेटे को सलाह दी थी कि वह दुकान में काम करे तो अभी जो दुकान 7 घंटे के लिए खुलती है उस का समय बढ़ाया जा सकता है. परंतु बेटे का तर्क था कि जब नाईगिरी ही करनी है तो एम.काम. करने का फायदा क्या था. पर राधेश्याम का कहना था कि नाईगिरी करो या कुछ और… पर काम करने की कला आनी चाहिए.

राधेश्याम की यह बात खत्म होतेहोते मेरी दाढ़ी बन चुकी थी. अब उस को अपनी असली कला मुझे दिखानी थी. उस ने अपनी बोतल से मेरे सिर पर पानी की फुहार मारी. फिर थोड़ी देर चंपी कर के सिर में कोई तेल डाला और मस्ती में अपने दोनों हाथों से मेरे सिर पर बड़ी देर तक उंगलियों से कलाबाजी दिखाता रहा.

मुझे पता नहीं सिर की कौनकौन सी नसों की मालिश हुई पर सच में आनंद आ गया. सारी थकान दूर हो गई. शरीर बेहद हलका हो गया था.

मैं राधेश्याम नाई को दिल से धन्यवाद देने लगा. उस का मेहनताना पूछा तो बोला, ‘‘कुल 20 रुपए, सरकार… यदि कटिंग भी बनवाते तो सब मिला कर 35 रुपए ले लेता.’’

मैं ने 100 का नोट निकाल कर कहा, ‘‘राधेश्याम, 20 रुपए तुम्हारी मेहनत के और शेष बख्शीश.’’

वह कुछ जवाब में कहता इस से पहले ही मैं बोल पड़ा, ‘‘देखो राधेश्याम, पहली बार तुम्हारी दुकान पर आया हूं… अनेक यादें ले कर जा रहा हूं इसलिए इसे रखना होगा. बाद में मिलने पर तुम्हारे फिल्मी दुनिया के अनुभव सुनूंगा.’’

अगले दिन ही मुझे दिल्ली लौटना पड़ा. इस के 6 माह बाद एक दिन राजेश का फोन आया कि उसे मेरी जरूरत पड़ गई है. मैं दिल्ली से राजेश के शहर में पहुंचा. 2 दिन में सारा काम निबटाया. इस के बाद दिल्ली लौटने से पहले सोचा कि राधेश्याम की दुकान पर 10 मिनट के लिए चल कर उस से मिल लूं, वह खुश हो जाएगा.

दुकान पर राधेश्याम का बड़ा लड़का मिला. वह कटिंग कर रहा था. मैं ने बड़ी व्याकुलता से पूछा, ‘‘राधेश्यामजी कहां हैं?’’

जवाब में वह फूटफूट कर रोने लगा. बोला, ‘‘पापा का पिछले महीने हार्ट अटैक के कारण निधन हो गया.’’

उस के रोते हुए बेटे को मैं ने अपने सीने से लगा कर दिलासा दी. जब वह थोड़ा शांत हुआ तो मैं ने उसे अपने पिता के व्यवसाय को अपनाते देख आश्चर्य प्रकट किया. कहा, ‘‘बेटे, तुम तो यह काम करना नहीं चाहते थे? क्या तुम्हारे लिए मैं नौकरी ढूंढूं. कामर्स पढ़े हो, मेरी किसी क्लाइंट की कंपनी में नौकरी लग जाएगी.’’

‘‘नहीं, अंकल, अब नौकरी नहीं करनी. पापा ठीक कहते थे कि पढ़ाई- लिखाई से आदमी का बौद्धिक विकास होता है पर सच्ची सफलता तो अपने काम को ही आगे बढ़ाने से मिलती है. नाई का काम करने से मैं छोटा नहीं बन जाऊंगा. छोटा बनूंगा, गलत काम करने से.’’

राधेश्याम के बेटे की आवाज में आत्मविश्वास झलक रहा था.

Holi 2024: फैमिली के लिए बनाएं भांग रबड़ी

रबड़ी हर किसी को पसंद होती है और अगर होली के मौके पर बनाया जाए तो इसका स्वाद दोगुना बढ़ जाएगा. आज हम आपको भांग रबड़ी की खास रेसिपी बताएंगे, जिसे आप आसानी से अपनी फैमिली और फ्रेंड्स के लिए होली के मौके पर बना सकते हैं.

हमें चाहिए

– 2 कप साधारण दूध (नियमित दूध का उपयोग करें)

– 2 कप गाढ़ा क्रीम वाला दूध (व्होल मिल्क)

– 1 बड़ा चम्मच गुलाब जल

– 1/4 कप भांग के बीज

– 1/4 कप चीनी

– 3/4 कप पानी (आवश्यकता के अनुसार समायोजित)

– 1 बड़ा चम्मच काजू

– 1 बड़ा चम्मच खरबूजे के बीज (चार मगज)

– 1/2 छोटा चम्मच केसर स्ट्रैस

– 1/2 चम्मच दालचीनी पाउडर

– 1/2 चम्मच जायफल पाउडर

– 1-2 चम्मच गुलाब की पंखुडिय़ां (गुलकंद)

– 1.5 चम्मच सौंफ पाउडर

– 1.5 चम्मच इलायची पाउडर

– 1/2 चम्मच पोस्ता बीज

– 12 बादाम

– 15 पिस्ता

– 3 काली मिर्च

बनाने का तरीका

– किसी बर्तन में दूध उबालें और उसमें केसर के स्ट्रैंड्स और भांग के बीज डाल दें.

– इसे 15 – 20 मिनट तक रहने दें.

– गर्म दूध में भिगोने से केसर का रंग और स्वाद बाहर आ जाता है.

– इसे चम्मच से हिलाते रहें, दूध में एक सुंदर पीला-केसरी रंग उतरता रहेगा.

– तब तक इसे ऐसे ही हिलाते रहें जब तक कि दूध अपनी कुल मात्रा से 20 फीसदी तक न हो जाए.

– सभी नट्स और मसालों को ग्राइंडर में पीसकर अलग रख लें.

– एक भारी तले वाले पैन में दूध उबालें.

– जब यह पूरी तरह से उबल जाए, तो मेवों और मसालों को इसमें डाल कर तब तक फेंट लें जब तक कोई     गांठ न रह जाएं.

– चीनी डालें और हिलाते रहें.

– अच्छी तरह उबाल कर आंच से उतार लें.

– पूरी तरह से ठंडा होने दें.

– ठंडा-ठंडा परोसे क्योंकि भांग रबड़ी का सबसे अच्छा स्वाद उसे खूब ठंडी करके खाने में आता है.

Holi 2024: इस होली अपने बालों को दें स्टाइलिश लुक

माना कि मेकअप से खूबसूरती में चार चांद लग जाते हैं, लेकिन मेकअप के साथ बालों को स्टाइलिश बनाना भी जरूरी है. इस होली आप यहां बताए गए कुछ हेयर स्टाइल टिप्स अपना सकती हैं और इस होली अपने बालों को स्टाइलिश लुक दें सकती हैं.

पोनी पर्मिंग

पर्मिंग का क्रेज युवतियों में खासा देखने को मिलता है. लेकिन क्या कभी आप ने अपने बालों में पोनी पर्मिंग ट्राई किया है? इस से आप के बालों को 100% डिफरैंट लुक मिलेगा.

कैसे करें पोनी पर्मिंग

सब से पहले बालों को अच्छी तरह धो लें. उस के बाद उन्हें 70% सुखाने के बाद स्प्रे प्रयोग करें और फिर दोबारा 90% ड्राई करें. इस के बाद एक बाउल में पर्मिंग लोशन लें. फिर बालों पर लोशन अप्लाई करने के लिए कौटन का प्रयोग करें. उस के बाद बटर पेपर को छोटेछोटे टुकड़ों में काट लें. फिर पोनी बना कर उस में से पतलेपतले सैक्शन लें. हर सैक्शन पर अच्छी तरह कंघी करते हुए पर्मिंग लोशन अप्लाई करें. फिर बालों के ऐंड्स में अच्छी तरह बटर पेपर लपेटें ताकि किनारे अच्छी तरह कवर होते जाएं. आप जितनी अच्छी तरह बटर पेपर को बालों में लपेटेंगी कर्ल्स उतने ही अच्छे बनेंगे. सभी भागों के साथ यह प्रक्रिया दोहराएं. इस के बाद रोलर्स प्रयोग करें. फिर 40-45 मिनट बाद एक रोलर खोल कर देखें कि कर्ल्स आए या नहीं. अगर कर्ल्स दिख रहे हैं, तो रोलर्स के साथ ही बालों को सादे पानी से धोएं ताकि लोशन बालों से अच्छी तरह निकल जाए. उस के बाद 80 या 90% बालों को ड्राई करें.

ड्राई करने के बाद बालों पर न्यूट्रलाइजर लगाएं. ध्यान रखें कि न्यूट्रलाइजर हर रोलर पर अच्छी तरह लगना चाहिए. फिर 20-25 मिनट बाद सादे पानी से बालों को धो लें (सादे पानी का मतलब इस दौरान बालों में शैंपू प्रयोग नहीं करना है). अब बालों में कंडीशनर अप्लाई करें और उसे 5 मिनट के लिए छोड़ दें. उस के बाद बालों को तौलिए से 50% ड्राई करने के बाद रोलर्स खोलें और कर्ल्स पर कर्व कर्ल कंडीशनिंग क्रीम यूज करें. इस से कर्ल्स सौफ्ट रहेंगे.

पर्मिंग करते समय

  1. कलर किए बालों पर पर्मिंग करने की भूल न करें.
  2. बालों पर लोशन अप्लाई करते समय दस्ताने जरूर पहनें.
  3. कंडीशनर का प्रयोग जरूर करें, क्योंकि इस से कर्ल्स सौफ्ट रहते हैं.

रिबौंडिंग

रिबौंडिंग का मतलब होता है बालों को स्ट्रेट लुक देना. रिबौंडिंग करने के लिए सब से पहले बालों में नौर्मल शैंपू करें. नौर्मल शैंपू का मतलब कि उस में कंडीशनर न मिला हो. फिर बालों को 70% ड्राई करें. उस के बाद उन में स्प्रे प्रयोग कर के 90 या 100% ड्राई करें. अब बालों पर स्ट्रेट हेयर रिबौंडिंग क्रीम प्रयोग कर 40-45 मिनट के लिए छोड़ दें. यह बालों के टैक्स्चर पर निर्भर करेगा कि कितनी देर रिबौंडिंग क्रीम प्रयोग करनी है. उस के बाद चैक करें कि बाल बाउंस हुए हैं या नहीं. चैक करने के लिए आप एक बाल ले कर फिंगर पर लपेटें या फिर खींचें और देखें कि उस में स्प्रिंग टाइप का कर्ल शो हो रहा है या नहीं. अगर कर्ल दिखने लगे तो बालों को धो लें. फिर उन पर मास्क लगा कर 5 मिनट बाद फिर धो लें. जब बाल 50% सूख जाएं तो उन पर हीट प्रोटैक्शन स्प्रे करें और फिर दोबारा 100% सुखाएं. इस प्रक्रिया के बाद पतलेपतले सैक्शन ले कर स्ट्रेटनिंग मशीन से प्रैसिंग शुरू करें. पहले प्रैसिंग जड़ों के पास और फिर पूरी लंबाई में करें. प्रैसिंग कंप्लीट होने के बाद बालों पर न्यूट्रालाइजर क्रीम अप्लाई करें और फिर 10-15 मिनट बाद बालों को पीछे रख कर ही धो लें. अब उन में मास्क प्रयोग करें और 5-10 मिनट बाद धो कर 50% तक सुखा लें. हलके हाथों से कंघी करने के बाद 2-3 बूंदें हेयर कोट की हाथों में ले कर बालों में अप्लाई करें. फिर बड़ेबड़े सैक्शन ले कर स्ट्रेटनिंग मशीन से रिबौंडिंग को फाइनल टच दें.

ध्यान दें

  1. बालों का टैक्स्चर देख कर ही रिबौंडिंग करें.
  2. अगर स्कैल्प पर इन्फैक्शन हो तो रिबौंडिंग न करें.
  3. रिबौंडिंग करते समय एसी के सामने न बैठें.
  4. रिबौंडिंग के बाद 3 दिनों तक बालों में पानी न लगाएं और उन्हें खुला ही रखें.
  5. बाल ज्यादा रूखे हों तो रिबौंडिंग से पहले स्प्रा जरूर दें. स्प्रा का मतलब है बालों के अंदर की ड्राईनैस को रिलैक्स करना.
  6. हेयर कोट का मतलब बालों की सनस्क्रीन से है.

हाईलाइटिंग

हाईलाइटिंग का मतलब बालों की किसी लेयर में कलर हाईलाइट करना. हाईलाइटिंग करने के लिए सब से पहले बालों को नौर्मल शैंपू से धोएं. उस के बाद बालों के वे सैक्शन लें, जिन में आप को हाईलाइटिंग करना है. इस के बाद ब्लीच पाउडर लें औरउस में 9 या 12% डैवलपर मिला कर पेस्ट तैयार करें. ऊपर के बालों को अच्छी तरह बांध लें और जिस लेयर को चूज किया है उस पर तैयार पेस्ट अप्लाई करें और 10 मिनट बाद पैक करें. यह शुरुआत में ब्लौंड कलर शो करेगा. उस के बाद लेयर पर जो कलर करना है उसे अप्लाई करें. उस के बाद बालों को 30 मिनट तक यों ही छोड़ दें और फिर धो लें. फिर कंडीशनर प्रयोग कर बालों को दोबारा अच्छी तरह धो कर सुखा लें. लेयर पर हाईलाइटिंग शो होगी.

Holi 2024: होली में कलरफुल हो फैशन

होली आने से कुछ दिनों पहले से ही होली की खरीदारी होने लगती है. सब से बड़ी परेशानी यह है कि होली पर ऐसा क्या पहना जाए जो स्टाइलिश हो पर कम कीमत का हो. एक दौर वह था जब लोग अपने पुराने, खराब हुए कपड़े इसलिए संभाल कर रखते थे कि इन का प्रयोग होली के दिन रंग खेलने में करेंगे. आज के समय में होली खेलने के लिए सभी स्टाइलिश ड्रैस की तलाश करने लगे हैं.

होली के दिन अब सिर्फ होली ही नहीं खेली जाती बल्कि प्रौपर फोटोशूट भी होता है. लड़केलड़कियों में इस बात की होड़ लगी होती है कि कौन किस तरह के और कितने फैशनेबल कपड़े पहन कर आएगा और सभी फोटोज में छा जाएगा. फिर ये तसवीरें इत्मीनान से बैठ कर देखी जाती हैं, पोस्ट की जाती हैं और होली के यादगार कैप्शंस लिखे जाते हैं. वैसे आजकल तो होली खेलने से ज्यादा होली खेलने का दिखावा कर फोटोशूट और वीडियोशूट करवाने वाले युवा ज्यादा दिखाई पड़ते हैं.

लखनऊ में नजीराबाद बाजार है. यहां चिकनकारी कपड़ों की सब से ज्यादा दुकानें हैं. हर रेंज में यहां कपड़े मिल जाते हैं. फैशन डिजाइनर नेहा सिंह भी यहां पर एक दुकान से दूसरी दुकान में सस्ते मगर स्टाइलिश कपड़े देख रही थी.

नजीराबाद बाजार कैसरबाग से अमीनाबाद जाने वाली सड़क के दोनों किनारे बना हुआ है. सड़क के दोनों तरफ दुकानों में चिकनकारी के कुरतेपाजामे से ले कर साड़ी और दूसरे परिधान टंगे दिखने लगते हैं. करीब 300 मीटर लंबी इस सड़क पर चिकनकारी के साथ ही साथ स्टाइलिश फुटवियर भी मिल जाते हैं. लखनऊ का चिकन पूरी दुनिया में मशहूर है. यहां सब से अधिक चिकनकारी का काम चौक बाजार में होता है. वहां थोक का काम ज्यादा है. नजीराबाद में रिटेल की दुकानें हैं. ऐसे में यहां लोगों को सब से अधिक वैराइटियों की चीजें मिल जाती हैं. यहां ऐसी नौवल्टी शौप है जहां पर ऐसी चीजें मिल जाती हैं जिन से चिकनकारी के कपड़ों को फैशन के अलग रंग दिए जा सकते हैं.

नेहा भी इसी कारण यहां होली के लिए कपड़े देखने आई थी. नेहा अपना एक बुटीक चलाती है. उस का फोकस है कि इस होली पर वह ज्यादा से ज्यादा स्टाइलिश कपड़े तैयार करेगी जिसे लोग होली में पहन सकें. इस के लिए चिकनकारी वाले कुछ ऐसे कपड़े भी वह देख रही थी जो आउट औफ सेल हों, वे सस्ते मिल जाएंगे. अपने बुटीक में ले जा कर वह इन को और भी सुंदर और स्टाइलिश बना लेगी. वह कहती है कि इस तरह वह बजट में लोगों की होली को और भी कलरफुल बना देगी.

इलाहाबाद की रहने वाली फैशन डिजाइनर प्रतिभा यादव कहती है, ‘‘होली के फैशन में लोग अच्छे और सस्ते कपड़े चाहते हैं जिस से वे रंग पड़ने से बेकार हो जाएं तो भी कोई ज्यादा फर्क न पड़े. यूथ इस में सब से पहले अपने लिए स्टाइलिश और फैशनेबल कपड़े तलाशने लगता है. आज ज्यादातर युवावर्ग औनलाइन शौपिंग करने लगा है. ऐसे में वे होली से बहुत पहले इस तरह के कपड़े तलाश करने लगे हैं जो पुराने भी न हों और ज्यादा कीमती भी न हों. होली का क्रेज रंगों की वजह से होता है. सोशल मीडिया के दौर में रंग खेलने से पहले रंग को दिखाना जरूरी होता है. लड़के तो सफेद कुरतापाजामा या पैंटटीशर्ट के साथ खुश हो जाते हैं लेकिन लड़कियां हैं जो होली के रंगों में भी फैशन के ट्रैंड को तलाश करती रहती हैं.

सब से आगे हैं लड़कियां

अनारकली का क्रेज होली पर सब से ज्यादा है और इस की डिमांड भी खूब है. लखनवी प्रिंट और लखनवी वर्क के कुरतों की डिमांड होली में सब से ज्यादा होती है. लखनवी प्रिंट वाले अनारकली सूट को पहन कर सभी लड़कियां होली में नए लुक के साथ दिखना चाहती हैं. होली के खास मौके पर सफेद व पीले रंग का अनारकली कुरता सब से ज्यादा पसंद किया जा रहा है. अनारकली कुरते की खास बात यह भी होती है कि इस को वनपीस के रूप में भी पहना जा सकता है. अनारकली कुरते के साथ ट्रेडिशनल झुमके होली में फैशन का अलग ही रंग घोल देते हैं.

कुछ लड़कियों को लगता है कि अनारकली कुरता उन की फिगर को सूट नहीं करता. वे इस होली पर लैगिंग के साथ सामान्य सा शौर्ट लखनवी कुरता या टौप पहन सकती हैं. इस के साथ कलरफुल फुल स्लीव्स वाला जैकेट पहनें. होली पर पारंपरिक सफेद कुरते के साथ जींस पहनी जा सकती है. इस की वजह यह है कि सफेद कुरते पर होली के सारे रंग नजर आ जाते हैं. आजकल लेडीज ही नहीं, टीनएज लड़कियां भी होली पार्टी में साड़ी पहन सकती हैं.

साड़ी होली पर पहनने वाला सब से बेहतरीन परिधान है. साड़ी से ट्रेडिशनल लुक भी आता है. फिल्मी होली में साड़ी सब से ज्यादा प्रयोग की जाती है. इस को पहन कर हीरोइन वाले लुक की फीलिंग आती है. साड़ी पहनने से पहले इस को सलीके के साथ पहनना सीखना जरूरी होता है. खासकर होली में क्योंकि एक बार भीगने के बाद यह शरीर से चिपकने लगती है, होली में इनरवियर कपड़े ऐसे हों जो शरीर को पूरी तरह से ढक सकें.

कालेज में होली के लिए युवाओं में एक अलग ही उत्साह होता है क्योंकि कालेज की होली ही असल फैशन रैंप वाली होली होती है. लड़कियां शौर्ट्स, ट्राउजर्स और स्टाइलिश टीशर्ट्स पहन कालेज पहुंचती हैं. कुछ कालेजों में होली के दिन रेन डांस थीम भी रखा जाता है जिस का मजा लेने से युवा नहीं चूकते. वे फैशन का पूरापूरा ध्यान रखते हैं ताकि कुछ हो न हो, इंस्टाग्राम के लिए तसवीरें तो आ ही जाएं.

डिजाइनर नेहा सिंह कहती है कि होली में 2 तरह के कपड़े प्रयोग करने होते हैं, एक जिन को पहन कर होली खेल सकें और दूसरे जिन को पहन कर होली मिलन कर सकें. दोनों ही तरह के कपड़े स्टाइलिश और फैशनेबल होने चाहिए. रंग खेलने वाले कपड़े सस्ते होने चाहिए. ऐसे में होली के रंगों पर भी अब फैशन का रंग चढ़ गया है. होली केवल रंगों से भरा त्योहार नहीं रह गया अब यह बाजार बन गया है.

Holi 2024: होली में अपने घर को सजाएं ऐसे

दोस्तों बहुत सारी जगहें ऐसी होती है जैसे कि होटल है या कोई भी स्टोर या स्पा वगैरह जहां पर हम भले ही एक ही बार जाते हैं पर हमेशा के लिए हमारे माइंड में उसकी मेमोरी रजिस्टर हो जाती है. जैसे कि हम किसी होटल में गए तो हमें लगा की वाह क्या होटल था, क्या रूम था, क्या आर्गेनाईजेशन था.

इसका क्या कारण है? दोस्तों इसका कारण है वहां का वातावरण, वहां का औरा या ऑर्गेनाइजेशन या फिर स्टाइलिंग जिसकी वजह से वो जगह हमें हमेशा के लिए याद रह जाती है. तो हम अपने घर में ऐसा क्या करें कि हमारा घर भी इन्ही जगहों की तरह स्टाइलिश और मेन्टेन रहे.

दोस्तों हम अपने घर को हर त्यौहार के हिसाब से सजा सकते हैं. जरूरी नहीं है कि जब त्यौहार हो तभी हम घर सजाएं लेकिन हां कुछ स्पेशल करना है तो ऐसा करना कोई बड़ी बात नहीं है .

होली रंगों का त्योहार है और शायद प्यार और दोस्ती के बंधन को मजबूत करने का सबसे अच्छा समय है. यह आपके घर को सजाने का सबसे अच्छा समय है.

दोस्तों होली का त्यौहार बस आने ही वाला है  इसलिए आपने होली पार्टी के लिए सबसे अच्छा मेजबान बनने की तैयारी शुरू कर दी होगी, चाहे वह स्वादिष्ट भोजन हो या आकर्षक और रंगीन आउटडोर सजावट. आप कुछ अनूठा करके पार्टी को यादगार बनाने के इच्छुक होंगे. होली और दिवाली जैसे त्योहारों के लिए, अपने घर को सजाना एक बहुत ही दिलचस्प काम है. आपको केवल त्योहार को ध्यान में रखते हुए सजावट की वस्तुओं का चयन करना होगा. उदाहरण के लिए, दिवाली रोशनी का त्यौहार  है इसलिए हम अपने घर को सजाने के लिए मोमबत्तियां, दीये, रोशनी आदि खरीदते हैं .वैसे ही होली  रंगों का त्यौहार  है, इसलिए जब आप अपने घर को सजाने जा रहे हैं, तो अपने घर की सजावट के लिए रंगों के चयन पर विशेष ध्यान दें.

दोस्तों आइये जानते है की होली के इस रंगीन त्यौहार को और भी आकर्षक और रचनात्मक सजावट के साथ ज्यादा रंगीन और विशेष बनाने के लिए हम अपने घर को कैसे सजाएं-

अपने मास्टर बेडरूम की सजावट

एक थकान भरे दिन के बाद जिंदगी की भागदौड़ से राहत हमें अपने बेडरूम में ही मिलती है यह वह जगह है जहां हम सपनों में डूब जाते हैं और हर दिन एक नई शुरुआत करते है. अपने बेडरूम को एक नया बदलाव देने के बिना घर की सजावट अधूरी मानी जाती है .

आप अपने रूम के हिसाब से किसी प्रिंट फैमिली का एक बेडशीट का  सेट खरीद सकते हैं, आप चाहे तो आप कलरफुल बेडशीट भी यूज कर सकते हैं कलरफुल पिलो कवर के साथ . इससे आपके लिए डेकोरेशन काफी आसान हो जाएगा. आप जितने चाहे उतने पिलोज और cushion  यूज़ करके अपने लिए एक आरामदायक जगह बना सकते हैं .

अब बात करें आपके रूम के wall की तो आप अपनी वॉल के कलर के हिसाब से पिक्चर फ्रेम यूज कर सकते हैं. हर बार वॉल पेंट यूज़ करना जरूरी नहीं है आप चाहे तो सर्कुलर मिरर भी यूज करके एक नया लुक क्रिएट कर सकते हैं. मिरर से डेकोरेट करना ट्रेंड में भी है. इससे आपकी वॉल को सही हाईलाइट मिलेगी. अब इस पूरे लुक को कंप्लीट करने के लिए हम बेड साइड टेबल को छोटे प्लांट्स और बुक से डेकोरेट करेंगे. आप चाहे तो अपने बोरिंग कर्टन हटा करके कलरफुल कर्टन भी यूज कर सकते हैं. ये होली में आपके रूम को vibrant लुक देगा.

बाथरूम

अपने बाथरूम में रखे बोरिंग तौलिये को रंगीन तौलिये में  बदल दें. खुशबूदार साबुन की छोटी छोटी बॉल्स कई रंगों  में आती हैं उन्हें बाथरूम के काउंटरटॉप पर आकर्षक रूप से सजा दें . होली सजावट के साथ मैच करने के लिए बाथरूम की खिड़की में रंगीन ताजे फूलों की फूलदान भी रखें.

लिविंग रूम

अपने लिविंग रूम को एक vibrant  मेकओवर देने से आपको होली के त्योहार के लिए सही माहौल बनाने में मदद मिल सकती है. यदि आप कोई स्थायी परिवर्तन नहीं करना चाहते हैं, तो आप अपने घर को आकर्षक  लुक देने के लिए लिविंग एरिया में रंगीन curtain का इस्तेमाल कर सकते हैं और साथ ही साथ आप अपने लिविंग एरिया के लिए मिरर वर्क कुशन खरीद सकते हैं क्योंकि यह फेस्टिव लुक देगा .अपनी सेंटर टेबल ताजे फूलों के गुलदस्ते से सजाना न भूलें.

अपनी सेंटर टेबल को सजाने के लिए

आप फूलों की पंखुड़ियों के साथ कुछ नए और रंगीन क्रिस्टल बाउल भी use  कर सकते  हैं. आप अपने लिविंग रूम की दीवार को आधुनिक रंग के फुल हैंड पेंटिंग और आर्ट वर्क से भी सजा  सकते हैं.

एक चीज़ याद रहिये की फर्श  घर का मुख्य हिस्सा है. यह रंगों का त्यौहार है इसलिए आप अपने घर के लिए एक विशेष रंग की हस्तनिर्मित आधुनिक कालीन खरीद सकते हैं. ये कालीन  खास तौर पर होली की थीम पर तैयार किए जाते हैं .

और एक चीज़ त्योहारों में रंगोली का बहुत महत्व होता है . इसलिए अपने सामने के दरवाजे में रंगों से सुंदर रंगोली बनाकर अपने प्रवेश द्वार को सजाएं. आप अपने घर में उत्सव के आकर्षण को जोड़ने के लिए एक फूलों की रंगोली जोड़ सकते हैं.

किचन

अपने पूरे घर को डेकोरेट करते समय अपने किचन को मिस न करें. ये घर का सबसे प्रमुख हिस्सा होता है. आप अपने किचन के प्रवेश द्वार पर एक आकर्षक रंगोली बना सकते हैं . आप होली सजावट को पूरा करने के लिए रसोई की छत के केंद्र में एक कलरफुल लालटेन  भी लटका सकते हैं.और आप चाहे तो फूलों की छोटी छोटी झालरें भी किचन के प्रवेशद्वार पर लटका सकते है.

सुनिश्चित करें कि आप घर के अंदर होली न खेलें. घर के अंदर होली खेलने से आपके सामान, जैसे फर्नीचर, सोफा और इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों को नुकसान हो सकता है.तो अपने मेहमान को आमंत्रित करने के लिए अपने घर को सजाएँ जरूर पर हो सके तो अपनी छत या लॉन में होली खेलें.

जाहिर है कि कोई घर के अंदर होली नहीं खेलेगा, इसलिए यहां बाहरी व्यवस्था बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है-

लॉन और छत

होली एक बाहरी त्यौहार है जिसे आमतौर पर लॉन, आँगन, बालकनियों और छतों में मनाया जाता है. होली खेलने के लिए इन स्थानों को तैयार करें. फूल इन स्थानों को सजाने का सबसे अच्छा तरीका है. अपनी रेलिंग को रंगीन  फूलों की माला से सजाएं. त्योहार के आनंद को बढाने  के लिए एक फूलों की रंगोली के साथ अपने छत या लॉन को सजाएं. हैं.

पानी से भरे रंगीन गुब्बारे होली खेलने के लिए लगभग सभी को पसंद होते हैं. तो क्यों न इन्हें अपने पार्टी स्पेस को सजाने में इस्तेमाल किया जाए. गुब्बारों के गुलदस्ते बनाकर  उन्हें विभिन्न स्थानों पर अलग-अलग तरीकों से बांध दे चाहे वो छत का प्रवेश द्वार हो या लॉन का .

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डायबिटीज़/ मधुमेह क्या है……?

डायबिटीज़ मेलिटस टाईप 1 या टाईप 2 प्रकार का होता है. इस बीमारी में शरीर में ब्लड ग्लुकोज़ की मात्रा बढ़ जाती है. ऐसा इंसुलिन का उत्पादन कम होने या शरीर में इसका सही उपयोग न होने के कारण होता है. अगर डायबिटीज़ का ठीक से नियन्त्रण न किया जाए इसके गंभीर प्रभाव हो सकते हैं. यह जानलेवा दिल की बीमारियों, किडनी रोगों, आंखों की समस्याओं और तंत्रिकाओं की समस्याओं का कारण तक बन सकता है. लेकिन इसका यह अर्थ बिल्कुल नहीं कि आप त्योहार का आनंद न लें आप डायबिटीज़ के साथ भी त्योहारों का पूरा आनंद ले सकते हैं. इसके लिए आपको सिर्फ अपने डायबिटीज़ पर नियन्त्रण रखना है.

डायबिटीज़ के मरीज़ों के लिए होली के दौरान सुझावः

यहां हम कुछ सुझाव लेकर आए हैं, जिनकी मदद से आप होली का पूरा आनंद ले सकते हैं.

1. खूब पानी पीएं/ हाइड्रेटेड रहें

त्योहार के दौरान खूब सारा पानी पीएं, इससे न केवल आपका पेट साफ रहता है बल्कि आप हमेशा फुल महसूस करते हैं और आपको ऐसा खाना खाने की इच्छा नहीं करती, जो आपके लिए सेहतमंद नहीं है. जहां तक हो सके, चाय, काॅफी, शराब या कार्बोनेटेड पेय के बजाए नींबू पानी, नारियल पानी, लस्सी का सेवन करें.

2. अपनी प्लेट पर नियंत्रण रखें

त्योहारों में सब जगह मीठा ही मीठा दिखाई देता है, एक बीकाजी गुजिया में 174 कैलोरी और एक पूरन पोली में 291 कैलोरी होती हैं. इसलिए अच्छा होगा आप अपने खाने पर ध्यान दें. आजकल कई ब्राण्डस चीनी रहित भारतीय मिठाईयां भी बनाते हैं. आप इन मिठाईयों का सेवन कर सकते हैं. मीठा खाते समय इसकी मात्रा पर खास ध्यान दें, कम से कम मात्रा में ही मिठाई खाएं. ध्यान रखें कि आप क्या और कितनी मात्रा में खा रहे हैं.

3. सेहतमंद स्नैक्स खाएं

खाने के बीच स्नैक्स खाने का मन करे तो मूंगफली क बजाए बादाम, अखरोट, पिस्ता खाएं. तले हुए समोसे- कचोरी से बचें. प्रोटीन युक्त आहार जैसे दाल, पनीर तथा फाइबर युक्त आहार जैसे सलाद, फलों का सेवन करें. इससे आपको मिठाई खाने की इच्छा कम होगी.

4. व्यायाम करना न भूलें

सैर, जौगिंग, सूर्य नमस्कार जैसे व्यायाम करें, इनसे ब्लड शुगर नियन्त्रित बनी रहती है. आउटडोर गतिविधियां करें और त्योहार का भरपूर आनंद लें. डांस करना भी बहुत अच्छा व्यायाम है.

5. ब्लड ग्लुकोज़ को मौनिटर करें

नियमित रूप से अपनी ब्लड शुगर जांचते रहें, साथ ही अपनी दवा लेना भी न भूलें. होली के दौरान आप रोज़मर्रा से अलग खाना खाते हैं, इसलिए ब्लड शुगर पर निगरानी रखना ज़रूरी है. हाई एवं लो ब्लड शुगर के लक्षणों को पहचानों. अगर आप इंसुलिन लेते हैं तो अपने कार्बोहाइड्रेट सेवन के आधार पर इंसुलिन की खुराक एडजस्ट करें.

6. धीरे-धीरे खाएं

धीरे धीरे खाने से आपका पेट जल्दी भरता है और आप ज़्यादा कैलोरीज़ से अपने आप को बचा पाते हैं.

हम त्योहार मनाते हैं उन्हें यादगार बनाने के लिए. इसलिए अपनी सीमाओं को पहचानें, अपनी सहत का ख्याल रखें और त्योहारों का भरपूर लुत्फ़ उठाएं.

Holi 2024: होली की मस्ती में चलाए फैशनेबल टी-शर्ट का जादू

भारतीय फैशन इंडस्ट्री में नित नए बदलाव देखने को मिल रहे है. अब लोग होली के मौके पर रंग खेलने के लिए पुराने कपड़े जैसे कुर्ता, टी-शर्ट और साड़ी नही पहनते बल्कि अब लोग ज्यादा फैशनेबल हो गए है, उन्हें हर मौके पर कुछ खास पहनना है. ऐसे में लोगों की पसंद को ध्यान में रखते हुए मार्केट में कस्टमाइज्ड होली मैजिक टी-शर्ट का है चलन खूब है. इस टी-शर्ट को पहन कर आप अपनी होली को खास बना सकते है.

कस्टमाइज्ड टी-शर्ट

इस बार होली के मौके पर दिखना चाहते हैं कुछ खास तो आप कस्टमाइज्ड टी-शर्ट पहन कर अलग लुक अपना सकते है. व्हाइट कलर की टी-शर्ट पर अपने नाम के साथ ‘हैप्पी होली’ लिखवा कर पहन सकते हैं इसके अलावा इस व्हाइट  टी-शर्ट पर आप कलरफुल रंग छोड़ती पिचकारी भी बनवा सकते हैं.

 

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होली मैजिक टी-शर्ट

अगर आप  इस बार होली के मौके पर और खास दिखना है तो आप होली मैजिक टी-शर्ट ट्राय  कर सकते है. इस टी-शर्ट की खास बात यह है कि इस  पर पानी पड़ते ही रंग निकलने लगेंगे. ये बात सामने वाले के लिए किसी जादू से कम नही होगी लेकिन थोड़ी सरप्राइजिंग जरूर होगी. इस टी-शर्ट को पहन कर अब आप होली सादे पानी से खेल सकते हैं. आपको और रंग की जरूरत ही नहीं पड़ेगी और आप केमिकल वाले रंगों से भी बच सकते हैं.

 

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बजट के अनुसार कीमत

होली टी-शर्ट की कीमत आपके बजट से ज्यादा नहीं है. एक टी-शर्ट आपको 300 रुपये में मिल जाएगी. अगर आप एक साथ कई टी-शर्ट लेंगे तो इसके लिए एडिशनल डिस्काउंट मिल सकता है.आप ग्रुप टी-शर्ट भी बनवा सकते है. इसे आप अपने मन मुताबिक बनवा कर पहन सकते है और कलर के पैसे भी बचा सकते है और केवल पानी के साथ होली का मजा ले सकते हैं.

रेगुलर यूज के लिए है खास

होली टी-शर्ट  सिर्फ होली खेलने के लिए ही नही है इसे आप साफ कर रेगुलर यूज में भी पहन सकते हैं क्योंकि इसका फ्रैब्रिक भी सही है. इस लिए इस बार होली को बनाएं फैशनेबल और बजट फ्रेंडली.

 

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होली का खास तोहफा

इसके अलावा अगर आप घर के लोगों या अपने दोस्तों को इस होली पर कोई तोहफा देना चाहते तो आप भी ऑर्डर कर सकते हैं. ये टी- शर्ट उन सब के बहुत खास होगी इसे पहन कर होली की मस्ती में अलग ही  रंग जमा सकते हैं और इस होली को यादगार बना सकते हैं.

Holi 2024: फेस्टिवल पर रखें अपनी सेहत का ख्याल, इन टिप्स को करें फॉलो

होली मौज-मस्ती, हर्ष-उल्लास, उधम-कूद, भागा-दौड़ी का त्योहार है. वसंत ऋतु में आने वाले इस पर्व की अलग की रौनक होती है. इस दौरान बनने वाले खास खाने, मिठाइयां, ठंडई, पकवान इसे और अधिक खास बनाते हैं.

अक्सर इस मौज मस्ती में लोग अपने और अपनो का ख्याल रखने से चूक जाते हैं. रंगों की मौज मस्ती में, खाने पीने में बहुत सी ऐसी लापरवाहियां हो जाती हैं जो होली के उमंग को फीका कर देती हैं. ऐसे में हम होली खेलने के दौरान और खानपान के बारे में कुछ खास टिप्स बताएंगे जिनको ध्यान में रख कर आप इस होली को यादगार और मजेदार बना सकती हैं. तो आइए शुरू करें

1. बचें सिंथेटिक रंगों से

होली में सिंथेटिक रंगों से बच कर रहें. इनमें लेड आक्साइड, मरकरी सल्फाइड ब्रोमाइड, कापर सल्फेट आदि भयानक केमिकल मिले होते हैं जो कि आंखों की एलर्जी, त्वचा में खुजली और अंधा तक बना देते हैं. इन रंगों के दूरी बनाने की कोशिश करें.

2. एलर्जी के मरीज रहें सतर्क

बहुत से लोगों को रंगों से एलर्जी होती है. उन्हें खास कर के इन रंगों से दूर रहना चाहिए. इसके अलावा जिन लोगों को त्वचा संबंधित परेशानियां हैं उन्हें भी इससे दूर रहना चाहिए. एक और जरूरी बात, रंग खेलने से पहले शरीर पर नारियल या सरसो का तेल लगा लें. इससे त्वचा पर रंग नहीं चिपकेगा और आप सुरक्षित रहेंगी.

3. अपने चोट-घाव को बचाएं

जिन लोगों को पहले से चोट या घाव लगी हो उन्हें ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है. लंबे समय तक पानी के संपर्क में रहने से चोट के बढ़ने का खतरा होता है. ऐसे में अपने चोट पर एंटीसेप्टिक लगा कर रहें.

4. तेल लगाना ना भूलें

रंग खेलते वक्त बालों में खूब तेल लगा लें और सिर को रुमाल या स्कार्फ से ढंक लें. सिंथेटिक रंग आपकी बालों के लिए हानिकारक होते हैं.

5. भांग पीने से बचें

इस मौके पर कोशिश करें कि आप ज्यादा पानी में भींगे नहीं. इससे आपको बुखार, जुकाम जैसी परेशानियां हो सकती हैं.

6. गुब्बारे वाली होली ना खेलें

गुब्बारे वाली होली ना खेलें. इससे आपकी आंखे चोटिल हो सकती हैं.

Holi 2024: रंगों से अपने बालों को रखना चाहते हैं सुरक्षित, तो इन टिप्स को करें फॉलो

रंगों का त्योहार होली बिल्कुल करीब है. इस बसंती त्योहार में आप सभी लोग अपने कपड़ों, बालों, त्वचा और रंगरूप की परवाह किए बिना ही रंगों से रंग जाना पसंद करते हैं. आप भी कहीं न कहीं ये बात जानते हैं कि रंगों से आपके बालों को काफी नुकसान होता है और ऐसे में आपको काफी सावधान रहने की जरूरत भी होती है.

इस समस्या से निपटने के लिए आज हम आपके लिए कुछ सुझाव लेकर आए हैं. तो इस होली बिना किसी चीज की परवाह किए खेलें अपने मनपसंद रंगों से.

1. होली खेलने के 15 मिनट पहले आप अपने बालों पर तेल से मालिश कर लें. इसके लिए आप नारियल का तेल, जैतून, सरसों या किसी भी अन्य तेल का चयन कर सकते हैं. तेल लगाते वक्त ये बात ध्यान रखना चाहिए कि तेल गर्म न हो क्योंकि इससे बाद में आपके बालों को नुकसान हो सकता है.

2. एक बहुत महत्वपूर्ण बात को हमेशा ध्यान में रखें कि होली खेलने के दौरान बालों को कभी खुला न छोड़ें. आप शायद ये बात नहीं जानते होंगे कि आपके खुले बाल ज्यादा रंग सोखते हैं, जिससे सिर पर रंगों का बहुत अधिक मात्रा में जमाव हो जाता है. आप ये कर सकते हैं कि होली खेलने के दौरान बालों को टोपी या स्कार्फ से पूरी तरह अच्छे से ढंक लें.

3. होली खेलते समय टोपी के नीचे प्लास्टिक शॉवर कैप पहनने से बालों की सुरक्षा दोगुनी हो जाती है.

4. अगर आपने सूखे रंगों से होली खेली हो तब होली खेलने के बाद बालों को अच्छी तरह से ब्रश कर लें. केवल ब्रश करने से ही सिर पर जमे रंगों को हटाने में काफी मदद मिलती है.

5. अगर आपने गीले रंगों का प्रयोग कर होली का लुफ्त उठाया है तो सबसे पहले सादे पानी से अपने बालों को अच्छी तरह धो लीजिए, इसके बाद शैम्पू लगा के फिर बाद में बालों को में एक बार फिर साफ पानी से धोएं.

6. होली के कारण आपके बालों पर जमे रंगों को आप जल्दी निकालने की चाहत में शैम्पू को अपने बालों पर बार-बार रगड़ते हैं तो आपको ऐसा नहीं करना चाहिए. बालों पर जमा रंग साफ होने में कुछ समय तो लगता ही है.

7. आप होली के रंगों को अपने बालों से हटाने के लिए बेबी शैम्पू या प्राकृतिक शैम्पू का इस्तेमाल भी कर सकते हैं.

8. होली के रंगों से सने बालों को गर्म पानी से धोने की गलती न करें, इससे आपके बाल बहुत खराब हो सकते हैं. गर्म पानी बालों को रूखा बना देता है.

9. होली में रंग खेलने के बाद, जब आप अपने बाल धों ले तो उसके बाद अपने बालों को ब्लो-ड्राई अर्थात हवा से बाल न सुखाएं. इसकी जगह साधारण तरीके से उन्हें सूखने दें.

10. आआप होली के बाद अपने बालों को स्पा ट्रीटमेंट भी दे सकते हैं और ये बात भी याद रखें कि होली में रंगों से खेलने के दो सप्ताह बाद तक बालों को कलर न करें.

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