मैं एक शादीशुदा शख्स से प्यार करती हूं, लेकिन वह मुझे पसंद नहीं करता है…

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है, तो ये लेख अंत तक जरूर पढ़ें…

सवाल

मेरी उम्र 30 साल है, अभी मैं सिंगल हूं, स्कूल टीचर हूं, वहां एक एक सीनियर टीचर ने ज्वाइन किया है. वो हमें ट्रेनिंग देते हैं. मैं उन्हीं के साथ रोजाना लंच करती हूं, वो मुझे बहुत अच्छे लगते हैं, मैंने उनसे अपने मन की भी बात बताई. लेकिन उन्होंने कहा कि मैं शादीशुदा हूं और दो बच्चों का बाप हूं. आप जो भी मेरे बारे में सोचती हैं, वो ख्याल अपने मन से निकाल दें. आइन्दा मैं आपसे बात भी नहीं करूंगा.

इसके बाद अब वो मेरे साथ लंच भी नहीं करते. वो अपने केबिन में ही खाना खा लेते हैं. मैं उनके पास जाती भी हूं, तो वो ये कहकर टाल देते हैं कि काम में मैं बिजी हूं. ट्रेनिंग में सबके साथ आपसे मिलता हूं. वो अब मेरे साथ सख्ती से पेश आते हैं. मुझे समझ नहीं आ रहा क्या करूं? उन्हें कैसे मनाऊं?

Spend time at cozy home. Portrait cute sad young woman in white shirt deep thinking

जवाब

आप उनसे प्यार करने लगी हैं, इसलिए चाहती हैं कि वह आपसे नाराज न रहें. जैसा कि आपने बताया आपके सीनियर पहले ही बता चुके हैं, उनकी पत्नी है और दो बच्चों के पिता है और वो आपसे सख्ती से पेश आ रहे हैं. ऐसे में आपको समझदारी से काम लेनी होगी. आप उनके पीछे मत भगिये.

कुछ समय के लिए आप उनसे दूर ही रहे तो बेहतर है. आपके भी मन में जो उनके प्रति फीलिंग्स हैं. उससे बाहर निकलना बहुत जरूरी है. इसलिए दूरी बनाना सही है. रही बात प्यार की तो लाइफ में न चाहते हुए भी हम ऐसे शख्स से प्यार कर बैठते हैं, जो हमारे लिए सही साबित नहीं होता.

आजकल लोग प्यार की आड़ में लड़कियों की जिंदगी खराब करते हैं. ये तो उस शख्स की ईमानदारी है कि उसने अपने रिश्तों के बारे में आपसे कुछ नहीं छिपाया और वह इसलिए आपसे दूरी बना रहे हैं कि आपक मन में जो भी उनके लिए भावनाएं हैं, उससे आप बाहर निकलें. ऐसे में आप अपने कैरियर पर फोकस करें. आप टीचर हैं, बच्चों को पढ़ाने के साथ उनसे मजेदार ऐक्टिविटीज भी करवाएं, इससे बच्चे भी इंट्रैस्ट लेंगे और आप भी अपने काम में पूरी तरह व्यस्त रहेंगी. आप अपने सीनियर से प्रोफैशनली रिलेशन रखें.

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मेरे हसबैंड शक्की स्वभाव के हैं, मैं क्या करूं?

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सवाल

मेरी शादी को 3 साल हुए हैं. मेरे पति मुझसे प्यार करते हैं, लेकिन उनकी यह समस्या है कि मैं घर में उनके भाई या किसी रिश्तेदार से भी बात कर लूं, तो वह मुझ पर शक करने लगते हैं. मैं अपने पति से बहुत प्यार करती हूं, लेकिन उनकी यह रवैय्या मुझे अच्छी नहीं लगती है. यहां तक कि किसी का फोन भी आता है, तो वो पूछते रहते हैं कि किस का फोन आया था, किससे बात कर रहे थे. ये मुझे अच्छा नहीं लगता है. मैं अपनी जिंदगी ऐसे नहीं बिता सकती. आप ही बताएं, इस स्थिति में मैं क्या करूं ?

जवाब

देखिए, शक की कोई दवा नहीं होती. अगर आपके पति आप पर शक करते हैं, तो यह बहुत ही छोटी सोच है. लड़का-लड़की आपस में बात करें, तो इसका मतलब ये नहीं होता है वो गलत संबंध में है. आजकल तो लड़के-लड़कियां कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रही है और आपके हसबैंड की सोच कुछ और ही है.

हालांकि आप अपने हसबैंड की शक्की स्वभाव को बदल सकती हैं. आप उन्हें यकिन दिलाएं कि आप सिर्फ उनसे प्यार करती हैं. जहां विश्वास होता है, वहां शक की गुंजाइश नहीं होती. आप उनकी तारिफ करें. आप उनसे ये भी कहे कि आप उनके अलावा किसी और के बारे में नहीं सोच सकती हैं. हो सकता है आपका व्यवहार उनके शक्की स्वभाव को बदल सकता है.

जब हसबैंड हो शक्की, तो फौलो करें ये टिप्स

  • पार्टनर के साथ क्वालिटी टाइम जरूर बिताएं.
  • आप उन्हें अपने फ्रैंड्स के ग्रुप में भी शामिल कर सकती है.
  • पार्टनर जब आप पर शक करता है, तो उस पर गुस्सा करने के बजाय प्यार से उसकी जवाब दें.
  • हसबैंड को अपने फ्रैंड्स से मिलवाएं. उन्हें समझाएं कि वे आप के फ्रैंड्स हैं और आप के लिए महत्त्वपूर्ण है.
  • अगर हसबैंड आप के फ्रैंड्स को समझेंगे उतना ही कम शक करेंगे.

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लड़की के इनकार के डर से मैं प्यार का इजहार नहीं कर पा रहा, मैं क्या करूं?

सवाल

मैं 18 वर्षीय युवक हूं. मैं अभी तक काफी अंतर्मुखी रहा हूं. चूंकि शुरू से लड़कों के स्कूल में पढ़ा हूं, इसलिए लड़कियों के साथ बात करने से घबराता हूं. साल भर से एक लड़की से प्यार करता हूं. लड़की की गली से जब कभी गुजरना होता है तो वह दिखाई पड़ जाती है. मेरे देखने पर वह मुसकराने लगती है. मुझे लगता है वह भी मुझ से प्यार करती है. एकाध बार राह चलते भी उस से मुलाकात हुई है. पर मैं प्यार का इजहार नहीं कर पाया. डरता हूं कि कहीं वह इनकार या कोई बवाल न कर दे. मुझे क्या करना चाहिए?

जवाब

इस उम्र में अपोजिट सैक्स के प्रति आकर्षण होना स्वाभाविक है. पर सिर्फ देखने भर से उसे प्यार समझ लेना उचित नहीं है. यों तो आप की उम्र अपने कैरियर पर ध्यान देने की है, पर आप उक्त लड़की से फ्रैंडशिप करना चाहते हैं, तो इस के लिए आप को स्वयं पहल करनी होगी. उस के बाद ही मालूम चलेगा कि उस की आप में दिलचस्पी है या नहीं.

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साल 1993 में शाहरुख खान की मशहूर थ्रिलर फिल्म ‘बाजीगर’ आई थी. इस फिल्म के नायक और खलनायक शाहरुख ही बने थे. फिल्म ब्लौकबस्टर साबित हुई और शाहरुख खान रातोंरात सुपरस्टार बन गए, जिस के बाद उन के पांव कभी थमे नहीं. इस फिल्म का जिक्र करने का मकसद शाहरुख की बुलंदियों को बताने का नहीं है, बल्कि फिल्म के एक खूबसूरत गाने, ‘छिपाना भी नहीं आता, जताना भी नहीं आता…’ से है जो एक पार्टी में बज रहा होता है. यह गाना आशिकों की साइकोलौजी को दर्शाता है. अब इस गाने के बोल और उस में दिखाए कैरेक्टर हैं ही इतने दिलचस्प कि बात बननी लाजिमी है.
मामला यह है कि इस फिल्म में इंस्पैक्टर करण की भूमिका निभा रहे सिद्धार्थ रे कालेज के दिनों से ही प्रिया (काजोल) से प्यार करते थे. अपनी हथेलियों में प्रिया का नाम गुदवाए जहांतहां घूमा करते थे, चोरीचुपके उसे देखा करते थे, अंदर ही अंदर उसे अपनी प्रियतमा बना चुके थे, लेकिन जनाब कभी समय पर हाल ए दिल का इजहार ही नहीं कर पाए. फिर क्या, अजय शर्मा (शाहरुख) इतने में एंट्री मारते हैं और प्रिया के प्रेम की बाजी मार ले जाते हैं. अब ये करण जनाब पछताते हुए पूरी पार्टी में यही गाना गाते फिर रहे हैं. अजय के हाथों में प्रिया का हाथ देख रहे हैं तो खुद पर अफसोस जताते रह जाते हैं. यह तो है कि अगर करण साहब समय पर प्रिया से प्रेम का इजहार कर देते तो शायद पार्टी में अपना दुखड़ा न सुना रहे होते. हो सकता था इंस्पैक्टर करण ही बाजीगर कहलाए जाते.

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शादी बाद भी मेरे पति का अपनी ऐक्स गर्लफ्रैंड से संबंध है…

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सवाल

हाल ही में मेरी शादी हुई है. मेरे पति काफी सपोर्टिव हैं, लेकिन वे अपनी ऐक्स गर्लफ्रैंड से बात करते हैं और वह घर भी आती है. हालांकि मेरे हसबैंड कहते हैं कि अब वह सिर्फ मेरी दोस्त है और मेरा उस से कोई संबंध नहीं है, लेकिन जब वह घर आती है, तो मेरे हसबैंड सारा काम छोड़ कर उस से बातें करने लगते हैं और उन का ध्यान मेरे से ज्यादा ऐक्स गर्लफ्रैंड पर रहता है. वे उस के घर तक भी छोड़ने जाते हैं. मुझे लगता है कि मेरे हसबैंड मुझे धोखा दे रहे हैं। वे अभी भी अपने ऐक्स गर्लफ्रैंड से प्यार करते हैं और मुझ से शादी हो गई है तो जबरदस्ती मेरे साथ रहते हैं. मैं क्या करूं?

Distressed woman on couch indicating relationship tension or emotional crisis

जवाब

आप की समस्या बहुत ही उलझनभरी है. एक तरफ आप के पति ने शादी कर ली है, मगर फिर भी अपनी ऐक्स गर्लफ्रैंड से भी मिलते हैं. यहां तक कि वह आप के घर भी आती है.

आप ने यह भी बताया है कि आप के हसबैंड सपोर्टिव हैं. इस स्थिति में आप को बहुत समझदारी से काम लेना होगा.

सब से पहले आप अपने हसबैंड पर प्यार से हक जताएं और उन्हें यह एहसास दिलाएं कि आप उन से बेहद प्यार करती हैं. बातों ही बातों में हसबैंड को समझाएं कि शादी के बाद ऐक्स गर्लफ्रैंड से मिलनाजुलना सही नहीं है. इस से आपदोनों के वैवाहिक रिश्तों में खटास पैदा होगी.

आप अपने हसबैंड से यह भी कहें कि ऐक्स गर्लफ्रैंड को घर पर न बुलाएं. अगर यह बातें आप के हसबैंड मान लेते हैं, तो आप के रिश्ते के लिए ग्रीन सिग्नल है.

रिश्ते को इस तरह बनाएं रोमांटिक

कई बार समय की कमी के कारण कपल एकदूसरे के साथ क्वालिटी टाइम नहीं बिता पाते हैं, ऐसे में आप घर पर ही डिनर टेबल को अच्छे से डैकोरेट करें. बाहर से अपना मनपसंद खाना और्डर करें. आप का समय भी बचेगा. आप अपने पार्टनर को समयसमय पर एहसास दिलाएं कि आप उन के लिए बहुत खास हैं.  कई बार लोग रिश्ते में बोरियत फील करने लगते हैं. आजकल तो मोबाइल का जमाना है, आप मैसेज या वीडियो के जरीए अपने दिल की बात पार्टनर से कह सकते हैं। उन के लिए यह सरप्राइज भी होगा और रिश्ते में रोमांस बरकरार रहेगा.

शादी के बाद रिश्ते को और भी खास बनाने के लिए हैल्दी फ्लर्टिंग जरूर करना चाहिए. आप अपने पार्टनर के लुक, फैशन सेंस की तारीफ करें. ऐसा करने से आप के पार्टनर को गुड फील होगा और रिश्ते में नयापन बना रहेगा. लाइफ में रोमांस भरने के लिए साथ बैठ कर पोर्न मूवी देखें, इस से आप का सैक्सुअल लाइफ भी स्ट्रौंग होगा.

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गर्लफ्रैंड के साथ झगड़ा हो गया है, मैं उसे कैसे मनाऊं?

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सवाल

मैं अपनी गर्लफ्रैंड जोकि मेरी ही क्लास में पढ़ती है, से बहुत प्यार करता हूं, लेकिन कुछ दिन से वह मुझ से बात नहीं करती. हमारे बीच झगड़ा हो गया है, क्योंकि मैं ने उस के स्कर्ट में आने पर उस की टांगों की सुंदरता की तारीफ कर दी. मैं उस से दूर नहीं जाना चाहता. ऐग्जाम्स भी आने वाले हैं. मैं क्या करूं?

जवाब

भई, सब से पहले तो आप यह बताइए कि आप उस से प्यार करते हैं या उस के शरीर से. आप की बातों से तो लगता है आप का प्यार शारीरिक आकर्षण है, जो इस उम्र में हो जाता है वरना आप का उस की टांगों की सुंदरता की ओर ही ध्यान क्यों गया? वह भी आप से इसी वजह से नाराज है.

बहरहाल, आप उस से अपनी गलती की माफी मांग मामला सुलटाइए. फिर प्यार में एकदूसरे की मदद पढ़ाई के जरिए कीजिए. शारीरिक आकर्षण से ध्यान हटाएंगे तो पढ़ाई पर भी ध्यान दे पाएंगे वरना पेपर भी बकवास जाएंगे और अगर पढ़ाई न हुई तो महबूबा भी हाथ से जाएगी. अत: एकदूसरे का संबल बनिए, पढ़ाई कर कैरियर बनाइए, ताकि सारी उम्र साथ निभा सकें.

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जब बिस्तर पर पकड़े जाएं रंगे हाथों

बेंगलुरु के एक 31 वर्षीय सौफ्टवेयर इंजीनियर को काफी समय से अपनी पत्नी पर शक था कि उस का किसी के साथ अफेयर चल रहा है और वह ये सब छिपा कर उसे धोखा दे रही है. इंजीनियर को कई बार घर से सिगरेट के कुछ टुकड़े मिलने के साथसाथ और भी कई ऐसी चीजें मिली थीं जिन से पत्नी पर शक और पुख्ता हो गया था. इन सब के बावजूद जब पत्नी ने अपने संबंध की बात नहीं कबूली तो उस ने अपनी पत्नी की गतिविधियों को ट्रैक करने की ठानी.

इस के लिए उस ने लिविंग रूम की घड़ी के पीछे एक कैमरा सैट किया, लेकिन उस की यह कोशिश नाकाम रही.

दूसरी बार उस ने 2 अन्य कैमरे लिविंग रूम में डिफरैंट ऐंगल्स पर सैट किए. साथ ही अपनी पत्नी के फोन को अपने लैपटौप पर ऐप के माध्यम से और रिमोट सैंसर से कनैक्ट किया, जिस से उसे पत्नी के फोन की चैट कनैक्ट करने में आसानी हुई और वौइस क्लिप के माध्यम से पता चला कि उस की पत्नी अपने बौयफै्रंड से कंडोम लाने की बात कह रही थी. उस ने कैमरों की मदद से बैडरूम में उन्हें संबंध बनाते हुए भी पकड़ा.

इन्हीं पुख्ता सुबूतों के आधार पर पति ने तलाक का केस फाइल किया. अदालत में पत्नी ने भी अपनी गलती स्वीकारी, जिस के आधार पर दोनों का तलाक हुआ.

ऐसा सिर्फ एक मामला नहीं बल्कि ढेरों मामले देखने को मिलते हैं जिन में बिस्तर पर रंगेहाथों अवैध संबंध बनाते पकड़े जाने पर या तो रिश्ता टूट जाता है या फिर ब्लैकमेलिंग की जाती है. इतना ही नहीं आप समाज की नजरों में भी गिर जाएंगे.

ऐसा भी हो सकता है कि आप का कोईर् फ्रैंड आप को रिलेशन बनाते हुए पकड़ ले. भले ही आप उसे दोस्ती का वास्ता दें लेकिन अगर उस का दिमाग गलत सोच बैठा तो वह आप को इस से बदनाम कर के आप को कहीं मुंह दिखाने लायक नहीं छोड़ेगा. ऐसे में अगर आप पार्टनर के साथ संबंध बनाने की इच्छा रखते भी हैं तो थोड़ी सावधानी बरतें ताकि आप ब्लैकमेलिंग का शिकार न होने पाएं.

करीबी का रूम न लें

आप का बहुत पक्का फ्रैंड है और आप उस पर ब्लाइंड ट्रस्ट कर के अपने फ्रैंड का रूम ले लें और बेफिक्र हो कर सैक्स संबंध बनाने लगें. लेकिन हो सकता है कि फ्रैंड ने पहले से ही रूम में कैमरा वगैरा लगाया हो, जिस से बाद में वह ब्लैकमेल कर के आप से पैसा ऐंठे या फिर आप के पार्टनर से सैक्स संबंध बनाने की ही पेशकश कर दे. ऐसे में आप बुरी तरह फंस जाएंगे. इसलिए करीबी का रूम न लें.

सस्ते के चक्कर में न फंसें

हो सकता है कि आप सस्ते के चक्कर में ऐसे होटल का चुनाव करें जिस की इमेज पहले से ही खराब हो. ऐसे में आप का वहां सैक्स संबंध बनाना खतरे से खाली नहीं होगा. वहां आप के अंतरंग पलों की वीडियो बना कर आप को ब्लैकमेल किया जा सकता है.

नशीले ड्रिंक का सेवन न करें

पार्टनर्स को नशीले पदार्थ का सेवन कर के सैक्स संबंध बनाने में जितना मजा आता है, उतना ही यह सेहत और सेफ्टी के लिहाज से सही नहीं है. ऐसे में जब आप नशे में धुत्त हो कर संबंध बना रहे होंगे तब हो सकता है आप का कोईर् फ्रैंड आप को आप के पेरैंट्स की नजरों से गिराने के लिए ये सब लाइव दिखा दे. इस से आप अपने पेरैंट्स की नजरों में हमेशाहमेशा के लिए गिर जाएंगे.

न लगने दें किसी को भनक

अगर आप अपने पार्टनर के साथ संबंध बनाने का मन बना चुके हैं तो इस की भनक अपने क्लोज फ्रैंड्स को न लगने दें वरना वे भी सबक सिखाने के लिए आप को अपने जाल में फंसा सकते हैं.

कहीं रूम में कैमरे तो नहीं

जिस होटल में या फिर जिस भी जगह पर आप गए हैं वहां रूम में चैक कर लें कि कहीं घड़ी, अलमारी वगैरा के पास कैमरे तो सैट नहीं किए हुए हैं. अगर जरा सा भी संदेह हो तो वहां एक पल भी न रुकें वरना आप के साथ खतरनाक वारदात हो सकती है.

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इन बातों को भूलकर भी अपने बौयफ्रैंड से न करें शेयर, टूट सकता है लंबे समय का रिश्ता

अविनाश और रश्मि करीब 2 सालों से रिलेशनशिप में थे. वो दोनों एकदूसरे से बहुत प्यार करते थे. रश्मि अपने लाइफ से जुड़ी हरेक बात अविनाश से शेयर करती थी. जब वह कालेज से घर वापस लौटी तो उस ने देखा कि मां और पापा किसी लड़के को ले कर लड़ाई कर रहे हैं. बाद में उसे पता चला कि उस की मम्मी अपने ऐक्स बौयफ्रैंड से मिलने गई थी इसलिए उस के पापा ने लड़ाई की थी.

रश्मि इस बात को ले कर बहुत उदास थी. अविनाश उसे कौल और व्हाट्सऐप किए जा रहा था, लेकिन वह उस का जवाब नहीं दे रही थी. बाद में रश्नि ने अविनाश को व्हाट्सऐप पर मैसेज किया और अपने मम्मीपापा के लड़ाई की भी बातें बता दीं. उस ने यह भी बताया कि उस की मां का कोई बौयफ्रैंड था, जिसे वे भूल नहीं पाई हैं.

अविनाश ने रश्मि को समझाया. उस ने यह भी कहा कि उसे अपनी मम्मीपापा के इस झगड़े को खत्म करने की कोशिश करनी चाहिए वरना उन के रिश्ते टूट भी सकते हैं.

अविनाश के इस बात से रश्मि को काफी मदद मिली और उस का मन भी हलका हुआ. लेकिन कुछ दिनों बाद रश्मि ने जो सुना, उस के तो होश ही उड़ गए.

दरअसल, रश्मि के पास कुछ पुराने दोस्तों ने मैसेज किए और पूछा कि तुम्हारी मम्मी का बौयफ्रैंड लौट आया है क्या? यह सुन कर रश्मि के पैरों तले जमीन खिसक गई.

उस ने पूछा,”यह सब बातें तुम लोगों को कैसे पता?”

उन लोगों ने मैसेज के स्क्रीनशौट भेजे. रश्मि ने देखा कि मैसेज अविनाश ने किया है और उस में लिखा था,”रश्मि की मां का बौयफ्रैंड है और उस के घर में रोजाना इस बात को ले कर रश्मि के पापा उस की मां के साथ मारपीट करते हैं.”

मैसेज पढ़ते ही रश्मि को तगङा झटका लगा. वह कुछ देर के लिए सोचती रह गई. जिस लड़के पर उस ने आंख बद कर के भरोसा किया. उस लड़के ने मेरी रिस्पैक्ट नहीं की? दोस्तों के बीच मेरे और मेरे पेरैंट्स का मजाक बना कर रख दिया. उस ने तुरंत ही अविनाश का फोन नंबर ब्लौक किया और उस से सारे रिश्तेनाते तोड़ लिए.

जब कोई लड़की अपने बौयफ्रैंड से कोई भी बड़ा सीक्रेट शेयर करती है, तो उस पर यह भरोसा करती है कि वह किसी से नहीं कहेगा. लेकिन आंख बंद कर भरोसा करना गलत साबित हो सकता है. कई बार बौयफ्रैंड अपनी गर्लफ्रैंड की सीक्रेट बातें भी शेयर कर देते हैं, जिस की वजह से उन के रिश्ते में दरार आ जाती है.

जब आप किसी से प्यार करते हैं, तो उस पर विश्वास करना चाहिए, लेकिन उस से वहीं बातें शेयर करें, जिस में मस्तीमजाक हो, नकि आप अपनी फैमिली या खुद से जुड़े कोई बड़ा सीक्रेट आप अपने बौयफ्रैंड को न बता दें. इस से आप के ही रिश्ते को नुकसान होगा.

तो चलिए जानते हैं, बौयफ्रैंड से कौन सी बातें शेयर न करें :

परिवार से जुड़ा सीक्रेट

आप अपने बौयफ्रैंड से भले ही कितना प्यार करती हों, लेकिन उस से अपने परिवार से जुड़ी सीक्रेट न बताएं. कई बार हम अपनी ही फैमिली में किसी को पसंद नहीं करते हैं. कई बार लड़कियां इमोशनल हो कर इस तरह की बातें अपने बौयफ्रैंड से शेयर कर देती हैं. लेकिन बाद में उन्हें पछताना पड़ता है. जब किसी तीसरे व्यक्ति को यह सब पता चलता है तो कपल के बीच झगड़े होने लगते हैं.

बैंक अकाउंट की जानकारी

बौयफ्रैंड पर भरोसा करना सही है, पर कई बार कुछ लड़कियां जानेअनजाने अपने बैंक की भी सारी जानकारी बौयफ्रैंड को दे देती हैं. इस से बैंक अकाउंट का एक्सैस उन के पास आ जाता है. लड़कियों को ध्यान रखना चाहिए कि कई बार इस से फ्रौड या ठगी की संभावना बढ़ जाती है. इसलिए बेहतर है कि बौयफ्रैंड को बैंक से जुड़ी हुई जानकारी न बताएं.

अपनी कमजोरियों को न करें जाहिर

हर व्यक्ति के अंदर कुछ न कुछ कमजोरियां होती हैं. कई बार लड़कियां इतनी इमोशनल हो जाती हैं कि बिना सोचेसमझे वे अपने बौयफ्रैंड से अपनी वीकनैस को भी बता देती हैं. कई बार लड़के इस का फायदा उठाते हैं और अपनी गर्लफ्रैंड का ही इस्तेमाल करने लगते हैं.

क्या आप भी अपनी सहेली से कहती हैं ये बातें

सुरेखा और रीना अच्छी दोस्त थीं, दोनों अपनी हर बात एक दूसरे से शेयर करने लगी थी. रीना ने सुरेखा को बताया था कि उसके मायके में उसकी माँ और भाई भाभी के झगडे चलते रहते हैं जिनसे वह बहुत आहत रहती है. रीना को लगता था कि हर बात बार बार पति को क्या बतानी, अपनी दोस्त से ही सब कह कर मन का गुबार निकाल कर दिल हल्का कर लेती. तीन साल तो दोनों में बहुत  गहरी दोस्ती रही पर धीरे धीरे बहुत छोटी छोटी बातों में एक दूरी आने लगी,एक दिन किसी पड़ोसन ने बेवजह रीना से झगड़ा किया, सुरेखा बिना कारण जाने ही रीना को नीचे दिखाने के लिए आकर खड़ी हो गयी और कहने लगी ,”अरे, इसकी किसी से नहीं बनेगी, इसकी तो माँ  और भाई के झगडे ख़तम नहीं होते, इसने झगडे करना ही तो सीखा है.”

हैरान रह गयी रीना, आँखें छलछला उठीं, वह वहां से चुपचाप हट गयी, लगा कि ये क्या गलती कर दी, किसी को अपना दोस्त समझ कर दिल का दुःख शेयर कर लिया तो क्या यह इतना बड़ा गुनाह हो गया कि आज सबके सामने वो दोस्त उसी बात को सामने रख अपमान कर रही है. उसने कान पकडे कि कभी किसी को दोस्त समझने की गलती नहीं करेगी, इस बात को बीते दस साल हो गए हैं, रीना कहती हैं,  ‘’अपने मायके की टेंशन दोस्त से शेयर करने को जो गलती कभी की थी, उससे सबक यही मिला है कि आज के दोस्त कब दुश्मन बन जाएँ, कब आपकी ही बात को आपके खिलाफ इस्तेमाल करेंगें, पता ही नहीं चलेगा. तबसे कोई कितना भी अच्छा दोस्त बन जाए, मैंने अपने दुःख कभी किसी से वैसे शेयर नहीं किये जैसे कभी सुरेखा से शेयर किये थे.”

विमला देवी अकेली रहती हैं, रिटायर्ड टीचर हैं, दो बेटी हैं, बड़ी बेटी नीता  के बड़े  बेटे रवि  का विवाह था, भात की रस्म के लिए नीता की फरमाइशों पर अपने सामर्थ्य के अनुसार विमला देवी ने काफी सामान खरीदा जिसमे उनका पचास हजार खर्च हुआ, उनकी सहेली विभा सामान देखने आयीं तो पूछ लिया,”कितने खर्च हुए ?”

”पचास हजार तो हो चुके, अभी भी कुछ खरीदना बाकी है. नीता ने फोन पर और सामान भी बता दिया है.”

विभा ने कहा, ”नीता ने यह नहीं सोचा कि रिटायर्ड माँ कहाँ से इतना खर्च करेगी?”

विमला और विभा एक ही स्कूल में टीचर रहीं थीं, घर भी पास पास ही था, सत्तर साल की हो गयीं थीं, खूब दुःख सुख हमेशा शेयर करती आयीं थीं,एक ठंडी साँस लेकर विमला ने कहा, ” क्या कर सकते हैं? पहला विवाह है उसके घर में, सब रस्मों के बड़े अरमान हैं उसे, कोई बात नहीं, यह दिन तो किस्मत से आता है, ख़ुशी  का  मौका है, ठीक है, कोई बात नहीं, बचत है तो कर पा रही हूँ.‘’

शादी की तैयारी के सिलसिले में नीता माँ से मिलने आयी, तो विभा भी वहीँ बैठी थीं, थोड़ी देर में नीता से कह दिया,” क्यों, नीता, बड़ा खर्च करवा दिया माँ का भात की रस्म के लिए, पचास हजार तो बहुत होता है ,बेटी.”

नीता तुनकमिजाज थी, सुनकर ही उसे माँ पर गुस्सा आ गया, ”कोई जरुरत नहीं खर्च करने की, सबको पचास हजार खर्च करने का गाना सुना रही हो तो कोई जरुरत नहीं हमें बदनाम करने की कि हमने इतना खर्च करवा दिया.‘’

विमलादेवी सन्न रह गयीं, बात तो कुछ भी नहीं थी, बतंगड़ बन चुका था, वे बेटी को समझाती रह गयी कि ऐसे ही बात निकल आयी थी, उन्होंने किसी को कुछ नहीं कहा है और वे तो शादी की रस्मों के लिए ख़ुशी से सब कर रही हैं.‘’

नीता उन्हें खूब सुना कर चली गयी,शादी में उसका मुँह सीधा नहीं हुआ, विमला देवी को बहुत पछतावा हुआ कि क्यों  उन्होंने विभा से यह बात कर ली थी.

अनीता और दीपा बहुत अच्छी दोस्त हैं, पर दोस्तों से कब कितना शेयर करना चाहिए, इस विषय पर अनीता अपना अनुभव बताते हुए कहती हैं,” मेरे बेटे का ब्रेक अप हुआ था तो मैं अपने बेटे को परेशान देख कर बहुत  दुखी थी, मैंने दीपा को बता दिया कि कैसे इन दिनों मेरा बेटा नवीन डिस्टर्ब है, एक दिन रोड पर नवीन को दीपा मिल गयी और लगी उसे समझाने कि ब्रेक अप तो होते रहते हैं, इन्हे क्या सीरियसली लेना, और वगैरह वगैरह , नवीन  घर आकर मुझसे इतना नाराज हुआ कि ‘आपको मेरा ब्रेक अप बताने की क्या जरुरत है, मैं आपको आगे से कभी कुछ नहीं बताऊंगा, आप माँ होकर अपने बेटे की बात अपने तक नहीं रख सकीं ‘  वह मुझसे बहुत नाराज रहा, मुझे बहुत दुःख हुआ.”

अवनि और रिमी अच्छी दोस्त थीं, एक ही बिल्डिंग में ऊपर नीचे रहतीं, दोनों के हस्बैंड भी एक ही ऑफिस में थे, अवनि के हस्बैंड संजय सीनियर पोस्ट पर थे,अचानक संजय के जॉब पर संकट के बादल मंडराने लगे,उनकी नींद उडी हुई थी,यह बात अवनि ने रिमी को बता दी कि आजकल संजय ठीक से सोते नहीं तो रिमी के हस्बैंड विनय ने ऑफिस में लंच टाइम में सबके साथ बैठ कर मजाक करते हुए कहा, ”क्या हो गया, संजय साहब, सुना है आजकल नींद गायब है आपकी, भाभीजी रिमी को बता रही थीं. आप तो हमसे कुछ शेयर करते ही नहीं !”

संजय  धीर गंभीर स्वभाव के इंसान थे, अपनी पर्सनल बात ऑफिस में करना उन्हें पसंद नहीं था,ऑफिस में अपनी परेशानी पर मजाक बनना उन्हें पसंद नहीं आया. घर आते ही अवनि को बहुत डांटा. अवनि को रिमी पर बहुत गुस्सा आया.

जीवन में एक दोस्त की जरुरत हम सबको होती है,बहुत सारी बातें ऐसी होती हैं जिन्हे हम किसी दोस्त से शेयर करना चाहते हैं. दोस्ती का रिश्ता किसी रिश्तेदार से अलग होता है. दोस्त हर मोड़ पर साथ देते हैं. मन से जुड़े दोस्त के साथ दिल से रिश्ता जुड़ जाता है.इंसान जब किसी को अपना दोस्त समझने लगता है, लम्बे समय से दबे गहरे राज उससे शेयर कर लेता है पर ऐसे दोस्तों का आप क्या करेंगें जिन्हे आप अपना समझ कर दिल उनके सामने खोल कर रख दें, अपने सारे दुःख सुख बता देंऔर वे आपका ही मजाक उड़ाने लगें ? ऐसे में हल्का महसूस करने की जगह आप कई दिनों तक अपनी समस्याओं से नहीं बल्कि अपने दोस्त के व्यवहार को लेकर सुलगते रहेंगें.  बार बार खुद को कोसेंगे कि यह सब बताने  की गलती क्यों कर दी ! एक अच्छे दोस्त को खो देने  का दुःख अलग सताएगा, इससे आप डिप्रेशन में भी आ सकते हैं. दोस्ती की नींव होती है, भरोसा और दोस्तों का साथ नाउम्मीदियों से निकलने का एक भरोसेमंद रास्ता  इसलिए दोस्तों से मिलने वाले तानों का गहरा असर होता है क्योंकि उससे भरोसा टूट जाता है.

हम जिस दौर में जी रहे हैं, वहां आज का दुश्मन कल दोस्त भी हो सकता है और आज का दोस्त कल दुश्मन भी हो सकता है .  रिश्तों के रूप रोज बदल रहे है. आजकल रिश्ते बड़े हिसाब किताब लगा कर निभाए जा रहे हैं ऐसे में जरुरत है थोड़ा चौकन्ना रहने की, किसी पर भी आँख बंद करके भरोसा करने का समय नहीं है यह. कुछ बातें बहुत निजी होती हैं जैसे कि अगर बहन को प्यार में धोखा मिला है, पेरेंट्स में पटती नहीं, बॉस कुछ ज्यादा ही परेशान कर रहे हैं, परिवार में किसी बात पर झगड़ा हो रहा है ! ऐसी और भी बहुत सी बातें आपकी निजी बातें हैं, उन्हें अपने तक ही रखना चाहिए.

आपके प्रेमी या आपके पति ने अंतरंग रिश्तों पर कोई टिप्पणी की तो वह सिर्फ आपके लिए है, इसका आनंद लें.  ये सब किसी दोस्त को बताने  के लिए नहीं है.

अमिता को बुक्स पढ़ने का शौक बिलकुल नहीं था, उसके बॉय फ्रेंड जीत को बुक्स पढ़ने का शौक था और वह चाहता था कि अमिता भी बेकार के टीवी शोज छोड़ कर अच्छी बुक्स पढ़े, उसने अमिता के जन्मदिन पर एक अच्छी किताब गिफ्ट की, अमिता को यह गिफ्ट बिलकुल पसंद नहीं आया, उसने  अपनी फ्रेंड नेहा को यह बात बता कर इस गिफ्ट का बहुत मजाक उड़ाया, कुछ दिन में ही जीत से मिलने पर नेहा ने कह दिया,” अरे, जीत, यह क्या किताब दे दी अमिता को, वह भी जन्मदिन पर ! उसका शौक तो देख लिया होता !”

जीत को अपने भावनापूर्ण गिफ्ट का मजाक उड़ाया जाना बहुत बुरा लगा, उसने अमिता से दूरी रखनी शुरू कर दी, बड़ी मुश्किल  से एक प्यार भरा रिश्ता सामान्य हो पाया.अमिता को यह बात नेहा को नहीं बतानी चाहिए थी, थोड़ा गंभीर व्यवहार करना चाहिए था,सोचना चाहिए था कि जीत की कितनी भावनाएं शामिल थीं उस गिफ्ट में,अपने दिए गिफ्ट की इंसल्ट से जीत को यही महसूस हुआ कि अमिता कितनी भौतिकतावादी है, उसके लिए भावनाओं की कोई वैल्यू नहीं !

स्वभाव से सरल विनी अपनी सोसाइटी में रहने वाली, अपने से उम्र में काफी बड़ी रीता को दीदी दीदी कहकर अपनी सच्ची दोस्त समझ रही थी, जो भी लाइफ में बुरे अनुभव हुए, सब उन्हें बताती रहती, किसी ने भी जब जब विनी के मन को आहत किया होगा, वह सब उन्हें पूरा बताती.  रीता को भी सुनने में बड़ा मजा आता, खोद खोद कर और पूछती,विनी और बताती, थोड़े दिन बाद वह विनी को ही यह समझाने लगी कि ‘तुम्हे किसी से सबंध रखने नहीं आते, तुममे ही काफी कमियां हैं, अब रीता उसे  ही ज्ञान देती कि जो भी हुआ होगा तुम्हारे साथ, तुम्हे ही समझ कर रहना चाहिए था,तुम ही अपने आप को सुधारो. मुझे देखो, मेरे तो सबसे कितने अच्छे सम्बन्ध हैं, मुझे तो लाइफ में बुरे अनुभव हैं ही नहीं.‘ अवाक विनी ने फिर उनसे धीरे धीरे एक दूरी बना ली. जब आप अपनी हर बात किसी को दोस्त समझ कर शेयर कर रहे होते हैं, तो जरुरी नहीं  कि वह आपको ही सही समझ रहा है, आपके दुःख समझ रहा है, वह कई बार आपको ही जज कर रहा होता है.

अपने प्रेमी या पति से हुई छोटी मोटी लड़ाई दोस्त से शेयर न करें, अपनी इस आदत पर कंट्रोल करें. प्रेमी या पति की कोई भी पर्सनल बात दोस्तों से शेयर करने की जरुरत नहीं है. दोस्त की एक गलती से आप अपने प्रेमी या पति का भरोसा खो सकती हैं . इससे आपके रिश्तों पर असर पड़ सकता है.

ऑफिस में कई कलीग्स के साथ आपके घरेलू सम्बन्ध भी बन जाते हैं जिनसे आप कई तरह की बातें शेयर करने  लगते हैं लेकिन आपका कलीग कभी भी आपकी पर्सनल बातों का फ़ायदा भी उठा एकता है. प्रेमी की बातें या किसी पूर्व संबंधों में अलगाव के कारण दोस्त को न बताएं.

ऐसे दोस्त जो कभी भी दुश्मन बन कर आपको नुकसान पहुंचा सकते हैं,  उन्हें अब एक नया नाम दिया गया है, ‘फ्रेनिमीज मतलब यार दुश्मन !

अमरीका में यूटाह के ब्रिगहैम यंग यूनिवर्सिटी के जूलियन का कहना है कि विरला ही कोई ऐसा होगा जो कम से कम एक दुश्मन दोस्त की संगत में नहीं होगा. यह एक गंभीर मामला है, शोध के मुताबिक ये फ्रेनिमीज ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं. ये हमारे स्वास्थ्य के लिए खतरा हैं.

इसलिए कभी भी किसी दोस्त से शेयर करने से पहले अच्छी तरह सोच लें कि जो आप अपने दोस्त से शेयर करने जा रहे हैं, कल आपको आपका दोस्त उस बात को लेकर आपको नुकसान पहुंचा सकता है या नहीं. एकदम भावनाओं में बह कर सब कुछ शेयर न करते जाएं.

रिश्ते को बिगाड़ने का काम करते हैं ये झूठ, ‘हैसियत के मामले में बढ़ाचढ़ा कर न बोलें’

मेहनती युवती सावी के साथ अजीब सी बात हुई. उस ने नए दफ्तर के अपने सहकर्मी सौनिक को अपने बारे में बस यही बताया था कि उस का किसी भी पुरुष से कोई संबंध नहीं रहा. न कोई मित्रता न कुछ और. मगर दफ्तर की ही एक पार्टी मे सब खुलासा हो गया. सावी का ऐक्स बौयफ्रैंड वहां किसी के संग आया और जरा सी पी कर बहक गया. बहुत कुछ कह गया.

यह सच सुन कर सौनिक को इतना सदमा लगा कि वह 2 दिन दफ्तर नहीं आया. सावी का झूठ उस से सहन न हुआ. सौनिक ने बाद में उस से कहा कि सावी हम सब इंसान हैं. महिला का अगर एक पुरुष मित्र है तो यह होना स्वाभाविक है. मगर ?ाठ बोलना नहीं. एक ?ाठ वह भी इतनी सफाई से. मैं तुम्हें अपनी अचछी दोस्त मानने लगा था. आगे की भी योजना थी. मन की बात कहनी थी. मगर अब नहीं. सावी खुद भी सौनिक को अपना हमसफर बनाना चाहती थी मगर ?ाठ ने सब बिगाड़ दिया.

तकि भविष्य में दिक्कत न हो

सावी की ही तरह अगर आप का किसी और के साथ अफेयर है तो अपने नए पार्टनर को इस के बारे में अवश्य बता दें और अगर आप शादी के बंधन में बंधने वाले हैं तो शादी से पहले जरूर बता दें वरना भविष्य में कोई बड़ी दिक्कत हो सकती है. आजकल सोशल मीडिया सब उगल देता है.

रिश्ते हमेशा विश्वास पर टिके होते हैं और अगर हम उस में झूठ बोलने लगते हैं तो रिश्तों में खटास आना शुरू हो जाती है, इसलिए कहा जाता है कि कभी भी रिश्ते में झूठ नहीं बोलना चाहिए. वैसे तो किसी भी रिश्ते को बनाने के लिए ?ाठ बोलना ठीक नहीं है लेकिन कई ऐसे झूठ होते हैं जोकि बिलकुल नहीं बोलने चाहिए. इस से एक बार तो रिश्ते बन जाते हैं, लेकिन बाद में बड़ी मुश्किल हो जाती है.

इसी तरह कभी भी पैसों को ले कर कोई ?ाठ न बोलें. वित्तीय हैसियत से संबंधित झूठ दिखाना भी गलत है. कई लोग पैसों को ले कर कहते हैं कि मैं बहुत अमीर हूं और मेरे पास इतना पैसा है कि मेरी 7 पीढि़यां बैठ कर खा सकती हैं. मोनिका ने अपने मंगेतर को अपनी तनख्वाह बढ़चढ़ कर बताई. मगर जब खुलासा हुआ कि मोनिका की क्व50 हजार नहीं क्व30 हजार ही कमाई है तो दोनों के बीच कड़वाहट बढ़ती गई.

हैसियत के मामले में झूठ न बोलें

युवकों को भी यह याद रखना चाहिए कि पैसों के जरीए लड़कियों को आकर्षित करना बेकार है और इस पैतरे से केवल लालची लड़कियां आप के करीब आएंगी. अगर आप सच में किसी से रिश्ता जोड़ना चाहते हैं तो हैसियत के मामले में ?ाठ न बोलें.

परिवार को ले कर ?ाठ. कई बार हम किसी से रिश्ते बनाने के लिए कुछ ज्यादा ही झूठ बोल देते हैं. परिवार से जुड़े सच के बारे में कुछ दिनों बाद तो पता चल ही जाता है, इसलिए कभी भी ऐसा न करें. जब किसी को बाद में पता चलता है तो पार्टनर के लिए विश्वास कम हो जाता है, जोकि बहुत गलत है.

बीमारी से जुड़ा ?ाठ भी बहुत बुरा है. अनुजा को विवाह से कुछ समय पहले टीबी हुई थी. मगर उस ने ससुराल में नहीं बताया. जब उस के पति को टीबी हुई तब उस का बीमारी से जुड़ा झूठ सामने आया.

यह बताना भी जरूरी

बीमारियां कभीकभी जिंदगीभर तक जुड़ी रहती हैं. अत: यदि आप किसी ऐसी बीमारी से पीडि़त हैं जो पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही है तो अपने पार्टनर को इस के बारे में बताना बेहद जरूरी है.

कभीकभी ?ाठ बोलना ठीक होता है. मान लीजिए किसी का भला हो रहा है तो फिर भी वह ?ाठ सहन किया जा सकता है लेकिन अगर आप हर बात पर झूठ बोलेंगे तो पार्टनर के मन पर गलत असर पड़ेगा.

धीरेधीरे शायद वह आप की किसी बात पर विश्वास न करे और हर बात की पहले पड़ताल करे. इसलिए कभी ऐसा न करें. जिस रिश्ते की बुनियाद झूठ पर रखी गई हो वह रिश्ता ज्यादा देर तक नहीं चलता है.

पार्टनर से फ्लर्ट करने के हैं बड़े फायदे, ‘रिश्ते में बना रहता है नयापन’

हुज़ूर इस कदर भी न इतरा के चलिये ….और सारे शहर में आपसा कोई नहीं….. कहने को तो हिंदी फिल्मों के लोकप्रिय गीत हैं पर ये फ्लर्टिंग का एक अच्छा उदाहरण हैं. इस दुनिया का हर व्यक्ति चाहता है कि लोग उसे नोटिस करें उस से आकर्षित हों और इसके लिए वो तमाम तरीके अपनाता है. दुनिया भर की सभी सभ्यताओं और संस्कृतियों में स्त्री पुरुष एक दूसरे को रिझाने का प्रयास करते आए हैं इसे सामान्य भाषा में हम फ्लर्टिंग कहते हैं.

 

लड़के लड़कियों का आपस मे फ्लर्ट करना एक आम बात है सबसे अच्छी बात ये है कि ये एक स्वस्थ्य तरीका है जिस से हम किसी मे अपने प्रति रुचि जगा सकते हैं. ये सेक्सुअल हैरासमेंट से एकदम अलग है. इसके लिए आपमे सेंस ऑफ ह्यूमर और बातचीत करने की कलात्मकता होनी चाहिए. कई लोग फ्लर्टिंग को खराब मानते हैं पर सच तो ये है कि इस से व्यक्ति का न सिर्फ़ मानसिक स्वास्थ्य ठीक रहता है बल्कि अवसाद से बाहर आने में ही इस से मदद मिल सकती है. फ्लर्टिंग भी एक कला है और ये कहीं भी काम आ सकती है चाहे आपको कोई साथी ढूँढना हो या अपने साथी के साथ अपने रिश्ते में गर्माहट बनाये रखनी हो.

फ्लर्टिंग पर शोध

वाशिंगटन यूनिवर्सिटी में एक शोध में अध्ययन के दौरान ये देखा गया कि ऑफिस में काम करने वाले लोगों में फ्लर्टिंग से क्या असर होता है? क्या इस से काम करने वाले लोग तनाव मुक्त हो सकते हैं. इस शोध में सैकड़ों लोगों को शामिल किया गया मजे की बात ये थी कि शोध  स्वस्थ्य फ्लर्टिंग पर किया गया था न कि ऐसी फ्लर्टिंग पर जो सेक्सुअल हो क्योंकि वो फ्लर्टिंग जो सेक्सुअल हो वो लोगों में तनाव का कारण बनती है जबकि स्वस्थ्य फ्लर्टिंग लोगों को तनावमुक्त करती है.

अलग हैं फ्लर्टिंग और सेक्सुअल हैरासमेंट

स्वस्थ्य फ्लर्टिंग और सेक्सुअल हैरासमेंट में ज़मीन आसमान का अंतर होता है. एक शोध के दौरान जब लोगों से सेक्सुअल हैरासमेंट के बारे में पूछा गया तो वो तनावग्रस्त हो गए और चुप्पी छा गई पर जब फ्लर्टिंग के बारे में पूछा गया तो सब के चेहरे पर हँसी और मुस्कुराहट आ गई और लोगों ने बढ़ चढ़ कर प्रतिक्रियाएँ दीं.

फ्लर्ट करने वाले होते हैं पोसेटिव

अक्सर फ्लर्ट करने में माहिर लोग बहुत ही हँसमुख और सुलझे स्वभाव के होते हैं. ये लोग अपने बारे में स्पष्ट होते हैं और जहाँ कहीं भी जाते हैं अपने आस पास लोगों की भीड़ जमा करने का माद्दा रखते हैं. हर कोई इनसे बात करना चाहता है कुल मिलाकर ये स्वयं तो सकारात्मक होते ही हैं आस पास के माहौल को भी सकारात्मक बनाये रखते हैं.

रिश्ते में नयापन बनाये रखती है फ्लर्टिंग

ऐसा नहीं है कि सिर्फ दोस्तों या सहकर्मियों में ही फ्लर्टिंग की जाती है. अगर आप अपने साथी से भी फ्लर्टिंग करते रहते हैं तो आपके रिश्ते में खुशहाली बरक़रार राहती है. एक दूसरे की अहमियत जताने का ये एक अच्छा तरीका साबित होता है. इस से रिश्ते में नयापन बना रहता है और एक दूसरे के प्रति प्यार का अहसास भी मिलता रहता है. इस से शरीर में एड्रिनिलिन नामक हार्मोन का स्त्राव होता है जो हमे खुश रखता है. कुल मिलाकर फ्लर्टिंग आपके रिश्ते में गर्माहट बनाये रखने में मददगार होती है.

फ्लर्टिंग करने के कुछ और लाभ

ये आपको तनाव से दूर रखती है और आपका आत्मविश्वास भी बढ़ाती है. आपकी स्वयं के प्रति सोच भी बनाती है. फ्लर्टिंग करने से आप लोगों की आदतों के बारे में बेहतर जान पाते हैं. इस से हम एक दूसरे को ये बता पाते हैं कि हमारे उसके बारे में क्या विचार हैं. इस से आप लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर सकते हैं.

तो सीधी सी बात है फ़्लर्ट करिए और खुश  रहिए.

शादी जरूरी भी है और इस रिश्ते में सुकून भी नहीं मिलता !

शादी में ईमानदारी बुनियादी जरूरत है, लेकिन हम इस नींव के खिसकने के बाद भी शादी को बचाए रखने में यकीन रखते हैं. हमारी अदालतें, हमारा समाज सब शादी को बचाए रखने में यकीन रखते हैं, क्योंकि तमाम मतभेदों के बावजूद सुबह लड़तेझगड़ते पतिपत्नी शाम को फिर एक हो जाते हैं. कई जोड़े तो तलाक की सीमारेखा को छूने के बाद भी इस कदर एक हो जाते हैं कि मालूम ही नहीं पड़ता कि विच्छेद शब्द भी उन्हें कभी छू कर गया था.

महिमा के मातापिता उस के लिए लड़का देख रहे थे, लेकिन वह देखनेदिखाने की पारंपरिक रस्म से नहीं गुजरना चाहती थी. लेकिन वह यह भी सोचती कि विवाह 2 परिवारों, 2 व्यक्तियों का संबंध है. अत: बहुत सोचसमझ कर एक रिश्तेदार के शादी समारोह में मिलना तय हुआ. आगे ये मुलाकातें रेस्तरां और घर पर भी हुईं. दोनों के एकदूसरे को अच्छी तरह जानसमझ लेने के बाद पारंपरिक रिवाज से विवाह की रस्में भी पूरी हो गईं.

जीवनसाथी के चुनाव का आधार अब समान सोच, समान विचारधारा होने लगी है. युवा पीढ़ी अपनी पसंद और सोच के साथसाथ दोनों परिवारों की पसंद और उन के मेलजोल की अहमियत को भी समझने लगी है. भाग कर शादी कर लेने का विचार अब विकट परिस्थितियों में ही लिया जाता है.

जयपुर में मैट्रोमोनियल एजेंसी चलाने वाली श्वेता विश्नोई कहती हैं, ‘‘अपनी पसंद के जीवनसाथी के लिए दृढ़ता से खड़े रहना युवा पीढ़ी ने सीख लिया है. कई मानों में शादी अब अपनेआप को बदल रही है, जहां पतिपत्नी एकदूसरे के सखा, दोस्त, हमराज हैं. ऐसे बदलावों के साथ विवाह संस्था का वजूद सदा बना रहेगा तथा कोई और संबंध कभी इसे विस्थापित नहीं कर सकेगा.’’

राजेश की पत्नी का शादी के 8 साल बाद एक ऐक्सीडैंट में करीब पूरा शरीर लकवाग्रस्त हो गया. उस समय दोनों बच्चे छोटे थे. उन्हें मां की सख्त जरूरत थी. राजेश ने अपनी जिम्मेदारी समझते हुए इलाज और सेवा से पत्नी की हालत में इतना सुधार कर लिया कि वह बच्चों से बतिया सके, उन की छोटीछोटी बातों का ध्यान रख सके. भले यहां राजेश की शारीरिक जरूरतें गौण हो गईं, लेकिन इस से साबित होता है कि पत्नी और बच्चों के प्रति इस जिम्मेदारी का भाव शादी संस्था में प्रवेश करते ही होने लगता है.

विवाह के जरीए पतिपत्नी की शारीरिक व मनोवैज्ञानिक लक्ष्यों की पूर्ति होती है, जो समाज में व्यवस्था और अनुशासन बनाए रखने के लिए जरूरी है. इस के बिना समाज मुक्त यौन संबंधों के बीहड़ में भटक गया होता. विवाह पतिपत्नी के रूप में स्त्री और पुरुष को यौन, आर्थिक और अन्य अधिकारों की सामाजिक व कानूनी मान्यता देता है. वैवाहिक संबंधों से पैदा संतान वैध और कानूनी मान्यता प्राप्त होती है, जिस से उस के अधिकार और कर्तव्य स्थापित होते हैं.

शादी संस्था का दूसरा पहलू

तलाक के अनेक मामले अदालतों में चल रहे हैं और पुलिस थाने दहेज के सामान से भरे पड़े हैं. यही वजह है कि शादी के साथ ही पतिपत्नी को अपनी प्रौपर्टी स्पष्ट करनी होगी. ये दस्तावेज ही शादी के बाद के विवाद से बचाएंगे. क्या एकनिष्ठ होने की सोच में कोई घुन लगा है या फिर परिवार की अनावश्यक दखलंदाजी रिश्तों को टिकने नहीं दे रही?

रीना और महेश की शादी को 3 साल हो चुके थे. महेश ने अपना बिजनैस जमा लिया, तब रीना ने अपनी जौब छोड़ दी. अचानक महेश को बिजनैस में घाटा हो गया. तब रीना ने फिर नौकरी ढूंढ़ने की कोशिश की, लेकिन उसे जौब नहीं मिली. पैसे की तंगी को ले कर दोनों के बीच तनाव बढ़ने लगा. चिकचिक रोज की बात हो गई. 3 साल साथ रहने के बावजूद वे एकदूसरे के प्रति जिम्मेदारी महसूस नहीं कर पा रहे थे. रीना का सोचना था कि उस का खूब शोषण हुआ है जबकि महेश का सोचना था कि रीना ने उस का भरपूर फायदा उठा कर खूब ऐश की. ऐसे में एक दिन दोनों ने तलाक ले कर अलगअलग रहने का फैसला कर लिया.

दरअसल, कितने बरसों का साथ रहा है, यह समझने से ज्यादा जरूरी यह समझना है कि वह साथ कितना सुंदर और मीठा था. शादी की सालगिरह मनाना, सामाजिक उत्सवों में ग्रुप फोटो में मुसकराते हुए नजर आना, फेसबुक पर अपने प्रेम के इजहार वाला फोटो चिपकाना अलग बात है और एक खुशनुमा, भरोसे और सम्मान से भरपूर एकदूसरे को समझने वाला रिश्ता जीना और बात है.

शादी जैसे भी हुई हो शुरुआती दौर में जोर से लहलहाती है, खिलखिलाती है, चहकती है, 2 जिस्म, विपरीत लिंग का आकर्षण, ढेर सारी आजादी मानों पंख लग जाते हैं. फिर धीरेधीरे कपूर सा उड़ने लगता है यह प्यार. एकदूसरे पर आरोपप्रत्यारोप, शिकायतें, नाराजगी, बेचैनी, जो किया और जो नहीं किया उस का हिसाबकिताब और अंत में सूखी टहनियों वाले पेड़ सा रिश्ता, जिस की टहनियों पर रस्मोंरिवाज, जिम्मेदारियां, चिड़चिड़ाहटें टंगे हुए उसे बदसूरत बनाते नजर आते हैं. प्रेम विवाह के मामले में भी ऐसा ही है.

जो जरा भी जिंदगी में, रिश्तों में डैमोके्रटिक होने पर यकीन करता है, जो सोचता है कि रिश्तों की खुशबू कपूर सी उड़ जाने वाली नहीं, ठहर जाने वाली होनी चाहिए, वह शादी के नाम पर घबराने लगता है. फिर चाहे वह लड़का हो या लड़की. शायद ऐसे ही सवालों, घबराहटों के बीच से लिव इन रिलेशनशिप की राह निकालने की कोशिश की गई होगी. मतलब साफ है, साथ रहने में दिक्कत नहीं, लेकिन शादी करने में दिक्कत है. क्यों है ऐसी शादी जो है भी जरूरी और जिस में सुकून भी नहीं? क्यों शादी होते ही 2 लोग एकदूसरे पर औंधे मुंह गिर पड़ते हैं, पूरी तरह अपने वजूद समेत ढह जाते हैं और दूसरे के वजूद को निगल जाने को आतुर हो उठते हैं?

राजस्थान विश्वविद्यालय में समाजशास्त्र की प्रोफैसर रजनी कुंतल कहती हैं, ‘‘यह रिश्ता अगर समाज और रीतिरिवाजों की भेंट न चढ़ा होता और 2 व्यक्तित्वों में से एक समर्पण और दूसरा अधिकार की चाह लिए आगे न बढ़े होते और 2 लोगों के रिश्ते में उन के जीने के ढंग में हर वक्त कोई न कोई घुसा न रहा होता, तो शायद विवाह संस्था का रूप कुछ और ही होता. समानता और सम्मान की भावभूमि पर खड़ा रिश्ता ताउम्र महकता रहता. समाज ने विवाह संस्था की नकेल अपने हाथ में ले रखी है. वह 2 लोगों के बेहद निजी पलों की निजी भावनाओं को भी नियंत्रित करता रहता है. वह नकेल विवाह संस्था को तो बचा लेती है, लेकिन इस में पनपे प्रेम को खा जाती है.’’

निबाहने से निभती भी है शादी

उल्लेखनीय है कि शादी के बाद स्त्री और पुरुष दोनों का जीवन बदलता है, बावजूद इस के हमारे समाज में सारी सीखें लड़कियों के लिए ही होती हैं. लड़के को शायद ही कुछ बताया या मानसिक रूप से तैयार किया जाता हो. कुछ दशक पहले भले ही इस से कोई दिक्कत नहीं रही हो, क्योंकि तब लड़की को ही वधू के रूप में नए घर, परिवार और रिश्तों के अनुसार अनिवार्य रूप से ढलना पड़ता था और संयुक्त परिवार में लड़के का जीवन कमोवेश पूर्ववत ही रहता था, लेकिन अब जमाना बदल गया है. परिवार का स्वरूप और रिश्तों के समीकरण भी बदले हैं. परवरिश, महिलाओं की मानसिकता और उन के दर्जे में भी बदलाव आया है. इन सब के चलते यह अनिवार्य हो चला है कि पुरुष भी कुछ बातों को समझे और इस नई रोशनी में निबाहना सीखे. तभी विवाह संस्था की कामयाबी मुमकिन है.

प्रोफैसर रजनी कुंतल कहती हैं, ‘‘पति और पत्नी का रिश्ता प्राथमिक होता है. बाकी रिश्ते इस के जरीए ही बनते हैं. स्वाभाविक है कि पत्नी अपने जीवनसाथी से ही सहयोग और समर्थन की सब से ज्यादा उम्मीद कर सकती है. इसलिए पति के लिए जरूरी है कि उसे सुने, उस की भावनाओं को समझे.

‘‘बेटे की शादी के बाद परिवार का ढांचा बदलता है. व्यवस्था नए सिरे से बनती है. इस में थोड़ी खींचतान भी संभव है खासकर महिला सदस्यों के बीच. पुरुष को ऐसे मामलों में, जो अकसर शिकायत या उलाहने के रूप में आते हैं, उन्हें पहचानना और निष्पक्ष रहना सीखना चाहिए. यदि पुरुष समझाने की कोशिश करेंगे या एक की बात दूसरे तक पहुंचाएंगे तो मामला सुलझने के बजाय उलझ सकता है. ऐसे मुद्दों को अकसर महिलाएं ही आपस में समझ और सुलक्षा लेती हैं, आप वक्त का थोड़ा इंतजार करें.’’

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